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इस राज्य की महिलाओं को हर महीने मिलेंगे 2100 रुपये, जानें कब और कैसे मिलेगी यह सुविधा

हरियाणा की रहने वाली महिलाओं के लिए सरकार ने एक बड़ी घोषणा का ऐलान किया है. हरियाणा विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी ने सरकार बनने के बाद महिला को हर महीने 2100 रुपये देने की घोषणा की थी. अब हरियाणा सरकार ने बता कि आखिरी किन महिलाओं और कब से इस योजना का लाभ मिलेगा. हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी ने खुद इस बात की जानकारी दी हैं.

हरियाणा में पांच अक्टूबर 2024 को विधानसभा चुनाव हुए थे. जिसका रिजल्ट आठ अक्टूबर 2025 को आया था. यहां बीजेपी ने पूर्ण बहुमत जीत हासिल की थी. चुनाव के दौरान एक गारंटी ने बहुत ही बड़ी भूमिका निभाई थी. वह गारंटी महिला को 2100 रुपये देने की थी. बीजेपी ने अपनी चुनावी मैनिफेस्टों में घोषणा की थी कि वह सरकार बनने के बाद महिला को आर्थिक मदद के तौर पर 2100 रुपये हर महीने देंगे. बीजेपी ने मजबूती से चुनाव लड़ा और उनकी इस गारंटी के बाद महिलाओं ने बढ़-चढ़कर वोट भी दिया.

7 मार्च के बाद शुरू होगी योजना

बीजेपी ने 18 से 60 साल तक की महिलाओं को लाडो लक्ष्मी योजना का लाभ देने का ऐलान किया है. अब सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि आखिर किन महिलाओं को इसका फायदा मिलेगा. सीएम नायब सिंह सैनी ने बताया कि जिन महिला के परिवार की सालाना आय 1 लाख 80 हजार तक है, उन महिला को इसका फायदा मिलेगा. 7 मार्च के बाद महिला को लाडो लक्ष्मी योजना का लाभ मिलना शुरू हो जाएगा.

10 से 12 हजार करोड़ के बजट का प्रावधान

सरकार ने इस योजना को आर्थिक रूप से कमजोर महिला तक सीमित रखने का फैसला लिया है. प्रदेश में 52.95 लाख बीपीएल परिवार है, जिसमें करीब 50 लाख महिलाएं हैं. वित्त एवं योजना विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस योजना के लिए प्रतिवर्ष 10 से 12 हजार करोड़ के बजट का प्रावधान किया है. इस योजना का लाभ उठाने के लिए महिलाओं को पीपीपी, जन्म प्रमाण पत्र और फैमिली इनकम सर्टिफिकेट समेत कई कागजात देने होंगे.

इंदौर में रैपिडो चालक की हत्या का नया खुलासा, प्रेमिका ने दिया चौंकाने वाला बयान

मध्य प्रदेश के इंदौर में चार दिन पहले रैपिडो चालक की हत्या कर दी गई थी. अब इस मामले में पुलिस ने नया खुलासा किया है. पुलिस की प्रारंभिक जांच में प्रेमिका ने दुपट्टे से गला घोंटकर हत्या करने की बात बताई थी. अब पूछताछ में प्रेमिका ने चौंकाने वाला खुलासा किया कि उसने युवक की हरकतों से परेशान होकर गले पर लात से वार कर हत्या की है. पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करवाया है. रिपोर्ट और बयान के आधार पर जांच जारी है.

मंगलवार दोपहर मेकअप आर्टिस्ट अपने प्रेमी की हत्या कर भंवरकुआं थाने पहुंची थी. पुलिस को बताया था कि उसने अपने प्रेमी संस्कार (21) पिता घनश्याम पटेरिया निवासी सागर की हरकतों से परेशान होकर दुपट्टे से गला घोंटकर हत्या कर दी है. पुलिस ने आरोपी प्रेमिका कृष्णा (19) को गिरफ्तार कर लिया. उसे बुधवार कोर्ट में पेश करके पहले पूछताछ की गई, जिसमें उसने कई खुलासे किए हैं.

परिवार को नहीं थी जानकारी

परिजन ने बताया, संस्कार सिविल कोर्स की तैयारी करने इंदौर आया था. यहां पढ़ाई के साथ काम करना शुरू कर दिया था. वह अपने खर्च खुद उठाना चाहता था. अधिकांश समय कोचिंग में व्यस्त रहता था. पता नहीं था कि युवती के साथ रहने लगा है. अब प्रशासन पर भरोसा है.

डीसीपी ऋषिकेश मीना के मुताबिक, आरोपी ने पूछताछ में बताया कि दोनों लिव इन में रह रहे थे. मंगलवार को उसने घर जाने की बात को लेकर विवाद हुआ. विवाद में संस्कार पलंग से नीचे गिर गया. इस पर आरोपी ने उसके गले पर पैर रखकर हत्या कर दी.

राजस्थानः नए प्रदेश अध्यक्ष के स्वागत के लिए आपस में भिड़े BJP के कार्यकर्ता, चले लात घूंसे और थप्पड़

राजस्थान में सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) के लिए गुरुवार का दिन शर्मसार कर देने वाला रहा. पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश पदाधिकारी की बैठक के दौरान नेताओं के बीच आपसी विवाद हो गया. स्थिति यह हुई कि बैठक के दौरान ही इनके बीच लात- घूंसे चलने लग गए.

जयपुर में बीजेपी के प्रदेश कार्यालय में नवनिर्वाचित प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ के स्वागत का कार्यक्रम रखा गया था. इससे पहले अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष हामिद खान मेवाती की अगुवाई में मोर्चा के पदाधिकारियों की बैठक चल रही थी. बैठक में प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य, जिला अध्यक्ष और महामंत्री भी शामिल हुए थे.

बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे थे मदन राठौड़

बैठक में पार्टी के नवनिर्वाचित प्रदेशाध्यक्ष और राज्यसभा सांसद मदन राठौड़ भी मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे थे. बैठक के बाद बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष हमीद खान मेवाती ने मोर्चा पदाधिकारियों के साथ मिलकर राठौड़ का स्वागत का कार्यक्रम रखा था.

मारपीट की यह घटना उस समय हुई, जब स्वागत के लिए आयोजित कार्यक्रम में पार्टी के नए प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ पहुंचे ही थे, कि आपस में हंगामा शुरू हो गया. बताया जा रहा है कि प्रदेशाध्यक्ष राठौड़ को कुर्सी पर बिठाने के दौरान यह झगड़ा शुरू हो गया था.

दोनों ने एक-दूसरे को मारा थप्पड़

अल्पसंख्यक मोर्चा के पूर्व पदाधिकारी जैकी प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ को एस्कॉर्ट करते हुए मंच तक लेकर आए. इस बीच जब वह मंच पर चढ़ने लगे तो उन्हें मोर्चे के प्रदेश महामंत्री जावेद कुरैशी ने रोक दिया. इससे नाराज जैकी भड़क गए और उन्होंने जावेद का कॉलर पकड़ लिया और उन्हें थप्पड़ जड़ दिया.

दोनों के बीच संघर्ष शुरू हो गया. थप्पड़ लगते ही जावेद ने भी जैकी को थप्पड़ मार दी. उसके बाद दोनों ही नेता प्रदेश अध्यक्ष के सामने ही भिड़ गए. दोनों के बीच करीब 30 से 40 सेकेंड तक संघर्ष चलता रहा. हालांकि इस दौरान बीजेपी के कुछ नेता इस संघर्ष को खत्म कराने की कोशिश करने लगे और वहां मौजूद कुछ अन्य पदाधिकारी ने दोनों का अलग कराया.

राज्यसभा से सांसद मदन राठौड़ को पिछले हफ्ते बीजेपी का प्रदेश अध्यक्ष चुना गया था. राठौड़ ने निर्विरोध निर्वाचित घोषित होने के बाद पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष का पद बरकरार रखा है. पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने उन्हें पिछले साल जुलाई में राजस्थान में बीजेपी का प्रदेशाध्यक्ष बनाया था. लेकिन इस बार उन्हें चुनावी प्रक्रिया के तहत प्रदेश अध्यक्ष चुना गया

वृंदावन में बंदरों का आतंक, अमेरिकी महिला पर किया हमला; बोली- एंबेसी में करूंगी शिकायत

तीर्थ नगरी मथुरा में लाखों की संख्या में श्रद्धालु वृंदावन अपने आराध्य के दर्शन करने के लिए आते हैं और आशीर्वाद प्राप्त करते हैं. तीर्थ नगरी वृंदावन की समस्या की यदि बात की जाए तो प्रशासन यहां की समस्या को कम करने के लिए प्रयास तो करता है लेकिन वह प्रयास कभी सफल नहीं हो पाता. वृंदावन में बंदरों का आतंक कितना ज्यादा है यह सभी लोग जानते हैं. बंदर आए दिन लोगों पर हमला करके घायल करते हैं. ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं. इसके बावजूद भी प्रशासन कोई भी कार्रवाई नहीं करता है.

बुधवार को भी ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जिसमें बंदरों द्वारा अमेरिकी सिटीजन पर हमला कर दिया. अमेरिकी सिटीजन बुरी तरह घायल हो गई और उपचार के लिए उसे अस्पताल ले जाया गया जहां उनका ट्रीटमेंट किया गया.

कैलिफोर्निया की रहने वाली पुष्पा जिनकी उम्र 85 वर्ष है. वह वृंदावन धार्मिक यात्रा पर आई हुई थीं और अपने आराध्य के दर्शन करना चाहती थीं. लेकिन बुधवार की शाम मंदिर के रथ घर के बाहर किसी काम से जा रही थीं तभी बंदर अचानक उनके ऊपर कूद गया और उनका चश्मा ले गया. इस दौरान वो दीवार से जा टकराई जिसके चलते उनके शरीर में कई चोटे आई हैं.

महिला सिर में आई गंभीर चोट

बंदर द्वारा धक्का दिए जाने के बाद अमेरिकी महिला पुष्पा के सबसे ज्यादा सिर में चोट लगी है. साथ ही उनके हाथ और घुटनों में भी काफी चोट आई है. जब उनसे पूछा गया कि आखिर यह सब कैसे हुआ तो उन्होंने अपनी सारी घटना बताई. उन्होंने कहा कि मैं ऑनलाइन के माध्यम से एंबेसी में शिकायत करुंगी. साथ ही मैं अब कई विभागों के खिलाफ एफआईआर भी करूंगी. मेरी यात्रा लगभग एक हफ्ते की थी लेकिन चोट लगने के कारण मेरा शरीर अब साथ नहीं दे रहा है. मैं आज का प्रोग्राम खत्म करने के बाद एक-दो दिन में यहां से चली जाऊंगी.

‘एंबेसी में करूंगी शिकायत’

वही स्थानीय निवासी मृदुल कांत शास्त्री ने कहा कि यह मेरी बुआ जी हैं, जिनका नाम पुष्पा है. वह अमेरिका की रहने वाली हैं. यहां अपनी धार्मिक यात्रा पर आई थीं लेकिन यहां उनको चोट लग गई जिसकी वजह से यात्रा कम समय में पूरी करके वापस लौट रही हैं. यहां के जो भी प्रतिनिधि हैं या अधिकारी हैं वह बंदरों की समस्या पर बिल्कुल ध्यान नहीं देते हैं. अब बंदरों की समस्या को लेकर रिपोर्ट दर्ज की जाएगी और आगे की कार्रवाई की जाएगी. यहां साल में कई लोगों की मौत बंदरों की वजह से होती है. इसके बाद भी प्रशासन कुंभकरण की नींद सोता रहता है.

काशी में कब खेली जाएगी मसान की होली, कैसे शुरू हुई परंपरा?

भगवान शिव की नगरी काशी. कहा जाता है कि ये नगरी भगवान शिव के त्रिशूल पर टिकी हुई है. काशी में मसान की होली खेली जाती है. प्रयागराज में महाकुंभ के समापन के बाद नागा साधु भी मासन की खोली खेलने शिव की नगरी में पहुंचे हुए हैं. ये होली बड़ी अनोखी होती है. इस होली को मृत्यु, मोक्ष और शिव भक्ति से जोड़ा जाता है.

ये होली खासकर काशी के मणिकर्णिका घाट और हरिश्चंद्र घाट पर खेली जाती है. ये दोनों ही शमशान घाट हैं. साधु और शिवजी के गण मसान होली खेलने के लिए शमशान स्थलों पर एकत्र होते हैं और चिता की राख से होली खेलते हैं. इस साल काशी में मसान की होली कब खेली जाएगी. मसान की होली खेलने की परंपरा की शुरुआत कैसे हुई. आइए विस्तार से जानते हैं.

कब खेली जाएगी मसान की होली ?

वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल रंगों की होली 14 मार्च 2025 को मनाई जाएगी. काशी में मसान की होली रंगभरी एकादशी के एक दिन बाद खेली जाती है. इस साल रंगभरी एकादशी 10 मार्च को है. ऐसे में इस साल मसान की होली 11 मार्च को खेली जाएगी.

मसान की होली खेलने की परंपरा

मसान की होली भगवान शिव और शमशान से संबंधित बताई जाती है. हिंदू धर्म शास्त्रों में बताया गया है कि भगवान शिव मोक्ष और संहार के देवता हैं. भगवान शिव शमशान के वासी हैं. माना जाता है कि भगवान शिव को शमशान बहुत प्रिय है. भगवान शिव शमशान में नृत्य करते हैं और अपने गणों के साथ होली खेलते हैं. मान्यता है कि रंगभरी एकादशी के दिन भगवान ने अपने गणों के साथ गुलाल से होली खेल ली थी, लेकिन उन्होंने भूत-प्रेत, यक्ष, गंधर्व और प्रेत के साथ होली नहीं खेली. यही कारण है कि रंगभरी एकादशी के दूसरे दिन मसान की होली खेली जाती है.

मणिकर्णिका घाट मोक्ष का द्वार

काशी में मणिकर्णिका घाट को मोक्ष का द्वार कहा जाता है. मान्यता है कि यहां भगवान शिव से मोक्ष प्राप्त होता है. रंगभरी एकादशी के अगले दिन यहां साधु संत चिता की राख से होली खेलते हैं. शिवालयों में विशेष पूजा की जाती है. भस्म और गुलाल उड़ाया जाता है. इस दौरान भगवान शिव के भजन गाए जाते हैं और तांडव नृत्य होता है.

क्या सच में गोविंदा-सुनीता आहूजा का 37 साल बाद हो रहा है तलाक? भतीजी आरती ने बताई सच्चाई

बॉलीवुड सुपरस्टार गोविंदा अब फिल्मों में कम नजर आते हैं लेकिन वे अपनी पर्सनल लाइफ की वजह से सुर्खियों में रहते हैं. हाल ही में एक्टर को लेकर एक बड़ी खबर सामने आ रही है. ऐसी अफवाह है कि वे अपनी पत्नी सुनीता आहूजा संग अपना 37 साल पुराना रिश्ता खत्म करने जा रहे हैं. इसपर तरह-तरह की बातें हो रही हैं और लोगों के रिएक्शन्स आ रहे हैं. अब इस खबर पर गोविंदा की भतीजी आरती सिंह ने भी रिएक्ट किया है और अपना पक्ष रखा है.

आरती ने क्या कहा?

माम-मामी गोविंदा और सुनीता की तलाक की अफवाहों के बारे में रिएक्ट करते हुए आरती ने कहा- मैं ईमानदारी से कहूं तो मैं अभी मुंबई नहीं हूं. तो मैं किसी के साथ भी टच में नहीं हूं. लेकिन मैं आपको ये बताना चाहती हूं कि ये पूरी तरह से गलत खबर है. ये सिर्फ अफवाह है क्योंकि उन दोनों की बॉन्डिंग बहुत स्ट्रॉन्ग है. बीते सालों में दोनों ने एक शानदार रिश्ता बनाया है. भला वे तलाक क्यों लेंगे. मुझे नहीं पता की ऐसी झूठी अफवाहें लोगों के पास कहां से पहुंचती हैं. लोगों को उनकी प्राइवेसी का बचाव करना चाहिए. यहां तक कि एक बार तो मेरे तलाक की भी खबरें फैल गई थीं. लेकिन इन सबसे कुछ नहीं होता है बस टेंशन बढ़ती है.

कैसे फैली अफवाह?

दरअसल एक साइट पर हाल ही में ये खबर बिना किसी फैक्ट चेक के छापी गई कि गोविंदा का तलाक हो रहा है. फिर बाद में वो खबर हटा भी दी गई. ऐसे में ये गलत खबर बिना फैक्ट चेक किए लोगों ने फैला दी. जबकी हाल ही में एक इंटरव्यू में सुनीता ने कहा था कि वो और गोविंदा अलग-अलग रहते हैं. दोनों का शेड्यूल मैच नहीं करता है इसलिए वे ऐसा करते हैं. लेकिन दोनों के बीच कैसा भी मनमुटाव नहीं है. गोविंदा और सुनीता की बात करें तो दोनों ने लव मैरिज की थी. दोनों की शादी के 37 साल हो चुके हैं. दोनों कई मौकों पर साथ में नजर आते हैं और अपनी पर्सनल लाइफ पर खुलकर बातें करते हैं.

भूकंप से दहलता भारत, 10 दिनों में दिल्ली, बिहार, असम में क्यों लगे झटके?

पिछले कुछ समय से देश के अलग-अलग राज्यों में भूकंप के तेज झटके महूसस किए गए. आमतौर पर इन भूकंप के झटकों को सुबह के समय महसूस किया गया. 17 फरवरी को दिल्ली में सुबह-सुबह 4 तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किये गए. इनका केंद्र दिल्ली-एनसीआर में ही था. आज भी नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (एनसीएस) की रिपोर्ट के मुताबिक, 27 फरवरी की सुबह असम में भूकंप से लोगों के बीच दहशत फैल गई.

अचानक से सोते-सोते लोग अपने-अपने घरों में उठकर बैठ गए. भूकंप के कारण लोग सहम गए. असम में ये भूकंप मोरीगांव जिले में रिक्टर पैमाने पर 5.0 तीव्रता का मापा गया. राज्य में आए इस भूकंप के झटके को कई अलग-अलग जगहों पर भी महसूस किया गया. भूकंप वैज्ञानिकों के मुताबिक, बार-बार भूकंप आने के पीछे की वजह धरती में प्लेटों के बीच हो रही हरकत को बताया गया है.

पड़ोसी देशों में महसूस किए गए झटके

गुवाहाटी में भूकंप के जोरदार झटके महसूस किए गए हैं. अन्य जगहों की भी निगरानी की जा रही है. यहां पर भूकंप सुबह करीब 2:25 बजे 16 किलोमीटर की गहराई पर आया. यहां पर आए भूकंप के झटकों का असर पड़ोसी देशों पर भी देखने को मिला. असम में आए भूकंप के झटके बांग्लादेश, म्यांमार, भूटान और चीन में भी महसूस किए गए.

लगभग हर दिन आ रहा भूकंप

पिछले दस दिनों के भूकंप के आने के आंकड़ों पर गौर करें तो भारत के किसी न किसी राज्य में भूकंप झटके महसूस किए गए हैं. लद्दाख में भी बुधवार को भूकंप से सब कुछ कांप उठा. यहां शाम को 5 बजकर 36 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए. इसकी तीव्रता रिक्टल स्केल पर 3.5 तक मापी गई. म्यामार में भी 26 फरवरी को 3.1 तीव्रता का भूकंप आया.

वहीं कोलकाता में 25 फरवरी को 5.1 तीव्रता का तेज भूकंप आया. कोलकाता में आए भूकंप का केंद्र बंगाल की खाड़ी में रहा. इस भूकंप के आने का समय भी सुबह ही रहा. 23 फरवरी को हिमाचल प्रदेश मंडी में भी भूकंप आने से लोग काफी डर गए. यहां पर भूकंप की तीव्रता 3.7 रही. 17 फरवरी को बिहार के सिवान में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे.

क्यों आता है भूकंप?

भूकंप आने के पीछे यूं तो कई कारण हैं, जैसे ज्वालामुखी के उद्गार की स्थिति यानी जब ज्वालामुखी में विस्फोट होता है और गर्म मैग्मा बाहर की ओर निकलता है, इस स्थिति में भी भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं. जमीन के नीचे अगर किसी तरह का विस्फोट किया जाता है तो उस स्थिति में भी धरती में कंपन होता है और मानों ऐसा लगता है कि भूकंप आ रहा है.

भूकंप आने की सबसे आम और महत्वपूर्ण वजह है प्लेटों के बीच संचरण. टेक्टोनिक प्लेटों के बीच जब हलचल आता है तो भूकंप आता है. पृथ्वी की ऊपरी सतह कई छोटी-छोटी प्लेटों में बंटी हुई है, जिसमें यूरेशियन, भारतीय, अफ्रीकी, उत्तर अमेरिकी आदि प्लेटें शामिल हैं.

महाकुंभ का औपचारिक समापन: सीएम योगी करेंगे सफाई और मेला कर्मियों को सम्मानित

तीर्थराज प्रयाग में 45 दिनों तक चलने वाले महाकुंभ का आज औपचारिक समापन समारोह है. इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सफाई और मेला कर्मियों को सम्मानित करेंगे. इस कार्यक्रम में उनके साथ में दोनों डिप्टी सहित कई मंत्री भी शामिल होंगे. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव भी सुबह 9 बजे प्रयागराज पहुंचेंगे. महाकुंभ में श्रेष्ठ काम करने वाले कर्मचारियों को सम्मानित करेंगे.

प्रयागराज में 144 साल बाद लगने वाले इस महाकुंभ में 66 करोड़ से अधिक लोगों ने आस्था की डुबकी लगाई है. महाकुंभ मेले की शुरुआत 13 जनवरी को हुई थी. 26 फरवरी यानी महाशिवरात्रि को अंतिम अमृत स्नान था. इस दिन करीब 1.32 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान किया. सीएम योगी ने त्रिवेणी संगम में इस सफल आयोजन के लिए सभी साधु संतों और श्रद्धालुओं का आभार प्रकट किया.

महाशिवरात्रि के साथ ही खत्म हुआ महाकुंभ

वैसे तो महाशिवरात्रि के साथ ही महाकुंभ का समापन हो गया. मगर इसकी औपचारिक घोषणा आज की जाएगी. सीएम योगी आदित्यनाथ आज इस मौके पर सफाई और मेला कर्मियों को सम्मानित करेंगे. महाशिवरात्रि के दिनवायुसेना ने महाकुंभ और यहां आए श्रद्धालुओं को सलामी दी. इस मौके पर मेला प्रशासन ने हेलीकॉप्टर से फूल भी बरसाए.

66 करोड़ लोगों ने लगाई आस्था की डुबकी

तीर्थराज प्रयागराज की पावन धरा त्रिवेणी की गोद में 66 करोड़ से ज्यादा लोगों ने बिना किसी भेदभाव के पवित्र स्नान किया. यह संख्या देश की लगभग आधी आबादी है. इस महाकुंभ ने प्रदेश और देश का सिर पूरे विश्व में ऊंचा किया है. महाकुंभ में इस बार 20 लाख से अधिक लोगों ने कल्पवास किया. महाकुंभ में 50 से अधिक देशों से श्रद्धालु आए थे.

नेपाल, भूटान, अमेरिका, इंग्लैंड, जापान समेत कई देशों से लोगों ने संगम में आस्था की डुबकी लगाई. सरकार ने महाकुंभ में सुरक्षा के लिए चाक चौबंद इंतजाम किए थे. भगदड़ की छिटपुट घटनाएं हुईं लेकिन मेला परिसर में कोई बड़ी घटना नहीं हुई. राज्य के सभी आला अधिकारियों की देख रेख में यह महाकुंभ सफलपूर्वक संपन्न हुआ.

पंजाब से नई पारी का आगाज करेंगे केजरीवाल? राज्यसभा में हो सकती है एंट्री

दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी और नई दिल्ली सीट अरविंद केजरीवाल की हार के बाद अब उनके सियासी भविष्य को लेकर चर्चाएं हो रही हैं. केजरीवाल अपनी नई पारी का आगाज पंजाब से कर सकते हैं. ऐसा कहा जा रहा है कि वे पंजाब से राज्यसभा जा सकते हैं. हालांकि अब तक इस बात को लेकर आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है और पंजाब के ज्यादातर आम आदमी पार्टी के नेता, प्रवक्ता और सरकार के मंत्री इस बात को नकार रहे हैं.

सूत्रों के अनुसार कहा जा रहा है कि अरविंद केजरीवाल राज्यसभा सांसद संजीव अरोड़ा की जगह ले सकते हैं. वहीं संजीव अरोड़ा उप-चुनाव के जरिए राज्य की राजनीति में एंट्री कर सकते हैं. खबरें हैं कि संजीव अरोड़ा आगामी लुधियाना पश्चिम सीट से विधानसभा उप-चुनाव लड़ सकते हैं. लुधियाना वेस्ट विधानसभा सीट विधायक गुरप्रीत गोगी के अकस्मात निधन की वजह से खाली हुई है. संजीव अरोड़ा पंजाब के एक बड़े बिजनेसमैन है और लुधियाना से भी संबंध रखते हैं. अरविंद केजरीवाल के साथ भी उनकी काफी नजदीकी मानी जाती है.

आम आदमी पार्टी ने दावों को नकारा

पंजाब विधानसभा का सत्र जारी है और इस मामले को लेकर पंजाब की राजनीति भी गरमा गई. जिसके बाद पंजाब सरकार के मंत्रियों और पार्टी के प्रवक्ताओं की फौज इस खबर का खंडन करने के लिए सामने आ गई. अरविंद केजरीवाल को पंजाब के राज्यसभा सांसद संजीव अरोड़ा की सीट खाली करवा कर राज्यसभा भेजे जाने की खबरों को आम आदमी पार्टी ने नकार दिया है.

पंजाब के माइनिंग मंत्री बरिंदर गोयल ने कहा कि ये महज अफवाह है जो कि कुछ विपक्षियों द्वारा फैलाई जा रही है ऐसी कोई बात अब तक पार्टी के पटल पर नहीं आई है और ना ही इस पर चर्चा हुई है.वहीं आम आदमी पार्टी के पंजाब के मुख्य प्रवक्ता नील गर्ग ने भी इन खबरों को खारिज कर दिया और कहा कि अब तक पार्टी के लेवल पर इस तरह की कोई चर्चा ना तो हुई है और ना ही उनके पास ऐसी कोई जानकारी है.

पार्टी बोली- विपक्ष ध्यान भटकाने के लिए इस तक का मुद्दा उठा रही

पंजाब के वित्त मंत्री और पार्टी के सीनियर नेता हरपाल चीमा ने कहा कि पार्टी के स्तर पर अभी तक इस प्रकार की कोई बात नहीं हुई है. हरपाल चीमा ने कहा कि विपक्ष ध्यान भटकाने के लिए इस तरह के मुद्दे उठा रहा है. विपक्ष के नेता विधानसभा के अंदर कोई मुद्दा उठा नहीं सकते ना ही कुछ बोल सकते हैं इसलिए इस प्रकार के मुद्दे गुमराह करने के लिए उठा रहे हैं.

वहीं पठानकोट से बीजेपी विधायक और बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अश्विनी शर्मा ने कहा कि अरविंद केजरीवाल को पीछे के दरवाजे से पंजाब में लाने की तैयारी की जा रही है और इसी वजह से उनको राज्यसभा में पंजाब से भेजे जाने की चर्चा है, लेकिन ये पंजाब के लोगों के साथ सबसे बड़ा धोखा होगा क्योंकि पंजाब में आम आदमी पार्टी को मैंडेट भगवंत मान के चेहरे पर मिला था ना कि अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया जैसे लोगों के चेहरे पर जोकि दिल्ली में चुनाव हार गए हैं और अब पंजाब में राजनीति और पावर के लिए आना चाहते हैं. अश्विनी शर्मा ने कहा कि अरविंद केजरीवाल पावर हंगरी आदमी है और वो सत्ता में आने के लिए ये सब कर रहे हैं.

बाजवा बोले- पिछले दरवाजे से पंजाब की सत्ता में दाखिल होना चाहते हैं

वहीं, कांग्रेस ने भी अरविंद केजरीवाल के पंजाब से राज्यसभा जाने के मामले पर कहा कि वो तो पहले से ही कह रहे हैं कि दिल्ली के नेता पंजाब को ओवरटेक करना चाहते हैं. पंजाब विधानसभा में नेता विपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि वो ये बात पहले भी कह चुके हैं कि अरविंद केजरीवाल पंजाब की सत्ता अपने हाथों में लेना चाहते हैं और अब ये बात साफ है कि केजरीवाल पिछले दरवाजे से पंजाब की सत्ता में दाखिल होना चाहते हैं.

वहीं कांग्रेस विधायक और पंजाब के पूर्व शिक्षा मंत्री परगट सिंह ने कहा कि अरविंद केजरीवाल पंजाब में आकर सीधे चुनाव क्यों नहीं लड़ लेते जनता उन्हें मैंडेट दे देगी और पता लग जाएगा कि क्या वो पंजाब में राज कर सकते हैं या नहीं. परगट सिंह ने कहा कि भगवंत मान तो अपने किले यानी अपनी सरकारी कोठी में कैद है जबकि पूरी पंजाब सरकार तो अरविंद केजरीवाल और उनकी दिल्ली की टीम ही चल रही है.

भीम ने अपनी गदा से इस मंदिर का मोड़ दिया था द्वार, महाशिवरात्रि पर लगता है विशाल मेला, जानें पीछे की कहानी

महाशिवरात्रि का पर्व पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है. इस अवसर पर शिव मंदिरों की सजावट भी खास होती है. आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसकी कहानी महाभारत काल से जुड़ी हुई है. यह मंदिर न केवल ऐतिहासिक है, बल्कि यहां की एक अनोखी परंपरा भी है.

बरसी महादेव मंदिर, उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिला मुख्यालय से करीब 40 किलोमीटर दूर बरसी गांव में स्थित है. यह मंदिर महाभारत कालीन माना जाता है और यहां हर शिवरात्रि पर एक विशाल मेला लगता है. लाखों श्रद्धालु यहां आकर महादेव का जलाभिषेक करते हैं और उनकी पूजा करते हैं. इस मंदिर का इतिहास बहुत ही दिलचस्प है. बताया जाता है कि इस मंदिर का निर्माण महाभारत काल में दुर्योधन ने कराया था.

अनोखे स्थापत्य के लिए प्रसिद्ध

एक रात, जब दुर्योधन सो रहे थे, तब भीम ने अपनी गदा से इस मंदिर के मुख्य द्वार को घुमा दिया. इस कारण मंदिर की दिशा पश्चिम और दक्षिण की ओर बदल गई. जब दुर्योधन सुबह उठे और मंदिर की दिशा देखी, तो वह हैरान रह गए. यह मंदिर आज भी अपने अनोखे स्थापत्य के लिए प्रसिद्ध है, क्योंकि यह एकमात्र ऐसा मंदिर है जिसकी दिशा पश्चिम और दक्षिण में है.

देशभर से श्रद्धालु इस गांव में आते हैं

बरसी गांव का नाम भी एक रोचक कहानी से जुड़ा है. महाभारत युद्ध के दौरान श्री कृष्ण जब इस गांव में आए थे, तो उन्होंने इस गांव की तुलना बृज से की थी. इसके बाद से इस गांव का नाम बरसी पड़ा. आज भी शिवरात्रि और सावन के महीने में देशभर से श्रद्धालु इस गांव में आते हैं और भगवान भोलेनाथ का अभिषेक करते हैं.

नहीं होती होलिका दहन

बरसी गांव में एक और विशेष परंपरा है, जिसे जानकर आप हैरान हो जाएंगे. यहां के लोग होलिका दहन नहीं करते. इसके पीछे एक मान्यता है कि होलिका दहन करने से यहां की ज़मीन गर्म हो जाती है, और गर्म ज़मीन पर महादेव कैसे चल सकते हैं. इस कारण यहां के ग्रामीण होलिका दहन नहीं करते, जो एक अनूठी परंपरा है.

बरसी महादेव मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसकी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व भी बहुत बड़ा है. यहां आने वाले श्रद्धालु इसे एक पवित्र स्थान मानते हैं, और हर साल शिवरात्रि पर यहां की रौनक और भी बढ़ जाती है.