एफटीसी कोर्ट ने बलात्कार के एक मामले में मौलाना को दस साल की कठोर तथा पचास हजार का अर्थ दंड सुनाया
महेश चंद्र गुप्ता
बहराइच की एफटीसी कोर्ट ने एक मामले में मौलाना को झाड़-फूंक के बहाने महिला से सुनसान इलाके में बलात्कार के आरोप में दोषी मानते हुए दस साल की कठोर कारावास और पचास हजार का जुर्माना अदा करने का शुक्रवार को आदेश सुनाया है।
जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी बहराइच गिरीश चंद्र शुक्ल ने बताया कि एफटीसी कोर्ट बहराइच अपर सत्र न्यायाधीश आनंद शुक्ल ने कोतवाली देहात थाना में दर्ज भारतीय दंड संहिता की धारा 376 बलात्कार के एक मामले में मौलाना वाजिद खां बनाम सरकार पर निर्णय सुनाते हुए आरोपी को दोषी मानते हुए दस साल की सजा और पचास हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है।
शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि यह घटना 28 मई वर्ष 2019 की है।वादिनी ने अपने पति को अस्वस्थ होने के कारण झाड़ फूंक के मकसद से उक्त घटना के तीन दिन पहले 24 मई 2024 को गांव वालों के कहने पर ही बहराइच दरगाह मेला अपने पति को लेकर गई थी।इसी दौरान हठीला मेला में घूमते समय पति की तवियत खराब होने के कारण पति साइकिल से आगे निकल गया।इसी दौरान अनारकली नामक महिला के पास वादिनी रूक गई और महिला ने मुस्लिम मौलाना वाजिब खां से मिलवाया था।इसी दौरान वादिनी के पति और मौलाना दोनों की मुलाकात हुई थी।इस दौरान आरोपी मौलाना ने चितौरा झील में नहाने की बात कही और बताया कि झील में नहाने से ताबियत सही हो जायेगी। जिसके बाद आरोपी मौलाना ने पति को कहा कि तुम झील पर साइकिल से पहुंचो।हम तुम्हारे पत्नी को लेकर आ रहे हैं। हमने मौलाना पर विश्वास करके उसके साथ चल दी और पति आगे चले गए।हम मौलाना के साथ जा रहे थे कि अंजान होने के कारण मौलाना उसे गलत रास्ते से जंगल की तरफ ले गए और जंगल में सुनसान इलाका देखकर गड्डे में पटक दिया और उसके साथ जबरदस्ती बलात्कार किया और मौके से फरार हो गए।काफी देर तक जब वह झील नहीं पहुंची, तो पति डूडते हुए पहुंचे तो उसने आप बीती बताई। जिसके बाद कोतवाली बहराइच में मुकदमा 28 मई 2019 को पंजीकृत कराया।
शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि शुक्रवार को अपर सत्र न्यायाधीश आनंद शुक्ल ने दोनों पक्षों के साक्ष्य, गवाह और बहस सुनने के बाद आरोपी मौलाना वाजिद खां पुत्र इशहाक खां उम्र 69 निवासी अलीनगर थाना गिलौला जनपद श्रावस्ती को दोषी करार देते हुए दस साल की सजा और पचास हजार रुपए का अर्थदण्ड का जुर्माना सुनाया है। एफटीसी कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी सुनाया है कि अर्थदंड की धनराशि का 40 हजार रुपए प्रतिकार के रूप में पीड़िता वादिनी को तथा दोषी से शेष वसूल धन राशि नियमानुसार राजकोष में जमा की जायेगी।
Dec 13 2024, 19:48