कैसे दोस्त की गवाही ने बढ़ाई तहव्वुर राणा की मुश्किलें? डेविड हेडली ने खोले थे मुंबई हमले की साजिश के राज
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26/11 मुंबई हमले को अंजाम देने में अहम भूमिका निभाने वाले तहव्वुर राणा भारत आ चुका है। अमेरिका से तहव्वुर राणा का प्रत्यार्पण सरकार, भारतीय एजेंसियों और भारत की डिप्लोमेसी की बहुत बड़ी जीत मानी जा रही है। राणा पर आतंकी हमलों की साजिश रचने का आरोप है। इसका खुलासा उसके बचपन के दोस्त और आतंकी हमलों के मुख्य आरोपी डेविड कोलमैन हेडली की गवाही से हुआ था।
सबसे पहले जानते हैं डॉक्टर से बिजनेसमैन और फिर आतंकी बना तहव्वुर हुसैन राणा के बारे में। 26/11 आतंकी हमले का साजिशकर्ता 64 वर्षीय तहव्वुर राणा का जन्म पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के चिचावतनी शहर में हुआ था। मेडिकल की पढ़ाई पूरी करने के बाद वह पाकिस्तानी सेना की मेडिकल कोर में शामिल हो गया। लेकिन, 1990 के दशक के आखिर में तहव्वुर राणा ने पाकिस्तानी आर्मी छोड़ दी और कनाडा चला गया। लेकिन, यहां भी कुछ साल रहने के बाद वह अमेरिका चला गया और यहां इसने शिकागो में अपना इमिग्रेशन बिजनेस शुरू किया। तहव्वुर ने ‘फर्स्ट वर्ल्ड इमिग्रेशन सर्विसेज’ नाम से अपना कारोबार जमाया।
हेडली के संपर्क में आकर राणा आतंकी गतिविधियों से जुड़ा
राणा के इसी ऑफिस ने हेडली को भारत में आने में मदद की। हेडली का असली नाम दाऊद सईद गिलानी था। वह एक पाकिस्तानी-अमेरिकी नागरिक है। उसका पिता पाकिस्तानी है और मां अमेरिका से ताल्लुक रखती हैं। अमेरिका में डेविड हेडली के संपर्क में आने के बाद तहव्वुर राणा आतंकी गतिविधियों में शामिल हो गया। इस दौरान वह लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ गया। भारतीय जांच एजेंसियों के अनुसार, राणा ने 26/11 मुंबई हमलों की योजना बनाने में हेडली की मदद की थी। हेडली और राणा ने कथित तौर पर लश्कर-ए-तैयबा और हरकत-उल जिहादी इस्लामी के साथ मिलकर मुंबई और अन्य भारतीय शहरों में हमले करने की साजिश रची थी।
2016 में हेडली मुंबई की विशेष कोर्ट में हुआ था पेश
मुंबई में हुए आतंकवादी हमले के करीब एक साल बाद दोनों को गिरफ्तार किया गया था। अक्टूबर 2009 में अमेरिकी अधिकारियों ने हेडली और तहव्वुर राणा को गिरफ्तार किया था। 2010 में हेडली ने सभी आरोपों को स्वीकार कर लिया था। उसने यह बात कबूल की थी कि 26/11 आतंकी हमले में उसकी भूमिका थी। 2016 में हेडली अमेरिका की अज्ञात जगह से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मुंबई की एक विशेष कोर्ट के समक्ष पेश हुआ था। उससे विशेष लोक अभियोजक उज्ज्वल निकम और बचाव पक्ष के वकील वहाब खान ने पूछताछ की थी।
इस दौरान हेडली ने खुलासा किया कि वह राणा के साथ लगातार संपर्क में था। दोनों ने अपनी अवैध गतिविधियों को छिपाने के लिए मुंबई में एक व्यावसायिक कार्यालय खोलने की अनुमति भी ली थी।
5 साल का बिजनेस वीजा दिलाने में मदद की
गवाही के दौरान हेडली ने कहा था, जुलाई 2006 में मैं राणा से मिलने के लिए शिकागो गया था और उसे उस मिशन (मुंबई पर हमले) के बारे में बताया था जो लश्कर ने मुझे सौंपा था। राणा ने मुंबई में एक फर्स्ट वर्ल्ड इमिग्रेशन सर्विसेज नाम से कार्यालय स्थापित करने की मेरी योजना को मंजूरी दी थी और उसे 5 साल का बिजनेस वीजा प्राप्त करने में मदद की थी।
हमलों से पहले 8 बार भारत आ हेडली
हेडली ने कहा था, मुंबई पर हमला करने वाले 10 आतंकवादियों ने उसी साल सितंबर-अक्टूबर में हमले के असफल प्रयास किए थे। हेडली ने कहा कि वह हमलों से पहले 8 बार और बाद में एक बार भारत आया था। हेडली ने बताया कि उसने रैकी की और बॉलीवुड सितारों से दोस्ती की। हेडली ने ये भी बताया कि उसने आईएसआई के मेजर अली और मेजर इकबाल से मुलाकात की, जिन्होंने उसकी मुलाकात हैंडलर साजिद मीर से करवाई।
Apr 10 2025, 20:07