/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png StreetBuzz आधार कार्ड से लिंक होगा मतदाता पहचान पत्र, चुनाव आयोग-गृह मंत्रालय की बैठक में फैसला India
आधार कार्ड से लिंक होगा मतदाता पहचान पत्र, चुनाव आयोग-गृह मंत्रालय की बैठक में फैसला
Image 1 Image 2 Image 3 Image 4 Image 5

#voteridcardwillbelinkedtoaadharcard

केंद्र सरकार वोटर आईडी और आधार को लिंक करने की तैयारी कर रही है। इसे लेकर मंगलवार को चुनाव आयोग और यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (यूआईडीएआई) के अधिकारियों की बैठक हुई। इसमें दोनों को लिंक करने पर सहमति बनी।चुनाव आयोग ने मंगलवार को कहा कि मतदाता पहचान-पत्रों को आधार से जोड़ने का काम मौजूदा कानून और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार किया जाएगा। इसके साथ ही इसके लिए यूआईडीएआई और उसके विशेषज्ञों के बीच तकनीकी परामर्श जल्द ही शुरू होगा।

मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के नेतृत्व में चुनाव आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधू और डॉ. विवेक जोशी ने निर्वाचन सदन नई दिल्ली में केंद्रीय गृह सचिव, विधायी विभाग के सचिव, इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव और यूआईडीएआई के सीईओ तथा चुनाव आयोग के तकनीकी विशेषज्ञों के साथ बैठक की। बैठक में निर्णय लिया गया कि मतदाता पहचान पत्र को आधार से जोड़ने का काम संविधान के अनुच्छेद 326 के प्रावधानों के अनुसार ही किया जाएगा। कहा गया कि इस संबंध में भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण और चुनाव आयोग के तकनीकी विशेषज्ञ जल्द ही आगे की चर्चा करेंगे। 

क्या कहता है अनुच्छेद 326

भारत के संविधान के अनुच्छेद 326 के अनुसार, मतदान का अधिकार केवल भारत के नागरिक को दिया जा सकता है, आधार कार्ड केवल एक व्यक्ति की पहचान स्थापित करता है। इसलिए यह निर्णय लिया गया कि ईपीआईसी को आधार से जोड़ने का काम संविधान के अनुच्छेद 326, जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 23(4), 23(5) और 23(6) के प्रावधानों के अनुसार और डब्ल्यूपी (सिविल) संख्या 177/2023 में सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के अनुरूप ही किया जाएगा। अब यूआईडीएआई और ईसीआई के तकनीकी विशेषज्ञों के बीच तकनीकी परामर्श जल्द ही शुरू किया जाएगा।

संविधान में हैं वोटर आईडी को आधार से जोड़ने का प्रावधान

संविधान में भी वोटर आईडी को आधार से जोड़ने का प्रावधान है।बताया जाता है कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 23, जिसे चुनाव कानून (संशोधन) अधिनियम, 2021 कहा जाता के मुताबिक निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी मौजूदा या भावी मतदाताओं से स्वैच्छिक आधार पर पहचान स्थापित करने के लिए आधार संख्या प्रदान करने की मांग कर सकते हैं। यह कानून मतदाता सूची को आधार डाटाबेस के साथ स्वैच्छिक रूप से जोड़ने की अनुमति देता है।

चुनाव आयोग ने अप्रैल 2025 से पहले सुझाव मांगे

भारतीय निर्वाचन आयोग के सूत्रों के अनुसार, वोटर-आधार को लिंक करने का मकसद आगामी चुनावों से पहले चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता, समावेशिता और एफिशिएंसी को बढ़ाना है। चुनाव आयोग 31 मार्च से पहले निर्वाचन पंजीकरण अधिकारियों, जिला चुनाव अधिकारियों और मुख्य चुनाव अधिकारियों के लेवल पर मीटिंग करेगा।

इसके लिए पिछले 10 साल में पहली बार चुनाव आयोग ने कानूनी ढांचे के भीतर सभी राष्ट्रीय और राज्य-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों से 30 अप्रैल 2025 तक आधिकारिक तौर पर सुझाव मांगे हैं।

पहले भी हो चुकी है ऐसी कोशिश

इससे पहले 2015 में भी ऐसी ही कोशिश हो चुकी है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इसे रोक दिया गया था। 2015 में चुनाव आयोग ने मार्च 2015 से अगस्त 2015 तक राष्ट्रीय मतदाता सूची शुद्धिकरण कार्यक्रम चलाया था। उस समय चुनाव आयोग ने 30 करोड़ से ज्यादा वोटर आईडी को आधार से लिंक करने का प्रोसेस पूरा कर लिया था। ये प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद रुकी।

दरअसल, वोटर आईडी को आधार से लिंक करने की प्रक्रिया के दौरान आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के करीब 55 लाख लोगों के नाम वोटर डेटाबेस से हट गए थे। इसी को लेकर आधार की संवैधानिकता को लेकर मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था और शीर्ष अदालत ने चुनाव आयोग को वोटर आईडी और आधार को लिंक करने से रोक दिया था।

पीएम मोदी ने सुनीता विलियम्स को लिखा पत्र, बोले- आप हमारे दिलों के करीब
Image 1 Image 2 Image 3 Image 4 Image 5


#pm_modi_writes_to_sunita_williams

नौ महीने से अंतरिक्षण में फंसी नासा की भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स की धरती वापसी का मिशन शुरू हो गया है। सुनीता अपने साथी बुच विलमोर के साथ वापसी के लिए अंतरिक्ष यान में सवार हो चुकी हैं। सुनीता विलियम्स 19 मार्च यानी बुधवार तड़के लैंड करेंगी। केवल अमेरिका को ही नहीं भारत समेत पूरी दुनिया को सुनिया विलियम्स की लैंडिग का इंतजार है।इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुनीता विलियम्स को चिट्ठी लिखी है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुनीता विलियम्स को पत्र लिखकर उनकी सुरक्षित वापसी और अच्छे स्वास्थ्य की कामना की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतरिक्ष यात्री माइक मैसिमिनो के माध्यम से सुनीता विलियम्स को भेजे गए अपने पत्र में कहा, भले ही आप हजारों मील दूर हों, लेकिन आप हमारे दिल के करीब हैं। पीएम के इस पत्र को केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने साझा किया है। जितेंद्र सिंह ने ट्वीट किया, जबकि पूरी दुनिया सुनीता विलियम्स की सुरक्षित वापसी के लिए बेसब्री से इंतजार कर रही है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की इस बेटी के लिए अपनी चिंता अलग तरह से व्यक्त की।

पीएम मोदी ने अपने पत्र में सुनीता विलियम्स की खूब तारीफ की। पीएम ने कहा, मैं आपको भारत के लोगों की ओर से शुभकामनाएं देता हूं। आज एक कार्यक्रम में मैं प्रसिद्ध अंतरिक्ष यात्री माइक मैसिमिनो से मिला। हमारी बातचीत के दौरान, आपका नाम आया और हमने चर्चा की कि हमें आप और आपके काम पर कितना गर्व है। इस बातचीत के बाद, मैं खुद को आपको पत्र लिखने से नहीं रोक पाया। जब मैं अमेरिका की अपनी यात्राओं के दौरान राष्ट्रपति ट्रंप या पूर्व राष्ट्रपति बाइडन से मिला, तो मैंने आपके बारे में पूछा। 140 करोड़ भारतीयों ने हमेशा आपकी उपलब्धियों पर बहुत गर्व किया है। हाल के घटनाक्रमों ने एक बार फिर आपके प्रेरणादायक धैर्य और दृढ़ता को प्रदर्शित किया है।

बता दें कि अंतरिक्ष में फंसे एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर 9 महीने 13 दिन बाद पृथ्वी पर लौट रहे हैं। उनका धरती की तरफ सफर शुरू हो गया है। उनके साथ इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में मौजूद क्रू-9 के दो और एस्ट्रोनॉट निक हेग और अलेक्सांद्र गोरबुनोव भी स्पेस स्टेशन से धरती के लिए रवाना हो गए हैं।सुनीता विलियम्स और उनके साथियों की वापसी स्पेसएक्स के क्रू ड्रैगन क्राफ्ट से हो रही है। सुनीता विलियम्स और सुनीता विलियम्स को लेकर ड्रैगन क्राफ्ट भारतीय समय के हिसाब से बुधवार तड़के 3:27 बजे लैंड करेगा।

सुनियोजित थी नागपुर हिंसा, "छावा" फिल्म ने लोगों की भावनाएं भड़काई, बोले सीएम देवेंद्र फडणवीस
Image 1 Image 2 Image 3 Image 4 Image 5


#cmdevendrafadnaviscallsnagpurviolencewell_planned

औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर एक दक्षिणपंथी संगठन के प्रदर्शन के दौरान एक समुदाय के पवित्र ग्रंथ को जलाने की अफवाह के बाद मध्य नागपुर में सोमवार को तनाव हो गया। दंगाइयों ने कुछ चार पहिया वाहनों में आग लगा दी। घरों पर भी पथराव किया गया। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को नागपुर में हुई हिंसक झड़पों को एक पूर्व-नियोजित हमला बताया। उन्होंने कहा कि "छावा" फिल्म के रिलीज होने से लोगों की भावनाएं भड़क गईं, क्योंकि इस फिल्म में औरंगजेब द्वारा संभाजी महाराज पर किए गए क्रूर अत्याचारों को दिखाया गया है।

हिंसा सोची-समझी साजिश- फडणवीस

नागपुर में भड़की हिंसा को लेकर महाराष्ट्र विधानसभा में मंगलवार को बड़ा हंगामा हुआ। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस हिंसा को एक सुनियोजित साजिश करार देते हुए कहा कि विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया था। इस दौरान उन लोगों ने प्रतीकात्मक तौर पर कब्र की चादर जलाई। इसके बाद यह अफवाह फैलाई गई कि उस पर धार्मिक चिह्न था, जिससे माहौल गर्म हो गया और हिंसा भड़क उठी। यह पूरी तरह से एक सोची-समझी साजिश थी।

पुलिस पर हमला बर्दाश्त नहीं- फडणवीस

मुख्यमंत्री ने बताया कि करीब 80 से 100 लोगों की भीड़ हिंसा में शामिल थी, जिन्होंने पथराव किया और पुलिस अधिकारियों पर हमले किए। इस दौरान एक पुलिस अधिकारी पर कुल्हाड़ी से हमला हुआ, वहीं तीन डीसीपी स्तर के अधिकारियों पर भी हमला किया गया। हिंसा में कुछ घरों को भी निशाना बनाया गया और एक डीसीपी पर कुल्हाड़ी से वार किया गया। सीएम ने कहा कि किसी को भी कानून-व्यवस्था अपने हाथ में लेने की इजाजत नहीं है। सीएम ने कहा कि पुलिस पर हमला बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा।

खास चिन्ह वाले घरों को निशाना बनाया गया- फडणवीस

सीएम ने बताया कि इस घटना के बाद 11 पुलिस थानों के संवेदनशील इलाकों में कर्फ्यू लगाया गया है। हिंसा वाली जगह से एक ट्राली भरकर पत्थर, कई शस्त्र मिले हैं। खास चिन्ह वाले घरों को निशाना बनाया गया है। उन्हें जलाने की कोशिश की गई है।

जॉर्ज सोरोस से जुड़े संगठनों पर ईडी का शिकंजा, बेंगलुरु में कई जगहों पर छापा
Image 1 Image 2 Image 3 Image 4 Image 5


#george_soros_osf_office_ed_raid

प्रधानमंत्री मोदी को अलोकतांत्रिक कहने वाले अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस से जुड़े एनजीओ पर रेड हुई है। बेंगलुरु स्थित जॉर्ज सोरोस फाउंडेशन, ओपन सोरोस फाउंडेशन और एमनेस्टी इंटरनेशनल के दफ्तरों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छापा मारा।ईडी ने विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम (एफईएमए) के उल्लंघन से संबंधित जांच के सिलसिले में मंगलवार को छापेमारी की कार्रवाई की। सूत्रों ने बताया कि फेमा के तहत ओएसएफ और कुछ अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों के परिसरों की तलाशी ली जा रही है।

सूत्रों की माने तो इस छापेमारी के पीछे की असल अवैध फंडिंग से जुड़ा होना बताया जा रहा है।एजेंसी ने एमनेस्टी और ह्यूमन राइट्स वॉच (HRW) के पूर्व-वर्तमान कर्मचारियों के घरों की भी तलाशी ली।ईडी की तलाशी में मेसर्स एस्पाडा इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड पर भी तलाशी शामिल थी, जो भारत में एसईडीएफ का निवेश सलाहकार/फंड मैनेजर है और मॉरीशस इकाई की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है।

एमनेस्टी इंटरनेशनल ने दिसंबर 2020 में ही भारत में अपनी एक्टिविटी बंद कर दी थी। संस्था के बैंक खाते अवैध विदेशी फंडिंग के आरोप के चलते फ्रीज भी किए गए थे।एमनेस्टी और ह्यूमन राइट्स वॉच पर ओपन सोरोस फाउंडेशन से फंडिंग मिलने का आरोप है। इस मामले में सीबीआई इनके खिलाफ चार्जशीट फाइल कर चुकी है। अब ईडी इसकी जांच कर रही है।

कई बार कर चुके हैं पीएम मोदी की आलोचना

जॉर्ज सोरोस दुनिया के सबसे अमीर लोगों में से एक हैं। कुछ समय पहले तक ये भारत की राजनीति में काफी चर्चा में थे। कई बार संसद में भी इनको लेकर हंगामा देखने को मिला। सोरोस ने भारत में नागरिकता संशोधन कानून यानी सीएए और कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने पर भी पीएम मोदी पर निशाना साधा था। बीजेपी कई बार कांग्रेस पर सोरोस से जुड़े होने के आरोप लगाती आई है।

बीजेपी का आरोप लगाती आई है कि सोनिया गांधी फोरम ऑफ डेमोक्रेटिक लीडर्स इन एशिया पेसिफिक (FDL-AP) नाम के एक ऐसे संगठन से जुड़ी हैं, जिसे अमेरिकी कारोबारी जॉर्ज सोरोस फंडिंग करते हैं, यही नहीं यह संगठन कश्मीर को भारत से अलग करने की मांग करता है।

मैं पीएम मोदी की बात का समर्थन करना चाहता था’, प्रधानमंत्री के संबोधन पर राहुल गांधी ने ऐसा क्यों कहा?
Image 1 Image 2 Image 3 Image 4 Image 5


#rahul_gandhi_raised_question_on_pm_modis_speech

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रयागराज में हाल ही में संपन्न 'महाकुंभ' के सफल आयोजन को लेकर लोकसभा में बयान दिया। प्रधानमंत्री ने महाकुंभ के सफल आयोजन को लेकर लोगों का आभार जताया। पीएम मोदी के संबोधन के बाद विपक्षी सांसदों ने हंगामा किया। पीएम मोदी ने जैसे ही प्रयागराज महाकुंभ पर अपना संबोधन खत्म किया, विपक्ष के सांसद खड़े होकर वेल तक आ गए और सवाल करने की मांग करने लगे।

प्रधानमंत्री मोदी के महाकुंभ पर दिए गए बयान के बाद सांसद राहुल गांधी के साथ-साथ पार्टी के अन्य नेताओं ने उन पर निशाना साधना शुरू कर दिया। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सदन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा महाकुंभ पर वक्तव्य दिए जाने के बाद मंगलवार को कहा कि उन्होंने (मोदी ने) आयोजन स्थल पर भगदड़ में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि नहीं दी और सदन में विपक्ष के नेता के तौर पर उन्हें बोलने नहीं मौका नहीं मिला।

संसद परिसर में पत्रकारों से बात करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि कुंभ हमारी परंपरा है, इतिहास है, संस्कृति है। लेकिन हमें इस बात की शिकायत है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुंभ में जान गंवाने वालों के बारे में कुछ नहीं कहा। मृतकों को श्रद्धांजलि तक नहीं दी। राहुल गांधी ने कहा कि कुंभ में जाने वाले युवाओं को प्रधानमंत्री से रोजगार भी चाहिए। प्रधानमंत्री को रोजगार के बारे में भी बोलना चाहिए था।

वहीं, लोकसभा में महाकुंभ पर पीएम मोदी के संबोधन पर कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने कहा पीएम महाकुंभ पर सकारात्मक बोल रहे थे। विपक्ष को भी अपनी बात रखने का मौका दिया जाना चाहिए था, क्योंकि विपक्ष को भी महाकुंभ के प्रति भावनाएं है। अगर हम अपनी बात रखते हैं तो उन्हें कोई समस्या नहीं होनी चाहिए। विपक्ष को भी दो मिनट बोलने की अनुमति दी जानी चाहिए थी।

इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने महाकुंभ के आयोजन पर अपनी बातें रखीं। उन्होंने कहा कि महाकुंभ में अनेक अमृत निकले हैं। एकता का अमृत इसका पवित्र प्रसाद है। इस आयोजन में देश के हर क्षेत्र और हर कोने से आकर एक हो गए। लोग अहम् से वयम् के भाव में एक हुए। पीएम मोदी ने लोकसभा में आज अपने भाषण में कहा कि महाकुंभ विरासत से जुड़ने की पूंजी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाकुंभ को जनता-जनार्दन का, जनता-जनार्दन से प्रेरित और जनता-जनार्दन का आयोजन बताया।

महाकुंभ में अनेक अमृत निकले, एकता का अमृत पवित्र प्रसाद, लोकसभा में महाकुंभ को लेकर बोले पीएम मोदी
Image 1 Image 2 Image 3 Image 4 Image 5

#pmmodispeechinloksabhaon_mahakumbh

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यानी मंगलवार को लोकसभा को संबोधित किया। बजट सत्र के दूसरे फेज के पांचवें दिन मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाकुंभ को लेकर संसद को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि महाकुंभ में अनेक अमृत निकले हैं। एकता का अमृत इसका पवित्र प्रसाद है। साथ ही प्रधानमंत्री ने प्रयागराज में महाकुंभ के सफल आयोजन के लिए यूपी खासतौर से प्रयागराज के लोगों का धन्यवाद किया।

लोग अहम् से वयम् के भाव में एक हुए-पीएम मोदी

लोकसभा में प्रधानमंत्री ने महाकुंभ पर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि प्रयागराज महाकुंभ से अनेक अमृत निकले हैं। इसमें एकता का अमृत निकाला है। इस आयोजन में देश के हर क्षेत्र और हर कोने से आकर एक हो गए। लोग अहम् से वयम् के भाव में एक हुए। पीएम मोदी ने लोकसभा में आज अपने भाषण में कहा कि महाकुंभ विरासत से जुड़ने की पूंजी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाकुंभ को जनता-जनार्दन का, जनता-जनार्दन से प्रेरित और जनता-जनार्दन का आयोजन बताया।

महाकुंभ भारतीय इतिहास में मील का पत्थर-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा देश के कोने-कोने में आध्यात्मिक चेतना उभरी है। महाकुंभ में राष्ट्रीय चेतना के दर्शन हुए और महाकुंभ के उत्साह-उमंग को महसूस किया। देश की सामूहिक चेतना का नतीजा महाकुंभ के दौरान देखने को मिला। युवा पीढ़ी भी पूरे भाव से महाकुंभ से जुड़ी। है। प्रधानमंत्री ने महाकुंभ की तुलना भारतीय इतिहास के मील के पत्थरों से की। उन्होंने कहा कि हर राष्ट्र के जीवन में ऐसे पल आते हैं जब सदियों के लिए, आने वाली पीढ़ियों के लिए उदाहरण बन जाते हैं। प्रयागराज महाकुंभ को ही ऐसे ही पड़ाव के रूप में देखता हूं जिसमें जागरूक होते हुए देश का प्रतिबिंब नजर आता है।

त्रिवेणी का जल मॉरिशस लेकर गया था-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने मॉरीशस यात्रा का जिक्र किया। उन्होंने कहा ये उमंग ये उत्साह सिर्फ यहीं तक सीमित नहीं था। बीते हफ्ते मैं मॉरिशस में था। त्रिवेणी से महाकुंभ के समय का पावन जल लेकर गया था। जब उस पवित्र जल को मॉरिशस के गंगा तालाब में अर्पित किया गया, जो श्रद्धा-आस्था और उत्सव का महौल देखते ही बनता था। ये दिखाता है कि आज हमारी परंपरा, हमारी संस्कृति और संस्कारों को आत्मसात करने की, उत्सव मनाने की भावना कितनी प्रबल हो रही है। मैं ये भी देख रहा हूं कि पीढ़ी दर पीढ़ी संस्कारों के आगे बढ़ने का क्रम कितनी सहजता से आगे बढ़ रहा है।

महाकुंभ को लेकर नकारात्मक बोलने वालों को जवाब

पीएम महाकुंभ की उपलब्धियों की चर्चा करते हुए उन तत्वों पर भी कड़ा प्रहार किया जिन्होंने महाकुंभ को लेकर नकारात्मक बातें कीं। मोदी ने कहा कि महाकुंभ के सफल आयोजन ने उन शंकाओं को भी उचित जवाब दिया है जो हमारे सामर्थ्य को लेकर कुछ लोगों के मन में रहती। उन्होंने कहा कि महाकुंभ में छोटे-बड़े का कोई भेद नहीं था। पीएम मोदी ने कहा कि बिखराव के दौर में हमारी एकता अहम बिंदु है। उन्होंने कहा कि युवा परंपरा और संस्कृति को अपना रहे हैं।

सुनीता विलियम्स को स्पेस से लेकर रवाना हुआ ड्रैगन क्राफ्ट, जानें कब और कहां होगा लैंड
Image 1 Image 2 Image 3 Image 4 Image 5


#sunitawilliamswillreturnto_earth

अंतरिक्ष में फंसे एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर 9 महीने 13 दिन बाद पृथ्वी पर लौट रहे हैं। उनका धरती की तरफ सफर शुरू हो गया है। उनके साथ इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में मौजूद क्रू-9 के दो और एस्ट्रोनॉट निक हेग और अलेक्सांद्र गोरबुनोव भी स्पेस स्टेशन से धरती के लिए रवाना हो गए हैं।सुनीता विलियम्स और उनके साथियों की वापसी स्पेसएक्स के क्रू ड्रैगन क्राफ्ट से हो रही है। सुनीता विलियम्स और सुनीता विलियम्स को लेकर ड्रैगन क्राफ्ट भारतीय समय के हिसाब से बुधवार तड़के 3:27 बजे लैंड करेगा।

चारों एस्ट्रोनॉट के ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट में सवार होने के बाद सुबह 08:35 बजे इस स्पेसक्राफ्ट का हैच यानी, दरवाजा बंद हुआ और 10:35 बजे स्पेसक्राफ्ट इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से अलग हुआ।नासा ने बताया है कि स्पेसएक्स ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट आईएसएस से सफलतापूर्वक अनडॉक हो गया है, यानी उसकी धरती की तरफ यात्रा शुरू हो गई है। 18 मार्च को सुबह 10:35 बजे क्राफ्ट की अनडॉकिंग हुई। ड्रैगन हार्मोनी मॉड्यूल पर स्टेशन के आगे की ओर वाले पोर्ट से अलग हो गया और नियंत्रित थ्रस्टर फायरिंग के तहत धीरे-धीरे दूर चला गया। कैप्सूलअपने महत्वपूर्ण सिस्टम जांच करेगा और बुधवार की सुबह के लिए निर्धारित डीऑर्बिट बर्न के लिए तैयार होगा।

स्पेस स्टेशन से पृथ्वी पर लौटने में कितना समय लगेगा?

इस सफर में करीब 17 घंटे लगेंगे। नासा की ओर से इस इवेंट का एक अनुमानित शेड्यूल जारी किया गया है। इसमें मौसम के कारण बदलाव भी हो सकता है।

नासा के अनुसार 19 मार्च को सुबह 2:41 बजे डीऑर्बिट बर्न शुरू होगा। यानी, कक्षा से उल्टी दिशा में स्पेसक्राफ्ट का इंजन फायर किया जाएगा। इसके बाद स्पेसक्राफ्ट की पृथ्वी के वातावरण में एंट्री होगी और सुबह फ्लोरिडा के तट पर पानी में लैडिंग होगी।

लैंडिग के बाद रिकवरी प्रोटोकॉल का होगा पालन

फ्लोरिडा तट पर उतरने इसके बाद अंतरिक्ष यात्रियों को एक-एक करके अंतरिक्ष यान से बाहर निकाला जाएगा। सफल लैंडिंग के बाद चालक दल को नासा के जॉनसन स्पेस सेंटर में कुछ दिनों के लिए नियमित पोस्ट-मिशन मेडिकल जांच के लिए भेजा जाएगा। अंतरिक्ष यात्रियों को अकेलेपन की मनोवैज्ञानिक चुनौतियों के अलावा जीवित रहने के लिए चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के कारण हड्डियों और मांसपेशियों की गिरावट, विकिरण जोखिम और दृष्टि हानि का सामना करना पड़ता है।

विलियम्स और बुच का क्या था मिशन ?

सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर बोइंग और नासा के 8 दिन के जॉइंट ‘क्रू फ्लाइट टेस्ट मिशन’ पर गए थे। इस मिशन का उद्देश्य बोइंग के स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट की एस्ट्रोनॉट्स को स्पेस स्टेशन तक ले जाकर वापस लाने की क्षमता को टेस्ट करना था। एस्ट्रोनॉट्स को स्पेस स्टेशन पर 8 दिन में रिसर्च और कई एक्सपेरिमेंट भी करने थे। मिशन के दौरान उन्हें स्पेसक्राफ्ट को मैन्युअली भी उड़ाना था।

इजरायल ने तोड़ा सीजफायर, गाजा-लेबनान और सीरिया में किया एयर स्ट्राइक, 200 से ज्यादा मौतें
Image 1 Image 2 Image 3 Image 4 Image 5

#israel_hamas_war_gaza_attack

इजराइल ने सोमवार को गाजा, लेबनान और सीरिया में हवाई हमले किए। इजराइल की ओर से किए गए ये हमले सीजफायर के दौरान किए गए हैं। पिछले 15 महीने चली जंग में महीने भर की शांति के बाद एक बार फिर इजराइल के हमले किए। हवाई हमलों में कम से कम 200 लोग मारे गए हैं। युद्धविराम के बाद गाजा में किया गया यह अब तक का सबसे बड़ा हमला है। जिसमें इतने लोगों की मौत हुई है। वहीं हमास ने चेतावनी दी है कि गाजा में इजराइल के नए हमले युद्ध विराम का उल्लंघन हैं और यह बंधकों के जीवन को खतरे में डाल सकता है।

यह हमला अचानक नहीं हुआ है। इसके बारे में इजरायल ने अमेरिका को पहले ही जानकारी दे दी थी। टाइम्स ऑफ इजरायल की रिपोर्ट के मुताबिक वाइट हाउस की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता ब्रायन ह्यूजेस ने कहा, हमास युद्धविराम बढ़ाने के लिए बंधकों को रिहा कर सकता था, लेकिन उसने इससे इनकार कर दिया और युद्ध का विकल्प चुना। इजरायल और हमास के बीच हुए सीजफायर को पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कराया था।

इजरायल के रक्षा मंत्री ने इसके बारे में बताया है। आईडीएफ के हमला करने के बाद उन्होंने एक बयान जारी किया। इसमें उन्होंने कहा, आज रात हम गाजा की लड़ाई में वापस आ गए हैं। हमास की ओर से बंधकों को रिहा करने से मना करने और आईडीएफ सैनिकों को नुकसान पहुंचाने की धमकियों के मद्देनजर ऐसा किया गया है। उन्होंने कहा, ‘अगर हमास सभी बचे 59 बंधकों को रिहा नहीं करता तो गाजा में नरक के दरवाजे खुल जाएंगे। हम हमास पर ऐसी ताकत से हमला करेंगे, जैसा उसने पहले कभी नहीं देखा होगा 

वहीं दूसरी ओर प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि युद्धविराम को बढ़ाने के लिए वार्ता में कोई खास प्रगति नहीं होने के कारण उन्होंने हमले का आदेश दिया। नेतन्याहू के कार्यालय ने कहा, इजराइल अब सैन्य ताकत बढ़ाकर हमास के खिलाफ कार्रवाई करेगा। इजरायल ने गाजा पर ऐसे समय में हमला किया है जब अमेरिका यमन के हूतियों पर बम बरसा रहा है।

तुलसी गबार्ड पर क्यों भड़का बांग्लादेश? यूनुस सरकार ने कहा-हमारी छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश
Image 1 Image 2 Image 3 Image 4 Image 5


#bangladeshslamstulsigabbardremarks

बांग्लादेश की मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अतंरिम सरकार ने अमेरिका की नेशनल इंटेलिजेंस डायरेक्टर तुलसी गबार्ड के प्रति नाराजगी जाहिर की है। दरअसल, अमेरिका के राष्ट्रीय खुफिया विभाग की प्रमुख तुलसी गबार्ड के एक बयान पर बांग्लादेश भड़क गया है। भारत दौरे पर पहुंची तुलसी गबार्ड ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के साथ उत्पीड़न की बात कही। इस पर बांग्लादेश ने कहा है कि गबार्ड के बयान तथ्य से परे हैं और दुनिया में उसकी छवि खराब करते हैं। बता दें कि तुलसी गबार्ड भारत के तीन दिन के दौरे पर हैं।

तुलसी गबार्ड ने भारत दौरा के दौरान एक टीवी चैनल पर बातचीत की। एनडीटीवी को दिए इंटरव्‍यू के दौरान तुलसी गबार्ड ने बांग्लादेश में हिंदुओं, बौद्धों, ईसाइयों और अन्य अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न पर अमेरिकी सरकार की गहरी चिंता दोहराई। उन्होंने विश्व स्तर पर चरमपंथी समूहों द्वारा अपनाए जा रहे इस्लामी खिलाफत की विचारधारा की निंदा की और “इस्लामी आतंकवादियों” द्वारा हिंसा के माध्यम से इस तरह के शासन की स्थापना के लिए उत्पन्न खतरे पर प्रकाश डाला।

गबार्ड ने कहा, बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न और उनकी हत्याओं के साथ देश में इस्लामिक आतंकियों का खतरा इस्लामी खलीफा के साथ शासन करने की विचारधारा में डूबा हुआ है। गबार्ड ने कहा कि अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस मुद्दे पर चिंतित हैं। अमेरिकी सरकार बांग्लादेश के साथ बातचीत भी कर रही है। उन्होंने आगे कहा, इस्लामिक आतंकवादियों के खतरा और अन्य सभी आतंकवादी समूहों की कोशिश पूरे विश्व में एक ही विचारधारा और उद्देश्य के लिए है। यह एक इस्लामी खिलाफत के आधार पर ही पूरे विश्व पर शासन करने की इच्छा रखते हैं।

बांग्लादेश ने क्या कहा?

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस के कार्यालय ने गबार्ड के बयानों को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि गबार्ड के पास अपने दावों को साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं है। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने सको लेकर बयान जारी किया है। अंतरिम सरकार ने कहा, हम तुलसी गबार्ड के टिप्पणियों पर गहरी चिंता व्यक्त करते हैं। उनका बयान पूरी तरह से भ्रामक और बांग्लादेश की छवि और उसकी प्रतिष्ठा को क्षति पहुंचाने वाला है। एक ऐसा देश जिसकी पारंपरिक इस्लाम प्रथा समावेशी और शांतिपूर्ण रही है और जिसने उग्रवाद और आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई में प्रगति की है।

“गबार्ड का बयान पूरी तरह से बेतुका”

सरकार ने आगे कहा, तुलसी गबार्ड का बयान पूरी तरह से बेतुका है। यह किसी ठोस सबूत पर आधारित न होकर सिर्फ बेतुका आरोप है, जिसने बांग्लादेश को आरोपों के कटघरे में खड़ा कर दिया है। अंतरिम सरकार ने कहा, दुनिया में कई देश आज चरमपंथ का सामना कर रहे हैं। बांग्लादेश भी उन्हीं देशों में से एक है। लेकिन हम अमेरिका और अन्य अंतरराष्ट्रीय समुदायों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं और चरमपंथ के खिलाफ अपनी लड़ाई लड़ रहे हैं।

खत्म हुआ इंतजारःनौ महीने अंतरिक्ष से धरती पर लौट रहीं सुनीता विलियम्स, अंतरिक्ष यान में हुईं सवार
Image 1 Image 2 Image 3 Image 4 Image 5


#sunita_and_wilmore_will_return_to_earth

स्पेसएक्स के अंतरिक्ष यान ड्रैगन से भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर की पृथ्वी पर वापसी तय हो गई है। सुनीता अपने साथी अंतरिक्ष यात्री बुच विलमोर के साथ स्पेसएक्स के ड्रैगन अंतरिक्षयान में सवार हो गई हैं। यह यान कुछ ही समय में धरती के लिए रवाना होने वाला है। 18 मार्च यानी आज भारेतीय समयानुसार 10 बजकर 35 मिनट पर यान को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (आईएसएस) से अलग यानी अनडॉक किया जाएगा। बता दें कि अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन यानी आईएसएस पर 9 महीने से फंसी इन दोनों अंतरिक्षयात्रियों का पूरी दुनिया में इंतजार हो रहा है।

सुनीता और बुच स्पेसएक्स के ड्रैगन अंतरिक्ष यान से पृथ्वी पर लौटेंगे। दोनों बोइंग के नए स्टारलाइनर कैप्सूल से पिछले साल पांच जून को केप कैनवेरल से रवाना हुए थे। वे दोनों आठ दिन के मिशन के लिए ही गए थे, लेकिन अंतरिक्ष यान से हीलियम के रिसाव और वेग में कमी के कारण ये लगभग नौ महीने से अंतरिक्ष स्टेशन में फंसे हुए हैं।

नौ माह से भी अधिक समय से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) में फंसे नासा के अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर भारतीय समयानुसार बुधवार तड़के 3:27 बजे धरती पर पहुंचेंगे। इससे पहले दोनों यात्री यान पर सवार हो गए। सुबह 08.15 बजे यान का ढक्क्न बंद किया गया। इसके बाद सुबह 10.35 बजे अनडॉकिंग होगा, जिसमें आईएसएस से यान को अलग किया जाता है।

19 मार्च को सुबह 02.41 बजे डीऑर्बिट बर्न (वायुमंडल में यान का प्रवेश) होगा। सुबह 03.27 बजे समुद्र में यान की लैंडिंग होगी। सुबह 05.00 बजे पृथ्वी पर वापसी के संबंध में प्रेस कॉन्फ्रेंस होगी। सुनीता और बुल को धरती पर लौटने में कुल 17 घंटे लगेंगे।

फ्लोरिडा तट के पास पानी में उतरेगा यान

पृथ्वी की कक्षा से बाहर निकलने के बाद यान अमेरिका में फ्लोरिडा तट के पास पानी में उतरेगा। इसके बाद अंतरिक्ष यात्रियों को एक-एक करके अंतरिक्ष यान से बाहर निकाला जाएगा। नासा पूरी वापसी प्रक्रिया का लाइव कवरेज कर रहा है, जिसमें हैच क्लोजर, अनडॉकिंग और स्प्लैशडाउन शामिल है। सफल लैंडिंग के बाद चालक दल को नासा के जॉनसन स्पेस सेंटर में कुछ दिनों के लिए नियमित पोस्ट-मिशन मेडिकल जांच के लिए भेजा जाएगा।

286 दिन बीता स्पेस मे बिताया

सुनीता विलियम्स अंतरिक्ष में कुल 286 दिन बीता चुकी होंगी। इसके साथ ही वह एक यात्रा में तीसरी सबसे ज्यादा दिन तक आईएसएस पर बिताने वाली महिला वैज्ञानिक हो बन जाएंगी। इस मामले में सबसे पहले पायदान पर 328 दिनों के साथ क्रिस्टीना कोच हैं। वहीं पिग्गी वीटस्न 289 दिनों के साथ दूसरी पायदान पर हैं। आईएसएस में एक बार में सबसे ज्यादा 371 दिन अंतरिक्ष यात्री फ्रैंक रूबियो ने बिताए हैं।कुल मिलाकर सबसे ज्यादा दिन बिताने का रिकॉर्ड 675 दिनों के साथ पिग्गी वीटस्न के पास है। अंतरिक्ष में स्पेश वॉक का रिकॉर्ड सुशान हेलम्स और जेम्स वोस के पास है। इन दोनों ने एक बार 8 घंटे 56 मिनट तक स्पेसवॉक किया था। सुनीता विलियम्स ने अब तक नौ बार स्पेसवॉक किया है।इस दौरान उन्होंने 62 घंटे 6 मिनट स्पेसवॉक में बिताए हैं। इस मामले में वे पहले स्थान पर हैं।