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रूरल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड और अन्य को लेकर मुख्य सचिव ने की हाई पावर कमिटी की बैठक


कहा नाबार्ड के सहयोग से चल रहीं योजनाओं को गति दे

रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची : राज्य में रूरल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड और अन्य से जुड़ी योजनाओं की हाई पावर कमिटी की बैठक की समीक्षा मुख्य सचिव अलका तिवारी ने किया। इस दौरान योजनाओं के विरुद्ध स्वीकृत ऋण निकासी के बाद बचे पैसे (गैप) पर भी गहन मंथन किया गया। साथ ही वित्तीय वर्ष 2025-26 की संभावित योजनाओं पर चर्चा की गयी। इस दौरान मुख्य सचिव अलका तिवारी ने राज्य में राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के सहयोग से चल रहीं विभिन्न योजनाओं की प्रगति में तेजी लाने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि योजनाओं के ससमय पूरा होने से ही नाबार्ड के ऋण का फायदा मिलेगा। उन्होंने बहुत धीमी गति वाली योजनाओं के कार्य में प्रगति लाने और जो समय पर पूरी हो सकती हैं, उन योजनाओं पर फोकस करने पर बल दिया। 

समीक्षा के दौरान बताया गया कि विभिन्न विभागों की वित्तीय वर्ष 2024-25 में कुल 2921.79 करोड़ की 500 योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए 1839.39 करोड़ रुपये के ऋण स्वीकृत हैं या प्रक्रियाधीन हैं। उसमें से पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के पेयजल से जुड़ी 1137.53 करोड़ की 18 योजनाओं के लिए 976.96 करोड़ रुपये का ऋण स्वीकृत हो चुका है। जल संसाधन विभाग के 365.30 करोड़ के पलामू लिफ्ट इरिगेशन प्रोजेक्ट के लिए 308 करोड़ और 511.36 करोड़ के पीरटांड़ मेगालिफ्ट इरिगेशन प्रोजेक्ट के लिए 461.53 करोड़ रुपये का ऋण स्वीकृत है। 

बताया गया कि कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग की 369 गोदाम और मार्केटिंग सेंटर बनाने के लिए 103.66 करोड़ की योजना के विरुद्ध 92.85 करोड़ रुपये की स्वीकृति मिल चुकी है। वहीं ग्रामीण कार्य विभाग की ग्रामीण पुल निर्माण की 803.94 करोड़ की योजना है। इसमें से 124 पुल निर्माण के लिए 271.35 करोड़ का ऋण प्रक्रियाधीन है। 

समीक्षा के दौरान स्पष्ट हुआ कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में सड़क निर्माण विभाग की 1,088.36 करोड़ की 34 में से 22 योजनाएं पूरी हो चुकी हैं और 12 लगभग पूरी होने की स्थिति में हैं। वहीं जल संसाधन विभाग की 2,873 करोड़ की सिंचाई योजनाओं में से 4 बड़े प्रोजेक्ट पूरा होने की स्थिति में हैं। ग्रामीण विकास विभाग की 380 करोड़ की योजनाओं की प्रगति बढ़िया पायी गयी।

 

मुख्य सचिव की अध्यक्षता में संपन्न हाई पावर कमिटी की बैठक में स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव अजय कुमार, पथ निर्माण के प्रधान सचिव सुनील कुमार, कृषि सचिव अबू वक्कर सिद्धीकी, ग्रामीण विकास सचिव के श्रीनिवासन एवं नाबार्ड के उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के रांची आगमन को लेकर बदला रहेगा ट्रैफिक व्यवस्था, शहर में बड़े वाहनों के प्रवेश पर रोक

रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 14 और 15 फरवरी को रांची में रहेंगी। वह बीआईटी मेसरा के हीरक जयंती समारोह में शिरकत करेंगी। राष्ट्रपति के आगमन को लेकर रांची की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। राजधानी रांची की ट्रैफिक व्यवस्था में भी बदलाव किए गए है।

14 फरवरी को राष्ट्रपति एयरपोर्ट से सीधे राजभवन जायेंगी। इस दौरान आधा से एक घंटा पहले ट्रैफिक रोक दिया जाएगा। राष्ट्रपति की सुरक्षा तीन लेयर में होगी। उनकी सुरक्षा में 1000 पुलिसकर्मियों को तैनात किया जायेगा। सुरक्षा में 10 आइपीएस अधिकारी की भी तैनाती होगी। 

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के आगमन पर रांची की यातायात व्यवस्था में बदलाव किया गया है। 14 फरवरी को दोपहर 3 बजे से शाम 7:00 बजे तक शहर में छोटे मालवाहक वाहनों का प्रवेश भी वर्जित किया गया है। राष्ट्रपति का काफिला जैसे-जैसे आगे बढ़ता जायेगा, ट्रैफिक को उसी हिसाब से खोल दिया जायेगा। ट्रैफिक रोकने के लिए कई जगह बैरिकेडिंग भी की जायेगी। वहीं 15 फरवरी को सुबह 8:00 बजे से रात 10:00 बजे तक शहर में सभी प्रकार के बड़े वाहनों के प्रवेश पर रोक रहेगी। इसके साथ ही 15 फरवरी को पलामू, गढ़वा, लातेहार और गुमला से आने वाले बड़े वाहन रिंग रोड होते हुए अपने गंतव्य तक जा सकेंगे। हजारीबाग से आने वाले बड़े वाहन, जिन्हें पलामू गुमला की ओर जाना है, वे नेवरी रिंग रोड चौक से बाएं मुड़कर रामपुर चौक होते हुए अपने गंतव्य तक जा सकेंगे।

राष्ट्रपति की सुरक्षा में रांची पुलिस के अलावा अर्द्धसैनिक बल, सेना के जवान की भी तैनाती रहेंगे। रांची पुलिस, रैपिड एक्शन पुलिस, जैप, इको, जिला बल की लाठी पार्टी तैनात रहेगी। ऊंची इमारतों से भी सुरक्षाकर्मी निगहबानी में लगे रहेंगे। साथ ही स्पेशल ब्रांच के पुलिसकर्मी सादे लिबास में विभिन्न इलाकों में तैनात रहेंगे। सेना के जवान भी अपने स्तर से जगह-जगह तैनात रहेंगे।

पुलिस महानिदेशक के निर्देश पर अफीम की खेती के विनष्टीकरण हेतु चलाया गया महा अभियान


 कई खेत किये गये नष्ट, 19 गिरफ्तारी भी

रांची : अवैध अफीम की खेती के विनष्टीकरण हेतु सरकार एवं माननीय पुलिस महानिदेशक के द्वारा दिये गये निर्देश के आलोक में एक विशेष अभियान के तह्त राँची प्रक्षेत्र के खूँटी, राँची, सरायकेला-खरसावॉ एवं चाईबासा जिलों में अभियान चलाया जा रहा है।

 पुलिस अधीक्षक, अनुमण्डल पुलिस पदाधिकारी के अतिरिक्त 11 पुलिस उपाधीक्षक के द्वारा जिलों में नेतृत्व की जा रही है तथा स्थानीय थाना एवं पुलिस मुख्यालय के साथ राँची प्रक्षेत्र के अन्य जिलों से 1500 अतिरिक्त बलों की प्रतिनियुक्ति की गयी है।

 इस अभियान के तह्त खूँटी जिला के मुरूहु, अडकी, खूँटी, सायको एवं मारंगहादा थाना क्षेत्र में 6473 एकड़ में विनष्टीकरण एवं कुल गिरफ्तारी 55, राँची जिला के बुण्डू, तमाड़, दशमफॉल, राहे, सोनाहातू, नामकुम थाना क्षेत्र में 2484 एकड़ में विनष्टीकरण एवं कुल 19 गिरफ्तारी, चाईबासा जिला के बंदगांव, टेबो, कराईकेला, टोकलो थाना क्षेत्र में 394 एकड़ विनष्टीकरण तथा सरायकेला-खरसावाँ जिला के कुचाई, ईचागढ़, चौका, खरसावाँ थाना क्षेत्र में 520 एकड़ में विनष्टीकरण एवं कुल 12 गिरफ्तारी की गयी है। 

इस प्रकार अबतक इन जिलों में 9871 एकड़ में लगे अवैध अफीम के फसल को विनष्ट करने के साथ संलिप्त कुल 86 आरोपियों की गिरफ्तारी की गयी है। एक एकड़ अफीम के फसल से करीब 3 से 4 कि0ग्रा0 अफीम की पैदावार होती है। एक कि0ग्रा0 अफीम की कीमत बाजार में 4 से 5 लाख रूपये होती है। इस अभियान के तह्त इतने ज्यादा अफीम को बाजार में पहंुचने से बचाया गया है। 

पुलिस महानिरीक्षक, द0छो0 प्रक्षेत्र, राँची के नेतृत्व में आज दिनांक-13.02.2025 को इस अभियान के तह्त राँची जिलान्तर्गत तमाड़ थानान्तर्गत पंचायत कुण्डला के ग्राम-परासी क्षेत्र में अवैध अफीम फसल के विनष्टीकरण की कार्रवाई की गयी। अभियान में पुलिस अधीक्षक, ग्रामीण, राँची, अनुमण्डल पुलिस पदाधिकारी, बुण्डू तथा अन्य संबंधित पदाधिकारी/कर्मी सम्मिलित रहें। इस दौरान आम नागरिकों को अवैध अफीम की खेती से होने वाले समाज पर दुष्प्रभाव के बारे में बताते हुए अवैध अफीम की खेती नहीं करने हेतु जागरूक किया गया।

 पुलिस अधीक्षक, ग्रामीण, राँची को विशेष शाखा/स्थानीय रूप से प्राप्त सूचना/आसूचना के आलोक में शेष क्षेत्रों में बचे हुए अवैध अफीम की खेती को समुचित संसाधन के उपयोग एवं प्रतिनियुक्त बलों की मदद् से विनष्ट करने का निर्देश दिया गया। इस अभियान में प्रतिनियुक्त सभी पदाधिकारी एवं बलों को उनके द्वारा किये जा रहे इस सराहनीय कार्य के लिए प्रोत्साहित किया गया। 

अवैध अफीम की खेती के संबंध में आम जनता के द्वारा पुलिस को सूचना दी जा रही है एवं सहयोग भी प्राप्त हो रहा है। आमजनों/ग्रामीणों को अवैध अफीम की खेती करने पर जुर्माना के साथ कठोर कारावास तथा 20 वर्षो तक के अधितक कारावास के प्रावधान होने से भी अवगत कराया जा रहा है। 

इस अभियान का प्रतिदिन मॉनेटरिंग पुलिस महानिरीक्षक, द0छो0 प्रक्षेत्र, राँची के द्वारा भी किया जा रहा है।

रांची के प्रतिष्ठित होटल अशोका का हाल बेहाल, कर्मचारियों ने बयान किया अपना दर्द

2018 से बदहाली का दंश झेल रहा होटल अशोका, कर्मचारी भीख मांगने को मजबूर

रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची : अविभाजित बिहार के समय से रांची के पॉश इलाके में बने थ्री स्टार होटल अशोक के कर्मचारियों ने होटल की बदहाल स्थिति के बाद अपने वेतन और समायोजन की मांग को लेकर लगातार आंदोलनरत रहे हैं।

एक समय था जब एकीकृत बिहार के समय रांची का होटल अशोक प्रतिष्ठित होटल के रुप में जाना जाता था। इसकी खासियत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यहां आने वाले कई बड़े नेता, विदेशी पर्यटक व सेलिब्रिटी इसी होटल में आकर ठहरते थे। मगर वक्त के साथ कुछ ऐसा हुआ जो आज यह भूत बंगला बन चुका है। इसमें कार्यरत कर्मी बकाया पैसा लेने के लिए दर-बदर भटक रहे हैं और यहां भीख मांगने को मजबूर है। 

संयुक्त बिहार में बना यह आलीशान होटल शुरू में बिहार और भारत पर्यटन विकास निगम (ITDC) के अधिकार में था। आईटीडीसी का शेयर 51% और बिहार का 49% शेयर था। झारखंड बनने के बाद बिहार के 49% शेयर में से 12.25 प्रतिशत शेयर झारखंड को दे दिया गया। सरकार के इस शेर के बीच यहां काम करने वाले कर्मचारियों का हाल बदहाल होता जा रहा है। कर्मचारियों ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि यहां काम करने वाले कुछ कर्मचारियों को मजबूरन VRS दिलाया गया।

आंदोलन पर उतरे होटल अशोक के हाउसकीपिंग स्टाफ पंकज कुमार ने बताया कि बकाये पैसे का भुगतान होने तक चरणबद्ध रूप से आंदोलन जारी रहेगा। अभी तक सरकार सिर्फ और सिर्फ आश्वासन देने के सिवा हम जैसे कर्मियों पर कोई रहम नहीं दिखाया। इस पूरे मामले में कर्मचारियों ने आईटीडीसी को ही जिम्मेवार ठहराया।

उम्मीद जताई जा रही थी कि बिहार से भी झारखंड सरकार उसके हिस्से का शेयर लेकर इस होटल का पूर्ण रूप से मालिकाना हक प्राप्त कर लेगा। और होटल फिर से पुराने रंग में शुरू हो जाएगा लेकिन अब तक ऐसा नहीं हुआ। अब देखने वाली बात यह होगी कि आईटीडीसी और झारखंड सरकार के बीच खींचतान में इन कर्मचारियों का हालात कब सुधरता है।

जम्मू LOC में शहीद हुए कैप्टन करमजीत सिंह बक्शी का पार्थिव शरीर पहुंचा झारखंड, रांची एयरपोर्ट पर दी गई श्रद्धांजलि


जम्मू में एलओसी के पास गश्त के दौरान आईईडी ब्लास्ट में हुए थे शहीद, 5 अप्रैल को थी शादी

रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची : जम्मू-कश्मीर के अखनूर सेक्टर में नियंत्रण रेखा (LOC) के पास मंगलवार 11 फरवरी को आईईडी विस्फोट हुआ। इसमें सेना के दो जवान सहित झारखंड लाल कैप्टन सरदार करमजीत सिंह बक्शी उर्फ पुनीत शहीद हो गये।

एलओसी पर हलचल देखते हुए इलाके में घुसपैठ रोकने के लिए सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। पिछले चार दिनों में जम्मू क्षेत्र में आतंकियों का यह तीसरा हमला है। वहीं जम्मू में शहीद हुए कैप्टन करमजीत सिंह बख्शी की पार्थिव शरीर रांची लाया गया जिसके बाद यहां से उनके आवास हजारीबाग ले जाया जाएगा। कैप्टन करमजीत सिंह की पढ़ाई गुवाहाटी में हुई थी। वे 2023 में सेना में भर्ती हुए थे। एयरपोर्ट पर उनके पार्थिव शरीर पुलिस के अधिकारी, रांची सिटी एसपी राजकुमार मेहता, रांची डीसी मंजूनाथ भजन्त्री, गृह विभाग की सचिव वंदना ददेल, समेत सेवा के कई बड़े अधिकारियों ने पुष्प गुच्छ देकर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किया। वहीं राज्य के वित्त मंत्री राधा कृष्ण किशोर और राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने भी उनके परिजनों से मिल कर, उनके पार्थिव शरीर पर पुष्प कुछ देकर श्रद्धा सुमन अर्पित की।

करमजीत सिंह के पार्थिव शरीर को लेने आए उनके परिजन में मां पिता और बहन पहुंचे। पार्थिव शरीर के पास पहुंचकर उनकी मां ने नारा लगाया जो बोले सो निहाल सरसिया काल, वाहेगुरु जी का खालसा वाहेगुरु जी की फतेह, इस गमगीन माहौल में भी परिजन ने अपने आप को ढाढस बंधा।

बता दे कि उनके पिता का टेंट हाउस का है व्यवसाय है। करमजीत सिंह के पिता अजेंद्र सिंह का हजारीबाग में ही क्वालिटी टेंट हाउस का व्यवसाय करते है। शाहिद करमजीत सिंह का 5 अप्रैल को शादी था। इसकी तैयारी को लेकर 16 जनवरी को ही वह अपने घर आए हुए थे। 24 जनवरी को वो ड्यूटी ज्वाइन किए थे। उनकी बहन जसमीत ने बताया कि करमजीत सिंह बचपन से ही आर्मी में जाना चाहते थे। देश के लिए शहीद हुए उनको अपने भाई पर बड़ा गर्व है।

द्वितीय पीवीयूएनएल फुटबॉल टूर्नामेंट का भव्य उद्घाटन


हजारीबाग, 12 फरवरी: द्वितीय पीवीयूएनएल फुटबॉल टूर्नामेंट का शुभारंभ आज हेसला के इमली ग्राउंड में हुआ। उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि झारखंड विधानसभा के माननीय सदस्य श्री रौशन लाल चौधरी थे। इस अवसर पर पीवीयूएनएल के महाप्रबंधक (प्रोजेक्ट) श्री अनुपम मुखर्जी, महाप्रबंधक (मेंटेनेंस एवं एफएम) श्री मनीष खेतरपाल, मानव संसाधन प्रमुख श्री जियाउर रहमान सहित पीवीयूएनएल के अन्य कर्मचारी, जनप्रतिनिधि और स्थानीय खेल संगठन के पदाधिकारी उपस्थित रहे।  

इस टूर्नामेंट में 16 गांवों की टीमें भाग ले रही हैं। उद्घाटन मैच गेंगदा और तलटांड के बीच खेला गया, जिसमें गेंगदा ने 2-1 से जीत दर्ज की। इसके बाद हरिहरपुर और सहिटांड के बीच मुकाबला हुआ, जिसमें हरिहरपुर ने 3-1 से जीत हासिल की। तीसरा मैच पीवीयूएनएल टीम और बलकुदरा के बीच खेला गया, जिसमें बलकुदरा ने 3-1 से जीत दर्ज की।  

इस टूर्नामेंट का फाइनल मुकाबला 15 फरवरी को खेला जाएगा। मैचों का संचालन रामगढ़ फुटबॉल एसोसिएशन के रेफरी कर रहे हैं। इस अवसर पर पूर्व मुखिया हेसला श्री वीरेंद्र झा, पूर्व मुखिया पंच मंदिर श्री राहुल रंजन और मुखिया काटिया श्री किशोर महतो भी उपस्थित रहे।  

इस टूर्नामेंट का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में खेल प्रतिभाओं को बढ़ावा देना और स्थानीय युवाओं को फुटबॉल के प्रति प्रेरित करना है। पीवीयूएनएल प्रबंधन ने सभी टीमों को शुभकामनाएं दीं और खेल भावना को बढ़ावा देने पर जोर दिया।

मईया सम्मान योजना की राशि खाते में नहीं भेजने पर भाजपा ने उठाया सवाल, जाने JMM ने क्या दिया जवाब

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रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची : झारखंड में मंईयां सम्मान योजना को लेकर एक बार फिर से सियासत जारी हो गया। झारखंड सरकार की महत्वाकांक्षी 'मंईयां सम्मान योजना' के तहत सीएम हेमंत सोरेन ने 6 जनवरी को लाभार्थी महिलाओं के खाते में दिसंबर माह का राशि जारी था। अब दो महीने से महिलाओं के खाते में राशि ट्रांसफर नहीं हुआ है। जिसके कारण एक तरफ जहां विपक्ष महिलाओं को योजना की राशि मिलने में विलंब होने से सरकार पर हमलावर नजर आ रही है। तो वहीं दूसरी तरफ सरकार का कहना है कि महिलाओं के खाते में पैसा हर हाल में जाएगी। 

वित्तीय सहायता का भुगतान राशि महिलाओं के खाते में नहीं जाने से लाभार्थी महिलाओं में व्याप्त आक्रोश देखा जा रहा है।बता दे कि सरकार ने घोषणा किया था कि विधानसभा चुनाव जीतने के बाद इस योजना की राशि 1 हजार से बढ़ाकर 2500 रुपये कर दिया जाएगा। चुनाव जीतने के बाद सरकार एक किस्त महिलाओं के खाते में ट्रांसफर की और उसके बाद से अभी तक का किस्त बाकी है। इसे लेकर भाजपा के प्रवक्ता प्रदीप सिंह ने कहा कि वादा करके झारखंड की बहनों के खाते में पैसा ट्रांसफर नहीं किया है तो यह सरकार की वादा खिलाफी और नाकामयाबी है।

वित्तीय प्रबंधन कैसे होगा इसे लेकर सरकार को चिंतन करने की आवश्यकता है। वही झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रवक्ता मनोज पांडे ने केंद्र सरकार की ओर इशारा करते हुए कहा कि भाजपा को भारत की जनता से किए वादे को निभाने की जरूरत है। केंद्र सरकार को यह बताना चाहिए कि झारखंड के बकाया राशि को कब देंगे। जहां तक यहां की महिलाओं की बात है तो हम हर हाल में उनका पैसा जरूर देंगे।

पीवीयूएन लिमिटेड ने कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में आयोजित किया टीन हेल्थ फेयर 2025


आज, पीवीयूएन लिमिटेड के सीएसआर/सीडी समूह ने स्पर्श ई-वॉइस, स्वर्णरेखा महिला समिति, आह्वान और पीवीयूएनएल हेल्थ सेंटर के सहयोग से टीन हेल्थ फेयर 2025 का आयोजन कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में सफलतापूर्वक किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य किशोरियों को शारीरिक स्वास्थ्य, मानसिक कल्याण, प्रजनन और मासिक धर्म स्वास्थ्य, तथा किशोर पोषण जैसे विभिन्न स्वास्थ्य पहलुओं पर शिक्षित और सशक्त बनाना था।  

स्वास्थ्य मेले में आकर्षक रूप से सजे स्टॉल लगाए गए, जहां इंटरएक्टिव प्रदर्शन, ‘लर्निंग-बाय-डूइंग’ गतिविधियाँ और प्रायोगिक प्रशिक्षण के माध्यम से छात्राओं को स्वास्थ्य और कल्याण से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्रदान की गईं। कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय, पतरातू और एसएस हाई स्कूल की 800 छात्राओं ने इस आयोजन में भाग लिया। बुनियादी स्वास्थ्य जांच और महत्वपूर्ण संकेतकों की मॉनिटरिंग के अलावा, छात्राओं ने रोचक गतिविधियों में हिस्सा लिया, जिससे स्वस्थ जीवनशैली अपनाने की प्रेरणा मिली।  

कार्यक्रम में स्वर्णरेखा महिला समिति की अध्यक्ष, श्रीमती रीता सिंह ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की और छात्राओं को स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम में सबसे अच्छे स्टॉल को पुरस्कृत किया गया, जिससे प्रतिस्पर्धा और प्रेरणा का माहौल बना। इसके अलावा, कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय की वार्डन, श्रीमती पुष्पा देवी ने भी इस आयोजन में महत्वपूर्ण योगदान दिया।  

छात्राओं और शिक्षकों ने पीवीयूएन लिमिटेड के इस अभिनव और रोचक पहल की सराहना की, जिससे किशोर स्वास्थ्य जागरूकता को बढ़ावा मिला।

सेफ इंटरनेट डे" को लेकर जैप-आईटी सभागार में हुआ कार्यशाला का आयोजन

निदेशक आदित्य रंजन ने कहा इंटरनेट हमारी जीवन शैली का हिस्सा, परंतु सावधान और सतर्क रहकर इंटरनेट का करें उपयोग

1930 पर कॉल करके व राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल पर दर्ज कराएं शिकायत

रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची : "सेफ इंटरनेट डे" को लेकर जैप-आईटी सभागार में एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर आईटी एवं ई-गवर्नेंस निदेशक आदित्य रंजन ने कहा कि इंटरनेट हमारी जीवन शैली का हिस्सा है,परंतु हमें सावधान और सतर्क हो कर इंटरनेट का उपयोग करना चाहिए। साइबर फ्रॉड एवं अन्य साइबर क्राइम को रोकने के लिए जागरूक होने की आवश्यकता है। "सेफ इंटरनेट डे" भारत सरकार एवं राज्य सरकार की एक पहल है ताकि सभी नागरिकों को इंटरनेट के सुरक्षित उपयोग के लिए जानकारी दी जा सके।

निदेशक जेएसएसी आर॰ रोनीटा ने भी सभी विभागों के पदाधिकारियों तथा कर्मियों को सेफ इंटरनेट के प्रति जागरूक होने तथा समाज में सभी वर्गों को जागरूक करने के लिए प्रेरित किया।

 राज्य सूचना-विज्ञान पदाधिकारी दीपक कुमार और ओमेश प्रसाद सिन्हा के द्वारा एक प्रेजेंटेशन के माध्यम से आम जन मानस के जीवन में इंटरनेट के उपयोग करने के दौरान आने वाले साइबर खतरा, साइबर स्वच्छता एवं साइबर सुरक्षा की विस्तृत जानकारी दी गई। राज्य सूचना-विज्ञान पदाधिकारी ने कहा कि आम जनता साइबर खतरा एवं साइबर स्वच्छता से जुड़े अधिक जानकारी को.. https://staysafeonline.in से प्राप्त कर सकेंगे । 

एनआईसी झारखंड के उप निदेशक डॉ प्रशांत कुमार सिन्हा के द्वारा कई महत्वपूर्ण जानकारी ppt के माध्यम से दी गई । उन्होंने कहा कि साइबर अपराधी नए नए तरीके अपनाकर लोगों को ठगने की कोशिश करते हैं। जिसमें डिजिटल अरेस्ट, अधिक रिटर्न का लालच देकर निवेश करना, विभिन्न तरह के ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफार्म इत्यादि शामिल है। उन्होंने कहा कि साइबर फ्रॉड से बचने के लिए सुरक्षित तरीके से पैसे का ट्रांजैक्शन करें, सार्वजनिक स्थानों पर मोबाइल चार्जिंग, सार्वजनिक वाईफाई का इस्तेमाल करने से बचें, बिना जाने समझें अनजान लोगों के साथ रकम की लेनदेन नहीं करें, अनजान नंबर से आने वाले व्हाट्सएप कॉल एवं व्हाट्सएप वीडियो कॉल तथा इंटरनेशनल कॉल को रिसीव करने से बचें, स्वयं जागरूक बने एवं अपने परिवार को भी जागरूक करें। साइबर अपराधी लोगों की अज्ञानता का फायदा उठाकर साइबर फ्रॉड करते हैं। साइबर फ्रॉड होने से 1930 नंबर पर कॉल करके तथा राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल पर शीघ्र शिकायत दर्ज कराएं और ट्रांजेक्शन ब्लॉक कराएं।

कार्यशाला में जानकारी दी गई कि अनजान लोगों के साथ ओटीपी, आधार कार्ड, पैन कार्ड या बैंक की अन्य जानकारी साझा नहीं करें साथ ही अनजान नंबरों से आने वाली लिंक पर क्लिक नहीं करने, अनजान लोगों से पेमेंट पाने के लिए कयू.आर. कोड स्कैन नहीं करने व ओटीपी या पिन साझा नहीं करने, बैंक ट्रांजैक्शन करते समय सार्वजनिक वाईफाई का इस्तेमाल नहीं करने सहित आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस, सोशल मीडिया, साइबर थ्रेटस, ऑनलाइन फ़्रॉड, डीप फेक, व्हाट्सएप्प सिक्योरिटी, डिजिटल अरेस्ट सहित अन्य मुद्दे पर चर्चा की गई।

भू–राजस्व मंत्री दीपक बिरुआ ने सभी जिला के DC, AC, LRDC समेत अन्य पदाधिकारियों के साथ विभागीय समीक्षा बैठक की


सीओ तकनीकी कारणों का हवाला देकर आवेदन रिजेक्शन किया तो होगी कार्रवाई, 



रिजेक्ट करने पर 50 शब्दों में देना होगा कारण - मंत्री, दीपक बिरुआ

रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची: भू राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग का आज समीक्षा बैठक किया गया। इस समीक्षा बैठक में भू राजस्व मंत्री दीपक बिरुआ ने कहा कि अंचलों में तकनीकी कारणों का हवाला देकर रैयतों के आवेदनों को बेवजह रिजेक्ट करने पर, चिन्हित सीओ पर अब कार्रवाई होगी। साथ ही अंचलों में दाखिल खारिज संबंधित मामलों पर आवेदनों की अस्वीकृत करने पर सीओ को 50 शब्दों में स्पष्ट कारण बताना होगा। बिरुआ ने कहा कि कई बार तकनीकी कारणों से झारभूमि साइट नहीं खुलने की बातें लिखकर, अंचल अधिकारी आवेदनों को जिस तरह रिजेक्ट करने का बहाना बनाते हैं। अब ऐसा नहीं चलेगा। जमीन मामले में अंचलों में कई गड़बड़ियां हैं। जिसका भुगतान सरकार को उठाना पड़ता है। इसलिए सभी अंचल अधिकारी पदाधिकारी सचेत होकर ईमानदारी से अपने कार्य दायित्व का निर्वहन करें। 

उन्होंने कहा कि कई मॉडर्न रिकॉर्ड रूम से खतियान निकालने पर सही छपाई नहीं होती। स्पष्ट स्कैनिंग नहीं होने पर रैयतों को अपने जमीन की सही जानकारी नहीं मिलती। ऐसी विसंगतियों को दुरुस्त किया जाएं। उन्होने मॉडर्न रुम में कैथी और बंगला भाषा में लिखी खतियान को ट्रांसलेट करने पर जोड़ दिया।

आरओबी बनाने पर ग्रामीण सड़कों को दिया जाए ध्यान*

आरओबी को लेकर दीपक बिरुआ ने कहा कि जहां तहां आरओबी बनाने के चक्कर में ग्रामीण सड़कों को छोड़ दिया जाता है, जो गलत है। आरओबी ऊपर में बनने और नीचे जगह छूटने से आमजनों को परेशानियां होती है। उन्होंने लैंड एक्वीजेशन को लेकर समय पर मुआवजा दिलाने की बात कही। कहा कि एनएचएआई की जिम्मेवारी है कि पदाधिकारी लैंड एकयूजेशन संबंधित समस्याओं का त्वरित समाधान करें। 

विभागीय सचिव चंद्रशेखर ने कहा कि राजस्व संग्रहण का वार्षिक लक्ष्य के तहत कार्य किया जाए। कमजोर प्रदर्शन करनेवाले अंचलों की समीक्षा कर सुधारात्मक रणनीति अपनाई जाएगी। उन्होंने एलआरडीसी और एसी को अंचलों में लगनेवाले कैंप की विशेष निगरानी करने का खास निर्देश दिया। 

मौके पर भू राजस्व विभाग के निदेशक भोर सिंह यादव ने दाखिल खारिज करने के अनुचित कारणों और इसके अद्यतन स्थिति, वेब पीएन की सुविधा दिलाने, जिलों में भू-लगान के निर्धारण एवं ऑनलाइन भुगतान करने, भूमि सीमांकन के लंबित मामलों की स्थिति समेत अन्य विभागीय कार्यों को विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि सभी कर्मी ससमय सभी कार्यों के निष्पादन के लिए समन्वय स्थापित कर काम करें।