एक साल से पेट में कैंची लिए घूम रही थी महिला, ऐसे खुली पोल
भिंड के मेहगांव के सौंधा गांव की रहने वाली कमला देवी को पेट में कैंची रह जाने की शिकायत पर जया आरोग्य अस्पताल ग्रुप के कमला राजा अस्पताल में भर्ती कराया गया था. डॉक्टरों की टीम ने महिला का ऑपरेशन किया, लेकिन महिला के पेट में कैंची की जगह एक चिमटी निकली. इस चिमटी का इस्तेमाल ऑपरेशन के दौरान खून रोकने के लिए किया जाता है.
महिला के पेट से जो चिमटी निकली है. इसे मॉस्किटो आर्टरी फोर्सेप कहते हैं और इस पर कैंची की तरह कोई धार नहीं होती है. इसी अस्पताल में 20 फरवरी 2023 को पीड़ित महिला कमला का ओवरी में कैंसर की गांठ का ऑपरेशन किया गया था. उसी दौरान डॉक्टरों की लापरवाही के चलते “मॉस्किटो आर्टरी फोर्सेप” महिला के पेट में रह गई थी, जिसे कैंची समझा जा रहा था. इसी को निकलवाने अब वह फिर से अस्पताल पहुंची.
पहले ऑपरेशन के दौरान गलती
हालांकि इस लापरवाही पर जया आरोग्य अस्पताल ग्रुप के अधीक्षक ने जांच के आदेश देते हुए गायनिक डिपार्टमेंट से पीड़ित महिला के पहले किए गए ऑपरेशन के सभी दस्तावेज और ऑपरेशन में शामिल लोगों की जानकारी मांगी है. हालांकि अधीक्षक का मानना है कि पहले किए गए ऑपरेशन में गलती हुई है. क्योंकि ऑपरेशन में इस्तेमाल किए जाने आने वाले औजारों की पहले और ऑपरेशन के बाद गिनती की जाती है. यहीं पर किसी से गलती हुई है, जिसकी जांच की जा रही है.
डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप
पीड़ित महिला कमला देवी के परिजन पिछले डेढ़ साल से ज्यादा समय से परेशान थे. फरवरी 2023 में ऑपरेशन करने के बाद जब वह वापस अपने घर चले गए. उसके बाद महिला को बीच-बीच में कई बार पेट दर्द की शिकायत हुई, लेकिन हर बार क्षेत्र के आसपास के डॉक्टरों से दवाई ले ली. जब तकलीफ ज्यादा बढ़ गई, तब कहीं जाकर महिला के मेडिकल टेस्ट कराए गए. रिपोर्ट में कैंची जैसा औजार नजर आया. फिलहाल परिजन लापरवाही करने वाले डॉक्टर और स्टाफ पर सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.
Dec 02 2024, 15:15