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NSS कैंप में नमाज पढ़ाने पर GGU में बवाल : दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग, प्रशासनिक भवन के गेट पर चढ़कर छात्रों ने किया प्रदर्शन

बिलासपुर-  गुरु घासीदास विश्वविद्यालय के एनएसएस कैंप में हिंदू छात्रों को जबरदस्ती नमाज पढ़ाने के मामले में आज छात्रों व हिंदू संगठन के लोगों ने विश्वविद्यालय में जमकर हंगामा मचाया. प्रदर्शनकारी दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग पर अड़े हैं. वाइस चांसलर को हटाने की मांग को लेकर छात्र यूनिवर्सिटी के प्रशासनिक भवन के गेट पर चढ़कर प्रदर्शन कर रहे. प्रदर्शनकारी जीजीयू नहीं बनेगा जेएनयू के नारे लगा रहे. इस दौरान प्रदर्शनकारियों की पुलिस से झूमाझटकी भी हुई.

बता दें कि 26 मार्च से एक अप्रैल तक एनएसएस कैंप का आयोजन किया गया था, जिसमें गुरुघासीदास विश्विद्यालय के 159 छात्र शामिल हुए थे. इनमें केवल 4 छात्र मुस्लिम थे, बाकी सभी हिंदू थे. 30 मार्च को ईद के दिन एनएसएस कैंप में जबरदस्ती छात्रों से नमाज पढ़ाई गई थी.

छात्रों ने इस मामले की लिखित शिकायत थाने में की थी, जिस पर जांच शुरू हो गई है. वहीं विश्वविद्यालय प्रशासन ने प्रो. दिलीप झा के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें एनएसएस समन्वयक पद से हटा दिया है. उनके स्थान पर ग्रामीण प्रौद्योगिकी विभाग में प्रोफेसर राजेन्द्र कुमार मेहता को प्रभार सौंपा गया है.

बायपास की मांग अब तक अधूरी : शहर के बीचों-बीच दौड़ रहे भारी वाहन, सालभर में हुए 60 से ज्यादा हादसे

डोंगरगढ़-  शहर की सड़कों पर अब सिर्फ ट्रैफिक नहीं, मौत दौड़ रही है। यहां सड़कें रास्ता नहीं रहीं, बल्कि रणभूमि बन चुकी है, जहां हर रोज आम लोग अपनी जान की बाजी लगाकर निकलते हैं। स्कूल जाते मासूम बच्चे हो या दवा लेने निकले बुज़ुर्ग, हर कोई खुद को खतरे के साए में महसूस कर रहा है। वर्षों से बायपास की मांग की जा रही है, लेकिन सरकार और जनप्रतिनिधियों की नजरें अब भी फाइलों के ढेर में उलझी है।

मुंबई-कोलकाता राष्ट्रीय राजमार्ग पर बसे डोंगरगढ़ में बायपास न होने के चलते भारी वाहन शहर के बीचों-बीच से गुजरते हैं। तेज रफ्तार ट्रक स्कूल, बाजार, अस्पताल और सरकारी कार्यालयों के सामने से गुजरते हैं और इस पूरी सड़क में हादसे की आशंका बनी रहती है। इसी सड़क पर केंद्रीय विद्यालय, सरस्वती शिशु मंदिर समेत कई बड़े स्कूल हैं, जिसमें पढ़ने वाले हजारों बच्चे इसी सड़क का उपयोग करते हैं।

तीन दिन पहले एक युवक ट्रक की चपेट में आ गया और मौके पर ही उसकी मौत हो गई। चालक फरार हो गया, बाद में पकड़ा गया, लेकिन क्या इससे उसकी मां की सूनी गोद फिर से भर सकेगी? आंकड़ों पर नजर डालें तो 2024 में 52 हादसे दर्ज हुए और 2025 की शुरुआत से अब तक 12 मामले दर्ज हो चुके हैं। ये सिर्फ आंकड़े नहीं, जिंदा सवाल है, क्या जानता की जान की कीमत सिर्फ एक गिनती बनकर रह गई है?

अफसर ने दबी जुबान से कहा – बायपास के लिए सर्वे चल रहा

डोंगरगढ़ के एसडीओपी आशीष कुंजाम ने स्वीकार किया कि ट्रैफिक का बढ़ता दबाव हादसों की प्रमुख वजह है, लेकिन इसका समाधान क्या होगा—इस पर जवाब अधूरे हैं। बड़े वाहन टोल से बचने के लिए इसी रास्ते का इस्तेमाल कर रहे हैं और इसकी कीमत आम जनता अपनी जान से चुका रही है। लोक निर्माण विभाग के अधिकारी केके सिंह कैमरे के सामने तो खामोश रहे, लेकिन दबी ज़ुबान से इतना जरूर कहा कि बायपास के लिए सर्वे चल रहा है, मगर यह सर्वे कब खत्म होगा और कितनी जानें इसकी कीमत बनेंगी?

सिस्टम की चुप्पी अब बर्दाश्त के बाहर

अब हालात यह है कि जनता की सहनशीलता जवाब दे चुकी है। हाथ जोड़ने से लेकर धरना-प्रदर्शन तक सब कर चुकी है डोंगरगढ़ की जनता, लेकिन सिस्टम की चुप्पी अब बर्दाश्त के बाहर है। ये सिर्फ बायपास की मांग नहीं, जीवन और मृत्यु के बीच की लड़ाई है।

श्मशान घाट में तांत्रिक क्रिया : युवती के स्वास्थ्य सुधार के लिए नींबू, मिर्च, सिंदूर से कर रहे थे तांत्रिक क्रिया, पुलिस हिरासत में 12 लोग

बिलासपुर- श्मशान घाट में तांत्रिक क्रिया करने का मामला सामने आया है. पुलिस ने 12 संदिग्ध लोगों को हिरासत में लिया है. सभी छत्तीसगढ़ के बाहर के रहने वाले हैं. बताया जा रहा कि सभी लोग पीपल पेड़ के नीचे नींबू, मिर्च, सिंदूर और सब्बल से तांत्रिक क्रिया कर रहे थे. यह मामला कोनी थाना क्षेत्र के निरतु गांव का है.

जानकारी के अनुसार युवती के स्वास्थ्य सुधार के लिए अनुष्ठान किया जा रहा है, जिसमें चार महिलाएं और आठ पुरुष शामिल थे. पुलिस ने सभी को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है.

सरगुजा के लाल का ISRO के युवा वैज्ञानिक कार्यक्रम के लिए हुआ चयन, विशेष प्रशिक्षण शिविर में होंगे शामिल

अंबिकापुर- सरगुजा के लाल ने कमाल कर दिखाया है. जवाहर नवोदय विद्यालय, सरगुजा में दसवीं कक्षा के छात्र हर्षित राज का चयन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के “युवा वैज्ञानिक कार्यक्रम – युविका 2025” के लिए हुआ है. 

हर्षित “सतीश धवन स्पेस सेंटर, श्रीहरिकोटा” में 12 दिवसीय विशेष प्रशिक्षण शिविर में भाग लेंगे, जहाँ उन्हें अंतरिक्ष विज्ञान, तकनीकी खोजों एवं वैज्ञानिक सोच से सीधे रू-ब-रू होने का अवसर मिलेगा.

विद्यालय परिवार इस उपलब्धि से गौरवान्वित है. विद्यालय के प्राचार्य डॉ. एसके सिन्हा ने हर्षित को बधाई देते हुए अन्य विद्यार्थियों को भी वैज्ञानिक सोच एवं अनुसंधान के क्षेत्र में आगे बढ़ने की प्रेरणा दी.

कार्यक्रम के समन्वयक एवं रसायन शास्त्र के प्रवक्ता राहुल मुद्गल ने हर्षित की इस सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं. हर्षित राज की इस उपलब्धि ने विद्यालय एवं जिले का नाम रोशन किया है.

कांग्रेस की न्याय यात्रा स्थगित, 21 को रायपुर में होगी बड़ी सभा, सीएम हाउस का करेंगे घेराव

रायपुर- प्रदेश में बदहाल कानून-व्यवस्था एवं महिलाओं व अबोध बच्चियों के साथ हो रहे अत्याचार/ रेप की संवेदनशील आपराधिक घटनाओं के विरोध में कांग्रेस न्याय यात्रा निकालने वाली थी, जिसे अपरिहार्य कारणों से स्थगित कर दी गई. प्रभारी महामंत्री मलकीत सिंह गैदू ने बताया, 18 से 20 अप्रैल तक निकलने वाली न्याय यात्रा को स्थगित की गई है. वहीं 21 अप्रैल का कार्यक्रम यथावत रहेगा. 21 अप्रैल को कांग्रेस बड़ी सभा के बाद सीएम हाउस का घेराव करेगी.

यात्रा का ये था पूरा रूट

  • 18 अप्रैल: दुर्ग से नेहरू नगर भिलाई होते हुए खुर्सीपार तक (13.4 KM)
  • 19 अप्रैल: खुर्सीपार से चरोदा, कुम्हारी तक (13.7 KM)
  • 20 अप्रैल: कुम्हारी से टाटीबंध, आजाद चौक रायपुर (11.2 KM)
  • 21 अप्रैल: आजाद चौक से राजीव चौक तक मार्च और फिर सीएम हाउस का घेराव 


दुकान, प्लाट, मकान खरीदना होगा महंगा : कई जिलों में 10 से 100% तक बढ़ सकते हैं कलेक्टर गाइडलाइन रेट

रायपुर- राजधानी रायपुर सहित पूरे छत्तीसगढ़ में कलेक्टर गाइडलाइन जल्द जारी हो सकती है. जारी गाइडलाइन में बिलासपुर समेत कई जिलों में कलेक्टर गाइडलाइन रेट 10-15 से करीब 100% तक बढ़ सकते हैं. राजधानी रायपुर में ही 70 वार्ड है. 20 से ज्यादा वार्ड में 50 प्रतिशत रेट बढ़ जाएंगे. कलेक्टर दर लागू होने पर आम जनता को दुकान, प्लाट, मकान खरीदना और भी ज्यादा महंगा हो जाएगा.

जानकारी के अनुसार 2018 के बाद से कलेक्टर दर जारी नहीं हुई है. रायपुर समेत कई जिलों में 10% से 100% तक बिलासपुर, दुर्ग-भिलाई और अंबिकापुर रेट बढ़ाने की सिफारिश की जा रही है. 2025-26 के लिए कलेक्टर गाइडलाइन तय करने सभी जिलों से 15 अप्रैल तक रिपोर्ट मंगाई गई है.

अन्य जिले से आई रिपोर्ट के अनुसार 2018-19 से जमीन की सरकारी कीमत नहीं बढ़ी है. इसमें 5 साल में रेट 30% तक कम भी रहे हैं. इस वजह से सरकारी रेट और बाजार भाव में बड़ा अंतर आ गया है. हर शहर में जमीन की कीमत काफी बढ़ गई है, लेकिन शासकीय दस्तावेजों में कीमत अब तक कम है. इस अंतर को खत्म करने के लिए ही नई गाइडलाइन जारी करने की तैयारी है. वैसे भी 2019-20 से कलेक्टर गाइडलाइन में कोई बदलाव नहीं किया गया है.

मिली जानकारी के अनुसार कलेक्टर गाइडलाइन को भी यथावत रखा गया था. यही वजह है कि इस बार गाइडलाइन तय करने के लिए खासी मशक्कत की जा रही है. जिलों से प्राप्त रिपोर्ट को मूल्यांकन समिति परखेगी और अपनी सिफारिशें देगी. 2025-26 के लिए नई गाइडलाइन इस बार कुछ दिनों बाद शुरू हो सकती है.

कलेक्टर गाइडलाइन में अध्ययन जारी : कलेक्टर

नई गाइडलाइन जारी होने के सवाल पर कलेक्टर डॉक्टर गौरव कुमार सिंह ने कहा कि इसके बारे में अध्ययन किया जा रहा है.

गाइडलाइन आने के बाद कुछ कहना उचित होगा : सांसद बृजमोहन

इस मामले में सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने कहा, गाइडलाइन आने बाद इस मामले में कहना उचित होगा. अभी गाइडलाइन नहीं आई है. वहीं रायपुर जिला पंचायत अध्यक्ष नवीन अग्रवाल ने कहा कि जो भी होगा शासन सोच समझकर कर रही है. अगर बढ़ता भी है तो लाभ होता है. वो जनता को बढ़ने के बाद ही समझ में आ पाएगा.

कलेक्टर गाइडलाइन बढ़ने से होगा फायदा : हितग्राही

इस पूरे मामले में हितग्राही मनोज अग्रवाल का कहना है कि इसमें मध्यमवर्गीय परिवार को कोई फर्क नहीं पड़ेगा. जो जमीनों का लेन-देन और ज्यादा लंबे व्यापार का करते हैं उनसे भी राय लिया गया होगा. इसमें कोई ज्यादा प्रभाव पड़ने वाला नहीं है. आम लोगों को शासन ने इस मामले में राहत दे रखी है. आज के परिवेश में जमीन और मकान का मार्केट रेट बहुत ज्यादा है और सरकारी रेट कम है. इसमें समावेश होना चाहिए.

वहीं गोपाल अग्रवाल ने कहा कि पिछले 5 वर्षों से कलेक्टर गाइडलाइन नहीं बढ़ी है. भूपेश सरकार ने 30% का सब्सिडी दिया हुआ था. पिछले 6 वर्षों से मार्केट रेट नहीं बढ़ा है. मार्केट में रेट बढ़ा है, लेकिन सरकारी गाइडलाइन नहीं बड़ी है. इससे सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा था. यह अलग बात है. जिनको मुआवजा मिलना चाहिए कलेक्टर गाइडलाइन में बढ़ने से फायदा होगा. किसी भी चीज का रेट कम नहीं होता बढ़ता ही है. सभी का बढ़ा है तो जमीन का भी रेट बढ़ना चाहिए. यह जायज माना जाता है. कलेक्टर गाइडलाइन 10 से 15% बढ़ना ही चाहिए.

छग प्रदेश टेनिस संघ की नई कार्यकारिणी की घोषणा, सर्वसम्मति से डॉ. हिमांशु द्विवेदी चुने गए अध्यक्ष

रायपुर- छत्तीसगढ़ प्रदेश टेनिस संघ की नई कार्यकारिणी की घोषणा कर दी गई है. आम सभा ने संघ के अध्यक्ष का चुन लिया है. छ्ग प्रदेश टेनिस संघ के अध्यक्ष पद पर डॉ. हिमांशु द्विवेदी का निर्वाचन निर्विरोध हुआ. साथ ही गुरुचरण सिंह होरा सर्वसम्मति से महासचिव चुने गए

राजधानी रायपुर में आज छत्तीसगढ़ प्रदेश टेनिस संघ की वार्षिक आम सभा की बैठक हुई. इस बैठक में अगले 4 वर्ष के लिए छ्ग प्रदेश संघ की कार्यकारिणी का चुनाव भी किया गया. इस चुनाव को सुचारु रूप से संपन्न कराने के लिए ऑल इंडिया टेनिस संघ की ओर से पर्यवेक्षक के रूप में अनिल धुपर पहुंचे. वहींं चुनाव अधिकारी के रूप में डॉ. अतुल शुक्ला, छ्ग ओलम्पिक संघ के पर्यवेक्षक के रूप में विजय अग्रवाल और खेल युवा कल्याण विभाग छ्ग शासन की ओर से प्रवेश जोशी पर्यवेक्षक के रूप उपस्थित रहें.

छ्ग प्रदेश टेनिस संघ की नवनिर्वाचित कार्यकारिणी 

अध्यक्ष: डॉ. हिमांशु द्विवेदी

महासचिव: गुरुचरण सिंह होरा

वरिष्ठ उपाध्यक्ष: अवतार सिंह जुनेजा

उपाध्यक्ष:

सुशील बालानी

रूपेंद्र सिंह चौहान

जी एस बांबरा

राजेश पाटिल

नरेश गुप्ता

कोषाध्यक्ष: एस बत्रा

सह सचिव:

सुनील सुराना

तरणजीत सिंह होरा

आनंद ठाकुर

कार्यकारिणी सदस्य:

डॉ. अजय पाठक

प्रदीप माथानी

प्रकाश कलश

रणधीर सिंह विरदी

चरणजीत सिंह ओबेरॉय

नेल्सन जतिन कुमार

जसप्रीत खनुजा

हेनरी सेंटियागो

मुकेश पिल्लै

गुरमीत सिंह भाटिया

माओवादी संगठन को बड़ा झटका, नक्सल डिप्टी कमांडर ने किया सरेंडर, कई बड़ी वारदातों में था शामिल

मोहला-मानपुर- बस्तर और महाराष्ट्र के मध्य माओवादियों के जंक्शन माने जाने वाले मोहला मानपुर जिला सहित बस्तर में लाल सेना का अहम किरदार रहे नक्सल डिप्टी कमांडर ने लाल आतंक का दामन छोड़ एसपी के समक्ष आत्मसमर्पण किया. आत्मसमर्पित नक्सली का नाम रूपेश उर्फ सुखदेव मंडावी है, जो राजनांदगांव-कांकेर बॉर्डर डिविजन के कोतरी एरिया कमेटी का मेंबर भी था. रुपेश कई बड़ी वारदातों में शामिल था.

मानपुर ब्लॉक के मुंजाल गांव निवासी रूपेश मंडावी पर पांच लाख रुपए का इनाम था. 34 वर्षीय रूपेश मंडावी सन 2012 से नक्सल संगठन में भर्ती हुआ था, तब से वह आरकेबी डिविजन सचिव व दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी मेंबर विजय रेड्डी के खास साथी के तौर पर मोहला-मानपुर समेत बस्तर के कांकेर जिला व अबूझमाड़ इलाके में सक्रिय था. इस बीच कई बड़ी नक्सल वारदातों में भी रूपेश मंडावी शामिल रहा. इसकी जानकारी पुलिस अधीक्षक यशपाल सिंह ने जिला मुख्यालय में पत्रकारवार्ता लेकर दी. इस दौरान केंद्रीय अर्ध सैनिक बल आईटीबीपी व जिला पुलिस के आला अफसरों की मौजूदगी मे रूपेश मंडावी को पुनर्वास नीति के तहत नकद राशि भेंट की गई.


रुपेश ने नक्सलियों से की सरेंडर करने की अपील

पुलिस अधीक्षक यशपाल सिंह ने बताया कि जिले में आईटीबीपी व जिला पुलिस द्वारा पुनर्वास नीति का किए जा रहे प्रचार प्रसार व आत्मसमर्पण के प्रयासों के बीच बड़े नक्सल कैडर रूपेश ने आत्मसमर्पण किया है. एसपी के मुताबिक, शीर्ष नक्सल लीडरों के साथ रहने वाले नक्सल डिप्टी कमांडर रूपेश के समर्पण से नक्सलियों के आरकेबी डिविजन की रीढ़ टूटी है. वहीं नक्सल संगठन की कई अहम जानकारी भी उससे मिलेगी. दूसरी ओर आत्मसमर्पण के बाद रूपेश मंडावी ने छत्तीसगढ़ सरकार के पुनर्वास नीति को आत्मसमर्पण का कारण बताते हुए अन्य नक्सलियों से भी सरेंडर करने की अपील की है.

अखिल भारतीय पुलिस बैडमिंटन मिक्सड डबल्स में छत्तीसगढ़ का परचम लहराया

रायपुर-  अखिल भारतीय पुलिस बैडमिंटन एवं टेबल टेनिस टूर्नामेंट की मिक्सड डबल्स स्पर्धा में छत्तीसगढ़ का परचम लहराया है। इस स्पर्धा में छत्तीसगढ़ ने पहली बार गोल्ड मेडल जीता है। स्पर्धा का रजत पदक भी छत्तीसगढ़ के नाम रहा।

केरल के क्षेत्रीय खेल केन्द्र राजीव गांधी इंडोर स्टेडियम कदवंथरा, एर्नाकुलम में 11 से 15 अप्रैल तक आयोजित अखिल भारतीय पुलिस बैडमिंटन और टेबल टेनिस टूर्नामेंट में छत्तीसगढ़ ने 43 टीमों के बीच पदक तालिका में तीसरे स्थान प्राप्त किया। बैडमिंटन और टेबल टेनिस में छत्तीसगढ़ ने कुल 11 पदक जीते। केरल के कोचीन में आज 5 दिवसीय कार्यक्रम का समापन हुआ। इससे पहले चंडीगढ़ में छत्तीसगढ़ ने 5 पदक जीते गए थे।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अखिल भारतीय पुलिस बैडमिंटन और टेबल टेनिस टूर्नामेंट में इस शानदार उपलब्धि के लिए छत्तीसगढ़ पुलिस और पदक विजेताओं को बधाई और शुमकामनाएं दी हैं। छत्तीसगढ़ पुलिस के अधिकारियों की यह उपलब्धि अन्य खिलाड़ियों के लिए प्रेरणादायक है।

विष्णु के सुशासन में औद्योगिक विकास को मिल रही नई दिशा : सीएम साय ने कहा-

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में बस्तर संभाग में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए नई औद्योगिक विकास नीति 2024-30 में विशेष प्रावधान किए गए हैं. आज जगदलपुर में आयोजित विकसित बस्तर की ओर परिचर्चा में बस्तर संभाग के विकास में उद्योगों की भूमिका को लेकर चर्चा हुई. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि नई औद्योगिक नीति के तहत बस्तर संभाग में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों (MSME) को प्रोत्साहन देने के साथ-साथ खनिज आधारित, कृषि, खाद्य प्रसंस्करण और पर्यटन उद्योगों की असीमित संभावनाओं को साकार करने का रोडमैप तैयार किया गया है.

बस्तर के औद्योगिक परिदृश्य को देखें तो वर्तमान में बस्तर संभाग में 690 MSME इकाइयां संचालित हैं. बस्तर संभाग के 3 प्रमुख सेक्टर्स में चावल मिल, ईंट निर्माण और धातु निर्माण उद्योग शामिल हैं. एनएमडीसी माइनिंग, एनएमडीसी स्टील, एस्सार, ब्रज इस्पात और ए एम एन एस इंडिया जैसी प्रमुख कंपनियां यहां स्थापित हैं. संभाग से लगभग 102 करोड़ रुपये का निर्यात होता है, जिसमें लौह अयस्क की हिस्सेदारी सर्वाधिक है.

विकसित बस्तर की ओर बढ़ने के लिए औद्योगिक नीति 2024-30 के अनुसार बस्तर संभाग के विकास के लिए 32 में से 28 विकासखंडों को समूह 3 के अंतर्गत वर्गीकृत किया गया है, ताकि उद्योगों को अधिकतम प्रोत्साहन मिले. इस्पात उद्योग के लिए 15  वर्षों तक रॉयल्टी प्रतिपूर्ति का प्रबंध है.

विकास की मुख्य धारा में बस्तर को जोड़ने के लिए नई औद्यौगिक नीति में आत्मसमर्पित नक्सलियों को रोजगार देने के लिए रोजगार सब्सिडी का प्रावधान है, जिसमें 5 वर्षों तक शुद्ध वेतन का 40% का प्रावधान है. अनुसूचित जाति/जनजाति और नक्सलवाद प्रभावित लोगों के लिए 10% अतिरिक्त सब्सिडी का प्रावधान है. युवाओं के लिए प्रशिक्षण व्यय प्रतिपूर्ति तथा मार्जिन मनी सब्सिडी का प्रावधान है जिसमे अनुसूचित जाति/जनजाति और नक्सलवाद प्रभावित व्यक्तियों द्वारा स्थापित नए MSME के लिए 25% तक कि सब्सिडी है.

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अगुवाई में विकसित बस्तर की ओर का रोडमैप  तैयार करने के लिए भूमि बैंक प्रबंधन को मजबूत करना और व्यापार को आसान बनाना शामिल है. स्थानीय उद्योगों (वस्त्र, खाद्य प्रसंस्करण, हस्तशिल्प) के लिए प्रशिक्षण केंद्रों की स्थापना, विशेष रूप से जनजातीय युवाओं और महिला उद्यमिता पर फोकस किया जा रहा है. इस्पात, धातु प्रसंस्करण, कृषि, वनोपज आधारित उद्योग और हर्बल-औषधीय उत्पादों के लिए क्लस्टर की स्थापना की जा रही है. ग्रामीण और जनजातीय क्षेत्रों में सभी मौसमों के लिए उपयुक्त सड़कों का निर्माण और राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नेटवर्क के साथ एकीकरण का काम हो रहा है.  स्टार्टअप्स के लिए समर्थन हेतु नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए विशेष योजनाएँ संचालित की जा रही है.

इस मौके पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि आने वाले समय में पूरी तरह से शांति कायम हो जाएगी और नक्सलवाद का पूरी तरह से खत्म हो जाएगा. उन्होंने कहा कि हमें बस्तर के लोगों को आर्थिक रूप से मजबूत करना होगा ताकि विकसित बस्तर की ओर हम बढ़ सकें. यहां उद्योग के लिए उचित वातावरण है और हमने उद्योगों लिए नई औद्यौगिक नीति में विशेष प्रावधान भी किए है.

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि बस्तर संभाग में औद्योगिक विकास के साथ-साथ स्थानीय युवाओं, महिलाओं और नक्सलवाद प्रभावित लोगों के लिए रोजगार और स्वरोजगार के अवसर सृजित करना हमारी प्राथमिकता है. यह नीति बस्तर को औद्योगिक और आर्थिक समृद्धि की नई ऊँचाइयों पर ले जाएगी. उन्होंने कहा कि वन संसाधनों का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करके हम स्थानीय लोगों को समृद्ध बना सकते है और हमारी सरकार महुआ आधारित उद्योग पर भी विशेष ध्यान देगी.

जगदलपुर में आयोजित बस्तर की ओर परिचर्चा में उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा, वन मंत्री केदार कश्यप, सांसद महेश कश्यप, विधायक किरण सिंह देव, विनायक गोयल, प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत, संबंधित विभागों के सचिव, बस्तर संभाग के सभी जिलों के कलेक्टर, चैंबर ऑफ कॉमर्स के सदस्य,  बस्तर संभाग में स्थापित उद्योगों के प्रतिनिधि उपस्थित थे.