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हमारे धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप किया गया तो...", मौलाना मदनी ने सरकारों को दी चेतावनी, वक्फ संपत्तियों को लेकर भी बोले

डेस्क: जमीअत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी ने किशनगंज के लहरा चौक पर हजारों की भीड़ को संबोधित करते हुए सरकारों को चेतावनी दी कि वे सांप्रदायिक तत्वों और उनके एजेंडे को संरक्षण देना बंद करें। उन्होंने कहा कि सड़कें बनाई जाएं और देश के विकास की पहल की जाए, लेकिन अगर इंसानों के बीच जाति और धर्म के आधार पर भेदभाव जारी रहा, तो यह देश के साथ सबसे बड़ा विश्वासघात होगा।

मौलाना मदनी ने सभा में सरकारों के प्रति कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि विशेष वर्गों का वर्चस्व स्थापित करने और अन्य वर्गों को अपमानित करने के प्रयास किए जा रहे हैं, खासकर मुसलमानों के खिलाफ। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकारें इन प्रयासों को न सिर्फ संक्षरण दे रही हैं, बल्कि उसे बढ़ावा भी दे रही हैं। मौलाना मदनी ने कहा, "किसी भी सभ्य समाज के लिए न्याय और निष्पक्षता सबसे महत्वपूर्ण है, बिना इसके देश में कानून व्यवस्था और अपराधमुक्त समाज का निर्माण संभव नहीं है।"

वक्फ अधिनियम पर खास तौर पर चिंता जाहिर करते हुए मौलाना मदनी ने कहा कि यह वक्फ एक धार्मिक मामला है और मुसलमान अपनी संपत्तियां अल्लाह की खुशी के लिए वक्फ करते हैं। उन्होंने सरकार से मांग की कि वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन एसजीपीसी की तरह किया जाए और वक्फ पर सरकारी नियंत्रण बढ़ाने के प्रयासों का विरोध किया। मौलाना मदनी ने मुसलमानों से अपील की कि वे धैर्य और रणनीति के साथ समाजिक सुधार में अपनी भूमिका निभाएं और आंतरिक सुधारों पर ध्यान केंद्रित करें। उन्होंने कहा कि हमेशा अंधेरा नहीं रहता, एक दिन सवेरा भी होगा।

मौलाना मदनी ने कहा कि परीक्षा मोमिन के लिए आवश्यक कार्य है और इस परीक्षा में धैर्य एवं मजबूती से डटे रहना मोमिन की कामियाबी की निशानी है। इसके साथ ही उन्होंने सामाजिक बुराईयों जैसे दहेज प्रथा को छोड़ने की भी सलाह दी और कहा कि मुस्लिम समुदाय को हमेशा सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। इस दौरान अपने भाषण में उन्होंने कहा कि अगर हमारे धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप किया गया तो हम संविधान के दायरे में आखिरी दम तक लड़ते रहेंगे।

सभा में वक्फ संपत्तियों, मस्जिदों, इस्लामी मदरसों और पैगंबर मोहम्मद के सम्मान की सुरक्षा को लेकर कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किए गए। विशेष रूप से वक्फ संशोधन बिल के विरोध में एक प्रस्ताव पारित किया गया, जिसमें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और अन्य धर्मनिरपेक्ष दलों से मांग की गई कि वे इसे विरोध करें। सभा में मस्जिदों के खिलाफ चल रहे सांप्रदायिक अभियान पर गहरी चिंता व्यक्त की गई और पूजास्थलों के विशेष संरक्षण अधिनियम, 1991 के तहत सभी मामलों को समेकित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से एक संविधान पीठ का गठन करने की अपील की गई। सभा में भाग लेने वालों ने अदालत से अपील की कि अनुच्छेद 142 और 139ए के तहत इस मामले पर जल्द से जल्द निर्णय दिया जाए, ताकि मस्जिदों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

इसके साथ ही इस्लामी मदरसों के खिलाफ नकारात्मक प्रचार को रोकने की भी मांग की गई। सभा में सोशल मीडिया पर पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ किसी भी प्रकार की गुस्ताखी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की अपील की गई और इसे वैश्विक अपराध घोषित करने की मांग की गई। सभा में मुसलानों से अपील की गई कि वह अपनी आस्था पर मजबूती से डटे रहें और पैगंबर मोहम्मद के सम्मान की रक्षा के लिए हर कानूनी और लोकतांत्रिक तरीका अपनाएं। इस दौरान देश में बढ़ते हुए इस्लामोफोबिया और नफरत की कड़ी निंदा की गई। सभा ने सत्तारूढ़ दल के पदाधिकारियों द्वारा भड़काऊ बयान और सीमांचल में नफरती रैली को देश की अखंडता के लिए खतरा बताया। सभा में जमीअत उलमा-ए-हिंद के अन्य प्रमुख नेताओं सहित किशनगंज के कांग्रेस सांसद जावेद आलम और विधायक मौलाना सऊद असरार समेत कई अन्य प्रमुख हस्तियों ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

PDP प्रमुख महबूबा मुफ्ती की बेटी ने दिया विवादित बयान, कहा- 'हिंदुत्व नफरत का दर्शन है, यह एक बीमारी है'


डेस्क: पीडीपी नेता और महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने हिंदुत्व को लेकर विवादित बयान दिया है। उनके इस बयान के बाद सियासी गलियारों में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। इल्तिजा मुफ्ती ने कहा कि हिंदुत्व नफरत का दर्शन है। इल्तिजा मुफ्ती ने कहा, 'हिंदुत्व और हिंदू धर्म में बहुत अंतर है। हिंदुत्व नफरत का दर्शन है जिसे वीर सावरकर ने 1940 के दशक में भारत में फैलाया था। जिसका उद्देश्य हिंदुओं का आधिपत्य स्थापित करना था और दर्शन यह था कि भारत हिंदुओं का है और हिंदुओं के लिए है।' उन्होंने कहा कि इस्लाम की तरह हिंदू धर्म भी एक ऐसा धर्म है जो धर्मनिरपेक्षता, प्रेम और करुणा को बढ़ावा देता है। इसलिए, हमें जानबूझकर इसे विकृत नहीं करना चाहिए। 'जय श्री राम' का नारा 'रामराज्य' के बारे में नहीं है, बल्कि इसे लिंचिंग से जोड़ा जा रहा है। यह बहुत शर्मनाक है कि हिंदू धर्म को विकृत किया जा रहा है। मैंने हिंदुत्व की आलोचना की क्योंकि यह एक बीमारी है। इल्तिजा मुफ्ती के बयान की जम्मू बीजेपी ने अलोचना की है। जम्मू बीजेपी के नेता रविंदर रैना ने कहा, 'PDP नेता ने बहुत अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया है। इस तरह की भाषा का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। राजनीति में मतभेद हो सकते हैं लेकिन अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। पीडीपी नेता इल्तिजा मुफ्ती को अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगनी चाहिए।' हालही में भाजपा की जम्मू-कश्मीर इकाई के नेताओं ने पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। दरअसल महबूबा मुफ्ती ने बांग्लादेश के हालातों की तुलना भारत से की थी, जिसे लेकर भाजपा ने विरोध जताया था और कार्रवाई की मांग की थी। इसके अलावा भाजपा के नेताओं ने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा द्वारा आतंकवादी संबंधों को लेकर दो सरकारी कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त करने का स्वागत किया था। उन्होंने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में आतंकवाद के पारिस्थितिकी तंत्र को पूरी तरह से समाप्त करने के लिए भविष्य में भी ऐसी कार्रवाई जारी रहनी चाहिए।
PDP प्रमुख महबूबा मुफ्ती की बेटी ने दिया विवादित बयान, कहा- 'हिंदुत्व नफरत का दर्शन है, यह एक बीमारी है'

डेस्क: पीडीपी नेता और महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने हिंदुत्व को लेकर विवादित बयान दिया है। उनके इस बयान के बाद सियासी गलियारों में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। इल्तिजा मुफ्ती ने कहा कि हिंदुत्व नफरत का दर्शन है।

इल्तिजा मुफ्ती ने कहा, 'हिंदुत्व और हिंदू धर्म में बहुत अंतर है। हिंदुत्व नफरत का दर्शन है जिसे वीर सावरकर ने 1940 के दशक में भारत में फैलाया था। जिसका उद्देश्य हिंदुओं का आधिपत्य स्थापित करना था और दर्शन यह था कि भारत हिंदुओं का है और हिंदुओं के लिए है।'

उन्होंने कहा कि इस्लाम की तरह हिंदू धर्म भी एक ऐसा धर्म है जो धर्मनिरपेक्षता, प्रेम और करुणा को बढ़ावा देता है। इसलिए, हमें जानबूझकर इसे विकृत नहीं करना चाहिए। 'जय श्री राम' का नारा 'रामराज्य' के बारे में नहीं है, बल्कि इसे लिंचिंग से जोड़ा जा रहा है। यह बहुत शर्मनाक है कि हिंदू धर्म को विकृत किया जा रहा है। मैंने हिंदुत्व की आलोचना की क्योंकि यह एक बीमारी है।

इल्तिजा मुफ्ती के बयान की जम्मू बीजेपी ने अलोचना की है। जम्मू बीजेपी के नेता रविंदर रैना ने कहा, 'PDP नेता ने बहुत अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया है। इस तरह की भाषा का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। राजनीति में मतभेद हो सकते हैं लेकिन अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। पीडीपी नेता इल्तिजा मुफ्ती को अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगनी चाहिए।'

हालही में भाजपा की जम्मू-कश्मीर इकाई के नेताओं ने पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। दरअसल महबूबा मुफ्ती ने बांग्लादेश के हालातों की तुलना भारत से की थी, जिसे लेकर भाजपा ने विरोध जताया था और कार्रवाई की मांग की थी। इसके अलावा भाजपा के नेताओं ने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा द्वारा आतंकवादी संबंधों को लेकर दो सरकारी कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त करने का स्वागत किया था। उन्होंने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में आतंकवाद के पारिस्थितिकी तंत्र को पूरी तरह से समाप्त करने के लिए भविष्य में भी ऐसी कार्रवाई जारी रहनी चाहिए।

BCI ने एडवोकेट संजीव नासियार को उपाध्यक्ष पद से हटाने के दिए निर्देश, CBI से कराई जाएगी यह जांच

डेस्क: दिल्ली बार काउंसिल में एडवोकेट संजीव नासियार उपाध्यक्ष पद पर तैनात थे मगर उन्हें तत्काल रूप से उनके पद से हटाने के निर्देश दे दिए गए हैं। बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) ने यह निर्देश दिया है। इतना ही नहीं बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने इसके अलावा बार काउंसिल के सचिव को यह भी निर्देश दिया है कि वो केंद्रीय जांच ब्यूरो यानी CBI से संजीव नासियार की LLB ऑनर्स की डिग्री की प्रामाणिकता और साथ ही संबंधित अभिलेखों के संभावित जालसाजी की जांच कराए। आपको बता दें कि संजीव नासियार AAP के कानूनू प्रकोष्ठ हैं जिन्हें अब इस जांच का सामना करना पड़ेगा।

आपको बता दें कि 7 दिसंबर को बार काउंसिल ऑफ इंडिया की एक बैठक हुई। इसके बाद BCI ने यह निर्देश दिया है। निर्देश में BCI ने लिखा, '7 दिसंबर को हुई बैठक में देव अहिल्याबाई विश्वविद्याल, इंदौर द्वारा दिल्ली बार काउंसिल के उपाध्यक्ष संजीव नासियार को जारी की गई LLB की डिग्री में अनियमितताओं के आरोपों के संबंध में तत्काल और निर्णायक कार्रवाई करने का फैसला लिया है। यह निर्णय 3 सितंबर 2024 के संकल्प के अनुसार गठित एक उप समिति द्वारा की गई जांच और रिट याचिका में दिल्ली उच्च न्यायालय के निर्देशों के जवाब में लिया गया है।'

BCI द्वारा जारी आदेश के मुताबिक, 'एक जांच में संजीव नासियार की डिग्री से जुड़े अभिलेखों में जरूरी और साफ विसंगतियां पाई गई हैं। PMB गुजराती आर्ट्स एंड लॉ कॉलेज, इंदौर के निरीक्षण में पता चला है कि कॉलेज को संबंधित अवधि के दौरान LLB ऑनर्स संचलित करने के लिए अधिकृत नहीं किया गया था।'

सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद का विमान क्रैश? अचानक रडार से गायब हुआ था प्लेन

डेस्क: सीरिया में जारी राजनीतिक संकट के बीच बड़ी खबर सामने आई है। दावा किया जा रहा है कि सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद का विमान क्रैश हो गया है। कहा जा रहा है कि उनका विमान आसमान में 500 मीटर ऊपर क्रैश हुआ, जिसका मलबा भी बरामद हो गया। क्रैश होने से पहले विमान रडार से गायब हो गया था।

बताया जा रहा है कि बशर अल-असदअपने परिवार के साथ देश छोड़कर जा रहे थे तभी विमान क्रैश हो गया। इस तरह के दावे भी किए जा रहे हैं कि विद्रोहियों ने असद के विमान को मार गिराया है।

सीरिया में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। विद्रोहियों ने सीरिया के तीन बड़े शहरों पर कब्जा कर लिया है, इनमें अलेप्पो, होम्स और दारा शहर शामिल हैं। विद्रोहियों ने होम्स में बनी राष्ट्रपति बशर अल-असद के पिता की प्रतिमा को भी तोड़ दिया। सीरिया की सेना शहरों, कस्बों और गांवों में लोगों को सुरक्षा देने में नाकाम रही है।

इस बीच सीरिया के प्रधानमंत्री मोहम्मद गाजी जलाली ने कहा है कि वह शासन शांतिपूर्ण तरीके से विपक्ष को सौंपने को तैयार हैं। जलाली ने कहा, ‘‘मैं अपने आवास पर ही हूं और कहीं नहीं गया हूं और यह इसलिए क्योंकि मुझे अपने देश से प्रेम है।’’ उन्होंने कहा कि वह काम करने के लिए अपने कार्यालय जाएंगे साथ ही उन्होंने सीरियाई नागरिकों से सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान ना पहुंचाने का आग्रह किया है।

सीरिया के विद्रोही गुट ‘जिहादी हयात तहरीर अल-शाम’ समूह (एचटीएस) प्रमुख अबु मोहम्मद अल-गोलानी ने सीरिया से ‘सीएनएन’ को दिए एक इंटरव्यू में कहा था कि हमले का मकसद असद की सरकार को सत्ता से बेदखल करना है। अब सीरिया में तख्तापलट के आसार नजर भी आ रहे हैं।

आज फिर दिल्ली आने पर अड़े किसान, रोकने के लिए शंभू बॉर्डर पर दागे गए आंसू गैस के गोले


डेस्क: अपनी मांगों को लेकर किसानों का एक जत्था आज फिर दिल्ली के लिए कूच कर गया है। किसानों को दिल्ली की ओर आने से रोकने के लिए पुलिस प्रशासन ने कड़े बंदोबस्त किए हैं। दिल्ली-हरियाणा शंभू बॉर्डर पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई गई है। सड़क पर कीलें लगाई गई हैं। साथ ही कंक्रीट की दीवार को भी बनाया गया है। जहां किसान विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। शंभू बॉर्डर पर किसान और पुलिस के बीच घमासान मचा हुआ है। बड़ी संख्या मं किसान संगठन दिल्ली आने पर अड़े हुए हैं। पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए उन पर आंसू गैस के गोले दागे हैं। शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे एक किसान ने कहा, 'पुलिस पहचान पत्र मांग रही है, लेकिन उन्हें गारंटी देनी चाहिए कि वे हमें दिल्ली जाने देंगे। उनका कहना है कि दिल्ली जाने की अनुमति नहीं है फिर हम पहचान पत्र क्यों दें? अगर वे हमें दिल्ली जाने देंगे तो हम पहचान पत्र देंगे।'
सीरिया में सरकार ने विद्रोहियों के सामने टेके घुटने, पीएम जलाली बोले 'विपक्ष को सत्ता सौंपने के लिए हैं तैयार'

डेस्क: सीरिया में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। विद्रोहियों ने सीरिया के तीन बड़े शहरों पर कब्जा कर लिया है, इनमें अलेप्पो, होम्स और दारा शहर शामिल हैं। विद्रोहियों ने राजधानी दमिश्क को घेर लिया है। सीरिया के विद्रोही गुट ‘जिहादी हयात तहरीर अल-शाम’ समूह (एचटीएस) प्रमुख अबु मोहम्मद अल-गोलानी ने सीरिया से ‘सीएनएन’ को दिए एक इंटरव्यू में कहा था कि हमले का मकसद असद की सरकार को सत्ता से बेदखल करना है। अब सीरिया में तख्तापलट के आसार नजर भी आ रहे हैं। इस बीच सीरिया के प्रधानमंत्री मोहम्मद गाजी जलाली ने एक वीडियो बयान जारी किया है।

सीरिया के प्रधानमंत्री मोहम्मद गाजी जलाली ने कहा है कि वह शासन की बागडोर शांतिपूर्ण तरीके से विपक्ष को सौंपने को तैयार हैं। जलाली ने कहा, ‘‘मैं अपने आवास पर ही हूं और कहीं नहीं गया हूं और यह इसलिए क्योंकि मुझे अपने देश से प्रेम है।’’ उन्होंने कहा कि वह सुबह काम करने के लिए अपने कार्यालय जाएंगे साथ ही उन्होंने सीरियाई नागरिकों से सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान ना पहुंचाने का आग्रह किया है।

प्रधानमंत्री जलाली ने राष्ट्रपति बशर अल-असद के देश छोड़कर जाने संबंधी खबरों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। असद कहां है इस बारे में संयुक्त अरब अमीरात की ओर से भी कोई जानकारी सामने नहीं आई है, असद के परिवार की दुबई में काफी संपत्ति है।

सरकार समर्थक ‘शाम एफएम रेडियो’ ने बताया कि दमिश्क हवाई अड्डे को खाली करा लिया गया है और सभी उड़ानें रोक दी गई हैं। विद्रोहियों की ओर से कहा गया है कि वो राजधानी के उत्तर में स्थित सैदनाया सैन्य जेल में घुस गए हैं और उन्होंने वहां से कैदियों को मुक्त करा लिया है। इससे एक रात पहले सरकारी बल सीरिया के तीसरे सबसे बड़े शहर होम्स से पीछे हट गए जिसके बाद विपक्षी बलों ने इस पर कब्जा कर लिया। यह शहर, राजधानी दमिश्क और सीरिया के तटीय प्रांतों लताकिया और टारटस के बीच स्थित है।

अपनी मांगों को लेकर दिल्ली की ओर आज फिर कूच करेंगे किसान संगठन, पंजाब में बीजेपी नेताओं के प्रवेश पर रोक का ऐलान

डेस्क: अपनी मांगों को लेकर किसानों का एक जत्था आज फिर दिल्ली के लिए कूच करेगा। पंजाब के किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने शनिवार को कहा कि उन्हें अपने मुद्दों के समाधान के लिए बातचीत के लिए केंद्र से कोई संदेश नहीं मिला है। साथ ही कहा कि 101 किसानों का एक समूह रविवार को फिर से दिल्ली के लिए अपना मार्च शुरू करेगा। किसानों को दिल्ली की ओर आने से रोकने के लिए पुलिस प्रशासन ने कड़े बंदोबस्त किए हैं। दिल्ली-हरियाणा शंभू बॉर्डर पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई गई है। सड़क पर कीलें लगाई गई हैं। साथ ही कंक्रीट की दीवार को भी बनाया गया है। जहां किसान विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं।

तमिलनाडु के त्रिची में संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के राज्य अध्यक्ष पी. अय्याकन्नू ने कहा, 'कांग्रेस के समय में एमएस स्वामीनाथन ने सरकार को एक रिपोर्ट सौंपी थी। उन्होंने सुझाव दिया था कि किसानों को केंद्र सरकार द्वारा लागत मूल्य का 150 प्रतिशत दिया जाना चाहिए। कांग्रेस सरकार ने रिपोर्ट में दिए गए सुझावों को पूरा नहीं किया है। इसलिए पूरे भारत में किसानों ने कांग्रेस के खिलाफ आंदोलन किया और भाजपा का समर्थन किया।'

इसके साथ ही उन्होंने कहा, 'हमें विश्वास है कि भाजपा हमें (जो सिफारिश की गई थी) देगी, लेकिन पिछले दस सालों से उन्होंने हमें कुछ नहीं दिया है। इसलिए वे (किसान) दिल्ली में लड़ रहे हैं। हम भी दिल्ली जाएंगे और मरते दम तक लड़ेंगे। तमिलनाडु के किसान दिल्ली जाएंगे और हम एमएसपी और अन्य चीजों को लेकर आंदोलन करेंगे। 16 दिसंबर को तमिलनाडु में रेलवे पर विरोध प्रदर्शन करेंगे और फिर दिल्ली जाएंगे।'

शंभू बॉर्डर पर किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा, 'किसान मजदूर मोर्चा और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) का विरोध 300वें दिन में प्रवेश कर गया है। केंद्र सरकार अभी भी अड़ी हुई है। हमने एक और बड़ी घोषणा की कि हम पंजाब में बीजेपी नेताओं के प्रवेश का विरोध करेंगे। हमें यकीन नहीं है लेकिन हमने सुना है कि सैनी (हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी) और गडकरी (केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी) अमृतसर जा रहे हैं। हम पंजाब के किसानों से राज्य में उनके प्रवेश का विरोध करने का आह्वान करते हैं।'

शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसान आज फिर हरियाणा पुलिस द्वारा तैनात भारी सुरक्षा को पार करने का प्रयास करेंगे। इसके पहले शुक्रवार को हुए प्रदर्शन में किसानों पर आंसू गैस के गोले दागे गए थे।

पंजाब में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (AAP) के साथ-साथ कांग्रेस सहित भाजपा सरकार का विरोध करने वाले कई राजनीतिक दलों ने किसानों की मांगों को अपना समर्थन दिया है।

किसान लंबे समय से पंजाब-हरियाणा सीमा पर शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं। किसान केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए दिल्ली कूच करने की अपनी मांग पर अड़े हुए हैं।

किसानों के दिल्ली कूच के ऐलान के बाद दिल्ली-हरियाणा शंभू बॉर्डर पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई गई है। प्रदर्शनकारी किसानों को रोकने के लिए सड़क पर कीले लगाई गईं हैं। कंक्रीट की दीवार बनाई गई है। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर के अनुसार, 101 किसानों का जत्था रविवार को दोपहर 12 बजे दिल्ली की ओर कूच करेगा।

सीरिया में छिड़े गृह युद्ध के बीच विद्रोहियों का कई शहरों पर कब्जा, क्या देश छोड़कर भागे राष्ट्रपति?

डेस्क: सीरिया में छिड़े गृह युद्ध के बीच विद्रोहियों ने कई बड़े शहरों पर कब्जा जमा लिया है। सीरिया के विपक्षी कार्यकर्ताओं और एक विद्रोही कमांडर ने शनिवार को यह दावा किया है। वहीं, दूसरी ओर ये जानकारी भी सामने आई कि राष्ट्रपति देश छोड़कर भाग गए हैं।

 सीरिया के सरकारी मीडिया ने सोशल मीडिया पर फैली उन अफवाहों का खंडन किया है कि राष्ट्रपति बसर अल असद देश छोड़कर चले गए हैं। उन्होंने कहा कि वह राजधानी दमिश्क में अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं। बता दें कि ऐसा पहली बार है जब देश में विद्रोही 2018 के बाद सीरिया की राजधानी के बाहरी इलाके में पहुंच गए हैं।

सरकार विरोधी ताकतों और राष्ट्रपति बशर अल-असद की सेना के बीच लड़ाई अब तेज़ होती जा रही है। रविवार तड़के, विद्रोहियों ने घोषणा की कि उन्होंने राष्ट्रपति अल-असद के 24 साल लंबे शासन पर एक बड़ा हमला करते हुए प्रमुख शहर होम्स पर पूर्ण नियंत्रण हासिल कर लिया है। इतना ही नहीं, अपनी जीत का जश्न मनाते हुए विद्रोहियों ने हवा में गोलियां चलाईं और सीरियाई राष्ट्रपति के पोस्टर उतार दिए।

ममता ने जताई “इंडिया” को लीड करने की ख्वाहिश, सपा और उद्धव की शिवसेना का मिला सपोर्ट, कांग्रेस का क्या?

#mamatabanerjeetoleadindiablocwhatotherparties_says

हाल ही में हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद विपक्षी दलों के गठबंधन “इंडिया” में बिखराव के संकेत मिलने लगे हैं। कांग्रेस के सहयोगी दलों में राहुल गांधी के नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठाए जा रहे हैं। इस बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने बड़ा इशारा दिया है। ममता बनर्जी ने कहा कि वो मुख्यमंत्री रहने के साथ-साथ इंडिया ब्लॉक का नेतृत्व भी कर सकती हैं। ममता बनर्जी के बयान का शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत और समाजवादी पार्टी ने समर्थन किया है।

ममता बनर्जी ने शुक्रवार को विपक्षी दल इंडिया ब्लॉक के कामकाज पर असंतोष व्यक्त किया और कहा कि अगर उन्हें मौका मिला तो वह विपक्षी दल की कमान संभालेंगी। एक इंटरव्यू ममता ने कहा कि वह इंडिया ब्लॉक की संस्थापक सदस्यों में से एक हैं और अगर उन्हें मौका मिला तो वह 'इसका संचालन कर सकती हैं।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन की कमान संभालने की बात क्या कही कि सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई। समाजवादी पार्टी ने टीएमसी प्रमुख के बयान का समर्थन किया है। सपा ने कहा कि ममता इंडिया गठबंधन को लीड करती हैं तो इससे हमें कोई दिक्कत नहीं है। सपा नेता उदयवीर सिंह ने कहा कि ममता बनर्जी एक प्रमुख नेता हैं और उनकी पार्टी ने लगातार भाजपा का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में बंगाल ने उत्तर प्रदेश के साथ मिलकर अहम भूमिका निभाई है, जिससे इंडिया गठबंधन को आगे बढ़ने में मदद मिली है और भाजपा पिछड़ गई इसलिए हमारा समर्थन उनके प्रति अटल है। अगर सभी घटकों में आम सहमति बनती है तो समाजवादी पार्टी को कोई आपत्ति नहीं होगी और हम इसका पूरा समर्थन करेंगे।

ममता बनर्जी के बयान का शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने शनिवार को कहा, हम भी चाहते हैं कि वे विपक्षी “इंडिया” गठबंधन की प्रमुख भागीदार बनें। चाहे वह ममता बनर्जी हों, अरविंद केजरीवाल हों या शिवसेना, हम सभी एक साथ हैं। हम जल्द ही कोलकाता में ममता बनर्जी से बात करने जाएंगे।'

कांग्रेस ने क्या कहा?

एक तरफ ममता बनर्जी को सपा और शिवसेना यूबीटी का समर्थन मिल रहा है। वहीं, कांग्रेस ने भी इसपर अपनी प्रतिक्रिया दी है।कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने कहा कि ममता जी बड़ी नेता हैं लेकिन राहुल गांधी के अलावा देश में कोई नेतृत्व करने की स्थिति में नहीं है।

आरजेडी ने कहा- गठबंधन के असली आर्किटेक्ट लालू

ममता बनर्जी के बयान पर आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा, 'बीजेपी के खिलाफ विपक्षी गठबंधन के असली आर्किटेक्ट लालू प्रसाद यादव हैं।उनकी पहल पर ही पटना में इंडिया गठबंधन की पहली बैठक हुई थी।इस बैठक में ममता बनर्जी भी शामिल हुई थी। सभी अपने-अपने राज्यों में बीजेपी के खिलाफ लड़ाई में जुटे हुए हैं।

बिखर रहा 'इंडिया' गठबंधन

लोकसभा 2024 के चुनावों से पहले भाजपा के साथ मुकाबला करने के लिए इंडिया ब्लॉक बनाया गया था। इस गठबंधन में दो दर्जन से ज्यादा विपक्षी पार्टियां शामिल हैं। हालांकि, आंतरिक मतभेदों और समन्वय की कमी ने विभिन्न हलकों से आलोचना को आकर्षित किया है। संसद के शीतकालीन सत्र में विपक्षी गुट के कामकाज को लेकर इंडिया ब्लॉक के सदस्यों के बीच बड़े मतभेद उभरकर सामने आए। गौतम अडानी रिश्वत मामले पर विपक्ष के संयुक्त विरोध प्रदर्शन में तृणमूल कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के सांसद भी शामिल नहीं हुए। अडानी रिश्वत मामले को उठाने में टीएमसी और समाजवादी पार्टी कथित तौर पर कांग्रेस से सहमत नहीं हैं।