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मोकामा को मिलेगा ‘नया सरकार’? 3 सिनेरियो दे रहे हैं संकेत

मोकामा फायरिंग के बाद अनंत सिंह पर जहां कानूनी शिकंजा लगातार कसता जा रहा है. वहीं सियासी तौर पर भी अनंत सिंह अलग-थलग पड़ते जा रहे हैं. लोकसभा चुनाव के बाद अनंत सिंह की जनता दल यूनाइटेड से नजदीकी बढ़ती जा रही थी. कहा जा रहा था कि जेडीयू के टिकट पर ही छोटे सरकार मोकामा से चुनाव लड़ेंगे, लेकिन अब बदले समीकरण में छोटे सरकार की राह आसान नहीं है.

फायरिंग की घटना और पुलिस पर सवाल उठाने की वजह से जनता दल यूनाइटेड ने अनंत सिंह से दूरी बना ली है. मुंगेर के सांसद और केंद्र में मंत्री ललन सिंह ने कहा कि दहशत फैलाने वालों को पुलिस किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ेगी. ललन ने 2020 में अनंत को आरजेडी से टिकट मिलने पर भी सवाल उठाया.

अनंत सिंह मोकामा में छोटे सरकार के नाम से मशहूर हैं. कहा जा रहा है कि क्या इस बार मोकामा को नया सरकार मिलेगा? यह इसलिए भी क्योंकि सोनू-मोनू गैंग ने दावा कर दिया है कि अब मोकामा में अनंत सिंह का दौर खत्म हो चुका है.

अनंत के लिए जेडीयू का दरवाजा बंद

जनता दल यूनाइटेड जिस तरीके से अनंत सिंह के खिलाफ मुखर है, उससे कहा जा रहा है कि अनंत सिंह के लिए पार्टी का दरवाजा बंद है. लोकसभा चुनाव में अनंत सिंह ने खुलकर जेडीयू उम्मीदवार ललन सिंह का सपोर्ट किया था, जिसके कारण आरजेडी से उनके रिश्ते खराब हो गए.

2015 का चुनाव छोड़ दें तो अभी तक अनंत सिंह किसी न किसी पार्टी से ही जीत हासिल करते रहे है. 2005 और 2010 में अनंत जेडीयू और 2020 में आरजेडी के सिंबल पर चुनाव जीते. 2022 में अनंत की सदस्यता गई तो उनकी पत्नी ने आरजेडी सिंबल पर जीत हासिल की.

हालांकि, अनंत सिंह यह बात लगातार कहते रहे हैं कि उन्हें विधायक बनने के लिए किसी भी पार्टी की जरूरत नहीं है, लेकिन जिस तरीके से मोकामा का सियासी समीकरण लगातार बदलता जा रहा है, उससे बिना पार्टी छोटे सरकार की राह आसान हो, इसकी गुंजाइश कम है.

सूरजभान एक्टिव, सोनू-मोनू भी मुखर

गैंगवार के बाद जहां अनंत सिंह के धुर-विरोधी सूरजभान एक्टिव हो गए हैं. वहीं दूसरी तरफ सोनू-मोनू भी मुखर है. सोनू ने खुले तौर पर कहा है कि अब मोकामा में अनंत सिंह छोटे सरकार नहीं रह गए हैं.

सूरजभान भी बैकडोर से सोनू-मोनू के समर्थन में हैं. पशुपति पारस की पार्टी में शामिल सूरजभान को आरजेडी गठबंधन से लड़ने की चर्चा है. हाल ही में लालू ने पारस के साथ गठबंधन करने की बात कही थी.

सोनू-मोनू भी मोकामा के कई गांव में अपना प्रभाव रखता है. ऐसे में सूरजभान के साथ अगर दोनों का मेल होता है, तो अनंत का खेल भी हो सकता है. इतना ही नहीं, सांसदी चुनाव लड़ चुके अशोक सम्राट भी अनंत से बदला लेने के मूड में हैं.

अशोक सम्राट की पत्नी के खिलाफ लोकसभा चुनाव 2024 में अनंत ने सीधा मोर्चा खोल रखा था.

बेटे के राजनीति में आने की चर्चा

अनंत सिंह के दो जुड़वा बेटे हैं- अभिषेक और अंकित. दोनों राजनीति शास्त्र से पढ़ाई भी कर चुके हैं. अनंत जेल में थे, तब मां के साथ इलाके में घूमते थे. कहा जा रहा है कि अनंत अपने किसी एक बेटे को सियासत में उतार सकते हैं.

अनंत सिंह भी इसी तरह राजनीति में आए थे. उस वक्त उनका भाई दिलीप सिंह सरकारी शिकंजे में थे. जब अनंत के सियासत में आने की चर्चा हुई तो दिलीप ने मोकामा की सीट भाई के लिए छोड़ दी. अनंत इसके बाद इलाके में छोटे सरकार के नाम से मशहूर हो गए.

2022 में अनंत जेल में थे, तब अपनी पत्नी को उतार दिया. उनकी पत्नी जीत तो गई, लेकिन सियासत में सक्रिय नहीं रही. ऐसे में अब चर्चा उनके बेटे की राजनीति में आने की है.

शुक्रवार को अनंत सिंह जब जेल गए, तब उनके दोनों बेटे बेऊर पर मौजूद थे.

मोकामा में घट रहा अनंत का जनाधार

मोकामा सीट पर अनंत सिंह ने 2020 के चुनाव में 35 हजार वोटों से जीत दर्ज की थी. अनंत ने इस चुनाव में जेडीयू उम्मीदवार को हराया था. 2022 के उपचुनाव में अनंत की पत्नी ने जीत तो दर्ज की, लेकिन मार्जिन 16 हजार पर पहुंच गया.

2024 के लोकसभा चुनाव में अनंत के समर्थन के बावजूद जेडीयू उम्मीदवार ललन सिंह मोकामा में पिछड़ गए. आरजेडी उम्मीदवार ने यहां 1100 वोटों की बढ़त हासिल की.

महाराष्ट्र: बांग्लादेशियों पर पुलिस की नकेल जारी, 10 को किया अरेस्ट

महाराष्ट्र के ठाणे जिले में छापेमारी कर देश में अवैध रूप से रहने के आरोप में पांच बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी. एक अधिकारी ने बताया कि कल्याण और डोंबिवली शहरों में ये छापे मारे गये थे. पुलिस उपायुक्त (जोन 3-कल्याण) अतुल जेंडे ने बताया कि चार महिलाओं और एक पुरूष को गिरफ्तार किया गया है जो इन इलाकों में छोटे-मोटे काम करते थे. उन्होंने बताया कि आरोपी गांधीनगर की एक झुग्गी कॉलोनी और कल्याण रेलवे स्टेशन के पास रह रहे थे

जेंडे ने बताया कि ये लोग भारत में प्रवेश करने और यहां रहने के पक्ष में कोई सबूत नहीं दिखा पाये. इसके बाद उनपर विदेशी नागरिक अधिनियम, भारतीय पासपोर्ट अधिनियम और पासपोर्ट (भारत में प्रवेश) अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया है.

मुंबई के कल्याण उल्हासनगर समेत महाराष्ट्र के अन्य हिस्सों में रह रहे अवैध बांग्लादेशी नागरिकों की धर पकड़ तेज हो गई है. मुंबई व उपनगर तथा ठाणे जिले के तमाम क्षेत्रों में बड़ी तादाद में बांग्लादेशी नागरिकों ने अपना अड्डा बना रखा है. वहीं कुछ लोगों ज्यादा पैसों की लालच में इन्हें संरक्षण देने का काम भी करते हैं. परिमंडल 3 के अंतर्गत आने वाले मानपाड़ा पुलिस स्टेशन व महात्मा फुले पुलिस की हद से कुल पांच बांग्लादेशियों को गिरफ्तार किया गया जिनमें, तीन महिलाएं भी शामिल हैं.

फेरी, जूस की दुकान लगाने वालों में बांग्लादेशी

चोरी छुपे बांग्लादेश की सीमा से घूसखोरी के जरिए यह भारत में प्रवेश करते हैं और यहां पर जुगाड़ के माध्यम से वैध कागजात बनाने में भी सफल हो जाते हैं. मुंबई, कल्याण उल्हासनगर में ज्यादातर चिकन सेंटर, फेरीवाले व जूस की दुकानों में इनकी बहुतायत संख्या है, ऐसा लोगों का कहना है. ठाणे के पुलिस आयुक्त के आदेश पर परिमंडल 3 में इनकी धर पकड़ तेज कर दी गई है. इसके तहत एक अलग टीम के माध्यम से इनको खोजने का काम किया जा रहा है.

इसी कार्रवाई के तहत टाटा पॉवर के देशमुख होम्स के नजदीक स्थित गांधीनगर झोपड़पट्टी क्षेत्र से मानपाड़ा पुलिस ने चार बांग्लादेशी तथा कल्याण पश्चिम में रेलवे की हद से एक बांग्लादेशी नागरिक को गिरफ्तार किया गया है. इनके पास भारत मे रहने का कोई भी वैध प्रमाणपत्र नहीं है. पकड़े गए लोगों में तीन महिलाएं भी शामिल हैं. नागरिकों की मांग है कि इन्हें संरक्षण देकर अपने घरों में ठहराने वालों पर भी सख्त कार्रवाई हो तभी इन पर अंकुश लग सकेगा अन्यथा आने वाले दिनों में यह भारत के लिए एक बड़ी मुसीबत साबित होंगे.

दिल्ली में एक दिन पहले मनाया जाता है गणतंत्र दिवस,जानें क्यों

देश भर में 76वें गणतंत्र दिवस समारोह की तैयारियां की जा रही हैं. हर छोटी-बड़ी जगहों पर बड़े ही धूमधाम के साथ गणतंत्र दिवस समारोह मनाया जाता है. लेकिन दिल्ली में एक दिन पहले ही गणतंत्र दिवस समारोह का तिरंगा सीएम आतिशी ने फहरा दिया है. उन्होंने छत्रसाल स्टेडियम में तिरंगा फहराया है. इसके बाद से ही कई तरह के सवाल उठ रहे हैं कि आखिर एक दिन पहले क्यों तिरंगा फहराया गया है. इसके पीछे की वजह नई दिल्ली में आयोजित होने वाली परेड है.

सीएम आतिशी ने छत्रसाल स्टेडियम में गणतंत्र दिवस के एक दिन पहले तिरंगा फहराया. इस दौरान उन्होंने लोगों को संबोधित भी किया. एक दिन पहले तिरंगा फहराने की वजह नई दिल्ली में होने वाली परेड है. ऐसा इसलिए क्योंकि गणतंत्र दिवस के एक दिन पहले राजधानी दिल्ली को सुरक्षा लिहाज से छावनी में तब्दील कर दिया जाता है.

दिल्ली- एनसीआर में कई तरह के पाबंदियां लागू कर दी जाती हैं. यही कारण है कि आज ही तिरंगा फहराया गया है. इसके अलावा कई प्रोटोकॉल के भी कारण हैं.

परेड के निरीक्षण में होना पड़ता है दिल्ली के सीएम को शामिल

एक दिन दिल्ली में तिरंगा इसलिए फहराया गया, क्योंकि 26 जनवरी को लाल किले पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम में सीएम और अन्य अधिकारियों को मौजूद रहना होता है. इस कार्यक्रम का पूरा निरीक्षण करना होता है. प्रोटोकॉल के मुताबिक कार्यक्रम में सीएम की मौजूदगी जरूरी होती है, ऐसा इसलिए क्योंकि लाल किले पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम में पीएम के साथ ही विदेशी मेहमान भी शामिल होते हैं. जिसके कारण, राज्य सरकार एक दिन पहले ही ऐतिहासिक अवसर मनाती है.

इसके अलावा, कड़ी राष्ट्रीय सुरक्षा के बीच, राष्ट्रीय राजधानी में राज्य सरकार के समारोहों के लिए एक अलग परेड आयोजित करना संभव नहीं है. यही कारण है कि 26 जनवरी के बजाय 25 जनवरी को ही दिल्ली में गणतंत्र दिवस मनाया जाता है. इसी दौरान परेड और सीएम का राज्य को संबोधन भी होता है.

क्या बोलीं सीएम आतिशी?

पने संबोधन के दौरान उन्होंने कहा कि सभी दिल्ली वासियों एवं देशवासियों को 76 वें गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं. जैसा कि हम इस दिन को मनाते हैं, यह उन स्वतंत्रता सेनानियों को याद करने का समय है जिन्होंने भारत की आजादी के लिए अपने जीवन का बलिदान दिया. यह बाबासाहेब अम्बेडकर का सम्मान करने का भी क्षण है, जिन्होंने आजादी के बाद हमें संविधान दिया.

गणतंत्र दिवस समारोह में विदेशी मेहमान होते हैं शामिल

इस साल, इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्राबोवो सुविआंतो भारत के गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि होंगे. सुबियांतो शनिवार को भारत पहुंच चुके हैं, उनका स्वागत राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया. हर साल गणतंत्र दिवस कार्यक्रम में किसी न किसी देश का प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति शामिल होता है.

पंजाब में सड़क दुर्घटनाओं में 25% आई कमी, मान सरकार ने बताया सड़क सुरक्षा फोर्स का कमाल

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि राज्य में सड़क सुरक्षा फोर्स की कामयाबी का असर दिखने लगा है, उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं में भारी कमी दर्ज की गई है. मुख्यमंत्री ने कहा कि फोर्स के गठन से प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं में 25 फीसदी की कमी आई है वहीं पंजाब में चिन्हित किए गए 1200 ब्लैक स्पाट जोकि सड़क दुर्घटनाओं की बड़ी वजह बने थे, उसमें 90 फीसदी ब्लैक स्पाट की तकनीकी खामियों को दूर कर दिया गया है.

मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार चरणबद्ध तरीके से सड़क दुर्घटनाओं को कम करने की दिशा में आगे बढ़ रही है. पंजाब सरकार ने सबसे पहले सड़क दुर्घटनाओं वाले ब्लैक स्पाट को चिन्हित किया, जिसकी संख्या 1200 के करीब थी. उसके बाद सरकार ने इन ब्लैक स्पाटों की तकनीकी खामियों को क्रमवार तरीके से दूर करना शुरू किया.

तकनीकी खामियां दूर की गईं

पंजाब सरकार ने बताया है कि राज्य में कई ऐसे ब्लैक स्पाट थे जहां पर गंभीर तकनीकी खामियां थीं. पंजाब सरकार ने ब्लैक स्पाट की तकनीकी खामियों को दूर किया. इस लक्ष्य को पाना इतना आसान नहीं था. क्योंकि ब्लैक स्पाट नेशनल हाई-वे पर भी थे. जिसमें विभिन्न प्रकार की तकनीकी खामियां भी थीं. जिसे पूरे योजनाबद्ध तरीके से दूर किया गया.

15 मिनट में स्पॉट पर पहुंचते हैं सहयोगी

एक तरफ मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने ब्लैक स्पाट की खामियों को दूर किया. दूसरी तरफ सड़क सुरक्षा फोर्स का गठन किया. सड़क सुरक्षा फोर्स के ट्रेंड मुलाजिम सड़क दुर्घटना होने पर लोगों की जान बचाने के लिए पूर्ण रूप से सक्षम हैं. सड़क सुरक्षा फोर्स राज्य व राष्ट्रीय मार्गों पर 144 अति आधुनिक वाहनों से लैस है. जोकि सड़क दुर्घटना होने की सूरत में 15 मिनट में घटनास्थल पर पहुंच जाती है.

तेजस्वी के हमले पर नीतीश के बचाव में उतरे मांझी; विजय सिन्हा और मंगल पांडे क्या बोले?

छोटे सरकार के नाम से चर्चित अनंत सिंह के क्षेत्र मोकामा में गैंगवार पर बिहार की सियासी तपिश बरकरार है। विपक्षी दल राजद और कांग्रेस नीतीश सरकार को घेरने में लगे हैं तो एनडीए के घटक दल हम, बीजेपी और जेडीयू बचाव में जुट गए हैं। तेजस्वी यादव ने बिहार के लॉ एंड ऑर्डर पर सवाल उठाते हुए कहा है कि सरकार अपराधियों को संरक्षण दे रही है तो नरेंद्र मोदी सरकार के एमएसएमई मंत्री जीतनराम मांझी ने नेता प्रतिपक्ष पर पलटवार कर दिया है। बीजेपी नेता और डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा के साथ स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने भी तेजस्वी यादव को आईना दिखाया है। इस मामले में चार एफआईआर दर्ज हो चुके हैं और अनंत सिंहल समेत सोनू सिंह और रौशन सिंह जेल जा चुके है। पूर्व विधायक अनंत सिंह ने कोर्ट में आत्मसमर्पण किया जबकि अन्य दो को गिरफ्तार किया गया।

जीतनराम मांझी ने पूछा है कि कोई आदमी अगर किसी प्रभावी व्यक्ति के पास आएगा और अपनी समस्या रखेगा और पंचायत के लिए जाने पर विरोधि पक्ष गोली चला देगा और उसके जवाब में अगर कोई गोली चलाता है तो यह लॉ एंड ऑर्डर का मामला है ? इसे विधि व्यवस्था का मामला नहीं कहा जा सकता है। लालू-राबड़ी राज की याद दिलाते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पहले क्या स्थिति थी। पांच बजे के बाद लोग घर से नहीं निकलते थे और नाईट शो का सिनेमा नहीं देखते थे। आज तो लड़कियां भी रात्रि शो में सिनेमा देखती हैं।

इधर डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने कहा है कि सरकार कानून व्यवस्था को लेकर पूरी तरह से सजग है। हर छोटी बड़ी घटना पर ध्यान है। गलत करने वाले बचेंगे नहीं, इमानदारी के साथ प्रशासन भी इस कांड पर काम कर रहा है। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने कहा है कि कहीं भी और किसी भी परिस्थिति में नीतीश कुमार के राज में और एनडीए के राज में कानून के राज से कभी समझौता नहीं किया जाता है। जो कोई भी गलती करता है उस पर कार्रवाई होती है।

जदयू नेता और मंत्री लेसी सिंह ने कहा है कि कहीं भी कोई घटना होती है कि पुलिस प्रशासन अपना काम करती है। उसमें सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं होता। हमारी सरकार में ना किसी को फंसाया जाता है और ना किसी को बचाया जाता है। इससे पहले डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने भी कहा था कि जिन लोगों ने गलती की है उन पर कार्रवाई की जा रही है।

दवाओं का बड़ा घोटाला! 135 दवाएं फेल, जानें कौनसी दवाएं हैं शामिल!

केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) ने दिसंबर में लिए दवाओं के सैंपल के रिजल्ट जारी किए हैं. इसके मुताबिक 135 से ज्यादा मानकों पर सही नहीं पाई गई हैं. जिन दवाइयों के सैंपल फेल हुए हैं, उनमें हार्ट, शुगर, किडनी, बी.पी. व एंटीबायोटिक सहित कई दवाइयां शामिल हैं. पिछले कुछ महीनों से लगातार दवाओं के सैंपल मानकों में फिट नहीं बैठते हैं. ये दवाएं देश की कई बड़ी फार्मास्युटिकल्स कंपनी बनाती है. क्वालिटी टेस्ट में ये मेडिसिन फेल हो गई है और उनको सेहत के लिए खतरनाक बताया गया है

इन दवाओं के निर्माता भी अब जांच के दायरे में हैं. इन दवाओं में ज्यादातर दवाएं मधुमेह और माइग्रेन की बीमारी में दी जाती थीं. केंद्रीय प्रयोगशालाओं ने 51 और राज्य औषधि परीक्षण प्रयोगशालाओं ने 84 दवाओं के नमूनों को मानक गुणवत्ता के अनुरूप नहीं पाए गए हैं. यही कारण है कि अब दवा निर्माताओं के लाइसेंस रद्द करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है.

खराब गुणवत्ता वाली प्रमुख दवाएं

इन दवाओं में जन औषधि केंद्रों को दी जाने वाली एंटीबायोटिक दवा-सेफपोडोक्साइम टैबलेट आईपी 200-एमजी, डाइवैलप्रोएक्स एक्सटेंडेड-रिलीज टैबलेट, मेटफॉर्मिन हाइड्रोक्लोर आईडीई टैबलेट, जिंक सल्फेट टैबलेट, मेटफॉर्मिन टैबलेट 500 एमजी, एमोक्सीमून सीवी-625, पेरासिटामोल 500 एमजी शामिल हैं.

साथ ही, सीएमजी बायोटेक की बीटा हिस्टाइन, सिपला की ओकामैट, एडमैड फार्मा की पेंटाप्राजोल, वेडएसपी फार्मा की अमोक्सीसिलिन, शमश्री लाइफ साइंसेस का मैरोपेनम इंजेक्शन-500, ओरिसन फार्मा की टेल्मीसार्टन, मार्टिन एंड ब्राउन कंपनी की एल्बेंडाजोल शामिल हैं.

अब तक 300 से ज्यादा दवाएं हुई थी बैन

सरकार ने कुछ समय पहले अलग-अलग टाइम पर कई दवाओं पर बैन लगाया था. इनमें 206 फिक्स डोज दवाओं को भी बैन किया था. उन दवाओं को भी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक बताया गया था. तब सरकार ने ड्रग्स एडवाइजरी बोर्ड की सिफारिशों के बाद यह फैसला लिया था. फिक्स डोज दवाएं यानी एफडीसी वो दवा होती है जिसमें एक ही गोली में एक से ज्यादा दवा मिलाई जाती है. उनको इनको खाने से तुरंत आराम भी मिल जाता है. अब एक साथ 135 दवाएं टेस्ट में फेल हुई हैं, जिसके कारण इनकी संख्या 300 के पार पहुंच चुकी है.

दवाओं की क्वालिटी कैसे चेक होती है?

दवाओं की गुणवत्ता जानने के लिए ड्रग अथॉरिटी क्वालिटी टेस्ट करती है. जांच के जरिए दवा की सेफ्टी और उसके असर को समझा जाता है. इसके लिए CDSCO के विशेषज्ञों की टीम कई तरह के टेस्ट करती है. पहले चरण के मुताबिक टीम दवाओं से जुड़े डॉक्यूमेंट्स, एक्सपायरी और लेबलिंग को जांचा जाता है. किसी भी तरह की झूठी जानकारी को क्रॉस चेक किया जाता है. जानकारी गलत मिलने पर उनकी लेबलिंग बदली जाती है.

हरियाणा: अंबाला में बसपा नेता को गोलियों से भूना, लड़ चुके थे विधानसभा चुनाव

हरियाणा के अंबाला में बहुजन समाज पार्टी के नेता की अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी. वारदात शुक्रवार रात की है. घटना से जिले में सनसनी फैल गई. अज्ञात हमलावरों ने नारायणगढ़ में आहलूवालिया पार्क के पास तीन लोगों पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाईं. गोली लगने से तीनों गंभीर रूप से घायल हो गए. इन्हें पीजीआई चंडीगढ़ में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान बसपा नेता हरविलास रज्जुमाजरा की मौत हो गई.

घटना का वीडियो भी सामने आया है, जिसमें गोलियां चलने की आवाज सुनाई दे रही है. पुलिस घटना की जांच में जुटी है और हमलावरों की तलाश की जा रही है. मृतक हरविलास रज्जुमाजरा बसपा के नेता हैं और वह पार्टी के सिंबल पर हरियाणा विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं. हमले में घायल अन्य दो लोगों का इलाज चल रहा है. तीनों एक ही कार से जा रहे थे.

गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंजा इलाका

अंबाला पुलिस ने भी हमलावरों को लेकर किसी तरह की जानकारी नहीं दी है. घटना के मुताबिक, हरविलास रज्जुमाजरा अपने दो साथी हरविलास पुनीत और गूगल नवाब सिंह के साथ कार में जा रहे थे. शुकवार की देर शाम करीब 7 बजकर 20 मिनट पर वह आहलुवालिया पार्क के गेट-1 के सामने पहुंचे तभी अचानक उनकी कार पर अज्ञात हमलावरों ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी. गोलियों की तड़तड़ाहट से इलाका गूंज गया. लोगों में अफरा -तफरी मच गई. गोली लगने से तीनों लोग गंभीर रूप से घायल हो गए. वहीं, हमलावर मौके से फरार हो गए.

इलाज के दौरान हुई मौत

घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर पुलिस पहुंच गई. सभी घायलों को पहले नारायणगढ़ के सिविल अस्पताल ले जाया गया. फिर उन्हें चंडीगढ़ के पीजीआई में रेफर किया गया. इलाज के दौरान हरविलास रज्जुमाजरा की मौत हो गई. घटना की जानकरी उनके समर्थकों को मिली, बड़ी संख्या में उनके समर्थक अस्पताल पहुंच गए. हरविलास रज्जुमाजरा ने बहुजन समाज पार्टी से नारायण विधानसभा चुनाव लड़ा था. वह रज्जू माजरा गांव के रहने वाले थे. उनका राधे फार्म नाम का एक बैंक्वेट हाल है और वे खेती बाड़ी भी किया करते थे.

एक बनी दूल्हा-दूसरी दुल्हन…मंदिर में लिए फेरे; दो महिलाओं ने एक दूसरे से की शादी

यूपी के गोरखपुर से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है. शहर में अपने शराब के आदी पतियों से तंग आकर यहां दो महिलाओं ने अपना घर छोड़ दिया. साथ ही एक दूसरे से शादी कर ली. जानकारी के मुताबिक कविता और गुंजा उर्फ बबलू ने गुरुवार 23 जनवरी शाम देवरिया के छोटी काशी कहे जाने वाले शिव मंदिर में शादी कर ली.

दोनों महिलाओं ने शादी करने के बाद संवाददाताओं को बताया कि वे पहली बार इंस्टाग्राम पर मिली थी और समान परिस्थितियों के कारण वे एक-दूसरे के करीब आ गईं. उन्होंने बताया कि दोनों को अपनी अपने शराबी जीवन साथियों के हाथों घरेलू हिंसा भी सहनी पड़ी. इस शादी को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंच गए. ये शादी अब आसपास के इलाकों में चर्चा का विषय बनी हुई है.

दुर्व्यवहार से परेशान थी महिलाएं

जानकारी के मुताबिक, मंदिर मेंगुंजा ने दूल्हे की भूमिका निभाई, कविता को सिंदूर लगाया और उन्होंने सात फेरे पूरे किए. इसके अलावा महिलाओं ने जीवन भर एक-दूसरे का साथ निभाने की कसम खाई है. शादी के बाद गुंजा ने कहा,”हम अपने पतियों के शराब पीने और उनके द्वारा दुर्व्यवहार किए जाने से परेशान थे. इसने हमें शांति और प्रेम का जीवन चुनने के लिए मजबूर किया. हमने गोरखपुर में एक जोड़े के रूप में रहने और जीवनयापन के लिए काम करने का फैसला किया है.” मंदिर के पुजारी उमा शंकर पांडेय ने कहा कि महिलाओं ने माला और सिंदूर खरीदा और अनुष्ठान किया.

इंस्टाग्राम पर हुई थी दोस्ती

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार दोनों की पहचान पांच साल पहले हुई थी. पतियों से अलग होने के बाद ये दोनों सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती थी.ऐसे में दोनों की इंस्टाग्राम पर दोस्ती हुई और बातचीत होने लगी. बातचीत के दौरान दोनों के एक दूसरे के अपने दुख बताए. इस बीच उनकी दोस्ती इतनी गहरी होती चली गई कि वो एक दूसरे के बिना नहीं रह पाती थी. जिसके बाद उन्होंने अपनी शादी करने का फैसला कर लिया

जियो का बड़ा हमला! फोनपे और पेटीएम को पटखनी देने के लिए मुकेश अंबानी ने शुरू की ये फ्री सर्विस!

अरबपति उद्योगपति मुकेश अंबानी अब फोनपे और पेटीएम जैसी बड़ी पेमेंट कंपनियों को पटखनी देने का प्लान बना चुके हैं. उनकी टेलीकॉम कंपनी रिलायंस जियो ने अपने बजट फोन Jio Bharat पर एक नई फ्री सर्विस शुरू कर दी है. ये सर्विस जियो भारत फोन डिवाइस इस्तेमाल करने वाले लाखों ग्राहकों की बड़ी बचत करेगी.

रिलायंस जियो ने जियो भारत डिवाइस पर शुक्रवार को ‘Jio Sound Pay’ सर्विस शुरू कर दी है. इस नए फीचर की वजह से अब छोटे दुकानदारों को हर यूपीआई पेमेंट रिसीव करने पर एक साउंड मेसेज सुनाई देगा. इस सर्विस के लिए उन्हें कोई पैसा भी नहीं चुकाना होगा.

PhonePe, Paytm का क्या होगा?

जियो भारत डिवाइस पर ये सर्विस शुरू करके मुकेश अंबानी ने फोनपे और पेटीएम जैसी कंपनियों के सामने बड़ी मुश्किल खड़ी कर दी है. अभी पेमेंट सर्विस देने के मामले में ये कंपनियां मार्केट लीडर हैं और इनके साउंड बॉक्स आम लोगों के बीच काफी पॉपुलर हैं. लेकिन इनके साउंड बॉक्स इस्तेमाल करने के लिए दुकानदारों को हर महीने करीब 125 रुपए का भुगतान करना होता है.

अब जियो भारत डिवाइस पर ये सर्विस फ्री होने से छोटे दुकानदारों के सालाना 1,500 रुपए बचेंगे. कंपनी के बयान में कहा गया है कि रिलायंस जियो भारत साउंड पे सर्विस का फायदा छोटे दुकानदारों से लेकर सब्जी वालों और फेरी वालों तक को होगा.

कई भाषाओं में पता चलेगा पेमेंट का कंफर्मेशन

जियो भारत डिवाइस पर मिलने वाली Jio Sound Pay सर्विस कई भाषाओं में उपलब्ध होगी. इस पर ग्राहकों को इंस्टेंट पेमेंट कंफर्मेशन सुनाई देगा. रिलायंस जियो ने इस फ्री सर्विस का ऐलान ऐसे वक्त में किया है जब लगातार 4 महीने उसका सब्सक्राइबर बेस कम होता रहा. हालांकि नवंबर में कंपनी के सब्सक्राइबर की संख्या बढ़ी है. इस दौरान सरकारी कंपनी बीएसएनएल ने अच्छी ग्रोथ दर्ज की है. बीएसएनएल ने इस दौरान बेहद कम कीमत पर 4G प्लान पेश किए हैं.

70 साल का दूल्हा तो 62 की दुल्हन, शादी के बंधन में बंधेंगे डेनियल और अन्नम्मा

कहते हैं कि प्यार की कोई उम्र नहीं होती, कोई शख्स किसी भी उम्र में पसंद आ जाए कुछ पता नहीं, फिर ये प्रेमी जोड़े उम्र और समाज के बंधनों से मुक्त हो जाते हैं… प्यार की एक ऐसी ही कहानी छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के जगदलपुर में भी सामने आई है. यहां 70 वर्षीय एक बुजुर्ग ने दूल्हा और 62 वर्षीय एक महिला ने दुल्हन बनने की अर्जी प्रशासन को दी है.

दरअसल, ढलती उम्र में अकेले जीवन बिता रहे 70 वर्षीय के टैंक डेनियल और 62 वर्षीय अन्नम्मा जोसेफ ने एक-दूसरे का सहारा बनने का निर्णय लिया. ये अब अपने रिश्ते को एक नाम भी देने जा रहे हैं. दोनों ने अपने वकीलों की मौजूदगी में कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचकर विशेष विवाद अधिनियम के तहत शादी के बंधन में बंधने की अर्जी डिप्टी कलेक्टर को दी है. 70 वर्षीय के टैंक डेनियल जगदलपुर के जामगुड़ा में रहते हैं. उनके दो बच्चे भी हैं. बच्चे अपने जिंदगी में अब व्यस्त हैं.

मेट्रिमोनियल साइट पर हुई मुलाकात

कुछ महीने पहले ही के टैंक डेनियल की मुलाकात एक मेट्रिमोनियल साइट के जरिए 62 साल की अन्नम्मा जोसेफ से हुई थी. दोनों की बातचीत होने के बाद अन्नम्मा जोसेफ केरला से के टैंक डेनियल से मुलाकात करने जगदलपुर आ गईं. यहां दोनों ने बातचीत की और फिर उम्र के बंधनों को तोड़ने का फैसला करते हुए शादी करने का फैसला किया.

अन्नमा जोसेफ की पहली शादी से 3 बच्चे

अन्नमा जोसेफ बताती हैं कि उनकी पहली शादी से तीन बच्चे हैं. बच्चों की शादी हो चुकी है. शराबी पति से उन्होंने तलाक ले लिया था, जिसके बाद से वह अकेले ही अपना जीवन व्यतीत कर रही थीं. दोनों ही शादी के निर्णय से पहले अपने-अपने बच्चों को इसकी जानकारी दी. दोनों के इस उम्र में एक-दूसरे का सहारा बनने के निर्णय का स्वागत बच्चों ने भी किया, जिसके बाद वकील के माध्यम से शादी की अर्जी देने पहुंच गए. फिलहाल इनकी अर्जी डिप्टी कलेक्टर के पास पड़ी है.