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कैसरबाग में ब्रदर्स कैफे में लगी आग, कोई हताहत नहीं
लखनऊ। राजधानी के कैसरबाग थाना क्षेत्र में गोल चौराहे के निकट ब्रदर्स कैफे में मंगलवार काे देर रात 11 बजे के करीब आग लगी। आग लगने के बाद उठता धुंआ देखकर आसपास के लोग सड़क पर आ गये। मौके पर अफरातफरी मच गई। उधर आग लगने के कारण से बगल की बिल्डिंग में धुंआ पहुंचा तो वहां से फायर सर्विस स्टेशन को फोन से सूचित किया।

कैफे के मालिक ने कैसरबाग थाने में कोई शिकायत नहीं की

ब्रदर्स कैफे में आग लगने की घटना के करीब एक घंटे के भीतर हजरतगंज फायर सर्विस स्टेशन से वाहनों का पहुंचना हुआ। वाहनों पर सवार कर्मचारियों ने रात दो बजे के बाद तक आग पर काबू पा लिया। आग लगने का कारण कोई ज्वलंत वस्तु का होना पाया गया। कैफे के मालिक ने कैसरबाग थाने में कोई शिकायत नहीं की है। बुधवार की सुबह कैफे से जला हुआ मलबा हटाया गया है।

आग लगने से कोई हताहट नहीं हुआ

हजरतगंज के फायर सर्विस आफिसर मंगेश ने बताया कि ओडियन सिनेमा हॉल के पास में आग लगी थी। यह बिल्डिंग ब्रदर्स कैफे के नाम से जानी जाती है। बिल्डिंग के दूसरे तल पर रेस्टाेरेंट में आग लग गयी। मौके पर टीम ने आग बुझा दिया है। किसी प्रकार का कोई हताहत नहीं है। घटना का कारण किसी ज्वलंत वस्तु में आग लगना या शार्ट सर्किट ही समझ में आ रहा है।
हिमाचल के राज्यपाल का काफिला आपस में टकराया,दो स्टाफ घायल

लखनऊ। हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला मंगलवार की सुबह लखनऊ के अमौसी एयरपोर्ट पहुंचे। वहां से राजभवन जाने के लिए निकले ही थे, तभी शहीद पथ पर उनकी फ्लीट के वाहनों में आपस में टक्कर हो गयी। वाहनों के टकराने से उसमें सवार दो स्टाफ घायल हो गये। जिन्हें तत्काल ही अस्पताल भेजा गया। शहीद पथ के रास्ते राजभवन की ओर आते हुए सबसे आगे चल रहे वाहन के अचानक से ब्रेक लगाने से दूसरे और तीसरे वाहनों का आपस में टक्कर होना सामने आया है।

घायलों को सरोजनीनगर के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र भेजा गया है, जहां विभोर नामक स्टाफ को थोड़ी ज्यादा चोटें आयी है। वहीं फ्लीट में सवार रहे निजी चिकित्सक को मामूली चोट आयी है। घटना के बाद राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला दुर्घटना स्थल से निकले और राजभवन पहुंचें। इसके बाद राज्यपाल ने अपने घायल स्टाफ के स्वास्थ्य की जानकारी ली। बताया जा रहा है कि फ्लीट के सामने अचानक एक वाहन ने ब्रेक लगा दिया था, जिसकी वजह से हादसा हुआ। हादसे में राज्यपाल सुरक्षित हैं।

पुलिस हादसे का कारण पता लगा रही है। हादसे के बाद सुरक्षा में तैनात अफसरों की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं। माना जा रहा है कि जिन पुलिसकर्मियों की लापरवाही सामने आएगी, उनके खिलाफ कार्रवाई होगी।फ्लीट में एसीपी गाजीपुर भी शामिल थे। वह भी घायल हुए हैं। उनको दूसरी गाड़ी से भेजा गया है। हादसे की वजह से शहीद पथ पर जाम लग गया है। जाम की वजह से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा रहा है।
महाकुम्भ : भीड़ कंट्रोल को माउंटेड पुलिस रहेगी तैनात,अमेरिकन व इंग्लैंड ब्रीड के घोड़े भी भीड़ नियंत्रण का करेंगे काम
लखनऊ। महाकुम्भ में भीड़ कंट्रोल के लिए योगी सरकार की खास प्रशिक्षित माउंटेड पुलिस मेले में तैनात रहेगी। महाकुम्भ में जल और थल दोनों स्थानों में उत्तर प्रदेश की प्रशिक्षित माउंटेड पुलिस करोड़ों श्रद्धालुओं की राह सुगम करने के लिए खास ट्रेंड है। पुलिस के जवान जहां पैदल नहीं पहुंच पाएंगे, वहां माउंटेड पुलिस जाकर श्रद्धालुओं की राह आसान करेगी। इसके लिए 130 घोड़े और 166 पुलिस कर्मी व स्टाफ तैनात किये गए हैं। इसमें भारतीय ब्रीड के घोड़ों के साथ अमेरिकन और इंग्लैंड ब्रीड के घोड़े भी भीड़ नियंत्रण का काम करेंगे।

मेले की ड्यूटी में तैनात घोड़ों के डाइट का और उनकी चिकित्सकीय सुविधा का खास ध्यान रखा जा रहा। घुड़सवार पुलिस देगी सुरक्षा का भरोसामहाकुम्भ के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा और व्यवस्था बनाए रखने के लिए माउंटेड पुलिस की भूमिका अहम होगी। भीड़ नियंत्रण और कठिन क्षेत्रों में गश्त के लिए माउंटेड पुलिस का उपयोग कुशलता और प्रभावशीलता का प्रतीक है। इनके मजबूत प्रशिक्षण और शानदार घोड़ों की सहायता से कुम्भ मेला पुलिस बल न केवल श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा, बल्कि कुम्भ के विशाल आयोजन को सुचारू और व्यवस्थित बनाने में भी महत्वपूर्ण योगदान देगा।

घुड़सवार पुलिस की मौजूदगी भीड़ में अनुशासन बनाए रखने और श्रद्धालुओं को सुरक्षा का भरोसा देने का काम करेगी। घोड़ों को विशेष तरीके से किया गया ट्रेंडउत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने बताया कि घोड़ों को विशेष तरीके से ट्रेंड किया गया है। घोड़ों को मुरादाबाद और सीतापुर ट्रेंनिंग सेंटर में प्रशिक्षित किया गया है। महाकुम्भ को देखते हुए माउंटेड पुलिस को खास ट्रेनिंग कराई गई है, जिससे ये श्रद्धालुओं को किसी भी तरह का नुकसान न पहुंचा सकें, बल्कि भीड़ को नियंत्रित करते हुए उनके लिए सुगम राह बनाएं। माउंटेड पुलिस थल के साथ ही पानी मे भी जाकर क्राउड मैनेजमेंट करने में दक्ष है। सुबह और शाम हो रही गश्तघुड़सवार पुलिस लाइन के प्रतिसार निरीक्षक प्रेम बाबू ने बताया कि महाकुम्भ मेले के लिए सेना से अमेरिकन बाम ब्लड, इंग्लैंड का थ्रो नस्ल का घोड़ा खरीदा गया है। इसके अलावा भारतीय नस्ल के घोड़े भी हैं। इनमें से कुछ घोड़े सेना से भी खरीदे गए हैं।

उन्होंने बताया कि रोजाना घोड़ों को महाकुम्भ मेला क्षेत्र की भौगोलिक स्थितियों से परिचय कराने के लिए घुड़सवार पुलिस सुबह और शाम मेला क्षेत्र में गश्त पर निकलती है। घोड़ों के लिए तीन पशु चिकित्सक भी नियुक्त किये गए हैं। उन्होंने बताया कि फोर्स में 4 से 5 साल की उम्र के घोड़े आते हैं जो 20 साल की उम्र में रिटायर हो जाते हैं। महाकुम्भ मेले में तैनात होने वाले घोड़ों की संख्या 130 -तैनात घुड़सवार पुलिस (इंस्पेक्टर, सब इंस्पेक्टर, हेड कांस्टेबल व कांस्टेबल) की संख्या 131 -घोड़ों की सेवा में लगे अन्य स्टाफ 35 -प्रमुख घोड़ों का नाम दारा, राका, शाहीन, जैकी, गौरी, अहिल्या, रणकुम्भ है।
महाकुम्भ में होगी आंखों की जांच, घर के पास पसंद के अस्पताल में करा सकेंगे ऑपरेशन

लखनऊ। तीर्थराज प्रयागराज में संगम के पावन तट पर 13 जनवरी 2025 से शुरू हो रहे दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन महाकुम्भ में करोड़ों लोग आस्था की डुबकी लगाने के लिए जुटने वाले हैं। योगी सरकार की ओर से इन श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के साथ ही उनके स्वास्थ्य पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसी क्रम में महाकुम्भ के दौरान आने वाले श्रद्धालुओं के नेत्रों (आंखों) के स्वास्थ्य को लेकर भी यहां नेत्र कुम्भ की स्थापना की जा रही है। 9 एकड़ में बन रहे इस नेत्र कुम्भ में पहली बार एक साथ 5 लाख से ज्यादा लोगों की आंखों की जांच और 3 लाख चश्मों के वितरण का दावा किया जा रहा है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि यहां जांच कराने वाले ऐसे नेत्र रोगियों को जिन्हें ऑपरेशन की आवश्यकता है, उन्हें उनके घर के पास स्थित नेत्र चिकित्सालय में निशुल्क ऑपरेशन की सुविधा प्रदान की जाएगी। इसके लिए नेत्र कुम्भ की ओर से देश भर के 150 से ज्यादा अस्पतालों के साथ करार किया गया है। यानी रोगी अपनी आंखों की जांच महाकुम्भ में आकर कराएंगे और ऑपरेशन अपने घर जाकर।

150 अस्पतालों के साथ किया करार

नेत्र कुम्भ की आयोजन कमेटी के अध्यक्ष कवींद्र प्रताप सिंह ने बताया कि इस महाकुम्भ में पहली बार ये व्यवस्था की जा रही है कि डॉक्टर्स जिस मरीज को भी ऑपरेशन के लिए रेफर करेंगे, वह अपने जिले या घर के करीब स्थित अस्पताल में जब चाहे ऑपरेशन करा सकता है। ऐसे मरीजों को डॉक्टर निरीक्षण के बाद एक एक रेफरल कार्ड देंगे, जिसकी एक कॉपी संबंधित अस्पताल को जाएगी और दूसरी कॉपी नेत्र कुम्भ की आयोजक संस्था 'सक्षम' के कार्यकर्ता को जाएगी। इसके बाद सक्षम कार्यकर्ता या मरीज कोऑर्डिनेट करके अपने रहने के स्थान पर सुविधानुसार निशुल्क ऑपरेशन सुविधा का लाभ उठा सकेंगे। उन्होंने बताया कि मरीजों के ऑपरेशन के लिए देश भर के 150 छोटे-बड़े अस्पतालों को इम्पैनल किया गया है। संबंधित मरीज मेले के दौरान या मेले के बाद भी इस सुविधा का लाभ उठा सकेंगे। अनुमान है कि नेत्र कुम्भ से 50 हजार लोगों को ऑपरेशन कार्ड प्रदान किए जा सकते हैं।

5 लाख लोगों की आंखों की जांच का बनेगा रिकॉर्ड

उन्होंने कहा कि महाकुम्भ सामाजिक समरसता का प्रतीक है। इसमें देश भर से करोड़ों श्रद्धालु आ रहे हैं। उनकी सुविधा को देखते हुए इस नेत्र चिकित्सा महायज्ञ का नेत्र कुम्भ के रूप में आयोजन किया जा रहा है। इस नेत्र कुम्भ में भारतीय सेना के डॉक्टर भी अपनी सेवाएं निःशुल्क देंगे। यहां आने वाले मरीजों को निशुल्क निरीक्षण के साथ ही निशुल्क दवाएं और निशुल्क जलपान की भी व्यवस्था रहेगी। उन्होंने कहा कि नेत्र कुम्भ का आयोजन पहली बार 2019 में किया गया था। तब से लेकर अब इसके स्केल में दोगुना से अधिक वृद्धि हो चुकी है। 2019 कुम्भ के दौरान 1.5 लाख लोगों को चश्मा और 3 लाख लोगों की जांच के साथ हमने लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में स्थान बनाया था। इस बार यह नेत्र कुम्भ पिछले रिकॉर्ड को भी तोड़ने जा रहा है। संख्या की दृष्टि से यह भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया में भी किसी आयोजन में नेत्र रोगियों की जांच और चश्मा वितरण का सबसे बड़ा रिकॉर्ड होगा। इस आयोजन में हमारी सहयोगी संस्थाओं के साथ ही मेला प्रशासन की ओर से भी योगदान दिया जा रहा है।

प्रतिदिन 40 डॉक्टर्स की टीम रहेगी मौजूद

नेत्र कुम्भ की मीडिया को-ऑर्डिनेटर डॉ. कीर्तिका अग्रवाल ने बताया कि इस नेत्र कुम्भ का आयोजन सेक्टर 6 में स्थित नागवासुकि मंदिर के सामने मेला क्षेत्र में होने जा रहा है। इसका उद्देश्य जागरूकता के अभाव में बड़ी संख्या में आंखों की रोशनी खोने वालों की मदद करना है। नेत्र कुम्भ 12 जनवरी से मेला क्षेत्र में शुरू होगा, जो 26 फरवरी तक प्रतिदिन (प्रमुख स्नान पर्व को छोड़कर) चलता रहेगा। इसमें नेत्र संबंधित समस्याओं से ग्रसित लोग आ सकते हैं और यहां पूरी व्यवस्था निशुल्क रहेगी। करीब 150 डॉक्टर्स बाहर से आकर यहां पर अपनी सेवाएं देंगे, जबकि करीब 400 डॉक्टर्स यहां 45 दिन तक उपस्थित होंगे। इनमें प्रति दिन 40 डॉक्टर्स ओपीडी का हिस्सा बनेंगे। वहीं 500 से ज्यादा ऑप्टोमेट्रिस्ट रहेंगे, जिनमें 100 प्रतिदिन सेवाएं प्रदान करेंगे। कुल मिलाकर प्रतिदिन 200 डॉक्टर्स, ऑप्टोमेट्रिस्ट और अन्य वालंटियर्स नेत्र रोगियों की सेवा में मौजूद रहेंगे। नेत्र ओपीडी सुबह 8 बजे से दोपहर दो बजे तक चलेगी, जिसे बढ़ाकर शाम 4 बजे तक किया जा सकता है।
लखनऊ सड़क हादसे में पिता-पुत्री की मौत
लखनऊ। पारा थाना क्षेत्र में रविवार की शाम को हुए सड़क हादसे में पिता-दूधमुंही बच्ची की मौत हो गई है। पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम भेजकर मामले की जांच शुरू हो गई है।पारा थाना प्रभारी ब्रजेश कुमार वर्मा ने बताया कि कृष्णानगर स्थित एल्डिको कॉलोनी पराग डेरी के पास हर्षवर्धन सिंह उर्फ सूरज (32) परिवार के साथ सीतापुर जा रहे थे। कार में उनके साथ पत्नी कोमल, अनामिका (05) तीन माह की बेटी वेदी मौजूद थी। पारा के विक्रम नगर ओवरब्रिज के पास उनकी कार एक खड़े पिकअप से टकरा गई। राहगीरों ने घायलों को कार से बाहर निकालकर अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने हर्षवर्धन और दुधमुही बच्ची को मृत घोषित कर दिया है।

दूसरी तरफ रविवार तड़के सुबह करीब 5:30 बजे बीबीडी के तिवारीगंज में सीएमएस स्कूल के पास सड़क किनारे खड़े लोडर में एसयूवी पीछे से जा घुसी। टक्कर इतनी जोरदार थी कि वाहन के परखचे उड़ गए। पार्ट्स सड़क पर दूर तक बिखर गए। खुशबू की मौके पर मौत हो गई। रवि गंभीर रूप से घायल हो गए। पुलिस के मुताबिक वाहन की रफ्तार करीब 100 किमी प्रतिघंटा रही होगी। हादसे के बाद वाहन के एयरबैग भी नहीं खुले।हादसे के बाद घटनास्थल पर जाम की स्थिति बन गई। बीबीडी पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने रवि को लोहिया अस्पताल पहुंचाया। यहां से परिजन उन्हें मेदांता अस्पताल ले गए। यहां उनकी हालत गंभीर बनी हुई है।पोस्टमार्टम हाउस में मौजूद परिजनों ने बताया कि रवि मकान खरीदने की सोच रहे थे। क्योंकि गोरखपुर में रह कर पढ़ाई कर रहे बच्चों को वह साथ मकान में रखना चाहते थे। मगर हादसे में पत्नी की मौत हो गई।
उप्र: आठ पीसीएस अधिकारियों का तबादला
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने रविवार की रात को आठ पीसीएस अधिकारियों का तबादला कर दिया है। तबादलों के क्रम में उप आवास आयुक्त आवास विकास परिषद अजय नारायण सिंह को अपर जिलाधिकारी (नागरिक आपूर्ति) आगरा, बलिया के नगर मजिस्ट्रेट इन्द्रकांत द्विवेदी को अपर जिलाधिकारी क़ानून व्यवस्था अयोध्या। अमित कुमार भारतीय को अपर नगर आयुक्त नगर निगम कानपुर नगर से एडीएम (सिविल सप्लाई) वाराणसी, अजय कुमार अम्बष्ट को उप आवास आयुक्त मेरठ से मुक्त करते हुए मुख्य राजस्व अधिकारी जौनपुर, अजीत परेश को सीआरओ वाराणसी, पंकज वर्मा को मजिस्ट्रेट गोण्डा,सतीश कुमार कुशवाहा को एडीएम (न्याययिक)संभल बनाया गया है। वहीं, शिवानी सिंह को राजस्व परिषद से सम्बद्ध किया है।
बुजुर्ग पिता के फांसी लगाने के बाद उसके दो पुत्रों ने भी दी जान, महिला सिपाही पर प्रताड़ित करने का लगाया आरोप
लखनऊ। यूपी के लखीमपुर खीरी के मैलानी थाना क्षेत्र के बाबूपुर गांव में बुजुर्ग ग्रामीण ने बुधवार रात फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। इसके बाद उसके दो पुत्रों ने भी जान दे दी। शुक्रवार सुबह छोटे पुत्र का शव रेल पटरी पर मिला। बड़ा पुत्र घर में फंदे से लटका मिला। एक सुसाइड नोट भी मिला है, जिसमें एक महिला सिपाही और उसके परिवार पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया गया है। एक दिन पहले बुजुर्ग की आत्महत्या के बाद पुलिस ने महिला सिपाही समेत चार लोगों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया था। 

मकान खाली कराने को लेकर चल रहा था विवाद

जानकारी के मुताबिक, बांकेगंज पुलिस चौकी क्षेत्र के ग्रंट नंबर 11 पंचायत के गांव बाबूपुर निवासी राम नरेश (60) ने बुधवार रात फंदा लगाकर जान दे दी। राम नरेश के पुत्र सुधीर कुमार ने गांव निवासी रामादेवी और उसकी महिला सिपाही पुत्री समेत चार लोगों पर मकान खाली करने के लिए दबाव बनाने और प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था। इस मामले में थाना मैलानी में रामादेवी, उसकी सिपाही पुत्री आरती निगम, शिवम और शशिबाला के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी।

छोटे भाई की मौत की खबर मिलते ही बड़ा भाई फांसी पर झूला

शुक्रवार को रामनरेश के पुत्र सुधीर और मुकेश ने भी आत्महत्या कर ली। सुधीर का शव गांव के समीप रेल पटरी के किनारे पड़ा मिला। मौके से एक सुसाइड नोट भी मिला है। इसकी खबर मिलते ही सुधीर के बड़े भाई ने घर में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। दो दिन में पिता-पुत्रों की मौत से पुलिस महकमे में खलबली मच गई। एएसपी नैपाल सिंह ने बताया कि मकान को लेकर विवाद था। इस मामले में समझौते के बाद राम नरेश ने आत्महत्या कर ली थी। चारों आरोपियों को हिरासत में लिया गया है।

मरने से पहले सुधीर ने लिखा सुसाइड नोट

सुधीर का शव शुक्रवार को रेल पटरी पर मिला। मौके से एक सुसाइड नोट भी मिला है। जिसमें लिखा है कि रमेश भैया मुकेश का ख्याल रखना है। हम जा रहे हैं। आरती, शिवम और रामदेवी पर कठोर कार्रवाई कराना। रामदेवी ने हमारा घर बर्बाद कर दिया। पापा को मार दिया। रामदेवी से 50 हजार रुपये ले लेना। जमीन विवाद में मेरे पिता की मृत्यु हो गई। रामदेवी और आरती के कहने पर हम आत्महत्या करने जा रहे हैं। आरती ने मेरा सबकुछ बर्बाद कर दिया।
यूपी में 6 दिसंबर को लेकर हाईअलर्ट, अयोध्या में बढ़ाई गई सतर्कता

लखनऊ । छह दिसंबर को लेकर अयोध्या में सतर्कता बढ़ाई गई है। राममंदिर परिसर की सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। रामनगरी के सभी प्रवेश मार्गों पर चेकिंग अभियान चलाया गया। मुख्यमंत्री अयोध्या के दौरे पर थे इसलिए सुरक्षा और भी कड़ी रही। जगह-जगह बैरियर लगाए गए थे, जिससे श्रद्धालुओं को भी परेशानी का सामना करना पड़ा। खुफिया एजेंसियों की ओर से शहर के सभी होटलों, धर्मशालाओं और सराय आदि पर ठहरे बाहरी लोगों पर नजर रखी जा रही है। मिश्रित इलाकों में सुरक्षाकर्मियों ने गश्त बढ़ा दी है। आज मुस्लिम समाज की ओर से मस्जिदों में कुरानख्वानी की जाएगी, जबकि हिंदू संगठनों की ओर से भी कार्यक्रम होंगे। बृहस्पतिवार की शाम शहर के प्रवेश द्वार पर एहतियातन सतर्कता बरतते हुए आने जाने वाले वाहनों की चेकिंग की गई। टेढ़ी बाजार चौराहा, लता मंगेशकर चौक, बंधा तिराहा, उदया चौराहा समेत अन्य प्रवेश द्वार पर सुरक्षाकर्मी सतर्क नजर आए। आने जाने वाले वाहनों की तलाशी ली गई, जरूरत पड़ने पर लोगों के पहचान पत्र भी चेक किए गए। खुफिया पुलिस व सादी वर्दी में पुलिसकर्मी होटल धर्मशालाओं पर अपनी निगाह बनाए रखे हैं। यहां ठहरे बाहरी लोगों के पहचान पत्र को चेक किया गया व सत्यापन कराया गया। सीओ अयोध्या आशुतोष तिवारी के निर्देशन में अयोध्या में बाहरी पटरी दुकानदारों का भी सत्यापन कराया जा रहा है। बाहरी दुकानदारों को यहां से हटाया जा रहा है। वहीं, अयोध्या व अयोध्या कैंट रेलवे स्टेशनों पर जीआरपी व आरपीएफ ने तलाशी अभियान चलाया। सीओ अयोध्या एसपी गौतम ने बताया कि एहतियातन चेकिंग अभियान चलाया गया। अयोध्या में पहले से ही सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम हैं। अधिकारियों द्वारा समय समय पर इनका जायजा लिया जाता है। एसपी सुरक्षा बलरामाचारी दुबे ने बताया कि राममंदिर की सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। सभी सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट पर रखा गया है। पूरे मंदिर परिसर को लगातार खंगाला जा रहा है, 24 घंटे परिसर की निगरानी की जा रही है। वहीं मथुरा पुलिस सुबह से ही अलर्ट दिखाई दे रही है। श्रीकृष्ण जन्मस्थान और शाही ईदगाह मस्जिद के आसपास चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है। जन्मभूमि और मस्जिद क्षेत्र को दो जोन और 10 सेक्टर में बांटकर महत्वपूर्ण प्वाइंटों पर पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। इसके साथ ही हिंदूवादी नेता भी घरों में नजरबंद किए गए हैं। पुलिस ने जन्मभूमि के पास संदिग्ध हालत में आई महिला को हिरासत में लेकर पूछताछ की। मथुरा में 6 दिसंबर को लेकर पुलिस शुक्रवार को पूरी तरह से सतर्क रही। जन्मभूमि दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को चेकिंग के बाद ही अंदर प्रवेश करने दिया जा रहा है। इसके अलावा जन्म भूमि और शाही ईदगाहमस्जिद की ओर जाने वाले मार्गों पर पुलिस ने बैरीकेडिंग लगाकर लोगों की चेकिंग की। पुलिस ने जन्मभूमि के पास संदिग्ध हालत में आई महिला को हिरासत में लेकर पूछताछ की। इसके अलावा अखिल भारत हिन्दू महासभा के जिलाध्यक्ष मुरली मनोहर सिंह को पुलिस ने घर में नजरबंद कर दिया है। वह श्रीकृष्ण जन्मभूमि भूमि पूजन के लिए जाने की तैयारी कर रहे थे।
पीलीभीत में खाई में गिरी कार, छह की मौत, चार घायल, बेटी की चौथी लेकर लौट रहे थे घर
लखनऊ । यूपी के पीलीभीत जनपद में गुरुवार की देर रात भीषण सड़क हादसा हो गया। यहां के पीलीभीत-टनकपुर हाईवे पर न्यूरिया थाने के पास एक तेज रफ्तार कार अनियंत्रित होकर पेड़ से जा टकराई। इसके बाद फिर कार खाई में जाकर पटल गई। जिससे कार के परखच्चे उड़ गए और उसमें सवार छह लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि चार लोग घायल हैं। जानकारी मिलते ही पुलिस ने पहुंचकर शव को कब्जे में लेने के बाद घायलों को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया।


पुलिस के अनुसार चार दिसंबर को पीलीभीत के चंदोई गांव के अनवर का निकाह उत्तराखंड के खटीमा की हुस्ना बी से हुआ था। निकाह के अगले दिन गुरुवार को लड़की के घरवाले चौथी देने पीलीभीत आये थे। देर रात चौथी देकर घर लौट रहे थे। बताया जा रहा है कि कार की स्पीड सौ से ज्यादा थी। न्यूरिया थाना के शाने गुल मैरिज हॉल के पास कार का बैलेंस बिगड़ गया और भीषण हादसा हो गया। इसके बाद चीख-पुकार मच गई, यह सुनकर आसपास के लोग दौड़ पड़े, थोड़ी ही देर में पुलिस भी आ गयी।

हादसे की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने बुलडोजर बुलाकर कार से पेड़ को हटाया, तब जाकर कार में फंस लोगों को बाहर निकाला जा सका। पुलिस ने उन्हें एंबुलेंस से जिला अस्पताल में पहुंचाया। हादसे की जानकारी मिलते ही एसपी अविनाश पांडे भी अस्पताल पहुंचकर घायलों का हाल जाना।

पीलीभीत के एसपी अविनाश पांडे ने बताया कि उत्तराखंड के खटीमा निवासी कार सवार लोग यहां बरात में आए थे। कार में 11 लोग सवार थे। पीलीभीत से जाते वक्त इनकी कार अनियंत्रित होकर सड़क किनारे पलट गई। हादसे में छह लोगों की मौत हुई है। चार लोग घायल हुए हैं। इनका उपचार किया जा रहा है। दो लोगों को चोट नहीं आई है। घटना की जांच कराई जा रही है। हादसे में खटीमा निवासी लड़की के ससुर शरीफ अहमद उम्र करीब 50 साल, पिता मंजूर अहमद उम्र करीब 65 साल, बुआ मुन्ना उम्र करीब 65 साल, भतीजा राकिब उम्र करीब दस साल और पीलीभीत निवासी लड़की के फूफा बाबुद्दीन उम्र करीब 60  और ड्राइबर की मौत हो गई। घायलों में खटीमा निवासी गुलाम रजा उम्र करीब आठ साल, रईस अहमद उम्र करीब 45 साल, पीलीभीत के अमजदी उम्र करीब पचास साल , जाफरी बेगम उम्र करीब साठ साल घायल है। जिनका उपचार अस्पताल में चल रहा है।
गुब्बारा फूटकर मासूम के गले में फंसा, मौत

लखनऊ। राजधानी में गुरुवार को गुब्बारा फूटकर मासूम के गले में फंस गया। इससे उसे सांस लेने में तकलीफ हुई। बच्चे को बैचेन देखकर परिजन आनन फानन में पहले निजी अस्पताल गए। हालत गंभीर देख निजी अस्पताल ने उसे ट्रॉमा रेफर किया। वहां पहुंचने से पहले बच्चे की मौत हो गई। ट्रॉमा में जांच पड़ताल बाद बच्चे को मृत घोषित कर दिया। बच्चे की मौत से परिवार में कोहराम मच गया है।

ठाकुरगंज दौलतगंज के काशी विहार फूलमती मंदिर के पास रहने वाले कैटर्स विनय गुप्ता का ढाई साल का बेटा शिवांश बुधवार दोपहर घर के बाहर खेल रहा था। बच्चे को परिजनों ने गुब्बारा पकड़ा दिया था। जिसे वह मुंह से फूला रहा था। फुलाते वक्त गुब्बारा फटकर गले में जाकर फंस गया। इससे बच्चे को सांस लेने में तकलीफ होने लगी। कुछ ही देर में वह इधर-उधर दौड़ने बाद गिर गया और उसकी आंखें पलट गई। यह देख परिजन दौड़े और उसे उठाकर घर के अंदर लाए।

गले के अंदर फंसे गुब्बारे को निकालने की कोशिश किया, मगर कामयाब नहीं हुए। बच्चे को लेकर पहले नजदीकी निजी अस्पताल ले गए। वहां पर डॉक्टरों ने हाथ खड़े कर दिए। परिजन बच्चे को लेकर ट्रॉमा गए थे मगर वहां पर जांच बाद डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। घटना बाद से परिवार में कोहराम मच गया। परिजनों ने पंचनामा करवाकर शव का अंतिम संस्कार करवा दिया। विनय का एक और चार माह का बेटा है।