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अहमदाबाद के ख्याति अस्पताल में आयुष्मान कार्ड बनाने के नाम पर बड़ा फर्जीवाड़ा, 8 आरोपी गिरफ्तार।

गुजरात के अहमदाबाद के ख्याति अस्पताल में आयुष्मान कार्ड बनाने के नाम पर फर्जीवाड़ा कर रहे लोगों का पुलिस ने पर्दाफाश किया है. अस्पताल में पिछले 8 महीने में 3 हजार से ज्यादा आयुष्मान कार्ड बनाए गए. मामले में 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जो फर्जी तरीके से आयुष्मान कार्ड बनाते थे. पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वह अस्पताल के कहने पर ही कार्ड बनाते थे और एक कार्ड बनाने के 1500 रुपये लेते थे.

यह मामला तब सामने आया जब ख्याति अस्पताल में आयुष्मान योजना के तहत 19 लोगों की एक दिन में एंजियोग्राफ़ी और सात लोगों की एंजियोप्लास्टी की गई थी. तब इस मामले में क्राइम ब्रांच ने जांच की और 8 लोगों को गिरफ्तार किया. अस्पताल में PMJAY पोर्टल से जुड़े काम करने वाले मेहुल पटेल ने पूछताछ में बताया कि अस्पताल में आने वाले जिस मरीज के पास आयुष्मान कार्ड नहीं होता था, तो उसे दो शख्स के पास भेजा जाता था.

PMJAY पोर्टल के डाटा से छेड़छाड़

अहमदाबाद पुलिस में जॉइंट पुलिस कमिश्नर (JPC) शरद सिंघल ने बताया कि मरीजों को अस्पताल के सीईओ चिराग राजपूत और डायरेक्टर कार्तिक पटेल के पास भेजा जाता था. फिर 1500 रुपये में आयुष्मान कार्ड बनवाया जाता था. जांच में सामने आया कि कार्तिक और चिराग निमिष नाम के शख्स की मदद से कार्ड बनवाते थे. निमिष PMJAY पोर्टल के डाटा से छेड़छाड़ कर कार्ड बनाने का काम करता था. इसके बाद मरीज की सर्जरी की जाती और इसी कार्ड पर योजना के तहत पैसों का दावा किया जाता था.

3000 फर्जी आयुष्मान कार्ड बनाए

यही नहीं जांच में ये भी सामने आया कि अस्पताल में ऐसे लोगों के भी कार्ड बनाए जाते थे, जो इस कार्ड के लिए एलिजिबल भी नहीं हैं यानी वो इस दायरे में नहीं आते लेकिन फिर भी उनके कार्ड बना दिए गए. अब पुलिस ये पता लगाने की कोशिश कर रही है कि जो 3 हजार कार्ड बनाए गए हैं. वो किस के नाम हैं और उन कार्ड से कितना पैसा क्लेम किया गया है. क्राइम ब्रांच की जांच में सामने आया कि 150 कार्ड का इस्तेमाल ख्याति अस्पताल में ही किया गया.

Google का डोला सिंहासन, OpenAI ने लॉन्च किया ChatGPT Search, फ्री में ढूंढें सबकुछ

ओपनएआई ने लंबे इंतजार के बाद चैटजीपीटी सर्च इंजन को लॉन्च कर दिया है. यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI)के जरिए इंटरनेट पर सर्च करने की सुविधा देगा. कंपनी ने दुनिया भर के लिए यूजर्स के लिए इसे फ्री में लॉन्च किया है. गूगल दुनिया का सबसे बड़ा सर्च इंजन है, लेकिन चैटजीपीटी सर्च इंजन के आने से गूगल सर्च के लिए खतरा पैदा हो गया है. अब लोग गूगल के अलावा चैटजीपीटी पर भी सर्च कर सकते हैं.

ओपनएआई ने चैटजीपीटी डॉट कॉम वेबसाइट पर सर्च करने की सुविधा दी है. इसके अलावा चैटजीपीटी के एंड्रॉयड और आईओएस मोबाइल ऐप पर भी चैटजीपीटी सर्च जारी किया गया है. आप गूगल वॉयस सर्च की तरह अपनी कुछ बोलकर भी चैटजीपीटी पर सर्च कर सकते हैं. आइए जानते हैं कि चैटजीपीटी सर्च कैसे चलाया जा सकता है.

सबके लिए फ्री है चैटजीपीटी सर्च

ऐसा नहीं है कि चैटजीपीटी सर्च पहली बार आया है. यह इस साल की शुरुआत में ही लॉन्च हो गया था, लेकिन सिर्फ पेड कस्टमर्स के लिए. मगर अब चैटजीपीटी सर्च हर किसी के लिए लॉन्च हो गया है. आप बिना पैसा खर्च चैटजीपीटी सर्च का फायदा उठा सकते हैं.

चैटजीपीटी सर्च इंजन का इस्तेमाल करने के लिए इन स्टेप्स को फॉलो करें.

चैटजीपीटी सर्च के लिए आपको चैटजीपीटी डॉट कॉम वेबसाइट पर जाना होगा. यहां चैटजीपीटी में लॉगइन करें. अगर चैटजीपीटी पर अकाउंट नहीं बनाया है, तो पहले रजिस्ट्रेशन करते हुए अकाउंट बनाएं.

लॉगइन करने के बाद आपको ‘message ChatGPT’ बॉक्स के नीचे एक नया ग्लोब का निशान दिखेगा. जब आप इस निशान पर क्लिक करेंगे तो वेब सर्च ऑप्शन चालू हो जाएगा.

मोबाइल ऐप पर भी आपको डेस्कटॉप जैसा इंटरफेस दिखेगा. जैसे ही चैटजीपीटी एक्टिव होगा, ट्रेंडिंग सर्च की लिस्ट नजर आएगी. यहां आपको जो भी सर्च करना है, वो लिखना है, और एंटर बटन पर टैप करना है.

इसके बाद चैटजीपीटी कई सोर्सेज से आपके सर्च का जवाब देते हुए जानकारी देगा. रिजल्ट में मीडिया, टेक्स्ट और वीडियो शामिल रहेंगे. सबसे नीचे सोर्सेज की लिस्ट रहेगी.

इस बात का ध्यान रखें कि आप सर्च करने के लिए जो भी लिखते हैं, उसे परखकर चैटजीपीटी बिना ग्लोबल आइकन पर टैप किए भी सर्च रिजल्ट दिखा सकता है.

इंदौर में भीख देने पर होगी कार्रवाई, मध्य प्रदेश सरकार की बड़ी पहल।

मध्य प्रदेश को यूं ही अजब-गजब प्रदेश नहीं कहा जाता. मध्य प्रदेश के इंदौर में अब भिखारियों को कोई भी भीख देता पाया गया तो उस पर कार्रवाई होगी. दरअसल, प्रदेश में मोहन सरकार भिखारी मुक्त प्रदेश बनाने के लिए अभियान चला रही है. इसी कड़ी में इंदौर में जब प्रशासन भिखारियों के पास पहुंचा तो उनके पास जमा रुपए देखकर सब हैरान रह गए. कई भिखारी प्लॉट, मकान और जमीनों के मालिक निकले.

बता दें कि बीते एक हफ्ते में इंदौर महिला एवं बाल विकास विभाग की टीम ने 323 भिखारियों को पकड़कर उज्जैन के सेवाधाम आश्रम भेजा है. जांच में पता चला कि कुछ की महीने की कमाई तो 50 हजार से लेकर 60 हजार रुपए तक है. किसी के पास 10 बीघा जमीन तक है. एक महिला का 500 रुपए का रोजाना खर्च ड्रग्स लेने का है. हाल ही में एक महिला भिखारी के पास से 75 हजार रुपए मिले थे. महिला ने बताया था कि ये तो उसकी एक हफ्ते की कमाई है.

सेवाधाम आश्रम भेजे गए भिखारी

इंदौर में भिखारियों से ड्रग्स का धंधा करवाया जा रहा है. यहां तक कि इसके तार राजस्थान से भी जुड़े हैं. ड्रग्स के धंधे को खत्म करने के लिए इंदौर कलेक्टर ने ये फैसला लिया है. वहीं उज्जैन के सेवाधाम आश्रम के प्रमुख सुधीर भाई गोयल का कहना है कि हमारे आश्रम में कई भिखारियों को प्रशासन छोड़कर गया है. किसी के पास कई बीघा जमीन है तो किसी के पास लाखों रुपए हैं. कई तो दिनभर नशा करने के आदि हैं. अब हम धीरे-धीरे इनकी ज़िंदगी सुधार रहे हैं.

मोहन सरकार प्रदेश को कर्ज मुक्त बनाए

सरकार की इस पहल पर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार का कहना है कि सरकार तो वैसे भी विदेशों में जाकर निवेश की भीख मांग रही है. भिखारी मुक्त होने के बजाय सरकार प्रदेश को कर्ज मुक्त बनाती तो बेहतर होता. अगर ड्रग्स का धंधा नहीं रोक सकती सरकार तो कम से कम भिखारियों की मदद तो न रोके.

किसी को भी भीख मांगने की जरूरत नहीं- मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल

वहीं इस मामले पर मोहन सरकार में राज्यमंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल का कहना है कि ये एक अच्छी पहल है. इंदौर स्वच्छता में नंबर-1 है. ये एक अभिनंदनीय फैसला है. जीवन व्यापन के लिए तो सरकार ही इतनी योजनाएं चला रही है कि किसी को भीख मांगने की जरूरत ही नहीं है.

मध्य प्रदेश में भीख मांगना अपराध

हालाकि केंद्र सरकार ने भिक्षा देने पर कोई भी कानून नहीं बनाया है, लेकिन मध्य प्रदेश भिक्षावृत्ति निवारण अधिनियम, 1973 के तहत भीख मांगना दंडनीय अपराध है. इस अधिनियम के तहत पहली बार पकड़े जाने पर दो साल और दूसरी बार पकड़े जाने पर 10 साल की सजा का प्रावधान है.

भीख मांगने को बीएनएस की धारा-133 के तहत सार्वजनिक परेशानी (पब्लिक न्यूसेंस) माना गया है. फिलहाल देखना दिलचस्प होगा सरकार के इस कड़े फैसले के बाद भी मध्य प्रदेश भिक्षुक मुक्त होता है या नहीं.

बांसवाड़ा: खेल-खेल में मासूम ने निगला विक्स का ढक्कन, गले में अटकने से मौत

राजस्थान के बांसवाड़ा जिले के लोहारी थाना क्षेत्र के सरेड़ी बड़ी कस्बे में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई. यहां 14 महीने के मासूम ने खेलते-खेलते विक्स की डिब्बी का ढक्कन निगल लिया, जिससे उसकी मौत हो गई. बच्चे के परिजन उसे इलाज के लिए अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन अस्पताल में डॉक्टर नहीं मिले, जिसके कारण परिजनों का गुस्सा फूट पड़ा. परिजनों ने अस्पताल के गेट पर ताला जड़ दिया और डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. जानकारी होने पर पुलिस और चिकित्सा विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे और परिजनों शांत कराया.

घटना सरेड़ी बड़ी कस्बे में हिरेन जोशी के घर हुई, जहां उनका 14 महीने का बेटा मानविक विक्स की डिब्बी से खेल रहा था. इस दौरान उसने ढक्कन निगल लिया. जब परिजनों को इसकी जानकारी हुई तो वह तुरंत मासूम को सरेड़ी बड़ी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे. यहां पर केवल एक नर्स और चपरासी मौजूद थे, लेकिन कोई डॉक्टर नहीं था. इसके बाद परिजनों ने मासूम को बांसवाड़ा अस्पताल ले जाने का निर्णय लिया, लेकिन रास्ते में ही बच्चे की मौत हो गई.

डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग

बच्चे की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल लौटकर हंगामा किया और आरोप लगाया कि डॉक्टरों की गैरमौजूदगी के कारण मासूम को समय पर इलाज नहीं मिल पाया और उसकी जान चली गई. गुस्साए परिजनों ने अस्पताल के गेट पर ताला लगा दिया और चिकित्सा विभाग के खिलाफ नारेबाजी की. उन्होंने डॉक्टरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की और स्टाफ की कमी को लेकर भी नाराजगी जताई.

18 साल बाद जन्मा था कोई लड़का

मानविक के पिता ने बताया कि वह एक सरकारी शिक्षक हैं और उनकी पत्नी गृहणी हैं. परिवार में 18 साल बाद एक बेटा हुआ था, जिसके लिए उन्होंने कई मन्नतें मांगी थीं. बेटे के जन्म से परिवार में खुशियां छाई थीं, लेकिन अब उनकी दुनिया पल भर में टूट गई है और वे गहरे दुख में डूबे हुए हैं.

मामले की सूचना मिलने पर पुलिस अधीक्षक सुदर्शन सिंह और थाना पुलिस मौके पर पहुंची. ग्रामीणों ने सीएमएचओ और बीसीएमओ को बुलाने की मांग की, जिसके बाद बीसीएमओ दीपिका मौके पर पहुंचीं और ग्रामीणों को समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया. इसके बाद मृतक बच्चे के परिजनों ने प्रदर्शन को समाप्त किया.

बादशाह के काफिले ने उड़ाई ट्रैफिक नियमों की धज्जियां, गुरुग्राम पुलिस ने 15 हजार 500 का काट दिया चालान

मशहूर सिंगर और रैपर बादशाह को रॉन्ग साइड पर गाड़ी चलाना महंगा पड़ गया है. गुरुग्राम ट्रैफिक पुलिस ने बादशाह का 15 हज़ार 500 रुपये का चालान काट दिया है. रविवार को बादशाह अपनी तीन कारों के काफिले को लेकर करण औजला के कॉन्सर्ट में पहुंचे थे. ये कॉनसर्ट गुरुग्राम के सेक्टर 68 में हुआ था. इस दौरान उनकी गाड़ी रॉन्ग साइड पर दौड़ाई गई, जिसका खमियाजा अब उन्हें चालान के तौर पर भुगतना पड़ा है.

गुरुग्राम में सेक्टर 68 के एरिया मॉल में रविवार को पंजाबी सिंगर करण औजला का लाइव कॉन्सर्ट था. इस कॉन्सर्ट में बादशाह भी शामिल हुए थे. बादशाह के काफिले में तीन कारें थीं, जिनें एक थार भी थी. बादशाह का काफिला जैसे ही गुरुग्राम के बादशाहपुर में पहुंचा तो बादशाह के काफिले ने नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए बादशाहपुर से एरिया मॉल तक रॉन्ग साइड ड्राइविंग की. जिसकी तस्वीरें सीसीटीवी कैमरे में भी कैद हो गईं.

किसके नाम पर रजिस्टर्ड है गाड़ी?

वही गुरुग्राम पुलिस की मानें तो इस काफिले में एक थार गाड़ी शामिल थी, जिसमें नंबर प्लेट लगी हुई थी. वहीं, काफिले में जो बाकी गाड़ियां थीं, उसमें टेंपरेरी नंबर लगा हुआ था. पुलिस ने बताया कि इसी गाड़ी में रैपर सिंगर बादशाह बैठे हुए थे. हालांकि ये गाड़ी पानीपत के दीपेंद्र माली के नाम पर रजिस्टर्ड है. बादशाह के कार काफिले का चालान काटकर ट्रैफिक पुलिस ने संदेश देने की कोशिश की है कि कानून की नज़र में सब बराबर है.

पुलिस ने क्या बताया?

गुरुग्राम पुलिस के प्रवक्ता संदीप ने कहा, “तीन गाड़ियां थीं. सोहना रोड पर कोई म्यूजिक इवेंट था. उस इवेंट में जाने के लिए उन्होंने गलत दिशा का प्रयोग किया. रॉन्ग साइड में गाड़ी चलाई गई. जिस पर गुरुग्राम पुलिस के द्वारा कार्रवाई की गई है. तीन गाड़ियां थीं. एक पर नंबर प्लेट थी. करीब 15 हज़ार रुपये का चालान रॉन्ग साइड और खतरनाक ड्राइविंग के लिए किया गया है. चालान के दौरान पता लगा कि ये काफिला सिंगर बादशाह का था.”

फ्रांस में चक्रवात चिडो ने मचाई तबाही, पीएम मोदी ने जताया दुख, X पर किया पोस्ट

फ्रांस के मायोट में चक्रवात चिडो ने तबाही मचाई है. इसकी वजह से सैकड़ों लोग मारे गए हैं. अधिकारियों का कहना है कि यह संख्या हजारों में हो सकती है. प्रकृति के कहर से सब अस्त-व्यस्त हो गया है. प्रधानमंत्री मोदी ने इस तबाही पर दुख जताया है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर किए पोस्ट में पीएम मोदी ने कहा, मायोट में चक्रवात चिडो के कारण हुई तबाही से मैं बहुत दुखी हूं. मेरी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ हैं.

पीएम मोदी ने इसी पोस्ट में आगे कहा, मुझे पूरा विश्वास है कि राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के नेतृत्व में फ्रांस इस त्रासदी से दृढ़ता और दृढ़ संकल्प के साथ उबर जाएगा. भारत फ्रांस के साथ एकजुटता में खड़ा है और हर संभव सहायता देने के लिए तैयार है. उधर, मायोट प्रीफेक्ट फ्रांकोइस-जेवियर बियुविले ने टीवी चैनल मायोट ला1एरे से कहा, मुझे लगता है कि इस तबाही में सैकड़ों लोग मारे गए हैं. शायद ये संख्या करीब एक हजार हो सकती है या फिर हजारों में भी पहुंच सकती है.

90 साल में मायोट में आया सबसे भयंकर चक्रवाती तूफान

उन्होंने पहले कहा था कि ये (चिडो) 90 साल में मायोट में आया सबसे भयंकर चक्रवाती तूफान है. बियुविले ने कहा कि शनिवार को मायोट में आए भीषण चक्रवात के कारण हुई मौतों और घायलों की सटीक संख्या का पता लगाना बहुत कठिन है. चक्रवात की वजह से एयरपोर्ट सहित सार्वजनिक बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचा है.

चक्रवात चिडो की वजह से कई इलाके तबाह हो गए हैं. बिजली आपूर्ति ठप हो गई है. बता दें कि रविवार को फ्रांस के गृह मंत्रालय ने 11 लोगों की मौत और 250 से अधिक लोगों के घायल होने की पुष्टि की थी.फ्रांस ने राहत और बचाव कार्यों के लिए 140 नागरिक सुरक्षा सैनिकों और अग्निशमन कर्मियों सहित अतिरिक्त बल भेजे हैं. ये चक्रवात दक्षिणपूर्वी हिंद महासागर से गुजरा, जिसका असर कोमोरोस और मेडागास्कर पर भी पड़ा है. मायोट सीधे चक्रवात के रास्ते में आ गया. इस वजह से यहां भारी नुकसान हुआ.

मुजफ्फरपुर में बड़ी लूट: बदमाशों ने पिकअप वाहन से लूटे साढ़े तीन लाख रुपये की मछली और 9,000 रुपये नकदी, पुलिस ने शुरू की जांच

मुजफ्फरपुर के मोतीपुर थाना क्षेत्र के सिंगैला गांव के पास बदमाशों ने हथियार के बल पर मछली लदी पिकअप वाहन लूट लिया. ड्राइवर बच्चे लाल महतो ने पुलिस को बताया कि वह पटना मंडी से 45 पेटी मछली लेकर मोतीपुर बस स्टैंड पर व्यापारी की दुकान पर जा रहा था. रास्ते में कार सवार बदमाशों ने ओवरटेक कर वाहन रोक लिया. पांच बदमाशों ने पिस्टल दिखाकर उसे घेर लिया.

बदमाशों ने चालक की गर्दन पर चाकू रखकर उसे बंधक बना लिया और पिकअप वाहन से 9,000 रुपये नकदी, मोबाइल, आधार कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस छीन लिए. इसके बाद चालक को कार में बैठाकर अपने साथ ले गए. उन्होंने पिकअप में लगे जीपीएस का पता लगाने की कोशिश की और जब चालक ने जानकारी नहीं दी, तो उसकी पिटाई शुरू कर दी.

चलती कार से फेंका

घटनास्थल से 10 किलोमीटर कुशाही गांव के पास बदमाशों ने चालक के हाथ-पैर बांधकर उसे चलती कार से बगीचे में फेंक दिया. घायल चालक के कराहने की आवाज सुनकर आसपास के ग्रामीण मौके पर पहुंचे और उसे बंधन मुक्त कराया. सूचना मिलते ही पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और चालक से घटना की जानकारी ली.

वाहन में थी साढ़े तीन लाख की मछली

पीड़ित चालक महवल निवासी बच्चे लाल महतो ने पुलिस को बताया कि उसने पटना के मछली मंडी से 45 पेटी मछली पिकअप पर लोड की थी. मोतीपुर बस स्टैंड स्थित मछली मंडी के एक व्यवसायी के दुकान पर आ रहा था. चालक के अनुसार मछली की कीमत साढ़े तीन लाख थी.

पुलिस का बयान

डीएसपी पश्चिमी अभिषेक पांडेय ने बताया कि सिंगैला पुल के पास हुई इस लूट की एफआईआर दर्ज कर ली गई है. पुलिस ने मामले की छानबीन शुरू कर दी है. टेक्निकल और अन्य पहलुओं की जांच की जा रही है. चालक के बयान के मुताबिक, दो बदमाश पिकअप वाहन लेकर फरार हो गए. घटना के दौरान बदमाशों ने चालक को बुरी तरह पीटा और फिर सुनसान इलाके में फेंक कर भाग निकले.

इस घटना से इलाके में सनसनी फैल गई है. ग्रामीणों ने बताया कि इस तरह की घटनाएं क्षेत्र में पहले भी हो चुकी हैं. पुलिस ने कहा है कि अपराधियों तक पहुंचने के लिए हर संभव कोशिश की जा रही है. जल्द ही बदमाशों को गिरफ्तार कर घटना का खुलासा किया जाएगा.

पुणे में पुलिस कांस्टेबल को साइबर ठगों ने लगाया लाखों रुपये का चूना, क्यूआर कोड स्कैन कर दिया बड़ा झटका

*

साइबर फ्रॉड के मामले बढ़ते जा रहे हैं. कई बार भोले-भाले लोग साइबर ठगी का शिकार हो जाते हैं. जबकि साइबर सेल और पुलिस लोगों को समय-समय पर अलर्ट करती रहती है लेकिन महाराष्ट्र के पुणे से साइबर ठगी का एक ऐसा मामला सामने आया है, जहां खुद एक पुलिस कांस्टेबल ही साइबर ठगी का शिकार हो गए. उन्होंने क्यूआर कोड स्कैन किया और लाखों रुपये गंवा दिए.

दरअसल पुणे के पास सासवड़ में रहने वाले कांस्टेबल ने पुणे ग्रामीण पुलिस को अपनी आपबीती बताई. उन्होंने बताया कि ठगी तब शुरू हुई जब उन्होंने सासवड़ में एक बेकरी में पेमेंट करने की कोशिश की. उन्हें लेनदेन पूरा करने के लिए एक क्यूआर कोड स्कैन करने कहा गया. इसके बाद उन्होंने देखा कि उनके सेविंग अकाउंट्स में से 18,755 रुपये अनऑथराइज्ड डेबिट हुए है.

बिना OTP शेयर किए

इसके बाद उन्होंने अपने बाकी बैंक अकाउंट्स चेक किए तो उनके सैलरी अकाउंट्स में से भी 12,250 रुपये अनऑथराइज्ड तरीके से ट्रांसफर हुए और उनके अकाउंट में महज 50 रुपये बचे. यही नहीं पुलिस कांस्टेबल के पास गोल्ड लोन खाते से 1.9 लाख रुपये के लेनदेन के लिए वन-टाइम पासवर्ड (ओटीपी) जानकारी मिली. हालांकि उन्होंने OTP शेयर नहीं किया लेकिन फिर भी उनके अकाउंट से 1.9 लाख रुपये उड़ गए.

क्रेडिट कार्ड का भी इस्तेमाल

इसके अलावा जालसाजों ने उनके क्रेडिट कार्ड का भी इस्तेमाल किया और 14,000 रुपये का दो लेन-देन किया. गनीमत ये रही कि कांस्टेबल ने अपने बैंक खातों और क्रेडिट कार्ड को फ्रीज करने के लिए तुरंत एक्शन लिया. अब इस मामले की जांच की जा रही है. पुलिस ने खुलासा किया कि ठगों ने एक APK फाइल के जरिए कांस्टेबल के मोबाइल और बैंक अकाउंट्स की डिटेल्स निकाली.

APK फाइल या QR कोड?

पुलिस ने कहा कि हो सकता है कि कांस्टेबल ने अनजाने में धोखेबाजों के भेजे गए लिंक पर क्लिक किया होगा, जिसके बाद उन्हें अपने डिवाइस पर मैलवेयर या स्पाइवेयर इंस्टॉल करने की इजाजत मिली. इसके जरिए ही ठगों को लॉगिन क्रेडेंशियल और ओटीपी जैसी जानकारी मिली और वह ठगी करने में कामयाब हुए. हालांकि पुलिस आगे यह जांच कर रही है कि कांस्टेबल के साथ APK फाइल या क्यूआर कोड किस के जरिए ठगी की गई.

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट: 200 इलेक्ट्रिक बसों से 24 जिलों को मिलेगी सीधी कनेक्टिविटी, 23 दिसंबर को होगी उच्च स्तरीय बैठक

उत्तर प्रदेश के जेवर में तैयार हो रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर सफल ट्रायल लैंडिंग के बाद अब रेगुलर फ्लाइट्स के संचालन की तैयारियां अंतिम चरण में पहुंच गई हैं. एयरपोर्ट को चार राज्यों के 24 जिलों से सीधी कनेक्टिविटी दी जाएगी. इसके लिए 200 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन किया जाएगा. एयरपोर्ट तक की यात्रा सुगम करने के लिए यमुना प्राधिकरण 24 घंटे ई-बसों का संचालन करेगा. दिल्ली, हरियाणा, यूपी और राजस्थान के 24 जिलों के लिए में ई बसे चलेगी. इसके लिए ईओआई (एक्सप्रेस ऑफ इंटेस्ट) जारी कर दिया गया है.

कंपनियों को इसके लिए 23 दिसंबर तक अपना प्रस्ताव देने का समय दिया है, जिसके बाद आगे की प्रक्रिया को बढ़ाया जाएगा. ऐसा माना जा रहा है कि नोएडा एयरपोर्ट पर अप्रैल 2025 से कमर्शियल फ्लाइट फ्लाइट का संचालन शुरू हो जाएगा. वहीं एयरपोर्ट पर 9 दिसंबर को सफल ट्रायल लैंडिंग हुई थी. सवाल ये उठ रहे हैं कि लोग अप्रैल में एयरपोर्ट तक कैसे पहुंचेंगे. एयरपोर्ट को बेहतर कनेक्टिविटी देने के लिए रैपिड रेल, मेट्रो या फिर रेलवे की सुविधा शुरू करने में कई साल लग जाएंगे. ऐसे में इसके लिए योजना बनाई गई है.

23 दिसंबर को होनी है उच्च स्तरीय बैठक

योजना के तहत चार राज्यों दिल्ली, यूपी, हरियाणा और राजस्थान के ऐसे जिले जो करीब 150 किमी के दायरे में आते हैं और जिन जगहों से हवाई सफर के लिए यात्रियों का आना जाना होता रहता है वहां इलेक्ट्रिक बसों से एयरपोर्ट के लिए सीधी कनेक्टिविटी दी जाएगी. नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (नायल) के सर्वे के अनुसार एयरपोर्ट के 150 किमी दायरे में चारों राज्य के लगभग 24 जिले आ रहे हैं. ऐसे में नायल की कोशिश ये है कि कार्मिशियल फ्लाइट से शुरू होने के पहले बस की सेवा शुरू हो जाए. इस मामले एक 23 दिसंबर को उच्च स्तरीय बैठक होनी है.

कौन से हैं वो 24 जिले?

इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड से मिली जानकारी के मुताबिक एयरपोर्ट के 150 किमी के दायरे में जो 24 जिले आ रहे हैं, वो गुड़गांव, झज्जर, रेवाड़ी, रोहतक, सोनीपत, पानीपत, करनाल, फरीदाबाद, पलवल, मेवात (नूह), भिवानी, महेंद्रगढ़, मेरठ, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़, हापुड़, शामली, बागपत, मुजफ्फरनगर, मथुरा, हाथरस और भरतपुर हैं.

महाकुंभ 2025: प्रयागराज में लगेंगे दुनिया के सबसे बड़े मुफ्त खाने के कैंप, 200 से ज्यादा धार्मिक संस्थाएं कराएंगी भोजन

अगले साल 13 जनवरी से प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन होने जा रहा है. महाकुंभ की तैयारियां जोरों-शोरों से चल रही हैं. बताया जा है कि यहां हर रोज 70 से 80 लाख लोग पहुंच सकते हैं. इतनी बड़ी संख्या के बावजूद महाकुंभ में कोई श्रद्धालु भूखा नहीं रहेगा. इसके लिए कुंभ क्षेत्र में 200 से ज्यादा धार्मिक संस्थाएं सभी श्रद्धालुओं को भोजन परोसने के लिए कैंप लगाएंगी. अपर कुंभ मेला अधिकारी विवेक चतुर्वेदी ने बताया कि बड़ी संख्या में धार्मिक संगठन स्वेच्छा से सभी को निशुल्क भोजन कराते हैं

पहले भी धार्मिक संस्थाओं ने लाखों भक्तों को निशुल्क खाना खिलाया है. अब इस साल का कुंभ भी इससे अलग नहीं होगा. एडीएम विवेक चतुर्वेदी ने कहा कि स्वयंसेवी संगठन और धार्मिक संस्थाएं भक्तों को मुफ्त भोजन देने के लिए लंगर लगाने में बहुत गर्व महसूस करती हैं. यह समाज के प्रति उनकी सेवा का भाव को दर्शाता है. सेवा आश्रम और सैकड़ों अन्य संगठनों ने गंगा में पवित्र स्नान करने वाले भक्तों के लिए भोजन उपलब्ध कराने का संकल्प लिया है.

कुंभ क्षेत्र के हर सेक्टर में मिलेगा खाना

कुंभ क्षेत्र के हर कोने में मुफ्त खाने के लिए व्यवस्था की जाती है और लंगर चलते हैं. अन्नपूर्णा नगर भी इसी का एक अंग है. धार्मिक सामाजिक संस्थाएं इस कार्य में अग्रणी हैं. महाकुंभ क्षेत्र में मौजूद 782 खालसे इसके लिए सबसे आगे रहते हैं, जहां 24 घंटे लगातार लंगर चलता है. बड़े सामाजिक और धार्मिक संगठन भी इस बार आगे आए थे. ऋषिकेश में परमार्थ निकेतन आश्रम के अध्यक्ष और आध्यात्मिक प्रमुख स्वामी चिदानंद सरस्वती बताते हैं कि हमारा शिविर नैनी रोड पर अरैल घाट पर होगा. हम एक बड़ा अन्न क्षेत्र स्थापित करेंगे, जहां हमारे कार्यकर्ता खाना पकाएंगे और परोसेंगे.

10 जनवरी से शुरू होगा प्रसाद बंटना

उन्होंने आगे बताया कि शुरुआत में हम नाव चलाने वालों और सफाई कर्मचारियों को भोजन कराएंगे, जिन पर बहुत ज्यादा दबाव होगा. उसके बाद यह सेवा आम जनता तक बढ़ाई जाएगी. भक्तों को भोजन में सफाई से तैयार की गई रोटी, सब्जी, चावल और दाल मिलेगी. इसी तरह अक्षय पात्र फाउंडेशन और हरे कृष्ण मूवमेंट दुनिया के सबसे बड़े आध्यात्मिक समागम के मेजबान शहर प्रयागराज में विशाल मोबाइल रसोई, खाना पकाने के बर्तन भेज रहे हैं. अक्षय पात्र फाउंडेशन के जनसंपर्क प्रमुख स्वामी अनंत वीर्य दास का कहना है कि हम मोबाइल रसोई के जरिए परेड ग्राउंड के पास लगभग 10 हजार तीर्थयात्रियों को स्वादिष्ट और पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराएंगे. हम 10 जनवरी से प्रसाद बांटना शुरू करेंगे.

सरकार की ओर से होगी व्यवस्था

इनके साथ ही राज्य खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग मेला क्षेत्र के सभी सेक्टरों में 160 उचित मूल्य की दुकानें भी स्थापित करेगा. यहां जनवरी और फरवरी 2025 में दो बार मुफ्त राशन वितरित किया जाएगा. इसके तहत भंडारण के लिए पांच गोदाम स्थापित किए जाएंगे, जिसके लिए राज्य सरकार ने 43 करोड़ रुपये से ज्यादा देने का वादा किया है. मेला एसडीएम विवेक चतुर्वेदी बताते हैं कि कल्पवासी जो एक महीने कुंभ क्षेत्र में रहते हैं और अपना भोजन खुद बनाते हैं. इसलिए, ये 160 राशन की दुकानें उनकी जरूरतों को पूरा करेंगी. नए राशन कार्ड और आपूर्ति प्रदान करेंगी, जबकि पांच गोदाम स्टॉक मैनेजमेंट में मदद करेंगे और कमी को रोकेंगे. इस तरह महाकुंभ में दुनिया के सबसे बड़े मुफ्त खाने के कैंप लगेंगे.