काशी विश्वनाथ मंदिर में नए साल पर स्पर्श दर्शन पर रोक, 31 दिसंबर से 3 जनवरी तक झांकी दर्शन ही होंगे।
वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन ने नए साल के मौके पर स्पर्श दर्शन पर रोक लगा दी है. ये फैसला सनातन से जुड़े लाखों लोगों की बाबा विश्वनाथ के दर्शन पूजन से नए साल की शुरुवात करने की धारणा को देखते हुए लिया गया है. इस फैसले के तहत 31 दिसंबर से 3 जनवरी के तक स्पर्श दर्शन पर रोक रहेगी. मंदिर प्रशासन का अनुमान है कि इस दौरान श्रद्धालुओं की संख्या रिकॉर्ड संख्या तक पहुंच सकती है.
भीड़ बढ़ने के दौरान किसी को कोई परेशानी ना हो और सुगमता से सबको दर्शन हो जाए इसको ध्यान में रखकर ही ये निर्णय लिया गया है. स्पर्श दर्शन पर पूरे तरीके से रोक रहेगी. इस दौरान झांकी दर्शन ही कर सकेंगे श्रद्धालु. एक जनवरी 2025 को सावन के सोमवार जितनी भीड़ होने का अनुमान है.
2024 में कितने भक्त पहुंचे?
इस साल पहली जनवरी 2024 को विश्वनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं की संख्या 7.35 लाख थी. काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्य पालक विश्व भूषण मिश्रा ने बताया कि पिछले तीन सालों के आंकड़ों पर गौर करें तो 2022 में 5 लाख, 2023 में 5.5 लाख और 2024 में पहली जनवरी को 7.35 लाख श्रद्धालुओं ने दर्शन किए थे. ये संख्या सावन के सोमवार पर दिखती है.
पिछले कुछ सालों से नए वर्ष की शुरुवात बाबा विश्वनाथ के दर्शन करने के साथ शुरू करने के रुझान में तेजी आई है. देश भर से लोग 31 दिसंबर की रात को ही दर्शन करने के लिए लाइन में लग जाते हैं और एक जनवरी की देर रात तक दर्शन करने वालों का हुजूम उमड़ा रहता है.
लगातार बन रहा रिकॉर्ड
श्रद्धालुओं की संख्या के लिहाज से श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में लगातार रिकॉर्ड बनते जा रहा है. कोविड के पहले जहां वर्ष 2019 में काशी विश्वनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं की संख्या महज 68 लाख थी तो कोविड के दौरान वर्ष 2020 में 10 लाख ही सिमटकर रह गई थी.
13 दिसंबर 2021 में विश्वनाथ धाम के हुए लोकार्पण के बाद से लगातार श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती चली जा रही है. काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण मिश्रा ने बताया कि 13 दिसंबर 2021 से लेकर इस वर्ष 13 दिसंबर 2024 तक इन तीन सालों में 19 करोड़ 12 लाख 83 हजार 57 श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं.
Dec 22 2024, 10:16