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बांसुरी स्वराज की बैग पर क्यों टिकी नजरें? ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ पर जेपीसी की बैठक में यूं पहुंची

#mp_bansuri_swaraj_carries_bag_targets_congress

वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर आज यानी मंगलवार को संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की बैठक हो रही है। बीजेपी की सांसद बांसुरी स्वराज बैठक में भाग लेने के लिए संसद भवन पहुंचीं। इस दौरान सभी की नजर बीजेपी सांसद के बैग पर टिक गई। बीजेपी सांसद बांसुरी स्वराज ने अपने कंधे पर काले रंग का एक बैग लटकाया हुआ था। इस बैग पर लिखा हुआ था, ‘नेशनल हेराल्ड की लूट’।

बीजेपी सांसद बांसुरी ने इस बैग के जरिए बिना कुछ कहे कांग्रेस को नेशनल हेराल्ड को लेकर घेरने का काम किया। इसके साथ ही एक राजनीतिक संदेश भी दिया। बांसुरी ने संदेश दिया कि नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी की ओर से चार्जशीट दायर किए जाने के बाद देश की सियासत गर्म है।

वहीं, जब बांसुरी स्वराज से सवाल किया गया और पूछा गया कि इस बैग के जरिए वो क्या मैसेज देना चाहती हैं तो उन्होंने कहा, आप यह देखिए यह पहली बार हुआ है कि लोकतंत्र का जो चौथा स्तंभ है यानी मीडिया को लेकर भी भ्रष्टाचार हुआ है। हाल ही में जो चार्जशीट ईडी ने फाइल की है, यह बहुत ही गंभीर उदाहरण उजागर करती है। जहां पर कांग्रेस की एक पुरानी कार्यशैली और विचारधारा उभर कर सामने आती है। बीजेपी सांसद ने आगे कहा, कांग्रेस सेवा की आड़ में सार्वजनिक संस्थाओं को अपनी पर्सनल जागीर बढ़ाने का औजार बना लेती है। इस मामले को लेकर कांग्रेस की जवाबदेही बनती है।

बता दें कि “बैग वाला वार” नया नहीं है। पिछले साल दिसंबर में प्रियंका गांधी का बैग भी चर्चा में रहा था। संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान प्रियंका गांधी फिलीस्तीन के समर्थन से जुड़े स्लोगन वाला बैग लेकर संसद परिसर में पहुंची थीं।

मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसे साउथ के सुपरस्टार महेश बाबू, ईडी ने समन भेजकर 27 अप्रैल को किया तलब


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साउथ सुपरस्टार महेश बाबू को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने समन भेजा है। उन्हें 27 अप्रैल को हैदराबाद स्थित ईडी के ऑफिस में पेश होने का समन मिला है। महेश बाबू ने यह समन हैदराबाद स्थित रियल एस्टेट फर्म साई सूर्या डेवलपर्स और सुराना ग्रुप से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले मे भेजा गया है। महेश बाबू ग्रीन मीडोज के ब्रांड एंबेसडर थे। कुछ समय पहले ही इन दोनों कंपनियों और उससे जुड़े कई निवेशकों के खिलाफ छापेमारी की गई थी। ईडी ने हैदराबाद के सिकंदराबाद, जुबली हिल्स और बोवेनपल्ली इलाकों में छापेमारी की थी।

ग्रीन मीडोज प्रोजेक्ट के लिए महेश बाबू को कंपनी ने ब्रांड एंबेसडर बनाया था। इसके लिए एक्टर को 5.9 करोड़ रुपए मिले हैं. 123 तेलुगू की रिपोर्ट के मुताबिक, इन पैसों में से 3.4 करोड़ रुपए चेक के ज़रिए और 2.5 करोड़ रुपए कैस के तौर पर एक्टर को मिला है।ईडी के अधिकारियों को संदेह है कि नकद वाला हिस्सा धोखाधड़ी के जरिए जमा किए गए कैश का हिस्सा है।

ईडी ने भाग्यनगर प्रॉपर्टीज लिमिटेड के निदेशक नरेंद्र सुराना, साई सूर्या डेवलपर्स के मालिक के सतीश चंद्र गुप्ता और अन्य के लोगों के खिलाफ तेलंगाना पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर अपनी मनी-लॉन्ड्रिंग जांच शुरू की थी। 32 वर्षीय एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने सतीश चंद्र गुप्ता और उनकी कंपनी, हैदराबाद के वेंगल राव नगर स्थित एक प्रमुख रियल एस्टेट फर्म के खिलाफ स्थानीय पुलिस में धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया है। मधुरा नगर पुलिस स्टेशन में दर्ज शिकायत के अनुसार, नक्का विष्णु वर्धन ने कई अन्य लोगों के साथ मिलकर अप्रैल 2021 में साई सूर्या डेवलपर्स के ग्रीन मीडोज वेंचर (शादनगर में 14 एकड़ जमीन) में तीन करोड़ रुपये से अधिक की राशि का निवेश किया। 

इन कंपनियों ने कथित तौर पर अनऑथराइज्ड लेआउट के जरिए एक ही जमीन को की कई बार बिक्री करके और गलत रजिस्ट्रेशन से खरीदारों से करोड़ों रुपये एडवांस में वसूली की।साई सूर्या प्रॉजेक्ट्स को लेकर एक्टर के एंडोर्समेंट ने कथित तौर पर कई लोगों को निवेश करने के लिए प्रभावित किया, जो इस वेंचर के पीछे चल रही बड़ी धोखाधड़ी से पूरी तरह अनजान थे। हालांकि एक्टर इस स्कैम का हिस्सा नहीं हो सकते हैं, लेकिन ईडी डेवलपर्स से उन्हें मिली रकम की जांच कर रहा है।

“सऊदी अरब एक विश्वसनीय मित्र और रणनीतिक सहयोगी”, जेद्दा रवानगी से पहले बोले पीएम मोदी


#primeministermodijeddahvisit

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज से दो दिन के सऊदी अरब के दौरे पर रहेंगे। पीएम मोदी सऊदी अरब के लिए रवाना हो गए हैं। प्रधानमंत्री मोदी सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस और प्रधानमंत्री प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के निमंत्रण पर 22-23 अप्रैल को सऊदी अरब की दो दिवसीय यात्रा पर रहेंगे। 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद से नरेंद्र मोदी तीसरी बार सऊदी अरब जा रहे हैं। इससे पहले 2016 और 2019 में मोदी सऊदी अरब गए थे।

जेद्दा रवानगी से पहले पीएम ने किया ट्वीट

सऊदी अरब के लिए रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने 'एक्स' पर ट्वीट किया, 'सऊदी अरब के जेद्दा के लिए रवाना हो रहा हूं, जहां मैं विभिन्न बैठकों और कार्यक्रमों में भाग लूंगा। भारत सऊदी अरब के साथ अपने ऐतिहासिक संबंधों को महत्व देता है। पिछले दशक में द्विपक्षीय संबंधों में उल्लेखनीय गति आई है। मैं सामरिक भागीदारी परिषद की दूसरी बैठक में भाग लेने के लिए उत्सुक हूं। मैं वहां भारतीय समुदाय के साथ भी बातचीत करूंगा।

हमारा बंधन स्थिरता का स्तंभ-पीएम मोदी

वहीं, प्रधानमंत्री मोदी ने सऊदी अरब की अपनी यात्रा से पहले अरब न्यूज को एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू दिया। इसमें उन्होंने सऊदी अरब को एक विश्वसनीय मित्र और रणनीतिक सहयोगी बताया। पीएम मोदी ने कहा कि भारत और सऊदी अरब के बीच साझेदारी में असीम संभावनाएं हैं। एक अनिश्चितताओं से भरी दुनिया में, हमारा बंधन स्थिरता का एक स्तंभ है।

मोहम्मद बिन सलमान को बताया दूरदर्शी नेता

प्रधानमंत्री ने सऊदी क्राउन प्रिंस और प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन सलमान के नेतृत्व की प्रशंसा करते हुए उन्हें दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों का मजबूत समर्थक और एक ऐसा दूरदर्शी नेता बताया, जिन्होंने विजन 2030 के तहत सुधारों के जरिए पूरी दुनिया में प्रशंसा हासिल की है। पीएम मोदी ने कहा, हर बार जब मैं उनसे मिला हूं, उन्होंने मुझ पर गहरा प्रभाव छोड़ा है। उनकी अंतर्दृष्टि, उनकी दूरदर्शी सोच और अपने लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने का उनका जुनून वास्तव में अद्वितीय है।

कई समझौतों पर हो सकते हैं हस्ताक्षर

पीएम मोदी की ये यात्रा सितंबर 2023 में नई दिल्ली में हुए जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की भारत यात्रा और भारत-सऊदी रणनीतिक साझेदारी परिषद की पहली बैठक के बाद हो रही है। इस दौरे में दोनों देशों के बीच कई समझौतों (एमओयू) पर हस्ताक्षर हो सकते हैं।

अब दिव्यांग पर कमेंट करके फंसे समय रैना, सुप्रीम कोर्ट सख्त

कॉमेडियन समय रैना लंबे समय से विवादों में चल रहे हैं। शो ‘इंडियाज गॉट लेटेंट’ में पैरेंट्स पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने को लेकर समय, रणवीर इलाहाबादिया और अपूर्वा मखीजा को काफी फजीहत झेलने पड़ी। अभी भी वो मामला कोर्ट में चल रहा है। इसी बीच समय की मुश्किलें और बढ़ती दिख रही हैं।

दिव्यांग लोगों के संबंध में समय रैना की टिप्पणी पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। क्योर एसएमए फाउंडेशन ऑफ इंडिया नाम की एक संस्था सुप्रीम कोर्ट पहुंची। संस्था ने कोर्ट में बताया कि समय रैना ने दिव्यांगों पर कमेंट किए हैं। उनपर चुटकुले बनाए हैं। इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट सख्त है।

सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे मामलों को लेकर चिंता जताई है। सुप्रीम कोर्ट ने दिव्यांगता और बीमारी पर चुटकुले बनाने को लेकर समय रैना को पक्षकार बनाने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने समय रैना को रणवीर इलाहाबादिया मामले में पक्षकार बनाने आदेश दिए हैं। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने समय रैना की क्लिप को रिकॉर्ड पर लिया है, जिसमें एक अंधे व्यक्ति के साथ ही दो महीने के शिशु का मजाक उड़ाया गया था, जिसे जीवित रहने के लिए 16 करोड़ रुपए के इंजेक्शन की जरूरत थी।

इस मामले की सुनावई कर रहे जस्टिस कांत ने कहा, 'यह बहुत ही गंभीर मुद्दा है। हम यह देखकर वास्तव में परेशान हैं। हम चाहते हैं कि आप इन घटनाओं को भी रिकार्ड में लाएं। यदि आपके पास प्रतिलेख के साथ वीडियो-क्लिपिंग हैं, तो उन्हें लाइए। संबंधित व्यक्तियों को पक्षबद्ध करें। साथ ही ऐसे उपाय भी सुझाएं जो आपके अनुसार... तब हम देखेंगे।

एक तरफ जहां समय रैना एक नए मामले को लेकर मुसीबत में पड़ते नजर आ रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ पैरेंट्स पर टिप्पणी करने को लेकर उनके खिलाफ असम और महाराष्ट्र में भी केस चल रहा है। रणवीर ने सुप्रीम कोर्ट से अपना पार्सपोर्ट रिलीज करने की मांग की थी। उनकी इस याचिका को लेकर सुप्रीम कोर्ट सोमवार को सुनवाई करेगा। कोर्ट से कहा गया कि हम उनकी इस याचिका पर 28 अप्रैल को विचार करेंगे। पैरेंट्स पर कमेंट करने के बाद हर तरफ से समय रैना, रणवीर इलाहाबदिया, अपूर्वा मखीजा और आशीष चंचलानी की आलोचना हो रही थी। समय को यूट्यूब से इंडियाज गॉट लेटेंट के सारे एपिसोड हटाने भी पड़े थे।

यूसीसी लागू करने की तैयारी में मोदी सरकार, बीजेपी ने वीडियो जारी कर बताया प्लान

#modi_govt_third_tenure_achievements

आने वाले महीने यानी मई में केन्द्र की नरेंद्र मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का एक साल पूरा होने वाले हैं। जहां विपक्ष ने 2024 लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद सरकार को कमजोर बताया था, वहीं बीजेपी ने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर इस एक साल की प्रमुख उपलब्धियों को जनता के सामने रखा है। पार्टी ने साफ तौर पर संदेश दिया है कि "मोदी 3.0" न तो धीमा है, न ही दबाव में।

बीजेपी ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल की उपलब्धियों को दिखाया गया है। वीडियो में दिखाया गया है कि कैसे विपक्ष के आरोपों के उलट, सरकार ने बीते 12 महीनों में कई सख्त और साहसिक कदम उठाए हैं। वीडियो का टाइटल दिया गया है- Big Moves Under Modi 3.0 The journey’s just begun...।

वीडियो में सरकार के कई बड़े फैसलों का भी जिक्र है। बीजेपी के अनुसार, नेशनल हेराल्ड केस में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल। मेहुल चोकसी की गिरफ्तारी, पीएनबी घोटाले के आरोपी को बेल्जियम में पकड़ा गया। तहव्वुर राणा (26/11 मुंबई हमले का मास्टरमाइंड) को भारत प्रत्यर्पित किया गया। रॉबर्ट वाड्रा से जमीन घोटाले में ईडी की पूछताछ। संसद में वक्फ (संशोधन) बिल पास हुआ। दिल्ली, महाराष्ट्र और हरियाणा में विधानसभा चुनावों में शानदार सफलता हासिल की।

वीडियो में यह भी संकेत दिया गया कि सरकार अब यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) लागू करने की दिशा में काम कर रही है। बीजेपी के यूनिफॉर्म सिविल कोड लोडिंग...वीडियो जारी कर संकेत दिया है कि यूसीसी को जल्द ही लागू किया जा सकता है।

राहुल गांधी भारतीय नागरिक पर हाईकोर्ट ने केंद्र से मांगा जवाब, 10 दिन का समय दिया

#rahulgandhidualcitizenshipcase

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता को चुनौती देने वाली याचिका पर सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा- 'राहुल गांधी भारतीय नागरिक हैं या नहीं, इस पर 10 दिन में जवाब दें।इस मामले की अगली सुनवाई 5 मई को होगी। याचिका में राहुल गांधी की नागरिकता पर सवाल उठाया गया है, जिससे उनकी लोकसभा सदस्यता खतरे में पड़ सकती है।

भाजपा कार्यकर्ता विग्नेश शिशिर की याचिका पर सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने एक स्टेटस रिपोर्ट पेश की। कोर्ट ने इसे अपर्याप्त माना और सरकार को और स्पष्ट जवाब देने का निर्देश दिया। कोर्ट ने कहा कि यह मामला राष्ट्रीय महत्व का है और इसमें देरी स्वीकार्य नहीं होगी। केंद्र सरकार ने इसका जवाब देने के लिए अतिरिक्त समय मांगा। अगली सुनवाई 5 मई को होगी।

क्या है राहुल गांधी की नागरिकता का मामला?

1 जुलाई, 2024 को कर्नाटक के वकील और भाजपा नेता एस विग्नेश शिशिर ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी। इसमें उन्होंने राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता होने का भी आरोप लगाया था। याचिकाकर्ता ने ब्रिटिश सरकार के 2022 के गोपनीय मेल का हवाला देते हुए यह आरोप लगाया था। विग्नेश शिशिर ने भारतीय नागरिकता अधिनियम 1955 की धारा 9(2) के तहत राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता रद्द करने की मांग की थी।

याचिकाकर्ता ने सबूत होने का दावा किया

याचिकाकर्ता ने दलील दी है कि उसके पास ब्रिटिश सरकार के सभी दस्तावेज और कुछ ईमेल हैं जो साबित करते हैं कि राहुल गांधी ब्रिटिश नागरिक हैं और इस वजह से वह भारत में चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य हैं। लिहाजा वह लोकसभा सदस्य का पद नहीं संभाल सकते। राहुल गांधी ने 2024 में रायबरेली लोकसभा सीट से चुनाव जीता है।

इससे पहले लखनऊ हाईकोर्ट में 24 मार्च को सुनवाई थी। जस्टिस एआर मसूदी और जस्टिस अजय कुमार श्रीवास्तव की खंडपीठ ने राज्य सरकार को चार सप्ताह में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था। सरकार ने 8 सप्ताह का समय मांगा था। इस पर 21 अप्रैल सुनवाई की तारीख तय हुई थी।

बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग, याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा- हम पर पहले ही लग रहे आरोप

#westbengalviolencesupremecourt_hearing

सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर हुई है, जिसमें पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की गई है।वकील विष्णु शंकर जैन ने जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ के समक्ष याचिका पेश की, जिसके बाद याचिका को कल सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया गया।

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागू करने और पैरामिलिट्री फोर्स तैनात करने की याचिका सुनवाई की। याचिकाकर्ता ने अपील की थी कि वक्फ कानून के विरोध में हुई मुर्शिदाबाद हिंसा के बाद कोर्ट इस पर फैसला ले। इस पर जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस एजी मसीह की बेंच ने कोई आदेश नहीं दिया। बेंच ने याचिकाकर्ता से पूछा, क्या आप चाहते हैं कि हम राष्ट्रपति को इसे लागू करने का आदेश भेजें? हम पर दूसरों के अधिकार क्षेत्र में दखलंदाजी के आरोप लग रहे हैं।

उपराष्ट्रपति धनखड़ ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर उठाया सवाल

बता दें कि हाल ही भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने सुप्रीम कोर्ट पर कार्यपालिका के काम में दखल देने का आरोप लगाया है। जिस पर खासा विवाद हो रहा है। साथ ही उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भी सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले पर सवाल उठाए थे और सुप्रीम कोर्ट पर सुपर संसद के रूप में काम करने का आरोप लगाया था।

उपराष्ट्रपति धनखड़ ने सुप्रीम कोर्ट के उस ऐतिहासिक फैसले पर सवाल उठाए थे, जिसमें शीर्ष अदालत ने राष्ट्रपति और राज्यपालों को निर्देश दिया था कि अगर कोई विधेयक संसद या विधानसभा की तरफ से दोबारा पारित किया गया हो, तो तीन महीने के भीतर उसे मंजूरी दी जाए।

उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा, हम ऐसी स्थिति नहीं ला सकते, जहां राष्ट्रपति को निर्देश दिया जाए। उन्होंने गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा, मैंने कभी नहीं सोचा था कि राष्ट्रपति को कोर्ट द्वारा निर्देशित किया जाएगा। राष्ट्रपति भारत की सेना की सर्वोच्च कमांडर हैं और केवल वही संविधान की रक्षा, संरक्षण और सुरक्षा की शपथ लेते हैं। फिर उन्हें एक निश्चित समय में निर्णय लेने का आदेश कैसे दिया जा सकता है।

बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने लगाए गंभीर आरोप

वहीं इसके कुछ ही दिनों बाद बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने न्यायपालिका पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट देश में धार्मिक युद्ध भड़काने के लिए जिम्मेदार है। निशिकांत दुबे ने इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट पर निशाना साधते हुए कहा था, अगर शीर्ष अदालत को कानून बनाना है तो संसद और राज्य विधानसभाओं को बंद कर देना चाहिए।

पोप फ्रांसिस का निधन, 88 साल की उम्र में ली आखिरी सांस

#pope_francis_died_age_of_88

पोप फ्रांसिस का सोमवार को निधन हो गया है। पोप फ्रांसिस का वेटिकन सिटी में निधन हुआ। वेटिकन के कैमर्लेंगो कार्डिनल केविन फेरेल ने बताया है कि पोप फ्रांसिस ने रोम के समय के हिसाब से सोमवार सुबह 7:35 बजे अंतिम सांस ली। वह 88 वर्ष के थे और लंबे समय से बीमार चल रहे थे।निमोनिया की शिकायत पर फ्रांसिस पिछले दिनों अस्पताल में भर्ती हुए थे।

पोप फ्रांसिस ईस्टर रविवार के अवसर पर सेंट पीटर्स स्क्वायर में हजारों लोगों की भीड़ के सामने कुछ समय के लिए आए थे और सार्वजनिक कार्यक्रम में शामिल हुए थे। पोप फ्रांसिस ने लोगों को ईस्टर की शुभकामनाएं भी दी थीं। हालांकि पोप फ्रांसिस ने पियाजा में ईस्टर की प्रार्थना में हिस्सा नहीं लेकर इसे सेंट पीटर्स बेसिलिका के सेवानिवृत्त कार्डिनल एंजेलो कोमास्ट्री को सौंप दिया।

पोप फ्रांसिस ब्रोंकाइटिस से पीड़ित थे और उन्हें शुक्रवार, 14 फरवरी को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लेकिन उनकी हालत बिगड़ती गई, क्योंकि डॉक्टरों को ‘जटिल नैदानिक स्थिति” के कारण पोप के श्वसन पथ के संक्रमण के इलाज में बदलाव करना पड़ा और फिर एक्स-रे कराने पर पुष्टि हुई कि वह डबल निमोनिया से पीड़ित थे।उनको लंबे समय से ऑक्सीजन सपोर्ट दिया जा रहा था। उनको लगातार खून चढ़ाया जा रहा था।

लगभग एक महीने तक अस्पताल में इलाज कराने के बाद पोप 24 मार्च को अपने निवास स्थान कासा सांता मार्टा लौटे थे। अस्पताल से लौटने पर उन्होंने बड़ी संख्या में अस्पताल के बाहर जमा हुए लोगों को आशीर्वाद दिया था। सार्वजनिक रूप से पोप को देखने के बाद लोग काफी खुश दिखे थे और जयकारे भी लगाए थे।

पोप फ्रांसिस का जन्म 17 दिसंबर 1936 को अर्जेंटीना के ब्यूनस आयर्स में हुआ था। उनका असली नाम जॉर्ज मारियो बर्गोग्लियो था। उन्होंने 13 मार्च 2013 को पोप का पद संभाला था, जो रोमन कैथोलिक चर्च का सर्वोच्च धर्म गुरु का पद है। रोम के बिशप और वैटिकन के राज्याध्यक्ष को पोप कहा जाता है। पोप फ्रांसिस लैटिन अमेरिका से आने वाले पहले पोप थे। पोप फ्रांसिस ने अपने कार्यकाल में चर्च में सुधारों को बढ़ावा दिया। उनको अपने मानवीय क्षेत्र में किए कामों के लिए भी जाना गया।

पाकिस्तान की एक और “नापाक” हरकत, कुलभूषण जाधव से अपील करने का अधिकार छीना

#pakistan_denied_kulbhushan_jadhav_right_to_appeal 

पाकिस्तान ने एक बार फिर अपनी नापाक हरकत दिखाई है। पाकिस्तान ने भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को अपील का अधिकार देने से मना कर दिया है। पाकिस्तान के रक्षा मंत्रालय ने वहां के सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि कुलभूषण जाधव को अंतरराष्ट्रीय न्याय न्यायालय से सिर्फ काउंसुलर एक्सेस देने का आदेश दिया गया था और कुलभूषण जाधव के पास अपील करने का अधिकार नहीं है। बता दें कि पाकिस्तान कुलभूषण जाधव पर भारतीय जासूस होने का आरोप लगाता रहा है।

पाकिस्तान के रक्षा मंत्रालय के वकील ख्वाजा हारिस अहमद ने बुधवार को पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट में एक संवैधानिक पीठ के सामने कुलभूषण जाधव के मामले का जिक्र किया है। कुलभूषण जाधव का जिक्र उस वक्त किया गया है, जब मई 2023 में पूर्व प्रधान मंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी पर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन मामले की सुनवाई चल रही थी। इस दौरान इमरान समर्थकों को सैन्य अदालत की तरफ से सजा सुनाया गया है और उन लोगों ने सैन्य अदालत के फैसले को चुनौती दी है। जिसको लेकर शहबाज सरकार ने दलील दी है कि सैन्य अदालत से सजा मिलने के बाद उसे ऊपरी अदालतों में चुनौती नहीं दी जा सकती है।

कुलभूषण जाधव एक सेवानिवृत्त नौसेना अधिकारी हैं, जो सेवानिवृत्ति के बाद ईरान के चाबहार में व्यवसाय कर रहे थे। साल 2016 में पाकिस्तान ने कथित तौर पर कुलभूषण जाधव का अपहरण कर लिया और उन पर भारत का जासूस होने का आरोप लगाकर जेल में बंद कर दिया। एक साल बाद यानी 2017 में पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने जासूसी के आरोप में कुलभूषण जाधव को मौत की सजा सुना दी। भारत ने इस फैसले का कड़ा विरोध किया और इसके खिलाफ अंतरराष्ट्रीय न्याय न्यायालय में अपील की। अंतरराष्ट्रीय न्याय न्यायालय ने भारत के पक्ष में फैसला सुनाते हुए कुलभूषण जाधव की मौत की सजा पर रोक लगा दी और पाकिस्तान को सुनवाई की समीक्षा करने और भारतीय नागरिक को काउंसुलर एक्सेस देने का आदेश दिया। 

पाकिस्तान का दावा है कि जाधव को 2016 में जासूसी और आतंकवाद के आरोप में बलूचिस्तान से गिरफ्तार किया गया था। भारत ने पाकिस्तान के आरोपों को खारिज कर दिया है। भारत का कहना है कि कुलभूषण जाधव चाबहार पोर्ट पर काम कर रहे थे, जब आतंकवादियों ने उन्हें पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के इशारे पर अगवा कर लिया।

क्या फिर साथ आ रहा पवार परिवार? 15 दिन के भीतर शरद-अजित ने तीसरी बार किया मंच साझा

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महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के साथ आने की अटकलों के बीच अब शरद पवार-अजित पवार के भी एकसाथ होने की चर्चा जोर पकड़ रही है। बीते दिनों में दोनों नेता कई बार एक मंच पर देखे जा चुके हैं। ताजा मामला सोमवार का है, जब राष्ट्रवादी कांग्रेस (एसपी) प्रमुख शरद पवार और उनके भतीजे, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने एक पखवाड़े में तीसरी बार मंच साझा किया। इस बार कृषि और चीनी उद्योग में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के उपयोग पर चर्चा के दौरान दोनों एक ही मंच पर दिखे।

पुणे के शुगर कॉम्प्लेक्स में एआई से संबंधित बैठक के बाद, वसंतदादा शुगर इंस्टीट्यूट के कामकाज के संबंध में बैठक हो रही है। इस बैठक में शरद पवार, अजित पवार और वीएसआई के पदाधिकारी मौजूद हैं। जब अजित पवार से दोनों के बीच जारी एकता के बारे में पूछा गया तो उन्होंने व्यंग्यात्मक टिप्पणी करते हुए कहा कि हमारे कार्यकर्ता होशियार हैं। इस तरह एक बार फिर अप्रत्यक्ष रूप से दोनों पवारों के एक साथ आने की खबर की ओर इशारा किया।

अजित पवार ने हाल ही में सतारा स्थित रयत शिक्षण संस्था में उनकी संयुक्त उपस्थिति पर भी टिप्पणी की, जहां उनके चाचा अध्यक्ष हैं और वे स्वयं ट्रस्टी हैं। उन्होंने कहा, जब मैं रयात शिक्षण संस्था की बैठकों में जाता हूं, तो मैं एक ट्रस्टी के रूप में जाता हूं, न कि उपमुख्यमंत्री के रूप में। उस बैठक में छात्रों को लाभ पहुंचाने के लिए शिक्षा में एआई के उपयोग पर ध्यान केंद्रित किया गया था। आज की बैठक कृषि में एआई के बारे में थी। सरकार में काम करते समय, हमें हमेशा किसानों की आय बढ़ाने और उनकी इनपुट लागत कम करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ विषय राजनीति से परे होते हैं।

अजित पवार लंबे समय तक शरद पवार के साथ मिलकर राजनीति करते रहे। लेकिन करीब 2 साल पहले जुलाई 2023 में उन्होंने चाचा के खिलाफ बगावत कर दिया और एनसीपी के एक धड़े के साथ राज्य में बने महायुति गठबंधन में शामिल हो गए। बाद में अजित पवार की अगुवाई वाले एनसीपी को मुख्य पार्टी घोषित कर दिया गया। यह पार्टी अभी राज्य में महायुति गठबंधन का हिस्सा है।