/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png StreetBuzz इजरायल ने तोड़ा सीजफायर, गाजा-लेबनान और सीरिया में किया एयर स्ट्राइक, 200 से ज्यादा मौतें India
इजरायल ने तोड़ा सीजफायर, गाजा-लेबनान और सीरिया में किया एयर स्ट्राइक, 200 से ज्यादा मौतें

Image 2Image 3Image 4Image 5

#israel_hamas_war_gaza_attack

इजराइल ने सोमवार को गाजा, लेबनान और सीरिया में हवाई हमले किए। इजराइल की ओर से किए गए ये हमले सीजफायर के दौरान किए गए हैं। पिछले 15 महीने चली जंग में महीने भर की शांति के बाद एक बार फिर इजराइल के हमले किए। हवाई हमलों में कम से कम 200 लोग मारे गए हैं। युद्धविराम के बाद गाजा में किया गया यह अब तक का सबसे बड़ा हमला है। जिसमें इतने लोगों की मौत हुई है। वहीं हमास ने चेतावनी दी है कि गाजा में इजराइल के नए हमले युद्ध विराम का उल्लंघन हैं और यह बंधकों के जीवन को खतरे में डाल सकता है।

यह हमला अचानक नहीं हुआ है। इसके बारे में इजरायल ने अमेरिका को पहले ही जानकारी दे दी थी। टाइम्स ऑफ इजरायल की रिपोर्ट के मुताबिक वाइट हाउस की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता ब्रायन ह्यूजेस ने कहा, हमास युद्धविराम बढ़ाने के लिए बंधकों को रिहा कर सकता था, लेकिन उसने इससे इनकार कर दिया और युद्ध का विकल्प चुना। इजरायल और हमास के बीच हुए सीजफायर को पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कराया था।

इजरायल के रक्षा मंत्री ने इसके बारे में बताया है। आईडीएफ के हमला करने के बाद उन्होंने एक बयान जारी किया। इसमें उन्होंने कहा, आज रात हम गाजा की लड़ाई में वापस आ गए हैं। हमास की ओर से बंधकों को रिहा करने से मना करने और आईडीएफ सैनिकों को नुकसान पहुंचाने की धमकियों के मद्देनजर ऐसा किया गया है। उन्होंने कहा, ‘अगर हमास सभी बचे 59 बंधकों को रिहा नहीं करता तो गाजा में नरक के दरवाजे खुल जाएंगे। हम हमास पर ऐसी ताकत से हमला करेंगे, जैसा उसने पहले कभी नहीं देखा होगा 

वहीं दूसरी ओर प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि युद्धविराम को बढ़ाने के लिए वार्ता में कोई खास प्रगति नहीं होने के कारण उन्होंने हमले का आदेश दिया। नेतन्याहू के कार्यालय ने कहा, इजराइल अब सैन्य ताकत बढ़ाकर हमास के खिलाफ कार्रवाई करेगा। इजरायल ने गाजा पर ऐसे समय में हमला किया है जब अमेरिका यमन के हूतियों पर बम बरसा रहा है।

तुलसी गबार्ड पर क्यों भड़का बांग्लादेश? यूनुस सरकार ने कहा-हमारी छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश


Image 2Image 3Image 4Image 5

#bangladeshslamstulsigabbardremarks

बांग्लादेश की मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अतंरिम सरकार ने अमेरिका की नेशनल इंटेलिजेंस डायरेक्टर तुलसी गबार्ड के प्रति नाराजगी जाहिर की है। दरअसल, अमेरिका के राष्ट्रीय खुफिया विभाग की प्रमुख तुलसी गबार्ड के एक बयान पर बांग्लादेश भड़क गया है। भारत दौरे पर पहुंची तुलसी गबार्ड ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के साथ उत्पीड़न की बात कही। इस पर बांग्लादेश ने कहा है कि गबार्ड के बयान तथ्य से परे हैं और दुनिया में उसकी छवि खराब करते हैं। बता दें कि तुलसी गबार्ड भारत के तीन दिन के दौरे पर हैं।

तुलसी गबार्ड ने भारत दौरा के दौरान एक टीवी चैनल पर बातचीत की। एनडीटीवी को दिए इंटरव्‍यू के दौरान तुलसी गबार्ड ने बांग्लादेश में हिंदुओं, बौद्धों, ईसाइयों और अन्य अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न पर अमेरिकी सरकार की गहरी चिंता दोहराई। उन्होंने विश्व स्तर पर चरमपंथी समूहों द्वारा अपनाए जा रहे इस्लामी खिलाफत की विचारधारा की निंदा की और “इस्लामी आतंकवादियों” द्वारा हिंसा के माध्यम से इस तरह के शासन की स्थापना के लिए उत्पन्न खतरे पर प्रकाश डाला।

गबार्ड ने कहा, बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न और उनकी हत्याओं के साथ देश में इस्लामिक आतंकियों का खतरा इस्लामी खलीफा के साथ शासन करने की विचारधारा में डूबा हुआ है। गबार्ड ने कहा कि अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस मुद्दे पर चिंतित हैं। अमेरिकी सरकार बांग्लादेश के साथ बातचीत भी कर रही है। उन्होंने आगे कहा, इस्लामिक आतंकवादियों के खतरा और अन्य सभी आतंकवादी समूहों की कोशिश पूरे विश्व में एक ही विचारधारा और उद्देश्य के लिए है। यह एक इस्लामी खिलाफत के आधार पर ही पूरे विश्व पर शासन करने की इच्छा रखते हैं।

बांग्लादेश ने क्या कहा?

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस के कार्यालय ने गबार्ड के बयानों को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि गबार्ड के पास अपने दावों को साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं है। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने सको लेकर बयान जारी किया है। अंतरिम सरकार ने कहा, हम तुलसी गबार्ड के टिप्पणियों पर गहरी चिंता व्यक्त करते हैं। उनका बयान पूरी तरह से भ्रामक और बांग्लादेश की छवि और उसकी प्रतिष्ठा को क्षति पहुंचाने वाला है। एक ऐसा देश जिसकी पारंपरिक इस्लाम प्रथा समावेशी और शांतिपूर्ण रही है और जिसने उग्रवाद और आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई में प्रगति की है।

“गबार्ड का बयान पूरी तरह से बेतुका”

सरकार ने आगे कहा, तुलसी गबार्ड का बयान पूरी तरह से बेतुका है। यह किसी ठोस सबूत पर आधारित न होकर सिर्फ बेतुका आरोप है, जिसने बांग्लादेश को आरोपों के कटघरे में खड़ा कर दिया है। अंतरिम सरकार ने कहा, दुनिया में कई देश आज चरमपंथ का सामना कर रहे हैं। बांग्लादेश भी उन्हीं देशों में से एक है। लेकिन हम अमेरिका और अन्य अंतरराष्ट्रीय समुदायों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं और चरमपंथ के खिलाफ अपनी लड़ाई लड़ रहे हैं।

खत्म हुआ इंतजारःनौ महीने अंतरिक्ष से धरती पर लौट रहीं सुनीता विलियम्स, अंतरिक्ष यान में हुईं सवार


Image 2Image 3Image 4Image 5

#sunita_and_wilmore_will_return_to_earth

स्पेसएक्स के अंतरिक्ष यान ड्रैगन से भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर की पृथ्वी पर वापसी तय हो गई है। सुनीता अपने साथी अंतरिक्ष यात्री बुच विलमोर के साथ स्पेसएक्स के ड्रैगन अंतरिक्षयान में सवार हो गई हैं। यह यान कुछ ही समय में धरती के लिए रवाना होने वाला है। 18 मार्च यानी आज भारेतीय समयानुसार 10 बजकर 35 मिनट पर यान को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (आईएसएस) से अलग यानी अनडॉक किया जाएगा। बता दें कि अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन यानी आईएसएस पर 9 महीने से फंसी इन दोनों अंतरिक्षयात्रियों का पूरी दुनिया में इंतजार हो रहा है।

सुनीता और बुच स्पेसएक्स के ड्रैगन अंतरिक्ष यान से पृथ्वी पर लौटेंगे। दोनों बोइंग के नए स्टारलाइनर कैप्सूल से पिछले साल पांच जून को केप कैनवेरल से रवाना हुए थे। वे दोनों आठ दिन के मिशन के लिए ही गए थे, लेकिन अंतरिक्ष यान से हीलियम के रिसाव और वेग में कमी के कारण ये लगभग नौ महीने से अंतरिक्ष स्टेशन में फंसे हुए हैं।

नौ माह से भी अधिक समय से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) में फंसे नासा के अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर भारतीय समयानुसार बुधवार तड़के 3:27 बजे धरती पर पहुंचेंगे। इससे पहले दोनों यात्री यान पर सवार हो गए। सुबह 08.15 बजे यान का ढक्क्न बंद किया गया। इसके बाद सुबह 10.35 बजे अनडॉकिंग होगा, जिसमें आईएसएस से यान को अलग किया जाता है।

19 मार्च को सुबह 02.41 बजे डीऑर्बिट बर्न (वायुमंडल में यान का प्रवेश) होगा। सुबह 03.27 बजे समुद्र में यान की लैंडिंग होगी। सुबह 05.00 बजे पृथ्वी पर वापसी के संबंध में प्रेस कॉन्फ्रेंस होगी। सुनीता और बुल को धरती पर लौटने में कुल 17 घंटे लगेंगे।

फ्लोरिडा तट के पास पानी में उतरेगा यान

पृथ्वी की कक्षा से बाहर निकलने के बाद यान अमेरिका में फ्लोरिडा तट के पास पानी में उतरेगा। इसके बाद अंतरिक्ष यात्रियों को एक-एक करके अंतरिक्ष यान से बाहर निकाला जाएगा। नासा पूरी वापसी प्रक्रिया का लाइव कवरेज कर रहा है, जिसमें हैच क्लोजर, अनडॉकिंग और स्प्लैशडाउन शामिल है। सफल लैंडिंग के बाद चालक दल को नासा के जॉनसन स्पेस सेंटर में कुछ दिनों के लिए नियमित पोस्ट-मिशन मेडिकल जांच के लिए भेजा जाएगा।

286 दिन बीता स्पेस मे बिताया

सुनीता विलियम्स अंतरिक्ष में कुल 286 दिन बीता चुकी होंगी। इसके साथ ही वह एक यात्रा में तीसरी सबसे ज्यादा दिन तक आईएसएस पर बिताने वाली महिला वैज्ञानिक हो बन जाएंगी। इस मामले में सबसे पहले पायदान पर 328 दिनों के साथ क्रिस्टीना कोच हैं। वहीं पिग्गी वीटस्न 289 दिनों के साथ दूसरी पायदान पर हैं। आईएसएस में एक बार में सबसे ज्यादा 371 दिन अंतरिक्ष यात्री फ्रैंक रूबियो ने बिताए हैं।कुल मिलाकर सबसे ज्यादा दिन बिताने का रिकॉर्ड 675 दिनों के साथ पिग्गी वीटस्न के पास है। अंतरिक्ष में स्पेश वॉक का रिकॉर्ड सुशान हेलम्स और जेम्स वोस के पास है। इन दोनों ने एक बार 8 घंटे 56 मिनट तक स्पेसवॉक किया था। सुनीता विलियम्स ने अब तक नौ बार स्पेसवॉक किया है।इस दौरान उन्होंने 62 घंटे 6 मिनट स्पेसवॉक में बिताए हैं। इस मामले में वे पहले स्थान पर हैं।

तुलसी गबार्ड ने राजनाथ सिंह से की मुलाकात, खालिस्तानी संगठन सिख फॉर जस्टिस का मुद्दा पर हुई बात

#tulsi_gabbard_meeting_with_rajnath_singh

अमेरिका की डायरेक्टर ऑफ नेशनल इंटेलिजेंस (डीएनआई) तुलसी गबार्ड की भारत यात्रा पर हैं। भारत दौरे पर आई तुलसी गबार्ड ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने खालिस्तानी समूह ‘सिख्स फॉर जस्टिस’ (एसएफजे) की गतिविधियों पर चिंता जताई। सूत्रों के मुताबिक, भारत ने इस गैरकानूनी संगठन पर अमेरिका से सख्त कार्रवाई की मांग की है।

Image 2Image 3Image 4Image 5

सूत्रों ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया कि बैठक के दौरान राजनाथ सिंह ने अमेरिकी प्रशासन से इस समूह के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का अनुरोध किया। रक्षा मंत्री और गबार्ड की बैठक का मुख्य उद्देश्य भारत-अमेरिका रणनीतिक संबंधों को मजबूत करना था। इसमें रक्षा और खुफिया साझेदारी पर जोर दिया गया। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, दोनों नेताओं ने जोर दिया कि रणनीतिक सुरक्षा दोनों देशों के व्यापक वैश्विक रणनीतिक सहयोग का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है।

आधिकारिक बयान में कहा गया, राजनाथ सिंह और तुलसी गबार्ड ने सैन्य अभ्यास, रणनीतिक सहयोग, रक्षा औद्योगिक आपूर्ति श्रृंखलाओं के एकीकरण और विशेष रूप से समुद्री क्षेत्र में सूचना-साझाकरण सहयोग के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रगति की समीक्षा की। दोनों नेताओं ने अत्याधुनिक रक्षा नवाचार और विशिष्ट प्रौद्योगिकियों में सहयोग के अवसरों का पता लगाया, जो उनके साझा रणनीतिक हितों को आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इसके अलावा उन्होंने अंतर-संचालन को बढ़ाने और रक्षा औद्योगिक आपूर्ति श्रृंखलाओं के एकीकरण को बढ़ावा देने के प्रमुख क्षेत्रों पर भी चर्चा की।

तुलसी गबार्ड ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात के दौरान बांग्लादेश को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न पर गंभीर चिंता जताई और वहां की युनूस सरकार को सुना दिया। गबार्ड ने कहा कि बांग्लादेश के साथ वार्ता के दौरान ये मुद्दा केंद्र में रहने वाला है। धार्मिक अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न, उनके साथ अत्याचार हमेशा से एक चिंता की बात रही है। इस्लामिक आतंकवाद दुनिया के लिए चिंता की बड़ी वजह है। रूस-यूक्रेन जंग के पर उन्होंने कहा कि प्रेसीडेंट ट्रंप खुद इस मुद्दे को देख रहे हैं। शांति के लिए हरसंभव प्रयास जारी है।

इससे एक दिन पहले, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल और गबार्ड ने रविवार को द्विपक्षीय चर्चा की थी और दुनियाभर के शीर्ष खुफिया अधिकारियों के एक सम्मेलन की अध्यक्षता की थी। ऐसा माना जा रहा है कि डोभाल और गबार्ड ने आमने-सामने की बैठक में भारत-अमेरिका वैश्विक रणनीतिक साझेदारी के अनुरूप मुख्य रूप से खुफिया जानकारी साझा करने के तंत्र को मजबूत करने और सुरक्षा क्षेत्र में मिलकर काम करने के तरीकों पर चर्चा की।

ट्रंप को भी खूब पसंद आया पीएम मोदी के पॉडकास्ट, अमेरिकी राष्ट्रपति ने शेयर किया “दोस्त”वीडियो

#trump_shared_pm_modi_podcast

अमेरिका के लोकप्रिय पॉडकास्टर और कंप्यूटर वैज्ञानिक लेक्स फ्रिडमैन के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते दिन बातचीत की थी। इस दौरान पीएम मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रपति को अपना दोस्त बताया था और उन्होंने एक साहसिक शख्सियत करार दिया। तीन घंटे से अधिक समय तक चली बातचीत के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि उनकी और ट्रंप की बॉन्डिंग बहुत अच्छी है, क्योंकि दोनों अपने-अपने देशों को पहले रखते हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इससे काफी गदगद नजर आ रहे हैं। तभी तो उन्होंने मोदी के पॉडकास्ट का वीडियो लिंक अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर किया है।

Image 2Image 3Image 4Image 5

रिसर्चर लेक्स फ्रिडमैन के साथ बातचीत में मोदी ने रविवार को कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके बीच परस्पर विश्वास का रिश्ता है। वे बेहतर तरीके से एक-दूसरे के संपर्क में रहते हैं, क्योंकि वे हर चीज से ऊपर अपने राष्ट्रीय हितों को रखने में विश्वास करते हैं। फ्रिडमैन के साथ बातचीत के दौरान पीएम मोदी ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की "अमेरिका फर्स्ट नीति" की जमकर तारीफ की, जिसके बारे में उन्होंने कहा कि यह उनके "इंडिया फर्स्ट" नजरिए से मेल खाता है। उन्होंने कहा, उनका जीवन उनके देश के लिए था। उनके विचारों में अमेरिका फर्स्ट की भावना झलकती है, ठीक वैसे ही जैसे मैं देश पहले में विश्वास करता हूं। मैं भारत पहले के लिए खड़ा हूं, इसलिए हम इतने अच्छे से जुड़ते हैं। ये ऐसी चीजें हैं जो वास्तव में गूंजती हैं।

पीएम मोदी ने अमेरिका के ह्यूस्टन में आयोजित 'हाउडी मोदी' कार्यक्रम का जिक्र किया। उन्होंने कहा,मैं और राष्ट्रपति ट्रंप वहां मौजूद थे। पूरा स्टेडियम लोगों से खचाखच भरा हुआ था। इतने लोगों का एक जगह पर एकत्र होना अमेरिका के लिए बहुत बड़ी घटना थी। मैंने जब भाषण दे रहा था तो राष्ट्रपति ट्रंप स्टेडियम में कुर्सी पर बैठकर मेरा भाषण सुन रहे थे। यह उनका बड़प्पन है।

पॉडकास्ट में पीएम मोदी ने ट्रंप की प्रशंसा करते हुए उन्हें एक साहसी व्यक्ति बताया। प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव के लिए प्रचार के दौरान उन पर हत्या की कोशिश की गई। इसके बाद वह बेखौफ रहे। कोई डर नहीं दिखाया और अमेरिका के लिए अडिग रूप से समर्पित रहे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी हालिया अमेरिका यात्रा के दौरान उन्हें ट्रंप की टीम के सदस्यों से मिलने का अवसर मिला। उन्होंने कहा, मेरा मानना है कि उन्होंने मजबूत और सक्षम टीम बनाई है। और इतनी मजबूत टीम के साथ, मुझे लगता है कि वे राष्ट्रपति ट्रंप के दृष्टिकोण को लागू करने में पूरी तरह सक्षम हैं। इस दौरान उन्होंने उपराष्ट्रपति जे डी वेंस, राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड, विवेक रामास्वामी और एलन मस्क के साथ अपनी बैठकों को याद किया।

पीएम मोदी ने पॉडकास्ट से खुश हो गया चीन, जानें ड्रैगन ने क्या कहा?

#chinesereactiononpmmodilexfridman_podcast

Image 2Image 3Image 4Image 5

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को लेक्स फ्रिडमैन के साथ एक पॉडकास्ट में भारत-चीन संबंधों पर विस्तार से चर्चा की। चीन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान पर प्रतिक्रिया दी। पीएम मोदी के बयान की सराहना करते हुए चीन ने भारत के साथ मिलकर काम करने की इच्छा दोहराई है। इससे पहले पीएम मोदी ने कहा कि भारत और चीन, पड़ोसी होने के नाते, मतभेद स्वाभाविक हैं। उन्होंने कहा कि पड़ोसी देशों के बीच मतभेदों को परिवार के सदस्यों के बीच मतभेदों की तरह स्वाभाविक है। साथ ही भारत और चीन के बीच संबंधों को वैश्विक स्थिरता और समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण बताया।

पीएम मोदी के पॉडकास्ट में दिए बयान पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने एक मीडिया ब्रीफिंग में अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि चीन ने पीएम मोदी के हालिया बयान पर ध्यान दिया है। चीन इसकी सराहना करता है। माओ ने आगे कहा कि पिछले साल अक्टूबर में रूस के कजान में पीएम मोदी और राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच सफल द्विपक्षीय बैठक हुई। इस बैठक ने संबंधों के सुधार और विकास के लिए रणनीतिक मार्गदर्शन प्रदान किया। दोनों पक्षों ने आम समझ पर ईमानदारी से काम किया और सकारात्मक रिजल्ट हासिल किया।

“पुराने संबंधों को बढ़ावा देने के लिए तैयार”

माओ ने आगे कहा कि चीन और भारत का संबंध वर्षों पुराना है। मैं इस बात पर जोर देना चाहती हूं कि 2000 से अधिक वर्षों के आपसी संबंधों के इतिहास में दोनों देशों ने दोस्ताना आदान-प्रदान जारी रखा। दोनों देशों ने एक-दूसरे से सीखा। दो सबसे बड़े विकासशील देशों के तौर पर चीन और भारत ने अपने विकास और पुनरोद्धार के काम को साझा किया। एक-दूसरे की सफलताओं को समझा और उनका समर्थन किया हमने मानव प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। हम अपने इस पुराने संबंधों को बढ़ावा देने के लिए तैयार हैं।

क्या कह रहे चीनी एक्सपर्ट?

वहीं, चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स में चीनी एक्सपर्ट ने चीन-भारत संबंधों को मजबूत करने का पीएम मोदी के आह्वान को सकारात्मक बताया है। पीएम मोदी के इस विचार को चीनी एक्सपर्ट चीन-भारत संबंधों के लिहाज से व्यावहारिक दृष्टिकोण के रूप में देखते हैं और चीनी एक्सपर्ट ने स्वीकार किया है कि सहयोग और प्रतिस्पर्धा एक साथ हो सकते हैं।

हम रिश्ते सुधारने पर कर रहे काम-पीएम मोदी

इससे पहले पॉडकास्ट में पीएम मोदी ने भारत चीन संबंधों पर भी पीएम मोदी ने खुलकर अपनी बात रखी। पीएम मोदी ने कहा, भारत और चीन का संबंध आज का नहीं है। मॉडर्न वर्ल्ड में भी हम लोगों की भूमिका है। इतिहास को देखें तो भारत और चीन सदियों तक एक-दूसरे से सीखते रहे हैं। साल 1975 के बाद पहली बार दोनों देशों के बीच टकराव ने संघर्ष का रूप ले लिया। इस संघर्ष में दोनों पक्षों के जवान मारे गए थे। पीएम मोदी ने पिछले साल अक्टूबर में चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ अपनी बैठक का जिक्र करते हुए कहा, राष्ट्रपति शी के साथ हाल में हुई बैठक के बाद हमने सीमा पर सामान्य स्थिति की वापसी देखी है। हम अब 2020 से पहले की स्थितियों को बहाल करने के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, धीरे-धीरे लेकिन निश्चित रूप से, विश्वास, उत्साह और ऊर्जा वापस आनी चाहिए। लेकिन स्वाभाविक रूप से, इसमें कुछ समय लगेगा, क्योंकि पांच साल हो गए हैं।

क्या आतंक के मास्टरमाइंड हाफिज सईद का भी हो गया काम तमाम? जानें क्यों उठ रहे सवाल

#pakistanishafizsaeedkilled_claim

लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के शीर्ष कमांडर अबू कताल को पाकिस्तान में मार दिया गया है। लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक और 26/11 मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद पर भी हमले की खबर है। कहा जा रहा था कि हमले में हाफिज सईद मारा जा चुका है। कई सोशल मीडिया यूजर्स ने दावा किया है कि अज्ञात बंदूकधारियों ने सईद को निशाना बनाया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स और पाकिस्तानी हैंडल पर हाफिज सईद पर हमले का दावा किया जा रहा है। एक्स पर तो हाफिज सईद ट्रेंड कर रहा है। कई अकाउंट से दावा किया गया कि पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में झेलम इलाके में जमात-उद-दावा मुखिया और मुंबई हमले का मास्टरमाइंड हाफिज सईद मारा गया है। हालांकि, इसकी कोई पुष्टि नहीं हो पाई है।

Image 2Image 3Image 4Image 5

कहा जा रहा है कि पाकिस्तान के खुफिया एजेंसी आईएसआई से गहरे मतभेद की वजह से कताल मारा गया। पाकिस्तान में कताल के मौत की पुष्टि हो चुकी है। वहीं हाफिज सईद को लेकर अब भी सस्पेंस बरकरार है। कहा जा रहा है कि अबू कताल को झेलम में अज्ञात बंदूकधारियों ने गोली मारकर हत्या कर दी। झेलम में अज्ञात बंदूकधारियों ने लश्कर ए तैयबा के 2 फिदायीन को मार गिराया। वरिष्ठ पत्रकार अरशद यूसुफजई के मुताबिक 2 की मौत कन्फर्म है, लेकिन पुलिस चुप्पी साध रखी है। युसुफजई ने अपने पोस्ट पर हाफिज सईद का नाम भी लिया है।

सवाल उठ रहा है कि जब 2 मौत कन्फर्म है, तो फिर दूसरा कौन है? क्योंकि हाफिज सईद अक्सर अपने भतीजे अबू कताल के साथ ही रहता है। जेल में भी सईद कताल के साथ ही रहता था। ऐसे में कहा जा रहा है कि कताल के साथ बंदूकधारियों ने हाफिज को भी उड़ा दिया।

पाकिस्तान में उसके ठिकानों के आसपास सुरक्षा बढ़ाए जाने और सरकार की चुप्पी ने सईद की मौत की चर्चा को हवा दी है। पाकिस्तान में हालिया समय में टारगेट किलिंग देखने को मिली हैं। ऐसे लोगों को मारा जा रहा है, जो भारत की हिट लिस्ट में हैं। कताल के करीबी और आईएसआई से जुड़े लोग इसके पीछे भारत की एजेंसी रॉ को मान रहे हैं। ये माना जा रहा है कि सईद भी खतरे में है। ऐसे में उसकी सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई गई है। उसके घर को अब सबजेल में तब्दील किया जा रहा है, जहां उसे रखा गया है।

कौन है हाफिज सईद?

हाफिज सईद ने 1980 के दशक में अफगानिस्तान में सोवियत संघ के खिलाफ जिहाद के दौरान अपनी आतंकी गतिविधियों की शुरुआत की थी। इसके बाद उसने 1987 में लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) की स्थापना की थी। जिसका मकसद भारत में इस्लामिक शासन स्थापित करना और कश्मीर को "आजाद" करना था। संगठन ने जल्द ही अपनी हिंसक गतिविधियों से दुनिया का ध्यान खींच लिया था। हाफिज की अगुवाई में लश्कर ने भारत में कई बड़े हमले किए, जिनमें 2001 का भारतीय संसद पर हमला, 2006 के मुंबई ट्रेन धमाके और सबसे चर्चित 26/11 मुंबई हमला शामिल हैं। हाफिज सईद के खिलाफ आतंकी फंडिंग, मनी लॉन्ड्रिंग और अवैध कब्जे जैसे 29 से ज्यादा मामले दर्ज थे। उसके सिर पर 10 मिलियन डॉलर (लगभग 70 करोड़ रुपये) का इनाम रखा गया था। हाफिज की क्राइम कुंडली में सैकड़ों बेगुनाहों की मौत का जिक्र है, जिसके लिए उसे आतंक का दूसरा नाम भी कहा जाता था।

चीन-पाक को लेकर सेना प्रमुख का बड़ा बयान, जानें क्या कहा?

#army_chief_on_security_china_pakistan

भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने चीन और पाकिस्तान को लेकर बड़ा बयान दिया है। सेना प्रमुख ने चीन और पाकिस्तान की बढ़ती नजदीकियों को लेकर कहा कि आज उनकी मिलीभगत ने खतरा और बढ़ा दिया है। साथ ही उन्होंने चीन के एक प्रमुख आर्थिक और सामरिक शक्ति के रूप में उभरने से जटिलता के बढ़ने की बात कही है। उन्होंने यह भी कहा कि चीन नियम-आधारित व्यवस्था को चुनौती दे रहा है और विघटनकारी गतिविधियों में आगे बढ़ रहा है।

Image 2Image 3Image 4Image 5

सेना प्रमुख ने दिल्ली में जनरल बिपिन रावत मेमोरियल लेक्चर में यह बात कही।जनरल द्विवेदी ने कहा,देश कई तरह के प्रयासों के साथ काम कर रहा है, हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि सुरक्षा के क्षेत्र में ‘किसी उभरती शक्ति द्वारा किसी मौजूदा शक्ति को हटाने के लिए युद्ध की आशंका’ में फंसना बहुत आसान है। उन्होंने कहा, क्या हम सामाजिक क्षेत्र में अनिवार्य आवश्यकताओं वाले देश के रूप में इस आशंका में फंसने का जोखिम उठा सकते हैं? साथ ही, क्या हम इस तथ्य को नजरअंदाज कर सकते हैं कि हम एक बेहद अस्थिर पड़ोस में रहते।

सेना प्रमुख ने कहा, जैसा कि जनरल रावत ने कहा था कि जब आपके उत्तर और पश्चिम में अस्थिर सीमाएं होती हैं, तो आप नहीं जानते कि लड़ाई किस तरफ से शुरू होगी और कहां खत्म होगी। इसलिए, आपको दोनों मोर्चों के लिए तैयार रहना चाहिए। आज, उच्च स्तर पर मिलीभगत ने खतरे को और बढ़ा दिया है।

जनरल द्विवेदी ने चीन की गतिविधियों पर चिंता जताते हुए उन्होंने कहा कि चीन मौजूदा विश्व व्यवस्था को चुनौती दे रहा है। उन्होंने कहा कि चीन के एक प्रमुख आर्थिक और सामरिक शक्ति के रूप में उभरने से जटिलता बढ़ रही है, प्रतिस्पर्धा पैदा हो रही और ग्लोबल साउथ का नेतृत्व करने के भारत के प्रयासों में बाधा आ रही है।

इससे पहले आठ मार्च को भी जनरल द्विवेदी ने चीन और पाकिस्तान की करीबी का जिक्र किया था। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच काफी हद तक मिलीभगत है। इसे स्वीकार किया जाना चाहिए। एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि चीन और पाकिस्तान की करीबी का मतलब है कि दोनों मोर्चों पर वास्तविक खतरा है। पाकिस्तान में अधिकांश उपकरण चीनी मूल के हैं। इसलिए यह दो-मोर्चे का खतरा और एक वास्तविकता है।

वक्फ बिल के खिलाफ मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड प्रदर्शन, किस-किस ने दिया समर्थन, जानें कौन क्या बोला?*

#waqfbillprotestjantarmantar

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ आज मंगलवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना प्रदर्शन किया है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इस बिल को वापस लेने की मांग की है। प्रदर्शन कारियों ने आरोप लगाया कि सरकार वक्फ संपत्तियों को लूटने की कोशिश कर रही है। साथ ही जेपीसी पर विपक्ष के विचारों पर भी विचार नहीं करने का भी आरोप लगाया। इस विरोध प्रदर्शन में सांसद असदुद्दीन ओवैसी और टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा समेत विपक्ष के तमाम नेता शामिल हुए।

Image 2Image 3Image 4Image 5

अबू तालिब का पीएम मोदी पर तंज

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अबू तालिब रहमानी ने कहा कि हम यहां लड़ने, धमकाने, या समुदाय को ललकारने नहीं बल्कि अपने हकों के लिए आए हैं। अगर शाकाहारी पत्नी मांसाहारी पति के साथ रह सकती है तो देश में हिंदू मुसलमान साथ क्यों नहीं रह सकते हैं। उन्होंने आगे कहा कि पीएम कहते हैं बचपन में ईद पर खाना नहीं बनता है। हम आज भी शाकाहारी खाना भेज सकते हैं। आपकी मोहब्बत का दरवाजा बंद हो गया है।

उन्होंने आगे कहा कि जेपीसी ने बड़ी नाइंसाफी से काम लिया है। स्टेकहोल्डर को छोड़कर जो स्टेकहोल्डर नहीं हैं, उनसे बात कर रहे हैं। कहीं आप श्रीलंका ना चले जाए। आपको बांग्लादेश की हसीना अच्छी लगती है देश का हुसैन अच्छा नहीं लगता है।

महमूद मदनी के गंभीर आरोप

जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख महमूद मदनी ने भी इस विधेयक को लेकर केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा, यह सिर्फ मुसलमानों का मामला नहीं है, बल्कि संविधान का मामला है। हमारे घरों पर बुलडोजर चलाए जा रहे हैं, मस्जिदों और मदरसों को निशाना बनाया जा रहा है। वक्फ के जरिए संविधान पर भी बुलडोजर चलाने की कोशिश हो रही है।

मदनी ने आगे कहा, हमें हर हाल में इसकी मुखालफत करनी होगी। यह सिर्फ मुसलमानों की लड़ाई नहीं है, बल्कि सभी समुदायों को एकजुट होना होगा। बहुसंख्यक राज्य बनाने की कोशिश की जा रही है, हमें इसके खिलाफ खड़ा होना होगा। उन्होंने आगे कहा कि हर लड़ाई के लिए कुर्बानी की जरूरत होती है और हमें इसके लिए तैयार रहना होगा। केवल सड़कों पर प्रदर्शन से काम नहीं चलेगा, इसके लिए हर स्तर पर लड़ाई लड़नी होगी।

ओवैसी का सरकार पर तीखा हमला

वहीं, प्रदर्शन में सामिल असदुद्दीन ओवैसी ने सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि यह विधेयक वक्फ संपत्तियों को मजबूत करने के लिए नहीं, बल्कि फसाद कराने के लिए लाया गया है। ओवैसी ने आरोप लगाया कि ‘मोदी सरकार वक्फ संपत्तियों को लूटने और देश का माहौल खराब करने की कोशिश कर रही है। ओवैसी ने यह भी कहा कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड इस विधेयक पर आगे की रणनीति तय करेगा और संसद में इसका विरोध किया जाएगा।

महुआ मोइत्रा ने क् कहा

जंतर मंतर पर प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए महुआ मोइत्रा ने कहा, जब अयोध्या के राम मंदिर बोर्ड में किसी मुस्लिम को शामिल नहीं किया जा सकता। तो वक्फ बोर्ड में हिंदू को कैसे शामिल किया जा सकता है? ये मुस्लिमों की संपत्ति को छिनने के लिए है। उन्होंने आगे कहा, जो बातें 30 साल पहले बंद कमरों में होती थीं, वे अब खुले मंचों से कही जा रही हैं। देश में जो हालात बनाए जा रहे हैं, वैसा ही जर्मनी में भी हुआ था।

वक्फ की जमीनों को उद्योगपति को देना चाहती सरकार -इमरान प्रतापगढ़ी

जंतर-मंतर पर वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 के खिलाफ विरोध प्रदर्शन पर कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा कि सरकार को समझना होगा कि बहुत विरोध हो रहा है, यह अच्छी बात है कि संगठन लोकतांत्रिक तरीके से उस तानाशाही का विरोध कर रहे हैं, जिसे सरकार थोपने की कोशिश कर रही है। क्या वे वक्फ की जमीनों को लूटकर अपने उद्योगपति दोस्तों को देना चाहते हैं? अगर वे जेपीसी सदस्यों की राय नहीं सुनने वाले थे तो उन्होंने जेपीसी क्यों बनाई।

कौन था लश्कर-ए-तैयबा का मोस्ट वांटेड आतंकी अबू कताल? गोलियों से भून डाला गया

#lashkar_e_taiba_most_wanted_terrorist_abu_qatal_killed

लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) का खूंखार आतंकवादी अबू कताल मारा गया। पाकिस्तान में रविवार को अबू कताल की गोली मारकर हत्या कर दी गई।पाकिस्तान के पंजाब प्रांत स्थित झेलम में अज्ञात बंदूकधारियों ने कतार को ढेर कर दिया। लश्कर-ए-तैयबा चीफ हाफिज सईद का करीबी और संगठन का प्रमुख सदस्य कताल जम्मू-कश्मीर में कई हमलों का मास्टरमाइंड था। कताल ने जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में तीर्थयात्रियों की बस पर हुए हमले में अहम भूमिका निभाई थी। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को इसकी लंबे समय से तलाश थी। ऐसे में अबू कताल का मारा जाना भारत के लिए भी बड़ी कामयाबी मानी जा रही है।

Image 2Image 3Image 4Image 5

कताल लश्कर-ए-तैयबा के सरगना हाफिज सईद का भतीजा है। हाफिज सईद ने अपने भतीजे अबू कताल को लश्कर का चीफ आपरेशन कमांडर बनाया था। हाफिज के इशारों पर कताल आतंकी घटनाओं को अंजाम देता था। अबू कताल की हत्या से आतंकियों को बड़ा झटका लगा है। अबू कताल दो दशक से जम्मू कश्मीर में बड़े आतंकी हमलों और घुसपैठ कराने का अहम रोल निभाता आया है। छह से सात बड़े हमलों के पीछे अबू कताल का ही हाथ था। कताल की पुंछ- राजौरी के अलावा जम्मू, किश्तवाड़ और डोडा में मजबूत पकड़ मानी जाती है। यही वजह है कि कताल राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की मोस्ट वांटेड लिस्ट में शामिल था।

भारत की एनआईए ने साल 2023 के राजौरी हमले में शामिल होने की चार्जशीट में अबू कताल का भी नाम शामिल किया था। अबू कताल लश्करे तैयबा का ऑपरेशन प्रमुख संभालता था और उसके पास पीओके में आतंकियों के लॉंच पैड की भी जिम्मेदारी थी। खासतौर पर जम्मू इलाके में आतंकियों की घुसपैठ और ड्रोन व अन्य माध्यमों से हथियारों की सप्लाई भी वही सुनिश्चित करता था।