झारखंड के बजट पर सदन के अंदर आपस में उलझे पक्ष-विपक्ष के विधायक! जानें, किसने क्या कहा
बजट पर सत्ता पक्ष ने थपथपाई अपनी पीठ तो विपक्ष ने शिक्षा और स्वास्थ्य पर उठाया सवाल*
![]()
रिपोर्टर जयंत कुमार
रांची : झारखंड सरकार द्वारा सदन के पटल पर एक लाख 45 हजार 400 करोड़ का बजट पेश कर चुकी है। आज इस बजट के दूसरे दिन सत्ता और विपक्ष के बीच जमकर बयानबाजी होती रही। जहां एक और सत्ता पक्ष ने इस बजट को लेकर अपनी पीठ थपथपाते नजर आए वहीं दूसरी ओर विपक्ष ने इसे उदासीन बजट करार दिया।
विधायक जयराम महतो ने सरकार के द्वारा युवाओं को उपेक्षित किए जाने पर सवाल खड़ा करते हुए कहा है कि बजट से स्पष्ट है कि नियुक्ति पर कोई ध्यान नहीं दिया गया है। जयराम माता ने कहा कि रोजगार को लेकर पिछले बजट और इस बजट में कोई खास अंतर नहीं दिखा है।
![]()
वहीं उन्होंने स्वास्थ्य की ओर ध्यान देते हुए कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के अनुसार किसी भी राज्य का न्यूनतम स्वास्थ्य बजट 8% होना चाहिए। लेकिन झारखंड स्वास्थ्य बजट 5.6% है जो की न्यूनतम से भी काम है और यह चिंता का विषय है। वहीं उन्होंने सुझाव देते हुए कहा कि सरकार को चाहिए कि रिम्स के तर्ज पर पांचो प्रमंडल में रिम्स के तर्ज पर अस्पताल खोलने की आवश्यकता है। जब इस मामले में स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी से पूछा गया तो वह चुप्पी साधते नजर आए।
बजट भाषण में वित्त मंत्री के द्वारा राज्य के 80% बच्चे सरकारी विद्यालयों में पढ़ाई करने की बात कही थी। जिसपर बीजेपी विधायक सीपी सिंह ने कहा कि जहां ज्यादा बच्चे हैं वहां शिक्षक की नियुक्ति ही नहीं हो पाई है तो बच्चे पढ़ेंगे कहां से। उर्दू स्कूल की बात करें तो शिक्षक वहां ज्यादा है लेकिन बच्चे कम। कई ऐसे स्कूल है जहां विज्ञान और मैथ के टीचर नहीं है। जवाब में सत्ता पक्ष के विधायक नमन विक्सल कांगड़ी ने कहा कि हम जानते हैं कि शिक्षा का क्या महत्व है ज्ञान ही समस्याओं का समाधान है इसलिए हमारी प्राथमिकता शिक्षा पर है।
Mar 05 2025, 10:38