एयरो इंडिया 2025 का भव्य आयोजन,राजनाथ सिंह ने कहा, पराक्रम का महाकुंभ
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बेंगलुरु: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को बंगलूरू में एयरो इंडिया 2025 का उद्घाटन करने के बाद कहा कि सुरक्षा की कमजोरी में कभी शांति नहीं मिल सकती और मजबूत होकर ही हम बेहतर विश्व व्यवस्था के लिए काम कर पाएंगे।
बेंगलुरू में येलहंका एयरफोर्स स्टेशन पर एयरो इंडिया 2025 का 15वां संस्करण का समारोह चल रहा है। जिसे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह संबोधित भी किया है। इस दौरान राजनाथ सिंह ने वैश्विक अनिश्चितताओं का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि एक बड़े देश के तौर पर भारत हमेशा शांति और स्थिरता का हिमायती रहा है।
रक्षा मंत्री ने आगे कहा, 'हमारे लिए भारतीय सुरक्षा या भारतीय शांति अलग-थलग नहीं है। सुरक्षा, स्थिरता और शांति साझा निर्माण हैं जो राष्ट्रीय सीमाओं से परे हैं। (एयरो इंडिया में) विदेशी देशों के हमारे मित्रों की मौजूदगी इस बात का सबूत है कि हमारे साझेदार एक धरती, एक परिवार, एक भविष्य के हमारे दृष्टिकोण को साझा करते हैं।'
इस दौरान उन्होंने एयरो इंडिया 2025 की तुलना महाकुंभ से की है। उन्होंने कहा- 'इस समय भारत में महाकुंभ चल रहा है...मुझे भी संगम में डुबकी लगाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। मैं समझता हूं कि एयरो इंडिया के रूप में आज से भारत में एक और महाकुंभ का प्रारंभ हो रहा है। जहां एक तरफ प्रयागराज का महाकुंभ आत्म संधान का कुंभ है, वहीं दूसरी तरफ एयरो इंडिया का यह महाकुंभ अनुसंधान का कुंभ है। जहां एक तरफ प्रयागराज का महाकुंभ आंतरिक मजबूती पर ध्यान दे रहा है, वहीं दूसरी तरफ एयरो इंडिया का यह महाकुंभ हमारी बाहरी मजबूती पर ध्यान दे रहा है। जहां एक तरफ प्रयागराज का महाकुंभ भारत की संस्कृति को दर्शा रहा है, वहीं दूसरी तरफ एयरो इंडिया का यह महाकुंभ भारत की शक्ति को दर्शा रहा है। जहां एक तरफ परंपरा और आध्यात्म का महाकुंभ चल रहा है, वहीं दूसरी तरफ पराक्रम का महाकुंभ चल रहा है'।
एयरो इंडिया 2025 का उद्घाटन करने के बाद बोलते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, आज की अनिश्चितताओं और आज के परिप्रेक्ष्य में उभर रही नई चुनौतियों से निपटने के लिए मिलकर काम करने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा, शांति का वट वृक्ष केवल शक्ति की जड़ों पर ही खड़ा हो सकता है। मेरा मानना है कि हम सभी को एक साथ मज़बूत होना होगा, तभी हम शांति सुनिश्चित कर पाएंगे। रक्षा मंत्री ने आगे कहा कि वैश्विक अनिश्चितता के इस माहौल में भारत एक बड़ा देश है, जहां शांति और समृद्धि है।
एयरो इंडिया 2025 में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि रक्षा क्षेत्र की एक विशेषता यह है कि रक्षा औद्योगिक प्रणाली के उत्पादों का ऑर्डर सरकार द्वारा दिया जाता है और सरकार ही उनका उपयोग करती है। केवल सरकार ही उत्पादों के विनिर्माण या निर्यात करने का लाइसेंस दे सकती है।
इस प्रक्रिया के हर चरण में सरकार की निरंतर भागीदारी होती है। रक्षा मंत्री ने कहा कि 2047 तक विकासशील देश से विकसित देश में परिवर्तन को सुविधाजनक बनाने के लिए सरकार ने हमारे रक्षा उद्योग को समग्र राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण घटक बनाने के लिए कई परिवर्तनकारी कदम उठाए हैं।
उन्होंने कहा कि हमारे विदेशी मित्रों के लिए हमने नए रक्षा लाइसेंस चाहने वाली कंपनियों के लिए ऑटोमैटिक मोड से 75% तक एफडीआई की अनुमति दी है।
व्यापार करने में आसानी बढ़ाने, 6-8 ग्रीनफील्ड परीक्षण और प्रमाणन सुविधाओं की स्थापना करने, एयरोस्पेस और रक्षा क्षेत्र को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए रक्षा परीक्षण अवसंरचना योजना शुरू की गई थी। डेफएक्सपो पोर्टल ने निर्यात प्राधिकरण को सहज बना दिया है। रक्षा निर्यात केंद्र के रूप में भारत के उभरने के प्रमाण के रूप में भारत में वित्तीय वर्ष 2013-14 की तुलना में पिछले 10 वर्षों में रक्षा उत्पादों के निर्यात में 31 गुना वृद्धि हुई है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि युद्ध की प्रकृति तेजी से बदल रही है। इसलिए हमें लगातार समाधानों को अनुकूलित और बेहतर बनाने की आवश्यकता है। उदाहरण के शुद्ध हार्डवेयर-आधारित प्रणाली पर निर्भरता तेजी से सॉफ्टवेयर-आधारित प्रणालियों द्वारा प्रतिस्थापित की जा रही है। आज सैन्य अभियानों में संचार और डाटा-साझाकरण की प्रकृति बहुत अधिक जटिल होती जा रही है। अंतरिक्ष-आधारित नेविगेशन प्रणाली, अंतरिक्ष-आधारित संचार और निगरानी पर हमारी निर्भरता का अर्थ है कि अंतरिक्ष-आधारित परिसंपत्तियों को हमारी परिचालन योजनाओं में एकीकृत करना होगा।
हाल के संघर्षों में ड्रोन का उपयोग यह दर्शाता है कि भविष्य मानवयुक्त, मानवरहित और स्वायत्त युद्ध प्रणालियों के एकीकृत प्रयासों पर निर्भर करेगा। इसलिए रक्षा विनिर्माण पर हमारे प्रयासों को इन उभरते क्षेत्रों के लिए जवाबी उपाय बनाने पर ध्यान केंद्रित करना होगा।
उन्होंने कहा, 'अगर आप भारत के इतिहास का आकलन करेंगे, तो आप पाएंगे कि हमने न तो किसी देश पर हमला किया है और न ही हम किसी बड़ी शक्ति की प्रतिद्वंद्विता में शामिल रहे हैं।' उन्होंने कहा, 'एक बड़े देश के रूप में भारत हमेशा शांति और स्थिरता का हिमायती रहा है। और जब मैं यह कह रहा हूं, तो यह सिर्फ कहने की बात नहीं है, बल्कि यह हमारे मौलिक आदर्श की बात है।'
येलहंका एयरफोर्स स्टेशन पर एशिया की सबसे बड़ी एयरोस्पेस और रक्षा प्रदर्शनी माने-जाने वाले एयरो इंडिया के 15वें संस्करण के उद्घाटन के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसके थीम 'द रनवे टू ए बिलियन ऑपर्च्युनिटीज' की ओर इशारा करते हुए, 'मेरा मानना है कि इससे अधिक उपयुक्त थीम कोई और हो ही नहीं सकती। यह हमें बताता है कि एक अरब से अधिक लोगों वाले हमारे देश में, एक अरब अवसरों को मूर्त रूप देते हुए, यह एयरो शो उससे कम कुछ नहीं हो सकता।'
उन्होंने कहा, आज से शुरू हो रहे एयरो इंडिया के कई उद्देश्य हैं, 'एयरो इंडिया का पहला महत्वपूर्ण उद्देश्य न केवल हमारी औद्योगिक क्षमता बल्कि हमारी तकनीकी प्रगति को भी पूरी दुनिया के सामने प्रदर्शित करना है। यह हमारे राष्ट्र की सुरक्षा के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।' राजनाथ सिंह ने कहा कि इससे भी बड़ा उद्देश्य मित्र देशों के साथ हमारे सहजीवी संबंधों को और मजबूत करना है।
वायुसेना प्रमुख एपी सिंह और सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने एलसीए तेजस लड़ाकू विमान के प्रशिक्षक संस्करण में उड़ान भरी।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आज एयरो इंडिया के मंच पर दुनिया भर से सरकारी प्रतिनिधि, उद्योग जगत के नेता, वायुसेना के अधिकारी, वैज्ञानिक, रक्षा क्षेत्र के विशेषज्ञ, स्टार्ट-अप, शिक्षाविद और कई अन्य हितधारक एक साथ आए हैं। उन्होंने कहा, 'यह संगम हमारे साझेदारों को एक साथ लाने में प्रभावी होगा, जिससे आखिर में हम सभी को लाभ होगा।
रक्षा मंंत्री ने इस दौरान कहा- आज भारत में जो एक जीवंत और संपन्न रक्षा उद्योग का पारिस्थितिकी तंत्र बना है, उनके पीछे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, हमारी सरकार द्वारा एक ठोस, टिकाऊ और अच्छी तरह से सोचा गया रोडमैप है। ऐतिहासिक रूप से रक्षा औद्योगिक क्षेत्र पर, भारत में एक गैर-आर्थिक क्षेत्र की तरह देखा जा रहा था। इसे राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के एक घटक के रूप में नहीं देखा गया था, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा को केवल एक अपरिहार्य आवश्यकता के रूप में देखा गया था।
नौसेना विमानन में बड़ी संख्या में किए जा रहे नवाचार :दिनेश के त्रिपाठी
वहीं एयरो इंडिया 2025 पर नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने कहा, 'नौसेना विमानन में बड़ी संख्या में नवाचार किए जा रहे हैं और यह समय की मांग है क्योंकि आपको विरोधी से एक कदम आगे रहना होगा। हमारे पास हाल ही में P8I विमान की तरफ से एयर-ड्रॉप करने योग्य कंटेनर है जो विस्तारित दूरी पर हमारे बेड़े का समर्थन कर सकता है। हमारे पास स्वदेशी रूप से विकसित रुद्रम मिसाइल है जिसे मिग 29 के साथ एकीकृत किया गया है और हम ऐसे कई और नवाचारों की कोशिश कर रहे हैं जो हमारे नौसेना विमानन की लड़ाकू क्षमता को बढ़ाएंगे'।
Feb 11 2025, 13:58