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*सांसद तनुज पुनिया का कांग्रेसियों ने किया जोरदार स्वागत*
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गोरखपुर- अनुसूचित विभाग के चेयरमैन/सांसद तनुज पुनिया के गोरखपुर प्रथम आगमन पर टाउनहाल स्थित महात्मा गांधी जी की प्रतिमा पर पीसीसी सदस्य राजेन्द्र यादव की अगुवाई में कांग्रेसजनों ने चेयरमैन तनुज पुनिया का माल्यार्पण कर जोरदार स्वागत किया।

स्वागत कार्यक्रम में निवर्तमान प्रदेश सचिव दिलीप निषाद, देवेन्द्र निषाद धनुष, विनोद जोजफ, सुखारी राम, सुमित पाण्डेय, कालंजयराम त्रिपाठी, राजकुमार पासवान, प्रभू प्रधान, ऋषिचन्द गुप्ता, राधेश्याम सिंह, अभिमन्यू विश्वकर्मा, राजकुमार मोदनवाल, कालिका पासवान, सूरज पासवान, अमन पासवान, मोहम्मद जुमेर अली, शैलेष यादव, देवव्रत शर्मा, अमित गुप्ता, उत्कर्ष पाण्डेय, अतुल मिश्रा, बिन्देश्वरी गौड़, राज सैनी आदि लोग भारी संख्या में उपस्थित रहें।

*‘अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस और स्त्री मुक्ति आन्दोलन की दिशा’ दिशा छात्र संगठन द्वारा की गई परिचर्चा*
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गोरखपुर। दिशा छात्र संगठन द्वारा आज ‘अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस’ पर गोरखपुर विश्वविद्यालय के विवेकानन्द लॉन में ‘अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस और स्त्री मुक्ति आन्दोलन की दिशा’ पर परिचर्चा रखी गयी। दिशा छात्र संगठन के अंबरीश ने बताया कि 8 मार्च को याद करने का मतलब स्त्री मुक्ति आन्दोलन को नए सिरे से संगठित करने से है।

दिशा छात्र संगठन के प्रसेन ने बताया कि –“वर्तमान समय में स्त्रियों के दोयम दर्जे की स्थिति और उत्पीड़न का कारण मुट्ठीभर धनपशुओं के मुनाफ़े की हवस पर टिकी मौजूदा पूँजीवादी व्यवस्था है। इस व्यवस्था ने न केवल स्त्रियों के श्रम को सस्ते बिकाऊ माल में तब्दील कर दिया है बल्कि स्त्री के पूरे वजूद को उपभोग की सामग्री में बदल डाला है। इस व्यवस्था ने न केवल पुरातन स्त्री विरोधी मूल्यों-मान्यताओं को अपनी ज़रूरत के हिसाब से अपना लिया है बल्कि स्त्रियों की मुक्ति के सपनों को बाज़ार की चकाचौंध में गुमराह कर दिया है। 1990-91 से जारी नयी आर्थिक नीतियों के परिणामस्वरूप 'खाओ-पियो, ऐश करो' की संस्कृति में लिप्त एक बर्बर किस्म का नव धनाढ्य वर्ग पैदा हुआ है, जिसे लगता है कि वह पैसे के बल पर सबकुछ ख़रीद सकता है। पूँजीवादी लोभ लालच और भोगवाद की संस्कृति ने स्त्रियों को एक 'कमोडिटी' बना दिया है और पैसे के नशे में चूर इस वर्ग के भीतर उस 'माल' के उपभोग की उन्मादी हवस भर दी है। इन्हीं लुटेरी नीतियों ने एक आवारा, लम्पट पतित वर्ग भी पैदा किया है जो पूँजीवादी अमानवीकरण की सभी हदों को पार कर गया है। फ़ासीवादी भाजपा के सत्तारोहण के बाद बीमार व रुग्ण पितृसत्तात्मक सोच को और खुराक़ मिल रही है।

दूसरे, पूँजीपोषित स्त्री-विरोधी मूल्य-मान्यतायें पूँजीवादी मशीनरी के हर खम्भे में जड़ जमाये पैठी हुई हैं। एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक़ मौजूदा विधायकों-सांसदों में से 151 पर स्त्री-उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज है। जिसमें सबसे ज़्यादा भाजपा के हैं। अभी केरल में यौन उत्पीड़न के एक मुकदमे में जज का बयान था-“कि यौन उत्पीड़न का आरोप टिक नहीं पाएगा क्योंकि शिकायतकर्ता ने यौन उत्तेजक तरीके से कपड़े पहने थे।” थानों में मेहनतकश स्त्रियों के एफआईआर तक दर्ज नहीं होते उल्टे थानों में यौन उत्पीड़न के बहुत से मामले सामने आ चुके हैं। कुल मिलाकर, इस मशीनरी के अलग-अलग हिस्सों से स्त्रियाँ किसी न्याय की उम्मीद कैसे कर सकती हैं?

तीसरा, हमारे देश में पूँजीवादी लोकतन्त्र पुनर्जागरण, प्रबोधन और क्रान्ति के रास्ते स्थापित नहीं हुआ। इस कारण हमारे देश के सामाजिक ताने-बाने में जनवादी मूल्यों का बहुत गहरा अभाव है। पूँजीवाद के वर्तमान पतनशील दौर में न केवल नयी विकृतियों को जन्म दिया है बल्कि बहुत से पुराने मूल्यों-संस्थाओं को पूँजीवादी राजनीति ने अपना लिया है। फ़ासीवादी ताकतों ने पुरातनपंथी स्त्री-विरोधी सोच और संस्थाओं को समाज में नए सिरे से खाद-पानी देने का काम किया है। बलात्कारी बाबाओं से लेकर खाप पंचायतों द्वारा स्त्री विरोधी विचारों की उल्टी की जाती रहती है लेकिन इनके मठों और दरबारों में आम स्त्रियों की मौजूदगी बनी रहती है। स्त्री विरोधी अपराधों पर स्त्रियों के कपड़े, मोबाइल इस्तेमाल करने, दोस्त बनाने आदि को ही ज़िम्मेदार ठहरा दिया जाता है। जबकि पेशा, पोशाक और जीवनसाथी चुनने जैसे निर्णयों की आज़ादी दुनिया के बहुतेरे देशों में बहुत पहले ही हासिल कर ली गयी थी। बहुत-सी लड़कियाँ घर से कॉलेज तक परिजनों द्वारा जाने देने को ही परिजनों की उदारता या आधुनिकता मानती हैं। स्त्रियों को यह बात समझनी होगी कि जीवन के सभी क्षेत्रों में उन्हें बराबरी का हक़ ‘देने’ का अधिकार किसी को नहीं है, बल्कि यह उनका जन्मसिद्ध अधिकार है।”

दिशा छात्र संगठन की प्रीति ने कहा कि- “वास्तव में, स्त्रियों को अपनी वास्तविक मुक्ति के लिए अभी एक लम्बी लड़ाई लड़नी है। स्त्री-मुक्ति का रास्ता ‘स्त्री के लिए केवल स्त्री बोलेगी’ या इस पूँजीवादी पितृसत्ता को दुश्मन मानने की जगह ‘पुरुषों को दुश्मन’ मानने की अस्मितावादी राजनीति या इसी पूँजीवादी व्यवस्था में अपने लिए आज़ादी का कोई ‘टापू’ बना लेने की तरफ़ से होकर नहीं जाता। हमें अपने उत्पीड़न के विरुद्ध पूँजीवादी मशीनरी के भरोसे रहने की बजाय तात्कालिक तौर पर गलियों-मुहल्लों, गाँवों-कस्बों-शहरों में अपने संगठन, जुझारू दस्ते बनाने होंगे। हमें यह बात याद रखनी होगी कि पितृसत्ता से मुक्ति बिना पूँजीवाद के ख़ात्मे के बग़ैर उसी तरह सम्भव नहीं है, जिस तरह स्त्री-मुक्ति संघर्ष संगठित किये बग़ैर पूँजीवाद का ख़ात्मा सम्भव नहीं है। इससे बहुत साफ़ है कि स्त्री-मुक्ति आन्दोलन को मौजूदा पूँजीवादी व्यवस्था द्वारा सभी शोषितों-उत्पीड़ितों के संघर्ष से जोड़ना होगा। यह मानवद्रोही व्यवस्था इन सभी की साझा दुश्मन है। हमें क्रान्तिकारी बदलाव के रणक्षेत्र में उतरना होगा। क्लारा जेटकिन, रोजा लक्ज़ेमबर्ग, सावित्रीबाई फुले-फ़ातिमा शेख, दुर्गा भाभी, प्रीतिलता बाडेदार जैसी बहादुर स्त्रियों से प्रेरणा लेनी होगी।”

कार्यक्रम का समापन ‘महिलायें गर उठी नहीं तो ज़ुल्म बढ़ता जाएगा’ क्रान्तिकारी गीत से किया गया। कार्यक्रम में दीपक, निधि, दीपांश, रिया, विनय, अनुष्का, प्रीति गुप्ता, मनीष, आकाश, शेषनाथ, आँचल कुमारी, मनीषा पाल, गीतांजलि, प्रिया गौड़, संध्या चौरसिया, अविनाश, रूपेश, पवन, राम आशीष, संदीप, अनूप, रामू आदि शामिल रहे।

*इस व्यवसायिक युग में लोक परम्परा को संरक्षित रखना एक चुनौती : डॉ संजय *
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गोरखपुर। इस व्यवसायिक युग में अपनी लोक परम्परा को संरक्षित करना निश्चित ही एक चुनौती भरा कार्य है। इस चुनौती को डॉ राकेश श्रीवास्तव ने स्वीकार कर अपनी संस्कृति से युवा पीढ़ी को जोड़ने का कार्य कर रहे है। इसके लिये मैं उन्हें बधाई देता हूँ। यह बातें भोजपुरी एसोसियेशन ऑफ़ इंडिया “भाई” एवं गो विवि के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित तीन दिवसीय पारंपरिक होली गीत कार्यशाला रंग बरसे ….. के दूसरे दिन बतौर मुख्य अतिथि डॉ संजयन त्रिपाठी ने कही ।

इस अवसर पर प्रो अजय शुक्ला, विभागाध्यक्ष अंग्रेज़ी विभाग दीन दयाल उपाध्याय गो वि वि ने कहा कि इस कार्यशाला में अंग्रेज़ी विभाग के विद्यार्थी अधिक है जो भोजपुरी गीतों के बारे में बिल्कुल नहीं जान रहे है फिर भी बड़े ही उत्साह से होली गीतों को सीख रहे हैं ये उनके अपने संस्कृति एवं परंपरा के प्रति लगाव ही हैं।

आज कार्यशाला के दूसरे दिन विद्यार्थियों ने होली का प्रकार उलारा “ खेले मसाने में होली दिगंबर खेले मसाने में होली ….पूरे सुर और लय के साथ बड़े ही मनोयोग से सीखा। आज दूसरे दिन 58 प्रतिभागियों ने भाग लिया, ढोलक पर पवन ने संगत किया । कार्यक्रम का संचालन शिवेंद्र पांडेय ने किया । इस अवसर पर भाई के कनक हरि अग्रवाल, राकेश मोहन उपस्थित रहे।

*6 दिनों से सड़क पर टूट कर गिरा बिजली का तार, गांव में अंधेरा*
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गोरखपुर- तहसील क्षेत्र के हेमा पिपरा के गांव में बीते 6 दिनों से बिजली का तार टूट कर रास्ते पर गिर गया, जिससे गांव के कई घरों में अंधेरा छाया हुआ है। साथ ही गांव के लोगों को आने जाने में परेशानी हो रही है।

स्थानीय उपभोक्ताओं के द्वारा बिजली विभाग से तार ठीक कराने की शिकायत करने के बाद भी स्थानीय जेई द्वारा बिजली के टूटे तार को जोड़ने का काम नहीं कराया जा रहा। ग्रामप्रधान उमेश यादव ने बताया कि 6 दिनों से बिजली का तार टूट कर नीचे गिरा हुआ है।

गंगटहीं उपकेंद्र के जेई सुशील कुमार से तार जोड़ने का आग्रह किया, किंतु उन्होंने ध्यान नहीं दिया। इसकी शिकायत 1912 नंबर पर भी की गई है। एक्सईएन ग्रामीण अंकित कुमार ने कहा मैं जेई से बात करता हूं की लाइन क्यों नहीं जोड़ी गई है।

*चाकू मारकर युवक की हत्या, जांच में जुटी पुलिस*
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गोरखपुर- गोला थाना क्षेत्र मे शनिवार की सुबह एक युवक की चाकू मारकर हत्या कर दी गई। उसकी पहचान खिरकिटा दूबे गांव के 24 वर्षीय सत्यम कुमार पुत्र रामनिवास के रूप में हुई है। मौके पर पहुंची पुलिस मामले की जांच कर रही है। स्थानीय लोगों से पूछताछ चल रही है।

बताया जा रहा है कि युवक गांव के सरकारी ट्यूबवेल के पास गया था। सुबह 10:30 बजे के आसपास उसका शव वहां देखा गया। उसकी हत्या चाकू मारकर की गई है। हत्या किसने की, यह अभी स्पष्ट नहीं हो सका है। मौके पर पुलिस पहुंचकर घटना के कारणों की जांच पड़ताल कर रही है।

*घांस काट रही अनूसूचित महिला से मारपीट, केस दर्ज*
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गोरखपुर- थाना क्षेत्र के छपिया गांव के निवासी ओमप्रकाश की पत्नी नेबुला देवी गुरुवार को अपरान्ह लगभग 2 बजे गांव के सिवान में स्थित खेत के मेड़ पर घांस काट रही थी। इस बीच बगल में स्थित खेत के मालिक शिवकुमार सिंह ने वहां पहुंच कर महिला पर अपने खेत से सरसों काटने का आरोप लगाते हुए मारने पीटने लगे। महिला को जाति सूचक भद्दी गालियां देते हुए जान से मारने की धमकी दी।

पीड़िता ने खजनी थाने में तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की, थाने की प्रभारी निरीक्षक थानाध्यक्ष इंस्पेक्टर अर्चना सिंह के निर्देश पर पुलिस ने मुकदमा अपराध संख्या 72/2025 में बीएनएस की धाराओं 115(2), 352,351(3) तथा एससी एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया है। थानाध्यक्ष ने बताया कि विधिक कार्रवाई की जा रही है।

*सूर्यकुण्ड धाम पर वैदिक पुस्तकालय को तोड़ने का मुकदमा दर्ज*
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गोरखपुर- सूर्यकुण्डधाम सरोवर परिसर में वैदिक पुस्तकालय की दिवाल को ध्वस्त करने वालों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा पंजीकृत हुआ। सूर्यकुण्डधाम जीर्णोंद्धार समिति द्धारा विगत दिनों में सूर्यकुण्डधाम सरोवर परिसर में एक वैदिक पुस्तकालय का निर्माण कार्य कराया जा रहा था। जिसका भूमिपूजन 11 जनवरी को विधान परिषद के सदस्य डा0 धर्मेन्द्र सिंह द्धारा किया गया।

वैदिक पुस्तकालय के नवनिर्मित दिवाल को 06 मार्च की मध्य रात्रि के पश्चात सन्तोष मणि त्रिपाठी पुत्र सुभाष मणि त्रिपाठी, अरविन्द चैरसिया पुत्र स्व. रामनाथ चैरसिया, मदन राजभर पुत्र मिठाईलाल राजभर, प्रणय श्रीवास्तव पुत्र स्व. पुरुषोत्तम श्रीवास्तव एवं अज्ञात लोगों द्धारा हरवा हथियार की सहायता से पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया गया। प्रातःकाल इसकी जानकारी मिलने पर समिति के लोगों ने पूरी घटना की जानकारी एक आवेदन पत्र के माध्यम से थानाध्यक्ष तिवारीपुर को दी। घटना का संज्ञान लेते हुए थानाध्यक्ष ने जांच की जिम्मेदारी चौकी प्रभारी सूर्यविहार को सौपी। जाॅच के दौरान जब चैकी प्रभारी अखिलेश तिवारी द्धारा आस-पास के सी सी टी वी फूटेज को खंगालने पर रात्रि 01ः15 बजे उपरोक्त लोग हाथ में सब्बल, खनती इत्यादि लेकर निर्माणाधीन पुस्तकालय की ओर जाते हुए पाये गये तथा रात्रि 01ः30 बजे हाथों में हरवा हथियार लेकर उसी रास्ते से भागते हुए पाये गये।

जिसके आधार पर 08 मार्च को थानाध्यक्ष के निर्देश पर सन्तोष मणि त्रिपाठी पुत्र सुभाष मणि त्रिपाठी, अरविन्द चैरसिया पुत्र स्व. रामनाथ चैरसिया, मदन राजभर पुत्र मिठाईलाल राजभर, प्रणय श्रीवास्तव पुत्र स्व. पुरुषोत्तम श्रीवास्तव एवं अज्ञात के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता की धारा 189(2), 324(4), 351(3) के अन्तर्गत मुकदमा पंजीकृत किया गया। घटना स्थल से गायब हुई सामग्रियों की जांच भी पूलिस द्धारा किया जा रहा है। पूलिस ने जीर्णोद्धार समिति के पादाधिकारियों को उक्त अभियुक्तों द्धारा मिल रही जान माल की धमकी को भी संज्ञान में लिया है।

*उत्कृष्ट सामाजिक कार्यों के लिए तीन महिलाओं को राज्यपाल ने किया सम्मानित, अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर मिला सम्मान*
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गोरखपुर- मातृ अंजल सेवा संस्थान की संचालिका दीन, दुखियों, गरीब, बीमार, वृद्ध, मजबूर एवं लाचार लोगों की सेवा में तत्पर उन्हें भोजन, वस्त्र, उपचार की सुविधा उपलब्ध कराने वाली तथा रक्तदान शिविर सहित अन्य दर्जनों सेवा प्रकल्पों का संचालन करने वाली जिले की निवासी पुष्पलता सिंह को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर माननीय राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने सम्मानित किया। पुष्पलता सिंह ने बताया कि अपने लिए और अपने परिवार के हित के लिए समाज में हर व्यक्ति जीता है, किन्तु मानव जीवन की सार्थकता दूसरों के लिए जीने में है। अपरिचित अनजान जरूरतमंद लाचार लोगों की नि:स्वार्थ सेवा और उनकी मदद कर के ही हम अपने मनुष्य होने के वास्तविक स्वरूप से परिचित हो पाते हैं।

इसी प्रकार समूह चलाकर महिलाओं को स्वावलंबी बनाने वाली नीलम पाण्डेय को तथा गोरखपुर विश्वविद्यालय में होम साइंस विभाग की प्रवक्ता दिव्या रानी को भी राज्यपाल द्वारा उनके सामाजिक कार्यों के लिए प्रशस्ति पत्र देकर पुरस्कृत एवं सम्मानित किया गया।

*अंधियारी बाग में नमकीन फैक्ट्री पर खाद्य विभाग की छापेमारी, तीन कुंतल एक्सपायरी सामग्री नष्ट*
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गोरखपुर। अंधियारी बाग दक्षिणी में स्थित एक नमकीन फैक्ट्री पर खाद्य विभाग की टीम ने असिस्टेंट फूड कमिश्नर सुधीर कुमार सिंह के नेतृत्व में छापेमारी की। छापेमारी के दौरान फैक्ट्री में प्रतिबंधित रंगों और खराब मसालों का उपयोग करते हुए नमकीन तैयार की जा रही थी।

अधिकारियों ने बताया कि नमकीन में मिलाए जा रहे बेसन, तेल और अन्य सामग्रियों की गुणवत्ता बेहद खराब थी और साफ-सफाई का बिल्कुल ध्यान नहीं रखा गया था। खाद्य विभाग ने मौके पर ही तीन कुंतल एक्सपायरी सामग्री को नष्ट किया और कुल पांच नमूने जांच के लिए भरे।

इसके अलावा, फैक्ट्री संचालकों के पास उचित लाइसेंस भी नहीं मिला। वे सिर्फ ₹100 के पंजीकरण के आधार पर पूरी फैक्ट्री चला रहे थे। विभाग ने फैक्ट्री को चेतावनी देते हुए लाइसेंस प्राप्त करने तक कार्रवाई करने की बात कही है। छापेमारी में गोदाम से 80 से 100 कुंतल माल भी बरामद हुआ, जिसे जांच के दायरे में लिया गया है। खाद्य विभाग जल्द ही रिपोर्ट तैयार कर आगे की कार्रवाई करेगा।

भोजपुरी लोक संस्कृति हमारी पहचान है : डॉ. राकेश श्रीवास्तव
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गोरखपुर, 7 मार्च। होली केवल रंगों का त्योहार नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति, परंपरा और लोकसंस्कृति का उत्सव भी है। सदियों से गाए जाने वाले पारंपरिक होली गीत, समाज को जोड़ने और लोकजीवन की गहरी संवेदनाओं को प्रकट करने का माध्यम रहे हैं। इसी परंपरा को जीवंत बनाए रखने के उद्देश्य से भोजपुरी एसोसिएशन ऑफ इंडिया (भाई) एवं गोरखपुर विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में तीन दिवसीय पारंपरिक होली गीत कार्यशाला ‘रंग बरसे’ का आयोजन किया गया।

कार्यशाला का शुभारंभ प्रो. अजय शुक्ला (विभागाध्यक्ष, अंग्रेज़ी विभाग, दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय), डॉ. रूप कुमार बनर्जी, डॉ. राकेश श्रीवास्तव और राकेश मोहन ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया।मुख्य अतिथि प्रो. अजय शुक्ला ने कहा कि नई पीढ़ी को पारंपरिक लोकगीतों से जोड़ना अत्यंत सराहनीय कार्य है। उन्होंने कहा,भोजपुरी लोकगीत केवल मनोरंजन का साधन नहीं, बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक धरोहर और सामाजिक चेतना के प्रतीक हैं। इन गीतों में लोकजीवन, प्रेम, भक्ति, हास्य और आध्यात्म का अद्भुत समावेश होता है। यह आवश्यक है कि हम अपनी जड़ों से जुड़ें और आने वाली पीढ़ी को इस धरोहर से परिचित कराएँ। भोजपुरी भाषा और संस्कृति के संवर्धन के लिए ऐसे प्रयास निरंतर होते रहने चाहिए।

भाई के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. रूप कुमार बनर्जी ने कहा कि भोजपुरी आज केवल एक भाषा नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक आंदोलन बन चुकी है। उन्होंने उल्लेख किया कि अब प्रदेश की विधानसभा की कार्यवाही भी भोजपुरी में हो रही है, जो ‘भाई’ की भोजपुरी जागरूकता का प्रमाण है।

इस अवसर पर अंग्रेज़ी विभाग की छात्राओं ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। कार्यशाला के पहले दिन “धमार” पारंपरिक होली गीत “आज जमुना के तीर ये कान्हा होली खेले अइहा… का प्रशिक्षण दिया गया, जिसे प्रतिभागियों ने मनोयोग से सीखा।

कार्यशाला निदेशक डॉ. राकेश श्रीवास्तव ने कहा कि पारंपरिक लोकगीतों को संरक्षित करने हेतु वे कृतसंकल्प हैं और इसी उद्देश्य से समय-समय पर इस तरह की कार्यशालाओं का आयोजन करते हैं। उन्होंने बताया कि उनकी कार्यशालाओं में प्रशिक्षित प्रतिभागी विभिन्न मंचों पर अपनी विशिष्ट पहचान बना रहे हैं।

आज प्रथम दिन 55 प्रतिभागियों ने कार्यशाला में भाग लिया। ढोलक संगत मोहम्मद शकील ने की। कार्यक्रम का संचालन शिवेंद्र पांडेय ने किया और आगंतुकों को धन्यवाद ज्ञापन प्रेम नाथ ने दिया।