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भीम ने अपनी गदा से इस मंदिर का मोड़ दिया था द्वार, महाशिवरात्रि पर लगता है विशाल मेला, जानें पीछे की कहानी

महाशिवरात्रि का पर्व पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है. इस अवसर पर शिव मंदिरों की सजावट भी खास होती है. आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसकी कहानी महाभारत काल से जुड़ी हुई है. यह मंदिर न केवल ऐतिहासिक है, बल्कि यहां की एक अनोखी परंपरा भी है.

बरसी महादेव मंदिर, उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिला मुख्यालय से करीब 40 किलोमीटर दूर बरसी गांव में स्थित है. यह मंदिर महाभारत कालीन माना जाता है और यहां हर शिवरात्रि पर एक विशाल मेला लगता है. लाखों श्रद्धालु यहां आकर महादेव का जलाभिषेक करते हैं और उनकी पूजा करते हैं. इस मंदिर का इतिहास बहुत ही दिलचस्प है. बताया जाता है कि इस मंदिर का निर्माण महाभारत काल में दुर्योधन ने कराया था.

अनोखे स्थापत्य के लिए प्रसिद्ध

एक रात, जब दुर्योधन सो रहे थे, तब भीम ने अपनी गदा से इस मंदिर के मुख्य द्वार को घुमा दिया. इस कारण मंदिर की दिशा पश्चिम और दक्षिण की ओर बदल गई. जब दुर्योधन सुबह उठे और मंदिर की दिशा देखी, तो वह हैरान रह गए. यह मंदिर आज भी अपने अनोखे स्थापत्य के लिए प्रसिद्ध है, क्योंकि यह एकमात्र ऐसा मंदिर है जिसकी दिशा पश्चिम और दक्षिण में है.

देशभर से श्रद्धालु इस गांव में आते हैं

बरसी गांव का नाम भी एक रोचक कहानी से जुड़ा है. महाभारत युद्ध के दौरान श्री कृष्ण जब इस गांव में आए थे, तो उन्होंने इस गांव की तुलना बृज से की थी. इसके बाद से इस गांव का नाम बरसी पड़ा. आज भी शिवरात्रि और सावन के महीने में देशभर से श्रद्धालु इस गांव में आते हैं और भगवान भोलेनाथ का अभिषेक करते हैं.

नहीं होती होलिका दहन

बरसी गांव में एक और विशेष परंपरा है, जिसे जानकर आप हैरान हो जाएंगे. यहां के लोग होलिका दहन नहीं करते. इसके पीछे एक मान्यता है कि होलिका दहन करने से यहां की ज़मीन गर्म हो जाती है, और गर्म ज़मीन पर महादेव कैसे चल सकते हैं. इस कारण यहां के ग्रामीण होलिका दहन नहीं करते, जो एक अनूठी परंपरा है.

बरसी महादेव मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसकी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व भी बहुत बड़ा है. यहां आने वाले श्रद्धालु इसे एक पवित्र स्थान मानते हैं, और हर साल शिवरात्रि पर यहां की रौनक और भी बढ़ जाती है.

कॉफी उद्यमी ने सरकारी स्कूल को दिया 2.18 करोड़ रुपये का दान, बनवाए 8 नए क्लासरूम और हॉल

कर्नाटक के चिकमंगलूर जिले के मुदिगेरे तालुका में मौजूद एक सरकारी स्कूल को 10-20 लाख का नहीं बल्कि दो करोड़ से भी ज्यादा का डोनेशन मिला. स्कूल को ये डोनेशन एक कॉफी उद्यमी ने दिया. उन्होंने सरकारी स्कूल को 2.18 करोड़ रुपये का दान दिया. इतने बड़े उद्यमी होने के बावजूद वह अपने बेटे को भी सरकारी स्कूल में ही पढ़ा रहे हैं.

स्कूल को 2 करोड़ से ज्यादा का डोनेशन देने वाले कॉफी उद्यमी का नाम संतोष है, जो मुदरेमने कॉफी क्योरिंग यूनिट के मालिक हैं. उन्होंने सरकारी स्कूल से पढ़ाई की और बाद में कॉफी उद्योग में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया. वह वर्तमान में कॉफी एक्सपोर्ट का बिजनेस कर रहे हैं. संतोष ने मुत्तिगेपुरा गांव में राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय के लिए 2.18 करोड़ रुपये डोनेट किए.

8 फर्निश्ड क्लासरूम बनाए गए

जिस स्कूल को संतोष ने पैसे डोनेट किए हैं. वह 1973 में स्थापित किया गया था, जिसमें आज 363 छात्र पढ़ते हैं. संतोष के दान की मदद से स्कूल में 8 फर्निश्ड क्लासरूम बनाए गए हैं. इस स्कूल के लिए बेहतरीन हॉल बना गया है, जिस 10 लाख रुपये की लागत से तैयार किया गया है. दान की मदद से ‘विवेक योजना’ के तहत 56 लाख रुपये जुटाए गए.

12 कक्षाओं का उद्घाटन

इसके अलावा और क्लासरूम भी शामिल हैं. रिपोर्ट के मुताबिक 28 फरवरी को इस स्कूल की कुल 12 कक्षाओं का उद्घाटन किया जाएगा. मुत्तिगेपुरा के इस स्कूल को कई लोगों से दान मिल रहा है. हाल ही में इस गांव के सऊदी अरब में रहने वाले व्यवसायी सिद्दीकी ने स्कूल को 60,000 रुपए का दान दिया और साथ ही 1.5 करोड़ रुपये की शुद्ध पेयजल यूनिट भी स्कूल को दान किया.

कई जगह से आता है डोनेशन

इसके अलावा शर्लिन विलियम्स नाम की कंपनी ने स्कूल को 18 लाख रुपए और फर्नीचर दान दिया. यूथ फॉर सर्विस ने आठ कंप्यूटर और उनके इस्तेमाल के लिए टेबल मुहैया कराए. स्कूल परिसर और कक्षाओं में 20 सीसीटीवी कैमरे भी डोनेशन के जरिए लगाए गए हैं. मिड डे में बच्चों को मिलने वाले भोजन के लिए 5 लाख रुपये दान किए गए हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि 10.5 करोड़ रुपये की लागत से एक हाईटेक किचन भी स्कूल के लिए बनाने के लिए दान किए हैं. एसडीएमसी अध्यक्ष मधु कुमार ने कहा कि स्कूल राज्य में एक मॉडल बन रहा है और लोग स्कूल को मॉडल बनाने में मदद कर रहे हैं.

केरल में युवक ने की 6 लोगों की हत्या, पुलिस स्टेशन में आकर किया कबूलनामा

एक युवक पुलिस स्टेशन जाता है और कहता है कि उसने अपने परिवार के 6 लोगों की हत्या कर दी है और खुद भी चूहे मारने की दवाई खा ली है. ये मामला केरल के तिरुवनंतपुरम के वेंजारामूडू पुलिस स्टेशन से सामने आया है, जहां अफ्फान नाम के शख्स का कबूलनामा सुनकर हर कोई हैरान रह गया. उसने पुलिस स्टेशन जाकर सबके सामने कबूल किया कि उसने अपने छोटे भाई, प्रेमिका, दादी, चाचा-चाची समेत 6 लोगों को मार डाला है.

इसके बाद पुलिस ने मामले की जांच की तो सामने आया कि आरोपी अफ्फान पेरूमाला का रहने वाला है. जब वह पुलिस स्टेशन पहुंचा, तो उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया. उसका मुकन्नूर की रहने वाली फरजाना नाम की महिला के साथ प्रेम प्रसंग था, जिसे अफ्फान के परिवार वालों ने स्वीकार नहीं किया था. युवक इस बात से नाराज था. इसलिए उसने तीन अलग-अलग जगहों पर हत्या की वारदात को अंजाम दिया.

5 की हो गई मौत

अफ्फान ने छोटे भाई अहसान, प्रेमिका फरजाना, दादी सलमा, चाचा लतीफ, चाची शाहिदा और अपनी मां शमीना पर हमला किया. इनमें से 5 की मौत हो गई और अफ्फान की मां अस्पताल में भर्ती है. दरअसल अफ्फान और फरजाना का प्रेम प्रसंग चल रहा था, लेकिन दोनों के रिश्ते के लिए अफ्फान के घर वाले राजी नहीं थे. इसलिए एक दिन अफ्फान ने फरजाना को बुलाया और अपनी दादी के घर पहुंचा.

सबसे पहले दादी को मारा

दादी ने भी अफ्फान और फरजाना के रिश्ते को कबूल नहीं किया. अफ्फान के पास पैसे नहीं थे. उसने अपनी दादी से सोना गिरवी रखने के लिए कहा, तो उन्होंने इनकार कर दिया. इसके बाद अफ्फान ने सबसे पहले अपनी दादी को मौत के घाट उतारा. इसके बाद उसने फरजाना को भी मार डाला. इसके अलावा उसने अपने चाचा की हत्या संपत्ति को लेकर किसी विवाद के चलते की और फिर भाई को भी मार और मां पर भी हमला किया.

अफ्फान के पिता ने क्या बताया?

अफ्फान के पिता अब्दुल रहीम ने बताया कि वह आर्थिक तंगी से जूझ रहे थे, लेकिन यह उसके बेटे के लिए चिंता की बात नहीं थी. क्योंकि वह छह महीने के लिए विजिटिंग वीजा पर सऊदी गया था और हाल ही में खुशी-खुशी वहां से वापस लौटा था. हालांकि इन हत्याओं की असल वजह अभी तक सामने नहीं आ पाई है. पुलिस मामले की जांच कर रही है और अफ्फान का इलाज भी कराया जा रहा है.

महाराष्ट्र: मंत्रियों के पर्सनल स्टाफ की छुट्टी, सीएम फडणवीस ने दिए जांच के आदेश

महाराष्ट्र में महायुति सरकार में शामिल दलों के बीच फिर से मतभेद के संकेत मिल रहे हैं. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस एक्शन मोड में नजर आ रहे हैं. वे लगातार सख्त कदम उठा रहे हैं, जिसमें वे अपने मंत्रियों तक को नहीं छोड़ रहे हैं. इस बार उन्होंने मंत्रिमंडल के स्टाफ के जांच के आदेश दे दिए हैं. दूसरी तरफ स्टाफ के कई लोगों की छुट्टी भी कर दी है. एकनाथ शिंदे के कोटे से कृषि मंत्री बने माणिकराव कोकाटे के 3 निजी सचिवों को सीएम ऑफिस ने हटा दिया गया है

मुख्यमंत्री के आदेश के बाद कई मंत्रियों के पर्सनल स्टाफ जैसे PA,ओएसडी,पीएस की स्क्रूटनी सीएम ऑफिस ने शुरू करवा दी है. इस कड़ी में मंत्रियों,केबिनेट मंत्रियों और राज्य मंत्रियों के सभी नजदीकी स्टाफ के क्रिमिनल बैकग्राउंड की जांच की जा रही है. सीएम के इस आदेश से नाराज कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे ने बयान दे दिया कि अब तो हमे अपने ओएसडी और निजी सचिव को अपॉइंट करने का अधिकार भी नहीं है.

कृषि मंत्री के इस बयान बयान का सीएम फडणवीस ने नसीहत देते हुए कहा है कि मंत्री जी को ये पता होना चाहिए कि सभी कैबिनेट और राज्य मंत्रियों के निजी स्टाफ को फाइनल करने का अधिकार सीएम के पास ही होता है. मंत्रीगण सिर्फ अपने स्टाफ की जानकारी सीएमओ दफ्तर में जमा करते है. उसको फाइनल करने का अधिकार सीएम के पास ही होता है.

गलत कामों में शामिल लोगों के नाम नहीं होंगे मंजूर – सीएम

मुख्यमंत्री PA और अन्य स्टाफ की नियुक्ति को लेकर कहा कि ये कोई नई बात नहीं है. मैंने कैबिनेट में साफ कहा था कि आप जो नाम चाहे भेज सकते हैं, लेकिन जिसका नाम गलत कामों में शामिल होगा उन्हें मैं मंजूरी नहीं दूंगा. अब तक मुझे 125 नाम मिले हैं, जिनमें से मैंने 109 को मंजूरी दे दी है.

बीजेपी और शिवसेना के बीच सब ठीक?

महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल तेज हो गई है. राजनीतिक गलियारों मे देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे के बीच चल रहे शीतयुद्ध की चर्चा जोरों पर है. मुख्यमंत्री कार्यालय ने एकनाथ शिंदे के कार्यकाल में पारित हुए जालना जिले के खारपुडी के 900 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट की जांच के आदेश दिए हैं. सीएम बनने के बाद फडणवीस ने शिंदे सरकार के कई फैसले पलट दिए या फिर रद्द कर दिए, जिसके कारण बीजेपी और शिवसेना के बीच सबकुछ ठीक होने को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं.

खौफ ऐसा कि 200 साल से इस गांव में नहीं बना कोई दो-मंजिला मकान, डरावनी है वजह

देश की करीब 70 फीसदी आबादी गांवों में रहती है. वहीं, देश में 7 लाख के लगभग गांव है. आज के आधुनिक युग में अधिकतर गांवों में पक्के और बहुमंजिला मकान देखे जा सकते हैं. लेकिन राजस्थान के जोधपुर से 30 किलोमीटर दूर एक अनोखा गांव ऐसा भी है, जहां पर एक मंजिल से ऊपर कोई मकान नहीं मिलेगा.इसके साथ ही लोक मान्यता के चलते गांव में आज से 200 साल पहले संत के कहे वचनों का पालन आज भी ग्रामीण कर रहे हैं.

गांव में आज भी ग्रामीण दो मंजिल का मकान नहीं बनाते हैं. साथ ही ऐसे कई समाज और जाति के लोग हैं, जिन्हें इस गांव में रहने की अनुमति नहीं है. इस गांव का नाम है डोली गांव और यह जोधपुर बाड़मेर हाईवे के नजदीक है. गांव में रहने वाले लोग दो मंजिल का मकान नहीं बनाते हैं. यहां ज्वेलर्स रात में नहीं रुकते. इस गांव में कच्चा तेल निकालने वाली कोई घाणी भी नहीं लगाई जाती. 200 साल पहले बैरागी महाराज की कही एक बात का यह गांव आज भी पालन कर रहा है.

गांव की 200 साल पुरानी कहानी

गांव के लोगों ने बताया कि 200 साल पहले डॉली गांव में हरिराम बैरागी महाराज तपस्या किया करते थे. उन्होंने अपनी तपस्या स्थल के समय एक सूखी लकड़ी की डंडी को लगाया, जो खेजड़ी के वृक्ष के तौर पर आज भी गांव में मौजूद है. राजा महाराजाओं के समय कविराज मुरारी लाल जी चारण, जोकि यहां के राजा के द्वारा ख्याति प्राप्त थे, उन्हें जोधपुर राजा द्वारा 12 गांव दिए हुए थे. इनमें यह डॉली गांव भी शामिल था. कवि मुरारी लाल ने बैरागी महाराज से गांव में करणी माता का मंदिर बनाए जाने की बात कही.

बैरागी महाराज ने लगाई फटकार

कवि मुरारी की बात सुनकर हरिराम बैरागी ने मंदिर बनाने से मना किया और कहा कि उन्होंने देवी को त्याग रखा है. इसके बाद बैरागी महाराज तीर्थ यात्रा के भृमण पर निकल गए. उनके जाने के बाद कविराज ने गांव में करणी माता का मंदिर बना दिया और मूर्ति का प्रतिष्ठान कर दिया. जब महाराज वापस आए और उन्होंने पूछा कि ‘आपने यह मंदिर क्यों बनाया?’ इसपर कविराज ने कहा कि ‘यह मेरी ईस्ट देवी हैं, उन्हें रोज मीठा प्रसाद चढ़ाऊंगा’ इस बात पर बैरागी महाराज को गुस्सा आ गया. उन्होंने कविराज को फटकारते हुए कहा कि ‘आपके पीछे कोई पानी देने वाला भी नहीं रहेगा.’

इसलिए नहीं बनते दो मंजिला मकान

बैरागी महाराज की फटकार के बाद कविराज के घर पर कभी बच्चों को किलकारी नहीं गूंजी और उनके वंश का अंत हो गया. 12 गांव की जागीदार को कोई संभालने वाला तक ना मिला. आज गांव में बनी सभी हवेलियां सरकार के अधीन हैं. उधर, बैरागी महाराज डोली गांव से रवाना हो गए. पूरा गांव उनसे रुकने की विनती करने लगा. लेकिन वह नहीं रुके. इस बीच लोगों की आस्था देखते हुए उन्होंने कहा कि ‘उनका समाधि स्थल ऐसे ही यहां रहेगा. मेरी समाधि के दिन पूरे गांव के आसपास दूध की धार देनी होगी, साथ ही मेरी समाधि से ऊपर किसी का घर नहीं होगा.’

दो मंजिला मकान बनाए पर आई आफत

इसके बाद गांव में केवल एक मंजिल ही मकान बनता है.कहा जाता है कि कुछ लोगों ने पौराणिक मान्यताओं को ना मानकर गांव में दो मंजिला मकान बनाए. लेकिन वे उस घर में रह नहीं पाए. किसी को अलग-अलग आवाज सुनाई देने लगीं, तो किसी के परिवार में अकाल मृत्यु होने लगी. कहीं किसी के परिवार में सभी बीमारी से ग्रसित हो गए. आखिरकार उन्हें गांव छोड़कर जाना पड़ा.

योगी सरकार की लगी लॉटरी! शराब की दुकानों के लिए आए इतने आवेदन… नीलामी से पहले ही हो गई 572 करोड़ की कमाई

उत्तर प्रदेश में शराब की दुकानों का आवंटन होना है. इसके लिए ई-लॉटरी से चयन किया जाएगा. ई-लॉटरी 6 मार्च को खोली जाएगी, लेकिन इससे पहले आबकारी विभाग ने करीब 572 करोड़ रुपये की कमाई कर ली है. 23 फरवरी तक 1 लाख 9 हजार 514 ऑनलाइन आवेदन किए जा चुके हैं. रजिस्ट्रेशन और आवेदन की आखरी तारीख 27 फरवरी है.

देशी मदिरा, कम्पोजिट शॉप, मॉडल शॉप एवं भांग की फुटकर दुकानों की ई-लॉटरी के माध्यम से आवंटन के लिए 23 फरवरी तक 109514 आवेदन ऑनलाइन प्राप्त हुए हैं. आबकारी विभाग को इससे 572.20 करोड़ रुपये की प्रोसेसिंग फीस भी मिली है. 27 फरवरी शाम 5 बजे तक ऑनलाइन पोर्टल पर आवेदन और रजिस्ट्रेशन किए जा सकेंगे. बताया गया है कि पारदर्शी रूप से अनुज्ञापियों का चयन आनलाइन पोर्टल के माध्यम से किया जाएगा. चयनित अनुज्ञापियों को वर्ष 2026-27 में नवीनीकरण का विकल्प भी उपलब्ध रहेगा.

कैसे कर सकते हैं आवेदन?

जानकरी देते हुए आबकारी आयुक्त आदर्श सिंह ने बताया कि आबकारी नीति वर्ष 2025-26 के अन्तर्गत उत्तर प्रदेश की समस्त 27308 देशी मदिरा, कम्पोजिट शॉप, मॉडल शॉप एवं भांग की फुटकर दुकानों की ई-लॉटरी हेतु पंजीकरण 14 फरवरी, 2025 से शुरू हो चुका है. 17 फरवरी से पंजीकरण के साथ आवेदन भी आरम्भ हो गया था. पंजीकरण तथा आवेदन दोनों ही 27 फरवरी को सायं 5 बजे तक ऑनलाइन पोर्टल

यह लोग कर सकते हैं आवेदन

आबकारी आयुक्त ने बताया कि लाटरी की सम्पूर्ण प्रक्रिया पूर्ण रूप से ऑनलाइन है. आवेदक के लिए समस्त अभिलेख एवं प्रोसेसिंग फीस ऑनलाइन ही जमा किये जाने की सुविधा उपलब्ध कराई गई है. उन्होंने बताया कि भारत का कोई भी नागरिक जिसकी आयु 21 वर्ष से अधिक है, जो अन्य किसी कारण से अनर्ह नहीं है, वो आवेदन कर सकता है. ई-लाटरी आगामी 6 मार्च 2025 को खोली जाएगी. पारदर्शी रूप से अनुज्ञापियों का चयन आनलाइन पोर्टल के माध्यम से किया जाएगा. उन्होंने बताया कि चयनित अनुज्ञापियों को वर्ष 2026-27 में नवीनीकरण का विकल्प भी उपलब्ध रहेगा.

जो लोग पशुओं का चारा खा सकते हैं, वो स्थितियां नहीं बदल सकते… भागलपुर में बोले पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज बिहार दौरे पर हैं. भागलपुर में किसान सम्मान समारोह के मंच से पीएम मोदी ने पीएम किसान योजना की 19वीं किस्त जारी की. साथ ही कई अन्य विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया. उन्होंने कहा, महाकुंभ के समय में इस धरती पर आना अपने आप में बड़ा सौभाग्य है. इस धरती में आस्था भी है, विरासत भी है और विकसित भारत का सामर्थ्य भी है. इस धरती से आज किसान सम्मान निधि की एक और किस्त जारी की गई है. मैं बिहार और देश के सभी किसान परिवारों को बहुत शुभकामनाएं देता हूं.

पीएम मोदी ने कहा, मैंने लाल किले से कहा है कि विकसित भारत के चार मजबूत स्तंभ हैं. इसमें गरीब, किसान, युवा और महिलाएं ये स्तंभ हैं. किसान कल्याण एनडीए सरकार की प्राथमिकता है. पहले किसानों की क्या स्थिति थी, ये सब जानते हैं. जो लोग पशुओं का चारा खा सकते हैं, वो स्थितियों को नहीं बदल सकते. आज किसानों को पर्याप्त खाद मिलती है. कोरोना के महासंकट में भी खाद की कमी नहीं होने दी.

मोदी-नीतीश आपका हक किसी को नहीं खाने देंगे

प्रधानमंत्री ने कहा, पहले किसानों के हक का पैसा बिचौलिए हड़प लेते थे. मगर, मोदी और नीतीश आपका हक किसी को नहीं खाने देंगे. आज किसानों का हक सीधे उनके खाते में दिया जा रहा है. ये काम कोई भ्रष्टाचारी नहीं कर सकता. कांग्रेस हो, जंगल राज वाले हों, इनके लिए किसानों की तकलीफ मायने नहीं रखती. पहले जब बाढ़ आती थी और सूखा पड़ता था तब ये लोग किसानों को अपने हाल पर छोड़ देते थे. 2014 में जब आपने एनडीए को आशीर्वाद दिया तो मैंने कहा, ऐसा नहीं चलेगा. सरकार ने ‘पीएम फसल बीमा योजना’ बनाई. इस योजना के तहत पौने दो लाख करोड़ रुपये का क्लेम किसानों को आपदा के समय मिल चुका है.

एनडीए सरकार ने इन स्थितियों को बदला

उन्होंने कहा, किसानों को खेती के लिए अच्छे बीज, पर्याप्त और सस्ती खाद चाहिए. किसानों को सिंचाई की सुविधा चाहिए. पशुओं का बीमारी से बचाव चाहिए और आपदा के समय नुकसान से सुरक्षा चाहिए. पहले इन सभी सुविधाओं को लेकर किसान संकट से घिरा रहता था. एनडीए सरकार ने इन स्थितियों को बदला है. अब किसानों को अच्छे बीज और सस्ती खाद मिल रही है.

अगर एनडीए सरकार ना होती तो क्या होता?

पीएम मोदी ने कहा, बीते सालों में हमने सैकड़ों आधुनिक किस्म के बीज किसानों को दिए हैं. पहले यूरिया के लिए किसान लाठी खाता था. यूरिया की कालाबाजारी होती थी. अब किसानों को पर्याप्त खाद मिलती है. अगर एनडीए सरकार ना होती तो क्या होता? अगर एनडीए सरकार ना होती तो आज भी किसानों को खाद के लिए लाठियां खानी पड़ती. एनडीए सरकार ना होती आज किसानों को यूरिया की एक बोरी 3 हजार की मिल रही होती.

तब शाम के बाद कोई घर से नहीं निकलता था

इससे पहले अपने संबोधन में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि जब हम 24 नवंबर 2005 में पहली बार सरकार में आए थे तब शाम के बाद कोई घर से बाहर नहीं निकलता था. बुरा हाल था. समाज में बहुत विवाद थे. पढ़ाई और इलाज का हाल बेहाल था. राज्य की राजधानी पटना में केवल 8 घंटे बिजली आती थी. उसके बाद हमने कितना काम किया. अब किसी तरह का डर नहीं है. राज्य में प्रेम भाईचारा शांति का माहौल है. सभी क्षेत्रों में काम हो रहा है.

जबलपुर में दो सड़क हादसे, 8 श्रद्धालुओं की मौत, तीन घायल

जबलपुर जिले में रविवार सुबह दो अलग-अलग सड़क हादसों में 8 श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए. पहला हादसा जबलपुर-कटनी राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-30) पर खितौला थाना क्षेत्र के पहरेवा गांव के पास हुआ, जहां श्रद्धालुओं से भरी एक तूफान गाड़ी अनियंत्रित होकर रॉन्ग साइड में जाकर सामने से आ रही बस से टकरा गई. हादसा इतना भीषण था कि छह लोगों की मौके पर ही मौत हो गई. वहीं, इस हादसे में 2 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं.

हादसे का शिकार हुए सभी श्रद्धालु कर्नाटक के बेलगावी जिले के गोकक कस्बे के रहने वाले थे और प्रयागराज में कुंभ स्नान करने के बाद अपने घर लौट रहे थे. हादसे में विरुपाक्षी गुमटी, बासवराज कुराती, बालचंद्र, राजू, इरणां और सुनील बालचंद्र की मौत हो गई. वहीं, सदाशिव और मुस्तफा गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें इलाज के लिए सीहोरा अस्पताल में भर्ती कराया गया है. घटना की जानकारी मिलते ही जबलपुर के कलेक्टर और एसपी मौके पर पहुंचे. पुलिस और प्रशासन ने क्रेनों की मदद से दुर्घटनाग्रस्त वाहनों को हटाकर हाईवे पर यातायात बहाल कराया.

सड़क हादसे में 2 युवकों की मौत

दूसरा हादसा अंधमुख बाईपास के पास हुआ, जहां सुल्तानपुर से महाकुंभ के लिए प्रयागराज जा रही एक कार MP 04 ED 9540 सड़क किनारे खड़े ट्रक से टकरा गई. जिसमें कार चालक सहित दो व्यक्तियों की मौके पर ही मौत हो गई. वहीं, कार में बैठी एक महिला को गंभीर चोटें आई है, जिन्हें इलाज के लिए जबलपुर के मेडिकल अस्पताल में 108 की मदद से भर्ती कराया गया है. इस हादसे में कार सवार अश्वनी चौधरी और सौरभ सेन की मौत हो गई, जबकि वर्षा पटेल घायल हो गईं.

मामले की जांच में जुटी पुलिस

इन घटनाओं के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. वहीं, घायलों को मेडिकल अस्पताल में भर्ती कराया गया है. दोनों हादसों की पुष्टि एडिशनल एसपी सूर्यकांत शर्मा ने की है. उन्होंने बताया कि घायलों का इलाज जारी है और मृतकों के परिजनों को सूचित कर दिया गया है. पुलिस मामले की जांच में जुटी है

जम्मू-कश्मीर विधानसभा अध्यक्ष पर महबूबा मुफ्ती का हमला, ‘मार्शल लॉ’ लागू करने का लगाया आरोप

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा अध्यक्ष अब्दुल रहीम राथर पर हमला करते हुए कहा कि विधानसभा अध्यक्ष की भूमिका विधानमंडल के सदस्यों के अधिकारों की रक्षा करना है, ना कि सेंसर (नियंत्रक) की तरह काम करना है. उन्होंने कहा कि अध्यक्ष एक तरह का मार्शल लॉ लागू कर रहे हैं.

महबूबा मुफ्ती की यह टिप्पणी विधानसभा अध्यक्ष अब्दुल रहीम राथर द्वारा बजट सत्र से पहले सदन के कामकाज के नोटिस के प्रचार को गंभीरता से लेने के बाद आई है. विधानसभा अध्यक्ष ने सदस्यों से विशेषाधिकार हनन से दूर रहने को कहा है. जिस पर मुफ्ती ने नाराजगी जाहिर की. उन्होंने अध्यक्ष पर संवैधानिक पद पर रहते हुए एक तरह का मार्शल लॉ लागू करने का आरोप लगाया.

महबूबा मुफ्ती ने साधा विधानसभा अध्यक्ष पर निशाना

सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर करते हुए जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष अब्दुल रहीम राथर भले ही विधायी कार्यवाही की पवित्रता को बनाए रखने के बारे में चिंतित हों, लेकिन अध्यक्ष के तौर पर उनकी प्राथमिक भूमिका सदस्यों के अधिकारों की रक्षा करना है, न कि सेंसर की तरह काम करना है.

‘रथर साहब एक प्रकार का मार्शल लॉ लागू कर रहे हैं’

पूर्व सीएम ने आगे कहा कि विधायी गतिविधियों के बारे में पारदर्शिता और जन जागरूकता को संसदीय प्रथाओं के उल्लंघन के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि इसके विपरीत, नोटिस, प्रश्नों और प्रस्तावों के बारे में जनता को पहले से सूचित करना जवाबदेही को बढ़ावा देता है. हाल ही में वक्फ विधेयक जैसे कई महत्वपूर्ण संसदीय विधेयकों पर महीनों तक सार्वजनिक रूप से बहस होती रही. उन्होंने कहा कि अफसोस की बात है कि ऐसा प्रतीत होता है कि रथर साहब एक अनुभवी राजनीतिज्ञ, एक संवैधानिक पद पर रहते हुए एक प्रकार का मार्शल लॉ लागू कर रहे हैं.

बागेश्वर धाम से भोपाल पहुंचे PM मोदी, कल करेंगे ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट का उद्घाटन

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में दो दिवसीय ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के आयोजन के लिए तैयार है. केंद्रीय दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बताया कि कल (24 फरवरी को ) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समिट का उद्घाटन करेंगे, मंत्री ने कहा कि पीएम की उपस्थिति से सभी को नई ऊर्जा मिलेगी. उन्होंने कहा कि इस आयोजन से राज्य में निवेश का उदय होगा. प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने राज्य में निवेश के लिए उपयुक्त माहौल बनाने को लेकर पिछले 6 महीनों में काफी मेहनत की है.

रविवार (23 फरवरी) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मध्य प्रदेश के छतरपुर स्थित बागेश्वर धाम पहुंचे. यहां उन्होंने कैंसर हॉस्पिटल की आधारशिला रखी. इस मौके पर पीएम के साथ बागेश्वर सरकार धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव भी मौजूद रहे. इस दौरान पीएम ने कहा कि बागेश्वर धाम कैंसर चिकित्सा एवं विज्ञान अनुसंधान संस्थान का भूमिपूजन किया है. ये संस्थान 10 एकड़ में बनेगा, पहले चरण में ही इसमें 100 बेड की सुविधा होगी.

भोपाल पहुंचे पीएम मोदी

बागेश्वर धाम के बाद पीएम मोदी राजधानी भोपाल पहुंचे. जहां राज्यपाल मंगूभाई पटेल, मुख्यमंत्री मोहन यादव ने फूलों का गुदलस्ता देकर उनका स्वागत किया. पीएम मोदी आज रात भोपील में ही रुकेंगे और कल ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का उद्घाटन करेंगे. दो दिवसीय ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट के आयोजन को लेकर पिछेले काफी समय से तैयारियां चल रही हैं. सीएम यादव ने खुद तैयारियों का जायजा लिया

देश और दुनिया की कई हस्तियां हिस्सा होंगी शामिल

24 और 25 फरवरी को होने वाले इस समिट में देश और दुनिया की कई नामचीन हस्तियां हिस्सा ले रही हैं. मुख्यमंत्री लगातार निवेशकों को आकर्षित करने के लिए प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में रीजनल इंडस्ट्रीज कॉन्क्लेव कर चुके हैं वहीं प्रदेश के बाहर दूसरे राज्यों में भी उन्होंने निवेशकों से संवाद कर राज्य में निवेश के लिए आमंत्रित किया है.

निवेश के लिए सीएम ने किया विदेशों का दौरा

इसके अलावा सीएम मोहन यादव ने विदेशों का भी दौरा किया था. इस दौरान औद्योगिक घरानों के प्रतिनिधियों से संवाद किया और राज्य में निवेश के लिए आमंत्रित किया. राज्य में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से पहले रीजनल कॉन्क्लेव आयोजित की गई. इन आयोजनों में चार लाख करोड़ से ज्यादा के निवेश के प्रस्ताव आए हैं और इससे तीन लाख से अधिक रोजगार के अवसर सृजित होंगे. वहीं बात करें ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट की तो इसके लिए 30 हजार से ज्यादा लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया है और 18 हजार लोगों का कंफर्मेशन भी आ गया है.