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नोएडा आ रहे किसान नेता राकेश टिकैत को पुलिस ने अलीगढ़ के टप्पल में रोका

लखनऊ /गौतमबुद्ध नगर। विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलनरत किसानों की मंगलवार को गिरफ्तारी के बाद आंदोलन और तेज होता दिख रहा है। पूर्व घोषित महापंचायत में शामिल होने बुधवार को गौतमबुद्ध नगर जिले के नोएडा के लिए निकले भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत को पुलिस ने अलीगढ़ जिले के टप्पल में ही रोक लिया गया। पुलिस ने उनको हिरासत में ले लिया है। किसान आंदोलन के मद्देनजर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं।

राकेश टिकैत ने मीडियाकर्मियों से कहा कि आज शाम तक सरकार ने यदि कोई हल नहीं निकाला तो यह आंदोलन और तेज होगा। किसान आरपार की लड़ाई लड़ेगा। इसी बीच, सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें राकेश टिकैत भागते हुए दिख रहे हैं और उनके पीछे-पीछे पुलिस दौड़ती हुई दिख रही है। इस संबंध में पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि टप्पल में हिरासत में लिए जाने के बाद राकेश टिकैत चकमा देकर भाग गए थे, लेकिन उनको फिर हिरासत में ले लिया गया है।

नोएडा ग्रेटर-नोएडा एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण से संबंधित किसानों की मांगों को लेकर पिछले कई दिन से किसान आंदोलन कर रहे हैं। इस बीच कई दौर की वार्ता भी अधिकारियों के साथ किसान संगठनों की हो चुकी है, जो बेनतीजा साबित हुई है। किसानों ने सोमवार को बड़ी संख्या में दिल्ली की ओर बढ़ने का प्रयास किया था लेकिन उन्हें रास्ते में ही रोक लिया गया था। इसके बाद अधिकारियों और किसान संगठनों में वार्ता हुई, जिसमें किसानों ने प्रशासन को 7 दिन का समय दिया था। किसान संगठनों का कहना था कि यदि 7 दिन के अंदर कोई समाधान नहीं निकला तो किसान एक बार फिर दिल्ली कूच करेंगे। इसके एक दिन बाद मंगलवार को पुलिस ने ग्रेटर नोएडा के दलित प्रेरणा स्थल पर आंदोलनरत सैकड़ों किसानों को गिरफ्तार कर लुकसर जेल भेज दिया। इसके बाद से किसान और आक्रोशित हो गए हैं।

किसानों की गिरफ्तारी के विरोध में मंगलवार शाम को मुजफ्फरनगर जिले के सिसौली में बैठक हुई। इस बैठक में बुधवार को नोएडा में किसानों की महापंचायत आयोजित करने का ऐलान किया था। इसमें कई जिले के किसान आज सुबह रवाना हुए लेकिन पुलिस ने ज्यादातर को बीच में ही रोक लिया। इसी कड़ी में भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत भी प्रदर्शन स्थल के लिए सैकड़ों किसानों के साथ निकले थे, लेकिन टप्पल पुलिस ने उन्हें रोक हिरासत में ले लिया।

नोएडा किसानों की समस्या के समाधान के लिए पांच सदस्यीय कमेटी गठित
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर नोएडा एवं ग्रेटर नोएडा में आंदोलनरत किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए पांच सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। शासन स्तर के अधिकारियों की यह समिति एक महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।

नोएडा/ग्रेटर नोएडा के किसानों की समस्याओं को समझने तथा उसके निस्तारण के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर जिस 5 सदस्यीय समिति का गठन किया गया है, उसकी अध्यक्षता प्रमुख सचिव अवस्थापना व औद्योगिक विकास अनिल कुमार सागर करेंगे। साथ ही समिति के सदस्यों के तौर पर विशेष सचिव अवस्थापना व औद्योगिक विकास पीयूष वर्मा, एसीईओ नोएडा संजय खत्री, एसीईओ ग्रेटर नोएडा सौम्य श्रीवास्तव और एसीईओ यीडा कपिल सिंह को नामित किया गया है। समिति एक महीने में रिपोर्ट व अनुशंसा शासन को प्रस्तुत करेगी।
सपा को आगे बढ़ता देख, फोटो खिंचवाने निकले थे राहुल गांधी : स्वाती सिंह
लखनऊ, । इस समय सपा और कांग्रेस में तुष्टिकरण प्रतियोगिता चल रही है। समाजवादी पार्टी को इसमें आगे बढ़ता देख राहुल गांधी ने उनसे बड़ी फोटो खिंचवाने के लिए संभल में पिकनिक मनाने के लिए निकले थे। उनको किसी की संवेदना से मतलब नहीं है। आखिर एक संवेदनशील नेता कहीं भी आग बुझाने के लिए निकलेगा, लगाने के लिए नहीं। राहुल गांधी तो बुझी हुई आग को लगाना चाहते हैं। लोगों को भड़काने की उनकी नीयत है। ये बातें भाजपा नेता और पूर्व मंत्री स्वाती सिंह ने कही।

राहुल गांधी की यात्रा पर उन्होंने कहा कि वे सिर्फ फोटो खिंचवाने के लिए घर से निकले थे। वे जानते थे कि पुलिस उन्हें आगे बढ़ने नहीं देगी। इस कारण वे घर से फोटो खिंचवाने निकले और पुन: घर में चले गये। उनके द्वारा हाथ में प्रतिकात्मक संविधान की किताब लेने पर कहा कि कांग्रेस खुद द्वारा संविधान को तोड़ने की पाप किये जाने का प्रायश्चित का ढोंग कर रही है। संविधान का सबसे ज्यादा अपमान कांग्रेस ने किया है। आपात काल के दौरान कांग्रेस ने मनमाने ढंग से संविधान को बदला।

स्वाती सिंह ने कहा कि विपक्ष की एकजुटता ही सिर्फ एक समुदाय को अपने पक्ष में करने के लिए है। कांग्रेस अडाणी मुद्दे पर फंसी थी और सपा इसमें बढ़त बना रही थी। यही कारण है कि राहुल को बाहर निकलकर बताना था कि वे समुदाय विशेष के हितैषी हैं। उन्हें सिर्फ दिखाना था और दिखाकर चले गये। उनसे किसी के हित से कुछ भी लेना-देना नहीं है।

स्वाती सिंह ने कहा कि जहां पर पाकिस्तान निर्मित गोलियां मिल रही हों। प्रशासन हर वक्त शांति बनाये रखने के लिए दिन-रात एक किया हो, वहां पर जाकर आखिर राहुल गांधी संदेश क्या देना चाहते हैं। राहुल गांधी की झूठी राजनीति को जनता समझ चुकी है। आने वाले चुनाव में राहुल गांधी और समाजवादी पार्टी का जनता पत्ता साफ कर देगी।
इंस्पेक्टर की बेटी से पर्स लूटने वाले दो बदमाश मुठभेड़ में गिरफ्तार
लखनऊ। विकास नगर थाना क्षेत्र में बीते 29 नवम्बर को इंस्पेक्टर की बेटी से पर्स लूट मामले में फरार चल रहे दो बदमाशों की मंगलवार रात को पुलिस से मुठभेड़ हो गई। दोनों आरोपित सगे भाई है।

एडीसीपी जितेंद्र दुबे ने बताया कि पर्स लूट मामले में फरार लुटेरों की तलाश में पुलिस की टीमें लगी हुई थी। उनकी लोकेशन मंगलवार की रात घेराबंदी करके अलग—अलग जगह से दोनों बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस पूछताछ में अभियुक्तों ने अपना नाम तालकटोरा थाना क्षेत्र में रहने वाले स्नेहिल श्रीवास्तव, अपूर्व श्रीवास्तव बताया कि दोनों सगे भाई है। इनकी निशानदेही पर पुलिस रात में ही लूटे गये माल को बरामद करने के लिए एक स्थान पर ले गयी। माल के बीच में छिपाये गये तमंचे से एक बदमाश ने फायरिंग की। पुलिस ने बचाव करते हुए जवाबी गोली चलायी। दोनों बदमाश गिरफ्तार कर लिये गये हैं। लूट का माल और जिस घटना से लूट कारित की गई थी वो बाइक भी बरामद कर ली गयी है। बदमाशों को मामूली चोटें आयी है।
संभल जाने के लिए निकले राहुल को पुलिस ने गाजीपुर बार्डर पर रोका ,उपमुख्यमंत्री बोले- सपा,कांग्रेस संभल पर राजनीति करना चाहते हैं
लखनऊ। संभल जाने के लिए निकले कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को पुलिस ने गाजीपुर बार्डर पर ही रोक दिया है। उनके साथ प्रियंका गांधी वाड्रा और कई अन्य कांग्रेस नेता भी हैं। सुबह से ही यहां भारी पुलिस बल तैनात है। कांग्रेस नेता काफी देर तक सड़क पर ही संभल जाने के लिए रुके रहे। इस बीच पुलिस अधिकारियों से कांग्रेस नेताओं ने बात भी की, लेकिन कोई बात नहीं बनी।प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ निकले राहुल गांधी ने पुलिस से कहा कि मैं आपकी गाड़ी में अकेले जाने को तैयार हूं, लेकिन मुझे संभल जाने दिया जाए। राहुल गांधी ने डीजीपी से भी बातचीत की है। इसके बावजूद डीजीपी ने उन्हें जाने से मना कर दिया। उनका काफिला गाजीपुर बॉर्डर पर ही रुका हुआ है।

राहुल गांधी के साथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय, इमरान मसूद, उत्तर प्रदेश कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडेय आदि बड़े नेता मौजूद हैं। कांग्रेस की ओर से पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को संभल जाने देने का प्लान दिया गया। इस प्रतिनिधिमंडल में राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, केसी वेणुगोपाल, अविनाश पांडेय और अजय राय के जाने की बात कही गई। पुलिस प्रशासन की ओर से इस पर भी मंजूरी नहीं मिली। इसके बाद राहुल गांधी की ओर से प्रशासन से अकेले संभल जाने देने का अमुरोध किया गया। हालांकि पुलिस प्रशासन ने अभी तक इसकी परमिशन नहीं दी है।

उत्तर प्रदेश कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडेय ने कहा कि राहुल गांधी ने पुलिस अधिकारियों के साथ बातचीत की। उन्होंने पुलिस को उनकी गाड़ी में ही बैठकर संभल जाने की बात कही। हालांकि, उनकी मांग पर अभी पुलिस की ओर से स्वीकार नहीं किया गया है।इस बीच एक घंटे से गाजीपुर बॉर्डर जाम है। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर बड़ी संख्या में लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। गाजीपुर बार्डर पर पुलिस की ओर से काफिले को रोकने के लिए बैरिकेडिंग लगाई गई है। कई बार कांग्रेस कार्यकर्ता और पुलिस के बीच काफिला को आगे बढ़ने देने के लिए तीखी नोकझोंक भी हुई। राहुल गांधी के काफिले के सामने पुलिस के जवान बैरिकेडिंग के पीछे कतार लगाकर खड़े हो गए हैं। राहुल गांधी के समर्थन में पूर्णियां सांसद पप्पू यादव भी गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे हैं।

गाजीपुर बॉर्डर पर पुलिस के जवानों की ओर से काफिला रोकने से कांग्रेस कार्यकर्ता नाराज हो गए। बैरिकेडिंग पर चढ़कर प्रदर्शन करने लगे। वे पुलिस अधिकारियों से बैरिकेडिंग हटाने और काफिला को आगे बढ़ने देने की मांग कर रहते रहे। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि संभल में अगर सबकुछ सही है तो फिर बॉर्डर पर पुलिस का पहरा क्यों है? हमें क्यों रोका जा रहा है। वहीं राहुल गांधी संभल जाने पर अड़े हुए हैं।कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने कहा कि प्रशासन की ओर से हमें बॉर्डर पर रोक दिया गया है। कोई कुछ कर नहीं रहा है। हमारी मांग है कि या तो पुलिस प्रशासन हमें आगे बढ़ने दे या फिर हमें डिटेन किया जाए।

इस बीच, उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कांग्रेस और समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि चाहे कांग्रेस या सपा हो, जो संभल पर राजनीति करना चाहते हैं उनका राजनीतिक पतन होगा। अब कांग्रेस के नेताओं को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। जैसे अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश की हार बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं वैसे राहुल गांधी महाराष्ट्र की हार को बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं।

एसडीआरएफ के सिपाही और उसकी पत्नी के खुदकुशी में चौंकाने वाला मामला आया सामने, परिजन बोले- शादी ही नहीं किया था
लखनऊ । राजधानी में एसडीआरएफ के सिपाही अजय के पिता निरंजन को यकीन नहीं हो रहा है कि उनका बेटा आत्महत्या कर सकता है। निरंजन का कहना है कि पिछले तीन साल से अजय शादी की बात करने पर टाल देता था। इस बार दीपावली पर वह पांच दिन की छुट्टी लेकर घर आया था। उसका रिश्ता तय करने कुछ लोग आए थे। पहली बार उसने शादी तय करने के लिए कहा था। निरंजन के मुताबिक एटा से एक रिश्ता आया था। इस बारे में बात करने पर अजय ने फौरन हामी भर दी थी।

परिवार ने पुलिस से कार्रवाई की मांग

ऐसे में अजय किसी और से शादी कैसे कर लेगा? आरोप है कि उनके बेटे को फंसाया गया है। अजय की सैलरी हड़पने के लिए साजिश रची गई है। परिवार ने पुलिस से कार्रवाई की मांग की है। उधर, मंगलवार देर शाम पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद दोनों शवों को परिजनों के हवाले कर दिया। अजय के एक भाई अमित मुंबई में कस्टम विभाग में इंस्पेक्टर हैं। परिजनों ने उन्हें घटना की जानकारी दे दी है। अमित के आने के बाद परिजन तहरीर देंगे। अजय प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी भी कर रहे थे। अजय ने अपनी मां को नॉमिनी बनाया था। नीलम के पिता फल विक्रेता हैं।

फंदे पर लटका मिला एसडीआरएफ का सिपाही

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) वाहिनी लखनऊ में तैनात सिपाही अजय सिंह (27) का शव मंगलवार सुबह उनके कमरे में फंदे पर लटका मिला। उनकी पत्नी नीलम (24) का शव बेड पर पड़ा था। वह दो माह की गर्भवती थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दोनों के आत्महत्या करने की पुष्टि हुई है। आशंका जताई जा रही है कि नीलम ने पहले फंदा लगाया। यह देखकर अजय ने नीलम को फंदे से उतारा और फिर खुदकुशी कर ली।

अजय सिंह 2019 में पीएसी में भर्ती हुआ था

आगरा के अछनेरा थाना इलाके के ग्राम मांगुरा के रहने वाला अजय सिंह 2019 में पीएसी में भर्ती हुआ था। वह एसडीआरएफ कैंप के बाहर पूर्व प्रधान रामू के मकान में 10 माह से किराये पर रह रहा था। मंगलवार सुबह अजय के परेड में नहीं पहुंचने पर एसडीआरएफ में तैनात कर्मी शहंशाह कटिहार ने उसे फोन मिलाया। वह सोमवार शाम को भी परेड में शामिल नहीं हुआ था। संदेह होने पर उन्होंने पुलिस को सूचना दी।पुलिस टीम मौके पर पहुंची और कमरे के रोशनदान से झांका तो अजय फंदे से लटका मिला। दरवाजा अंदर से बंद था।

नीलम का शव बेड पर पड़ा था

जवानों की मदद से दरवाजा खोलकर पुलिस टीम भीतर दाखिल हुई, तो देखा कि नीलम का शव बेड पर पड़ा था। बताया जा रहा है कि अजय ने तीन साल पहले न्यू आगरा के नगला पदी निवासी अमर सिंह की बेटी नीलम से शादी की थी। बिजनौर थाने की पुलिस ने मंगलवार सुबह अजय के पिता निरंजन सिंह को फोन कर घटना की जानकारी दी। बेटे की मौत की खबर सुनकर निरंजन बेसुध हो गए। थोड़ी देर बाद सामान्य होने पर उन्होंने पुलिस को फोन कर बताया कि बेटे की शादी ही नहीं हुई है। यह सुनकर पुलिस हैरान रह गई। दोपहर बाद निरंजन परिजनों के साथ पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे। उन्होंने बताया कि लड़की के बारे में उन्हें कुछ नहीं पता है।

घर पर नहीं भेजता था पैसे, जांच की मांग

निरंजन के मुताबिक, तीन साल से बेटा घर पैसे नहीं भेज रहा था। इस बारे में पूछने पर टाल जाता था। दो साल पहले उसकी पोस्टिंग लखनऊ में हुई थी। सोमवार शाम को उसने कॉल कर हालचाल लिया था और मां मंजू के बारे में भी जानकारी ली। तब वह बिल्कुल ठीक था। आरोप है कि अजय का वेतन उस पर दबाव बनाकर अन्य लोग इस्तेमाल कर रहे थे। उसके बैंक खाते की पड़ताल की जाए तो पूरा मामला साफ हो जाएगा। उन्होंने जांच कराने की मांग की है।

मंदिर में की थी शादी, लड़की पक्ष ने साधी चुप्पी

अजय ने मंदिर में नीलम से शादी की थी। घटना की जानकारी पर नीलम का छोटा भाई जीवन पोस्टमार्टम हाउस पहुंचा। जीवन भी एक साल से एसडीआरएफ के मेस में काम कर रहा है। उसकी नौकरी अजय ने ही लगवाई थी। हालांकि, पूरे मामले में जीवन ने कुछ भी बोलने से इन्कार कर दिया। जीवन ने बताया कि फोन पर बहन से बात होती थी। नीलम छह भाई-बहनों में दूसरे नंबर पर थीं।

अक्सर होता था विवाद, झगड़े के बाद दे दी जान

स्थानीय लोगों का कहना है कि पति-पत्नी में आए दिन विवाद होता था। कई बार कमरे से तेज आवाज सुनाई देती थी। बताया जा रहा है कि अजय व नीलम के बीच सोमवार देर शाम को भी किसी बात पर विवाद हुआ था। अजय कमरे से बाहर चले गए और नीलम ने फंदा लगा लिया। अजय जब लौटे तो नीलम फंदे पर लटकी मिली। अजय ने पत्नी को फंदे से उतारा और फिर खुद भी जान दे दी। डीसीपी साउथ केशव कुमार का कहना है कि नीलम के शरीर पर कोई चोट के निशान नहीं मिले हैं। फॉरेंसिक टीम ने कमरे की वीडियोग्राफी की है। साक्ष्य जुटाए गए हैं। कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है।
संभल हिंसा के आरोपियों से मुलाकात कराने वाले जेलकर्मियों पर गिरी गाज, निलंबित किए गए

लखनऊ । संभल हिंसा के आरोपियों से  जेल में सपा नेताओं की  मुलाकात पर शासन ने सख्त कार्रवाई करते हुए जेलर और डिप्टी जेलर को निलंबित कर दिया है। सूत्रों के मुताबिक डीजी जेल पीवी रामाशास्त्री ने मुरादाबाद जेल के जेलर विक्रम सिंह यादव और डिप्टी जेलर प्रवीण सिंह को निलंबित कर दिया है। वहीं जेल अधीक्षक पीपी सिंह के खिलाफ विभागीय कार्यवाही शुरू करने की शासन से सिफारिश की गई है।


बता दें कि आरोपियों से सपा विधायक नवाब जान, चौधरी समरपाल सिंह, पूर्व सांसद एसटी हसन के साथ कई सपा नेताओं ने जेल में मुलाकात की थी। पूर्व सांसद,विधायकों के साथ कुछ सपा नेता बगैर पर्ची लगाए मिले थे।कहा जा रहा है कि मुलाकात के दौरान जेल मैनुअल का पालन नहीं किया गया। शासन के निर्देश पर डीजी जेल ने डीआईजी जेल कुंतल किशोर को मामले की जांच सौंपी थी। संभल में जेल नहीं होने की वजह से आरोपियों को मुरादाबाद जेल भेजा गया था।
लखनऊ में कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा मोना को हाउस अरेस्ट

लखनऊ । कांग्रेस नेता राहुल गांधी आज संभल जा रहे हैं। उनके साथ ही कांग्रेस के कई अन्य नेता भी संभल जाने की तैयारी में हैं। लखनऊ में कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा मोना को हाउस अरेस्ट किया गया है। उन्हें 9:30 पर संभल के लिए रवाना होना था।

इसके पहले, राहुल गांधी के प्रस्तावित कार्यक्रम को देखते हुए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय, संगठन महासचिव अनिल यादव सहित आदि नेता मंगलवार शाम दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं। यह सभी राहुल गांधी के साथ संभल जाएंगे। कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने बताया कि पुलिस प्रशासन की ओर से उन्हें रोकने का प्रयास किया गया तो रास्ते में ही धरना-प्रदर्शन शुरू कर देंगे।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पदाधिकारी हर स्तर पर संघर्ष के लिए तैयार हैं। बता दें कि सोमवार को ही कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय पार्टी नेताओं के साथ संभल जाने की तैयारी में थे। किंतु पुलिस-प्रशासन ने उन्हें प्रदेश मुख्यालय में ही हाउस अरेस्ट कर लिया था। जबकि अन्य नेताओं व कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेकर ईको-गार्डेन भेजा गया था।
बसपा सुप्रीमो मायावती को फिर आने लगे पुराने नेताओं की याद
लखनऊ ।लगातार पिछले कई चुनावों में हार मिलने के बाद  बहुजन समाज पार्टी को फिर से अपने पुराने नेताओं की याद आने लगी है। पार्टी अध्यक्ष मायावती ने शनिवार को यूपी और उत्तराखंड के पदाधिकारियों की बैठक में 15 जनवरी से पार्टी संगठन का विस्तार करने का निर्देश देने के साथ पुराने कर्मठ नेताओं को भी दोबारा जोड़ने को कहा है। बसपा सुप्रीमो के निर्देश के बाद ऐसे नेताओं के लिए पार्टी में वापसी का रास्ता खुल गया है।

बसपा के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने इस बाबत कहा कि बसपा सुप्रीमो की चिंता वाजिब है। बीते करीब एक दशक में पार्टी छोड़कर जाने वाले नेताओं की लंबी फेहरिस्त है, जबकि अन्य दलों से बसपा में आने वाले नेताओं की संख्या न के बराबर है। उनका कहना है कि वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद बसपा का विस्तार होने की संभावना थी, लेकिन बसपा सुप्रीमो ने सपा से गठबंधन तोड़ने का फैसला हड़बड़ी में ले लिया, जिससे पार्टी की इस मुहिम को नुकसान पहुंचा। वहीं इसका फायदा सपा को मिला और वह बसपा के कई बड़े नेताओं को अपने पाले में करने में कामयाब हो गई। बाद में सपा ने इन नेताओं को टिकट देकर चुनाव में भी उतारा। अब बसपा को अपनी इस गलती का अहसास हो रहा है, जिसकी वजह से पुराने नेताओं को मनाने की कवायद शुरू होने जा रही है।

बसपा छोड़कर जाने वाले नेताओं ने दूसरे दलों को खूब मजबूत किया। इनमें ब्रजेश पाठक, लालजी वर्मा, रामअचल राजभर, नसीमुद्दीन सिद्दीकी, स्वामी प्रसाद मौर्य, बाबू सिंह कुशवाहा, नकुल दुबे, लालजी निर्मल, केके गौतम, इंद्रजीत सरोज, सुनील चित्तौड़, बृजलाल खाबरी, अफजाल अंसारी समेत सौ से अधिक बड़े नेता शामिल हैं। इनमें से कई राज्य सरकार व राजनीतिक दलों में अहम पदों पर हैं। सुनील चित्तौड़ जैसे कर्मठ नेता वर्तमान में आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के प्रदेश अध्यक्ष हैं, जो बसपा के लिए मुसीबत का सबब बनती जा रही है।
एटा में कार और ट्रक में आमने-सामने से भिड़ंत, तीन की मौत
लखनऊ । उत्तर प्रदेश के एटा जिले में रफ्तार का कहर देखने को मिला। अवागढ़ से एटा की ओर आ रही कार की ट्रक से आमने सामने की भिड़ंत हो गई। हादसा इतना भीषण था कि कार बुरी तरह कुचल गई। हादसे में कार सवार तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। तीनों युवक इस कदर कुचल गए कि सड़क पर खून ही खून बिखर गया। सूचना मिलते ही थाना पुलिस मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने युवकों के शवों को कार से निकालने के बाद पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

ये हादसा आगरा रोड़ पर गदनपुर के पास हुआ। बताया गया है कि नगला समन के रहने वाले अनूप अपने मित्र एकेश निवासी जिटौली और अमित निवासी नगला रमिया के साथ कार से अवागढ़ की ओर से एटा आ रहे थे। गदनपुर के पास एटा की ओर से आ रहे ट्रक में उनकी कार टकरा गई। हादसा इतना भीषण था कि कार के परखच्चे उड़ गए। तीनों युवकों की मौके पर ही मौत हो गई। राहगीरों की सूचना पर थाना अवागढ़ पुलिस मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने मृतकों की शिनाख्त के बाद घरवालों को सूचना दे दी। युवकों की मौत की खबर मिलते ही परिजनों में चीत्कार मच गया। परिवार के लोग घटनास्थल पर पहुंच गए। पुलिस ने तीनों के बारे में जानकारी करने  के बाद शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। बताया गया है कि जिस जगह ये हादसा हुआ वहां पर एक सकरा पुल है। इसके साथ ही रोड भी सिंगल लेन है। वहीं कार की रफ्तार भी अधिक थी, जिसके चलते इतनी भीषण टक्कर हुई।