क्या पाकिस्तान के करीब जा रहा बांग्लादेश, जानें भारत के लिए क्यों है टेंशन की बात?
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बांग्लादेश लगातार भारत के साथ अपना संबंध खराब कर रहा है। हाल के दिनों में बांग्लादेश ने जिस तरह के फैसले लिए हैं उससे साफ झलक रहा है कि बांग्लादेश भारत से फासले बढ़ा रहा है और पाकिस्तान के नजदीक जा रहा है।कभी भारत ने बांग्लादेश को पाकिस्तान से आजाद कराया। 1971 में बांग्लादेश की आज़ादी के लिए भारत ने जंग लड़ी। पूरा बांग्लादेश पाकिस्तान से आज़ादी के लिए लड़ रहा था लेकिन 64 साल बाद फिर से बांग्लादेश पाकिस्तान की चाल में फस रहा है।
ढाका-इस्लामाबाद हो रहें करीब
इसी साल सितंबर में पाकिस्तान ने घोषणा की थी कि बांग्लादेशी बिना किसी वीजा शुल्क के पड़ोसी देश की यात्रा कर सकेंगे। इसके बाद इसके बाद अंतरिम सरकार ने बांग्लादेशी वीजा के लिए आवेदन करने से पहले पाकिस्तानी नागरिकों के लिए सुरक्षा मंजूरी प्राप्त करने की आवश्यकता को हटा दिया है। इसके अलावा दोनों देशों में सीधी उड़ाने फिर से शुरू करने की भी घोषणा की गई है। दोनों देशों के बीच आखिरी सीधी उड़ान 2018 में पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस द्वारा संचालित की गई थी। वीजा छूट से लेकर रक्षा सौदों और समुद्री मार्गों की बहाली तक, ये ऐसे कदम हैं, जो ढाका को इस्लामाबाद के ज्यादा करीब लेकर जा रहे हैं।
2019 में शेख हसीना के शासनकाल में बांग्लादेश ने यह अनिवार्य कर दिया था कि उनके देश आने की इच्छा रखने वाले सभी पाकिस्तानी नागरिकों को बांग्लादेश के सुरक्षा सेवा प्रभाग से 'अनापत्ति' मंजूरी लेनी होगी। हालांकि, अब इसकी आवश्यकता नहीं होगी।
बांग्लादेश-पाकिस्तान सीधा समुद्री मार्ग
वीजा नियमों में बदलाव दोनों देशों के बीच संबंधों में आई नरमी का एकमात्र संकेत नहीं है। इससे पहले नवंबर में, कराची से एक पाकिस्तानी मालवाहक जहाज बांग्लादेश के दक्षिणपूर्वी चटगांव बंदरगाह पर पहुंचा, जिसने 47 वर्षों के बाद दोनों देशों के बीच सीधे समुद्री संपर्क की फिर से स्थापना को चिह्नित किया। सितंबर में, बांग्लादेश ने पाकिस्तानी सामानों पर आयात प्रतिबंध भी हटा दिए। इससे पहले, पाकिस्तान से आने वाले सभी सामानों को बांग्लादेश आने से पहले दूसरे जहाजों - ज्यादातर श्रीलंका या मलेशिया के बंदरगाहों पर उतारना पड़ता था। इन जहाजों को बांग्लादेशी अधिकारियों द्वारा अनिवार्य जांच की भी आवश्यकता होती थी।
हथियारों का व्यापार
वहीं, शेख हसीना के सत्ता से बाहर होने के ठीक तीन सप्ताह बाद, ढाका ने पाकिस्तान से तोपखाना गोला-बारूद की नई आपूर्ति का ऑर्डर दिया। भारत सरकार के सूत्रों ने द ट्रिब्यून को बताया कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने 40,000 राउंड तोपखाना गोला-बारूद, 2,000 राउंड टैंक गोला-बारूद, 40 टन RDX विस्फोटक और 2,900 उच्च-तीव्रता वाले प्रोजेक्टाइल मंगाए थे। सूत्रों ने कहा कि हालांकि यह गोला-बारूद का पहला ऐसा ऑर्डर नहीं था, लेकिन संख्या सामान्य से कहीं ज़्यादा थी। उदाहरण के लिए, 2023 में, ढाका ने 12,000 राउंड गोला-बारूद का ऑर्डर दिया था।
'बॉयकॉट इंडिया' कैंपेन शुरू
बांग्लादेश में लगातार चल रही हिंदू विरोधी हिंसा और मंदिरों में तोड़फोड़ के बीच वहां 'बॉयकॉट इंडिया' कैंपेन भी शुरू हुआ है। बीएनपी के वरिष्ठ संयुक्त महासचिव रूहुल कबीर रिजवी ने ढाका में अपने कार्यकर्ताओं के साथ भारत विरोधी प्रदर्शन किया था। इसमें रिजवी ने अपनी पत्नी की भारत से खरीदी गईं साड़ियों को जलाते हुए 'बॉयकॉट इंडिया' कैंपेन शुरू किया था। रिजवी ने भारतीय प्रॉडक्ट्स के बहिष्कार की अपील की थी। रिजवी ने कहा,'हम एक समय खाना नहीं खाएंगे, लेकिन भारत के सामने नहीं झुकेंगे। हमारी माताएं-बहनें भारतीय साड़ियां नहीं पहनेंगी और वहां के साबुन-टूथपेस्ट नहीं इस्तेमाल करेंगी। बांग्लादेश आत्मनिर्भर है। हम अपनी आवश्यकता के सारे सामान का उत्पादन कर सकते हैं। भारत से आने वाली चीजों को मत खरीदिए, जो बांग्लादेशी संप्रभुता को कमजोर करने की कोशिश कर रहा
Dec 10 2024, 18:47