वित्तमंत्री के बाद आरबीआई आम आदमी पर मेहरबान, महंगी आएमआई से राहत, सस्ते कर्ज का रास्ता हुआ साफ
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ये खबर आम लोगों को खुश करने वाली है। देश के करोड़ों लोगों को सात दिन के अंदर दूसरा तोहफा मिला है। पहले सरकार ने बजट में बड़ी राहत देते हुए 12 लाख तक की आमदनी को टैक्स फ्री किया। अब आरबीआई ने मेहरबानी दिखाई है। रिजर्व बैंक ने आखिरकार मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की 12वीं बैठक में रेपो रेट घटा ही दिया। जैसे कि कयास लगाए जा रहे थे कि इस बार आरबीआई आम आदमी को सस्ते लोन का तोहफा देते हुए रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती कर ही देगा, वैसा ही हुआ।
रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तरफ से शुक्रवार को ब्याज दर में 25 बेसिस प्वाइंट कटौती की घोषणा की गई। इसके साथ ही रेपो रेट घटकर 6.25% पर आ गया।आरबीआई के नए गवर्नर संजय मल्होत्रा ने अपने कार्यकाल की पहली एमपीसी मीटिंग में ब्याज दर कटौती का फैसला करके लोगों को खुश कर दिया है। पांच साल में यह पहला मौका है जब रिजर्व बैंक की तरफ से रेपो रेट में कटौती की गई है। इससे पहले मई 2020 में कोरोना महामारी के चलते देश में लॉकडाउन लगा था जब आरबीआई ने ब्याज दरों को घटाने का फैसला लिया था।
सस्ता होगा लोन
5 फरवरी को शुरू हुई तीन दिवसीय द्विमासिक समीक्षा के बाद केंद्रीय बैंक ने शुक्रवार को करोड़ों लोगों को राहत देते हुए रेपो रेट में कमी करने का फैसला किया। रेपो रेट में कटौती होने के बाद उम्मीद है कि बैंक होम लोन समेत अलग-अलग तरह के लोन पर ब्याज दर में कटौती करेंगे।सेंट्रल बैंक के इस फैसले के बाद बैंकों के लिए होमलोन, कारलोन, एजुकेशन लोन, कॉरपोरेट लोन से लेकर पर्सनल लोन के ब्याज दरों में कटौती करने का रास्ता साफ हो गया है।
कितनी रहेगी ग्रोथ रेट?
आरबीआई ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए जीडीपी ग्रोथ रेट 6.4 फीसदी रहने का अनुमान जताया है। जबकि पहले 6.6 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया था। वित्त वर्ष 2025-26 में आरबीआई ने 6.7 फीसदी जीडीपी ग्रोथ रेट का अनुमान जताया है। आरबीआई गवर्नर ने कहा, अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए काम करते रहेंगे। साथ ही सभी इकोनॉमी के स्टेकहोल्डर्स के साथ कंसलटेशन का दौर जारी रहेगा। संजय मल्होत्रा ने कहा, वैश्विक अर्थव्यवस्था के हालात चुनौतीपूर्ण बने हुए हैं। भारतीय अर्थव्यवस्था में मजबूती बनी हुई है लेकिन वैश्विक हालात का असर भारतीय अर्थव्यवस्था पर भी पड़ा है।
महंगाई 4.8 फीसदी रहने का अनुमान
महंगाई को लेकर भी आरबीआई ने अपने अनुमान जारी किए हैं। मौजूदा वित्त वर्ष में महंगाई 4.8 फीसदी रहने का अनुमान है। वैसे चौथी तिमाही के महंगाई में 10 बेसिस प्वाइंट का इजाफा किया गया है। जिसे पिछले के 4.4 फीसदी से बढ़ाकर 4.5 फीसदी कर दिया है। वहीं वित्त वर्ष 2026 में महंगाई 4.2 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है। जबकि पहली तिमाही में 4.6 फीसदी रह सकती है। इससे पहले इसमें 4.5 फीसदी का रहने अनुमान जताया जा रहा है। दूसरी तिमाही में 4 फीसदी, तीसरी तिमाही में 3.8 फीसदी और चौथी तिमाही में 4.2 फीसदी रहने का अनुमान जताया जा रहा है।
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