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कांग्रेस की न्याय यात्रा स्थगित, 21 को रायपुर में होगी बड़ी सभा, सीएम हाउस का करेंगे घेराव

रायपुर- प्रदेश में बदहाल कानून-व्यवस्था एवं महिलाओं व अबोध बच्चियों के साथ हो रहे अत्याचार/ रेप की संवेदनशील आपराधिक घटनाओं के विरोध में कांग्रेस न्याय यात्रा निकालने वाली थी, जिसे अपरिहार्य कारणों से स्थगित कर दी गई. प्रभारी महामंत्री मलकीत सिंह गैदू ने बताया, 18 से 20 अप्रैल तक निकलने वाली न्याय यात्रा को स्थगित की गई है. वहीं 21 अप्रैल का कार्यक्रम यथावत रहेगा. 21 अप्रैल को कांग्रेस बड़ी सभा के बाद सीएम हाउस का घेराव करेगी.

यात्रा का ये था पूरा रूट

  • 18 अप्रैल: दुर्ग से नेहरू नगर भिलाई होते हुए खुर्सीपार तक (13.4 KM)
  • 19 अप्रैल: खुर्सीपार से चरोदा, कुम्हारी तक (13.7 KM)
  • 20 अप्रैल: कुम्हारी से टाटीबंध, आजाद चौक रायपुर (11.2 KM)
  • 21 अप्रैल: आजाद चौक से राजीव चौक तक मार्च और फिर सीएम हाउस का घेराव 


दुकान, प्लाट, मकान खरीदना होगा महंगा : कई जिलों में 10 से 100% तक बढ़ सकते हैं कलेक्टर गाइडलाइन रेट

रायपुर- राजधानी रायपुर सहित पूरे छत्तीसगढ़ में कलेक्टर गाइडलाइन जल्द जारी हो सकती है. जारी गाइडलाइन में बिलासपुर समेत कई जिलों में कलेक्टर गाइडलाइन रेट 10-15 से करीब 100% तक बढ़ सकते हैं. राजधानी रायपुर में ही 70 वार्ड है. 20 से ज्यादा वार्ड में 50 प्रतिशत रेट बढ़ जाएंगे. कलेक्टर दर लागू होने पर आम जनता को दुकान, प्लाट, मकान खरीदना और भी ज्यादा महंगा हो जाएगा.

जानकारी के अनुसार 2018 के बाद से कलेक्टर दर जारी नहीं हुई है. रायपुर समेत कई जिलों में 10% से 100% तक बिलासपुर, दुर्ग-भिलाई और अंबिकापुर रेट बढ़ाने की सिफारिश की जा रही है. 2025-26 के लिए कलेक्टर गाइडलाइन तय करने सभी जिलों से 15 अप्रैल तक रिपोर्ट मंगाई गई है.

अन्य जिले से आई रिपोर्ट के अनुसार 2018-19 से जमीन की सरकारी कीमत नहीं बढ़ी है. इसमें 5 साल में रेट 30% तक कम भी रहे हैं. इस वजह से सरकारी रेट और बाजार भाव में बड़ा अंतर आ गया है. हर शहर में जमीन की कीमत काफी बढ़ गई है, लेकिन शासकीय दस्तावेजों में कीमत अब तक कम है. इस अंतर को खत्म करने के लिए ही नई गाइडलाइन जारी करने की तैयारी है. वैसे भी 2019-20 से कलेक्टर गाइडलाइन में कोई बदलाव नहीं किया गया है.

मिली जानकारी के अनुसार कलेक्टर गाइडलाइन को भी यथावत रखा गया था. यही वजह है कि इस बार गाइडलाइन तय करने के लिए खासी मशक्कत की जा रही है. जिलों से प्राप्त रिपोर्ट को मूल्यांकन समिति परखेगी और अपनी सिफारिशें देगी. 2025-26 के लिए नई गाइडलाइन इस बार कुछ दिनों बाद शुरू हो सकती है.

कलेक्टर गाइडलाइन में अध्ययन जारी : कलेक्टर

नई गाइडलाइन जारी होने के सवाल पर कलेक्टर डॉक्टर गौरव कुमार सिंह ने कहा कि इसके बारे में अध्ययन किया जा रहा है.

गाइडलाइन आने के बाद कुछ कहना उचित होगा : सांसद बृजमोहन

इस मामले में सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने कहा, गाइडलाइन आने बाद इस मामले में कहना उचित होगा. अभी गाइडलाइन नहीं आई है. वहीं रायपुर जिला पंचायत अध्यक्ष नवीन अग्रवाल ने कहा कि जो भी होगा शासन सोच समझकर कर रही है. अगर बढ़ता भी है तो लाभ होता है. वो जनता को बढ़ने के बाद ही समझ में आ पाएगा.

कलेक्टर गाइडलाइन बढ़ने से होगा फायदा : हितग्राही

इस पूरे मामले में हितग्राही मनोज अग्रवाल का कहना है कि इसमें मध्यमवर्गीय परिवार को कोई फर्क नहीं पड़ेगा. जो जमीनों का लेन-देन और ज्यादा लंबे व्यापार का करते हैं उनसे भी राय लिया गया होगा. इसमें कोई ज्यादा प्रभाव पड़ने वाला नहीं है. आम लोगों को शासन ने इस मामले में राहत दे रखी है. आज के परिवेश में जमीन और मकान का मार्केट रेट बहुत ज्यादा है और सरकारी रेट कम है. इसमें समावेश होना चाहिए.

वहीं गोपाल अग्रवाल ने कहा कि पिछले 5 वर्षों से कलेक्टर गाइडलाइन नहीं बढ़ी है. भूपेश सरकार ने 30% का सब्सिडी दिया हुआ था. पिछले 6 वर्षों से मार्केट रेट नहीं बढ़ा है. मार्केट में रेट बढ़ा है, लेकिन सरकारी गाइडलाइन नहीं बड़ी है. इससे सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा था. यह अलग बात है. जिनको मुआवजा मिलना चाहिए कलेक्टर गाइडलाइन में बढ़ने से फायदा होगा. किसी भी चीज का रेट कम नहीं होता बढ़ता ही है. सभी का बढ़ा है तो जमीन का भी रेट बढ़ना चाहिए. यह जायज माना जाता है. कलेक्टर गाइडलाइन 10 से 15% बढ़ना ही चाहिए.

छग प्रदेश टेनिस संघ की नई कार्यकारिणी की घोषणा, सर्वसम्मति से डॉ. हिमांशु द्विवेदी चुने गए अध्यक्ष

रायपुर- छत्तीसगढ़ प्रदेश टेनिस संघ की नई कार्यकारिणी की घोषणा कर दी गई है. आम सभा ने संघ के अध्यक्ष का चुन लिया है. छ्ग प्रदेश टेनिस संघ के अध्यक्ष पद पर डॉ. हिमांशु द्विवेदी का निर्वाचन निर्विरोध हुआ. साथ ही गुरुचरण सिंह होरा सर्वसम्मति से महासचिव चुने गए

राजधानी रायपुर में आज छत्तीसगढ़ प्रदेश टेनिस संघ की वार्षिक आम सभा की बैठक हुई. इस बैठक में अगले 4 वर्ष के लिए छ्ग प्रदेश संघ की कार्यकारिणी का चुनाव भी किया गया. इस चुनाव को सुचारु रूप से संपन्न कराने के लिए ऑल इंडिया टेनिस संघ की ओर से पर्यवेक्षक के रूप में अनिल धुपर पहुंचे. वहींं चुनाव अधिकारी के रूप में डॉ. अतुल शुक्ला, छ्ग ओलम्पिक संघ के पर्यवेक्षक के रूप में विजय अग्रवाल और खेल युवा कल्याण विभाग छ्ग शासन की ओर से प्रवेश जोशी पर्यवेक्षक के रूप उपस्थित रहें.

छ्ग प्रदेश टेनिस संघ की नवनिर्वाचित कार्यकारिणी 

अध्यक्ष: डॉ. हिमांशु द्विवेदी

महासचिव: गुरुचरण सिंह होरा

वरिष्ठ उपाध्यक्ष: अवतार सिंह जुनेजा

उपाध्यक्ष:

सुशील बालानी

रूपेंद्र सिंह चौहान

जी एस बांबरा

राजेश पाटिल

नरेश गुप्ता

कोषाध्यक्ष: एस बत्रा

सह सचिव:

सुनील सुराना

तरणजीत सिंह होरा

आनंद ठाकुर

कार्यकारिणी सदस्य:

डॉ. अजय पाठक

प्रदीप माथानी

प्रकाश कलश

रणधीर सिंह विरदी

चरणजीत सिंह ओबेरॉय

नेल्सन जतिन कुमार

जसप्रीत खनुजा

हेनरी सेंटियागो

मुकेश पिल्लै

गुरमीत सिंह भाटिया

माओवादी संगठन को बड़ा झटका, नक्सल डिप्टी कमांडर ने किया सरेंडर, कई बड़ी वारदातों में था शामिल

मोहला-मानपुर- बस्तर और महाराष्ट्र के मध्य माओवादियों के जंक्शन माने जाने वाले मोहला मानपुर जिला सहित बस्तर में लाल सेना का अहम किरदार रहे नक्सल डिप्टी कमांडर ने लाल आतंक का दामन छोड़ एसपी के समक्ष आत्मसमर्पण किया. आत्मसमर्पित नक्सली का नाम रूपेश उर्फ सुखदेव मंडावी है, जो राजनांदगांव-कांकेर बॉर्डर डिविजन के कोतरी एरिया कमेटी का मेंबर भी था. रुपेश कई बड़ी वारदातों में शामिल था.

मानपुर ब्लॉक के मुंजाल गांव निवासी रूपेश मंडावी पर पांच लाख रुपए का इनाम था. 34 वर्षीय रूपेश मंडावी सन 2012 से नक्सल संगठन में भर्ती हुआ था, तब से वह आरकेबी डिविजन सचिव व दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी मेंबर विजय रेड्डी के खास साथी के तौर पर मोहला-मानपुर समेत बस्तर के कांकेर जिला व अबूझमाड़ इलाके में सक्रिय था. इस बीच कई बड़ी नक्सल वारदातों में भी रूपेश मंडावी शामिल रहा. इसकी जानकारी पुलिस अधीक्षक यशपाल सिंह ने जिला मुख्यालय में पत्रकारवार्ता लेकर दी. इस दौरान केंद्रीय अर्ध सैनिक बल आईटीबीपी व जिला पुलिस के आला अफसरों की मौजूदगी मे रूपेश मंडावी को पुनर्वास नीति के तहत नकद राशि भेंट की गई.


रुपेश ने नक्सलियों से की सरेंडर करने की अपील

पुलिस अधीक्षक यशपाल सिंह ने बताया कि जिले में आईटीबीपी व जिला पुलिस द्वारा पुनर्वास नीति का किए जा रहे प्रचार प्रसार व आत्मसमर्पण के प्रयासों के बीच बड़े नक्सल कैडर रूपेश ने आत्मसमर्पण किया है. एसपी के मुताबिक, शीर्ष नक्सल लीडरों के साथ रहने वाले नक्सल डिप्टी कमांडर रूपेश के समर्पण से नक्सलियों के आरकेबी डिविजन की रीढ़ टूटी है. वहीं नक्सल संगठन की कई अहम जानकारी भी उससे मिलेगी. दूसरी ओर आत्मसमर्पण के बाद रूपेश मंडावी ने छत्तीसगढ़ सरकार के पुनर्वास नीति को आत्मसमर्पण का कारण बताते हुए अन्य नक्सलियों से भी सरेंडर करने की अपील की है.

अखिल भारतीय पुलिस बैडमिंटन मिक्सड डबल्स में छत्तीसगढ़ का परचम लहराया

रायपुर-  अखिल भारतीय पुलिस बैडमिंटन एवं टेबल टेनिस टूर्नामेंट की मिक्सड डबल्स स्पर्धा में छत्तीसगढ़ का परचम लहराया है। इस स्पर्धा में छत्तीसगढ़ ने पहली बार गोल्ड मेडल जीता है। स्पर्धा का रजत पदक भी छत्तीसगढ़ के नाम रहा।

केरल के क्षेत्रीय खेल केन्द्र राजीव गांधी इंडोर स्टेडियम कदवंथरा, एर्नाकुलम में 11 से 15 अप्रैल तक आयोजित अखिल भारतीय पुलिस बैडमिंटन और टेबल टेनिस टूर्नामेंट में छत्तीसगढ़ ने 43 टीमों के बीच पदक तालिका में तीसरे स्थान प्राप्त किया। बैडमिंटन और टेबल टेनिस में छत्तीसगढ़ ने कुल 11 पदक जीते। केरल के कोचीन में आज 5 दिवसीय कार्यक्रम का समापन हुआ। इससे पहले चंडीगढ़ में छत्तीसगढ़ ने 5 पदक जीते गए थे।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अखिल भारतीय पुलिस बैडमिंटन और टेबल टेनिस टूर्नामेंट में इस शानदार उपलब्धि के लिए छत्तीसगढ़ पुलिस और पदक विजेताओं को बधाई और शुमकामनाएं दी हैं। छत्तीसगढ़ पुलिस के अधिकारियों की यह उपलब्धि अन्य खिलाड़ियों के लिए प्रेरणादायक है।

विष्णु के सुशासन में औद्योगिक विकास को मिल रही नई दिशा : सीएम साय ने कहा-

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में बस्तर संभाग में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए नई औद्योगिक विकास नीति 2024-30 में विशेष प्रावधान किए गए हैं. आज जगदलपुर में आयोजित विकसित बस्तर की ओर परिचर्चा में बस्तर संभाग के विकास में उद्योगों की भूमिका को लेकर चर्चा हुई. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि नई औद्योगिक नीति के तहत बस्तर संभाग में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों (MSME) को प्रोत्साहन देने के साथ-साथ खनिज आधारित, कृषि, खाद्य प्रसंस्करण और पर्यटन उद्योगों की असीमित संभावनाओं को साकार करने का रोडमैप तैयार किया गया है.

बस्तर के औद्योगिक परिदृश्य को देखें तो वर्तमान में बस्तर संभाग में 690 MSME इकाइयां संचालित हैं. बस्तर संभाग के 3 प्रमुख सेक्टर्स में चावल मिल, ईंट निर्माण और धातु निर्माण उद्योग शामिल हैं. एनएमडीसी माइनिंग, एनएमडीसी स्टील, एस्सार, ब्रज इस्पात और ए एम एन एस इंडिया जैसी प्रमुख कंपनियां यहां स्थापित हैं. संभाग से लगभग 102 करोड़ रुपये का निर्यात होता है, जिसमें लौह अयस्क की हिस्सेदारी सर्वाधिक है.

विकसित बस्तर की ओर बढ़ने के लिए औद्योगिक नीति 2024-30 के अनुसार बस्तर संभाग के विकास के लिए 32 में से 28 विकासखंडों को समूह 3 के अंतर्गत वर्गीकृत किया गया है, ताकि उद्योगों को अधिकतम प्रोत्साहन मिले. इस्पात उद्योग के लिए 15  वर्षों तक रॉयल्टी प्रतिपूर्ति का प्रबंध है.

विकास की मुख्य धारा में बस्तर को जोड़ने के लिए नई औद्यौगिक नीति में आत्मसमर्पित नक्सलियों को रोजगार देने के लिए रोजगार सब्सिडी का प्रावधान है, जिसमें 5 वर्षों तक शुद्ध वेतन का 40% का प्रावधान है. अनुसूचित जाति/जनजाति और नक्सलवाद प्रभावित लोगों के लिए 10% अतिरिक्त सब्सिडी का प्रावधान है. युवाओं के लिए प्रशिक्षण व्यय प्रतिपूर्ति तथा मार्जिन मनी सब्सिडी का प्रावधान है जिसमे अनुसूचित जाति/जनजाति और नक्सलवाद प्रभावित व्यक्तियों द्वारा स्थापित नए MSME के लिए 25% तक कि सब्सिडी है.

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अगुवाई में विकसित बस्तर की ओर का रोडमैप  तैयार करने के लिए भूमि बैंक प्रबंधन को मजबूत करना और व्यापार को आसान बनाना शामिल है. स्थानीय उद्योगों (वस्त्र, खाद्य प्रसंस्करण, हस्तशिल्प) के लिए प्रशिक्षण केंद्रों की स्थापना, विशेष रूप से जनजातीय युवाओं और महिला उद्यमिता पर फोकस किया जा रहा है. इस्पात, धातु प्रसंस्करण, कृषि, वनोपज आधारित उद्योग और हर्बल-औषधीय उत्पादों के लिए क्लस्टर की स्थापना की जा रही है. ग्रामीण और जनजातीय क्षेत्रों में सभी मौसमों के लिए उपयुक्त सड़कों का निर्माण और राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नेटवर्क के साथ एकीकरण का काम हो रहा है.  स्टार्टअप्स के लिए समर्थन हेतु नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए विशेष योजनाएँ संचालित की जा रही है.

इस मौके पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि आने वाले समय में पूरी तरह से शांति कायम हो जाएगी और नक्सलवाद का पूरी तरह से खत्म हो जाएगा. उन्होंने कहा कि हमें बस्तर के लोगों को आर्थिक रूप से मजबूत करना होगा ताकि विकसित बस्तर की ओर हम बढ़ सकें. यहां उद्योग के लिए उचित वातावरण है और हमने उद्योगों लिए नई औद्यौगिक नीति में विशेष प्रावधान भी किए है.

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि बस्तर संभाग में औद्योगिक विकास के साथ-साथ स्थानीय युवाओं, महिलाओं और नक्सलवाद प्रभावित लोगों के लिए रोजगार और स्वरोजगार के अवसर सृजित करना हमारी प्राथमिकता है. यह नीति बस्तर को औद्योगिक और आर्थिक समृद्धि की नई ऊँचाइयों पर ले जाएगी. उन्होंने कहा कि वन संसाधनों का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करके हम स्थानीय लोगों को समृद्ध बना सकते है और हमारी सरकार महुआ आधारित उद्योग पर भी विशेष ध्यान देगी.

जगदलपुर में आयोजित बस्तर की ओर परिचर्चा में उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा, वन मंत्री केदार कश्यप, सांसद महेश कश्यप, विधायक किरण सिंह देव, विनायक गोयल, प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत, संबंधित विभागों के सचिव, बस्तर संभाग के सभी जिलों के कलेक्टर, चैंबर ऑफ कॉमर्स के सदस्य,  बस्तर संभाग में स्थापित उद्योगों के प्रतिनिधि उपस्थित थे.

ईडी के खिलाफ कल देशभर में कांग्रेस का बड़ा प्रदर्शन, छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में भी कांग्रेसी नेशनल हेराल्ड की संपत्ति सीज करने का करेंगे विरोध

रायपुर-  नेशनल हेराल्ड की संपत्ति सीज करने के मामले में कांग्रेस कल देशभर में ईडी के खिलाफ प्रदर्शन करेगी. छत्तीसगढ़ में भी रायपुर सहित हर जिले और तहसील मुख्यालय में प्रदर्शन किया जाएगा. प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने इसकी जानकारी सभी जिला और शहर अध्यक्षों को भेज दी है. रायपुर में दोपहर 12 बजे ईडी कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन शुरू होगा, जिसमें पीसीसी चीफ सहित कांग्रेस के सभी वरिष्ठ नेता शामिल होंगे.

बता दें कि कांग्रेस के नेशनल हेराल्ड अखबार और एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) से जुडे मनी लॉन्ड्रिंग केस में मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय ED ने पहली चार्जशीट दाखिल की, जिसमें सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सैम पित्रोदा और सुमन दुबे के नाम शामिल हैं. मामले की सुनवाई 25 अप्रैल को दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में होगी.

कोर्ट ने ED से मामले की केस डायरी भी मांगी है. 2012 में भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने सोनिया, राहुल और उनकी सहयोगी कंपनियों से जुड़े लोगों के खिलाफ इस मामले की शिकायत की थी. 12 अप्रैल 2025 को जांच के दौरान कुर्क संपत्तियों को जब्त करने की कार्रवाई की गई. ED ने दिल्ली, लखनऊ और मुंबई में 661 करोड़ रुपए की अचल संपत्तियों को कब्जे में लेने के लिए नोटिस जारी किया था. इससे पहले मंगलवार को ही सांसद प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा प्रवर्तन निदेशालय (ED) के ऑफिस पहुंचे, जहां उनसे गुरुग्राम के शिकोहपुर लैंड घोटाले में पूछताछ हुई.


जानिए क्या है नेशनल हेराल्ड मामला

BJP नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने 2012 में दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में एक याचिका दाखिल करते हुए सोनिया गांधी, राहुल गांधी और कांग्रेस के ही मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडीज, सैम पित्रोदा और सुमन दुबे पर घाटे में चल रहे नेशनल हेराल्ड अखबार को धोखाधड़ी और पैसों की हेराफेरी के जरिए हड़पने का आरोप लगाया था. आरोप के मुताबिक, कांग्रेसी नेताओं ने नेशनल हेराल्ड की संपत्तियों पर कब्जे के लिए यंग इंडियन लिमिटेड ऑर्गेनाइजेशन बनाया और उसके जरिए नेशनल हेराल्ड का प्रकाशन करने वाली एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड (AJL) का अवैध अधिग्रहण कर लिया. स्वामी का आरोप था कि ऐसा दिल्ली के बहादुर शाह जफर मार्ग स्थित हेराल्ड हाउस की 2000 करोड़ रुपए की बिल्डिंग पर कब्जा करने के लिए किया गया था.

सुब्रमण्यम स्वामी ने 2000 करोड़ रुपए की कंपनी को केवल 50 लाख रुपए में खरीदे जाने को लेकर सोनिया गांधी, राहुल गांधी समेत केस से जुड़े कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलाने की मांग की थी. जून 2014 ने कोर्ट ने सोनिया, राहुल समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ समन जारी किया. अगस्त 2014 में ED ने इस मामले में एक्शन लेते हुए मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया. दिसंबर 2015 में दिल्ली के पटियाला कोर्ट ने सोनिया, राहुल समेत सभी आरोपियों को जमानत दे दी.

छज्जा गिरने से बच्चे की मौत का मामला : जनहित याचिका पर आज फिर हुई सुनवाई, कलेक्टर ने हाईकोर्ट में पेश किया शपथपत्र

बिलासपुर-  छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में बीते 30 मार्च को मकान का छज्जा गिरने से बच्चे की मौत हो गई थी. इस हादसे को लेकर हाईकोर्ट ने जनहित याचिका पर संज्ञान लिया और सुनवाई शुरू की. मंगलवार को मुख्य नयायाधीश रमेश कुमार सिन्हा और न्यायाधीश की बैंच ने सुनवाई की. इस दौरान बिलासपुर कलेक्टर अवनीश ने पूर्व आदेश के अनुपालन में शपथपत्र पेश किया. कोर्ट को बताया गया कि डीजे वाहन की टक्कर से यह घटना हुई, न कि तेज आवाज के कारण. मामले में अगली सुनवाई जून महीने में होगी.

बिलासपुर कलेक्टर ने कोर्ट को यह भी बताया कि इस पूरे मामले में डीजे और वाहन मालिक सहित चालक पर प्रथम सूचना रिपोर्ट की गई है. पुलिस इस मामले में जांच कर रही है.

मीडिया जानकारी में बताया गया कि बीते 30 मार्च की शाम को मल्हार के केंवटपारा में हिन्दू नववर्ष के मौके पर जुलूस निकाला गया था. इस दौरान डीजे की तेज आवाज के कारण एक मकान की बालकनी गिर गई, जिससे नीचे खड़े कई लोग घायल हो गए. पांच लोग घायल हैं, जिनमें चार बच्चे हैं. इलाज के दौरान घायल बच्चे की मौत हो गई थी. 

उप महाधिवक्ता शशांक ठाकुर ने रिपोर्ट पेश करते हुए कोर्ट में बताया कि मामले का तथ्य यह है कि जिस वाहन पर डीजे लगा था, उससे बालकनी गिरी और इस तरह यह घटना घटी. इसके मद्देनजर, जिला मजिस्ट्रेट/कलेक्टर, बिलासपुर ने उपरोक्त समाचार रिपोर्ट के संबंध में अपना व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल किया है. बैंच ने मामले में सुनवाई करते हुए सभी तथ्यों पर बारीकी से नजर डालते हुए हलफनामा स्वीकार किया.

पुलिस ने पकड़ी 56 किलो चांदी… ले जाने के तरीके से पुलिस शॉक्ड

रायपुर-  राजधानी रायपुर की खमतराई थाना पुलिस ने 56 किलो चांदी जब्त की है. इसकी कीमत करीब 60 लाख रूपए आंकी गई है. पुलिस के सूत्र बताते है कि ये चांदी युवक दुपहिया वाहन में बोरे में भरकर ले जा रहे थे. संदेह के आधार पर उन्हें जब रोका गया तो पुलिस के होश उड़ गए जब उन्होंने ये देखा कि बोरे के अंदर चांदी भरी हुई है. वजन करने पर पता चला कि ये चांदी 56 किलो 300 ग्राम है. इसे महाराष्ट्र से लाना बताया जा रहा है. पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है कि इस चांदी की खरीदी के दस्तावेज सही है या नहीं, पुलिस ये भी जांच करने में जुट गई है कि ये किस व्यापारी की चांदी है.

खमतराई पुलिस के मुताबिक उन्हें सूचना मिली थी कि दो व्यक्ति दोपहिया वाहन पर अवैध रूप से एल्यूमिनियम जैसी चांदी की सिल्लियां ले जा रहे हैं. वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश और थाना प्रभारी खमतराई के नेतृत्व में पुलिस ने भनपुरी चौक पर नाकाबंदी की. इस दौरान एक ईवी स्कूटर (Ather, नंबर CG 04 PQ 8047) को रोका गया, जिसमें दो लोग सवार थे. पूछताछ में उन्होंने अपना नाम ओंकार जाधव (23 वर्ष) और अजय गेजगे (23 वर्ष), दोनों महाराष्ट्र निवासी, बताया.

पुलिस ने उनके थैले की तलाशी ली, जिसमें 115 सिल्लियां (कुल 56.3 किलोग्राम) एल्यूमिनियम जैसी चांदी की मिलीं. आरोपियों से इनके परिवहन और स्वामित्व के वैध दस्तावेज मांगे गए, लेकिन वे कोई कागजात पेश नहीं कर सके. पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया और उनके कब्जे से चांदी की सिल्लियों के साथ-साथ परिवहन में प्रयुक्त स्कूटर को भी जब्त कर लिया.

आरोपियों के खिलाफ थाना खमतराई में इस्तगासा क्रमांक 02/2025, धारा 35(1), ई बीएनएसएस/303(3) बीएनएस के तहत मामला दर्ज किया गया है.

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में 'विकसित बस्तर की ओर' विषय पर परिचर्चा का हुआ आयोजन

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में आज जगदलपुर में “विकसित बस्तर की ओर” विषय पर एक महत्वपूर्ण परिचर्चा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कृषि विकास एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा बस्तर क्षेत्र के समग्र विकास हेतु विस्तृत रोडमैप प्रस्तुत किया गया। जगदलपुर में आयोजित बस्तर की ओर परिचर्चा में उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा, वन मंत्री केदार कश्यप, सांसद महेश कश्यप, विधायक किरण सिंह देव, विनायक गोयल, प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत, संबंधित विभागों के सचिव, बस्तर संभाग के सभी जिलों के कलेक्टर समेत बस्तर संभाग के किसान,  कृषि उद्योग से जुड़े गणमान्य स्थानीय उपस्थित थे। इस अवसर पर किसानों, व्यापरियों कृषि से सम्बंधित संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने अपने विचार व्यक्त किये।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा की बस्तर को विकास की मुख्य धारा में शामिल करना है। बस्तर को विकास की दिशा में आगे ले जाने के लिए हमे खेती पर ज्यादा जोर देना है , विशेषकर यहां के सीमांत किसानों पर ध्यान देना है। श्री साय ने कहा कि बस्तर के लिए कृषि सबसे बेहतर विकल्प है, इससे स्थानीय जनजातियां जुड़ी हुयी है और लोग अपनी रुचि के अनुसार काम करेंगे तो उसमे सफल भी होंगे। कृषि के विकास के लिए हमने बजट में अतिरिक्त प्रावधान भी किया है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने विशेष जोर देते हुए कहा कि हमें मक्के की खेती को बढ़ाना पड़ेगा। ये कम लागत में तैयार होने वाली और ज्यादा मुनाफा देने वाली फसल है। मक्का के लिए बस्तर की जलवायु काफी अनुकूल है। इसके साथ ही यहां मिलेट्स उत्पादन का काफी ज्यादा स्कोप है, इसकी खेती पर हमे विशेष काम करना होगा।

मुख्यमंत्री श्री साय ने अपने संबोधन में कहा कि बस्तर केवल एक भौगोलिक क्षेत्र नहीं है, यह संस्कृति, परंपरा, संघर्ष और संभावनाओं का संगम है। उन्होंने कहा कि बस्तर क्षेत्र में विकास की अपार संभावनाएं हैं, जिन्हें सशक्त नीति, पारदर्शी प्रशासन और जनभागीदारी से साकार किया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की प्राथमिकता है कि बस्तर को हर दृष्टि से आत्मनिर्भर और समृद्ध बनाया जाए।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि नक्सलवाद हमारे प्रदेश के लिए एक कलंक की तरह रहा है, केन्द्र सरकार के सहयोग से इसे समाप्त करने की दिशा में निर्णायक लड़ाई लड़ी जा रही है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का संकल्प है कि 31 मार्च, 2026 तक देश से नक्सलवाद का समूल नाश किया जाए और छत्तीसगढ़ इस लक्ष्य की प्राप्ति में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। मुख्यमंत्री श्री साय ने यह भी कहा कि नक्सलवाद केवल सुरक्षा की चुनौती नहीं है, बल्कि यह विकास की कमी का परिणाम है। इसलिए आवश्यक है कि हम बस्तर के हर गांव और हर व्यक्ति को विकास की मुख्यधारा से जोड़ें और उन्हें पर्याप्त अवसर प्रदान करें।

परिचर्चा में कृषि उत्पादन आयुक्त शहला निगार ने कृषि क्षेत्र के विकास संबंधी रोडमैप प्रस्तुत करते हुए कहा कि बस्तर की कृषि आधारित अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने हेतु फसल विविधीकरण, जैविक खेती, सिंचाई सुविधा का विस्तार, कृषि यंत्रीकरण, फसल ऋण की सुलभता और कृषि उत्पादों के मूल्य संवर्धन पर विशेष बल दिया जा रहा है। बस्तर संभाग में इस समय 2.98 लाख सक्रिय किसान परिवार हैं, जिनमें से 2.75 लाख को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ मिल चुका है। योजना की 19वीं किस्त के रूप में 64.77 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है। शेष पात्र परिवारों का सत्यापन कर उन्हें भी योजना से जोड़ा जा रहा है। उन्होंने बताया कि बस्तर में 7 कृषि विज्ञान केंद्र, 4 कृषि महाविद्यालय, 2 उद्यानिकी महाविद्यालय, 1 वेटरनरी पॉलीटेक्निक कॉलेज और 1 कृषक प्रशिक्षण केंद्र संचालित हो रहे हैं। इसके अलावा 29 उद्यान रोपणियाँ, 9 शासकीय मत्स्य प्रक्षेत्र, एक पोल्ट्री प्रक्षेत्र तथा एक शासकीय सुअर पालन केंद्र भी कार्यरत हैं। केसीसी कवरेज वर्तमान में 86 प्रतिशत तक पहुंच चुका है और आगामी तीन वर्षों में 1.25 लाख नए केसीसी जारी करने का लक्ष्य है।