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विष्णुदेव साय कैबिनेट की बैठक कल, होली के पहले हो सकता है बड़ा फैसला
रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में बुधवार 12 मार्च को शाम 6 बजे मंत्रिपरिषद की बैठक सिविल लाईन स्थित मुख्यमंत्री निवास में आयोजित होगी। इस बैठक में कई अहम फैसले लिये जा सकते हैं।
तेंदुए के शावकों की तस्करी का मामला, ईडी ने आरोपी शब्बीर अली की अचल संपत्तियों को किया कुर्क
रायपुर- प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने तेंदुआ के दो शावकों की तस्करी के आरोपी शब्बीर अली की अचल संपत्तियों को अनंतिम रूप से कुर्क किया है. ईडी के रायपुर क्षेत्रीय कार्यालय ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) 2002 के प्रावधानों के तहत यह कार्रवाई की है. बता दें कि गरियाबंद के मैनपुर से तेंदुआ के शावकों के साथ रायपुर पुलिस ने दो आरोपियों शब्बीर अली और राकेश निषाद को गिरफ्तार किया था. यह मामला 2019 का है.
ईडी ने शब्बीर अली और राकेश निषाद के खिलाफ वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 की विभिन्न धाराओं के तहत सिविल लाइंस थाना रायपुर में दर्ज एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की. दोनों आरोपियों पर आरोप लगाया गया था कि वे दो तेंदुए के शावकों को बेचने के इरादे से उनकी तस्करी में शामिल थे. इस मामले में छत्तीसगढ़ पुलिस ने रायपुर में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत के समक्ष 1 नवंबर 2019 को आरोप पत्र (संख्या 428/19) दायर किया था.
ईडी की जांच में बिक्री के इरादे से तेंदुए के शावकों की अवैध तस्करी में शब्बीर अली की संलिप्तता के बारे में सबूत सामने आई. एकत्र किए गए दस्तावेजी साक्ष्यों के साथ-साथ पीएमएलए 2002 की धारा 50 के तहत दर्ज अभियुक्तों के बयानों ने उक्त गतिविधियों में शब्बीर अली और राकेश निषाद की दोषीता स्थापित की. इसके अतिरिक्त जांच से यह भी पता चला कि शब्बीर अली वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 49 का उल्लंघन करते हुए पक्षियों और जानवरों की अनधिकृत बिक्री और खरीद में भी शामिल था. आगे की जांच जारी है.
जानिए पूरा मामला
रायपुर पुलिस को गरियाबंद के मैनपुर से तेंदुआ के शावकों को तस्करी के लिए रायपुर लाए जाने की सूचना मिली थी. इस सूचना के आधार पर जिले के सीमावर्ती इलाकों में पुलिस की विशेष टीम गठित कर नाकेबंदी की गई थी. इसी दौरान टीम ने दो संदिग्धों से पूछताछ की और उनके वाहनों की जांच में शावकों को बरामद किया था. साथ ही आरोपियों को भी गिरफ्तार किया था. आरोपियों का हुलिया सूचना देने वाले ने पहले ही बता दिया था. इससे उन्हें पकड़ने में आसानी हुई. जांच के दौरान पुलिस को चूना भट्टी रायपुर निवासी मो. साबिर अली और राकेश निषाद पर शक हुआ. टीम ने दोनों को रोककर पूछताछ की. इसी दौरान शावकों को बरामद कर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया गया.
वाणिज्य एवं उद्योग विभाग के लिए 709 करोड़ 87 लाख रूपए और श्रम विभाग के लिए 255 करोड़ 31 लाख 9 हजार रूपए की अनुदान मांगें पारित
रायपुर- छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन के विभागों के लिए वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 965 करोड़ 18 लाख रूपए की अनुदान मांगे पारित की गई। इसमें वाणिज्य एवं उद्योग विभाग से संबंधित व्यय के लिए 709 करोड़ 87 लाख रूपए तथा श्रम विभाग के लिए 255 करोड़ 31 लाख 9 हजार रूपए शामिल हैं।
वाणिज्य एवं उद्योग विभाग की अनुदान मांगों पर चर्चा का जवाब देते हुए विभागीय मंत्री लखनलाल देवांगन ने सदन में कहा कि राज्य के सर्वांगीण विकास के लिए सरकार द्वारा 01 नवंबर 2024 से औद्योगिक विकास नीति 2024-30 लागू की गयी है। इसका मूल विषय अमृत काल छत्तीसगढ़ विजन-2047 रखा गया है। उन्होंने कहा कि पहली बार किसी राज्य ने अपनी नीति को विकास का आधार बनाकर रोजगार प्रदान करने पर जोर दिया है। इसके लिए श्रम-प्रधान उद्योगों को विशेष प्रोत्साहन दिया गया है, जो अधिकतम रोजगार प्रदान करने में सक्षम हैं। विशेषकर, जो इकाइयाँ 1000 से अधिक रोजगार सृजित करेंगी, उन्हें मंत्रिमंडलीय उपसमिति द्वारा अनुमोदित अतिरिक्त प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा। इकाईयों के द्वारा दिव्यांगजन, सेवानिवृत्त अग्निवीर या आत्मसमर्पित नक्सली को रोजगार दिये जाने पर इस विषय पर विशेष अनुदान प्रदान किया जायेगा।
श्री देवांगन ने सदन में बताया कि स्थानीय श्रमिकों को औपचारिक रोजगार में परिवर्तित करने के लिए प्रशिक्षण प्रोत्साहन का प्रावधान किया गया है। उद्योगों में नियोजित राज्य के निवासियों के प्रशिक्षण पर प्रति व्यक्ति 15 हजार रूपए की प्रशिक्षण वृत्ति प्रतिपूर्ति एवं कर्मचारियों पर होने वाले ईपीएफ व्यय की प्रतिपूर्ति का प्रावधान किया गया है। राज्य में पूंजी निवेश को आकर्षित करने के लिए औद्योगिक नीति 2024-30 के अंतर्गत स्थापित होने वाले औद्योगिक इकाइयों को ब्याज अनुदान, स्थायी पूंजी निवेश अनुदान, मार्जिन मनी अनुदान, गुणवत्ता प्रमाणीकरण अनुदान जैसे विभिन्न अनुदान एवं छूट प्रदान किए जाएंगे। नई औद्योगिक नीति में भूमि, भवन एवं बैंक ऋण पर स्टाम्प शुल्क भुगतान से पूर्ण छूट एवं 06 वर्ष से 10 वर्ष तक विद्युत शुल्क से पूर्ण छूट का प्रावधान किया गया है। इसमें कई सेवाओं के लिए प्रमाण पत्र की अनिवार्यता को समाप्त करते हुए स्व-घोषणा को मान्य किया जा रहा है, जिससे प्रक्रिया और भी सरल हो गई है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री देवांगन ने बताया कि वर्तमान में राज्य में 34 औद्योगिक क्षेत्रो/पार्काे की स्थापना की जा चुकी है एवं आने वाले समय में 4 नवीन औद्योगिक क्षेत्र की स्थापना किया जाना प्रस्तावित है। राज्य के विभिन्न जिलो में नवीन फूड पार्क, रायपुर जिले में जेम्स एण्ड ज्वेलरी पार्क और प्लास्टिक पार्क, नवा रायपुर में फार्मास्युटिकल पार्क एवं जांजगीर-चांपा जिले में स्मार्ट इण्डस्ट्रियल पार्क की स्थापना की जाएगी। राज्य के शिक्षित बेरोजगार युवाओं को स्वयं के उद्यम स्थापित करने के लिए प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम योजना, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, स्टैण्ड-अप इंण्डिया योजना एवं प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना के माध्यम से लाभान्वित किया जा रहा है। औद्योगिक नीति 2024-30 में युवाओं के लिये एक नई योजना छत्तीसगढ़ उद्यम क्रांति योजना का प्रावधान किया गया है, जिसमें ब्याज मुक्त ऋण दिया जाएगा।
श्री देवांगन ने सदन में बताया कि राज्य की औद्योगिक इकाईयों के अनुदान/छूट संबंधित प्रकरणों के निराकरण के लिए सिंगल विण्डो सिस्टम की व्यवस्था की गयी है, जिसमें प्रकरणों का समयावधि में निराकरण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार में बिना ठोस तैयारी के उद्योगों के साथ एम.ओ.यू. कर दिये जाते थे, जिससे राज्य को अपेक्षित लाभ नहीं मिल पाता था। हमारी सरकार एम.ओ.यू. के स्थान पर इन्वीटेशन टू इन्वेस्ट जारी कर रही है। यह उन निवेशकों को दिया जाता है जो निवेशक हमारी औद्योगिक नीति एवं अनुदान प्रोत्साहन से प्रभावित होकर राज्य में निवेश करने की अभिरूचि लिखित में प्रस्तुत करते हैं। इन्वीटेशन टू इन्वेस्ट केवल एम.ओ.यू. का विकल्प पत्र नहीं है, बल्कि यह विस्तृत चर्चा उपरांत निवेशकों को दिया जाने वाला विश्वास पत्र है। उन्होंने बताया कि औद्योगिक विकास नीति लागू होने के मात्र 125 दिनों में राज्य को 1 लाख करोड़ रूपए से अधिक के कुल 31 प्रस्ताव निवेश के लिए प्राप्त हो चुके हैं।
श्री देवांगन ने बताया कि पोलीमेटेड इलेक्ट्रानिक्स लिमिटेड ने राज्य में 1143 करोड़ रूपए के निवेश का प्रस्ताव दिया है। नवा रायपुर में इसका प्लांट बनने जा रहा है। इसी तरह यस फैन एण्ड एप्लाईन्सेस और रेक बैंक डाटा सेंटर ने भी नवा रायपुर में उद्योग लगाने के लिए जमीन का चयन कर लिया है। अब्रेल ग्रीन एनर्जी ने मुंगेली में सोलर पावर के लिए भूमि का चयन किया है। राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए इसे उद्योग का दर्जा देते हुए विभिन्न अनुदानों एवं छूटों का प्रावधान किया गया है। नये बजट में छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स के लिए नया रायपुर में कार्यालय निर्माण हेतु 5 करोड़ रुपए के बजट प्रावधान के साथ ही रियायती दर पर भूमि आवंटन का प्रावधान किया गया है। इससे व्यापारिक संगठनों को एक मजबूत मंच मिलेगा और वे राज्य में औद्योगिक एवं व्यापारिक गतिविधियों के बेहतर क्रियान्वयन में अपनी भूमिका निभा सकेंगे। नये बजट में राज्य के 06 जिलों राजनांदगांव, जगदलपुर, कोंडागांव, बालोद, महासमुंद एवं बिलासपुर में नवीन जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र कार्यालयों के भवन निर्माण के लिए 15.60 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान किया गया है। इससे प्रशासनिक कार्यों में दक्षता आएगी और उद्यमियों को सरकार की योजनाओं एवं नीतियों का त्वरित लाभ मिलेगा।
श्रम मंत्री लखनलाल देवांगन ने विभाग की अनुदान मांगों पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि श्रम विभाग द्वारा संगठित/असंगठित/निर्माण क्षेत्र में कार्यरत श्रमिकों एवं उनके परिवार के सदस्यों के आर्थिक एवं सामाजिक विकास के कार्य किए जाते हैं। विभाग द्वारा श्रमिकों की कार्यदशा, सेवा शर्तों एवं कार्यक्षेत्र में स्वास्थ्य, सुरक्षा एवं औद्योगिक शांति स्थापित करने के लिए विभिन्न श्रम कानूनों का प्रवर्तन सुनिश्चित किया जाता है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय द्वारा शहीद वीर नारायण सिंह श्रम अन्न योजना प्रदेश के सभी जिलों में प्रारंभ करने की घोषणा की गई थी। विभाग द्वारा गत वर्ष 06 जिलों में 16 और इस वर्ष 13 जिलों में 31 भोजन केन्द्र प्रारंभ किये जा चुके हैं। आगामी वर्ष 2025-26 में राज्य के सभी जिलों में इसका विस्तार किया जाएगा। श्रम विभाग के लिए वर्ष 2025-26 के बजट में 255 करोड़ 31 लाख 9 हजार रूपए का प्रावधान किया गया है।
श्री देवांगन ने सदन में बताया कि आगामी वर्ष के बजट में श्रमायुक्त संगठन के लिए 29 करोड़ 40 लाख 94 हजार रूपए, छत्तीसगढ़ असंगठित कर्मकार राज्य सामाजिक सुरक्षा मंडल के लिए 125 करोड़ 10 लाख रूपए, छत्तीसगढ़ श्रम कल्याण मंडल के लिए 6 करोड़ 24 लाख 25 हजार रूपए, औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा के लिए 6 करोड़ 24 लाख 25 हजार, औद्योगिक हाइजिन प्रयोगशाला की स्थापना के लिए 01 करोड़ 51 लाख 40 हजार रूपए, कर्मचारी राज्य बीमा सेवाओं के लिए 64 करोड़ 18 लाख 65 हजार रूपए तथा औद्योगिक न्यायालय के लिए 22 करोड़ 85 लाख 95 हजार रूपए का प्रावधान किया गया है।
वाणिज्य एवं उद्योग तथा श्रम विभाग से संबंधित अनुदान मांगों पर चर्चा में विधायकगण दलेश्वर साहू, राजेश मूणत, कुंवर सिंह निषाद, प्रबोध मिंज, सुशांत शुक्ला, देवेन्द्र यादव, अजय चंद्राकर, व्यास कश्यप और राघवेन्द्र कुमार सिंह ने भाग लिया।
श्रीकांत पांडेय निर्विरोध चुने गए जिला पंचायत अध्यक्ष, समर्थकों में खुशी की लहर
मुंगेली- जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए हुए चुनाव में श्रीकांत पाण्डेय की निर्विरोध जीत हुई है. उनके सामने किसी अन्य उम्मीदवार ने नामांकन दाखिल नहीं किया, जिससे उनका चुनाव बिना किसी प्रतिद्वंद्विता के संपन्न हुआ. इस फैसले में डिप्टी सीएम अरुण साव, विधायक पुन्नू लाल मोहले समेत अन्य जनप्रतिनिधियों की सहमति रही. सभी जिला पंचायत सदस्यों ने भी श्रीकांत पाण्डेय का समर्थन किया. उनके निर्विरोध चयन को लेकर समर्थकों में खुशी की लहर है.
मुंगेली जिला पंचायत के 12 में से 11 सीटों पर भाजपा ने जीत दर्ज की थी, जिससे यह स्पष्ट था कि अध्यक्ष पद भी भाजपा के खाते में जाएगा. प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस इस चुनाव में कोई प्रभाव नहीं डाल सकी. आरक्षण नियमों के तहत सामान्य वर्ग से अध्यक्ष पद के लिए श्रीकांत पाण्डेय का दावा मजबूत माना जा रहा था. पुन्नू लाल मोहले के गृहग्राम दशरंगपुर से निर्वाचित श्रीकांत पाण्डेय को संगठन का पूरा समर्थन मिला. हालांकि वरिष्ठता के आधार पर उमाशंकर साहू का नाम भी चर्चा में था, लेकिन आरक्षण के मापदंडों को प्राथमिकता देते हुए श्रीकांत पाण्डेय की नियुक्ति सुनिश्चित हुई.
प्रदेश नेतृत्व के फैसले पर टिकी थीं निगाहें
पार्टी नेतृत्व के निर्णय का सभी को इंतजार था और अंततः शीर्ष नेतृत्व ने श्रीकांत पाण्डेय के नाम पर मुहर लगा दी. भाजपा जिलाध्यक्ष दीनानाथ केशरवानी ने कहा कि 2020 की तुलना में इस बार पार्टी की स्थिति मजबूत रही है और अध्यक्ष का चयन संगठन की नीति के अनुसार किया गया है.
घटिया चावल बांटने का मामला : पूर्व मंत्री डहरिया ने कहा- राशन दुकानों में जानवरों के खाने लायक भी नहीं वो चावल बांटा गया, MLA गुरु खुशवंत बोले-
आरंग- आरंग क्षेत्र के सरकारी राशन दुकानों में गरीबों को घटिया चावल बांटने के मामले में शिकायत के बाद नागरिक आपूर्ति निगम ने स्वीकार किया कि खराब क्वालिटी का चावल वितरित किया गया और जांच के लिए टीम गठित कर दी. लेकिन अब तक जांच रिपोर्ट नहीं आ पाई है. अब इस पर पूर्व मंत्री शिवकुमार डहरिया ने भाजपा पर निशाना साधा है. वहीं विधायक गुरु खुशवंत साहेब ने दोषियों पर एक्शन और चावल को बदले जाने की बात कही है.
पूर्व मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया ने मामले को लेकर भाजपा सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में पीडीएस सिस्टम पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी हैं. आरंग क्षेत्र के राशन दुकानों में जो चावल जानवरों के खाने लायक भी नहीं वो चावल बांटा गया है. क्या भाजपा सरकार जनता को जानवरों से भी बदतर समझती है. उन्होंने प्रदेश सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अभी समय है व्यवस्थाओं को सुधार ले नहीं तो जनता सुधार देगी.
वही आरंग विधायक गुरु खुशवंत साहेब का मामले पर कहना है कि इस मामले में सरकार बेहद गंभीर है. लोगों को हमेशा अच्छा चावल ही वितरण होता है. जहां भी शिकायत मिल रही है, वहां जांच की जा रही है, अगर ऐसा हुआ होगा तो दोषियों पर कार्रवाई जरूर होगी और खराब चावल को बदला जाएगा.
नान केंद्र प्रभारी ने स्वीकारी गलती
शिकायत के बाद नागरिक आपूर्ति निगम (नान) के आरंग केंद्र प्रभारी भरत पुरी गोस्वामी ने आरंग क्षेत्र के राशन दुकानों में खराब चावल वितरण होने की बात को स्वीकार किया था. उन्होंने कहा था कि चावल 2 साल पुराने धान का है. आज से ही नया चावल वितरण किया जा रहा है. अधिकारियों के निर्देश के बाद जहां चावल खराब है, वहां बदला जा रहा है. उन्होंने चावल वितरण होने के समय चावल की गुणवत्ता को नहीं देखने की गलती भी स्वीकार की थी.
जांच टीम को 3 दिन में सौंपनी थी रिपोर्ट
अनुविभागीय अधिकारी राजस्व ने 7 मार्च को पूरे मामले की जांच के लिए 4 सदस्यीय टीम गठित की, जिसे 3 दिन के भीतर जांच रिपोर्ट सौंपनी थी. हालांकि 11 मार्च तक रिपोर्ट नहीं आई है.
बता दें कि आरंग और खरोरा क्षेत्र के सरकारी राशन दुकानों में बड़ी मात्रा में घटिया चावल का वितरण किया गया. वही आरंग क्षेत्र के नागरिक आपूर्ति निगम के अधीन आने वाले स्टॉक गोदाम में घटिया चावल आने के बाद भी जिम्मेदार अधिकारी और कर्मचारी चुप थे. इन गोदामों में कई राइस मिलर्स का चावल आता है और चावल की हर बोरी में राइस मिल का टैग लगा होता है. बीते दो माह से क्षेत्र में घटिया चावल बांटने की शिकायत मिल रही थी, उसके बाद भी क्षेत्र के खाद्य विभाग और नागरिक आपूर्ति निगम (नान) के जिम्मेदार अधिकारी घटिया चावल को बांटने से रोक नहीं पाए.
राइस मिल से घटिया चावल को सरकारी राशन दुकानों में खपाने के इस पूरे खेल में विभाग के कई बड़े अधिकारियों के संलिप्त होने की आशंका जताई जा रही है. इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है, अभी तक मामले में दोषी अधिकारी-कर्मचारी और राइस मिलर्स के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है. ऐसे में अधिकारियों पर भी गंभीर सवाल उठ रहे हैं.
जनजातीय समाज के विकास को नई दिशा – मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में जनजाति सलाहकार परिषद की पहली बैठक
रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज छत्तीसगढ़ जनजाति सलाहकार परिषद की पुनर्गठन पश्चात पहली बैठक विधानसभा परिसर स्थित समिति कक्ष में संपन्न हुई। बैठक में जनजातीय समुदाय के सशक्तिकरण, शिक्षा, सामाजिक-आर्थिक उन्नयन, प्रशासनिक सुधार और संस्कृति संरक्षण से जुड़े अहम मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया।
बैठक में कैबिनेट मंत्री एवं जनजाति सलाहकार परिषद के उपाध्यक्ष रामविचार नेताम सहित प्रदेश के वरिष्ठ मंत्रीगण, विधायक, प्रशासनिक अधिकारी एवं परिषद के सभी सदस्य उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने परिषद की पहली बैठक में सभी सदस्यों का स्वागत करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में जनजाति समुदाय की जनसंख्या 32% है, और उनका समग्र विकास हमारे राज्य की प्राथमिकता है। यह परिषद केवल विचार-विमर्श का मंच नहीं, बल्कि नीति-निर्माण और निर्णय-क्रियान्वयन की महत्वपूर्ण संवैधानिक इकाई है।उन्होंने बैठक में रखे गए सभी बहुमूल्य सुझावों पर त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए और अधिकारियों से कहा कि जनजातीय समुदाय के जाति प्रमाण पत्र से जुड़ी त्रुटियों के निवारण हेतु विस्तृत अध्ययन कर समाधान सुनिश्चित किया जाए। जनजातीय आस्था स्थलों के संरक्षण एवं विकास हेतु देवगुड़ी के साथ-साथ सरना स्थलों को भी शामिल करने की व्यवस्था की जाए। शिक्षा में सुधार हेतु आदिवासी क्षेत्रों में शिक्षक विहीन और एकल शिक्षक स्कूलों की समस्या को शीघ्रता से हल किया जाए। जनजातीय समुदाय की आर्थिक सशक्तिकरण योजनाओं पर प्रभावी अमल किया जाए, जिससे उनकी प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि हो।
कैबिनेट मंत्री रामविचार नेताम ने कहा कि छत्तीसगढ़ जनजाति सलाहकार परिषद, सरकार और जनजातीय समाज के बीच एक मजबूत सेतु का कार्य करती है। हम सभी सदस्य प्रदेश के एक-तिहाई जनसंख्या का प्रतिनिधित्व करते हैं, इसलिए हमारी जिम्मेदारी है कि हम शासन की योजनाओं को प्रभावी रूप से समुदाय तक पहुँचाएँ।उन्होंने परिषद द्वारा लिए गए निर्णयों को नीति-निर्माण में प्रभावी रूप से शामिल करने का आश्वासन दिया।
बैठक में सभी उपस्थित सदस्यों ने जनजातीय समुदाय की शिक्षा, आजीविका, सामाजिक-आर्थिक विकास और प्रशासनिक सुधार को लेकर ठोस सुझाव दिए। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सभी प्रस्तावों पर त्वरित और प्रभावी क्रियान्वयन के निर्देश दिए एवं अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने को कहा कि नीतिगत सुधारों का वास्तविक लाभ जनजातीय समुदाय तक पहुँचे। यह बैठक जनजातीय समाज के विकास और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी।
बैठक में परिषद के सदस्यों ने जनजातीय समुदाय के सामाजिक-आर्थिक विकास से जुड़े कई महत्वपूर्ण विषयों पर अपने सुझाव प्रस्तुत किए, जिनमें जनजातीय बालिकाओं के लिए छात्रावासों की संख्या एवं सुविधाओं में वृद्धि, जनजातीय बहुल क्षेत्रों में स्थानीय स्तर पर रोजगार एवं भर्ती प्रक्रिया को प्रोत्साहित करना, स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतर उपलब्धता एवं जनजातीय क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधाओं का विस्तार, आदिवासियों की पारंपरिक आजीविका को सशक्त करने हेतु विशेष योजनाएँ लागू करना,जनजातीय कला, संस्कृति एवं परंपराओं के संरक्षण और संवर्धन के लिए विशेष योजनाएँ लागू करना शामिल है।
बैठक में आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति विकास विभाग के प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा ने विभिन्न एजेंडा बिंदुओं पर प्रेजेंटेशन दिया और परिषद के समक्ष विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की। इस अवसर पर वन मंत्री केदार कश्यप, विधायक लता उसेण्डी, शंकुतला सिंह पोर्ते, उद्देश्वरी पैंकरा, रायमुनी भगत, गोमती साय, विधायक रामकुमार टोप्पो, प्रणव कुमार मरपच्ची, विक्रम उसेण्डी, आशाराम नेताम, नीलकंठ टेकाम, विनायक गोयल, चैतराम अटामी सहित मनोनित सदस्य रघुराज सिंह उईके एवं कृष्ण कुमार वैष्णव उपस्थित थे। बैठक में वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों की महत्वपूर्ण उपस्थिति रही, जिनमें मुख्य सचिव अमिताभ जैन, पुलिस महानिदेशक अरूण देव गौतम, अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार पिंगुआ, ऋचा शर्मा, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह, पंचायत विभाग की प्रमुख सचिव निहारिका बारिक सिंह, स्वास्थ्य विभाग के सचिव अमित कटारिया , सचिव राजेश सुकुमार टोप्पो, स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी, आयुक्त पदुम सिंह एल्मा सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।
थाना प्रभारियों का तबादला, देखें लिस्ट…
बिलासपुर- कानून व्यवस्था पर कसावट लाने जिले के 7 थाना प्रभारियों का तबादला किया गया है. इसका आदेश एसपी रजनेश सिंह ने जारी किया. कोनी थाना प्रभारी नवीन देवांगन को सस्पेंड किए जाने के बाद थाना प्रभारियों का ट्रांसफर किया गया है.
देखें लिस्ट –
भाजपा ने दो पार्षदों को 6 साल के लिए किया निष्कासित
रायपुर- भाजपा ने अनुशासन भंग करने वाले रायगढ़ जिले के दो नेताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया है. प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंहदेव ने घरघोड़ा नगर पंचायत के भाजपा पार्षद अनिल लकड़ा और श्याम भोजवानी को 6 साल के लिए भाजपा से निष्कासित कर दिया है. इसका आदेश आज प्रदेश महामंत्री और मुख्यालय प्रभारी जगदीश रामू रोहरा ने जारी किया है.
बता दें कि घरघोड़ा नगर पंचायत में 15 पार्षद हैं. इनमें भाजपा के 9, कांग्रेस के 4 और दो निर्दलीय पार्षद हैं. यहां नगर पंचायत अध्यक्ष निर्दलीय प्रत्याशी चुने गए. वहीं उपाध्यक्ष पद पर कांग्रेस प्रत्याशी चुने गए हैं. क्रॉस वोटिंग के चलते भाजपा ने निष्कासन की कार्रवाई की है.
निलंबन आदेश में कहा गया है कि आपके विरूद्ध आरोप है कि घरघोड़ा नगर पंचायत उपाध्यक्ष चुनाव में भाजपा अधिकृत प्रत्याशी के विरुद्ध आप मतदान किए, जिससे पार्टी को हार का सामना करना पड़ा. यह अनुशासन भंग करने की परिधि में आता है. विरोधी कार्य करने के आरोप में आपको पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से 6 वर्षों के लिए निष्कासित कर दिया गया है. यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा.।
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निवर्तमान अध्यक्ष अमर पारवानी का बड़ा ऐलान, नहीं लड़ेंगे चैम्बर ऑफ कॉमर्स का चुनाव…
रायपुर- चैम्बर ऑफ कॉमर्स के निवर्तमान अध्यक्ष अमर पारवानी ने चुनाव मैदान से हटने का ऐलान कर दिया है. उनकी जगह अजय भसीन अध्यक्ष प्रत्याशी हो सकते हैं.
जय व्यापार पैनल के अध्यक्ष अमर पारवानी ने एक बयान में कहा कि वे प्रदेश के 12 लाख व्यापारियों एवं जय व्यापार पैनल के हित को ध्यान में रखते हुए आगामी चेम्बर चुनाव में जय व्यापार पैनल के अध्यक्ष प्रत्याशी पद से अपना नाम वापस लेने का निर्णय ले रहे है. लेकिन व्यापारिक समाज की सेवा और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए उनका संकल्प सदैव अटूट रहेगा.
उन्होंने आगे कहा कि यह निर्णय किसी व्यक्तिगत लाभ या हानि से परे, व्यापारी समाज के हितों, संगठन की गरिमा और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा को प्राथमिकता देने के उद्देश्य से लिया गया है. जय व्यापार पैनल को अब तक जो अपार समर्थन, स्नेह और विश्वास व्यापारियों से मिला, वह हमारे लिए सबसे बड़ी पूंजी है, हमें विश्वास है यह समर्थन हमेशा मिलता रहेगा.
उन्होंने निरंतर समर्थन और विश्वास के लिए हम जय व्यापार पैनल की ओर से सभी व्यापारियों का आभार व्यक्त किया है. उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य हमेशा व्यापारिक समाज के हितों की रक्षा करना और उनके सम्मान बरकरार रखना रहेगा.
Mar 11 2025, 22:39