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जयपुर में भीषण हादसा: सीएनजी टैंकर में ब्लास्ट, 6 लोगों की मौत, 39 घायल, कई वाहन जलकर खाक।

राजस्थान की राजधानी जयपुर में बड़ा हादसा हुआ है. यहां भांकरोटा इलाके में जयपुर-अजमेर हाईवे पर सीएनजी टैंकर में ब्लास्ट हो गया. इसकी चपेट में हाइवे से गुजर रहे 40 वाहन आ गए और उनमें आग लग गई. हादसे में 6 लोगों की मौत हो गई. घटना में करीब 39 लोग घायल हुए हैं. उन्हें इलाज के लिए सवाई मानसिंह हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है. हादसे में हाइवे किनारे पाइप फैक्ट्री जलकर खाक हो गई, एक पेट्रोल पंप का भी हिस्सा इसकी चपेट में आया है. ब्लास्ट की जानकरी पर पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीमें मौके पर पहुंच गईं.

घटना के बाद हाईवे को दोनों ओर से बंद कर दिया गया है. फायर ब्रिगेड की गाड़ियां आग बुझाने में जुटी हुई हैं. मौके पर डीएम व एसपी मौजूद हैं. घटना को लेकर बताया जा रहा है कि टैंकर में ब्लास्ट के बाद हाइवे पर एक के बाद एक कई वाहनों के आपस में टकराने से आग लग गई. जयपुर डीएम, जितेंद्र सोनी ने आधिकारिक रूप से 4 लोगों की मौत की पुष्टि की है. उन्होंने बताया कि हादसे में करीब 40 वाहन आग की चपेट में आ गए. फायर ब्रिगेड और एंबुलेंस मौके पर पहुंच गई हैं. राहत कार्य जारी है. आग बुझा दी गई है और अब सिर्फ 1-2 वाहन ही बचे हैं.

भीषण ब्लास्ट से दहल उठा इलाका

घटना शुक्रवार सुबह की है. जयपुर-अजमेर नेशनल हाईवे पर एक टैंकर जैसे ही भांकरोटा इलाके में स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल के सामने तभी ट्रक की टक्कर से उसमें भीषण ब्लास्ट हो गया. जोरदार धमाके के बाद वहां आग लग गई, जिसकी चपेट में हाइवे किनारे पाइप की फैक्ट्री आ गई. आग से वह पूरी तरह जलकर खाक हो गई. समीप में मौजूद पेट्रोल पंप का कुछ हिस्सा आग की जद में आ गया. ब्लास्ट के बाद आग तेजी से फैलनी लगी, जिससे हाइवे पर गुजर रहे वाहनों में भी आग लग गई. इस बीच इलाके में भारी धुआं छा गया, साफ न दिखाई देने पर एक-एक कर कई वाहन आपस में टकराने लगे.

हाईवे को किया अस्थायी रूप से बंद

जानकारी मिलने पर फायर ब्रिगेड की गाड़ियां मौके पर पहुंच गईं और आग बुझाने में जुट गईं. घटनास्थल पर पहुंची पुलिस ने हाईवे के दोनों ओर वाहनों को रुकवा दिया. हाईवे को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है. वाहनों को दूसरे रूट से निकाला जा रहा है. इस बीच गैस और आग की वजह से बचाव कर्मियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा. पुलिस -प्रशासन ने लोगों को हाईवे से दूर रहने की अपील की है. हादसा कैसे हुआ इसकी जांच के आदेश जयपुर प्रशासन ने दिए हैं. पुलिस का कहना है कि इस मामले में केस दर्ज किया गया है.

मौसम का हाल : कल शनिवार से बिहार में फिर कड़ाके ठंड पड़ने के आसार, इन जिलों में घना कोहरा का येलो अलर्ट

डेस्क : बिहार में एकबार फिर से मौसम का मिजाज बदलने वाला है। बीते तीन-चार दिनो से ठंड से मिल राहत के बाद एकबार फिर कड़ाके के ठंड की मार झेलनी पड़ सकती है। कल शनिवार से ठंड बढ़ने के आसार हैं। इस दौरान पूरे प्रदेश में घना से मध्यम कोहरा छाया रहेगा।

मौसम विभाग के अनुसार शनिवार से प्रदेश में रात के तापमान में तीन से चार डिग्री सेल्सियस की गिरावट आएगी। वहीं शनिवार को 12 जिलों में घना कोहरा छाए रहने को लेकर येलो अलर्ट भी जारी किया गया है। वहीं शुक्रवार को पूरे प्रदेश में हल्के से मध्यम स्तर का कोहरा छाया रह सकता है।

बीते गुरुवार को राजधानी पटना सहित प्रदेश के 19 शहरों के अधिकतम तापमान में गिरावट और 25 शहरों के अधिकतम तापमान में बढ़ोतरी हुई। पटना के न्यूनतम तापमान में 0.1 डिग्री सेल्सियस की गिरावट और अधिकतम तापमान में 1.4 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी दर्ज की गई। राजधानी का अधिकतम तापमान 26.5 और न्यूनतम तापमान 13.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।

वहीं प्रदेश का सबसे ठंडा शहर सात डिग्री सेल्सियस के साथ सासाराम का डेहरी और सबसे गर्म शहर 30.3 डिग्री सेल्सियस के साथ नालंदा का राजगीर रहा। इस दौरान एक-दो शहरों में सुबह के समय हल्का कोहरा छाया रहा। पिछले 24 घंटों के दौरान प्रदेश का मौसम शुष्क बना रहा। हालांकि प्रदेश के अधिकतर शहरों में दिन में धूप निकलने के कारण लोग राहत महसूस कर रहे हैं।

प्रदेश के ज्यादातर शहरों में पिछले कुछ दिनों के दौरान रात के तापमान में बढ़ोतरी हुई थी। इस कारण सुबह के समय आंशिक तौर पर ही कोहरा देखा जा रहा था। जबकि शाम में कोहरा का कोई असर नहीं था। कल से लोगों को एक बार फिर रात के तापमान में गिरावट आने के कारण कोहरे का सामना करना होगा।

AI बताएगा आपकी हेल्थ से जुड़ी सारी डिटेल, गूगल ने की ये बड़ी डील

स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस स्टार्टअप कंपनी सुकी ने गूगल क्लाउड के साथ एक नई पार्टनरशिप की है. इस पार्टनरशिप के जरिए सुकी गूगल क्लाउड के वर्टेक्स एआई प्लेटफॉर्म का उपयोग करके पेशेंट समरी और क्यूश्चन आंसर में मदद मिलेगी.

सुकी का मेन एआई सुकी असिस्टेंट कहा है. जो डॉक्टरों को मरीजों के साथ अपनी मुलाकातों को रिकॉर्ड करने और उन्हें डेली आधार पर नोट्स में बदलने की सुविधा देता है, जिससे चिकित्सकों को सारी जानकारी मैन्युअल रूप से लिखने के सिरदर्द से बचने में मदद मिलती है. सुकी ने पार्टनरशिप पर कहा कि गूगल क्लाउड की नई सुविधाओं से सुकी को मरीजों की देखभाल करते समय चिकित्सकों को अधिक टेक्नोलॉजी उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी. इससे न केवल डॉक्टरों को मदद मिलेगी बल्कि मरीजों का भी समय बचेगा.

क्लीनिकल हिस्ट्री का पूरा ब्यौरा

इस पर सुकी के संस्थापक और सीईओ पुनीत सोनी ने कहा कि हम कभी भी केवल क्लिनिकल डॉक्यूमेंटेशन टूल नहीं बना रहे थे. यह असिस्टेंट आपको डॉक्यूमेंटेशन में मदद कर सकता है, लेकिन वह अन्य काम भी करना शुरू कर सकता है. उदाहरण के लिए, डॉक्टर सुकी के प्लेटफॉर्म का उपयोग कर मरीजों से प्रश्न पूछ सकेंगे और रोगी के क्लीनिकल हिस्ट्री के बारे में जरूरी बातें जान सकेंगे

एक क्लिक पर मिलेगी जानकारी

सुकी के नए समरी फीचर से चिकित्सकों को एक क्लिक पर मरीज की बुनियादी जीवनी संबंधी जानकारी मिल जाएगी. समरी में उसकी उम्र, पुरानी बीमारियां, पिछले नुस्खे और अन्य समस्याओं, के बारे में जानकारी एक क्लिक पर डॉक्टर के सामने होगी. सोनी ने कहा कि सभी डेटा को स्वचालित रूप से एकत्र करने से डॉक्टरों को 15 से 30 मिनट की बचत हो सकती है.

कब से काम करेगा फीचर

कंपनी ने कहा कि सुकी की पेशेंट समरी की सुविधा बुधवार से चुनिंदा चिकित्सकों के समूह के लिए उपलब्ध है और अगले साल की शुरुआत में यह आम तौर पर उपलब्ध होगी. नई Q&A सुविधा भी अगले साल की शुरुआत में आम तौर पर उपलब्ध होगी. सोनी ने कहा कि मेरे लिए यह वास्तव में स्वास्थ्य देखभाल के एआई डिजाइन या एआई-इफिकेशन का एक बड़ा रुझान है. कंपनी ने कहा कि सुकी की तकनीक का इस्तेमाल अमेरिका में 350 स्वास्थ्य प्रणालियों और क्लीनिकों द्वारा किया जाता है, और इस साल स्टार्टअप ने अपने क्लाइंट बेस को तीन गुना बढ़ा दिया है.

आप एक दिन जरूर मुख्यमंत्री बनेंगे… CM फडणवीस ने अजित पवार से कही ये बात, जानें क्यों

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज्य के उपमुख्यमंत्री और एनसीपी नेता अजित पवार से कहा कि वह एक दिन जरूर राज्य के मुख्यमंत्री बनेंगे. फडणवीस गुरुवार को नागपुर में चल रहे शीतकालीन सत्र के दौरान राज्य विधानमंडल के दोनों सदनों में राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई बहस का जवाब देते हुए ये बातें कहीं.

सीएम ने कहा कि वह और उनके डिप्टी अजित पवार और एकनाथ शिंदे शिफ्ट में 24/7 काम करेंगे. उन्होंने अपने संबोधन के दौरान कहा कि अजित पवार जल्द उठने वालों में से हैं. इसलिए वह सुबह काम करेंगे.

सीएम फडणवीस ने कहा कि वह दोपहर 12 बजे से आधी रात तक ड्यूटी करेंगे, लेकिन आप सभी जानते हैं कि देर रात तक काम करने वाले कौन हैं? उन्होंने शिंदे का जिक्र करते हुए कहा कि वे देर रात तक काम करने वाले जाने जाते हैं.

अपने वक्तव्य के दौरान फडणवीस ने अजित पवार की ओर मुखातिब होते हुए कहा कि आपको ‘स्थायी उपमुख्यमंत्री’ कहते हैं, लेकिन मेरी शुभकामनाएं आपके साथ हैं… आप एक दिन मुख्यमंत्री बनेंगे. बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति की जीत के बाद अजित पवार ने 5 दिसंबर को छठी बार महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली है.

मुख्यमंत्री पद की महत्वाकांक्षाओं को लेकर मुखर रहे हैं अजित पवार

एनसीपी नेता अजित पवार मुख्यमंत्री पद की महत्वाकांक्षाओं को लेकर लगातार मुखर रहे हैं. विधानसभा चुनाव से पहले भी वो अपनी महत्वाकांक्षा जता चुके हैं. साल 2023 में शरद पवार के राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से अजित पवार ने नाता तोड़ लिया था और भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति सरकार में शामिल हो गए थे. एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री और अजित पवार को उपमुख्यमंत्री बनाया गया था.

इस बीच, अपने चाचा शरद पवार के साथ पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न घड़ी को लेकर कानूनी लड़ाई हुई. इस लड़ाई में अजित पवार को जीत मिली और पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न घड़ी उन्हें मिल गए.

चुनाव में जीत के बाद फिर उपमुख्यमंत्री बने हैं अजित पवार

लेकिन लोकसभा चुनाव में एनडीए को शिकस्त मिली. एनसीपी को केवल एक सीट से ही संतोष करना पड़ा. हालांकि हाल में हुए विधानसभा चुनाव में अजित पवार की पार्टी एनसीपी ने जोरदार तरीके से वापसी की. उनकी पार्टी ने 57 सीटों पर चुनाव लड़ा और 41 पर जीत हासिल की.

जबकि बीजेपी ने 230 सीटों पर जीत हासिल की और महाविकास अघाड़ी को केवल 46 सीटों से ही संतोष करना पड़ा. चूंकि चुनाव के बाद भाजपा सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी. इस कारण चुनाव के बाद देवेंद्र फडणवीस राज्य के सीएम बने और शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे और एनसीपी नेता अजित पवार उपमुख्यमंत्री बने हैं.

अफगानिस्तान: दो सड़क हादसों से मच गया कोहराम, 50 से ज्यादा लोगों की मौत, कई गंभीर रूप से घायल

अफगानिस्तान में इन दिनों सड़क हादसे लगातार देखने को मिल रहे हैं. हर रोज किसी न किसी हादसे में कोई न कोई अपनी जान गंवा रहा है. अफगानिस्तान में दो सड़क हादसों में 50 लोगों की मौत हो गई. वहीं 76 से अधिक लोग घायल हो गए. जिनका अस्पताल में इलाज जारी है. कुछ गंभीर घायल आईसीयू में भर्ती हैं.

गजनी प्रांत के गवर्नर के प्रवक्ता हाफिज उमर ने कहा कि बुधवार देर रात काबुल-कंधार राजमार्ग पर एक यात्री बस और एक तेल टैंकर के बीच टक्कर हुई. जिसमें कई लोग झुलस गए. दूसरा उसी राजमार्ग के एक अलग क्षेत्र में था, जो अफगान राजधानी को दक्षिण से जोड़ता है.

उमर ने कहा कि घायलों को गजनी के अस्पतालों में ले जाया गया है और अधिकारी शवों को परिवारों को सौंपने की प्रक्रिया में हैं.अधिक गंभीर स्थिति वाले मरीजों को काबुल रैफर कर दिया गया. उन्होंने बताया कि हताहतों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं.

बढ़ सकती है मृतकों की संख्या

दूसरी घटना गजनी के अंदार जिले में हुई, जहां एक बस एक बड़े ट्रक से टकरा गई. इस हादसे में भी कई लोगों की जान गई और दर्जनों घायल हो गए. हादसों के तुरंत बाद राहत और बचाव दल मौके पर पहुंचे और घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया. अधिकारियों ने बताया कि घायलों में से कई की हालत गंभीर है, जिससे मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है.

पहली बार नहीं हुआ ये हादसा

यह पहली बार नहीं है जब इस हाइवे पर इतना बड़ा हादसा हुआ हो. पिछले कुछ सालों में इसी तरह के कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं, जिनमें सैकड़ों लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. ये घटनाएं अफ़ग़ानिस्तान के लिए आम हैं, जिसका मुख्य कारण ख़राब सड़क की स्थिति और ड्राइवर की लापरवाही है.

मुंबई नाव हादसे में जर्मन टूरिस्ट की बहादुरी: 5 साल के बच्चे की बचाई जान ।

मुंबई में बीच समुद्र में नाव पलटने के हादसे के बीच एक ऐसी खबर सामने आई है जिसने इंसानियत की एक नई मिसाल पेश की है. एक जर्मन टूरिस्ट ने समुद्र में नाव पलटने के बाद फरिश्ता बनकर एक पांच साल के बच्चे की जान बचाई है. जिस जर्मन टूरिस्ट ने बच्चे का रेस्क्यू किया है उसका एक साथी अभी भी लापता है. जर्मन टूरिस्ट की इस दरियादिली की जमकर तारीफ की जा रही है. वहीं बच्चे का फिलहाल हॉस्पिटल में इलाज किया जा रहा है.

जब बात इंसान की जान की हो तो इंसानियत सरहदें नहीं देखती. जी हां, ऐसा ही कुछ मुंबई में नाव हादसे में देखने को मिला है. नेवी के जहाज से टक्कर के बाद जो फेरी वाली नाव बीच समुद्र में पलटी थी उसमें कुछ विदेशी यात्री भी सवार थे. सभी यात्री बीच समुद्र में गिरने के बाद अपनी जान बचाने के लिए चिल्ला रहे थे. इसी बीच एक 5 साल का बच्चा भी अपनी जान बचाने के लिए जद्दोजहद कर रहा था. जर्मनी से आए एक टूरिस्ट ने इंसानियत के नाते उस बच्चे की ओर रुख किया और उसे सुरक्षित बचा लिया गया.

सोशल मीडिया पर हो रही तारीफ

बच्चे के साथ उसके माता-पिता और उसके एक चाचा भी थे. बच्चे का नाम प्रियांश है. वह फिलहाल सुरक्षित है और उसका इलाज किया जा रहा है. वहीं जब मीडिया ने जर्मन टूरिस्ट से बात की तो उसने बताया कि उसका दोस्त अभी भी लापता है और उसके बारे में प्रशासन की ओर से किसी तरह का कोई जवाब उसे नहीं दिया जा रहा है. जर्मन टूरिस्ट की इस बहादुरी की सोशल मीडिया पर भी तारीफ की जा रही है.

दर्दनाक हादसे में 13 की मौत

मुंबई में एलीफेंटा की ओर से नीलकमल नाम की फेरी जा रही थी. इसी दौरान नेवी की एक तेज रफ्तार स्पीड बोट आ गई. देखते ही देखते स्पीड बोट फेरी वाली नाव से टकरा गई. जिस वक्त ये हादसा हुआ है उस वक्त नाव पर करीब 120 लोग सवार थे. बताया जा रहा है कि इनमें 3 विदेशी टूरिस्ट भी सवार थे. नाव पलटने के बाद अफरा-तफरी मच गई और तुरंत रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया. अभी तक 101 लोगों का रेस्क्यू किया जा चुका है, वहीं 13 लोगों की मौत की पुष्टि भी की जा चुकी है.

बाकी लोग लापता बताए जा रहे हैं जिनकी खोज में अभी भी प्रशासन लगा हुआ है. वहीं जिस हॉस्पिटल में रेस्क्यू किए गए लोगों को भर्ती किया गया है वहां पर लोगों के रिश्तेदारों की भीड़ जमा हो गई है. नौसेना ने बताया कि रेस्क्यू ऑपरेशन में नौसेना के चार हेलीकॉप्टर, 11 नाव, एक तटरक्षक नौका और तीन समुद्री पुलिस नौकाओं ने सहायता की.

महाकुंभ 2025 में श्रद्धालुओं की सेहत के लिए विशेष स्वास्थ्य व्यवस्था:मात्र एक रुपये में होगी बीपी और शुगर की जांच ।

यूपी के प्रयागराज में 13 जनवरी से 26 फरवरी तक महाकुंभ का आयोजन किया जा रहा है. मौसम विभाग के दौरान इस दौरान कड़ाके की सर्दी पड़ने के आसार हैं. सर्दी में बीपी और शुगर जैसी बीमारियों के मरीजों के लिए जोखिम बढ़ जाता है, जिससे उनकी स्थिति बिगड़ सकती है. ऐसे मेंमहाकुंभ के क्षेत्र में श्रद्धालुओं और कल्पवासियों की सेहत का पूरा ध्यान रखने के लिए विशेष स्वास्थ्य व्यवस्था की जा रही है, ताकि वे बिना किसी स्वास्थ्य समस्या के पूजा-अर्चना कर सकें.

महाकुंभ के दौरान संगम की रेत पर बने तंबुओं में एक महीने तक रहने वाले कल्पवासी आमतौर पर बुजुर्ग होते हैं. इस आयु वर्ग में बीपी और शुगर का खतरा अधिक होता है, क्योंकि उम्र बढ़ने के साथ शरीर के कई कार्य धीमे हो जाते हैं और मेटाबोलिज्म प्रभावित होता है. इस कारण से उच्च रक्तचाप और मधुमेह जैसी समस्याएं आम हो जाती हैं.

बुजुर्गों की सेहत को लेकर खास ध्यान

बुजुर्गों का ध्यान रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है. उनकी सेहत पर कोई नकारात्मक प्रभाव न पड़े, इसके लिए उनकी नियमित बीपी और शुगर जांच की आवश्यकता होती है. ऐसे में महाकुंभ में मात्र एक रुपये में बीपी और शुगर की जांच की व्यवस्था की जा रही है, जिससे कोई भी श्रद्धालु स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से बच सके.

सेहत बिगड़ने पर तुरंत इलाज की व्यवस्था

छावनी अस्पताल के निदेशक, एके पांडेय के अनुसार, मेला क्षेत्र के प्रत्येक सेक्टर में यह सेवा उपलब्ध होगी. यह जांच उन श्रद्धालुओं, कल्पवासियों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण होगी, जिनका बीपी और शुगर नियंत्रण में रहना आवश्यक है. ऐसे में अगर किसी का बीपी या शुगर अनियंत्रित पाया जाता है, तो उनका तुरंत इलाज शुरू किया जाएगा.

महाकुंभ में 100 से ज्यादा मेडिकल गाइड तैनात होंगे

महाकुंभ के मेला क्षेत्र में कुल 23 सेक्टर हैं, और प्रत्येक सेक्टर में चार मेडिकल गाइड तैनात किए जाएंगे. प्रत्येक टीम में एक नर्सिंग स्टाफ और एक फार्मासिस्ट शामिल होगा. मेले में अगर किसी को स्वास्थ्य संबंधी कोई समस्या होती है, तो उसे तुरंत चिकित्सा सहायता दी जाएगी. इस प्रकार, महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं और कल्पवासियों की सेहत का पूरा ध्यान रखा जाएगा, ताकि वे अपनी श्रद्धा और भक्ति में पूरी तरह से लीन हो सकें और इस धार्मिक आयोजन का अनुभव अच्छे स्वास्थ्य में ले सकें.

पटना पुलिस के लिए बड़ा फैसला: पुलिसकर्मी ड्यूटी के दौरान स्मार्टफोन का उपयोग बंद, जानें कब से लागू होगा आदेश?

पटना पुलिस के पुलिसकर्मी अब ऑन ड्यूटी स्मार्टफोन का उपयोग नहीं कर सकेंगे. ऐसा करने पर उनके खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी. इस संबंध में एसएसपी ऑफिस पटना की तरफ से आदेश जारी कर दिया गया है. इस फैसले के बाद से ही पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है. एसएसपी का कहना है कि कुछ पुलिसकर्मी ड्यूटी के दौरान लापरवाही बरतते हैं. मोबाइल चलाते है गैर जरूरी काम करते हैं.

एसएसपी कार्यालय से जारी आदेश के अनुसार क्षेत्र भ्रमण में ऐसा पाया गया है कि ऑन ड्यूटी के वक्त थाने की गश्ती, यातायात और ईआरएसएस वाहनों के सिपाही स्मार्टफोन से लगातार बातचीत करते रहते हैं या व्हाट्सएप चलाते हैं या गेम खेलने रहते हैं. जबकि, उनकी प्रति नियुक्ति कानून व्यवस्था को बनाए रखने, अपराध के नियंत्रण और यातायात को सुचारू रखने में लगी रहती है. लगातार फोन पर व्यस्त रहने के कारण इसका सीधा असर यातायात प्रबंधन, अपराध नियंत्रण और कानून व्यवस्था पर पड़ता है.

सिपाही साथ नहीं रखेंगे स्मार्टफोन

यह उनके कर्तव्य के प्रति घोर लापरवाही कर्तव्यहीनता, अनुशासनहीनता के साथ-साथ पुलिस की छवि को भी धूमिल करता है और यह अत्यंत गंभीर मामला है. आदेश पत्र में यह स्पष्ट किया गया है कि सिपाही संवर्ग के कर्मी अपनी ड्यूटी टाइम के दौरान स्मार्टफोन साथ में नहीं रखेंगे. विशेष परिस्थिति में सूचना का आदान-प्रदान करने के लिए कीपैड वाला मोबाइल रख सकते हैं. यह भी स्पष्ट किया गया है कि यह आदेश 27 दिसंबर से पूरे पटना में लागू कर दिया जाएगा.

वरिष्ठ अधिकारी करेंगे ब्रीफिंग

एसएसपी ऑफिस ने जारी इस आदेश पत्र में स्पष्ट किया गया है कि इस संबंध में प्रतिनियुक्ति सिपाही कर्मियों को उनके संबंधित थानाध्यक्ष, पुलिस निरीक्षक, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी ब्रीफिंग करेंगे. अपने भ्रमण के दौरान किसी पुलिसकर्मी को स्मार्टफोन का प्रयोग करने पर उनके विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी. पुलिस की लगातार लापरवाही की शिकायत पुलिस के आला अधिकारियों तक पहुंच रही थी. साथ ही राजधानी की कानून व्यवस्था भी तेजी से चरमरा रही थी. इसी कारण से यह फैसला लिया गया है.

मिल गया अतुल सुभाष का बेटा व्योम, निकिता सिंघानिया ने भेज दिया था यहां

बेंगलुरु के सॉफ्टवेयर इंजीनियर अतुल सुभाष के बेटे व्योम (Atul Subhash Son Found) के बारे में जौनपुर से बड़ी जानकारी सामने आई है. पुलिस ने आखिरकार पता लगा ही लिया कि व्योम कहां है. जानकारी के मुताबिक, 4 साल का नन्हा व्योम इस वक्त अपनी मां निकिता सिंघानिया (Nikita Singhania) के रिश्तेदार के यहां रह रहा है. निकिता ने उसे पहले ही वहां ठहरा दिया था. व्योम सुरक्षित है और स्कूल भी जा रहा है.

अतुल सुभाष सुसइड केस में आरोपी व्योम की मां निकिता सिंघानिया, नानी निशा और मामा अनुराग फिलहाल बेंगलुरु जेल में बंद हैं. उन्हें कोर्ट ने 15 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा है. 30 दिसंबर को आरोपियों की न्यायिक हिरासत खत्म होगी. इसके बाद दोबारा उन्हें कोर्ट के सामने पेश किया जाएगा. इस दौरान पुलिस को आरोपियों ने जो कुछ भी बताया होगा, उसे कोर्ट को बताया जाएगा. फिर आरोपियों के खिलाफ आगामी कार्रवाई की जाएगी.

9 दिसंबर को अतुल ने सुसाइड कर लिया था. अपनी पत्नी, सास, साला और चाचा ससुर पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया था. 24 पन्नों के सुसाइड नोट में उन्होंने और भी कई बातें लिखी थीं. बेटे व्योम के लिए भी लिखा था- बेटा तुम एक न एक दिन मुझे जरूर समझोगे. ये लोग तुम्हारा भी बस इस्तेमाल ही कर रहे हैं. मुझे तुमसे मिलवने तक नहीं दिया जाता. बस तुम्हारी एवज में मुझसे पैसे ऐंठते रहते हैं. अतुल ने अपील की थी कि बेटे व्योम की कस्टडी उनके माता-पिता को दी जाए.

इसके बाद अतुल के भाई विकास ने बेंगलुरु पुलिस में चारों आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया था. पुलिस ने 13 दिसंबर के दिन निकिता को गुरुग्राम से और निशा एवं अनुराग को प्रयागराज से गिरफ्तार किया.

राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री से अपील

अतुल के पिता पवन मोदी अपने पौते के संरक्षण के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी पत्र भेज चुके हैं. उन्होंने निकिता की गिरफ्तारी के बाद आशंका जताई थी कि कहीं निकिता ने उनके पोते के साथ कुछ गलत न कर दिया हो. लेकिन अब जो खबर सामने आई है उससे कहीं न कहीं पवन मोदी को राहत जरूर मिली कि उनका पोता सुरक्षित है.

खुद निकिता ने दी जानकारी

जौनपुर पुलिस के इंस्पेक्टर रजनीश कुमार ने बताया- निकिता ने खुद बेंगलुरु पुलिस को बताया है कि उसका बेटा फरीदाबाद के एक बोर्डिंग स्कूल में पढ़ता है. उसकी देखरेख उसके एक रिश्तेदार कर रहे हैं.

मुंबई नाव हादसा: 13 लोगों की मौत, जानें क्या हैं वो 4 बड़े कारण जिनसे हुआ यह दर्दनाक हादसा।

महाराष्ट्र में गेटवे ऑफ इंडिया के पास बुधवार शाम को हुए दर्दनाक नाव हादसे (Mumbai Boat Accident Update) में 13 लोगों की मौत हो गई. 100 से ज्यादा लोगों को रेस्क्यू कर बचा लिया गया है. इस पूरी घटना में कहां और क्या लापरवाही हुई, इसे लेकर कई सवाल उठ रहे हैं. अब तक हुई जांच से जो तथ्य सामने आए हैं, उसके मुताबिक 4 कारणों से यह हादसा हुआ है. तो चलिए जानते हैं क्या हैं वो 4 कारण (Boat Accident Reasons) जिससे यह दर्दनाक हादसा हो गया.

हर दिन हजारों की संख्या में लोग मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया को देखने के लिए पहुंचते हैं. इस दौरान इनमें से ज्यादातर एलिफेंटा आईलैंड को भी देखने के लिए जाते हैं. एलिफेंटा आईलैंड के लिए नाव से जाना होता है. बुधवार दोपहर को भी लोग आईलैंड को देखने के लिए एक नीलकमल नाम की बड़ी नाव से जा रहे थे, लेकिन लापरवाही की वजह से यहां दर्दनाक हादसा हो गया. तेज रफ्तार नेवी की बोट यात्रियों से भरी नाव से टकरा गई और फिर 13 लोगों की मौत हो गई.

हादसे के पीछे ये 4 कारण सामने आए हैं-

नाव में क्षमता से अधिक यात्रियों का होना

गलत जगह पर नेवी बोट की टेस्टिंग

सेफ्टी गैजेट की कमी

नौसेना नाव के चालकों का स्टंट करना

कैपेसिटी से ज्यादा लोग

बताया जा रहा है जिस समय यह हादसा हुआ उस समय नीलकमल नाव में करीब 120 से ज्यादा लोग सवार थे. हालांकि, नाव की केपेसिटी केवल 80 लोगों की ही थी. प्रशासन की लापरवाही के कारण धड़ल्ले से यहां केपेसिटी से ज्यादा लोगों को बैठाकर नाव चलाई जा रही है, जो बीते बुधवार को 13 लोगों की मौत का कारण बनी हैं. हादसे को लेकर पीड़ित परिवार जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग कर रहा है.

सुरक्षित जगह पर टेस्टिंग

नाव हादसे को लेकर नेवी का बयान भी सामने आया है, जिसमें उन्होंने बताया कि नेवी की स्पीड बोट इंजन टेस्टिंग चल रही थी. इसी दौरान इंजन ने अपना नियंत्रण खो दिया और एक बड़ा हादसा हो गया. हादसे को लेकर सवाल उठने लगे हैं कि जब सभी को पता है कि यह रास्ता यात्री बोट के लिए है, तो यहां टेस्टिंग की क्या जरूरती थी. टेस्टिंग हमेशा ऐसी जगह पर करनी चाहिए जहां कोई यात्री बोट आती-जाती ना हो.

नीलकमल बोट में सेफ्टी गैजेटकी कमी

नेवी की तेज रफ्तार वोट के टकराते ही नीलकमल बोट में एक छेद हो गया था. यात्रियों के देखते ही देखते ही नाव समुद्र में डूबने लगी थी. सभी लोगों ने बचने की कोशिश की, लेकिन बोट पर सुरक्षा के पूरे उपकरण ही नहीं थे, जो थे भी वह बहुत कम थे. इस कारण से यह हादसा और भी ज्यादा बड़ा होता चला गया. लोग पानी में डूब रहे थे, लेकिन उनके पास सेफ्टी गैजेट नहीं थे. हादसे से पहले अगर सुरक्षा बिंदुओं की जांच की जाती तो, शायद इतना बड़ा हादसा नहीं होता.

नौसेना नाव चालकों का स्टंट

हादसे को लेकर प्रत्यश्रदर्थियों का कहना है कि नौसेना नाव के चालक बहुत ही तेजी से नाव पर स्टंट कर रहे थे. उनकी स्पीड लगभग 100 किलोमीटर घंटा थी. वह हवा में खुब तेजी से नाव गोल-गोल लहरा रहे थे. साथ ही नाव को हवा में उड़ा के खतरनाक स्टंट कर रहे थे. इसी दौरान नौसेना के नाव चालकों की लापरवाही के कारण उनकी नाव यात्रियों से भरी नाव में टकरा गई थी.