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AAP का बड़ा ऐलान: पुजारियों और ग्रंथियों को मिलेगी 18 हजार रुपये महीने की सम्मान राशि!

आम आदमी पार्टी ने पुजारियों के लिए बड़ा ऐलान किया है. पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने मंदिर और गुरुद्वारों में पूजा करने वाले ग्रंथियों के लिए योजना शुरू करने की घोषणा की है. PUJARI Granthi Samman Yojna के तहत मंदिरों के पुजारी और गुरुद्वारे में ग्रंथियां को हर महीने सम्मान राशि दी जाएगी. पुजारियों को स्कीम के तहत हर महीने 18 हजार रुपये की राशि दी जाएगी.

इस स्कीम का ऐलान करते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा, पुजारी भगवान की पूजा कराता है, जिसने सदियों से हमारी परंपराओं और रीति रिवाज को पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ाया है. पुजारी की तरफ हम ने कभी ध्यान नहीं दिया. आज इस योजना के जरिए इसे वेतन या तनक नहीं कहूंगा बल्कि इनका सम्मान करने के लिए इसकी घोषणा कर रहा हूं कि लगभग 18000 रुपए महीना सम्मान राशि आम आदमी पार्टी के सरकार बनने के बाद पुजारियों को दी जाएगी.

केजरीवाल ने क्या कहा?

इस स्कीम का ऐलान करते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा, ऐसा देश में पहली बार हो रहा है, किसी राज्य में ऐसा नहीं हुआ जैसा दिल्ली में हो रहा है. पहले भी हमने कई काम पहली बार शुरू की. बीजेपी सरकार और कांग्रेस की सरकार भी इससे सीख कर अपने-अपने राज्यों के अंदर पुजारी और ग्रंथियां के लिए सम्मान योजना शुरू करेंगे.

अतुल सुभाष सुसाइड केस: निकिता और ससुरालियों की बेल पर आज सुनवाई, क्या मिलेगी जमानत?

अतुल सुभाष सुसाइड केस को 21 दिन बीत चुके हैं. अतुल की बीवी निकिता सिंघानिया, सास निशा और साला अनुराग पिछले 15 दिन से न्यायिक हिरासत में हैं. आज उनकी न्यायिक हिरासत का आखिरी दिन है. बेंगलुरु कोर्ट में तीनों आरोपियों को पेश किया जाएगा. अतुल के भाई विकास ने बताया था कि तीनों आरोपियों ने बेल के लिए भी अप्लाई किया. उस पर भी आज सुनवाई होनी है. क्या कोर्ट तीनों को आज बेल देगी या नहीं, इस पर सभी की नजर है.

बेंगलुरु पुलिस ने तीनों आरोपियों से 15 दिन में कई सवाल-जवाब किए हैं. हालांकि, पूछताछ में निकिता ने खुद को और अपने परिवार को बेकसूर बताया है. कहा कि अतुल और उनके परिवार ने ही उसे दहेज के लिए परेशान किया था और घर से निकाला था. तभी तो वो जौनपुर वापस गई. उसने पुलिस को बताया कि वो सितंबर 2021 के बाद से अतुल से कभी भी डायरेक्ट नहीं मिली. उनकी मुलाकात हमेशा कोर्ट में ही होती थी. फोन पर भी कभी बात नहीं होती थी. और न ही दोनों एक दूसरे को मैसेज भेजते थे.

अतुल ने भी सुसाइड से पहले यही सब कहा था. ऐसे में माना जा रहा है कि निकिता और उसके परिवार को बेल मिलने के चांस हैं. लेकिन अतुल के भाई विकास ने कहा कि हम भी न्याय के लिए लड़ते रहेंगे. अगर हमें न्याय न मिला तो हम सुप्रीम कोर्ट तक जाएंगे. उन्होंने ये भी कहा कि वो जल्द ही दिल्ली में कैंडिल मार्च निकालेंगे. अतुल के भाई ने कहा- मेरी मां ने मेरे भतीजे की कस्टडी के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली है. उस पर भी 7 जनवरी को सुनवाई होनी है.

भाई पर लगाए गए आरोप गलत’

विकास ने कहा- निकिता खुद को बचाने के लिए मेरे भाई पर गलत आरोप लगा रही है. वो कह रही है कि मेरे भाई की गर्लफ्रेंड थीं. अगर उनकी गर्लफ्रेंड होतीं तो वो निकिता से शादी ही क्यों करते. मेरे भाई का रिश्ता सिर्फ निकिता से ही हुआ था और उसी से शादी भी हुई. दोनों मैट्रीमोनियल के जरिए मिले. जनवरी 2019 में दिल्ली में दोनों का रोका हुआ. फिर जून 2019 में शादी. वो सिर्फ दो ही दिन ससुराल में रही. फिर भाई के पास चली गई. लेकिन उसके बाद दोनों के बीच लड़ाई-झगड़े होने लगे. हम परेशान न हों, इसलिए भाई ने हमें कभी भी इस बारे में नहीं बताया. लेकिन सुसाइड से पहले उन्होंने मुझे सब कुछ बता दिया.

क्या है अतुल सुभाष केस?

बिहार के समस्तीपुर निवासी अतुल सुभाष ने बेंगलुरु स्थित अपने फ्लैट पर 9 दिसंबर को फांसी का फंदा लगाकर सुसाइड कर लिया था. मरने से पहले अतुल ने 24 पन्नों का सुसाइड नोट और डेढ़ घंटे का वीडियो बनाकर छोड़ा. इसमें उन्होंने निकिता और ससुरालियों पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया.

10 दिसंबर को उनके भाई की तहरीर पर निकिता सहित 4 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई. निकिता, निशा और अनुराग तो फिलहाल बेंगलुरु जेल में बंद हैं. लेकिन आरोपी चाचा ससुर को गिरफ्तार होने से पहले ही इलाहाबाद हाईकोर्ट से बेल मिल गई. गिरफ्तार तीनों आरोपियों की आज यानि 30 दिसंबर को न्यायिक हिरासत का अंतिम दिन है. इस दौरान बेंगलुरु पुलिस को उन्होंने पूछताछ में क्या-क्या बताया, यह सब कोर्ट में बताया जाएगा. फिर आगामी कार्रवाई होगी.

महाकुंभ मेले में पहली डिलीवरी: प्रयागराज के सेंट्रल हॉस्पिटल में जन्मा पहला बच्चा!

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में होने जा रहे महाकुंभ मेले को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं. इसी बीच महाकुंभ नगर के सेंट्रल हॉस्पिटल में किलकारी गूंजी. यहां रविवार को महाकुंभ से पहले पहली डिलीवरी कराई गई. सेंट्रल हॉस्पिटल में डॉक्टर गौरव दुबे के नेतृत्व में तीन डॉक्टरों की टीम ने मिलकर एक महिला की डिलीवरी कराई. महाकुंभ मेला के नोडल चिकित्सा डॉक्टर गौरव दुबे ने बताया कि महाकुंभ नगर के सेंट्रल हॉस्पिटल में पहले बच्चे का जन्म हुआ है.

एक 20 साल की सोनम नाम की महिला ने हॉस्पिटल में बेटे को जन्म दिया. डॉक्टरों के मुताबिक बच्चे का वजन 2.4 किलो है. सेंट्रल हॉस्पिटल में डॉक्टर गौरव के नेतृत्व में डॉक्टर नूपुर और डॉक्टर वर्तिका ने यह सफल ऑपरेशन किया है. उन्होंने बताया कि जच्चा (जन्म देने वाली मां) और बच्चा पूरी तरह स्वस्थ हैं. दोनों को सेंट्रल हॉस्पिटल से एम्बुलेंस के जरिए स्वरूप रानी मेडिकल कॉलेज भेजा गया है. महिला मंझनपुर की रहने वाली है, जो अपने पति के साथ प्रयागराज आई है.

पहली बार डिलीवरी की सुविधा

महाकुंभ मेला क्षेत्र के परेड में स्थापित अस्थाई अस्पताल में पहली बार डिलीवरी की सुविधा भी दी जा रही है. यहां लेबर रूम भी बनाया गया है. इसके अलावा महाकुंभ में आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं की जरूरतों के लिए हर संभव इंतजाम किए गए हैं. इसके साथ ही महाकुंभ में आने वाला कोई भी श्रद्धालु भूखा नहीं रहेगा. क्योंकि यहां पर कई फ्री फूड कैंप भी लगाए जा रहे हैं. ये कैंप संस्थाएं लगा रही हैं

40 करोड़ श्रद्धालु पहुंच सकते हैं

महाकुंभ का आयोजन जनवरी में 13 तारीख से होने जा रहा है. उम्मीद जताई जा रही है कि महाकुंभ में 40 करोड़ श्रद्धालु पहुंच सकते हैं. ऐसे में महाकुंभ को लेकर तैयारियां भी जोरो-शोरों से चल रही हैं. कई हजार पुलिसकर्मियों को सुरक्षा के मद्देनजर वहां पर तैनात कर दिया गया है. यही नहीं महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए 600 बसों को लगाए जाने की तैयारी है.

पंजाब बंद: किसानों का प्रदर्शन जारी, जानें क्या हैं मांगें और कैसे पड़ा यातायात पर असर।

किसान संगठनों ने आज 10 घंटे का बंद रखा है. ये बंद शाम चार बजे तक चलेगा. वहीं, किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का अनशन 35 दिन से जारी है. खनौरी में किसान नेताओं ने कहा कि वे अपना विरोध जारी रखने के लिए गांधीवादी तरीके का पालन कर रहे हैं और ये सरकार को तय करना है कि वह उनके नेता को हटाने के लिए बल प्रयोग करना चाहती है या नहीं. इस बीच सुबह 7 बजते ही पंजाब के मोहाली में एयरोसिटी रोड पर मुख्य सड़क और ऊपर जा रही रेलवे लाइन को किसानों ने जाम कर दिया.

जाम के दौरान इमरजेंसी सेवाओं और एयरपोर्ट की ओर जा रहे यात्रियों को निकलने की अनुमति दी गई है. आज पंजाब बंद को देखते हुए पुलिस ने ट्रैफिक एडवाइजरी जारी है. ट्रैफिक पुलिस ने यात्रा के लिए लोगों से वैकल्पिक मार्ग अपनाने की सलाह दी है. बंद को देखते हुए पंजाब में सड़क और ट्रेन यातायात पर खासा असर पड़ा है. कई ट्रेनों रूट बदल दिए गए हैं, जबकि 163 ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं. पूरे पंजाब में करीब चार घंटे तक सरकारी बसें नहीं चलेंगी. 1 हजार से ज्यादा बसों के पहिए सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक पूरी तरह जाम रहेंगे.

किसानों से बंद में शामिल होने की अपील

हरियाणा के हिसार में कल किसान आंदोलन के समर्थन में खाप महापंचायत का आयोजन किया गया था, जिसमें सभी किसान मोर्चों से एकजुट हो कर आंदोलन आगे बढ़ाने की अपील की गई थी. किसान मजदूर मोर्चा और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के कॉर्डिनेटर और किसान नेता सरवन सिंह पंढेर और रेसलर बजरंग पुनिया भी हिसार महापंचायत में पहुंचे थे. उन्होंने पंजाब के लोगों से आज किए जा रहे पंजाब बंद में बड़ी संख्या में शामिल होने की अपील जारी की है.

किसानों की क्या हैं मांगें

MSP पर खरीद की गारंटी का कानून.

स्वामीनाथन आयोग के हिसाब से कीमत.

भूमि अधिग्रहण कानून 2013 लागू हो.

आंदोलन में लगे मुकदमे वापस लिए जाएं.

किसानों का कर्जा माफ हो, पेंशन दी जाए.

फसल बीमा योजना का प्रीमियम सरकार दे.

मारे गए किसानों के परिजनों को नौकरी.

लखीमपुर कांड के दोषियों को सजा मिले.

मनरेगा में 200 दिन काम, 700 रु. मजदूरी.

नकली बीज-खाद पर सख्त कानून.

मसालों की खरीद पर आयोग का गठन.

भूमिहीन किसानों के बच्चों को रोजगार.

मुक्त व्यापार समझौते पर रोक लगाई जाए.

राजस्थान में दर्दनाक हादसा: करंट लगने से 3 बच्चों की मौत, बिजली कंपनी पर केस दर्ज।

राजस्थान के कोटा और झालावाड़ में रविवार को अलग-अलग घटनाओं में करंट लगने से तीन बच्चों की मौत हो गई. पुलिस ने बताया कि कोटा के महावीर नगर थाना क्षेत्र में टीचर्स कॉलोनी में बिजली के तार पर फंसी पतंग को उतारने की कोशिश कर रहे करण (11) की करंट लगने से मौत हो गई.

थाना प्रभारी महेंद्र ने बताया कि कुछ मीटर दूर खड़ा उसका भाई राहुल (9) भी करंट लगने से झुलस गया, लेकिन उपचार के बाद उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई. झालावाड़ के अकलेरा कस्बे में देवकरण मीणा (10) और यश (8) जब अपने घर के बाहर खेत में खेल रहे थे तभी बिजली का हाईटेंशन तार उन पर गिर गया, जिससे दोनों की मौत हो गई.

करंट लगने से तीन बच्चों की मौत

दरअसल राजस्थान के कोटा और झालावाड़ जिलों में करंट लगने से तीन बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई. जानकारी के मुताबिक दोनों घटनाओं में बड़ी लापरवाही सामने आई है. कोटा के महावीर नगर थाना क्षेत्र के टीचर्स कॉलोनी में 11 साल के करण को उस समय बिजली का झटका लगा, जब वह बिजली के तार पर फंसी पतंग को उतार रहा था.

पतंग उतारते समय हुआ हादसा

पुलिस के मुताबिक, पतंग के मांझे में धातु पाउडर की परत थी, जिसकी वजह से करंट लग गया. इस दौरान करण का 9 साल का भाई राहुल भी करंट की चपेट में आ गया. महावीर नगर थाना अधिकारी महेंद्र मारू ने बताया कि इस हादसे में करण की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि राहुल को अस्पताल में प्राथमिक इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई.

बिजली कंपनी के खिलाफ FIR

करण की मौत के मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है. वहीं झालावाड़ के एकलेरा कस्बे में देवकरण मीना (10) और यश बागड़ी (8) खेत में खेलते समय हादसे का शिकार हो गए. उनके घर के पास से गुजर रहे एक हाई-टेंशन तार के गिरने से दोनों बच्चों को करंट लग गया और उनकी मौत हो गई.

नकली स्ट्राइक बंद तो नहीं करा रही YouTube चैनल? सामने आया Fake Lawyer के स्ट्राइक्स भेजने का मामला

ज़रा सोचिए सालों से मेहनत कर आपने YouTube Channel पर लाखों फॉलोअर्स को जोड़ा हो और चैनल पर व्यूज भी अच्छे-खासे आ रहे हो और एक दिन आपकी वीडियो उड़ जाएं तो…? आप क्या करेंगे. अगर किसी के साथ भी ऐसा हो जाए तो उस यूट्यूबर की तो रातों की नींद ही उड़ जाएगी, अब हाल ही में एक ऐसा ही मामला सामने आया है, एक नकली निन्टेंडो वकील यूट्यूबर्स को डरा रहा है.

क्या है पूरा मामला?

द वर्ज की रिपोर्ट सेे पता चला है कि सितंबर के अंत में, Dominik Domtendo Neumayer जोकि एक Vlogger है उन्हें एक ईमेल आता है जिसने उन्हें काफी परेशान कर दिया. उन्होंने अपने यूट्यूब चैनल पर द लेजेंड ऑफ ज़ेल्डा: इकोज ऑफ विजडम सीरीज की वीडियो को डालना शुरू किया था लेकिन अब ये सभी वीडियो उनके चैनल से अचानक गायब हो गए.

यूट्यूब ने समझाया कि आपके कुछ वीडियो हटा दिए गए है, ईमेल में ये भी कहा गया कि अब आपको कॉपीराइट स्ट्राइक्स मिलेंगे. वह अब अपने 17 साल पुराने चैनल और 1.5 मिलियन से ज़्यादा सब्सक्राइबर खोने से सिर्फ एक कॉपीराइट स्ट्राइक दूर है.

डोमटेंडो शुरू से ही थोड़ा कंफ्यूज था क्योंकि स्ट्राइक का कोई मतलब ही नहीं बनता था. अनगिनत अन्य क्रिएटर्स की तरह, डोमटेंडो भी लेट्स प्ले वीडियो में माहिर है. ईमेल में लिखा था कि अगली कॉपीराइट स्ट्राइक आपके चैनल को बंद कर देगी. ऐसा ईमेल पढ़ने के बाद तो कोई भी डर जाएगा जो सालों से अपने चैनल को ग्रो करने के लिए काम कर रहा है.

यूट्यूब को एक अनुरोध प्राप्त हुआ जो डिजिटल मिलेनियम कॉपीराइट एक्ट (DMCA) के तहत इन टेकडाउन को उचित ठहराता है और इस पर निन्टेंडो लीगल डिपार्टमेंट (निन्टेंडो ऑफ अमेरिका) के तात्सुमी मसाकी हस्ताक्षर थे.

क्या है यूट्यूब का कहना?

फेक टेकडाउन वास्तविक हैं और इस मामले में यूट्यूब का कहना है कि पब्लिक वेबफ़ॉर्म के जरिए आने वाली लगभग 6 फीसदी रिक्वेस्ट फेक होती हैं. फेक टेकडाउन के खिलाफ लड़ने में क्रिएटर्स का समय और पैसा खर्च हो सकता है.

तमिलनाडु: त्रिची एयरपोर्ट पर बड़ी तस्करी का खुलासा, कस्टम विभाग ने बरामद किए 2447 जिंदा कछुए

तमिलनाडु के त्रिची एयरपोर्ट पर कस्टम विभाग ने कछुओं की तस्करी का खुलासा किया है. कस्टम टीम ने कुआलालंपुर से आए एक पार्सल में से 2447 जिंदा कछुए बरामद किए हैं. ये कछुए तस्करी कर कुआलालंपुर से भारत लाए गए थे. घटना रविवार दोपहर की है. इस संबंध में कस्टम विभाग अज्ञात के खिलाफ पुलिस में मुकदमा दर्ज कराया है. अब कस्टम टीम और पुलिस यह पता करने की कोशिश कर रही है कि इन कछुओं को कौन लेकर आया था और त्रिची एयरपोर्ट से इन्हें कहां ले जाया जाना था

कस्टम अधिकारियों के मुताबिक रविवार की सुबह सूचना मिली थी कि कुआलालंपुर से त्रिची एयरपोर्ट पहुंच रही फ्लाइट में कछुओं की तस्करी हो रही है. इस फ्लाइट कछुओं की बड़ी खेप रखी गई है. इस सूचना पर अलर्ट हुई कस्टम की टीम ने फ्लाइट के लैंड होते ही जांच पड़ताल शुरू कर दी. इस दौरान चॉकलेट के कुछ संदिग्ध डिब्बे नजर आने पर टीम ने इन्हें खुलवाकर देखा. इन सभी डिब्बों में कछुए भरे हुए थे. इनकी संख्या 2447 बताई जा रही है.

पहले भी सामने आ चुके हैं मामले

जानकारी के मुताबिक चॉकलेट के डिब्बों में तस्करी की यह कोई पहली घटना नहीं है. इससे पहले कई बार चॉकलेट के डिब्बों में नशीले पदाथों की तस्करी का खुलासा हो चुका है. खुद त्रिची एयरपोर्ट पर ही इस तरह के तीन चार मामले सामने आ चुके हैं. हालांकि पहली बार चॉकलेट के डिब्बे में कछुओं की तस्करी का मामला सामने आया है. फिलहाल कस्टम विभाग ने वन विभाग के अधिकारियों को बुलाकर सभी कछुए उनकी संरक्षण में दे दिए हैं.

बिहार में बीपीएससी पेपर लीक मामले को लेकर छात्रों का आंदोलन जारी, प्रशांत किशोर ने किया समर्थन।

बिहार विधानसभा उपचुनाव में पराजय के बाद अब फिर से राजनीतिक सलाहाकार से नेता बने जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर मैदान में हैं. इस बार उन्होंने बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) के प्रश्नपत्र लीक मामले को लेकर छात्रों के समर्थन में आंदोलन शुरू किया है. प्रशांत किशोर के नेतृत्व में शनिवार को प्रदर्शनकारी छात्रों ने पटना जिला प्रशासन की आयोग की बातचीत के प्रस्ताव को खारिज कर दिया और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने की डिमांड रखी और फिर सोमवार को गांधी मैदान में छात्र संसद बुलाने का आह्वान किया है.

वहीं, पटना के जिला प्रशासन ने साफ कह दिया कि प्रशांत किशोर को छात्र संसद’ की अनुमति नहीं देंगे. इससे बिहार की राजधानी पटना में फिर से इस मुद्दे पर घमासान मचने के आसार हैं.

बता दें कि एक साल तक पूरे बिहार की खाक छानने के बावजूद राजनीतिक सलाहकार प्रशांत किशोर को बिहार में हाल में हुए उपचुनाव सफलता नहीं मिली. बिहार राजनीति में एंट्री मारने वाले प्रशांत किशोर ने उपचुनाव के मौके पर पार्टी जनसुराज को मैदान में उतारा था, लेकिन जनता ने उन्हें पूरी तरह से खारिज कर दिया था.

बीपीएससी के छात्र आंदोलन में कूदे प्रशांत किशोर

अब बीपीएससी में पेपर लीक सहित अन्य मुद्दों पर छात्र लगातार आंदोलन कर रहे हैं, तो प्रशांत किशोर भी छात्रों के साथ मिलकर आंदोलन में शामिल हो गए हैं.

इस आंदोलन ने बिहार लोकसेवा आयोग की जगह सीएम नीतीश कुमार को सामने खड़ा कर दिया. पिछले एक पखवारे से छात्र धरना, प्रदर्शन और अनशन कर रहे थे.

छात्र लगातार यह कहते रहे हैं कि हमारी लड़ाई आयोग से है ना कि सरकार से. लेकिन पीके ने अब छात्रों की इस लड़ाई का रूख मोड़ दिया है. पहले छात्र आयोग का घेराव, आयोग कार्यालय मार्च निकाल रहे थे. अब पीके ने इसे मुख्यमंत्री आवास मार्च बना दिया है.

छात्र आंदोलन में हुई पीके की एंट्री, किया ये ऐलान

इस तरह से पीके ने छात्रों के इस आंदोलन को सहारा बनाया है और फिर से राजनीति में एंट्री मारी है. प्रशांत किशोर शनिवार को गर्दनी बाग गए. वहां कई दिनों से धरना दे रहे बीपीएससी के अभ्यर्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि यहां आने से पहले उन्होंने शिक्षा क्षेत्र के लोगों के साथ बातचीत की.

उन्होंने कहा कि बीपीएससी परीक्षाओं में पेपर लीक होना और अनियमितताएं होना अब आम बात हो गई है. यह लंबे समय तक नहीं चल सकता है. इसका अब हम लोगों को समाधान निकालना होगा. उन्होंने सोमवार को गांधी मैदान में छात्र संसद बुलाने का ऐलान किया है.

चीन में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे यूपी के छात्र की मौत, परिवार को नहीं मिली शव लाने की इजाजत।

उत्तर प्रदेश के कासगंज में एमबीबीसी की पढ़ाई कर रहे 25 वर्षीय छात्र प्रियेश राजपूत की हार्ट अटैक से मौत हो गई. यह हादसा 24 दिसंबर हुआ था. भारत में रह रहे उनके परिजन मृत छात्र का शव भारत वापस लाने की मांग करते रहे, लेकिन शव भारत नहीं लाया गया और वहीं उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया. अंतिम संस्कार को परिजनों को वीडियो कॉल के जरिए दिखाया गया. लेकिन शव को भारत नहीं आने पर परिजन उसका अंतिम दर्शन पाने से वंचित रह गये.

बता दें कि रामपुर गांव के निवासी पूर्व ब्लॉक प्रमुख श्रीरामनिवास का बेटा प्रियेश साल 2018 में चीन में एमबीबीएस की पढ़ाई करने गया था. उसकी पढ़ाई पूरी हो गयी थी और वह फिलहाल मेडिकल का इंटर्नशिप कर रहा था.

प्राप्त जानकारी के अनुसार 25 दिसंबर की सुबह अचानक उसकी तबीयत बिगड़ने के बाद हॉस्टल से उसे हुबेई यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिसिन हॉस्पिटल में ले जाया गया. 25 दिसंबर की रात करीब 1:30 बजे उसका निधन हो गया. उसकी मौत की सूचना के बाद रामपुर में रह रहे परिवार के लोगों में कोहराम मच गया.

शव भारत लाने की नहीं मिली इजाजत

इस बीच, मृत छात्र के परिजनों ने भारतीय छात्र चीन से उसका शव भारत लाने के लिए विदेश मंत्रालय से फरियाद की, लेकिन मृत छात्र का शव लाने की इजाजत नहीं मिली. विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया कि चीन से मृत छात्र का शव भारत लाने में 40 दिन से 45 दिन का समय लगेगा और इस वजह से उन्होंने अनमुति देने से इनकार कर दिया.

बता दें कि प्रियेश राजपूत ने साल 2018 में शियान की हुबेई यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिसिन में एमबीबीएस के कोर्स में एडमिशन लिया था. साल 2020 में कोविड के दौरान प्रियेश चीन से गांव वापस आ गया था और यही से ऑनलाइन पढ़ाई जारी रखी थी, लेकिन कोरोना के बाद वह साल 2021 में दिल्ली गया और वहां से ऑनलाइन पढ़ाई की. साल 2023 में वह फिर पढ़ाई पूरी करने के लिए चीन चला गया था.

कासगंज में खुशियां मातम में बदली

इस बीच, प्रियेश राजपूत ने एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी कर ली और अब वह चीन के हुबेई यूनिवर्सिटी में मेडिकल का इंटर्नशिप कर रह था, लेकिन इसी दौरान यह हादसा हो गया. उसके परिवार के लोगों का कहना है कि वह जनवरी में पढ़ाई पूरी कर वापस आने वाला था, लेकिन इंटर्नशिप पूरी होने से पहले ही खुशियां मातम में बदल गई.

पश्चिम बंगाल पुलिस ने फर्जी पासपोर्ट बनाने वाले गिरोह के मास्टरमाइंड मनोज गुप्ता को किया गिरफ्तार।

पश्चिम बंगाल पुलिस ने फर्जी पासपोर्ट बनाने वाले गिरोह के मास्टरमाइंड में से एक मनोज गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया है. शनिवार रात को उत्तर 24 परगना जिले के गायघाटा थाना क्षेत्र के चांदपाड़ा से पुलिस ने उसे अरेस्ट किया. वह करीब दस वर्षों से अधिक समय से, टूर-ट्रैवल व्यवसाय की आड़ में पासपोर्ट धोखाधड़ी का धंधा चला रहा था और करीब 100 बांग्लादेशी नागरिकों को भारत का फर्जी पासपोर्ट बनाकर विदेश भेज चुका था. पासपोर्ट धोखाधड़ी मामले में यह सातवीं गिरफ्तारी है.

बता दें कि मनोज गुप्ता फर्जी दस्तावेज बनाकर उनका इस्तेमाल पासपोर्ट बनाने में करता था. इसके बदले में उसने लाखों रुपये लिये. इस गिरोह में समरेश व अन्य लोग मनोज के लिए काम करते थे. शनिवार को गिरफ्तारी के बाद मनोज गुप्ता को अलीपुर कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट ने उसे 10 जनवरी तक पुलिस हिरासत का निर्देश दिया है.

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार मोतीलाल गुप्ता रोड स्थित कार्यालय में बैठकर योजना बनाई जाती थी. समरेश और अन्य लोग प्लानिंग करते थे. फिर मनोज गुप्ता बांग्लादेशियों का पासपोर्ट बनवाकर उन्हें अपनी टूर एंड ट्रैवल एजेंसी के जरिए विदेश भी भेजता था.

100 से अधिक बांग्लादेशी नागरिकों को भेज चुका है विदेश

पुलिस का कहना है कि वह अपनी एजेंसी के जरिए 100 से ज्यादा बांग्लादेशी नागरिकों को विदेश भेज चुका है. इनमें बांग्लादेशी महिलाएं भी शामिल हैं. कहा जाता है कि जो लोग सीमा पार कर बांग्लादेश से बंगाल लाए जाते थे, उन्हें फर्जी दस्तावेजों और पासपोर्ट के जरिए विदेश भेज दिया जाता था.

बता दें कि फर्जी पासपोर्ट मामले में कोलकाता पुलिस ने इससे पहले दीपांकर दास नाम के शख्स को दक्षिण 24 परगना जिले से अरेस्ट किया था.

टूर एवं ट्रैवल का करता था कारोबार

उससे पूछताछ के बाद पुलिस को यह जानकारी मिली कि वह गिरफ्तार व्यक्ति मनोज गुप्ता नाम के व्यक्ति के अधीन काम कर रहा था. मनोज गुप्ता का बेहाला के साखेरबाजार में टूर एवं ट्रैवल का कारोबार है. उस दुकान के पीछे वह मोटी रकम के बदले बांग्लादेशियों के फर्जी पासपोर्ट बनाता था.

इसके बाद पुलिस मनोज गुप्ता की तलाश में जुट गई. उन्होंने उसे देश से भागने से रोकने के लिए कदम उठाए. पुलिस ने शनिवार रात उत्तर 24 परगना के चांदपारा में एक विशेष अभियान में मनोज गुप्ता को गिरफ्तार किया.

पांच लाख लेकर बनाता था फर्जी पासपोर्ट

जांच में पता चला है कि आरोपी मनोज बांग्लादेशियों से 5 से 10 हजार रुपये लेता था और पहले उनका आधार और पैन कार्ड बनाता था. इसके बाद उनका नाम मतदाता सूची में शामिल करवाया जाता था. इसके बाद आरोपी फर्जी पते का इस्तेमाल कर बांग्लादेशियों के पासपोर्ट के लिए आवेदन करते थे. फर्जी दस्तावेज भी अपलोड किए जाता था.

जब पासपोर्ट डाक घर से पहुंचता था तो उन्होंने डाकघर के कर्मचारियों के साथ मिलीभगत थी और वहां से पासपोर्ट ले लिया जाता था. इसके बाद उन पासपोर्टों को बांग्लादेशियों को लाखों रुपये में बेच दिया जाता था. फर्जी पासपोर्ट के लिए 5 लाख रुपये तक की मांग करते थे.

पुलिस ने जब्त किए थे कई फर्जी पासपोर्ट

इस महीने की शुरुआत में फर्जी पासपोर्ट के मामले का सामने आया था. कोलकाता पुलिस ने दक्षिण 24 परगना के बेहाला के पर्णश्री इलाके से डाक विभाग के एक संविदा कर्मचारी अरेस्ट किया था. उससे पहले पुलिस ने उत्तर और दक्षिण 24 परगना जिले से दो लोगों को अरेस्ट किया था.

उनके पास से हार्ड डिस्क ड्राइव, एक कंप्यूटर, कई नकली दस्तावेज और एक लैपटॉप जब्त किए थे. इनका इस्तेमाल नकली पासपोर्ट बनाने में होता था. उसके बाद पुलिस ने कोलकाता के दक्षिणी इलाके में स्थित हरिदेवपुर इलाके में एक घर पर छापेमारी की. इस दौरान कई फर्जी दस्तावेज बरामद किये थे. उसके बाद पुलिस इस मामले में चौंकाना हो गई थी और जांच शुरू की थी.