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बिहार में धान खरीद का बना नया रिकॉर्ड, आंकड़ा 39 लाख मीट्रिक टन हुआ पार

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार सरकार किसानों की आय बढ़ाने और कृषि क्षेत्र के विकास के लिए लगातार प्रयासरत है. सरकार की नीतियां यह साबित करती है कि वह न केवल किसानों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है, बल्कि कृषि उत्पादन और विपणन को भी सशक्त बनाने में सक्रिय भूमिका निभा रही है. इसी के तहत इस साल बिहार में धान खरीद ने एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है. बिहार में इस साल धान की खरीद में बंपर वृद्धि हुई है. कुल 39.23 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की गई है, जो कि 45 लाख मीट्रिक टन के निर्धारित लक्ष्य का करीब 87.2 फीसदी है.

मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों को दी बधाई

जानकारी के अनुसार पिछले साल बिहार सरकार ने 30 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा था, जो लक्ष्य का 66.7 प्रतिशत था. इस साल धान की खरीद में करीब 30 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, यानी करीब 9 लाख मीट्रिक टन धान अधिक खरीदी गई है. इस उपलब्धि पर मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों और उनकी टीम को बधाई दी है. खाद्य और सहकारिता विभाग की बेहतरीन कार्यशैली ने इस सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.

जिलों में जमकर हुई खरीदी

राज्य में पिछले वर्ष के मुकाबले करीब नौ लाख मिट्रीक टन धान की खरीद अधिक हुई है, जिसमें सबसे ज्यादा भोजपुर में 105 फीसदी धान की खरीद हुई है. ऐसे जिलों की संख्या ठीक ठाक थी जहां 95 फीसदी से अधिक खरीदारी हुई. इनमें अरवल, बांका, बेगूसराय, पूर्वी चंपारण, गया, किशनगंज, लखीसराय, मधेपुरा, नालंदा, पटना, सहरसा, शेखपुरा, शिवहर, सीवान और सुपौल है. वहीं, 90 फीसदी से पार रहने वाले जिलों में पश्चिमी चंपारण, सारण, मुंगेर, जमुई, अररिया शामिल है.

स्मार्ट खेती को बढ़ावा दे रही सरकार

राज्य सरकार पारंपरिक खेती के तरीकों को बदलकर किसानों को स्मार्ट खेती करने के लिए लगातार प्रेरित कर रही है. इसके लिए राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत राज्य के सभी 101 अनुमंडलों को ड्रोन देने की योजना है.

धान की कीमतों में वृद्धि

उत्तर बिहार में 1 नवंबर 2024 से धान की खरीद की प्रक्रिया शुरू हुई थी जो 15 फरवरी 2025 तक चली. विभाग ने इस बार साधारण धान के लिए 2300 रुपये प्रति क्विंटल और ग्रेड-ए धान के लिए 2320 रुपये प्रति क्विंटल की दर निर्धारित की थी. पिछले वर्ष साधारण धान की कीमत 2183 रुपये प्रति क्विंटल थी, जबकि ग्रेड-ए धान की कीमत 2203 रुपये प्रति क्विंटल थी. दक्षिण बिहार में 15 नवंबर से खरीद शुरू हुई थी और 15 फरवरी तक जारी रही.

खरीद से पहले बायोमैट्रिक सत्यापन

नीतीश सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है. इसीलिए धान की बिक्री करने वाले निबंधित किसानों का बायोमैट्रिक सत्यापन किया गया. तय किया गया कि रैयती किसान अधिकतम 250 क्विंटल धान की बिक्री कर सकेंगे, जबकि गैर रैयती किसान अधिकतम 100 क्विंटल धान बेच सकेंगे. किसानों को खरीद के 48 घंटे के भीतर भुगतान किया जाएगा और किसी भी परिस्थिति में धान का बकाया नहीं रखा जाएगा.

कृषि रोडमैप निर्णायक

धान खरीदी में बिहार सरकार की यह उपलब्धि यूं ही नहीं हासिल हुई है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कृषि क्षेत्र में विकास के लिए कई गंभीर कदम उठाए हैं. कृषि क्षेत्र में कई अहम योजनाओं और कदमों के चलते फसलों, फलों और सब्जियों के उत्पादन में वृद्धि हुई है. सरकार ने कृषि रोडमैप तैयार किया और कृषि विकास कार्यक्रमों का संचालन किया, जिससे उत्पादन और उत्पादकता दोनों में वृद्धि देखने को मिली है.

बिहार ने यूपी को पछाड़ा

बिहार में गन्ना किसानों को पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश (यूपी) से अधिक दाम मिलता है. गत वर्ष दिसंबर महीने में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पश्चिम चंपारण जिले में प्रगति यात्रा के दौरान गन्ना के मूल्य में 10 रुपये की अतिरिक्त बढ़ोतरी की घोषणा की थी. जिससे यूपी में जहां उच्च कोटि के गन्ने का मूल्य 370 रुपये प्रति क्विंटल है, तो बिहार में इस कैटगरी के गन्ना संख्या का रेट 375 रुपये प्रति क्विंटल हो गया

इंसान की आंख में एक इंच के कीड़े ने बना लिया था ‘घर’, देख कर डॉक्टर हो गए हैरान

मध्य प्रदेश में भोपाल एम्स के डॉक्टरों ने एक मरीज का दुर्लभ ऑपरेशन को अंजाम दिया है. यह ऑपरेशन एक 35 साल के मरीज का हुआ, जिसकी आंखों के पलकों के नीचे काफी समय से एक जिंदा कीड़ा पल रहा था. यह कीड़ा यदि बढ़ते हुए दिमाग तक पहुंच जाता तो इस मरीज की मौत भी हो सकती थी. हालांकि डॉक्टरों ने एक जटिल ऑपरेशन के बाद इस कीड़े को बाहर निकाल दिया है. डॉक्टरों के मुताबिक आंख के रेटिना में करीब 1 इंच लंबा यह जीवित परजीवी कीड़ा विट्रियस जेल में सक्रिय था.

जानकारी के मुताबिक महज 35 साल का एक मरीज काफी समय से नजर कमजोर होने, आंखों में जलन और धुंधलापन की समस्या से परेशान था.उसने कई डॉक्टरों को दिखाया, उनकी सलाह पर कई तरह के टेस्ट कराए. इसके बाद स्टेरॉयड आई ड्रॉप और टैबलेट का भी खूब इस्तेमाल किया, लेकिन कोई राहत नहीं मिली तो वह भोपाल एम्स पहुंचा. यहां डॉक्टरों ने जांच के दौरान देखा कि इस मरीज को दिक्कत एक परजीवी कीड़े की वजह से हो रही है.आंख के रेटिना में करीब 1 इंच लंबा यह जीवित परजीवी विट्रियस जेल में सक्रिय था.

बचाव की कोशिश कर रहा था परजीवी

भोपाल एम्स के मुख्य रेटिना सर्जन डॉक्टर समेंद्र कारखुर ने मरीज की रिपोर्ट देखी और एक टीम बनाकर खुद इस जटिल सर्जरी को अंजाम देने का फैसला किया. लेजर फायर तकनीक का इस्तेमाल करते हुए उन्होंने सबसे पहले इस परजीवी को निष्क्रिय किया और फिर बड़ी सावधानी के साथ इस जटिल ऑपरेशन को अंजाम दिया. इसके बाद विट्रियो रेटिना सर्जरी तकनीक का उपयोग कर पूरी तरह से हटा दिया गया है. डॉक्टरों के मुताबिक यह कीड़ा बचने की खूब कोशिश कर रहा था, इसकी वजह से ऑपरेशन थोड़ा मुश्किल हो गया.

दुनिया भर में अब तक हुए महज 4 ऑपरेशन

डर था कि यदि कीड़ा अपना बचाव करते हुए दिमाग में चला जाता तो मरीज की जान भी जा सकती थी. उन्होंने बताया कि दुनिया भर में इस तरह के ऑपरेशन काफी दुर्लभ होते हैं. विश्व में अब तक इस तरह के महज तीन चार ही ऑपरेशन हुए हैं. एम्स के डॉक्टरों ने इस परजीवी की पहचान ‘ग्नैथोस्टोमा स्पिनिजेरम’ के रूप में की है. यह मुख्य रूप से कच्चे या अधपके मांस के सेवन से या दूषित पानी से मानव शरीर में जाता है. इसके बाद त्वचा दिमाग और आंखों सहित कई अंगों में प्रवास कर सकता है.

महाकुंभ मेला क्षेत्र में फिर लगी आग, सेक्टर आठ में पहुंचीं दमकल की गाड़ियां

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ में एक बार फिर आग लगी है. इस बार आग महाकुंभ मेला क्षेत्र के सेक्टर आठ में लगी है. सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड और पुलिस की गाड़ियां मौके पर पहुंच गईं हैं. अधिकारियों के मुताबिक आग काफी बड़ी थी, हालांकि अब इसे काबू कर लिया गया है. महाकुंभ मेले में दो दिन पहले भी आग लगी थी. उस समय महाकुंभ सेक्टर 18 और 19 के बीच कई पंडाल इस आग की वजह से जलकर खाक हो गए थे. उस घटना की वजह शार्ट सर्किट बताई गई थी.

ताजी घटना की सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीम ने आग को काबू कर लिया. बताया जा रहा है कि यह आग कल्पवासियों द्वारा खाली किए गए तंबुओं में लगी थी. यह आग काफी बड़ी थी और तेजी से फैल भी रही थी. हालांकि फायर ब्रिगेड ने आग की घेराबंदी कर उसे काबू कर लिया. पुलिस के मुताबिक इस घटना में किसी तरह की जन हानि या बड़े नुकसान की सूचना नहीं है. फिलहाल मौके पर राहत एवं बचाव कार्य जारी है.

पहले भी लग चुकी है आग

महाकुंभ में आग की यह कोई पहली घटना नहीं है. इससे पहले भी मेला क्षेत्र में अलग अलग स्थानों पर कई बार आग लग चुकी है. पहली आग की घटना महाकुंभ शुरू होने के 7वें दिन ही सामने आई थी. वह घटना सेक्टर 19 में हुई. उसमें कई टेंट जल गए और सिलेंडर भी खूब फटे थे. उसके बाद 9 फरवरी को सेक्टर 9 के में रह रहे कल्पवासियों के टेंट में सिलेंडर लीक होने की वजह से आग लगी थी. फिर 13 फरवरी को अलग अलग स्थानों पर दो जगह आग लगी.

गुजरात से अयोध्या तक दौड़ लगाकर रामलला के दर्शन करने वाले दो भक्तों की अद्भुत कहानी!

कहते हैं जब भगवान बुलाते हैं तो भक्त दौड़े चले आते हैं. ये कहावत गुजरात के दो धावकों पर बिल्कुल सटीक बैठती है, जिन्होंने गुजरात से अयोध्या का सफर दौड़ लगाकर पूरा किया और रामलला के दर्शन के लिए पहुंचे. उन्होंने एक दिन में 60 किलोमीटर की दौड़ लगाई और 24 दिन में ये सफर पूरा कर लिया. इन दोनों युवकों का नाम उज्ज्वल डोडिया और संजय शुक्ला है.

उज्ज्वल डोडिया और संजय शुक्ला 1500 किलोमीटर का सफर तय करते हुए रामलाल के दर्शन करने के लिए आए. वह इतनी लंबी दौड़ लगाकर रामनगरी अयोध्या पहुंचे हैं. यह दोनों धावक गुजरात के बीपी से दौड़ लगाते हुए अयोध्या पहुंचे. दोनों धावक रोज 60 किलोमीटर की दौड़ लगाते थे. फिर जहां 60 किलोमीटर दौड़ पूरी हो जाती थी. वहीं आराम करने के बाद फिर रामाथन यात्रा शुरू होती थी. दोनों ने अपनी इस यात्रा को 22 जनवरी को 24 दिन पहले शुरू की थी. उनकी ये यात्रा 15 फरवरी को अयोध्या पहुंची.

भगवान राम लाल की प्राण प्रतिष्ठा

22 जनवरी को ही अयोध्या के राम मंदिर में भगवान राम लाल की प्राण प्रतिष्ठा हुई थी. प्राण प्रतिष्ठा के ठीक एक साल बाद दोनों धावक रामलाल के लिए दौड़ लगाते हुए अयोध्या पहुंचे. शहर के स्पोर्ट्स स्टेडियम में दोनों धावकों का स्वागत किया गया. दोनों धावकों ने बताया कि सनातन धर्म से जुड़ी हमारी आस्था हमें भगवान राम की नगरी की ओर खींच लाई. हम 1500 किलोमीटर की यात्रा कर अयोध्या पहुंचे हैं. अब दोनों राम लला के दर्शन करेंगे.

मैराथन नहीं, ये है रामाथन यात्रा

दोनों की इस यात्रा का नाम रामाथन दिया गया है. इन दोनों के साथ एक कार में एक टीम भी चल रही थी, जो उन्हें नाश्ता, खाना और बाकी सुविधाएं उपलब्ध करा रही थी. वैसे दौड़ को मैराथन कहा जाता है, लेकिन दोनों युवकों ने रामलला के दर्शन करने के लिए 1500 किलोमीटर की यात्रा की तो दोनों ने अपनी इस दौड़ का नाम रामाथन यात्रा रखा.

प्रयागराज संगम रेलवे स्टेशन बंद, महाकुंभ जाने से पहले जानें ये लेटेस्ट अपडेट

महाकुंभ मेले में उमड़ रही भारी भीड़ के चलते उत्तर मध्य रेलवे (एनसीआर) का प्रयागराज संगम रेलवे स्टेशन को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है. रेलवे ने पहले 14 फरवरी, फिर 16 फरवरी तक स्टेशन को बंद रखने निर्णय लिया था, लेकिन भीड़ का दबाव कम न होने पर स्टेशन को अभी बंद रखने का फैसला लिया गया. इस स्टेशन से ट्रेन पकड़ने वालों को अब फाफामऊ रलवे स्टेशन पर जाना पड़ेगा.

दरअसल मेला प्रशासन की मांग पर प्रयागराज क्षेत्र के नौ स्टेशनों में से एक, प्रयागराज संगम को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है. प्रयागराज क्षेत्र के बाकी 8 स्टेशन सामान्य रूप से काम करेंगे.

देश के हर कोने से आ रही भारी भीड़

बता दें कि महाकुंभ में देश के हर कोने से आ रही लोगों की भारी भीड़ और शनिवार को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ की घटना को देखते हुए प्रयागराज, वाराणसी, अयोध्या, कानपुर और मिर्जापुर समेत धार्मिक आस्था से जुड़े नगरों के स्टेशनों पर पूर्व में जारी प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जा रहा है. उत्तर मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी शशिकांत त्रिपाठी ने बताया कि हम पूर्व में जारी प्रोटोकॉल का ही सख्ती से लागू करना सुनिश्चित कर रहे हैं. हमने मौनी अमावस्या, बसंत पंचमी जैसे स्नान पर्वों को सफलतापूर्वक संपन्न कराया है और आगे भी यही प्रोटोकॉल जारी रहेगा.

प्रयागराज जंक्शन पर शहर की तरफ से प्रवेश

उन्होंने बताया कि इस प्रोटोकॉल के तहत प्रयागराज जंक्शन पर शहर की तरफ से प्रवेश और सिविल लाइंस की तरफ से निकासी कराई जा रही है और ट्रेन प्लेटफॉर्म पर आने तक यात्रियों को होल्डिंग एरिया में रोककर रखा जाता है. प्रयागराज जंक्शन पर तैनात आरपीएफ के निरीक्षक शिव कुमार ने बताया कि प्रयागराज जंक्शन पर भीड़ नियंत्रण में है.

ट्रेनों और प्लेटफॉर्म की भी क्षमता सीमित

रेलवे पुलिस के अपर महानिदेशक (एडीजी) प्रकाश डी. ने कहा कि हमने यात्रियों को रखने के लिए होल्डिंग एरिया चिह्नित किया है, क्योंकि ट्रेनों की क्षमता सीमित है. प्लेटफॉर्म की भी क्षमता सीमित है. स्टेशन पर आने वाले अतिरिक्त यात्रियों को होल्डिंग एरिया में रखा जाता है. प्रकाश ने कहा कि प्रयागराज में हमने 90 होल्डिंग एरिया की पहचान की है, क्योंकि हमारे पास आठ रेलवे स्टेशन हैं. प्रयागराज में रोजाना 500 ट्रेनें चलती हैं और हमारा यात्रियों से अनुरोध है कि वे पुलिस और प्रशासन द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करें.

प्रयागराज के अंदर रेलवे स्टेशनों की पहचान

उन्होंने कहा कि प्रयागराज में तीर्थयात्रियों के आवागमन के प्रवाह का आकलन करने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है. प्रकाश ने कहा कि हमने प्रयागराज के अंदर रेलवे स्टेशनों की पहचान की है, उदाहरण के लिए लखनऊ और अयोध्या के तीर्थयात्रियों की आवाजाही के लिए फाफामऊ, गोरखपुर, दीन दयाल उपाध्याय नगर और बिहार के लिए झूंसी. उन्होंने कहा कि प्रयागराज में स्थिति सामान्य और पूरी तरह नियंत्रण में है. हमारे पास 24 घंटे काम करने वाला मजबूत नियंत्रण कक्ष है.

दिल्ली के ढाई घंटे बाद बिहार में भूकंप, सिवान में रहा केंद्र

दिल्ली-NCR के बाद बिहार में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.0 रही. सिवान इसका केंद्र रहा. 8.02 बजे भूकंप आया. इससे ढाई घंटे पहले दिल्ली-NCR में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे. इसकी भी तीव्रता 4.0 ही थी लेकिन झटका बहुत तेज था. सुबह 5 बजकर 36 मिनट पर आए इस भूकंप की तीव्रता इतनी तेज थी कि दिल्लीवासियों को सुबह-सुबह हिला डाला.

दिल्ली-एनसीआर में 4.0 तीव्रता वाले भूकंप की वजह से बेड, खिड़कियां और घर की कई चीजें हिलने लगीं. नई दिल्ली में जमीन से पांच किलोमीटर नीचे भूकंप का सेंटर था. गुरुग्राम-फरीदाबाद में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए. हालांकि, खास बात ये रही है कि इस भूकंप से किसी जान माल का नुकसान नहीं हुआ. भूकंप के बाद पीएम मोदी ने सभी से शांत, सुरक्षित और सतर्क रहने की अपील की.

क्यों और कैसे आता है भूकंप?

धरती के अंदर मौजूद प्लेटों के आपस में टकराने के चलते भूकंप आता है. भू-विज्ञान के जानकार बताते हैं कि हमारी धरती 12 टैक्टोनिक प्लेटों पर स्थित है. इन प्लेटों के टकराने पर जो ऊर्जा निकलती है, उसे भूकंप कहा जाता है. जानकार के मुताबिक, धरती के नीचे मौजूद ये प्लेटें बेहद धीमी रफ्तार से घूमती रहती हैं. हर साल ये प्लेटें अपनी जगह से 4-5 मिमी खिसक जाती हैं. इस दौरान कोई प्लेट किसी से दूर हो जाती है तो कोई किसी के नीचे से खिसक जाती है. इसी दौरान प्लेटों के टकराने से भूकंप आता है.

भूकंप के झटके महसूस होने पर क्या करें

भूकंप के झटके महसूस होते ही बिना देर किए तुरंत घर, ऑफिस से बाहर निकलकर खुली जगह पर चले जाएं.

बड़ी बिल्डिंग्स, पेड़ों, बिजली के खंभों आदि से दूर रहें.

बाहर जाने के लिए लिफ्ट का इस्तेमाल कतई न करें. सीढ़ियों से ही नीचे पहुंचने की कोशिश करें.

भूकंप आने पर खिड़की, अलमारी, पंखे, ऊपर रखे भारी सामान से दूर रहें ताकि इनके गिरने और शीशे टूटने से चोट न लगे.

दिल्ली में कौन होगा CM? कल BJP विधायक दल की बैठक में हो सकता है ऐलान

दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा को प्रचंड बहुमत मिला है, लेकिन सीएम पद को लेकर अभी तक सस्पेंस बना हुआ है. अब दिल्ली के मुख्यमंत्री पद पर बना सस्पेंस खत्म होने वाला है. सूत्रों का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी के नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक सोमवार को दोपहर 3 बजे बुलाई गई है. बैठक में बीजेपी के दिल्ली के सभी विधायक और दिल्ली के बीजेपी के सातों सांसद मौजूद रहेंगे. इस बैठक में विधायक दल के नेता का चयन किया जा सकता है और सीएम पद पर बना सस्पेंस खत्म हो सकता है

विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद बीजेपी सोमवार को ही उपराज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश कर सकती है. विधायक दल की बैठक के लिए आज रात बीजेपी के पर्यवेक्षकों का नाम का ऐलान हो जाएगा.

दिल्ली में भाजपा ने 70 में से 48 सीटें जीतकर दिल्ली में आम आदमी पार्टी का शासन खत्म कर दिया, जबकि आप को केवल 22 सीटों से संतोष करना पड़ा है.

दिल्ली के मुख्यमंत्री की घोषणा अभी तक नहीं होने की चर्चा के बीच भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने शनिवार को दिल्ली स्थित भाजपा मुख्यालय में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव की बैठक की अध्यक्षता की है. सूत्रों कहना है कि इस बैठक में दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर भी चर्चा हुई है.

सीएम पद पर बना है सस्पेंस

बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी विदेश दौरे पर गए हुए थे. वह शनिवार को विदेश दौरे से वापस आ गए हैं. ऐसे में अब दिल्ली के मुख्यमंत्री पद पर फैसला होगा. पहले भी बीजेपी नेताओं ने कहा था कि 20 फरवरी से पहले सीएम पद पर फैसला हो जाएगा. अब सोमवार को दिल्ली में बीजेपी विधायक दल की बैठक बुलाई गयी है. इस पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं.

वैसे दिल्ली के मुख्यमंत्री का चेहरा पर अभी भी सस्पेंस बना हुआ है, क्योंकि भाजपा ने अभी तक कोई घोषणा नहीं की है. वहीं, भाजपा दिल्ली के नए मुख्यमंत्री के नाम को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया के तहत नवनिर्वाचित पार्टी विधायकों से बातचीत करने के लिए पर्यवेक्षकों की नियुक्ति करने जा रही है.

भाजपा के ये नेता सीएम पद की दौड़ में हैं शामिल

दिल्ली में भाजपा के जाट चेहरे प्रवेश वर्मा, जिन्होंने नई दिल्ली सीट से केजरीवाल को हराया था, दिल्ली भाजपा के पूर्व अध्यक्ष और रोहिणी के विधायक विजेंद्र गुप्ता, मालवीय नगर के विधायक सतीश उपाध्याय, शालीमार बाग के विधायक रेखा गुप्ता, जनकपुरी के विधायक आशीष सूद, उत्तम नगर के विधायक पवन शर्मा और घोंडा के विधायक अजय महावर मुख्यमंत्री पद की रेस में शामिल बताए जा रहे हैं.

हालांकि अभी तक बीजेपी ने कोई फैसला नहीं किया है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि पार्टी नेतृत्व भाजपा विधायकों और पार्टी के आला नेताओं के साथ सीएम पद को लेकर बातचीत कर रहा है और बातचीत के बाद फैसले का ऐलान किया जाएगा.

नई दिल्ली के बाद अमेठी स्टेशन पर भगदड़ जैसे हालात, महाकुंभ के लिए उमड़ी भीड़, नहीं खुला ट्रेन का गेट तो पथराव

नई दिल्ली स्टेशन पर भगदड़ और 18 लोगों की मौत के बाद भी महाकुंभ जाने वालों की भीड़ कम होने का नाम नहीं ले रही. शनिवार की ही रात अमेठी के जायस रेलवे स्टेशन पर भी भगदड़ जैसे हालात बन गए. यह स्थिति महाकुंभ स्पेशल ट्रेन की बोगी का गेट नहीं खुलने की वजह से बनी. ऐसे हालात में ट्रेन पकड़ने के लिए पहुंचे यात्रियों ने पथराव कर दिया. इसके चलते दो बोगियों में खिड़कियों के कांच टूट गए, वहीं रेलवे स्टॉफ समेत कुछ लोगों के घायल होने की भी सूचना है.

इस दौरान आरपीएफ के हस्तक्षेप के बाद ट्रेन को रवाना कर दिया गया. जानकारी के मुताबिक लखनऊ से चलकर प्रयागराज जा रही महाकुंभ मेला स्पेशल ट्रेन संख्या 04255 शनिवार की देर रात करीब एक बजे जायस स्टेशन पहुंची. यह ट्रेन पहले से ही यात्रियों से खचाखच भरी थी, इसलिए अंदर बैठे यात्रियों ने गेट बंद कर लिया था. इधर, प्लेटफार्म पर भी महाकुंभ जाने वाले श्रद्धालुओं की भारी भीड़ थी. जैसे ही ट्रेन प्लेटफार्म पर लगी, लोग चढ़ने के लिए धक्का मुक्की करने लगे.

14 खिड़कियों के तोड़े कांच, कई घायल

उधर, काफी प्रयास के बाद भी जब बोगी का गेट नहीं खुला और ट्रेन हॉर्न देने लगी तो लोगों में आक्रोश फैल गया. देखते ही देखते लोग पटरी पर पड़े पत्थर उठाकर ट्रेन पर फेंकने लगे. इससे ट्रेन की दो बोगियों में 14 से अधिक खिड़कियों के शीशे टूट गए. इस दौरान स्टेशन पर मौजूद रेलवे कर्मचारियों ने रोकने की कोशिश की तो आक्रोशित भीड़ ने उनकी भी पिटाई कर दी. इस घटना की वजह से करीब आधे घंटे तक यह ट्रेन प्लेटफार्म पर खड़ी रही.

आधे घंटे बाद रवाना हुई ट्रेन

आखिर में आरपीएफ ने हस्तक्षेप कर लोगों को शांत कराया और फिर ट्रेन को प्रयागराज के लिए रवाना किया गया. वहीं ट्रेन में चढ़ने से रह गए यात्रियों को रविवार की सुबह दूसरी ट्रेन में बैठा गया. उधर, भीड़ में शामिल लोगों ने आरोप लगाया कि स्टेशन पर आधे घंटे तक उपद्रव होता रहा, लेकिन पुलिस चुपचाप खड़ी होकर तमाशा देखती रही.

दिल्ली भगदड़ के बाद प्रयागराज से लेकर पटना तक, स्टेशनों पर भारी भीड़, गुस्साए यात्रियों ने तोड़े ट्रेन के शीशे

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ में 18 लोगों की मौत हो गई, वहीं कई घायल हैं. इस हादसे के बाद देश के अलग-अलग रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों की भीड़ उमड़ पड़ी है. प्रयागराज जंक्शन पर भी यात्रियों का दबाव बढ़ गया है. भीड़ पर काबू पाना पुलिस और जीआरपी के लिए मुश्किल हो रहा है. वहीं, पटना रेलवे स्टेशन पर भी यात्रियों का हुजूम उमड़ा है. ट्रेन के दरवाजे नहीं खोलने पर गुस्साए यात्रियों ने बोगी के शीशे तोड़ दिए. गाजीपुर, टूंडला स्टेशन पर भी यात्रियों की भीड़ उमड़ी है.

प्रयागराज जंक्शन पर प्रशासन के अनुमान से भी अधिक रेल यात्री जंक्शन के बाहर जमा हो गए हैं, जिनका दबाव कम करने के लिए पुलिस ने रस्सियों का घेरा बना दिया है. इसी घेरे के दायरे में रहकर भीड़ रेंग-रेंग कर आगे बढ़ रही है. जंक्शन पर भारी संख्या में पुलिस बल और पैरा मिलिट्री फोर्स ने मोर्चा संभाला है.

प्रयागराज जंक्शन परिसर में सीधे एंट्री नहीं

आज भी प्रयागराज रेलवे स्टेशन पर भारी भीड़ उमड़ी है. श्रद्धालुओं को अब प्रयागराज जंक्शन परिसर में सीधे एंट्री नहीं दी जा रही है. रेलवे स्टेशन जाने वाले रास्तों को ब्लॉक कर दिया गया है. भीड़ को पहले रेलवे स्टेशन के पास खुसरो बाग परिसर में बनाए गए होल्डिंग एरिया की तरफ मोड़ दिया जा रहा है

प्रयागराज स्टेशन पर उमड़ी भीड़

रेलवे स्टेशन और प्लेटफार्म में हालात सामान्य होने पर ही श्रद्धालुओं को यहां से छोड़कर स्टेशन पर जाने की अनुमति दी जा रही है. रविवार कि छुट्टी होने की वजह से आज भी महा कुम्भ क्षेत्र में भीड़ का रेला है. सुबह से दोपहर 12 बजे तक 65 लाख लोग महाकुंभ में स्नान कर चुके हैं. प्रयागराज शहर के आठ रेलवे स्टेशनों से 120 स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही हैं. इसके अलावा 188 रूटीन ट्रेन भी चल रही हैं.

पटना रेलवे स्टेशन पर यात्रियों ने ट्रेन की बोगी के शीशे तोड़े

पटना रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की भारी भीड़ उमड़ी. यात्री स्टेशन पर खड़ी ट्रेनों में चढ़ने को बेताब थे. भीड़ को कंट्रोल करने में रेल पुलिस के पसीने छूट गए. इसी बीच, गुस्साए यात्रियों ने ट्रेन की बोगी के शीशे तोड़ दिए. वहीं, पुलिस यात्रियों से शांति बनाए रखने की अपील करती हुई दिखाई दी.

गाजीपुर स्टेशन पर यात्रियों का सैलाब

महाकुंभ स्नान को लेकर गाजीपुर के रेलवे स्टेशन पर भी भारी भीड़ उमड़ी है. बलिया स्टेशन से चलने वाली कामायनी एक्सप्रेस में भी भारी भीड़ देखी गई. कामायनी एक्सप्रेस की बोगी के गेट पर लोग लटके दिखाई दिए. एसी बोगी के गेट पर भी जनरल यात्री बैठे हुए दिखे. भारी भीड़ के चलते गाजीपुर स्टेशन पर कई महिलाएं ट्रेन में नहीं चढ़ पाईं. वहीं, RPF के जवान सिटी बजाकर यात्रियों को सावधान करते दिखे.

टूंडला जंक्शन पर भी यात्रियों का हाल बेहाल

टूंडला जंक्शन पर भारी भीड़ उमड़ी है. यात्रियों ने बताया कि अधिकांश ट्रेनों में पहले से ही आरक्षित श्रेणी की सीटें बुक हैं, जिससे सामान्य डिब्बों में खड़े होकर सफर करने की मजबूरी हो रही है. कई यात्री स्टेशन पर घंटों इंतजार करने के बावजूद ट्रेन में चढ़ नहीं पाए. टूंडला जंक्शन पर एक यात्री ने कहा, “महाकुंभ में जाने के लिए भीड़ होना स्वाभाविक है, लेकिन इतनी कठिनाई हो जाएगी, यह सोचा नहीं था. थोड़ी परेशानी हम समझ सकते हैं, लेकिन यहां तो हालात बदतर हैं. “रेलवे स्टेशन पर अतिरिक्त सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं, ताकि भीड़ को नियंत्रित किया जा सके.

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ में 18 यात्रियों की मौत

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार रात को भगदड़ मच गई. इस हादसे में 18 यात्रियों की मौत हो गई और कई घायल हैं. रेलवे इस हादसे के कारणों की जांच में जुटी है. प्लेटफॉर्म नंबर 14 से 16 तक आने-जाने के दौरान भगदड़ मची. इस हादसे में जान गंवाने वाले सबसे ज्यादा बिहार और दिल्ली के हैं.

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नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुए हादसे को लेकर नॉर्दर्न रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी हिमांशु उपाध्याय ने हादसे की प्रारंभिक वजह बताई है. उन्होंने कहा कि जिस समय नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर यह दुखद घटना घटी उस समय प्लेटफार्म नंबर 14 पर पटना की ओर जाने वाली मगध एक्सप्रेस और प्लेटफार्म नंबर 15 पर जम्मू की ओर जाने वाली उत्तर संपर्क क्रांति एक्सप्रेस खड़ी थी.

इस दौरान 14 और 15 नंबर प्लेटफार्म के बीच सीढ़ियों पर पैसेंजर के फिसल कर गिरने से उनके पीछे के कई यात्री उनके चपेट में आ गए और यह दुखद घटना घटित हुई. इस हादसे की उच्च स्तरीय कमेटी के द्वारा जांच की जा रही है. रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ में 18 लोगों की मौत हो गई जबकि 10 अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए.

हादसे के समय मौजूद कुली ने क्या कहा?

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ पर रेलवे स्टेशन पर एक कुली ने कहा कि मैं 1981 से कुली का काम कर रहा हूं, लेकिन मैंने पहले कभी इस तरह की भीड़ नहीं देखी थी. प्रयागराज स्पेशल को प्लेटफॉर्म नंबर 12 से रवाना होना था, लेकिन इसे प्लेटफॉर्म नंबर 16 पर स्थानांतरित कर दिया गया. जब प्लेटफॉर्म 12 पर इंतजार कर रही भीड़ और बाहर इंतजार कर रही भीड़ ने प्लेटफॉर्म 16 पर पहुंचने की कोशिश की, तो लोग टकराने लगे और एस्केलेटर और सीढ़ियों पर गिर गए.

भीड़ को रोकने के लिए कई कुली वहां जमा हो गए. हमने कम से कम 15 को उठाया. शवों को एम्बुलेंस में डाल दिया गया. प्लेटफॉर्म पर केवल जूते और कपड़े बचे थे. जब प्लेटफ़ॉर्म 12 पर इंतज़ार कर रही भीड़ और बाहर से आई भीड़ ने प्लेटफ़ॉर्म 16 पर पहुंचने की कोशिश की, तो लोग टकराने लगे और एस्केलेटर और सीढ़ियों पर गिर पड़े. हमने पुलिस, फायर टेंडर को बुलाया और 3-4 एम्बुलेंस वहां पहुंचीं और लोगों को अस्पताल ले जाया गया.

मौके पर मौजूद लोगों के मुताबिक, स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस और भुबनेश्वर एक्सप्रेस ट्रेन अपने निर्धारित समय से देरी से चल रही थी. इसकी वजह से इस ट्रेन से जाने वाले लोग प्लेटफार्म नंबर 12-13 रुके हुए थे. भीड़ इतनी ज्यादा थी कि लोग आने वाले ट्रेन के प्लेटफार्म के साथ-साथ सीढ़ियों पर भी इंतजार में रुके हुए थे. रात करीब साढ़े नौ बजे के आसपाखस प्रयागराज एक्सप्रेस प्लेटफॉर्म नंबर 15 पर पहुंची. दोनों जगहों की भीड़ एक साथ बढ़ गई और ये हादसा हो गया.