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बिहार: शुद्ध पेयजल में एक कदम आगे, 15 जिलों की पानी प्रयोगशाला को मिला NABL सर्टिफिकेट

बिहार सरकार की हर घर नल जल योजना के जरिए मिलने वाले शुद्ध पेयजल की गुणवत्ता की जांच कराने के लिए राज्य में 115 जल जांच प्रयोगशालाएं हैं. इनमें पानी की हर तरह की गुणवत्ता की जांच कराई जा सकती है. इनमें 15 जिला स्तरीय जल जांच प्रयोगशालाओं को नेशनल एक्रिडिटेशन बोर्ड फॉर टेस्टिंग एंड कैलिब्रेशन लैबोरेटरीज (एनएबीएल) को सर्टिफिकेट प्राप्त हुआ है.

15 जिलों की प्रयोगशालाएं हुईं प्रमाणित

बिहार के जिन 15 जिलों की जल जांच प्रयोगशालाओं को एनएबीएल सर्टिफिकेट मिला है, इनमें भागलपुर, आरा, सासाराम, बांका, गया, सहरसा, छपरा, मुजफ्फरपुर, मुंगेर, बिहारशरीफ, पूर्णिया, पटना, बेगूसराय, शेखपुरा और अररिया की जल जांच प्रयोगशालाओं को एनएबीएल का प्रमाण-पत्र मिला है. वहीं, बक्सर, जहानाबाद और अरवल जिलों की प्रयोगशालाओं का मूल्यांकन जारी है, जबकि बाकी प्रयोगशालाओं को प्रमाणित करने की भी प्रक्रिया चल रही है.

16 मानकों पर पानी की जांच

गौरतलब है कि प्रमाणित प्रयोगशालाओं में निर्धारित 16 मानकों पर पानी की गुणवत्ता की जांच होती है. बिहार की राजधानी पटना स्थित राज्यस्तरीय छज्जूबाग प्रयोगशाला, 38 जिलास्तरीय और अवर प्रमंडलीय 76 प्रयोगशालाओं में कई मानकों पर जांच होती है. इनमें पीएच स्तर, टीडीएस, कंडक्टिविटी, टर्बिडिटी, टोटल हार्डनेस, कुल क्षारीयता, क्लोराइड, सल्फेट, कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन, फ्लोराइड, आर्सेनिक, नाइट्रेट, मैगनीज और कुल बैक्टीरिया की जांच होती है.

एनएबीएल सर्टिफिकेट के फायदे

एनएबीएल सर्टिफिकेट भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा जारी किया जाता है.इसके तहत प्रयोगशालाओं को अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप मान्यता दी जाती है.गौरतलब है कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में 1 लाख 46 हजार 487 जलस्रोतों, 34 हजार 379 स्कूलों और 44 हजार 052 आंगनबाड़ी केन्द्रों में पानी की गुणवत्ता की जांच की गई थी.

शुद्ध पेयजल की ओर एक बड़ा कदम

बिहार सरकार की इस पहल से न केवल पेयजल की गुणवत्ता बेहतर होगी बल्कि लोगों के स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.जल्द ही बाकी जिलों की जल जांच प्रयोगशालाओं को भी एनएबीएल सर्टिफिकेट दिलाने की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी, जिससे हर नागरिक को शुद्ध और सुरक्षित पेयजल मुहैया हो सके.

सौरभ हत्याकांड:- रेखा जैन लड़ेंगी मुस्कान-साहिल का केस, कोर्ट ने दिया सरकारी वकील

मेरठ में हुए सौरभ हत्याकांड के आरोप में जेल में बंद मुस्कान और उसके प्रेमी साहिल ने मेरठ जेल के वरिष्ठ जेल अधीक्षक के माध्यम से सरकारी वकील की मांग की थी. इस अनुरोध के बाद कानूनी प्रक्रिया पूरी करते हुए अपर जिला न्यायाधीश/ सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दीवानी न्यायालय, मेरठ ने सरकारी वकील रेखा जैन को नियुक्त किया है.

अब इस मामले में सरकारी वकील के रूप में अधिवक्ता रेखा जैन को नामित किया गया है, जो मुस्कान और साहिल की पैरवी करेंगी. इस संबंध में अपर जिला न्यायाधीश/ सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दीवानी न्यायालय, मेरठ के उदयवीर सिंह ने जानकारी दी कि विधिक सहायता के तहत आरोपियों को सरकारी वकील प्रदान करना कानूनी प्रक्रिया का हिस्सा है.

मुस्कान-साहिल को मिला सरकारी वकील

सौरभ हत्याकांड मेरठ में एक सनसनीखेज मामला बन चुका है, जिसमें प्रेम-प्रसंग और साजिश के पहलू सामने आए हैं. अब इस मामले में सरकारी वकील की नियुक्ति के बाद कानूनी लड़ाई की दिशा स्पष्ट हो गई है. मुस्कान और साहिल की ओर से अब रेखा जैन न्यायालय में उनकी रक्षा के लिए दलीलेंपेशकरेंगी

जानकारी के मुताबिक, मुस्कान और साहिल दोनों के परिजनों ने पैरवी करने से मना कर दिया था. दोनों में किसी के परिजन उनसे जेल में मिलने नहीं गए. हालांकि मुस्कान ने पहले भी पैरवी के लिए सरकारी वकील मांग की थी. इसके लिए मुस्कान ने जेल अधीक्षक को प्रार्थना पत्र लिखा था.

जेल अधीक्षक को लिखा था पत्र

जेल अधीक्षक वीरेश राज शर्मा ने बताया था कि पैरोकारी की मांग की थी. वहीं दोनों आरोपियों के प्रार्थना पत्र को अदालत में भिजवा दिया गया था. प्रक्रिया पूरी होने के बाद दोनों को सरकारी वकील मिले हैं. दोनों की स्थिति सामान्य हो रही है. दोनों को निगरानी में रखा गया है. योग और नशा मुक्ति केंद्र में उनकी काउंसलिंग कराई जा रही है, ताकि वो नशे की गिरफ्त से बाहर आ सकें.

डॉक्टरों ने 9 साल के बच्चे का जोड़ा कटा हाथ, 7 घंटे चला ऑपरेशन

मध्य प्रदेश के रीवा में डॉक्टरों की टीम ने एक ऐसा कमाल कर दिया कि उनकी चारों तरफ खूब चर्चा हो रही है. दरअसल, एक नौ साल के बच्चे का चारा मशीन में हाथ आने से पंजा कट कर अलग हो गया था. इस बात की जानकारी होते ही परिवार में चीख-पुकार मच गई. परिजन बच्चे को लेकर नजदीकी अस्पताल में पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने 7 घंटे की कड़ी मेहनत के बाद बच्चे के हाथ का पंजा पूरी तरह से जोड़ दिया. सफल ऑपरेशन के बाद से ही परिवार के लोग काफी खुश और वह डॉक्टरों की तारीफ करते हुए थक नहीं रहे हैं.

रीवा जिले के सेमरिया बरों गांव में चारा काटने वाली मशीन से 9 साल के अनुराग पांडे के हाथ का पंजा कट कर अलग हो गया था. यह देखकर परिजनों के होश उड़ गए. बच्चे को आनन-फानन में परिजन संजय गांधी मेमोरियल हॉस्पिटल की केजुअल्टी में लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों एक टीम उसे तुरंत ऑपरेशन थियेटर में ले गई. यहां जरूरी जांच के बाद सर्जन डॉ अजय पाठक की नेतृत्व में ऑपरेशन शुरू किया गया.

7 घंटे के ऑपरेशन के बाद जुड़ा बच्चे का हाथ

हाथ पूरी तरह से कट गया था और काफी ब्लड भी निकल चुका था. हाथ और पंजे की एक-एक नश बखूबी जोड़नी थी. करीब 7 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद डॉक्टर हाथ और पंजे की नशों को जोड़ने में सफल हो गए. इसके बाद डॉक्टरों ने राहत की सांस ली. पूरा ऑपरेशन रात 9 बजे से सुबह साढ़े तीन बजे तक चला था. ऑपरेशन के बाद बच्चे के स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है. फिलहाल बच्चा अभी आईसीयू में डॉक्टर की निगरानी में है.

नहीं होगा कटे हुए हाथ का एहसास’

डॉक्टर अजय पाठक ने बताया कि ऑपरेशन जटिल था फिर भी टीम ने कर दिखाया. हाथ में दोबारा मूवमेंट आ गई है. अभी एक सप्ताह तक रिस्पांस देखा जाएगा. उम्मीद है कि बच्चे को कटे हाथ का अहसास नहीं होगा. वह अपने इसी हाथ से सारे काम कर पाएगा. संजय गांधी मेमोरियल हॉस्पिटल में डॉ अजय पाठक की ज्वाइनिंग के बाद कटे हाथ जोड़ कर नया जीवन दान देने का सिलसिला शुरू हुआ है. ऑपरेशन सफल होने के बाद मासूम के चेहरे और परिजनों में मुस्कान लौट आई है.

प्लेटफार्म पर खड़ी थी ट्रेन, बाप-बेटी चढ़ने ही वाले थे की सिरफिरे ने मार दी गोली, खुद की भी ले ली जान

बिहार के आरा जिले से दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है. आरा रेलवे स्टेशन पर एक युवक ने किशोरी और उसके पिता की गोली मारकर हत्या कर दी. दोनों की मौत के बाद युवक ने खुद को गोली मारकर अपनी भी जान ले ली. इस खौफनाक वारदात से इलाके में सन्नाटा पसर गया है. घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और तीनों शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए अस्पताल भेज दिया गया. पुलिस इस घटना की जांच में जुट गई है.

जानकारी के मुताबिक, घटना आरा रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म 3 और 4 के पास ओवरब्रिज पर हुई. मृतकों की पहचान 24 वर्षीय अमन और किशोरी जिया के रूप में हुई है. वहां मौजूद लोगों के अनुसार, आरोपी अमन ने पहले जिया को गोली मारी उसके बाद लड़की के पिता पर गोली चलाई. दोनों की मौके पर ही मौत हो गई. अंत में आरोपी अमन ने खुद को गोली मारकर अपनी भी जीवन लीला समाप्त कर ली. घटना के समय स्टेशन पर भारी भीड़ थी. अचानक हुई इस गोलीबारी से यात्री दहशत में आ गए और अफरा-तफरी का माहौल मच गया. सूचना मिलते ही पुलिस और आरपीएफ मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रण में लिया.

गोलीबारी की घटना से मची अफरा-तफरी

आरपीएफ के सीनियर कमांडेंट प्रकाश पांडा के अनुसार, मृतक जिया कुमारी अपने पिता के साथ दिल्ली जाने के लिए रेलवे स्टेशन आई थी. घटना के समय रेलवे स्टेशन पर सामान्य भीड़ थी. गोलीबारी की आवाज सुनते ही वहां मौजूद यात्रियों के बीच अफरा तफरी मच गई. जानकारी मिलते ही पुलिस व आरपीएफ की टीम मौके पर पहुंची और वहां की स्थिति को काबू में किया.

सीनियर कमांडेंट प्रकाश पांडा ने बताया कि इस घटना की कड़ी जांच चल रही है. रेलवे स्टेशन पर लगभग 40 सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं. अब इस घटना के बाद ओवरब्रिज पर भी कैमरे लगाए जाएंगे. इस खौफनाक घटना में इस्तेमाल किया गया हथियार पुलिस ने जब्त कर लिया है. पुलिस जांच कर रही है कि अमन कुमार का जिया और उसके पिता के साथ क्या संबन्ध था.

क्या है घटना के पीछे का कारण

फिलहाल पुलिस पता लगाने की कोशिश कर रही है कि अमन ने यह खौफनाक कदम क्यों उठाया. शुरूआत जांच में मामला प्रेम प्रसंग का प्रतीत हो रहा है. लेकिन पुलिस इस हत्याकांड के हर पहलू की बारीकी से जांच कर रही है. पुलिस ने मृतकों के परिवार वालों से भी पूछताछ शुरू कर दी है ताकि घटना के पीछे की सच्चाई सामने आ सके. इस घटना से इलाके के लोगों में भारी आक्रोश और डर का माहौल है. लोगों का कहना है कि रेलवे स्टेशन जैसी सार्वजनिक जगह पर इस तरह की वारदात का होना सुरक्षा व्यवस्थाओं पर सवाल खड़ा करता है.

सौरभ सिंह हत्याकांड: साहिल से मिलने जेल पहुंचीं नानी, रोते हुए बोलीं- 17 साल पहले इसकी मां ने…

मेरठ में हुए सौरभ हत्याकांड के आरोपी मुस्कान रस्तोगी और साहिल शुक्ला जेल में बंद है, उनसे लगभग एक हफ्ते तक भी कोई मिलने नहीं आया था. मुस्कान के घरवालों ने तो पहले ही मुस्कान से मिलने के लिए मना कर दिया था. लेकिन अब साहिल की नानी जरूर उससे मिलने जेल पहुंचीं. बुधवार को जब वो जिला कारागार पहुंचीं तो भावुक हो उठीं. उन्होंने बोला कि साहिल की मां 17 साल पहले गुजर गई थी. उसने जाने से बोला था कि साहिल का ख्याल रखना.

इसी बात को बोलते हुए साहिल की नानी रो पड़ीं. फिर कहा- देखो आज साहिल जेल में है और उस पर हत्या का आरोप लगा है. नानी ने रुआंसे स्वर में कहा- साहिल की मां की मौत किडनी फेल होने के कारण हुई थी. एक नाती था, वो भी अब जेल में बंद है.

साहिल की नानी जब जेल में साहिल से मिलने के लिए गई तो साहिल को केले और नमकीन दिया. साहिल की नानी ने साहिल से सवाल पूछा कि कैसा है तो साहिल ने बताया कि वह बिल्कुल सही है कोई दिक्कत परेशानी वाली बात नहीं है. बोला- आप डेढ़ महीने के बाद ही मुझसे मिलने आएं. ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है.

कभी किसी के तो कभी किसी के

नानी बोलीं- साहिल की मां की मौत के बाद उसके पिता भी मेरठ छोड़ कर बाहर चले गए थे. वहीं से पैसे भेजते थे. या फिर अपने बच्चों से मिलने आ जाते थे वो भी कभी-कभी. साहिल के पिता नीरज ने एक मकान साहिल और उसकी नानी को रहने के लिए दिया हुआ था. साहिल की देखभाल उसकी नानी ही करती थी. नानी का कहना है कि साहिल को उन्होंने ही पाला है.अब जब साहिल जेल में है तो वो उस घर में नहीं जाती. कभी किसी के घर तो कभी किसी रिश्तेदार के यहां जाकर रह रही हैं. इस बार भी साहिल की नानी उससे मिलने भी मुजफ्फरनगर से मेरठ आई थीं.

सौरभ की हत्या का जताया दुख

सौरभ हत्याकांड के आरोपी साहिल की नानी ने पत्रकारों के सामने आकर कहा- मुझे सौरभ की हत्या का बहुत-बहुत दुख है. उन्होंने यह कहा कि इतना दुख मुझे साहिल के जेल जाने का नहीं है जितना सौरभ की हत्या का है. साहिल की नानी को अंदेशा है कि मुस्कान ने ही उसे फंसाया है.

बिहार बोर्ड मैट्रिक रिजल्ट 2025: 31 मार्च तक जारी हो सकता है रिजल्ट, यहां जानें डिटेल्स

बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (BSEB) की ओर से आयोजित की गई 10वीं बोर्ड परीक्षा में शामिल करीब 15 लाख से अधिक स्टूडेंट्स को रिजल्ट का इंतजार है. मैट्रिक बोर्ड परीक्षा का आयोजन राज्य भर में निर्धारित विभिन्न केंद्रों पर 17 से 25 फरवरी तक दो पालियों में किया गया था. पिछले साल 31 मार्च को हाईस्कूल बोर्ड परीक्षा के नतीजे घोषित किए गए थे. आइए जानते हैं कि क्या इस बार भी रिजल्ट 31 मार्च को जारी किया जा सकता है या नहीं.

मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो 10वीं के नतीजे 31 मार्च तक घोषित किए जाने की संभावना है. हालांकि बीएसईबी ने अभी मैट्रिक रिजल्ट की डेट नहीं जारी की है. परिणाम BSEB की आधिकारिक वेबसाइट biharboardonline.bihar.gov.in पर घोषित किया जाएगा, जिसे स्टूडेंट्स अपने रोल कोड और रोल नंबर के जरिए चेक कर सकेंगे. एग्जाम में कुल करीब 15.88 लाख स्टूडेंट्स शामिल हुए थे.

ऐसे चेक कर सकते हैं रिजल्ट

बिहार बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट

biharboardonline.bihar.gov.in पर जाएं

होम पेज पर दिए गए बिहार बोर्ड मैट्रिक रिजल्ट 2025 के लिंक पर क्लिक करें.

अब छात्र अपना रोल नंबर और रोल कोड दर्ज कर सबमिट करें.

मार्कशीट स्क्रीन पर आ जाएगी.

अब चेक करें और डाउनलोड करें

टाॅपर्स लिस्ट भी होगी जारी

बीएसईबी 10वीं रिजल्ट के साथ टाॅपर्स लिस्ट भी जारी करेगा. टाॅपर्स को राज्य सरकार की ओर से नकद इनाम देकर सम्मानित भी किया जाएगा. वहीं जो छात्र हाईस्कूल में एक या दो विषयों में फेल होंगे. उन्हें कंपार्टमेंट परीक्षा में बैठने का मौका दिया जाएगा. परीक्षा में प्राप्त अपने नंबरों से जो छात्र असंतुष्ट होंगे. वह अपनी उत्तर पुस्तिकाओं की दोबारा से जांच भी करा सकेंगे. पिछले साल फर्स्ट डिवीजन में 2,52,846 लड़के और 1,99,456 लड़कियां सफल हुईं थी. वहीं 2,52,121 लड़के और 2,72,844 लड़कियां सेकंड डिवीजन में पास हुई थी, जबकि 1,66,093 लड़के और 2,14,639 लड़कियां थर्ड डिवीजन से पास हुईं थी.

UPI सर्विस में बड़ा टेक्निकल इशू: 23,000 से अधिक यूजर्स को पेमेंट करने में परेशानी, GooglePay और PhonePe भी प्रभावित

UPI सर्विस में बड़ा टेक्निकल इशू देखने को मिल रहा है. हजारों यूजर्स पेमेंट और फंड ट्रांसफर से रिलेटेड दिक्कतों का सामना कर रहे हैं. इसमें GooglePay और PhonePe भी शामिल हैं. इसकी वजह से कई यूजर्स को परेशानी हो रही है. कई यूजर्स ने अपनी परेशानी को सोशल मीडिया पर उजागर किया है. कई लोगों ने एक्स प्लेटफॉर्म पोस्ट कर के बताया कि उन्हें क्या परेशानी आ रही है. यहां जानें कि आखिर यूपीआई पेमेंट सर्विस आउटेज क्यों हुआ है. कितने लोगों को इसकी वजह से परेशानी हो रही है.

यूपीआई आउटेज से यजर्स को हो रही परेशानी

Downdetector की रिपोर्ट के मुताबिक, शाम 7 बजे से ही ये परेशानी हो रही है. जिसकी वजह से करीब 23,000 कंप्लेंट दर्ज की गई हैं. इनमें कई यूजर्स को पैसे सेंड करने में तो कुछ को रिसीव करने में इशू आ रहा है. इस आउटेज के वजह से 82 प्रतिशत यूजर्स को पेमेंट करने में परेशानी हो रही है. वहीं 13 प्रतिशत यूजर्स को फंड ट्रांसफर करने में और 4 प्रतिशत यूजर्स को ऐप इस्तेमाल करने में दिक्कत आ रही है.

UPI पॉपुलर डिजिटल पेमेंट सर्विस

भारत का यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) एक पॉपुलर डिजिटल पेमेंट सर्विस है. जिसे नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने बनाया है. ये सर्विस लाखों भारतीयों को मोबाइल फोन से बिना किसी परेशानी के पैसे भेजने और हासिल करने की सुविधा देती है. UPI के जरिए लोग ऑनलाइन शॉपिंग, बिल भुगतान, मनी ट्रांसफर, और कई दूसरे ट्रांजेक्शन आसानी से कर सकते हैं.

दवाओं के काले कारोबार पर चल रहा CDSCO का चाबुक, ऐसे कसा जा रहा शिकंजा

हाल के दिनों में ऐसा पाया गया है कि देश में कई सारे राज्यों में गलत दवा के निर्माण के मामले पाए गए. इनमें से कुछ मामले तो ऐसे भी थे जिनको लेकर वैश्विक स्तर पर देश के सम्मान को ठेस लगी. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का दावा है कि सरकार के कठोर पहल के तहत पहले से अधिक दवा निर्माताओं कंपनियों पर शिकंजा कसा गया है. Central Drugs Standard Control Organisation (CDSCO) के संयुक्त ड्रग कंट्रोलर डॉ. एस ईश्वरा रेड्डी ने टीवी9 भारतवर्ष के साथ खास बातचीत में बताया कि दवा कंपनियों पर कई तरह से शिकंजा कसा जा रहा है. इसमें पहले से अधिक तैयारी के साथ हमारे अधिकारी कंपनियों पर छापा मार रहे हैं.

डॉ रेड्डी ने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण संस्थान (NIHFW), एक स्वायत्त संगठन है. यहां पर इसके लिए विशेष ट्रेनिंग की व्यवस्था की गई. पूरी ट्रेनिंग पर अभी तक 2.5 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं. ट्रेनिंग से अधिकारियों को पहले से अधिक तकनीकी तौर पर ट्रेंड किया गया, जिससे शिंकंजे में आईं कंपनियों पर कठोर कदम उठाया जा सके.

अधिकारियों की बड़ी तकनीकी टीम तैयार

डॉ रेड्डी ने बताया कि NIHFW के माध्यम से तकनीकी तौर पर एडवांस टीम तैयार की जा रही है. इस टीम में शामिल अधिकारियों की हर 6 महीने पर इनकी ट्रेनिंग की जा रही है. इंस्पेक्शन एंड इन्वेस्टिगेशन पर पहले से अधिक खर्च किया जा रहा है. पहले जितने मामले आते थे, उनमें ऐसा पाया जाता था कि सबूतों और कानूनी दाव पेंच का सहारा लेकर कई सारी कंपनियां बच निकलती थीं. अब एडवांस ट्रेनिंग के बाद कनविक्शन के मामले में 5 से 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.

कब कहां किस तरह के मामले

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) का दावा है कि दुनिया में नकली दवाओं का कारोबार 200 बिलियन डॉलर यानी करीब 16,60,000 करोड़ रुपये का है. एसोचैम की एक स्टडी के मुताबिक, भारत में 25% दवाएं नकली या घटिया हैं. भारतीय मार्केट में इनका कारोबार 352 करोड़ रुपये का है. 14 नवंबर 2024 में उत्तर प्रदेश के आगरा में नकली दवा बनाने की फैक्ट्री पकड़ी गई थी

दिसंबर 2024 में राजस्थान के ड्रग डिपार्टमेंट ने एक अलर्ट जारी करते हुए सात कंपनियों की 9 दवाइयों की बिक्री पर पाबंदी लगा दी थी. विभाग की ओर से बताया गया था कि इनमें से चार दवाइयां नकली पाई गईं और 5 दवाइयों के सैंपल फेल हो गए हैं. इन दवाइयों में सर्दी, खांसी, जुकाम और एलर्जी के साथ-साथ विटामिन डी-3, कैल्शियम और मानसिक रोगों में उपयोग में आने वाली दवाइयां शामिल थीं.

तेलंगाना में पिछले साल करोड़ों की नकली या घटियां दवाइयां पकड़ी गईं. यही हाल उत्तराखंड का भी था, जहां से कूरियर के माध्यम से नकली दवाओँ की खेप पकड़ी गई. दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने भी कई ऑपरेशन में पिछले सालों में दिल्ली-एनसीआर में चल रहे कई सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया था. गाजियाबाद के लोनी स्थित ट्रोनिका सिटी में नकली दवाओं का गोदाम पकड़ा, जिसका मास्टरमाइंड एक डॉक्टर निकला. ये सोनीपत के गन्नौर स्थित फैक्ट्री में भारत, अमेरिका, इंग्लैंड, बांग्लादेश और श्रीलंका की 7 बड़ी कंपनियों के 20 से ज्यादा ब्रैंड की नकली दवा तैयार कर रहे थे.

बिहार: CCTV की मदद से 141.85 करोड़ की चालान वसूली… स्मार्ट सिटी योजना की कामयाबी

बिहार के चार प्रमुख शहरों पटना, बिहारशरीफ, भागलपुर और मुजफ्फरपुर में स्मार्ट सिटी योजना के तहत अत्याधुनिक CCTV निगरानी तंत्र स्थापित किया गया है. इन शहरों में कुल 6,138 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जिससे अपराध नियंत्रण और ट्रैफिक प्रबंधन में बड़े पैमाने पर सुधार देखा जा रहा है. इस निगरानी प्रणाली की मॉनिटरिंग इंटीग्रेटेड कमांड कंट्रोल सेंटर (ICCC) से की जा रही है. इससे न केवल अपराधियों की पहचान और गिरफ्तारी में मदद मिल रही है बल्कि यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों पर भी कार्रवाई की जा रही है.

141.85 करोड़ रुपये की चालान वसूली

तीसरी आंख यानी CCTV कैमरों की सहायता से अब तक कुल 141.85 करोड़ रुपये की चालान वसूली की गई है. राजधानी पटना की बात करें तो अक्टूबर 2024 से मार्च 2025 के बीच 97.45 करोड़ रुपये का चालान वसूला गया है जबकि बिहारशरीफ में इसी अवधि में 0.48 करोड़ रुपये की वसूली हुई है.

वहीं, सिल्क सिटी भागलपुर में नवंबर 2023 से फरवरी 2025 तक 22.68 करोड़ रुपये का चालान काटा गया. मुजफ्फरपुर में मई 2023 से 11 मार्च 2025 तक कुल 21.24 करोड़ रुपये की वसूली की गई है.

पटना में 3300 CCTV कैमरों से कड़ी निगरानी

राजधानी पटना में 3300 CCTV कैमरे लगाए गये हैं, जिससे शहर की पल-पल की गतिविधियों पर नज़र रखी जा रही है. 30 जगहों पर अनुकूली यातायात नियंत्रण (एटीसीएस), 30 स्थानों पर रेडलाइट जंप, 28 जगहों पर नंबर प्लेट पहचान सिस्टम, 12 स्पीड वॉयलेशन डिटेक्शन (एसवीडी) कैमरे लगाए गये हैं. शहर में 16 वेरिएबल मैसेज डिस्प्ले (वीएमडी) और 69 पब्लिक अनाउंसमेंट (पीए) भी लगाए गये हैं.

वहीं, अप्रैल 2023 से दिसंबर 2024 के बीच 85 करोड़ रुपये की चालान वसूली हुई है, जो इस प्रोजेक्ट की लागत से तीन गुना अधिक है.

भागलपुर में 1500 कैमरों से अपराधियों पर सख्त नज़र

सिल्क सिटी भागलपुर की बात करें तो यहां 250 स्थानों पर 1500 CCTV कैमरे लगाए गए हैं, जिससे चोरी, हत्या और अन्य आपराधिक मामलों की जांच में मदद मिली है. यहां आईसीसीसी योजना के तहत लगाए गये 1500 कैमरों की मदद से अपराधियों पर सख्त नजर रखी जा रही है. 16 जगहों पर एटीसीएस, 128 स्थानों पर लाल बत्ती उल्लंघन, 128 नंबर प्लेट पहचान, 64 एसवीडी लगाए गये हैं.

शहर में 20 जगहों पर इमरजेंसी कॉल बॉक्स के साथ 17 वीएमडी, 25 पीए, हवा गुणवत्ता और प्रदूषण जांच के लिए 5 एनवॉयर्नमेंटल सेंसर्स लगाए गये हैं. इस योजना से वर्ष 2023-24 में 22.68 करोड़ रुपये चालान वसूला गया है, जिससे राजस्व में 4 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है. वहीं, वर्ष 2024-25 में 18.26 करोड़ रुपये चालान वसूली से राजस्व में 2.88 करोड़ रुपये का इजाफा हुआ है.

चालान वसूली एवं राजस्व बढ़ोतरी

इस योजना से वर्ष 2023-24 में 22.68 करोड़ रुपये चालान वसूला गया है, जिससे राजस्व में 4 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई है. वहीं, वर्ष 2024-25 में 18.26 करोड़ रुपये की चालान वसूली से राजस्व में 2.88 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है.

बिहारशरीफ : कानून व्यवस्था और नागरिक सुरक्षा पर जोर

बिहार के एक और शहर बिहारशरीफ की बात करें तो यहां 494 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जिससे कानून-व्यवस्था बनाए रखने और आम नागरिकों की सुरक्षा में सुधार हुआ है. शहर में 8 जगहों पर एटीसीएस, 9 जगहों पर लाल बत्ती उल्लंघन, 9 नंबर प्लेट पहचान सिस्टम लगाए गये हैं. इसके साथ ही एक्यूआई जांच के लिए 5 सेंसर्स और 10 आपातकालीन कॉल बॉक्स भी लगाए गये हैं. शहर में 7 वीएमडी और 15 पीए लगाए गये हैं.

मुजफ्फरपुर: स्मार्ट सिटी योजना से बढ़ी सुरक्षा

मुजफ्फरपुर में 844 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जिससे अपराध और यातायात उल्लंघन पर सख्ती बरती जा रही है. 29 जगहों पर एटीसीएस, 29 स्थानों पर लाल बत्ती उल्लंघन, 29 ऑटोमेटिक नंबर प्लेट पहचान सिस्टम और 27 एसवीडी, 31 इमरजेंसी कॉल बॉक्स, 31 वीएमडी और 10 पीए लगाए गये हैं. अप्रैल 2023 से मार्च 2025 तक 21.24 करोड़ रुपये की चालान वसूली हुई है, जो इस प्रोजेक्ट की लागत का लगभग छठा भाग है.

बीते दो वर्षों में 141.85 करोड़ रुपये की चालान वसूली हुई है, जिससे साफ संकेत मिलता है कि यह पहल न केवल अपराध पर लगाम लगाने में कारगर है बल्कि शहरों को अधिक सुरक्षित और सुव्यवस्थित बनाने में भी सफल हो रही है.

बच्ची के दिल में छेद, इलाज के लिए AIIMS ले गए; सड़क हादसे में मां-बाप की मौत…अकेली बची मासूम

राजस्थान के जोधपुर में शेरगढ़ क्षेत्र के चाबा गांव के निकट एक कार और डंपर में भीषण टक्कर होने से दर्दनाक हादसा हो गया. इस हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई. वहीं एक हालत गंभीर है, जिसका जोधपुर के मथुरा दास माता अस्पताल में इलाज चल रहा है. जानकारी के अनुसार, हादसा होने के बाद मौके पर लोगों की भीड़ जमा हो गई. ग्रामीणों ने कार सवार लोगों को बाहर निकालने की कोशिश की.

दरअसल, जैसलमेर जिले के राजमथाई गांव के एक वरिष्ठ अध्यापक अपनी पुत्री के दिल में छेद होने पर जोधपुर के एम्स अस्पताल में चेकअप करवाने के बाद वापस लौट रहे थे. मंगलवार को देर रात चाबा गांव से करीब 1 किलोमीटर दूर फलसुंड रोड पर पेट्रोल पंप के निकट दर्जियों की गोलाई पर सामने से आ रहे डंपर चालक ने तेज व लापरवाही से उनकी अल्टो कार को टक्कर मार दी. जिससे कार बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई. जिसमें चार लोग बुरी तरह से फंस गए. वहीं एक बच्ची उछल कर बाहर गिर गई.

भीषण हादसे में तीन की मौत

वहीं घटना के बाद मौके पर पहुंचे ग्रामीणों ने कार में फंसे लोगों को निकालनेका प्रयास किया है. काफी मशक्कत के बाद चार गंभीर रूप से घायल कार सवार लोगों को बाहर निकाला. तब तक दंपति सहित तीन लोगों की मौत हो चुकी थी. एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल था. जबकि गनीमत रही की बच्ची बाल-बाल बच गई. जिनका शेरगढ़ अस्पताल में उपचार चल रहा है. मृतकों में राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय सुभाष नगर राजमथाई के वरिष्ठ अध्यापक 30 वर्षीय गुणेशराम पुत्र रामूराम चौधरी शामिल हैं.

एक की हालत गंभीर

भोजाकौर (पीलवा) जिला फलोदी व उनकी पत्नी 25 वर्षीय ममता चौधरी और सीनियर स्कूल भिणियाणा के एलडीसी 35 वर्षीय अजय कुमार पुत्र कृष्णलाल निवासी करणपुरा भादरा हनुमानगढ़ की भी मौत हो गई है. शवों को पोस्टमार्टम के लिए शेरगढ़ अस्पताल ले जाया गया. राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय भैंसड़ा के व्याख्याता 30 वर्षीय गिरधारीराम पुत्र भंवरलाल निवासी बरजासर बीकानेर को शेरगढ़ अस्पताल में डॉ. गजेंद्र जीनगर द्वारा प्राथमिक उपचार के बाद जोधपुर रेफर किया गया है. जबकि गुणेशाराम की डेढ़ वर्षीय पुत्री मनस्वी चौधरी का शेरगढ़ अस्पताल में उपचार चल रहा है.

अस्पताल के बाहर लोगों की भारी भीड़

घटना के बाद अस्पताल के निकट रामलीला के चलते बड़ी संख्या में श्रद्धालु अस्पताल पहुंच गए, जिससे भीड़ बढ़ गई. पुलिस भी अस्पताल पहुंची. मृतक गुणेशाराम की दिसंबर 2023 में ही नौकरी लगी थी. अभी वे प्रोबेशन पर ही थे. मृतक गुणेशाराम के परिजन खेताराम ने बताया कि गुणेशाराम का पर्श व एक मोबाइल नहीं मिला है. वहीं घटना की जानकारी मिलने पर बुधवार को सवेरे मृतकों के परिजन शेरगढ़ अस्पताल पहुंचे.