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दुर्ग-छपरा सारनाथ एक्सप्रेस 17 दिसंबर से नियमित चलेगी

बिलासपुर-     रेलवे ने दुर्ग-छपरा सारनाथ एक्सप्रेस 17 दिसंबर 2024 से फिर से नियमित रूप से संचालन करने का फैसला लिया है. रेलवे ने इस ट्रेन को 2 दिसंबर से 27 फरवरी तक विभिन्न दिनों में रद्द करने का निर्णय लिया था, लेकिन अब महाकुंभ और सामाजिक-राजनैतिक दबाव के कारण यह फैसला वापस ले लिया गया है. भाजपा विधायक धर्मजीत सिंह, कांग्रेस विधायक अटल श्रीवास्तव और विभिन्न संगठनों ने इस ट्रेन की नियमित सेवा की मांग की थी.

रेलवे प्रशासन द्वारा लिया गया यह निर्णय यात्रियों के लिए राहत लेकर आया है. इसके अलावा, महाकुंभ के दौरान दक्षिण-पूर्व मध्य रेलवे तीन विशेष ट्रेनें भी चलाएगा. संगठनों और नेताओं ने रेलवे के इस फैसले पर आभार व्यक्त किया है. साथ ही, भविष्य में यह मांग उठाई गई है कि सारनाथ एक्सप्रेस को कोहरे के कारण रद्द न किया जाए.

शीतकालीन सत्र : सदन में विपक्ष के सवालों का जवाब देने BJP विधायक दल की बैठक में बनी रणनीति

रायपुर-  नवा रायपुर, अटल नगर स्थित नवीन मुख्यमंत्री निवास में आज भाजपा विधायक दल की अहम बैठक आयोजित की गई. बैठक में आगामी सत्र के दौरान विपक्ष के सवालों का प्रभावी ढंग से जवाब देने की रणनीति बनाई गई.

विधायक दल की बैठक को लेकर विधायक धरमजीत सिंह ने कहा कि विपक्ष के सवालों का हम मुंह तोड़ जवाब देंगे. वहीं बीजेपी वरिष्ठ विधायक अजय चंद्राकर ने बैठक को लेकर उत्साह व्यक्त करते हुए कहा कि माहौल हर्ष और उल्लास से भरा रहा. उन्होंने बताया कि इस मौके पर भाजपा सरकार के 1 साल पूरे होने पर केक काटा गया. विपक्ष के सवालों पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा, “उन्होंने (विपक्ष ने) भी बहुत से कारनामे किए हैं. हम जवाब देने के लिए बैठे हैं.

बता दें कि छत्तीसगढ़ विधानसभा शीतकालीन सत्र की शुरुआत 16 दिसंबर से होगी और यह सत्र 20 दिसंबर तक चलेगा. शीतकालीन सत्र में कुल चार बैठकें होंगी.

राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस : प्रकृति और विकास में संतुलन से ही मानव कल्याण - मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

रायपुर-    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस पर प्रदेशवासियों से ऊर्जा संरक्षण की अपील करते हुए कहा है कि ऊर्जा संरक्षण से ही हम स्वस्थ, पर्यावरण अनुकूल और उज्ज्वल भविष्य पा सकते हैं। हमें ईंधन की खपत को कम करने और भविष्य के लिए ऊर्जा बचाने के लिए ऊर्जा संसाधनों का मितव्ययतापूर्वक उपयोग करने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रकृति और विकास के संतुलन में ही मानव कल्याण निहित है। ऊर्जा संरक्षण दिवस हमें याद दिलाता है कि हम अपने ऊर्जा स्रोतों के साथ लापरवाही नहीं बरत सकते। इसके लिए हम सभी को ऊर्जा संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध होने की जरूरत है।

उल्लेखनीय है कि ऊर्जा संरक्षण के महत्व और जलवायु परिवर्तन के बारे में लोगों में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से हर साल 14 दिसंबर को राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस मनाया जाता है।

IVF से बच्चा के नाम पर लाखों की धोखाधड़ी, दो निजी अस्पतालों पर एक्शन लेगा आयोग, पतियों का दूसरी महिला से संबंध पर भी महिला आयोग में हुई सुनवाई…

रायपुर-     छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग ने आज रायपुर कार्यालय में महिला उत्पीड़न से संबंधित प्रकरणों पर सुनवाई की. इस मामले में महिला ने बताया कि आईवीएफ से बच्चा के नाम पर रायपुर के दो निजी अस्पतालों ने लाखों रुपए की धोखाधड़ी की है. इस पर महिला आयोग ने महिला को निर्देश दिया कि वह अस्पतालों को कितनी राशि कब-कब दी, उसकी सूची लेकर आयोग में उपस्थित हो, ताकि प्रकरण का अंतिम निराकरण किया जा सके. दो महिलाओं के पति का दूसरी महिला से अवैध संबंध है, इस पर भी महिला आयोग में सुनवाई हुई।

सुनवाई के दौरान आयोग में एक अत्यंत गंभीर मामला महिला ने दर्ज कराया, जिसमें आवेदिका ने अपने भ्रूण अनावेदकणों के पास संरक्षित करा कर रखे हैं. इसमें से 4 भ्रूण प्रत्यारोपित करने के बाद नष्ट हो चुका है, लेकिन 7 भ्रूण अभी भी अनावेदकों के पास है. इसके लिए आवेदिका और बच्चा चाहने की चाह में लगभग 15 लाख अनावेदकों को दे चुकी है और शेष 7 भ्रूण में से आवेदिका पुनः मातृत्व अधिकार के लिए प्रयासरत हैं, किंतु अनावेदक लगातार महिला को इंकार कर प्रताड़ित कर रहे हैं.

आयोग की टीम ने उभय पक्षों को विस्तार से सुना गया, जिसमें अनावेदक केवल अपने उद्देश्य से दो तरह की बाते करती नजर आई. एक अन्य अनावेदिका का कहना है कि पहली अनावेदिका डॉक्टर ने बिना सहमति के सारी मशीन और भ्रूण को असुरक्षित तरीके से निकालकर ले गई, जिसके कारण भ्रूणों के सुरक्षित और प्रत्यारोपण के बाद जीवित और नॉर्मल बच्चा होने की संभावना संदिग्ध है. उनका यह भी कहना है कि वह दावे के साथ कह सकती है कि आवेदिका के सारे भ्रूण समाप्त हो गए हैं. भ्रूणों को संरक्षित करने के नाम पर अनावेदक उससे फीस लेती आ रही है, लेकिन भ्रूण प्रत्यारोपण करने के लिए पति की सहमति के आड़ पर भ्रूण प्रत्यारोपित नहीं कर रही है, जो उपभोक्ता कानून के तहत क्षतिपूर्ति का मामला प्रतीत होता है, क्योंकि दोनाें अनावेदिकाओं ने आवेदिका को डोनर एक्ट के माध्यम से भ्रूण निर्माण व संरक्षण के सपने दिखाकर इसके आड़ में लाखों रुपए खर्च कराए. आयोग ने आवेदिका को निर्देश दिया कि वह अनावेदिकाओं को कितनी राशि कब-कब दी, इसकी सूची लेकर आयोग में उपस्थित हो, ताकि प्रकरण का अंतिम निराकरण किया जा सके.

पति का दूसरी महिला से अवैध संबंध, आयोग ने सुनाया ये फैसला

एक अन्य मामले में महिला ने बताया कि अनावेदिका उसके पति के साथ दूसरी पत्नी के रूप में रहती है और उन्हें पति से तलाक लेने के लिए धमकाती है. अनावेदिका के इस व्यवहार से आवेदिका भयभीत है. अनावेदिका (दूसरी महिला) ने आयोग के समक्ष सुनवाई में यह कबूल किया कि वह आवेदिका के पति के साथ अवैध संबंध में दूसरी पत्नी के रूप में रह रही है. अनावेदिका (दूसरी महिला) अपनी गलती को स्वीकारने के बाद भी आक्रोशित है. अनावेदिका द्वारा आवेदिका को नुकसान पहुंचाने की संभावना को देखते हुए व सुरक्षा की दृष्टि से अनावेदिका को आगामी सुनवाई तक नारी निकेतन भेजे जाने का आदेश आयोग ने दिया.

दूसरी महिला के साथ भागने पत्नी पर बना रहा तलाक का दबाव

एक मामले में आवेदिका ने अनावेदक के खिलाफ मामला प्रस्तुत किया कि वह दूसरी महिला के साथ भागने व आवेदिका को तलाक के लिए दबाव बना रहा है. अनावेदक ने बताया कि उसका एकतरफा तलाक कुंटुंब न्यायालय से हो चुका है. अनावेदक ने बताया कि वह बिजली विभाग में लाइनमैन की पोस्ट पर संविदा में कार्यरत है और उसे 14 हजार रुपए वेतन मिलता है, परंतु उसकी पे स्लिप में वेतन 22 हजार रुपए दिखा रहा है. आवेदिका लगभग 3 वर्षों से अनावेदक से अलग रह रही है और उसे किसी भी प्रकार का कोई भरण पोषण प्राप्त नहीं हो रहा है. अनावेदक आयोग के सामने लगातार झूठा तथ्य बता रहा है. आवेदिका ने बताया कि अनावेदक का अन्य महिला से अवैध संबंध है. अनावेदक का मोबाइल चेक किए जाने पर आवेदिका के कथन की पुष्टि हुई कि अन्य महिला के कारण आवेदिका का वैवाहिक जीवन बर्बाद हो रहा है. आगामी सुनवाई में दूसरी महिला को पुलिस के माध्यम से एक महिला सिपाही के साथ आयोग में उपस्थित किए जाने का आदेश दिया गया. अनावेदक को अपने विस्तृत प्रस्ताव के साथ ईमानदारी से उपस्थित होने कहा गया, अन्यथा आयोग द्वारा अपराधिक प्रकरण दर्ज करने की अनुशंसा की जाएगी.

नौकरी लगाने के नाम पर धोखाधड़ी, लिपिक की जाएगी नौकरी

एक अन्य मामले में महिला ने बताया कि अनावेदक शासकीय स्कूल में लिपिक के पद पर कार्यरत है और आवेदिका को नौकरी दिलाने का झूठा आश्वासन देकर 2 लाख 10 हजार रुपए हड़प लिया है. इसकी स्वीकृति महिला आयोग के समक्ष अनावेदक ने की. अनावेदक ने बताया कि उसे केवल 1 लाख रुपए आवेदिका को वापस करने है. शेष राशि वह वापस कर चुका है. आज आयोग के समक्ष आवेदिका को 1 लाख रुपए वापस करना था, लेकिन अनावेदक जान बुझ कर अनुपस्थित रहा. इस स्थिति से स्पष्ट है कि अनावेदक आवेदिका को पैसा वापस करने की मंशा नहीं रखता है. अनावेदक शासकीय लिपिक होकर आवेदिका को नौकरी देने का झांसा देकर उससे 2 लाख 10 हजार रुपए ऐंठ चुका है, इसलिए डीईओ बिलासपुर, जिला कलेक्टर बिलासपुर व प्रमुख सचिव शिक्षा विभाग छग शासन को आयोग के द्वारा पत्र भेजकर सिविल सर्विस एक्ट प्रावधान के तहत अनावेदक को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने की अनुशंसा की जाएगी.

सुनवाई के दौरान महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक एवं सदस्यों में सरला कोसरिया, लक्ष्मी वर्मा, ओजस्वी मंडावी एवं दीपिका शोरी मौजूद रही. किरणमयी नायक की अध्यक्षता में प्रदेश स्तर पर आज 296वीं सुनवाई हुई.

भगवान दत्तात्रेय जयंती की मुख्यमंत्री ने दी शुभकामनाएं
रायपुर-   मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने भगवान दत्तात्रेय की 14 दिसम्बर को जयंती के अवसर पर सभी प्रदेशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने भगवान दत्तात्रेय से प्रदेशवासियों के सुख, समृद्धि और खुशहाली की कामना की है। मुख्यमंत्री साय ने कहा है कि भगवान दत्तात्रेय ने हमें अहंकार को त्यागकर ज्ञान के माध्यम से जीवन को सफल बनाने का संदेश दिया है। भगवान दत्तात्रेय को ब्रम्हा, विष्णु और शिव तीनों देवताओं का अंश माना जाता है। माना गया है कि भगवान दत्तात्रेय की पूजा से तीनों देव प्रसन्न होते हैं और जीवन में सुख और समृद्धि बनी रहती है।
छत्तीसगढ़ राज्य तैयार कर रहा है ईको-रेस्टोरेशन पॉलिसी, केरल के बाद देश का दूसरा राज्य होगा छत्तीसगढ़

रायपुर-   मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शदन में छत्तीसगढ़ राज्य में ईको-रेस्टोरेशन पॉलिसी तैयार की जा रही है। केरल के बाद, यह छत्तीसगढ़ देश का दूसरा राज्य है जो यह पॉलिसी तैयार कर रहा है। वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार की यह पहल पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास के क्षेत्र में राज्य को नई पहचान दिलाने की दिशा में एक ठोस प्रयास है।

भारत की ग्लोबल रेस्टोरेशन इनिशिएटिव, बॉन चैलेंज और संयुक्त राष्ट्र ईको-रेस्टोरेशन दशक में भागीदारी यह स्पष्ट करती है कि एक केंद्रित ईको-रेस्टोरेशन नीति अनिवार्य है। पारंपरिक वनीकरण, जो प्रायः अत्यधिक लागत वाला होता है और गैर-स्थानीय प्रजातियों पर आधारित होता है, सीमित पारिस्थितिक लाभ प्रदान करता है। इसे ध्यान में रखते हुए, सर्वाेच्च न्यायालय ने 2021 में अपने निर्देश के तहत एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया, जिसने ईको-रेस्टोरेशन को प्राथमिकता देने की सिफारिश की। जैव विविधता के संरक्षण, जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने और सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के साथ समन्वय स्थापित करने के लिए ईको-रेस्टोरेशन अत्यंत आवश्यक है। यह पहल एक अधिक समावेशी और सुदृढ़ पर्यावरणीय भविष्य सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख व्ही. श्रीनिवास राव ने बताया कि ईको-रेस्टोरेशन पॉलिसी का मसौदा तैयार किया जा रहा है। इस नीति का मुख्य उद्देश्य राज्य के खोए हुए वन क्षेत्रों, आर्द्रभूमियों और अन्य पारिस्थितिक तंत्रों को पुनर्स्थापित करना है। नीति को अधिक प्रभावी बनाने के लिए विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों, हितधारकों एवं समाज के सभी वर्गों से सुझाव लिए जा रहे हैं। इस पॉलिसी का अंतिम मसौदा जनवरी माह में राज्य सरकार को प्रस्तुत किया जाएगा।

छत्तीसगढ़ स्टेट सेंटर फॉर क्लाइमेट चेंज के तत्वाधान में दो राज्य स्तरीय परामर्श कार्यशालाओं का आयोजन किया जा चुका है। इन कार्यशालाओं में भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश के ईको-रिहैबिलिटेशन सेंटर के वैज्ञानिक, वानिकी विशेषज्ञ, भारतीय प्रबंधन संस्थान रायपुर के संकाय सदस्य और छात्र, कृषि, पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारी, शोधकर्ता, शैक्षणिक क्षेत्र से जुड़े लोग, एनजीओ और समुदायों के प्रतिनिधि, वाइल्डलाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया और अन्य विशेषज्ञों ने अपने सुझाव प्रस्तुत किए। इसके लिए आर्द्रभूमि प्रबंधन, शहरी पारिस्थितिकी संरक्षण, और खनन प्रभावित क्षेत्रों के पुनर्वास जैसे विशिष्ट मुद्दों पर विशेषज्ञों के सुझाव प्राप्त किए गए।

कार्यशालाओं का मुख्य उद्देश्य छत्तीसगढ़ को पारिस्थितिक पुनर्स्थापना के क्षेत्र में एक व्यापक और प्रभावशाली नीति बनाने में सक्षम बनाना है, जो अन्य राज्यों के लिए भी एक उदाहरण बनेगी।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री नड्डा ने पूर्व राज्यसभा सदस्य स्व. गोपाल व्यास के परिजनों से की मुलाकात

रायपुर-    केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने अपने एक दिवसीय रायपुर प्रवास के दौरान पूर्व राज्यसभा सदस्य स्वर्गीय गोपाल व्यास के निवास पर परिवार के सदस्यों से मुलाकात कर अपनी संवेदनाएं प्रकट की। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा भी उनके साथ थे।

केन्द्रीय मंत्री श्री नड्डा ने श्री व्यास के योगदान को स्मरण किया और उनके सामाजिक एवं राजनीतिक योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि उनका जीवन समाज और देश सेवा के लिए समर्पित था। उनकी स्मृति हमेशा समाज के लिए प्रेरणा स्रोत बनी रहेगी। ज्ञात हो कि हाल ही में स्वर्गीय गोपाल व्यास का निधन हो गया था।

नेशनल लोक अदालत का आयोजन कल

रायपुर-   आपसी सुलह (राजीनामा) के जरिए मामलों का निपटारा करने के लिए राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) नई दिल्ली के तत्वावधान में शनिवार 14 दिसंबर 2024 को देशव्यापी नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा। राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (सालसा) बिलासपुर द्वारा प्रदेश के सभी जिला न्यायालयों एवं व्यवहार न्यायालयों में भी लोक अदालत आयोजित किए जाएंगे। यह वर्ष 2024 की चतुर्थ लोक अदालत होगी।

लोक अदालत के दिन जिला न्यायालय एवं तालुका न्यायालय (व्यवहार न्यायालय) में लंबित शमनीय अपराध के प्रकरण मोटर दुर्घटना दावा से संबंधित प्रकरण, 138 एनआई एक्ट, के अंतर्गत चेक बाउंस का प्रकरण धारा 125 दण्ड प्रक्रिया संहिता तथा मेट्रोमोनियल डिस्प्युट के अलावा जल कर, संपत्ति कर, राजस्व संबंधी प्रकरण ट्रैफिक चालान, भाड़ा नियंत्रण आबकारी से संबंधित प्रकरण एवं बैंक विद्युत संबंधी प्री-लिटिगेशन प्रकरण, राजस्व न्यायालय खंडपीठ में खातेदारों के मध्य आपसी बंटवारे, वारिसों के मध्य बटवारे का निराकरण किया जाएगा। न्यायालयों में बड़ी संख्या में लंबित प्रकरणों में कमी लाने के उद्देश्य से तथा प्रभावित पक्षकारों को त्वरित एवं सुलभ न्याय प्रदान करने की दिशा में नेशनल लोक अदालत एक प्रभावशाली कदम है।

नेशनल लोक अदालत के लिए खण्डपीठों का गठन कर विभिन्न प्रकरणों तथा प्री.लिटिगेशन का निराकरण किया जाएगा। लोक अदालत के माध्यम से न्यायालय में राजीनामा योग्य आपराधिक प्रकरणों धारा. 138, परक्राम्य लिखत अधिनियम मोटर दुर्घटना दावा प्रकरणों, बैंक रिकवरी प्रकरण, सिविल प्रकरण, निष्पादन प्रकरण, विद्युत संबंधी मामलों तथा पारिवारिक विवाद के मामलों का निराकरण किया जाता हैं। इसके अतिरिक्त राजस्व, बैंक, विद्युत विभाग दूरसंचार विभाग, नगर निगम, नगर पालिका परिषद, नगर पंचायत में वसूली संबंधी लंबित प्रकरण प्री.लिटिगेशन प्रकरण जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में प्रस्तुत किए जाएंगे। जो विधिवत पंजीयन उपरांत संबंधित पक्षकारों के प्रकरण लोक अदालत खण्ड पीठ में निराकृत किए जाएंगे। इस तरह पक्षकार अपने न्यायालयीन प्रकरणों का निराकरण लोक अदालत के माध्यम से करा सकते हैं। इसके अलावा लोक अदालत में दूरसंचार विभाग, नगर निगम, नगर पालिका परिषद् में वसूली संबंधी लंबित प्रकरण प्री-लिटिगेशन प्रकरण, याददाश्त के आधार पर बंटवारा, मोटर दुर्घटना दावा प्रकरण, बैंक रिकवरी प्रकरण, कब्जे के आधार पर बंटवारा, भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस-2023) के अंतर्गत कार्यवाही के मामले, रेन्ट कंट्रोल एक्ट, सूखाधिकार से संबंधित मामलों के साथ-साथ विक्रय पत्र, दानपत्र और वसीयतनामा के आधार पर नामांतरण के मामले तथा अन्य प्रकृति के सभी मामले सम्मिलित और चिन्हांकित कर आपसी राजीनामा के आधार पर नेशनल लोक अदालत के माध्यम से निराकृत किया जावेगा।

समाज व देश हित में कार्य कर रहे सफाई कर्मचारियों और उनके परिवार की सुरक्षा शासन का दायित्व - उपमुख्यमंत्री अरुण साव

रायपुर-     उप मुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री अरुण साव ने आज नमस्ते (National Action for Mechanized Sanitation Ecosystem) योजना के तहत सीवर एवं सेप्टिक टैंक की सफाई करने वाले 38 कर्मचारियों को पीपीई किट प्रदान किया। उन्होंने रायपुर स्थित अपने निवास कार्यालय में आयोजित पीपीई किट वितरण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि कोई काम छोटा या बड़ा नहीं होता। मन लगाकर गंभीरता से किया गया काम व्यक्ति को बड़ा बनाता है। उन्होंने कहा कि एक गरीब मां का बेटा नरेन्द्र मोदी जब देश का प्रधानमंत्री बना, तो ऐसी योजनाएं फलीभूत हुईं जिनकी 70 वर्षो में किसी ने कल्पना नहीं की थी। मोदी सरकार देश में और विष्णु देव सरकार छत्तीसगढ़ में गरीबों के कल्याण के लिए कार्य कर रही है। श्री साव ने कहा कि समाज व देश के हित में कार्य कर रहे सीवर एवं सेप्टिक टैंक सफाई कर्मचारियों की सुरक्षा एवं उनके परिजनों का कल्याण सरकार का दायित्व है। सफाई कर्मचारियों के बच्चों की शिक्षा, परिवार की सुरक्षा और स्वास्थ्य का दायित्व छत्तीसगढ़ सरकार पूर्ण कर रही है।

उप मुख्यमंत्री श्री साव ने सभी सीवर एवं सेप्टिक टैंक सफाई कर्मचारियों से कहा कि वे अपनी आत्मसुरक्षा के लिये जागरूक रहें, इसमें कदापि लापरवाही न करें। सरकार द्वारा दिए गए पीपीई किट का पूर्ण सदुपयोग काम के दौरान अपनी सुरक्षा के लिए अवश्य करें। उन्होंने उम्मीद जताई कि पीपीई किट के उपयोग से सीवर एवं सेप्टिक टैंक सफाई कर्मचारियों में सुरक्षित कार्य का वातावरण निर्मित होगा। सुडा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी शशांक पाण्डेय, अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी दुष्यंत कुमार और रायपुर नगर निगम के अपर आयुक्त राजेन्द्र प्रसाद गुप्ता सहित नगरीय प्रशासन विभाग एवं रायपुर नगर निगम के कई अधिकारी भी कार्यक्रम में मौजूद थे।

केन्द्र सरकार के आवासन एवं शहरी कार्य तथा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से देश के नगरीय निकायों में नमस्ते योजना का संचालन किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में सुडा (राज्य शहरी विकास अभिकरण) द्वारा सुरक्षित व सम्मानजनक कार्य परिस्थितियां प्रदान करने सीवर एवं सेप्टिक टैंक की सफाई करने वाले कर्मचारियों को पीपीई किट प्रदान किया जा रहा है। इसके अंतर्गत राज्य के 169 नगरीय निकायों में 711 कर्मचारियों को पीपीई किट दिए जाएंगे। दो जोड़ी पीपीई किट ड्रेस के साथ ही उन्हें गम बूट, हेलमेट, ग्लब्स, मास्क और आंखों की सुरक्षा के लिए चश्मा प्रदान किया जाएगा। नमस्ते योजना का मुख्य उद्देश्य हाथ से मैला ढोने की प्रथा को पूर्णता समाप्त करना, स्वच्छता कार्यो का यंत्रीकरण करना तथा सीवर व सेप्टिक टैंक सफाई कर्मचारियों को स्थाई आजीविका का साधन उपलब्ध कराना है। राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी वित्त विकास निगम द्वारा इसका संचालन किया जा रहा है।

नई औद्योगिक नीति से भारत का इंडस्ट्रीयल हब बनेगा छत्तीसगढ़ – मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

रायपुर-    नई औद्योगिक नीति के माध्यम से छत्तीसगढ़ को भारत का इंडस्ट्रीयल हब बनाने की दिशा में हमारी सरकार प्रयास कर रही है। इस नीति के तहत क्षेत्रीय आर्थिक विकास, रोजगार सृजन, बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण एवं औद्योगिक निवेश बढ़ाने पर जोर दिया गया है। आज नई दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित इंडिया इकॉनोमिक कॉन्क्लेव में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने ऑनलाइन जुड़ कर यह बात कही।

मुख्यमंत्री श्री साय ने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य के जनजातीय और पिछड़े क्षेत्रों के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण प्रावधान किए हैं। उन्होंने बताया कि अगले पांच वर्षों में छत्तीसगढ़ में पांच लाख नौकरियां सृजित की जाएगी। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में उद्योगों को विशेष प्रोत्साहन सहित कई अन्य सहायता दी जा रही है, जिसके तहत आत्मसमर्पित नक्सलियों को रोजगार उपलब्ध कराने पर उद्योगों को उनके वेतन का 40 प्रतिशत तक सब्सिडी के रूप में प्रतिपूर्ति की जायेगी। इस नीति के तहत बस्तर में उद्योग लगाने पर स्थायी पूंजी निवेश अनुदान के तहत उद्योगों को 45% तक की सहायता दी जाएगी। वहीं, एसजीएसटी प्रतिपूर्ति के तहत अगले 10 सालों तक पूंजी निवेश का 150 प्रतिशत तक एसजीएसटी वापस भी किया जाएगा। नई नीति के तहत उद्योगों को स्टांप ड्यूटी और बिजली शुल्क में छूट, साथ ही 10 और तरह के निवेश प्रोत्साहन दिए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री श्री साय ने बताया कि बस्तर में नगरनार स्टील प्लांट की सहायक इकाइयों के लिए 118 एकड़ का नया औद्योगिक क्षेत्र भी स्थापित किया जा रहा है। इससे सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों की स्थापना को प्रोत्साहन मिलेगा।

श्री साय ने कहा नई उद्योग नीति में निवेशकों के लिए सिंगल विंडो सिस्टम 2.0 को शामिल किया गया है। इससे वे एक ही जगह पर कई विभागों का क्लीयरेंस प्राप्त कर सकते हैं। यह नीति प्रदेश में एमएसएमई सेक्टर को बढ़ावा देने वाली नीति है। हम इस नीति में ग्रीन इंडस्ट्रीज और टेक्नोलॉजी आधारित उद्योगों को प्राथमिकता दे रहे हैं।

कार्यक्रम में उद्योग विभाग के सचिव रजत कुमार एवं संचालक प्रभात मलिक ने नया रायपुर और नई उद्योग नीति पर प्रजेंटेशन भी दिया।

नया रायपुर बनेगा आईटी और एजुकेशन हब

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बताया कि नया रायपुर को आईटी हब, हेल्थ हब, एजुकेशन हब के रूप में विकसित किया जा रहा है। आईटी और संबंधित फर्मों को रियायती दरों पर प्लग एंड प्ले इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध करा रहे हैं। आईटी सेक्टर में साढ़े तीन हजार से अधिक नौकरियों के सृजन के लिए स्थान आबंटित किए गए हैं।

नया रायपुर अटल नगर की रेलवे लाइन का ट्रायल रन पूरा हो गया है। उन्होंने बताया हम सीबीडी रेलवे स्टेशन के निर्माण, सड़कों और सार्वजनिक पार्किंग जैसी अधोसंरचनाओं पर 150 करोड़ रुपए खर्च कर रहे हैं। तीन अन्य रेलवे स्टेशनों का भी निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने बताया इस साल के अंत तक नया रायपुर से जुड़ी कई परियोजनाएं पूरी हो जाएंगी। इनमें आईटी एवं संबंधित क्षेत्र, इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग, घरेलू उपकरण, रक्षा, फार्मास्युटिकल, मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक हब जैसी परियोजनाएं शामिल हैं।

नक्सलवाद के खिलाफ विकास और सुरक्षा की नीति

नक्सलवाद से निपटने में सरकार के प्रयासों को रेखांकित करते हुए मुख्यमंत्री साय ने कहा कि इस साल अनेक नक्सली मारे गए हैं और करीब 1500 ने आत्मसमर्पण किया है या उन्हें गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने अगले दो वर्षों के भीतर छत्तीसगढ़ से नक्सलवाद को खत्म करने की सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा हमने नक्सलवाद के खिलाफ विकास और सुरक्षा की नीति पर काम किया है। बीते एक साल में बस्तर में 34 सुरक्षा कैम्प स्थापित करने के साथ-साथ नियद नेल्ला नार योजना के माध्यम से अंदरूनी गांवों तक अधोसंरचनाओं का विकास किया जा रहा है।

डिजिटल गवर्नेंस और पारदर्शिता पर जोर

मुख्यमंत्री ने बताया कि छत्तीसगढ़ में पारदर्शिता सुनिश्चित करने और भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने डिजिटल गवर्नेंस को लागू किया है। प्रशासन में जवाबदेही बढ़ाने के लिए आईटी उपकरणों में 266 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है। अटल मॉनिटरिंग ऐप से सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन की निगरानी की जा सकती है। स्वागत पोर्टल के माध्यम से पोर्टल में आवेदन देकर बिना इंतजार किए सुगमता से मंत्रालय में अधिकारियों से मिला जा सकता है। सीएमओ पोर्टल के माध्यम से शासन-प्रशासन से जुड़ी सूचनाओं की जानकारी त्वरित रूप से नागरिकों को मिल जाती है। वहीँ, सुगम एप के माध्यम से अब लोग घर बैठे रजिस्ट्री कर सकते हैं।

बुनियादी ढांचे के विकास को प्राथमिकता

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बताया विकसित भारत के लिए विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण का लक्ष्य रखा है। इसके तहत राज्य में अधोसंरचनाओं के विकास को प्राथमिकता दी जा रही है। केंद्र सरकार से 31 हजार करोड़ रुपए की महत्वपूर्ण सड़क परियोजनाएं स्वीकृत हुई हैं। बस्तर और सरगुजा के अंदरुनी गांवों तक सड़कों का विस्तार किया जा रहा है। उन्होंने बताया रायपुर-विशाखापटनम इकॉनोमी कॉरिडोर, अनेक रेल परियोजनाओं पर तेजी से काम हो रहा है। रायपुर, बिलासपुर, जगदलपुर हवाई अड्डों का विस्तार हो रहा है। रायपुर से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए केंद्र सरकार ने हरी झंडी दे दी है। वहीं, नियद नेल्ला नार योजना के तहत बस्तर के दुर्गम क्षेत्रों तक मोबाइल कनेक्टिविटी बढ़ाई जा रही है।

जल आपूर्ति और ग्रामीण विकास पर जोर

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राज्य के हर घर में स्वच्छ पेयजल पहुंचाने की योजना जल जीवन मिशन की प्रगति की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि मिशन का 79% से अधिक काम पूरा हो चुका है और अब तक 40 लाख घरों में नल के पानी की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। मल्टी-विलेज योजना के तहत उन क्षेत्रों में जल आपूर्ति की समस्या का समाधान किया जा रहा है, जहां भूजल की कमी है। पचराही जैसे दूरस्थ गांवों में नल जल योजना के माध्यम से अब स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है।