मां दुर्गा के दूसरे स्वरूप मां ब्रह्माचारिणी की हुई पूजा-अर्चना
हाजीपुर
इस समय चैत्र नवरात्रि चल रही हैं। चैत्र नवरात्र अनुष्ठान के दूसरे दिन सोमवार को श्रद्धालुओं ने मां दुर्गा के दूसरे स्वरूप माता ब्रह्माचारिणी की श्रद्धा व भक्ति के साथ पूजा-अर्चना की। दुर्गा सप्तशती के मंत्रों से देवी स्थल और आवासीय परिसर गूंजते रहे। दुर्गा सप्तशती के पाठ से पूरा वातावरण भक्तिमय बन रहा है।
अहले सुबह से ही नवरात्र अनुष्ठान का पूजा अर्चना और दुर्गा शप्तशती के मंत्र गूंजने लगता है । अहले सुबह से ही मंदिर और आवासीय परिसरों में श्राद्धालु देवी आराधना में जूट जा रहे है। संध्या में माता की भव्य आरती में श्राद्धालु देर शाम तक मंदिरो में जमे रहते हैं।
मां ब्रह्मचारिणी का स्वरूप
मां के द्वितीय स्वरूप मां ब्रह्मचारिणी को ज्ञान और तप की देवी कहा जाता है। भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए मां पार्वती ने कठोर तपस्या की थी। मां ब्रह्मचारिणी सफेद साड़ी धारण करती हैं। साथ ही उनके दाएं हाथ में माला और बाएं हाथ में कमण्डल है। शास्त्रों के अनुसार, नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से जातक को आदि और व्याधि रोगों से मुक्ति मिलती है। शास्त्रों में वर्णित है कि मां ब्रह्मचारिणी के पूजन से भगवान शिव भी प्रसन्न होते हैं। यम, नियम के बंधन से मुक्ति मिलती है। ब्रह्म को प्राप्त करने के लिए भगवती ने तपस्या की, इसलिए उनका नाम ब्रहमचारिणी पड़ा।
मां ब्रह्मचारिणी का प्रिय भोग
नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी को खीर, बर्फी, चीनी और पंचामृता का भोग प्रिय हैा। इस दिन आप पूजा के दौरान सफेद रंग के वस्त्रों को पहन सकते हैं।
मां ब्रह्मचारिणी का बीज मंत्र
नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी को प्रसन्न करने के लिए उनके बीज मंत्र 'ह्रीं श्री अम्बिकायै नमः' का 108 बार जाप कर सकते हैं। इसके अलावा ' या देवी सर्वभूतेषु माँ ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ।।' मंत्र का जाप करना भी बेहद शुभ माना जाता है।
Apr 01 2025, 12:55