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अमेरिका में क्यों कैंसिल हो रहा स्टूडेंट वीजा? भारत के 3 लाख स्टूडेंट्स की बढ़ी परेशानी

#whyusstudentvisacancelled

टैरिफ वॉर के बीच अमेरिका में अब विदेशी छात्रों की परेशानी बढ़ गई है। ट्रंप की सरकार में इमिग्रेशन नीतियों को कड़ा किया गया है। सैकड़ों छात्रों को स्टूडेंट वीजा रद्द कर उन्हें डिपोर्ट किया गया है। अमेरिका में पढ़ने वाले भारतीय छात्रों पर भी एक्शन लिया गाय है। मौजूदा सरकार की नीतियों की वजह विदेशी छात्रों और यूनिवर्सिटीज दोनों की परेशानी बढ़ गई है।

अमेरिका में पढ़ाई कर रहे छात्रों के F-1 वीजा को मामूली अपराधों के आधार पर रद्द करना शुरू कर दिया है। इनमें ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन, डिंक एंड ड्राइव, ओवर स्पीडिंग और शॉप-लिफ्टिंग जैसे अपराध शामिल हैं। सिर्फ इतना ही नहीं, बल्कि फिलिस्तीन समर्थक बयानबाजी, विरोध-प्रदर्शन और सोशल मीडिया पर पोस्टिंग को लेकर भी वीजा कैंसिल हुए हैं। अधिकारी आव्रजन और राष्ट्रीयता अधिनियम के तहत शायद ही कभी इस्तेमाल की जाने वाली शक्तियों का इस्तेमाल कर रहे हैं। इससे छात्र अनिश्चितता में हैं।

वीजा कैंसिल होने से स्टूडेंट परेशान

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की वजह से दुनिया में नया टैरिफ वॉर छिड़ गया है। इससे सभी देश पहले ही परेशान हैं। अब ट्रंप सरकार ने जिस तरह से छात्रों के खिलाफ रुख अपनाया है उसने एक नई समस्या को जन्म दे दिया है। अमेरिका ने दुनिया के कई छात्रों को अमेरिका छोड़ने की हिदायत दी है, इनमें भारतीय छात्र भी शामिल हैं। इनका वीजा रद्द कर दिया गया है और मेल भेजकर इन्हें इस बात की जानकारी भी दे दी गई है। इनसे कह दिया गया है कि वह खुद डिपोर्ट हो जाएं।

कई छात्रों ने दावा किया कि उनकी पुरानी गलतियों को आधार बना जा रहा है, जिनकी सभी कानूनी कार्रवाई पूरी हो चुकी हैं। एक छात्र ने बताया कि उसने 2 साल पहले स्पीडिंग का उल्लंघन किया था और जुर्माना भर दिया था। एक अन्य ने शराब पीकर गाड़ी चलाने के बाद सभी शर्तें पूरी की थीं।

वीजा पर नई नीति काफी सख्त

अमेरिका ने हाल ही में वीजा के लिए एक नया नियम बनाया था। अमेरिका में F-1 , M-1 और J-1 वीजा दिए जाते हैं, जिन्हें स्टूडेंट वीजा के तौर पर जाना जाता है। इस वीजा के जरिए स्टूडेंट्स अमेरिका के कॉलेजों और यूनिवर्सिटीज में पढ़ने जाते हैं। स्टूडेंट वीजा विदेश विभाग द्वारा जारी किया जाता है। छात्रों को फुल-टाइम स्टूडेंट के तौर पर पढ़ने के लिए वीजा मिलता है। वीजा मिलने के बाद उन्हें सख्त नियमों का पालन करना होता है। पहले किसी का वीजा रद्द होने पर भी उन्हें पढ़ने की इजाजत थी, लेकिन नई नीतियों के बाद अब उन्हें तुरंत देश छोड़ना होगा।

वीजा अप्लाई करने वालों के सोशल मीडिया अकाउंट पर नजर

यूएस सेक्रेटरी ऑफ स्टेट मार्को रुबियो ने खुद ये बताया था कि मार्च से अमेरिका में वीजा के लिए अप्लाई करने वालों का सोशल मीडिया अकाउंट भी खंगाला जाएगा। इसका उद्देश्य ये था कि जिन लोगों ने किसी भी तरह इजराइल या अमेरिका की सोशल मीडिया पर आलोचना की है उन्हें अमेरिका आने से रोका जा सके। इसके अलावा रूबियो ने अमेरिका में पढ़ रहे विदेशी छात्रों के सोशल मीडिया अकाउंट पर भी नजर रखने को कहा था। इसके बाद से अमेरिका में वीजा रद्द करने का काम तेजी पकड़ चुका है।

कैसे दोस्त की गवाही ने बढ़ाई तहव्वुर राणा की मुश्किलें? डेविड हेडली ने खोले थे मुंबई हमले की साजिश के राज

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26/11 मुंबई हमले को अंजाम देने में अहम भूमिका निभाने वाले तहव्वुर राणा भारत आ चुका है। अमेरिका से तहव्वुर राणा का प्रत्यार्पण सरकार, भारतीय एजेंसियों और भारत की डिप्लोमेसी की बहुत बड़ी जीत मानी जा रही है। राणा पर आतंकी हमलों की साजिश रचने का आरोप है। इसका खुलासा उसके बचपन के दोस्त और आतंकी हमलों के मुख्य आरोपी डेविड कोलमैन हेडली की गवाही से हुआ था।

सबसे पहले जानते हैं डॉक्टर से बिजनेसमैन और फिर आतंकी बना तहव्वुर हुसैन राणा के बारे में। 26/11 आतंकी हमले का साजिशकर्ता 64 वर्षीय तहव्वुर राणा का जन्म पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के चिचावतनी शहर में हुआ था। मेडिकल की पढ़ाई पूरी करने के बाद वह पाकिस्तानी सेना की मेडिकल कोर में शामिल हो गया। लेकिन, 1990 के दशक के आखिर में तहव्वुर राणा ने पाकिस्तानी आर्मी छोड़ दी और कनाडा चला गया। लेकिन, यहां भी कुछ साल रहने के बाद वह अमेरिका चला गया और यहां इसने शिकागो में अपना इमिग्रेशन बिजनेस शुरू किया। तहव्वुर ने ‘फर्स्ट वर्ल्ड इमिग्रेशन सर्विसेज’ नाम से अपना कारोबार जमाया।

हेडली के संपर्क में आकर राणा आतंकी गतिविधियों से जुड़ा

राणा के इसी ऑफिस ने हेडली को भारत में आने में मदद की। हेडली का असली नाम दाऊद सईद गिलानी था। वह एक पाकिस्तानी-अमेरिकी नागरिक है। उसका पिता पाकिस्तानी है और मां अमेरिका से ताल्लुक रखती हैं। अमेरिका में डेविड हेडली के संपर्क में आने के बाद तहव्वुर राणा आतंकी गतिविधियों में शामिल हो गया। इस दौरान वह लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ गया। भारतीय जांच एजेंसियों के अनुसार, राणा ने 26/11 मुंबई हमलों की योजना बनाने में हेडली की मदद की थी। हेडली और राणा ने कथित तौर पर लश्कर-ए-तैयबा और हरकत-उल जिहादी इस्लामी के साथ मिलकर मुंबई और अन्य भारतीय शहरों में हमले करने की साजिश रची थी।

2016 में हेडली मुंबई की विशेष कोर्ट में हुआ था पेश

मुंबई में हुए आतंकवादी हमले के करीब एक साल बाद दोनों को गिरफ्तार किया गया था। अक्टूबर 2009 में अमेरिकी अधिकारियों ने हेडली और तहव्वुर राणा को गिरफ्तार किया था। 2010 में हेडली ने सभी आरोपों को स्वीकार कर लिया था। उसने यह बात कबूल की थी कि 26/11 आतंकी हमले में उसकी भूमिका थी। 2016 में हेडली अमेरिका की अज्ञात जगह से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मुंबई की एक विशेष कोर्ट के समक्ष पेश हुआ था। उससे विशेष लोक अभियोजक उज्ज्वल निकम और बचाव पक्ष के वकील वहाब खान ने पूछताछ की थी।

इस दौरान हेडली ने खुलासा किया कि वह राणा के साथ लगातार संपर्क में था। दोनों ने अपनी अवैध गतिविधियों को छिपाने के लिए मुंबई में एक व्यावसायिक कार्यालय खोलने की अनुमति भी ली थी।

5 साल का बिजनेस वीजा दिलाने में मदद की

गवाही के दौरान हेडली ने कहा था, जुलाई 2006 में मैं राणा से मिलने के लिए शिकागो गया था और उसे उस मिशन (मुंबई पर हमले) के बारे में बताया था जो लश्कर ने मुझे सौंपा था। राणा ने मुंबई में एक फर्स्ट वर्ल्ड इमिग्रेशन सर्विसेज नाम से कार्यालय स्थापित करने की मेरी योजना को मंजूरी दी थी और उसे 5 साल का बिजनेस वीजा प्राप्त करने में मदद की थी।

हमलों से पहले 8 बार भारत आ हेडली

हेडली ने कहा था, मुंबई पर हमला करने वाले 10 आतंकवादियों ने उसी साल सितंबर-अक्टूबर में हमले के असफल प्रयास किए थे। हेडली ने कहा कि वह हमलों से पहले 8 बार और बाद में एक बार भारत आया था। हेडली ने बताया कि उसने रैकी की और बॉलीवुड सितारों से दोस्ती की। हेडली ने ये भी बताया कि उसने आईएसआई के मेजर अली और मेजर इकबाल से मुलाकात की, जिन्होंने उसकी मुलाकात हैंडलर साजिद मीर से करवाई।

तहव्वुर राणा के भारत आने से खौफ में पाकिस्तान, आतंकी से झाड़ा पल्ला

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मुंबई 26/11 आतंकी हमले का मुख्य आरोपी तहव्वुर राणा अमेरिका से भारत प्रत्यर्पित हो चुका है। मुंबई हमले के साजिशकर्ता तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण की खबर सुनते ही पाकिस्तान घबराहट में है। राणा के प्रत्यर्पण पर पहली बार पाकिस्तान ने अपना बयान जारी किया है, जिसमें पाकिस्तानी विदेश कार्यालय ने भारत पर हुए सबसे बड़े आतंकी हमले के आरोपी से खुद को अलग कर लिया है। पाकिस्तान का कहना है कि तहव्वुर राणा पाकिस्तान का नागरिक नहीं है।

पाकिस्तान में जन्मे तहव्वुर हुसैन राणा के भारत प्रत्यर्पण को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में पाकिस्तान विदेश मंत्रालय ने उसे कनाडाई नागरिक बताया और उसका पाकिस्तान कनेक्शन होने से पल्ला झाड़ने की कोशिश की। पाकिस्तान विदेश कार्यालय ने एक वीडियो बयान में कहा, "तहव्वुर राणा ने पिछले दो दशकों में अपने पाकिस्तानी दस्तावेजों का नवीनीकरण नहीं कराया है। उसकी कनाडाई राष्ट्रीयता बहुत स्पष्ट है।"

भले ही पाकिस्तान तहव्वुर राणा से अपने कनेक्शन से इनकार करे और भले ही राणा के पास कनाडा की नागरिकता हो, लेकिन ये भी सच है कि उसका जन्म पाकिस्तान में हुआ है। यहीं उसने मेडिकल की पढ़ाई की है और पाकिस्तान सेना में 10 साल डॉक्टर रह चुका है। 1997 में वह कनाडा चला गया, जिसके 3 साल बाद उसने अमेरिका के शिकागो में इमीग्रेशन का काम शुरू किया। उसके पास कनाडाई नागरिकता है, लेकिन वह शिकागो में रहता है।

अब जबकि तहव्वुर राणा को भारत लाया गया है तो पाकिस्तान राणा से खुद को इसलिए अलग कर रहा है क्योंकि तहव्वुर राणा पाकिस्तानी सेना, आईएसआई का अंदरूनी सूत्र है। आतंकी राणा अब मुंबई 26/11 हमलों की साजिश में पाकिस्तान की प्रत्यक्ष भूमिका के बारे में खुलासा करेगा।

आखिरकार दिल्ली पहुंच ही गया आतंकी तहव्वुर राणा, एयरपोर्ट से ले जाया जाएगा NIA दफ्तर*

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26/11 मुंबई हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा को अमेरिका से एनआईए की 7 सदस्यीय टीम लेकर दिल्ली आ चुकी है। जांच एजेंसी एनआईए की टीम ने दिल्ली में प्लेन के लैंड होते ही आतंकी तहव्वुर राणा को गिरफ्तार कर लिया। अब तहव्वुर राणा का मेडिकल कराया जाएगा और फिर एनआईए उसे कोर्ट में पेश करेगी। राणा को अमेरिका से भारत लाए जाने के बाद तिहाड़ जेल के उच्च सुरक्षा वाले वार्ड में रखा जा सकता है। 

मुंबई 26/11 आतंकी हमलों के 17 साल बाद आज मास्‍टरमाइंड तहव्‍वुर हुसैन राणा भारत आ गया है। अमेरिका से प्रत्‍यर्पण के बाद वो कड़ी सुरक्षा व्‍यवस्‍था के बीच दिल्‍ली के पालम एयरपोर्ट पर लैंड हुआ। इसके साथ ही एनआईए ने उसे आधिकारिक रूप से अरेस्‍ट कर लिया। मेडिकल जांच के बाद उसे सीधे पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया जा सकता है। राणा की कस्‍डडी की मांग कोर्ट से की जाएगी।

दिल्‍ली के पालम हवाई अड्डे पर प्‍लेन लैंड होने के बाद राणा को पहले एनआईए हेडक्‍वार्टर ले जाया जाएगा। राणा को सुरक्षित एनआईए दफ्तर तक ले जाने के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। उसे ले जाने के लिए पालम एयरपोर्ट से एनआईए ऑफिस तक ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया है। कई लेयर सिक्योरिटी होगी। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के SWAT कमांडो के सुरक्षा घेरे में जायेगा राणा।

तहव्वुर राणा की सुरक्षा के लिए थर्ड बटालियन की एक खास टीम तैनात की गई है। इस टीम में एक जेल वैन के साथ एक पायलट कार और एक एस्कॉर्ट कार भी होगी। टीम में कुल 15 पुलिसकर्मी होंगे, जो सभी आधुनिक हथियारों से लैस रहेंगे। यह टीम तहव्वुर राणा को सुरक्षित तरीके से एआईए मुख्यालय तक लेकर जाएगी।

ट्रंप के टैरिफ से आंध्र के सीएम की क्यों बढ़ी टेंशन? केंद्र सरकार चिट्ठी लिखकर की बड़ी मांग

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ घोषणाओं ने पूरी दुनिया में हड़कंप मचा रखा है। भारत पर भी ट्रंप ने 26 फीसदी का जवाबी शुल्क लगाया है। इस बीच आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने केंद्र को पत्र लिखकर राज्य के मछली पालन उत्पादों के लिए मदद मांगी है। नायडू ने केंद्र सरकार से अनुरोध किया है कि वह यह सुनिश्चित करे कि झींगा जैसे उत्पादों को अतिरिक्त शुल्क से छूट दी जाए।

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखा है। इस पक्ष के जरिए नायडू ने उनसे राज्य के जलीय कृषि क्षेत्र को अपना समर्थन देने का आग्रह किया है, जिसे अमेरिकी टैरिफ वृद्धि के कारण भारी नुकसान हो रहा है।

ट्रंप के टैरिफ से नायडू क्यों परेशान?

अमेरिका द्वारा लागू किए गए इस नए टैरिफ ने भारतीय झींगा निर्यातकों को प्रतिस्पर्धी नुकसान में डाल दिया है। अधिकारियों के मुताबिक, एक्वा किसान और झींगा और मछली निर्यातक 5 से 6 प्रतिशत मार्जिन पर काम करते हैं। ट्रंप प्रशासन ने भारत से एक्वा निर्यात पर 27 प्रतिशत टैरिफ लगाया है। इसके अलावा अमेरिकी वाणिज्य विभाग की ओर से 5.77% प्रतिपूरक शुल्क और 1.38% एंटी-डंपिंग शुल्क लगाया गया है। इससे निर्यात की लागत में भारी वृद्धि होगी।

झींगा मछली की बिक्री पर क्या होगा असर?

वहीं, दूसरी तरफ भारत के साथ प्रतिस्पर्धा करने वाले देशों, खासकर इक्वाडोर को कम टैरिफ का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि अमेरिका दक्षिण अमेरिकी देश पर केवल 10 प्रतिशत टैरिफ लगाया है। इससे भारतीय जलीय किसानों के हितों को नुकसान पहुंचेगा। नए टैरिफ की भरपाई के लिए, एक्वा उत्पाद निर्यातकों को कीमतें बढ़ानी होंगी। इससे इक्वाडोर, वियतनाम और ताइवान जैसे देशों की तुलना में भारत से झींगा और मछली अधिक महंगी हो जाएगी।

किसानों के सामने बड़ा संकट

निर्यात में गिरावट आती है, तो भारतीय किसानों को उत्पादन कम करना होगा। आंध्र प्रदेश में 5 लाख से अधिक एक्वा किसान काम करते हैं, जिनमें से अधिकांश पूर्व अविभाजित पूर्वी और पश्चिमी गोदावरी जिलों में हैं। अगर राज्य को उत्पादन कम करने के लिए मजबूर किया जाता है, तो इन किसानों और उनके परिवारों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।

आंध्र प्रदेश झींगा उत्पादन में अग्रणी राज्य

बता दें कि आंध्र प्रदेश भारत के झींगा उत्पादन में अग्रणी राज्य है, जो देश के कुल उत्पादन का लगभग 70% हिस्सा योगदान देता है। 2023-24 में भारत ने अमेरिका को 2.55 बिलियन डॉलर मूल्य के समुद्री उत्पाद निर्यात किए, जिसमें झींगा 92% हिस्सा रखता है। इस उद्योग का राज्य के सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) में लगभग 8-11% योगदान है। इससे करीब 50 लाख लोग प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हैं।

कंगना रनौत का कैसा बयान? कांग्रेस को बताया अंग्रेजों की भूली-बिसरी औलाद

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हिमाचल प्रदेश के मंडी संसदीय क्षेत्र की सांसद और अभिनेत्री कंगना रनौत ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला है।कंगना रनौत ने कहा कि भाजपा सनातनी संस्कृति से जुड़ी हुई है। वहीं, कांग्रेस अंग्रेजों की भूली-बिसरी औलाद है। कांग्रेस की विचारधारा चोर-चोर मौसेरे भाई जैसी है। जहां भी कांग्रेस के नेता मिलते हैं, वहां चोर इक्ट्ठा हो जाते हैं और डाकुओं का गैंग बन जाती है।

कांग्रेस पाकिस्तान के साथ मिली हुई-कंगना

कंगना सुंदरनगर विधानसभा क्षेत्र के कांगू में एक जनसभा को संबोधित कर रहीं थी। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में विधानसभा और लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस नेत्री अल्का लांबा ने महिलाओं से बड़े-बड़े वायदे किए थे, लेकिन कांग्रेस झूठी और मक्कार होने के कारण झूठ बोलकर चली गई। कंगना रनौत ने कांग्रेस पर हमला जारी रखते हुए कहा कि कांग्रेस पाकिस्तान के साथ मिली हुई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा आम लोगों को डराकर रखा। उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस कार्यकाल में पार्लियामेंट और जगह-जगह आतंकवादी हमले करवाए गए। अब देश का नेतृत्व एक सशक्त व्यक्ति के हाथ में है। अब पाकिस्तान मुंह तक खोल नहीं सकता है।

5 करोड़ रुपये की मदद का दावा

कंगना ने कांग्रेस पर झूठे वादे करने का भी आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि मंडी से पूर्व कांग्रेस सांसद प्रतिभा सिंह ने सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास निधि से निर्वाचन क्षेत्र को किसी भी तरह की आर्थिक मदद नहीं दी है। उन्होंने अपने बारे में जिक्र करते हुए कहा कि पिछले आठ महीनों में रामपुर से भरमौर तक मंडी के सभी क्षेत्रों में 5 करोड़ रुपये दिए।

तहव्वुर राणा को बिरयानी देने की जरूरत नहीं...', जानें किसने सरकार से की तुरंत फांसी देने की मांग

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मुंबई आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर राणा अमेरिका से भारत प्रत्यर्पित किया जा चुका है। कुछ ही घंटे में आतंकी तहव्वुर राणा भारत की धरती पर होगा। तहव्वुर राणा की भारत वापसी से पहले उसके प्रत्यार्पण पर लोगों की प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गई है। 26/11 अटैक के एक हीरो ने कहा, भारत को उसे आतंकी कसाब की तरह सेल, बिरयानी या और सुविधाएं देने की कोई जरूरत नहीं है। उसे तरंत फांसी दे देनी चाहिए।

छोटू चाय वाला' के नाम से मशहूर मोहम्मद तौफीक को मुंबई आतंकी हमले के हीरो के तौर पर पहचान मिली है। मोहम्मद तौफीक ने हमलों में कई लोगों की जान बचाई थी। अब जब उस हमले का आरोपी भारत के शिकंजे में है, तो उन्होंने कहा कि भारत को तहव्वुर राणा को जेल में खास सेल, बिरयानी और वैसी सुविधाएं देने की कोई जरूरत नहीं है, जो मुंबई हमलों में शामिल आतंकवादियों में से एक अजमल कसाब को दी गई थीं।

न्यूज़ एजेंसी एएनआई से बातचीत में उन्होंने कहा, मैं सबसे पहले ट्रंप जी और अमेरिका की सरकार का धन्यवाद करना चाहता हूं कि इतने बड़े मास्टर माइंड को इंडिया को सौंप दिया। आगे उन्होंने कहा कि, सरकार अपना काम कायदे से करे। पीएम नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपति से रिक्वेस्ट करता हूं कि 15 दिन के अंदर मिल जाए (फांसी) तो बहुत अच्छी बात है। छोटू चाय वाला ने आगे कहा, मैं दुबई और सउदी के बारे में सुनता हूं कि चोरी पर हाथ काट दिया जाता है, यहां भी आतंकवादी के लिए सिस्टम बनना चाहिए। फास्ट ट्रैक में केस चलना चाहिए।

कन्ट्रोवर्सी क्वीन” कंगना रनौत के दावों की खुली पोल, बिजली विभाग ने बताई 90 हजार बिल की सच्चाई

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बॉलीवुड एकट्रेस और बीजेपी सांसद कंगना रनौत हिमाचल प्रदेश में अपने घर के बिजली बिल को लेकर दिए बयान के बाद विवादों में घिर गईं हैं। बीते रोज कंगना ने मंडी में कहा था कि उनका मनाली वाले घर का एक लाख रुपये बिजली बिल आया है जबकि वह, वहां रहती भी नहीं है और ये सरकार भेड़ियों का झुंड है। लेकिन अब बिजली विभाग ने कंगना के दावे के पोल खोल दी है। बिजली विभाग ने उनके सारे आरोपों का खंडन किया है साथ ही बताया है कि कंगना बिजली बिल की डिफॉल्टर भी हैं।

कंगना के इस दावे पर हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड (एचपीएसईबीएल ) ने जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि यह बिल दो महीनों का बकाया था। विभाग ने आरोप लगाया कि कंगना रनौत ने समय पर बिजली बिल नहीं चुकाया। हिमाचल प्रदेश इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड के एमडी संदीप कुमार ने इस मामले पर शिमला में प्रेस कॉन्फ्रेंस की और मंडी की सांसद कंगना रनौत के मनाली स्थित आवास के बिजली बिल से संबंधित खबरों पर सफाई दी है। संदीप कुमार ने कहा कि कंगना रनौत के नाम पर सिमसा गांव में घरेलू बिजली कनेक्शन है। उनके आवास का दो महीने का बकाया बिजली बिल 90,384 रुपये है और यह कहना गलत है कि यह बिल एक महीने का हैय़

बिलों के भुगतान में हर बार देरी

विद्युत बोर्ड ने अपने बयान में कहा कि कंगना रनौत ने हमेशा अपने महीने के बिजली बिलों का भुगतान देर से किया है। जनवरी और फरवरी के बिलों का भुगतान 28 मार्च 2025 को किया गया, जिनकी कुल खपत 14,000 यूनिट थी। इससे यह स्पष्ट होता है कि उनकी औसत मासिक खपत बहुत अधिक है, जो 5,000 से 9,000 यूनिट के बीच है। बिजली विभाग ने बताया कि कंगना ने अक्टूबर से दिसंबर तक के बिजली बिलों का भुगतान समय पर नहीं किया। बाद में जनवरी तथा फरवरी के बिजली बिल भी समय पर कंगना की तरफ से नहीं भरे गए हैं। बिल के अनुसार, कंगना के घर की दिसंबर की बिजली खपत 6,000 यूनिट थी और बकाया 31,367 रुपये था, जबकि फरवरी की बिजली खपत 9,000 यूनिट थी और बिल 58,096 रुपये का था। कंगना रनौत के आवास का अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर 2024 महीने का बिजली बिल 82,061 रुपये था, जिसका भुगतान 16 जनवरी 2025 को किया गया। अहम बात है कि कंगना रनौत अपने बिजली बिलों का भुगतान हर बार देर से करती हैं।

कंगना ले रहीं हैं बिजली बिलों पर सब्सिडी का लाभ

बोर्ड ने यह भी स्पष्ट किया कि मंड़ी की सांसद कंगना रनौत हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा प्रदान की जा रही बिजली सब्सिडी का लाभ भी उठा रही हैं। फरवरी 2025 के बिजली बिल में कंगना रनौत को 700 रुपये की सब्सिडी मिली। 22 मार्च 2025 को जारी 90,384 रुपये का बिजली बिल दो महीने की खपत का है और इसमें पहले किए गए 32,287 रुपये के भुगतान को भी शामिल किया गया है। इसलिए, एक महीने का बिल होने का दावा पूरी तरह से भ्रामक है।

कांग्रेस सरकार पर बढ़ते बिजली बिलों को लेकर साधा था निशाना

कंगना रनौत ने हाल ही में एक आयोजन के दौरान अपने मनाली वाले घर पर आए भारी बिजली बिल को लेकर कांग्रेस के नेतृत्व वाली हिमाचल प्रदेश सरकार की जमकर आलोचना की थी। कंगना ने कहा था कि इस महीने मेरे मनाली का घर का एक लाख बिजली का बिल आया, जहां मैं रहती भी नहीं हूं। इतनी दुर्दशा हुई है। हम पढ़ते हैं और शर्मिंदगी होती है कि ये क्या हो रहा है।

भारत पहुंचते ही तहव्वुर के साथ क्या होगा, कसाब की सेल हो सकती है नया ठिकाना, दिल्ली से मुंबई तक चौकसी

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2008 मुंबई आतंकी हमलों का दोषी तहव्वुर राणा को आज भारत लाया जाएगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक, जांच एजेंसी एनआईए और खुफिया एजेंसी रॉ की एक जॉइंट टीम तहव्वुर को लेकर बुधवार को स्पेशल फ्लाइट से रवाना हो चकी है। फ्लाइट आज दोपहर दिल्ली एयरपोर्ट पर लैंड होगी। यहां से तहव्वुर को गिरफ्तार कर एनआईए हेडक्वाटर ले जाया जाएगा। वहीं से उसे अदालत में पेश किया जाएगा। शुरू में उसे तिहाड़ जेल में रखा जाएगा। दिल्ली के बाद राणा को मुंबई लाया जा सकता है। भारत में राणा को रखने के लिए दिल्ली और मुंबई की दो जेलों में तैयारियां की गई हैं।

भारत पिछले 17 वर्षों से राणा और उसके साथी डेविड कोलमैन हेडली के प्रत्यर्पण की कोशिश में लगा था। हेडली के मामले में भारत को फिलहाल खास सफलता नहीं मिली है, लेकिन तहव्वुर राणा के मामले में अमेरिका की निचली अदालतों से लेकर सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के दावों को मानते हुए उसके प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी। जिसके बाद देश का गुनहगार शिकंजे में आ ही गया है।

राणा को भारत ला कर एनआईए की अदालत में पेश किया जाएगा। एनआईए पूछताछ के लिए अदालत से उसकी हिरासत मांगेगी। इसके साथ ही भारत में राणा के खिलाफ मुंबई आतंकी हमला मामले में न्यायिक प्रक्रिया की शुरुआत होगी। एनआईए उससे कई हफ्ते तक पूछताछ कर सकती है। एनआईए की पूछताछ के बाद राणा से पूछताछ के लिए मुंबई पुलिस भी अदालत में अर्जी लगा सकती है।

इधर, दिल्ली के तिहाड़ जेल प्रशासन ने तहव्वुर राणा के लिए उच्च सुरक्षा वाला जेल वार्ड बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। दूसरी तरफ, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने फरवरी में संकेत दिए थे कि तहव्वुर राणा को उसी जेल में रखा जाएगा, जहां 26/11 हमले को अंजाम देने वाले आतंकी अजमल कसाब को रखा गया था। हालांकि, राणा को कहां रखा जाएगा इस पर अंतिम फैसला गृह मंत्रालय लेगा।

बता दें कि आर्थर रोड जेल के बैरक नंबर 12 में पाकिस्तानी आतंकवादी अजमल कसाब को फांसी से पहले एक सुरक्षित सेल में रखा गया था। उसे नवंबर 2012 में फांसी दी गई थी। जेल के एक सूत्र ने बताया कि राणा को बैरक नंबर 12 के ग्राउंड फ्लोर पर स्थित तीन सेलों में से किसी एक में रखा जा सकता है। वहीं, आर्थर रोड जेल के एक अधिकारी ने बताया कि अभी तक कोई आदेश नहीं आया है। जब राणा को यहां लाया जाएगा, तब हम देखेंगे कि उसे कहां रखना है। इसका मतलब है कि जेल प्रशासन को अभी तक राणा को रखने के बारे में कोई खास जानकारी नहीं मिली है।

राणा पाकिस्तानी-अमेरिकी आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली का करीबी है। वह 26 नवंबर 2008 को मुंबई में कई जगह पर हुए हमलों के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक है। इस हमले में छह अमेरिकी नागरिकों समेत 166 लोग मारे गए थे। इन हमलों को 10 पाकिस्तानी आतंकवादियों ने अंजाम दिया था। सुरक्षा बलों के साथ हुई मुठभेड़ में नौ आतंकी मारे गए थे। कसाब नाम के एक आतंकी को जिंदा पकड़ा गया था। लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद कसाब को मुंबई की एक जेल में फांसी दे दी गई थी। मुंबई हमले में सजा पाने वाला एक मात्रा आतंकी कसाब ही था। उसके अलावा अभी तक किसी भी व्यक्ति को सजा नहीं हुई है।

मुंबई का गुनहगार तहव्वुर राणा भारत आ रहा, दिल्ली पहुंचते ही एयरपोर्ट पर होगा गिरफ्तार, एयरपोर्ट से लेकर कोर्ट तक हलचल

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मुंबई आतंकी हमले का मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा अब से कुछ देर में भारत पहुंचने वाला है। उसे अमेरिका से प्रत्‍यर्पण के बाद लाया जा रहा है। तहव्वुर को जिस विमान से लाया जा रहा है वो दिल्ली में उतरेगा। दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरते ही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) उसे गिरफ्तार कर लेगी। यहां पहुंचने के बाद तहव्वुर राणा का मेडिकल कराया जाएगा और फिर एनआईए उसे कोर्ट में पेश करेगी। राणा को अमेरिका से भारत लाए जाने के बाद तिहाड़ जेल के उच्च सुरक्षा वाले वार्ड में रखा जा सकता है। इस बीच, एयरपोर्ट पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। SWAT कमांडो की टीम एयरपोर्ट पहुंच गई है।

राणा ने प्रत्यर्पण से बचने के आखिरी दांव के रूप में अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। दो दिन पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी थी। राणा को भारत लाने के लिए पहले से ही अमेरिका में भारतीय एजेंसियों की टीम पहुंच गई थी। फैसले के बाद टीम ने अमेरिकी अधिकारियों के साथ राणा के प्रत्यर्पण की कागजी व कानूनी प्रक्रियाएं पूरी कीं और हिरासत में ले लिया।

प्रत्यर्पण से बचने के लिए अपनाए कई हथकंडे

इससे पहले भी राणा ने बीमारी और भारत में अपनी जान को खतरा बताकर प्रत्यर्पण से छूट मांगी थी।राणा ने 27 फरवरी को अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट की एसोसिएट न्यायाधीश व नाइंथ सर्किट की सर्किट जज एलेना कागन के समक्ष बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका के लंबित मुकदमे पर रोक के लिए आपातकालीन आवेदन दिया था। गत माह की शुरुआत में ही जज कागन ने अर्जी खारिज कर दी थी। इसके बाद राणा ने फिर से अर्जी दी। 4 अप्रैल को इस पर सुनवाई हुई और सुप्रीम कोर्ट ने अपील खारिज कर दी।

तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण मोदी सरकार की बड़ी सफलता: अमित शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कहा कि 26/11 मुंबई आतंकवादी हमले के प्रमुख आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा का प्रत्यर्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार की बड़ी सफलता है। राणा को बहुत जल्द ही अमेरिका से भारत लाए जाने की उम्मीद है, क्योंकि अमेरिकी उच्चतम न्यायालय ने उसे भारत प्रत्यर्पित करने के फैसले के खिलाफ उसके आवेदन को खारिज कर दिया है।

आतंकी हमलों का साजिशकर्ता राणा

64 साल का राणा कनाडाई नागरिक है। मुंबई हमलों के मामले में वह दूसरे मुख्य साजिशकर्ता डेविड कोलमन हेडली के बचपन का दोस्त भी है। आरोप है, हेडली और राणा ने पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के साथ मिलकर मुंबई समेत भारत में कई जगहों पर आतंकी हमलों की साजिश रची थी। राणा पर आरोप है कि उसने हेडली को वीजा दिलाने और मुंबई में हमले की साजिश रचने में मदद की थी।

166 लोगों की गई थी जान

मुंबई में 2008 के 26/11 हमले में छह अमेरिकियों समेत कुल 166 लोगों की जान गई थी।26 नवंबर 2008 को 10 पाकिस्तानी आतंकवादियों के एक समूह ने मुंबई में एक रेलवे स्टेशन, दो होटलों र एक यहूदी केंद्र पर हमला किया था। साल 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों में छह अमेरिकियों समेत कुल 166 लोग मारे गए थे। इन हमलों को 10 पाकिस्तानी आतंकवादियों ने अंजाम दिया था। इसी मामले में नवंबर 2012 में, पाकिस्तान के आतंकवादी अजमल कसाब को पुणे की यरवदा जेल में फांसी दे दी गई थी। भारत कई वर्षों से राणा के प्रत्यर्पण का प्रयास कर रहा था।