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भारत-बांग्लादेश की नौसेनाओं का साझा अभ्यास, तनाव के बीच तालमेल बढ़ाने का प्रयास
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भारत और बांग्लादेश के रिश्तों में तनाव देखा जा रहा है। दरअसल, शेख हसीने के तख्तापलट के बाद बांग्लादेश की अंतरिम यूनुस सरकार की तरफ से पाकिस्तान से नजदीकियां बनाई जा रही है और भारत के साथ संबंधों को खराब किया जा रहा है। हालांकि, तनाव भरे रिश्तों के बीच दोनो देशों की सैन्य रिश्ते बरकरार हैं। इसी क्रम में भारत और बांगलादेश की नेवी ने बंगाल की खाड़ी में साझा अभ्यास और गश्त किया है। इस हफ्ते हुई ज्वाइंट एक्सरसाइज का मकसद दोनों देशों की नौसेनाओं को समुद्री संचालन के लिए एक-दूसरे के साथ तालमेल बनाने और जानकारी साझा करने के अवसर देना है।

'बोंगोसागर 2025' नाम के इस अभ्यास में भारतीय नौसेना की ओर से आईएनएस रणवीर और बांग्लादेशी नेवी की ओर से बीएनएस अबू उबैदा ने भाग लिया है। भारत और बांग्लादेश की नेवी बंगाल की खाड़ी में 2019 से बोंगोसागर के तहत संयुक्त गश्त करती रही हैं। हालांकि, मौजूदा अभ्यास दोनों देशों के बीच राजनयिक रिश्तों में तनाव के बीच हुआ है।

भारत-बांगलादेश नौसेना अभ्यास ‘बोंगोसागर 2025’ बंगाल की खाड़ी में आयोजित किया गया। इस अभ्यास में भारतीय नौसेना के आईएनएस राणवीर और बांगलादेश नौसेना के बीएनएस के अबू उबैदाह ने हिस्सा लिया। इस अभ्यास ने दोनों नौसेनाओं के बीच समन्वय को बढ़ाया। ताकी दोनों देश मिलकर समुद्री सुरक्षा चुनौतियों का मुकाबला करने में संक्षम हो सके। इस अभ्यास में सर्फेस फायरिंग, सामरिक मनूवरिंग, समुद्र में आपूर्ति, विजिट-बोर्ड- सर्च-सीज क्रॉस बोर्डिंग, कम्यूनिकेशन ड्रिल, स्ट्रीम पास्ट अभ्यास किया गया।

भारतीय नौसेना ने अभ्यास पर अपने बयान में कहा कि दोनों नौसेनाओं के बीच नौसैनिक अभियानों से बढ़ा तालमेल क्षेत्र में सुरक्षा और स्थिरता की दिशा में वैश्विक सुरक्षा चुनौतियों का मुकाबला करने की साझा प्रतिबद्धता दिखाता है।

भारतीय नौसेना और बांग्लादेशी नेवी के बीच बोंगोसागर अभ्यास इसलिए भी अहम है क्योंकि दोनों देशों के सामने समुद्र में खतरे उभर रहे हैं। बांग्लादेश के पाकिस्तान के साथ पहले के तनावपूर्ण संबंधों में सुधार होने लगा है। ऐसे में भारत के लिए सुरक्षा मुद्दे पर चिंताएं बढ़ी हैं। भारत के लिए ये बहुत जरूरी है कि बांग्लादेश से उसके रिश्ते बेहतर बने रहें।

फूलों की बरसात, महाकुंभ के जल की बौछार…शहर में निकली राम बरात,बरेली में 165 साल से कैसे खेली जा रही होली
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उत्तर प्रदेश के बरेली में हर साल फागुन मास में होली से एक दिन पहले निकाली जाने वाली ऐतिहासिक राम बारात इस बार भी धूमधाम से आयोजित की गई. यह अनोखी परंपरा पिछले 165 सालों से चलती आ रही है, जिसमें हजारों श्रद्धालु शामिल होकर भगवान श्रीराम की भव्य शोभायात्रा के दर्शन करते हैं और रंगों से सराबोर हो जाते हैं. इस बार महाकुंभ के जल से होली खेली गई.

राम बारात का मुख्य आकर्षण भगवान श्रीराम, माता सीता, लक्ष्मण और हनुमान जी की झांकी होती है, जो 165 साल पुराने लकड़ी के रथ पर सवार होकर नगर भ्रमण करते हैं. इस दौरान श्रद्धालु भक्ति भाव में डूबकर नारे लगाते हैं और होली के रंगों में सराबोर होकर उल्लास मनाते हैं. इस बार की राम बारात में एक खास बात यह रही कि हुरियारों ने महाकुंभ के पवित्र जल में रंग मिलाकर होली खेली. यह भक्तों के लिए एक आध्यात्मिक अनुभव रहा, जिसमें रंगों के जरिए आस्था और परंपरा को जीवंत किया गया.

फूलों की वर्षा से किया गया स्वागत

राम बारात जब शहर के मुख्य मार्गों से होकर गुजरी तो जगह-जगह श्रद्धालुओं ने फूलों की वर्षा कर भव्य स्वागत किया. सड़कों के दोनों ओर खड़े लोग जय श्रीराम के नारे लगाते रहे और बारात के साथ-साथ नाचते-गाते हुए आगे बढ़े. बमनपुरी से शुरू होकर यह शोभायात्रा कोतवाली, पुराने बस अड्डे और कालीबाड़ी समेत अलग-अलग इलाकों से होकर गुजरी.

कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के किए गए इंतजाम

राम बारात के दौरान कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस प्रशासन ने कड़े सुरक्षा इंतजाम किए थे. कुल 315 पुलिसकर्मियों के साथ चार सीओ, चार थाना प्रभारी और एक कंपनी पीएसी को तैनात किया गया. संवेदनशील इलाकों में ड्रोन से निगरानी की गई और सादे कपड़ों में पुलिसकर्मी भी तैनात थे. ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके. इसके अलावा, यात्रा मार्ग में आने वाले धार्मिक स्थलों को ढकने के निर्देश भी दिए गए थे.

CCTV से निगरानी और दमकल की व्यवस्था

राम बारात के दौरान किसी भी तरह की अनहोनी से बचने के लिए जगह-जगह सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की गई. साथ ही, आग लगने की किसी भी घटना से निपटने के लिए कई फायर ब्रिगेड की गाड़ियां भी तैनात रहीं, ताकि जरूरत पड़ने पर तुरंत पानी की आपूर्ति की जा सके. राम बारात में जहां भी मुस्लिम समुदाय के मोहल्ले पड़े उन मोहल्ले में मजारों और मस्जिदों को पुलिस प्रशासन ने ढकवा दिया था. साथ ही राम बारात में फायर की गाड़ियों से पानी भी दिया गया, जिससे होली खेलने वालों को कोई दिक्कत न हो. कई गाड़ियों को फायर विभाग में लगाया था.

साल भर रहता है राम बारात का इंतजार

बरेली की यह अनोखी राम बारात केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि लोगों के लिए उत्सव और आनंद का अवसर भी है. इसमें शामिल होने के लिए दूर-दराज से लोग बरेली आते हैं. लोग श्रीराम की आरती उतारकर हुरियारों पर रंग डालते हैं और भक्ति भाव के साथ होली का आनंद लेते हैं. यह परंपरा वर्षों से चलती आ रही है और हर साल लोग इसका बेसब्री से इंतजार करते हैं.

जगह-जगह बारातियों पर रंगों की बौछार

इस ऐतिहासिक राम बारात ने एक बार फिर पूरे शहर को रंगों और भक्ति से सराबोर कर दिया. श्रद्धालुओं ने उल्लास और उमंग के साथ इस परंपरा का आनंद लिया और भगवान श्रीराम के जयकारों से शहर गूंज उठा. यूनेस्को की ओर से विश्व धरोहर घोषित की जा चुकी, जिसमें बड़ी संख्या में हुरियारे यानी कि बाराती शामिल हुए. आगे-आगे 12 ट्रैक्टर ट्रालियों पर सवार होंगे और पीछे भगवान रामचंद्र सीता माता के साथ रथ पर सवार थे. राम बारात देखने के लिए दूर दूर से लोग आए और जगह-जगह बारातियों पर रंगों की बौछार की गई.

पूरे देश में मची होली की धूम, राज्यपाल और विस अध्यक्ष ने प्रदेशवासियों को दी होली की बधाई
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डेस्क : हिन्दुओं का प्रमुख त्योहार होली इस साल दो दिन हो गया है। कुछ लोग आज तो कुछ लोग कल 15 मार्च को होली का पर्व मनाएंगी। वैसे देशभर में धूमधाम के साथ आज भी मनाया जा रहा है। बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक रंगो का त्योहार होली सिर्फ एक पर्व नहीं है बल्कि सामाजिक मेलजोल का प्रतीक भी है। इस दिन सारे गिले सिकवे भूलकर लोग एक-दूसरे को रंग लगाते हैं और एक दूसरे को गले लगाते हैं। बीते गुरुवार की देर रात होलिका दहन हुआ। होलिका दहन के अगले दिन होली होती है। आज पूरे देश में बड़े ही उत्साह के साथ होली मनाई जा रही है।

राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खां ने होली के पावन अवसर पर सभी बिहारवासियों और देशवासियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी है। अपने शुभकामना संदेश में राज्यपाल ने कहा है कि होली असत्य पर सत्य और दुराचार पर सदाचार की विजय का पर्व है। यह समाज में एकता, भाईचारा और सद्भावना का संदेश देता है। राज्यपाल ने राज्यवासियों से इस त्योहार को आपसी प्रेम और सौहार्द्र के साथ मनाने की अपील की है।

वहीं विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव ने देश-प्रदेश के लोगों को होली की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए कहा है कि होली आपसी सद्भाव और प्रेम का पर्व है। प्रेम और भाईचारा ही होली का मूल मंत्र है। श्री यादव ने कहा कि होली रंग और उमंग का त्योहार है। यह हिंदू धर्म संस्कृति को चटख रंगों के साथ नूतन रूप-स्वरूप प्रदान करता है। समरसता और सद्भाव के इस पावन पर्व पर इस बात का हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि ऐसा कुछ न करें जिससे दूसरों को कष्ट हो और उसकी भावना का ठेस लगे।

होली और जुमे की नमाज को लेकर देशभर में पुलिस अलर्ट, सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद
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14 मार्च , आज पूरे देश में होली का त्योहार मनाया जाएगा. लोग एक-दूसरे को रंग लगाकर खुशियां मनाएंगे. वहीं दूसरी तरफ आज रमजान का जुमा भी है. मुस्लिम समुदाय के लोग जुमे की नमाज पढ़ेंगे, लेकिन इस दौरान किसी भी तरह की अनहोनी न हो. इसके लिए पुलिस पहले से अलर्ट है. उत्तर प्रदेश से लेकर राजधानी दिल्ली तक के कई इलाकों में भारी पुलिस फोर्स को तैनात किया गया है.

उत्तर प्रदेश की मुरादाबाद पुलिस ने होली को लेकर पूरे जिले में तमाम व्यवस्थाएं की हैं. होलिका दहन स्थल से लेकर निकलने वाली चौपाइयों के मार्गों पर पुलिस मुस्तैद की है. एसपी सिटी कुमार रणविजय सिंह ने बताया पहले से ही पुलिस ने जनपद भर में शानदार व्यवस्था कर रखी हैं. सोशल मीडिया से लेकर हुड़दंगियों पर पैनी नजर रखी जा रही है. व्यवधान पैदा करने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. डीजे बजाने को लेकर भी दिशा निर्देश दिए गए हैं. सुप्रीम कोर्ट के नियमों का पालन करते हुए डीजे बजाने की इजाजत दी गई है.

शाहजहांपुर में जूता मार होली

यूपी के शाहजहांपुर में विश्व प्रसिद्ध जूता मार होली की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. जिले में होली पर लगभग 18 जुलूस निकलते हैं, जिनमें प्रमुख रूप से महानगर में बड़े और छोटे लाट साहब के जुलूस के लिए खास तैयारी की जाती हैं. जुलूस मार्गो पर धार्मिक स्थलों को ढकने के साथ संवेदनशील इलाकों में बैरिकेडिंग की व्यवस्था पूर्ण कर ली गई है. इसके साथ ही जुलूस मार्गों पर भारी पुलिस बल के साथ भ्रमण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया गया है.

3500 पुलिस के जवानों की तैनाती

शाहजहांपुर जिलाधिकारी धर्मेंद्र प्रताप सिंह और पुलिस अधीक्षक राजेश एस ने बड़े लाट साहब जुलूस प्रभारी अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण मनोज कुमार अवस्थी और छोटे लाट साहब जुलूस प्रभारी एसपी सिटी संजय कुमार समेत संबंधित अधिकारियों के साथ स्पेशल ब्रीफिंग की गई. इसके साथ ही बड़े और छोटे लाट साहब जुलूस में लगभग 3500 पुलिस बल के जवानों को तैनात किया गया है.

व्यवस्थाओं का जायजा लिया गया

सभी को ड्यूटी पॉइंट पर पहुंचने के निर्देश जारी किए गए हैं. इसके साथ ही PAC के साथ RAF बल को भी तैनात किया गया है. जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने पुलिस लाइन में बैठक कर सभी संबंधित सेक्टर मजिस्ट्रेट जोनल मजिस्ट्रेट सब सेक्टर प्रभारी अधिकारियों को अपने-अपने ड्यूटी पॉइंट चेक करने के साथ वीडियोग्राफी और सीसीटीवी कैमरों समेत ड्रोन से होने वाली निगरानी को चेक करने के लिए निर्देशित किया गया है. इसके साथ ही जिलाधिकारी धर्मेंद्र प्रताप सिंह और पुलिस अधीक्षक राजेश ने रैपिड एक्शन फोर्स और भारी संख्या में पुलिस बल जवानों के साथ जुलूस मार्गों पर भ्रमण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया.

“साल में 52 जुमे और एक होली”

64 साल बाद होली और रमजान का जुमा एक साथ पड़ रहा है. ऐसे में किसी भी तरह की अनहोनी से बचने के लिए तैयारियां की गई हैं. मस्जिदों को तिरपाल तक से ढक दिया गया है. उत्तर प्रदेश के संभल के सीओ अनुज चौधरी ने होली और जुमे को लेकर एक बयान दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि जुमा साल में 52 बार आता है और होली एक बार ही आती है. उनके इस बयान के बाद काफी हंगामा देखने को मिला. इसके बाद से पुलिस हाईअलर्ट पर है. संभल से होली और जुमे की नमाज को लेकर सियासत शुरू हुई थी, जो पूरे देश में फैल गई. हालांकि जुमे की नमाज और होली दोनों को शांति से करने का आश्वासन दिया गया है, जिसके लिए व्यवस्थाएं भी की गई हैं.

दंगे को काबू करने की प्रैक्टिस

इसके अलावा उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में पुलिस दंगे को काबू करने की प्रैक्टिस कर रही है. अगर कोई दंगा करता है तो उसे कैसे रोका जाए. इसके साथ ही आंसू गैस के गोले कैसे फेंका जाए, रिवॉल्वर, राइफल सभी की ट्रेनिंग दी जी रही है, जिससे की अगर कोई हिंसा करने की कोशिश करता है तो उसे बड़ी अनहोनी से पहले रोक लिया जाए. यही नहीं सोशल मीडिया पर भी पैनी नजर बनाकर रखी गई है. नमाज और होली का अलग-अलग समय तय किया गया है.

मस्जिदों वाले इलाके में फ्लैग मार्च

प्रयागराज में पुलिस ने जिन-जिन इलाकों में मस्जिदें हैं. वहां पर फ्लैग मार्च किया और मस्जिदों के पास पुलिस फोर्स को तैनात किया गया है. साथ ही ड्रोन से भी मस्जिदों के आस-पास निगरानी रखी गई है, जिससे के होली का त्योहार और जुमे की नमाज दोनों ही शांति से हो जाए. दिल्ली में पुलिस होली और जुमे की नमाज को लेकर प्लान -24 पर काम कर रही है. यानी दिल्ली के 24 संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा बढ़ाई गई है.

जुमे के समय में किया गया बदलाव

छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश की पुलिस भी अलर्ट है. मध्य प्रदेश में मुस्लिम समुदाय के लोगों से अपील कर कहा गया है कि अगर उन्हें होली के रंगों से परेशानी है, तो वह मस्जिदों को प्लास्टिक के कवर से ढक सकते हैं. छत्तीसगढ़ में होली को देखते हुए जुमे की नमाज के समय में बदलाव किया गया है. 1 बजे होने वाली जुमे की नमाज का समय 2 बजे से लेकर 3 बजे तक कर दिया गया है. वहीं पूरे टाइम पुलिस की तैनाती बनी रहेगी.

लिफ्ट में फंसने से 4 साल के मासूम की मौत, एक महीने में दूसरी बार हुआ हादसा
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हैदराबाद की एक इमारत में दर्दनाक हादसा हो गया. इमारत की लिफ्ट में फंसने से साढ़े चार साल के एक बच्चे की दर्दनाक मौत हो गई. घटना के बाद परिजनों का बुरा हाल है. वहीं पुलिस ने घटना की जानकारी दी है. शहर में एक माह में इस प्रकार की यह दूसरी घटना है. इससे पहले भी एक इमारत में लिफ्ट में फंसने से 6 साल के बच्चे की मौत हो गई थी. पूरे मामले में पुलिस जांच कर रही है.

आसिफ नगर थाने के एक अधिकारी ने जानकारी देते हुए कहा कि यह घटना बुधवार रात चार मंजिला इमारत में हुई, जो एक निजी हॉस्टल है. जिस बच्चे की लिफ्ट में फंसने से मौत हुई उसके माता-पिता नेपाल से हैं. मृतक बच्चे के पिता चार माह से एक इमारत में चौकीदार के तौर पर काम कर रहे हैं. परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है.

लिफ्ट में फंस गया था मासूम

पुलिस ने बताया कि बुधवार रात को उसकी मां और कुछ स्थानीय लोगों ने बच्चे को लिफ्ट में फंसा हुआ पाया. प्रारंभिक जांच के बाद एक अधिकारी ने बताया कि बच्चा कुचल गया था तथा लिफ्ट भूतल और प्रथम तल के बीच फंस गई. पुलिस ने बताया कि स्थानीय लोगों ने बच्चे को बाहर निकाल उसे अस्पताल पहुंचाया. लेकिन तब तक देर हो चुकी थी, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.

पुलिस जांच में जुटी

अधिकारी ने कहा कि पुलिस जांच कर रही है कि क्या किसी की लापरवाही के कारण यह हादसा हुआ या फिर लिफ्ट में कोई तकनीकी समस्या थी. वहीं बच्चे के पिता की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर लिया गया है. पुलिस के मुताबिक फरवरी में भी इस तरह की घटना सामने आई थी. एक अपार्टमेंट परिसर में एलीवेटर शाफ्ट और दीवार के बीच छह वर्षीय बच्चा फंसकर गंभीर रुप से घायल हो गया था. वहीं सरकारी अस्पताल में इलाज के दौरान उसकीमौतहोगईथी.

आयुष्मान वय वंदना कार्ड के लिए उम्र क्यों अब 70 से घटा 60 हो सकती है?
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भारत सरकार आयुष्मान योजना के तहत लोगों को स्वास्थ्य लाभ पहुंचाने पर जोर दे रही है. संसद की स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग से संबंधित समिति ने इस हवाले से सिफारिश किया है कि आयुष्मान योजना का दायरा बढ़ाने के लिए आयुष्मान वय वंदना कार्ड की उम्र सीमा को घटाने की जरुरत है. समिति की सिफारिशों के मुताबिक इस कार्ड के लिए 70 साल की उम्र वाली पात्रता को घटाकर 60 साल तक लाया जना चाहिए.

स्वास्थ्य पर होने वाले लोगों के गंभीर खर्च को ध्यान में रखते हुए इस योजना को लाया गया था. समिति ने ने राज्यसभा में दिए अपने रिपोर्ट में मौजूदा प्रति परिवार 5 लाख रुपये के सालाना दायरे को बढ़ाकर 10 लाख रूपये प्रति परिवार करने की भी सिफारिश की है. समिति की सिफारिश यह भी है कि इस योजना के तहत कवर किए जाने वाले गंभीर बीमारियों और उनके इलाज के दायरे की भी समीक्षा की जानी चाहिए.

करीब 1400 करोड़ का बजट

संसद की समिति ने कुछ कामों के लिए सरकार की सराहना भी की है. मसलन, देश के साढ़े चार करोड़ परिवारों के छह करोड़ से भी ज्यादा वरिष्ठ नागरिकों को वय वंदना योजना के तहत कवर करने के लिए सरकार की तरफ से किए गए प्रयास संसद की समिति को पसंद आय़ा है. इस साल, आयुष्मान वय वंदना कार्ड रखने वाले 70 साल या फिर उससे अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों के इलाज के लिए सरकार ने 1 हजार 443 करोड़ रुपये की राशि निर्धारित किया है.

कम खर्च पर समिति की चिंता

समिति ने यह भी इशारा किया है कि जो रकम आवंटित की जाती है, उसका कम ही हिस्सा खर्च हो पाता है, लिहाजा इस पर काम करने की जरुरत है.समिति ने पाया कि वित्त वर्ष 2023-24 में 7,200 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे. इसको बाद में संशोधित कर बढ़ाने के बजाय घटाकर 6 हजार 800 कर दिया गया. मगर वास्तविक खर्च 6,670 करोड़ के ही करीब रहा. संसदीय समिति ने इस पर चिंता जाहिर किया है.

इसी तरह, 2024-25 में पहले तो 7,300 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया. जिसे बाद में संशोधित कर 7,605.54 करोड़ रुपये कर दिया गया. हालांकि, इस साल के 9 जनवरी तक वास्तविक व्यय 5,034.03 करोड़ रुपये ही था. यानी बहुत मुमकिन है कि इस साल भी पैसा पूरा खर्च न हो पाए. हां, 2025-26 में जरुर इस मद में काफी बढ़ोतरी कर इसे 9,406 करोड़ रुपये तक ले जाया गया है. अब समिति की नई सिफारिश मानी जाती है या नहीं, देखने वाला होगा.

ऑस्ट्रेलिया की ‘लिव’ के हुए बिहार के ‘आलोक’, 8 हजार KM दूर से आ पटना में लिए सात फेरे
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प्यार न जात देखता है और न ही धर्म. प्यार जब होता है तो बस हो जाता है. कुछ ऐसी ही कहानी है ऑस्ट्रेलिया की लिव और बिहार के आलोक की है. ऑस्ट्रेलिया की रहने वाली लिव की शादी बिहार के आलोक से राजधानी में हुई है. इस अनोखी शादी में लिव के तो रिश्तेदार थे ही साथ ही साथ स्थानीय लोग भी बड़े अनोखे मौके पर एकत्रित हुए थे. इस शादी के लिए लिव के रिश्तेदार ऑस्ट्रेलिया से भारत आए हुए थे.

पटना के एक होटल में इस शादी का आयोजन हुआ. शादी का सेहरा बांधे आलोक मूल रूप से मुजफ्फरपुर के निवासी है. आलोक बचपन से पढ़ने में काफी तेज थे. सैनिक स्कूल से उन्होंने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई पूरी की और हायर एजुकेशन के लिए ऑस्ट्रेलिया चले गए. ऑस्ट्रेलिया में ही स्टडी करने के दौरान आलोक की मुलाकात लिव से हुई. यह मुलाकात धीरे-धीरे प्यार में बदल गई. हालांकि इन दोनों ने एक दूसरे को करीब पांच साल डेट भी किया.

ऑस्ट्रेलिया से आईं छह महिलाएं

दो अलग-अलग धर्म और दो अलग-अलग संस्कृतियों की इस अनोखी शादी में शामिल होने के लिए आलोक के पैतृक गांव से 100 से भी ज्यादा पुरुष व महिलाएं बाराती बनकर शामिल हुई. वही लिव के घर से भी ऑस्ट्रेलिया से छह महिलाएं आई और वह भी अनोखी शादी में शामिल हुई. इस दौरान हिंदू रीति रिवाज की सभी रस्मों का पूरे तरीके से पालन किया गया. शादी को लेकर के जितना ही खुश आलोक दिख रहे थे उतने ही खुशी लिव के चेहरे पर भी दिखाई दे रही थी.

भारतीय रीति रिवाज हुई शादी

इस दौरान लिव ने एकदम पारम्परिक भारतीय दुल्हन की वेशभूषा को अपनाया हुआ था, वही आलोक भी सेहरा बांधे हुए थे. शादी में भारतीय रीति रिवाज के अनुसार शुरू से लेकर अंत तक विधिवत रस्मों का पालन किया गया. दोनों नव दंपति ने इन रस्मों को निभाने का वचन भी दिया. इस दौरान लिव के चेहरे पर गजब की खुशी दिखाई दे रही थी. लिव के परिवार से ऑस्ट्रेलिया से आई छह महिलाएं भी इन रस्मों को देखकर के आश्चर्यचकित थी.उन्होंने भी इस शादी का बखूबी आनंद उठाया. बताया जा रहा है कि लिव और आलोक दोनों ही ऑस्ट्रेलिया में सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं. शादी के बाद दोनों ही नव दंपति ऑस्ट्रेलिया के लिए रवाना भी हो गए.

वाराणसी में मुस्लिम महिलाओं ने जमकर मनाई होली, प्रेम और एकता का दिया संदेश
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प्राचीन नगरी काशी में होली एकता और सौहार्द का संदेश दे रही है. रंगों के इस पावन पर्व को सभी लोग खुशियों के साथ मना रहे हैं. काशी की मुस्लिम महिलाओं ने भी जमकर होली खेली. इस बीच उन्होंने ढोलक बजाकर होली गीत गाए. मुस्लिम महिलाओं ने रंग-गुलाल के साथ फूलों की होली खेली. उनके होली खेलते और गीत गाते हुए वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. होली खेलने वाली महिलाओं का कहना है कि होली प्रेम का त्योहार है. इसे मनाकर उन्होंने एकता का संदेश दिया है.

वाराणसी की होली देश ही नहीं विदेशों में भी काफी मशहूर है. यहां के मणिकर्णिका घाट पर खेली जाने वाली मसान की होली विश्व प्रसिद्ध है. यहां के रंगों में सभी लोग घुल जाते हैं. कुछ ऐसा ही नजारा काशी के लमही स्थित सुभाष भवन में देखने को मिला. यहां मुस्लिम महिला फाउंडेशन ने होली का आयोजन किया. उन्होंने होली खेली भी और गीत भी गाए. फाउंडेशन से जुड़ी महिलाओं ने कहा कि होली हमारे पूर्वजों का त्योहार है, अगर नहीं खेलेंगे तो जन्नत में जाकर क्या जबाव देंगे.

होली खेले रघुवीरा अवध में

काशी में मुस्लिम महिलाओं द्वारा खेली गई होली के वीडियो जमकर वायरल हो रहे हैं. वीडियो में मुस्लिम महिलाएं बुर्का और हिजाब पहने हुए हैं. वह गुलाल और फूलों से होली खेलती दिख रही हैं. वह जमकर फूल उड़ाते हुए दिख रही हैं. ढोलक की थाप पर महिलाएं होली खेले रघुवीरा अवध में गाना गा रही हैं. उन्होंने लोकगीत भी गाए.

होली हमारे पूर्वजों का त्योहार- नाजरीन अंसारी

मुस्लिम महिला फाउण्डेशन एवं विशाल भारत संस्थान ने मिलकर होली समारोह का आयोजन किया. इस दौरान उन्होंने गुलाब की पंखुड़ियां, हरे-लाल गुलाल और गुलाब जल का मिश्रण मिलाकर होली में प्रेम का रंग बनाया. मुस्लिम महिला फाउण्डेशन से जुड़ी नाजनीन अंसारी, खुशीदा बनो, नगीना ने बताया किहोली हमारे पूर्वजों और महान भारतीय संस्कृति का त्योहार है. नहीं खेलेंगे तो हम जन्नत में जाकर अपने पूर्वजों को क्या जबाव देंगे.

मुंबई पुलिस का होली पर सख्त आदेश: रंगीन पानी फेंकने, जबरन रंग लगाने पर होगी कार्रवाई
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होली को लेकर महाराष्ट्र के मुंबई में गुब्बारे फेंकने, जबरन रंग लगाने और रंगीन पानी छिड़कने पर रोक लगाई है. मुंबई पुलिस ने इसको लेकर दिशा-निर्देश जारी किए हैं. पुलिस ने होली, धूलिवंदन और रंगपंचमी त्योहार के मद्देनजर 18 मार्च तक इन निर्देशों को लागू किया है. 14 मार्च को होली और जुमे की नमाज को देखते हुए अतिसंवेदनशील इलाकों में पुलिस फोर्स की तैनाती की गई है. पुलिस अराजकतत्वों पर विशेष नजर रख रही है.

होली का त्योहार शुक्रवार को है. इधर, मुस्लिमो का पवित्र महीना रमजान चल रहा है. इसको लेकर मुंबई पुलिस अहम दिशा-निर्देश जारी किए हैं. पुलिस ने होली के दिन पैदल चलने वालों पर रंगीन पानी और पानी के गुब्बारे फेंकने, जबरन रंग लगाने पर सख्ती से रोक लगाई है. पुलिस का कहना अगर ऐसा करते कोई पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. पुलिस ऐसे लोगों पर नजर बनाए रखेगी. ये सख्त दिशा-निर्देश सांप्रदायिक तनाव से बचने के लिए सार्वजनिक सुरक्षा और रमजान महीने को ध्यान में रखते हुए जारी किए गए हैं.

अश्लील गाने, आपत्तिजनक नारों पर रोक

मुंबई पुलिस ने 18 मार्च तक दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करने को कहा है. पुलिस ने होली मनाने के लिए जबरन चंदा इकट्ठा करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ भी कार्रवाई की बात कही है. इसके अलावा सार्वजनिक समारोहों में अश्लील गाने, अश्लील इशारे या आपत्तिजनक नारे लगाने वालों से भी सख्ती से निपटा जाएगा. इसको लेकर मुंबई पुलिस आयुक्त ने आधिकारिक बयान जारी किया है. उन्होंने कहा है कि सार्वजनिक शांति या नैतिक शिष्टाचार को बाधित करने वाले किसी भी कृत्य से सख्ती से निपटा जाएगा.

होली समारोहों की निगरानी के निर्देश

मुंबई में होली को लेकर विशेष सतर्कता बरती जा रही है. मुंबई पुलिस आयुक्त ने अधिकारियों से होली समारोहों की निगरानी करने का निर्देश भी जारी किया है. होली पर कहीं माहौल न बिगड़े इसपर पुलिस के अधिकारियों की निगाह बनी हुई है. मिलीजुली आबादी वाले इलाकों में पुलिस के अतिरिक्त जवानों को लगाया गया है.

हिमाचल प्रदेश: सरकारी स्कूलों के टीचर्स के लिए ड्रेस कोड लागू, जानें क्या है नियम
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हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूल में छात्रों के साथ टीचर्स भी ड्रेस कोड में नजर आएंगे. राज्य की सुख्खू सरकार ने टीचर्स के लिए ड्रेस कोड लागू कर दिया है. इस संबंध में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर का कहना है कि टीचर्स को गरिमापूर्ण और सभ्य कपड़ों में स्कूल आना चाहिए. हालांकि, सरकार इस नियम को पूरे प्रदेश में सख्ती से लागू नहीं कर रही है. इस फैसला का मंडी जिले के शिक्षक संघ ने स्वागत किया है. उनका मानना है कि इस फैसले से टीचर्स की पहचान मजबूत होगी.

हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में ड्रेस कोड लागू हो गया है. इस संबंध में लंबे अरसे से मंथन चल रहा था. जिस पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपनी मोहर लगी दी है. इस संबंध में जानकारी देते हुए शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने बताया कि नई ड्रेस कोड लागू करने को लेकर शिक्षा विभाग ने एक सर्कुलर जारी कर दिया है. टीचर्स का हमारे समाज में एक विशेष स्थान रखते है. टीचर्स को स्कूल में गरिमापूर्ण और सभ्य पोशाक में स्कूल आना चाहिए.

हिमाचल के स्कूलों में ड्रेस कोड लागू

टीचर्स की ड्रेस से छात्रों पर काफी असर पडता है. टीचर्स अगर सभ्य कपड़ों में स्कूल आते हैं तो उसका छात्रों पर सकारात्मक असर पड़ता है. आगे मंत्री ठाकुर बताते हैं कि ड्रेस कोड को राज्य में सख्ती से लागू नहीं किया गया है. आगे वह बताते हैं कि हमीरपुर में एक स्कूल ने अपने स्वयं के निर्णय के आधार पर टीचर्स के लिए स्वतंत्र रूप से ड्रेस कोड लागू किया है. प्रदेश में स्कूल कोड लागू होने पर सीएंडवी अध्यापक संघ जिला मंडी ने इस फैसले का स्वागत किया है.

टीचर्स की पहचान को मिलेगी मजबूती’

संघ के सदस्यों का मानना है कि यह कदम टीचर्स की पेशेवर पहचान को और मजबूत करेगा. साथ ही स्कूलों में अनुशासन और समानता को बढ़ावा देगा. अब देखने वाली बात यह होगी कि राज्य के कितने स्कूल में टीचर्स इस फैसले पर अमल करेंगे.