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शराब घोटाला मामला : हाईकोर्ट ने अनवर ढेबर की जमानत याचिका की खारिज, कहा- आरोपी को नहीं दिया जा सकता जमानत का लाभ

बिलासपुर-  छत्तीसगढ़ के कथित 2000 करोड़ रुपए के शराब घोटाला मामले में आरोपी अनवर ढेबर की जमानत याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है. कोर्ट ने कठोर टिप्पणी भी की है.

कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए आदेश में कहा, कि सर्वोच्च न्यायालय का मानना है कि भ्रष्टाचार केवल एक मामला नहीं है, यह दंडनीय अपराध है. यह अप्रत्यक्ष रूप से मानवाधिकारों को भी कमजोर करता है. व्यवस्थित भ्रष्ट्राचार आर्थिक अपराधों को जन्म देता है. आर्थिक अपराध गंभीर अपराध है. जिसका पूरे देश की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ रहा है. कोर्ट ने कहा, कि मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपी को जमानत का लाभ नहीं दिया जा सकता है. इसके साथ ही कोर्ट ने आरोपी की जमानत आवेदन को खारिज किया है.

बता दें, कि कारोबारी अनवर ढेबर के खिलाफ ईओडब्ल्यू एवं एसीबी ने 11 जुलाई 2023 को सह अभियुक्त अनिल टुटेजा, अरूणपति त्रिपाठी एमडी सीएसएमसीएल, विकास अग्रवाल, संजय दीवान एवं अन्य आबकारी अधिकारियों से सेंडिकेट बनाकर प्रदेश में शराब बिक्री से अवैध कमिशन वसूली के मामले में धारा 420, 468, 471 एवं 120 बी के तहत अपराध दर्ज कर अप्रैल 2024 को गिरफ्तार किया. इस मामले में ईडी ने नवंबर 2024 को अलग से अपराध दर्ज किया है. इसके अलावा आयकर विभाग ने भी उसके अलग अलग परिसर में छापामार कार्रवाई की है. जेल में बंद अनवर ढ़ेबर ने हाईकोर्ट में जमानत हेतु आवेदन पेश किया था. जिस पर जस्टिस अरविंद कुमार वर्मा की कोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पाया कि विभिन्न व्यक्तियों के बयान दर्ज किए गए जिन पर आरोप हैं. छत्तीसगढ़ राज्य में शराब सिंडिकेट का एक हिस्सा है. आरोप लगाया कि शराब के व्यापार रिश्वत राशि का भुगतान प्राप्त किया गया है. डिस्टिलर्स, होलोग्राम निर्माताओं, बोतल निर्माताओं की सक्रिय भागीदारी, ट्रांसपोर्टर, जनशक्ति प्रबंधन और जिला उत्पाद शुल्क अधिकारी शामिल हैं. डिस्टिलर्स को काम करने की अनुमति देने के लिए वार्षिक कमीशन का भुगतान किया गया. सिंडिकेट द्बारा साजिश को अंजाम दिया गया.

राज्य में शराब की बिक्री से अलग-अलग तरीकों से पैसा लिया गया. सिडिकेट अवैध वसूली करता था. शराब से लिया गया अवैध कमीशन और ऑफ-द-रिकॉर्ड बेहिसाब देशी शराब की बिक्री राज्य द्बारा संचालित दुकानों से किया गया.

ED की ECIR में दावा, कवासी लखमा को हर महीने मिलते थे 50 लाख रुपए

रायपुर-   छत्तीसगढ़ में हुआ शराब घोटाला काफी लंबे समय से प्रदेश की राजनीति में सुर्खियों पर है. इस मामले में शनिवार को भी पूर्व मंत्री कवासी लखमा समेत कई अन्य के खिलाफ ईडी ने दबिश देकर कार्रवाई की. सूत्रों के हवाले से अब खबर है कि ईडी ने अपनी ECIR में दावा किया है कि इस घोटाले में बतौर कमीशन हर महीने 50 लाख रुपए पूर्व मंत्री कवासी लखमा को भी मिलते थे. हालांकि कवासी लखमा ने हर महीने कमीशन मिलने की बात से इनकार किया है.

इस घोटाले में अन्य नेताओं और अफसरों का भी नाम सामने आया है. आपको बता दें कि ईडी ने अब तक इस मामले में करीब 65 से अधिक लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. वहीं कवासी लखमा ने अब खुद अपने आप को अनपढ़ बता दिया है. ऐसे में सवाल उठता है कि कांग्रेस शासनकाल में राजस्व के लिहाज से सबसे अहम आबकारी विभाग से जुड़े तमाम काम क्या कवासी लखमा खुद करते थे ? या उनकी आड़ में कोई और…

छत्तीसगढ़ में बढ़ेगी ठंड, अगले 4 दिनों में तेजी से गिरेगा पारा..

रायपुर-   छत्तीसगढ़ में आज से तापमान में गिरावट का दौर शुरू हो जाएगा. पहले ही देश के विभिन्न राज्यों में ठंड का कहर जारी है. कपकपी ठंड से लोग परेशान है तो कुछ हिस्सों में बारिश हो रही है. छत्तीसगढ़ में अब मौसम मिजाज बदलने वाला है. मौसम विभाग के अनुसार, आज से 2 जनवरी तक तापमान में गिरावट देखने को मिलेगी. 6 से 8 डिग्री तक तापमान में गिरावट हो रही है, इस दौरान शुरू में तेजी से पारा गिरेगा. शनिवार को प्रदेश में रायपुर समेत कई क्षेत्रों में बारिश हुई.

छत्तीसगढ़ में अगले 24 घंटो तक न्यूनतम तापमान में कोई विशेष परिवर्तन होने की सम्भावना नहीं है. आज से मौसम ड्राई होने लगेगा. सबसे ज्यादा तापमान 32.3 डिग्री तो बलरामपुर में सबसे कम 12.6 डिग्री रहा.

मौसम विभाग के अनुसार, उत्तरी पाकिस्तान और जम्मू-कश्मीर के ऊपर चक्रवाती परिसंचरण के रूप में पश्चिमी विक्षोभ समुद्र तल से 3.1 और 7.6 किमी ऊपर बना हुआ है. ऊपरी क्षोभमंडलीय पश्चिमी हवाओं में बनी द्रोणिका, जिसकी धुरी समुद्र तल से 9.1 किमी ऊपर है, अब लगभग अक्षांश 17°N के उत्तर में देशांतर 72°E के साथ चल रही है.

राजधानी में मौसम का हाल

मौसम विभाग के अनुसार, राजधानी रायपुर में आज आसमान में बादल छाए रहेंगे. सबसे ज्यादा तापमान 31°C और सबसे कम 19°C के आसपास रहने की संभावना है.

राजधानी की इन सड़कों पर ऑटो और ई-रिक्शा की एंट्री बैन! यातायात पुलिस ने रोडमैप किया जारी

रायपुर-  राजधानी रायपुर के शास्त्री चौक पर सवारी ऑटो और ई-रिक्शा वाहनों के कारण बढ़ते यातायात दबाव को कम करने और यातायात व्यवस्था को सुरक्षित बनाने के लिए 29 दिसंबर से इन वाहनों का प्रवेश पूरी तरह से प्रतिबंधित किया जाएगा। इस निर्णय के बारे में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (यातायात) डॉ. अनुराग झा ने ऑटो चालक संघ के पदाधिकारियों के साथ बैठक की है, जिसमें उन्हें यातायात नियमों का पालन करने और व्यवस्था को सुगम बनाने के निर्देश दिए गए।

अधिकारियों ने किया प्रमुख सड़कों का निरीक्षण

बता दें कि एक दिन पहले, कलेक्टर डॉ. गौरव सिंह, एस.एस.पी. डॉ. लाल उमेंद सिंह, नगर निगम आयुक्त अविनाश मिश्रा सहित अन्य अधिकारियों की एक टीम ने शहर की प्रमुख सड़कों पर पैदल निरीक्षण किया और ट्रैफिक व्यवस्था की स्थिति का जायजा लिया था। इसके बाद शास्त्री चौक पर सवारी ऑटो और ई-रिक्शा के कारण बढ़ते यातायात दबाव को देखते हुए यह फैसला लिया गया कि यहां सभी प्रकार के सवारी ऑटो और ई-रिक्शा वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित किया जाएगा।

चालक संघ का समर्थन

शहर की प्रमुख सड़कों पर निरीक्षण के बाद अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक यातायात डॉ. अनुराग झा ने रायपुर में संचालित सवारी ऑटो और ई-रिक्शा चालक संघ के पदाधिकारियों से बैठक की और इस फैसले की जानकारी दी। चालक संघ के पदाधिकारियों ने इस निर्णय को सहमति दी और शास्त्री चौक पर सुगम एवं सुरक्षित यातायात व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रकार के सवारी ऑटो और ई-रिक्शा वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने के फैसले पर सहमती जताई है।

सवारी ऑटो और ई-रिक्शा के नए मार्ग

1. टाटीबंध से शास्त्री चौक की ओर आने वाले सवारी ऑटो: ये वाहन शहीद स्मारक भवन तक जा सकते हैं और वहां से बाम्बे मार्केट कटिंग से यू-टर्न लेकर टाटीबंध की ओर वापस लौट सकते हैं।

2. रेलवे स्टेशन से शास्त्री चौक आने वाले सवारी ऑटो: ये वाहन कचहरी चौक तक जा सकते हैं और वहां से खालसा स्कूल टर्निंग से होकर रेलवे स्टेशन की ओर लौट सकते हैं। यदि यात्रियों को तेलीबांधा या कालीबाड़ी की दिशा में जाना हो, तो वे ऑक्सीजन से अम्बेडकर चौक मार्ग से जा सकते हैं।

3. तेलीबांधा से शास्त्री चौक आने वाले सवारी ऑटो: ये वाहन नगर घड़ी चौक तक जा सकते हैं और वहां से बंजारी चौक, राजभवन चौक, और अम्बेडकर चौक मार्ग से होकर वापस जा सकते हैं। जय स्तंभ चौक की ओर जाने वाले ऑटो बंजारी चौक-डीकेएस अस्पताल-लाल गंगा शॉपिंग मॉल रोड से होकर आवागमन कर सकते हैं।

4. पचपेड़ी नाका से शास्त्री चौक आने वाले सवारी ऑटो/ई-रिक्शा: ये वाहन बंजारी चौक में सवारी उतार सकते हैं और यू-टर्न लेकर वापस जा सकते हैं। रेलवे स्टेशन जाने के लिए बंजारी चौक से राजभवन चौक, अम्बेडकर चौक, ऑक्सीजन होकर खालसा स्कूल चौक और मरही माता चौक होते हुए यात्रा कर सकते हैं।

गौरतलब है कि इस बैठक में गुरजीत सिंह एवं सतीश ठाकुर उप पुलिस अधीक्षक यातायात रायपुर, शहर ऑटो संघ से कमल पांडेय, ई रिक्शा संघ से सुरेश तिवारी, स्कूल ऑटो संघ से जगदीश तिवारी, रेल्वे स्टेशन ऑटो संघ से नारायण दास सोनी सहित सईद उद्दीन, मो. इस्लाम, संदीप कुमार, बिसेक जगत, शेख़ अ. रसीद, दीपक मुदलियार,पवन यदु, मुन्ना, शब्बीर आदि उपस्थित थे।

रायगढ़ मेडिकल कॉलेज के 50 जूनियर डॉक्टरों की नौकरी पर मंडराया खतरा, जानिए क्या है मामला…

रायपुर-  लोक सेवा आयोग के जरिए रायगढ़ मेडिकल कॉलेज में नियुक्त किए गए 50 जूनियर डॉक्टरों की नौकरी पर खतरा मंडराने लगा है. एनएमसी के नियम विपरीत होने के कारण इन पदों को सरेंडर करने के लिए पत्र लिखा गया है.

रायगढ़ मेडिकल कॉलेज के डीन ने स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिखा है. जिसमें बताया गया कि एनएमसी के अनुसार, भर्ती पोस्ट ग्रेजुएट की होनी थी, लेकिन अंडर ग्रेजुएट की मेडिकल शिक्षा विभाग द्वारा नियम विरुद्ध भर्ती की गई है.

कांग्रेस शासनकाल में हुई इन नियुक्तियों पर पत्र के अनुसार फैसला लेने से रायगढ़ मेडिकल कॉलेज की व्यवस्था चरमरा जाएगा. इसका असर केवल छात्रों की पढ़ाई पर ही नहीं, बल्कि उपचार के लिए आने वाले मरीजों पर भी पड़ेगा.

पूर्व मंत्री लखमा के घर ED का छापा : 14 घंटे तक पूछताछ के बाद लौटी टीम, कई दस्तावेज जब्त

रायपुर-    प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने कल पूर्ववर्ती भूपेश सरकार में आबकारी मंत्री रहे कवासी लखमा के धरमपुरा, रायपुर स्थित निवास पर छापा मारा. कवासी लखमा के यहां ED की कार्रवाई खत्म हो गई है. टीम अपने साथ कई दस्तावेज लेकर गई है. बता दें कि ईडी की टीम 14 घंटे से ज्यादा समय तक लखमा के घर मौजूद रही. इस दौरान कवासी लखमा से लंबी पूछताछ की गई.

कवासी लखमा के करीबी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुशील ओझा के घर पर भी ईडी ने दबिश दी है. इसके अलावा सुकमा में लखमा के बेटे जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश कवासी और नगर पालिका अध्यक्ष राजू साहू के ठिकानों पर भी ईडी की टीम ने दबिश दी है. बताया जा रहा है कि यह कार्रवाई शराब घोटाले को लेकर हो रही है. हालांकि ईडी की तरफ से कोई जानकारी नहीं दी गई है.

नए साल में 17 IPS होंगे प्रमोट, जानिए लिस्ट में कौन-कौन बड़े चेहरे शामिल

रायपुर-  नए साल में छत्तीसगढ़ पुलिस में वरिष्‍ठ रैंक के अफसरों की संख्‍या बढ़ जाएगी. 17 आईपीएस पदोन्‍नति की कतार में हैं. इनमें रायपुर एसएसपी लाल उमेद सिंह के साथ शशिमोहन सिंह भी शामिल हैं. ये सभी अफसर 2011 और 2012 बैच के हैं. छत्तीसगढ़ के दुर्ग और राजनांदगांव पुलिस रेंज के प्रभारी आईजी अब पूर्णकालिक आईजी बन जाएंगे. रामगोपाल गर्ग और दीपक झा 2007 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. डीआईजी रहने की वजह से दोनों को प्रभारी आईजी बनाया गया था, मगर नए साल में प्रमोशन के बाद पूर्णकालिक आईजी बन जाएंगे. संकेत हैं कि जनवरी में प्रमोशन आदेश जारी हो सकता है.

ये सात आईपीएस बनेंगे डीआईजी

दो साल पहले सिलेक्‍शन ग्रेड पा चुके 2011 बैच के सात आईपीएस अधिकारी अब डीआईजी रैंक पर प्रमोट होंगे. इनमें संतोष कुमार सिंह, इंदिरा कल्‍याण एलिसेला, गोवर्धन सिंह ठाकुर, तिलक राम कोशिमा, प्रशांत कुमार ठाकुर, अजातशत्रु बहादुर सिंह और लाल उमेद सिंह शामिल हैं. लाल उमेद सिंह इस समय रायपुर के इंदिरा कल्याण ऐलेसेला कांकेर और प्रशांत ठाकुर सूरजपुर के एसएसपी हैं.

आठ आईपीएस को सलेक्शन ग्रेड

छत्तीसगढ़ के भारतीय पुलिस सेवा के आठ अधिकारियों को सलेक्शन ग्रेड मिलेगा. इनमें आशुतोष सिंह, विवेक शुक्‍ला, शशि मोहन सिंह, राजेश कुकरेजा, श्‍वेता राजमणि, राजेश अग्रवाल, विजय अग्रवाल और रामकृष्‍ण साहू शामिल हैं. वहीं आईपीएस प्रमोशन के बाद छत्तीसगढ़ में पांच एसएसपी और बढ़ जाएंगे. 2102 बैच के पांच आईपीएस इस समय विभिन्न जिलों में पुलिस अधीक्षक हैं. इनमें आशुतोष सिंह महासमुंद, विवेक शुक्ला जांजगीर, शशिमोहन सिंह जशपुर, विजय अग्रवाल बलौदा बाजार और रामकृष्ण साहू बेमेतरा शामिल हैं.

पूर्व प्रधानमंत्री के निधन पर शोक में डूबा पूरा देश, इधर रेस्ट हाउस में चल रही थी बिरयानी पार्टी, SDM ने दी दबिश

बालोद-  छत्तीसगढ़ के बालोद जिले से बड़ी खबर सामने आई है. एक ओर पूरा देश पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन के बाद शोक में डूबा हुआ है. वहीं दूसरी तरफ बालोद जिले के पीडब्ल्यूडी के विश्राम गृह में बाहर से आए लोग बिरयानी की पार्टी करते रहे. इसकी सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे एसडीएम सुरेश साहू ने स्टॉफ को नोटिस देकर मामले की जांच करने की बात कही.

राजकीय शोक के दौरान जिला मुख्यालय के लोक निर्माण विभाग रेस्ट हाउस में बाहर के लोगों ने बिरयानी पार्टी की है, जिसमें महिला, पुरुष व बच्चे भी शामिल थे. हालांकि यह किसके मेहमान हैं, इस बात की पुष्टि अभी तक नहीं हो पाई है, लेकिन बिना प्रोटोकॉल रेस्ट हाउस में बिरयानी पार्टी के मामले में एसडीम सुरेश साहू पहुंचे और उन्होंने स्टाफ को नोटिस जारी कर मामले की जांच करने की बात कही.

जिम्मेदार लोगों पर होगी कार्रवाई : एसडीएम

एसडीएम सुरेश साहू ने बताया कि बिना प्रोटोकॉल के यहां पर रेस्ट हाउस को कैसे दिया गया, इसकी जांच के लिए मैं स्वयं पहुंचा हूं. जो भी इसके लिए जिम्मेदार होगा उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. बिरयानी पार्टी के मामले में उन्होंने कहा कि यह जांच का विषय है. पूरे घटनाक्रम को गंभीरता से लिया जाएगा.

अवैध खनिज परिवहन पर बड़ी कार्रवाई: खनिज विभाग ने 21 वाहनों को किया जब्त, 6 लाख से अधिक का जुर्माना भी लगाया

आरंग-  जिले में इस बार खनिज विभाग पूरी तरह से मुस्तैद दिखाई दे रही है। 15 अक्टूबर के बाद से क्षेत्र में सघन दौरा कर रेत, मुरूम, गिट्टी जैसे बेशकीमती खनिजों के अवैध कारोबार पर लगातार कार्रवाई कर रही है। वहीं, बीते दो दिनों में खनिज विभाग ने रायपुर कलेक्टर डॉ गौरव कुमार सिंह के निर्देश पर उप संचालक केके गोलघाटे और खनिज अधिकारी चेरपा के मार्गदर्शन एवं प्रभारी खनिज निरीक्षक रघुनाथ भारद्वाज के नेतृत्व में रात्रिकालीन गश्त कर बिना रॉयल्टी पर्ची के खनिजों का अवैध परिवहन करते 21 वाहनों को जब्त कर जुर्माना लगाया गया है।

बता दें कि जब्त वाहनों को संबंधित थानों मंदिरहसौद, खरोरा, माना, ऊपरवारा और विधानसभा में सुपुर्द की गई है। प्रभारी खनिज निरीक्षक रघुनाथ भारद्वाज ने लल्लूराम डॉट कॉम को बताया कि जब्त वाहनों में रेत, मुरूम और गिट्टी का अवैध परिवहन हो रहा था। वाहनों के मालिक मुकेश कौशल, यशवंत देवांगन, रामायण भारती, खुमान बर्मन बेमेतरा, हंशु राम साहू सहसपुर, रिंकेश वैष्णव, प्रहलाद तिवारी कवर्धा, मुंगेली, रूपेंद्र यदु, MSK यदु, टीकाराम यदु नकटा मंदिरहसौद, अजय पांडे, मनीष झा, सुजीत गुप्ता, भूपेश साहू रायपुर और बद्री चंद्रवंशी पंडरिया, दीपक राठी, रोशन जैन, रामकुमार साहू साजा, देवेंद्र साहू खैरागढ़ हैं, जिनके वाहनों से अवैध खनिज का परिवहन उस अवधि में किया जा रहा था।

6 लाख 50 हजार रुपये का लगाया जुर्माना

प्रभारी खनिज निरीक्षक रघुनाथ भारद्वाज ने बताया कि इन जब्त वाहनों से लगभग 6 लाख 50 हजार रुपए का अर्थदंड भी जमा कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि खनिज विभाग द्वारा रायपुर जिले में खनिज संसाधनों के अवैध कारोबार पर लगातार कार्रवाई कर रही है और आगे भी जारी रहेगी।

इस पूरी कार्रवाई में सैनिक लोकेश वर्मा, जितेंद्र केसरवानी, रिजवान खान, दयाराम साहू और पायलट छवि का योगदान रहा।

सीएम के मीडिया सलाहकार पंकज झा ने सोशल मीडिया X पर आखिर क्यों लिखा ‘कलंक रंजित रहा है नकली गांधियों वाले कांग्रेस का इतिहास’

रायपुर-  सीएम के मीडिया सलाहकार पंकज झा ने गांधी परिवार पर निशाना साधा है. उन्होंने एक्स पर लिखा है कि कांग्रेस ने प्रथम राष्ट्रपति को सेवानिवृत्ति के बाद न तो दिल्ली में रहने दिया न ही उनके अंतिम संस्कार में नेहरू जी गए. नेहरू ने राष्ट्रपति को भी पटना जाने से मना किया था. नरसिम्हा राव के पार्थिव शरीर को हैदराबाद भेजा गया, क्योंकि वे नहीं चाहते थे कि उनका दिल्ली में संस्कार कर उन्हें महिमांडित किया जाए. गांधी परिवार के ऐसे कृत्यों की श्रृंखला है.

झा ने लिखा है कि प्रणव दा कोई अकेले नहीं थे. ऐसे तमाम कांग्रेस के नेता जिनका कद बड़ा हो गया, वे नेहरू-फिरोज परिवार के निशाने पर रहे. सोनिया परिवार को कांग्रेस के हर बड़े नेता से नफरत सा रहा. प्रणव मुखर्जी को भारत रत्न भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिया. मनमोहन सिंह के अध्यादेश को उसी हिकारत के साथ फाड़कर भारत के प्रधानमंत्री का अपमान किया था.

पंकज झा ने आगे लिखा है कि राहुल गांधी जिस हिकारत के साथ आज धर्मग्रंथ जलाए जा रहे हैं, तय मानिए अगर आज कांग्रेस की सरकार होती न तो दिल्ली में दो गज जमीन तो नसीब होना छोड़िए, दिल्ली के किसी सार्वजनिक शवदाह गृह तक में उनका अंतिम संस्कार तक नहीं होने देती सोनियाजी. ऐसा यूं ही नहीं कह रहा. याद कीजिए, पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा रावजी, जिनकी सरकार में वित्त मंत्री रहते मनमोहन सिंह ने वैश्विक यश प्राप्त किया था. उनके साथ क्या किया था सोनियाजी ने? वे कांग्रेस मुख्यालय में भी उनका पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए रखने को तैयार नहीं थी. जब अत्यधिक दबाव के कारण नरसिम्हा राव जी को लाना पड़ा, तब मात्र 11 लोग उपस्थित थे, उनके दर्शन के लिए.

कोई पूछेगा आज कांग्रेस से कि उतने बड़े व्यक्तित्व और विद्वान पूर्व प्रधानमंत्री की समाधि कहां है? हैदराबाद में उनके अंतिम संस्कार करने पर क्यों विवश किया गया. केवल इसलिए, क्योंकि सोनिया परिवार बिल्कुल नहीं चाहता था कि कोई और बड़ा कद दिल्ली में दिखे जो राजीव खानदान का न हो. नरसिम्हा राव जी से सोनिया गांधीजी के घृणा का एक कारण यह भी था कि उन्होंने श्रीअयोध्या में लाशें नहीं बिछने दी. केवल प्रणव दा, नरसिम्हा रावजी, मनमोहन सिंह जी का भी प्रश्न नहीं है. याद कीजिए, प्रातः स्मरणीय लाल बहादुर शास्त्री जी के साथ क्या किया गया?

भारत रत्न प्रथम राष्ट्रपति, संविधान सभा के अध्यक्ष डा. राजेंद्र प्रसाद के साथ जैसा व्यवहार किया नेहरूजी ने उसे जान कर तो आप रो पड़ेंगे. सेवानिवृत्ति के बाद उन्हें दिल्ली में रहने के लिए एक कमरा तक नहीं मिला. भारत का पहला राष्ट्रपति, जो अस्थमा के गंभीर मरीज थे, उन्हें अपना शेष जीवन पटना के सदाकत आश्रम के सीलन भरे कमरे में गुजारना पड़ा. मृत्यु भी उनकी पटना में हुई और दिल्ली में कोई समाधि या संस्कार की व्यवस्था तक नहीं की गई. नेहरुजी शामिल भी नहीं हुए. तब के राष्ट्रपति राधाकृष्णन जी को भी उन्होंने मना किया था, पर वे नहीं माने थे, क्योंकि सोमनाथ मंदिर जीर्णोद्धार में नेहरुजी के मना करने के बावजूद शामिल हुए थे. प्रथम राष्ट्रपति, इसलिए नेहरू की घृणा इस रूप में निकली थी.

झा ने आगे लिखा है कि पोस्ट में वर्णित हर तथ्य के दस्तावेजी प्रमाण हैं. सरदार पटेल से लेकर नेहरूजी के परिवार से पीड़ित कांग्रेस नेताओं की, कांग्रेस (इंदिरा) के ऐसे दुष्कृत्यों की लंबी सूची है. अगर इनकी सरकार रहते अटलजी का निधन हुआ होता, तो जैसा इनका इतिहास है, उसके अनुसार तो अटलजी को भी दिल्ली में स्थान नहीं मिलता. मनमोहन सिंहजी का महाप्रयाण आज इस तरह समादृत हो रहा है, उन्हें कृतज्ञ राष्ट्र इस संपूर्ण गरिमा, आदर के संग याद कर रहा है, उन्हें अश्रुमिश्रित श्रद्धांजलि मिल रहा है तो केवल इसलिए, क्योंकि आज कथित गांधी परिवार कुछ भी खराब करने की स्थिति में नहीं है. मनमोहन सिंहजी को रिमोट की तरह ही सही, पीएम उन्होंने इसलिए बनाया, क्योंकि सिख नरसंहार का कलंक थोड़ा धोकर वह वोट बटोरना चाह रही थी. कांग्रेस और उसके पेड ईको सिस्टम के गाल बजाने, उस थोथे चना के घना बजाने से सच्चाई नहीं बदलेगी. रक्तरंजित ही नहीं, कलंक रंजित भी रहा है नकली गांधियों वाले कांग्रेस का इतिहास।