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कवासी लखमा की गिरफ्तारी पर कांग्रेस ने भाजपा और ईडी का फूंका पुतला, कहा – ED और CBI के दम पर राज करना चाहती है BJP

जगदलपुर-  शराब घोटाला मामले में ईडी ने कोंटा विधायक कवासी लखमा को गिरफ्तार कर लिया है. लखमा की गिरफ्तारी को लेकर बस्तर जिला कांग्रेस कमेटी ने ईडी के खिलाफ आक्रोश व्यक्त किया. बीजेपी और ईडी का पुतला दहन कर जमकर नारेबाजी भी की.

पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा की गिरफ्तारी पर पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने ट्वीट कहा, लखमा की गिरफ्तारी भाजपा की कुख्यात द्वेषपूर्ण राजनीति का एक और उदाहरण है. विपक्ष के नेताओं को फंसाना और उन पर जबरन दबाव बनाना भाजपा के गंदे खेल ने सरकारी संस्थाओं और जांच एजेंसियों की निष्पक्षता और काबिलियत पर से देश का विश्वास खत्म कर दिया है. इस संघर्ष के समय में हम सभी हमारे साथी, कांग्रेस नेता कवासी लखमा के साथ खड़े हैं.

ईडी के माध्यम से कांग्रेस को डराना चाहती है भाजपा : कांग्रेस

जगदलपुर में कवासी लखमा की गिरफ्तारी को लेकर कांग्रेस नेताओं ने कहा कि बीजेपी ईडी के माध्यम से कांग्रेस को डराना चाहती है. लखमा कोंटा से 6 बार के विधायक हैं. आगामी नगरीय और पंचायत चुनाव हैं. ऐसे में बीजेपी कई प्रकार के हथकंडे अपना कर कांग्रेस के गढ़ में विजय हासिल करना चाहती है. बीजेपी ईडी और सीबीआई के दम पर देश में राज करना चाहती है. लोकतंत्र को पूरी तरह से खत्म करने की कोशिश कर रही है.

पुलिस ने कसा शिकंजा : नशे के सौदागर को किया गिरफ्तार, 202 नग सोल्यूशन ट्यूब बरामद

कवर्धा-  नशे के कारोबार पर पुलिस ने शिकंजा कसते हुए आरोपी ओमंग देवांगन को गिरफ्तार किया है. जिसके पास से 202 नग सोल्यूशन ट्यूब बरामद किया है. आरोपी अमर सायकल स्टोर का मालिक बताया जा रहा है. फिलहाल आरोपी ओमंग के खिलाफ मामला दर्ज कर न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया है. मामला पिपरिया थाना के छोटे बाजार का है.

जानकारी के अनुसार, आरोपी ओमंग अमर सायकल स्टोर के नाम से एक दूकान का संचालन करता था. यहां वो साइकिल पंचर बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले सोल्यूशन को ऊंची कीमत पर बच्चों को नशा करने के लिए बेचता था. यह सोल्यूशन एक हानिकारक पदार्थ है, जो बच्चों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर असर डाल सकता है. सूचना पर पुलिस ने सुनियोजित योजना बनाई और एक व्यक्ति को आरोपी के पास ग्राहक बनाकर भेजा. जिसके बाद आरोपी को सोल्यूशन ट्यूब बेचते रंगे हाथ गिरफ्तार किया.
 
आरोपी के कब्जे से 202 नग सोल्यूशन ट्यूब बरामद किया गया है. आरोपी ने पुलिस, गवाहों और आपराधिक गतिविधियों को जारी रखने की धमकी भी दी. आरोपी ओमंग देवांगन के विरुद्ध धारा 126, 135(3) भा.दं.स. के तहत मामला दर्ज कर न्यायिक रिमांड में भेज दिया है.
माताओं एवं बच्चों का उत्तम स्वास्थ्य बनेगा प्रदेश की समृद्धि का आधार - मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

रायपुर-   माताओं एवं बच्चों का उत्तम स्वास्थ्य प्रदेश की उन्नति और समृद्धि का आधार बनेगा। माताओं एवं बच्चों का उत्तम स्वास्थ्य छत्तीसगढ़ के लोककल्याणकारी राज्य की सबसे महत्वपूर्ण प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज जशपुर जिले के बगिया स्थित मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय में आईआईटी बॉम्बे के सहयोग से आईआईटी बॉम्बे-जशपुर पोषण मिशन अंतर्गत 'स्वस्थ माता- तंदुरुस्त बच्चा' अभियान का शुभारंभ करते हुए यह बात कही।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने गर्भवती माताओं और बच्चों के पोषण स्तर को बेहतर बनाने जशपुर जिले में 'स्वस्थ माता-तंदुरुस्त बच्चा' अभियान का शुभारंभ किया। स्वास्थ्य विभाग और महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संयुक्त रूप से संचालित इस अभियान के तहत 9500 से अधिक स्वास्थ्य और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता आईआईटी बॉम्बे के माध्यम से पोषण संबंधी ऑनलाइन प्रशिक्षण प्राप्त करने के उपरांत माताओं और बच्चों के पोषण और स्वास्थ्य का ख्याल रखने के लिए पूरी तरह से तैयार है। अभियान के तहत 300 से अधिक मास्टर ट्रेनर जिले में स्वास्थ्य विभाग और महिला एवं बाल विकास विभाग के मैदानी कार्यकर्ताओं को सतत प्रशिक्षण प्रदान करेंगे। इस पहल का मुख्य उद्देश्य जशपुर जिले में कुपोषण को पूरी तरह समाप्त करना और माताओं एवं बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार लाना है। अभियान के तहत् गर्भवती माताओं, शिशुवती माताओं और 6 वर्ष तक के बच्चों को कुपोषण से मुक्त करने का लक्ष्य है। इसमें विशेष रूप से स्तनपान, पोषण आहार और पूरक आहार पर ध्यान केंद्रित किया गया है। इस पहल के जरिए गर्भवती माताओं को सही पोषण की जानकारी दी जाएगी, जिससे बच्चे शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ बन सके।

मुख्यमंत्री श्री साय ने 'स्वस्थ माता- तंदुरुस्त बच्चा' अभियान की सराहना करते हुए कहा कि यह पहल जिले में स्वास्थ्य और पोषण के प्रति जागरूकता को बढ़ाएगी, साथ ही कुपोषण को खत्म करने और गर्भवती माताओं, शिशुवती माताओं तथा 6 वर्ष तक के बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार लाने में सहायक होगी।

लखमा की गिरफ्तारी पर पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने कहा – बदले की भावना से की गई कार्रवाई, केंद्र में बैठे आकाओं के इशारे पर ED रच रही साजिश …
रायपुर- छत्तीसगढ़ में 2 हजार करोड़ के शराब घोटाला मामले में पूर्व आबकारी मंत्री और वरिष्ठ विधायक कवासी लखमा की गिरफ्तार पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भाजपा सरकार पर हमला बोला है. बघेल ने ट्वीट कर कहा है कि बदले की भावना से कार्रवाई की गई है. केंद्र सरकार में बैठे अपने आकाओं के इशारे पर ईडी कांग्रेस नेताओं को बदनाम करने की साजिश रच रही है. पूरी कांग्रेस पार्टी कवासी लखमा के साथ खड़ी है.
शराब घोटाला मामले में ED ने पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा और बेटे हरीश को किया गिरफ्तार

रायपुर- छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित 2000 करोड़ के शराब घोटाला मामले (Chhattisgarh liquor scam) में प्रवर्तन निदेशालय (ED) आज तीसरी बार पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा और बेटे हरीश लखमा को पूछताछ के लिए बुलाया था. खबर आ रही है कि पूछताछ के बाद ईडी ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया है. अब जल्द ही ED कवासी लखमा और हरीश लखमा को कोर्ट में पेश करेगी.

बता दें कि शराब घोटाला मामले में 28 दिसंबर को ED ने पूर्व मंत्री लखमा और उनके बेटे हरीश लखमा के ठिकानों पर छापेमार कार्रवाई की थी. छापेमार कार्रवाई में ED ने नगद लेनदेन के सबूत मिलने की जानकारी दी थी. 3 जनवरी को दोनों को पूछताछ के बाद छोड़ा गया था.

क्या है छत्तीसगढ़ का शराब घोटाला ?

दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में 11 मई, 2022 को आयकर विभाग ने पूर्व IAS अनिल टुटेजा, उनके बेटे यश टुटेजा और सौम्या चौरसिया के खिलाफ याचिका दायर की थी. जिसमें बताया गया था कि छत्तीसगढ़ में रिश्वत, अवैध दलाली के बेहिसाब पैसे का खेल चल रहा है. महापौर ऐजाज ढेबर का भाई अनवर ढेबर का भाई अवैध वसूली के खेल में शामिल है. जिसके बाद ईडी ने 18 नवंबर, 2022 को PMLA Act के तहत मामला दर्ज किया. अबतक मामले में 2161 करोड़ के घोटाले की बात का कोर्ट में पेश चार्जशीट में जिक्र किया है.

ईडी की चार्जशीट के अनुसार, साल 2017 में आबकारी नीति में संशोधन कर CSMCL के ज़रिये शराब बेचने का प्रावधान किया गया, लेकिन 2019 के बाद शराब घोटाले के किंगपिन अनवर ढेबर ने अरुणपति त्रिपाठी को CSMCL का MD नियुक्त कराया, उसके बाद अधिकारी, कारोबारी, राजनैतिक रसूख वाले लोगों के सिंडिकेट के ज़रिये भ्रष्टाचार किया गया, जिससे 2161 करोड़ का घोटाला हुआ. CSMCL के MD रहे अरुणपति त्रिपाठी मनपसंद डिस्टिलर की शराब को परमिट करते थे. देशी शराब के एक केस पर 75 रुपये कमीशन दिया जाना था, इस कमीशन की त्रिपाठी एक्सेलशीट तैयार कर अनवर ढेबर को भेजते थे . आरोप है कि अनवर ढेबर और अरुणपति त्रिपाठी के सिंडिकेट ने नकली होलोग्राम लगाकर अवैध तरीके से शराब की बेधड़क बिक्री की. इससे राज्य के राजस्व को बड़ा नुकसान हुआ. आपराधिक सिंडिकेट के जरिये CSMCL की दुकानों में सिर्फ तीन ग्रुप की शराब बेची जाती थीं, जिनमें केडिया ग्रुप की शराब 52 प्रतिशत, भाटिया ग्रुप की 30 प्रतिशत और वेलकम ग्रुप की 18 प्रतिशत हिस्सा शामिल है.

आउटर में भी ट्रैफिक रूल्स करने पड़ेंगे फॉलो, हेलमेट नहीं पहनने वालों पर होगी सख्ती

रायपुर-  यातायात पुलिस अब राजधानी से बाहर जाने वाले बाइक सवारों के हेलमेट नहीं पहनने पर सख्ती बरतेगी। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि रजिले में वाहनों की लगातार बढ़ती संख्या और अच्छी सड़कों पर वाहनों की अनियंत्रित रफ्तार के कारण दुर्घटनाओं में काफी वृद्धि हुई है।

खासकर आउटर इलाके में बिना हेलमेट के दोपहिया चलाते हुए हादसे में सबसे अधिक मौतें हो रही हैं। मौतों को रोकने के लिए ही शहर से बाहर जाने वाले दोपहिया सवारों को अब हेलमेट पहनना अनिवार्य होगा।

बताते चलें कि वर्ष 2023 में जहां 1961 सड़क दुर्घटनाओं में 507 लोगों की मौत हुई थी। वहीं, वर्ष 2024 में 2079 सड़क हादसों में 594 लोगों की मौत हुई है। इसमें सर्वाधिक 424 दोपहिया चालक और सवार शामिल हैं।

ये बिना हेलमेट के वाहन चलाते हुए हादसे का शिकार हुए थे। सिर में गंभीर चोट लगने के कारण ही इनकी मौत हुई थी। जिले में लगातार हो रही सड़क दुर्घटनाओं में दोपहिया चालकों की मौत का बढ़ रहा आंकड़ा काफी डरावना है।

सड़क हादसों के विश्लेषण में यह तथ्य सामने आया है कि सिर में गंभीर चोट लगने के कारण अधिक लोगों की मौत हुई है। दोपहिया चालक हेलमेट पहनकर निकलते, तो निश्चित ही 40-50 प्रतिशत मौतें कम होती हैं।

इस तरह अलग-अलग वाहनों से हुए हादसे (प्रतिशत में)

69.93 बाइक चालकों, सवारों की मौत

15.48 पैदल यात्रियों की मौत

3.43 ट्रैक्टर सवारों की मौत

2.95 कार सवारों की मौत

2.73 साइकिल सवारों की मौत

2.18 मालवाहक सवारों की मौत

2.04 ट्रक-ट्रेलर सवारों की मौत

0.83 हल्के सवारी वाहन सवारों की मौत

0.73 बस सवारों की मौत

43 सबसे ज्यादा हादसे दोपहर तीन बजे से रात नौ बजे के बीच।

काम नहीं आ रहा जागरूकता अभियान

यातायात पुलिस सड़क हादसे में होने वाली मौतों को रोकने लगातार जागरूकता अभियान चलाने के साथ सख्ती से चालानी कार्रवाई भी कर रही है। दोपहिया चालकों को लगातार हेलमेट पहनकर ही गाड़ी चलाने की सीख दे रही है, बावजूद इसके चालक हाईवे में हेलमेट लगाकर चलने की आदत नही बना पाए हैं।

हाईवे पर पांच जगहों में होगी जांच’

वाहन चालक सड़क पर निकलते हैं, तो यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि अनिवार्य रूप से यातायात नियमों का पालन कर वाहन चलाना है। दोपहिया में हेलमेट, चारपहिया में सीट बेल्ट लगाना है, नशे की हालत में व तेज रफ्तार वाहन नहीं चलाना है तभी दुर्घटनाओं में कमी लाई जा सकती है।

– गुरजीत सिंह, डीएसपी ट्रैफिक

लोग नहीं माने तो होगी चालानी कार्रवाई

डीएसपी ट्रैफिक ने कहा कि सड़क पर होनों वाली इन मौतों को कम करने के लिए पुलिस अब दोपहिया चालकों पर रख्ती करेगी। हाईवे में अनिवार्य रूप से हेलमेट धारण करने के लिए पहले लोगों को प्रेरित किया जाएगा।

शहर के आउटर क्षेत्र के पांच जगहों को चिह्नांकित किया गया है। वहां पहले दोपहिया वाहन चालकों को समझाइश दी जाएगी। इसके बाद भी यदि लोग नहीं मानते हैं, तो सख्ती से जांच करके उनके खिलाफ चालानी कार्रवाई भी की जाएगी।

अवैध धान परिवहन और भंडारण के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी, अबतक 10 हजार क्विंटल से अधिक धान जप्त

महासमुंद- कलेक्टर विनय लहंगे के मार्गदर्शन में महासमुंद जिले में धान खरीदी अनवरत रूप से जारी है. इसी के साथ अवैध धान परिवहन और भंडारण पर प्रशासन की कार्रवाई लगातार जारी है. वहीं केंद्रों में कलेक्टर और नोडल पहुंचकर धान खरीदी की मॉनिटरिंग कर रहे हैं. अनियमताएं पाए जानें पर अनुविभागीय अधिकारी, तहसीलदारों और खाद्य विभाग मंडी अधिनियम के तहत कार्रवाई कर रहा है।

खाद्य विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार 15 जनवरी तक 10 552 क्विंटल धान जप्त की गई है जबकि 18 वाहन को राजसात करने की कार्रवाई की जा रही है. जप्त की गई धान की लागत लगभग 2 करोड़ 42 लाख रुपए है.

अबतक बीते तीन दिनों में कार्रवाई की गई है

  • बसना के ग्राम बसुला में 11 जनवरी को 152 बोरा धान जप्त कर मंडी अधिनियम के तहत कारवाई की गई.
  • चेक पोस्ट पलसापाली में 13 जनवरी को 612 बोरी धान अवैध धान परिवहन करते हुए पाए जाने पर कारवाई की गई .
  • 13 जनवरी को ही सराईपाली अंतर्गत धान खरीदी उपरांत शासकीय धान को रिसाइक्लिंग किए जाने की खबर मिलने पर जांच की गई. ग्राम टेमरी में रामबाई के कोठार में काले रंग में स्टेंसिल लगे हुए और धान खरीदी पूर्ण होने पर लगाई जाने वाली लाल स्याही की मुहर सहित वर्ष 2024-25 में धान खरीदी में उपयोग हुए कुल 350 ख़ाली बोरे पाए गए. जिनसे धान निकल कर पलटी कर दिया गया है. इसी तरह के समिति में उपयोग किए गए कुल 32 बोरे धान से भरे हुए मौके पर पाए गए. इसके अलावा मौके पर कुल 525 संदिग्ध अवैध धान के बोरे भरे हुए पाए गए. समस्त 557 बोरे धान को मौके पर जब्त कर कोटवार के सुपुर्द किया गया.उक्त धान को राजसात करने की कार्यवाही की गई.
  • 14 जनवरी को सरायपाली अंतर्गत ग्राम अर्जुनदा में 350 कट्टा अवैध धान जप्त किया गया .
  • आज सुबह रात्रि 3 बजे 500 पैकेट धान लोड कर सरसींवा से सरायपाली अवैध परिवहन किया जा रहा था जिसे अनुविभागीय अधिकारी (रा )बसना द्वारा ग्राम कोटेनदहरा में पकड़ा गया तथा मंडी अधिनियम के तहत जब्त करने की कार्रवाई कर उप मंडी भंवरपुर के सुपुर्द दिया गया.
  • अंतर्राज्यीय सीमा जाँच चौकी रेहटीखोल/बंजारीनाका में अवैध परिवहन करते हुए धान ट्रक पकड़ा गया. जांच नाका प्रभारी चंद्रहास प्रधान व अन्य सहायोगियों द्वारा 560 पाकिट धान जप्त किया गया है. वाहन में झारखंड से धान लोड कर खपाने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ लाये जाने की आशंका के आधार पर रोका गया है.
SMC हॉस्पिटल के बेसमेंट में बिना अनुमति संचालित कैंटीन और डाइनिंग एरिया सील, सड़क पर बनाए रैंप को भी निगम की टीम ने तोड़ा

रायपुर-  प्रशासन से अनुमति लिए बिना अस्पताल के पार्किंग क्षेत्र में कैंटीन चलाना एसएमसी हॉस्पिटल को महंगा पड़ गया. कलेक्टर एवं नगर निगम प्रशासक डॉ. गौरव कुमार सिंह के आदेश पर एसएमसी हॉस्पिटल के बेसमेंट पार्किंग क्षेत्र में बिना अनुमति संचालित केंटीन और डाइनिंग एरिया को सील किया गया.

हॉस्पिटल संचालक को पूर्व में कई बार नोटिस देने के बाद भी बेसमेंट पार्किंग में बिना अनुमति संचालित केंटीन और डाइनिंग एरिया का संचालन बंद नहीं करने पर यह कार्रवाई की गई. एसएमसी हॉस्पिटल द्वारा सड़क को सामने की ओर घेरकर बनाए गए रेम्प को हटाने की कार्रवाई भी की गई.

सड़क पर बनाए रेम्प को हटाने से दूर हुई यातायात समस्या

सड़क पर रेम्प बनाए जाने से वहां लगातार सड़क यातायात बाधित रहने से जाम लग रहा था. यातायात जाम की समस्या रेम्प हटाने के तत्काल बाद दूर हो गई. साथ ही यातायात सुगम और सुव्यवस्थित हो गया, जिससे नागरिकों को राहत मिली.

छत्तीसगढ़ में ओबीसी आरक्षण पर विवाद : पंचायत राज अधिनियम में संशोधन को हाईकोर्ट में चुनौती, जिला पंचायत उपाध्यक्ष ने लगाई याचिका

बिलासपुर-    छत्तीसगढ़ में ओबीसी आरक्षण का विवाद बढ़ता जा रहा है. प्रदेश की विष्णुदेव साय सरकार ने पंचायती राज अधिनियम में संशोधन किया है. इसके खिलाफ हाईकोर्ट में जिला पंचायत सूरजपुर के उपाध्यक्ष नरेश रजवाड़े ने याचिका लगाई है. इस मामले पर हाईकोर्ट में जल्द सुनवाई हो सकती है.

सूरजपुर जिला पंचायत के उपाध्यक्ष नरेश रजवाड़े ने हाईकोर्ट में राज्य सरकार की ओर से ओबीसी आरक्षण शून्य किए जाने के खिलाफ याचिका दायर किया है. रजवाड़े ने मामले को लेकर हाइकोर्ट में अधिवक्ता शक्ति राज सिन्हा के माध्यम से याचिका पेश की है. याचिकाकर्ता के मुताबिक, पांचवी अनुसूची में शामिल जिलों में ओबीसी वर्ग को आरक्षण प्रदान करने वाली छत्तीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम की धारा 129(ड.) की उपधारा (03) को लोप करने के लिए पिछले साल 3 दिसंबर को राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ पंचायत राज (संशोधन) अध्यादेश -2024 को लाया. भारत के संविधान की अनुच्छेद 213 में निहित प्रावधान के तहत कोई भी अध्यादेश अधिकतम छह माह की अवधि तक ही क्रियाशील होता है अथवा विधानसभा के आगामी सत्र में अनिवार्य रूप से प्रस्ताव पारित कर अधिनियम का रूप दिलाना होता है, जिसमें छत्तीसगढ़ शासन ने गंभीर चूक की है.

उक्त अध्यादेश जारी होने के बाद 16 से 20 जनवरी 2024 तक आयोजित छत्तीसगढ़ विधान सभा के आहूत सत्र में इस महत्वपूर्ण अध्यादेश को पारित नहीं कराते हुए मात्र विधानसभा के पटल पर रखा गया है, जिसके कारण उक्त अध्यादेश वर्तमान में विधिशून्य/औचित्यविहीन हो गया है. ऐसी स्थिति में वर्तमान में उक्त संशोधन के आधार पर छत्तीसगढ़ पंचायत निर्वाचन नियम (5) में 24 दिसंबर 2024 को किया गया संशोधन पूर्णतः अवैधानिक हो गया है. हाईकोर्ट में लगाई गई याचिका में कहा गया कि इस प्रकार अवैधानिक हो चुके संशोधित छत्तीसगढ़ पंचायत निर्वाचन नियम (5) के आधार पर प्रदेश के संचालक पंचायत एवं सभी जिलों में कलेक्टर द्वारा त्रिस्तरीय पंचायत निर्वाचन के लिए जारी किया गया आरक्षण रोस्टर पूर्णतः अवैधानिक हो गया है. इसे निरस्त कर छत्तीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम के पूर्व प्रावधान के आधार पर आरक्षण रोस्टर निर्धारित कर वैधानिक रूप से पंचायत चुनाव कराया जाए.

क्षेत्रीय कैंसर संस्थान ने रचा इतिहास: डॉक्टरों ने पाइपेक पद्धति से किया पेट की झिल्ली के कैंसर का सफल उपचार, ओडिशा की महिला को मिला नया जीवन

रायपुर-  प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में स्वास्थ्य सुविधाओं का लगातार सशक्तिकरण हो रहा है। स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के अथक प्रयासों से राज्य की जनता को सहज और सर्वसुलभ स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिल रहा है। वहीं नित नये वैज्ञानिक शोध, परीक्षण और निष्कर्ष पर आधारित आधुनिक चिकित्सा प्रणाली की मदद से आज मनुष्य कई गंभीर बीमारी से ठीक होकर निकल रहे हैं। डॉक्टरों की उपचार प्रक्रिया और मरीज की सकारात्मक सोच की बदौलत कैंसर जैसे असाध्य रोग भी अब साध्य हो चले हैं। इसी क्रम में हाल ही में पं. जवाहर लाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय से संबद्ध डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय स्थित क्षेत्रीय कैंसर संस्थान के आंकोसर्जरी (कैंसर सर्जरी) विभाग के डॉक्टरों की टीम ने पेट की झिल्ली के (पेरिटोनियम) कैंसर से पीड़ित महिला का उपचार पाइपेक (PIPAC) पद्धति से कर महिला के बहुमूल्य जीवन को बचाने में अपनी अहम भूमिका निभाई है। संभवतः मध्य भारत के किसी भी शासकीय कैंसर अस्पताल में इस पद्धति से पहली बार इलाज कर डॉक्टरों ने मरीज के पेट की झिल्ली के कैंसर का इलाज किया है। पाइपेक यानी प्रेशराइज्ड इंट्रापेरिटोनियल एरोसोलाइज़्ड कीमोथेरेपी, कैंसर बीमारी में दी जाने वाली कीमोथेरेपी का ही एक प्रकार है। यह उदर गुहा में दबाव के साथ कीमोथेरेपी को पहुंचाती है जिससे कैंसर कोशिकाओं को फैलने से रोकने में मदद मिलती है। कैंसर सर्जन डॉ.(प्रो.) आशुतोष गुप्ता के नेतृत्व में लेप्रोस्कोपिक विधि से न्यूनतम इनवेसिव प्रक्रिया के अंतर्गत किये गये इस उपचार विधि में कीमोथेरेपी को एक मशीन के जरिये एरोसोल के रूप में दिया जाता है जिससे कैंसर उत्तकों में दवा का प्रभाव ज्यादा होता है और कैंसर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। ओड़िशा की रहने वाली 54 वर्षीय महिला मरीज को उपचार के पांच दिन बाद अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया था। उपचार के बाद वह अब ठीक है और फॉलोअप के लिए आ रही है।

पाइपेक एक लेप्रोस्कोपिक प्रक्रिया है। इसका मतलब है कि डॉक्टर मरीज के पेट में एक या दो छोटे छेद करके इस प्रक्रिया को पूरी करते हैं जिन्हें एक्सेस पोर्ट भी कहा जाता है।

क्षेत्रीय कैंसर संस्थान के संचालक एवं पं. नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. विवेक चौधरी ने पहली बार इस नये विधि से किये गये सफल उपचार के लिए कैंसर सर्जरी विभाग की पूरी टीम को बधाई दी है। साथ ही उन्होंने कहा है कि यह एक सुरक्षित और प्रभावी उपचार प्रक्रिया है जो कीमोथेरेपी के प्रभाव को बढ़ाता है। कोलोरेक्टल कैंसर, डिम्बग्रंथि का कैंसर और गैस्ट्रिक कैंसर जैसे कैंसर बीमारियों में कीमोथेरेपी के नये विकल्प के रूप में इसे अपनाया जा सकता है। प्रयास करेंगे कि भविष्य में कैंसर के अन्य मरीजों को भी इस उपचार सुविधा का लाभ मिल सके।

अम्बेडकर अस्पताल अधीक्षक डॉ. संतोष सोनकर ने कहा कि अम्बेडकर अस्पताल के डॉक्टरों द्वारा मरीजों के उपचार हेतु किये जा रहे निष्ठापूर्ण प्रयासों ने लोगों का विश्वास इस संस्था के प्रति सदा से ही बनाये रखा है।

कैंसर सर्जन डॉ. आशुतोष गुप्ता के अनुसार, प्रेशराइज्ड इंट्रापेरिटोनियल एरोसोलाइज़्ड कीमोथेरेपी एक तकनीक है जो दबाव के तहत एरोसोल के रूप में उदर गुहा में कीमोथेरेपी को पहुंचाती है। एरोसोल दो शब्दों से मिलकर बना है। एयरो यानी विशेष हवा और सोल अर्थात् द्रव में अत्यंत छोटे कणों के रूप में पदार्थ का मिश्रण। दबावयुक्त एरोसोल पूरे पेट में कीमोथेरेपी को समान रूप से वितरित करता है। एडवांस पेरिटोनियम कैंसर, जीआई कैंसर और एडवांस ओविरयन कैंसर जैसी बीमारियों में उपचार की इस नई प्रक्रिया के कई संभावित लाभ हो सकते हैं। कीमोथेरेपी की उच्च सांद्रता के कारण कैंसर कोशिकाओं से लड़ने की क्षमता में वृद्धि होती है और अन्य अंगों को नुकसान कम होता है। गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल लक्षण जैसे मतली, उल्टी, कब्ज, दस्त और भूख न लगना जैसी स्थितियां कम होती हैं। लीवर और किडनी जैसे अंगों को कम नुकसान होता है।

ऐसे संपन्न की जाती है प्रक्रिया

डॉ. आशुतोष गुप्ता ने बताया कि सबसे पहले प्रक्रिया के लिए एक्सेस पोर्ट बनाते हैं फिर पेरिटोनियम (पेट की परत वाली झिल्ली) को फुलाने के लिए पोर्ट का उपयोग करते हैं। एक एक्सेस पोर्ट में दबावयुक्त कीमोथेरेपी देने वाला उपकरण डालते हैं। दबावयुक्त एरोसोल कीमोथेरेपी को लगभग 30 मिनट तक पेरिटोनियम के भीतर दिया जाता है। इसके बाद मरीज के पेट से सभी उपकरणों को बाहर निकाल देते हैं और छोटे छेद/चीरे को बंद कर देते हैं। उपचार करने वाली टीम में कैंसर सर्जन डॉ. आशुतोष गुप्ता के साथ डॉ. किशन सोनी, डॉ. राजीव जैन, डॉ. गुंजन अग्रवाल और एनेस्थीसिया से डॉ. शशांक शामिल रहे।