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कोटा में दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे के टनल में बड़ा हादसा, एक मजदूर की मौत, तीन घायल

राजस्थान के कोटा में निर्माणाधीन दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस के टनल में शनिवार की रात बड़ा हादसा हो गया. इस हादसे में एक मजदूर की मौत हो गई, जबकि तीन अन्य मजदूरों को हल्की चोटें आई हैं. फिलहाल पुलिस ने घायलों को अस्पताल में भर्ती कराने के साथ ही शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. पुलिस घटना के कारणों की जांच कर रही है. पुलिस के मुताबिक हादसे में मृत मजदूर की पहचान देहरादून उत्तराखंड के रहने वाले शमशेर सिंह के रूप में हुई है.

कोटा पुलिस के मुताबिक शनिवार रविवार की रात करीब डेढ़ बजे टनल के अंदर काम चल रहा था. इसी दौरान टनल के अंदर से जमीन दरकने लगी और देखते ही देखते टनल का एक हिस्सा ढह गया. चूंकि उस समय चार मजदूर टनल के उस हिस्से में काम कर रहे थे. इसलिए यह चारों ही मिट्टी में दब गए. इनमें से एक मजदूर की तो मौके पर ही मौत हो गई, जबकि बाकी तीन मजदूरों को हल्की फुल्की चोटें आई हैं. सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने मृतक के शव का पंचनामा कराने के बाद पोस्टमार्टम के लिए भेजा है.

रामगंज मंडी के मोड़क में हादसा

पोस्टमार्टम की कार्रवाई परिजनों के आने के बाद होगी. वहीं तीनों घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. पुलिस के मुताबिक यह हादसा रामगंज मंडी के मोड़क इलाके में बन रही टनल के अंदर हुआ है. पुलिस ने अन्य मजदूरों से पूछताछ के बाद बताया कि हादसे के वक्त यह चारों मजदूर सुरंग में ब्रीफिंग कर रहे थे. अचानक से टनल ढहने की वजह से इन मजदूरों को अपनी बचाव का मौका तक नहीं मिला

ठेकेदार पर लापरवाही का आरोप

हादसे के बाद सूचना मिलने पर पुलिस और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारी मौके पर पहुंचे और मामले की छानबीन की. मजदूरों के परिजनों ने इस हादसे की वजह ठेकेदार की लापरवाही बताया है. कहा कि टनल के अंदर मजदूरों को बिना सुरक्षा इंतजाम के भेजा गया था. इसकी वजह से एक मजदूर की मौत हुई है. वहीं तीन अन्य मजदूरों को चोटें आई हैं.

महबूबा मुफ्ती का बड़ा बयान,कहा भारत और बांग्लादेश में कोई फर्क नहीं है

पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती ने बांग्लादेश और भारत को लेकर बड़ा बयान दिया है. महबूबा मुफ्ती ने कहा, अभी देखिए बांग्लादेश में बहुत बुरा हाल है. हमारे जो हिंदू भाई है उनके साथ बड़ी नाइंसाफी हो रही है, अत्याचार हो रहा है, तो यहां हम अल्पसंख्यकों के साथ नाइंसाफी कर रहे हैं तो फर्क क्या है?

महबूबा मुफ्ती संभल हिंसा और अजमेर में मौजूद दरगाह में मंदिर के दावे को लेकर बात कर रही थी, इस बीच उन्होंने बांग्लादेश से इसको जोड़ते हुए कहा, हमारा इतना बड़ा देश है जोकि एक धर्मनिरपेक्ष देश है, तो जब हम में और बांग्लादेश में कोई फर्क ही नहीं रहेगा, हम अल्पसंख्यकों को तंग करेंगे, उनकी मस्जिदों को तोड़ कर शिवलिंग ढूंढेंगे, बांग्लादेश में अगर कोई हिंदू हमारा भाई वहां के अत्याचार के बारे में बात करता है तो उसको जेल में डाल देंगे, यहां उमर खालिद को जेल में डाल रखा है, तो फिर फर्क क्या है, उन्होंने कहा, मुझे तो लगता है कि भारत और बांग्लादेश में कुछ भी फर्क नहीं है.

आपस में लड़ाया जा रहा है”

पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती ने कहा, हालात अच्छे नहीं है, ऐसा है कि हमारे जो लीडर रहे हैं गांधी जी से लेकर जवाहर लाल नेहरू हो, जितने भी लीडर रहे हैं उन्होंने इस मुल्क को हिंदू, मुस्लिम, सिख , ईसाई सब का घर बनाया है. उन्होंने आगे कहा, जो यह हालात हो रहे हैं, आपस में लड़ाया जा रहा है और मुझे डर है, खौफ है कि यह जो हालात है वो 1947 में जो हालात थे यह कहीं न कहीं हमें उसी तरफ लेकर जा रहे हैं.

संभल हिंसा पर जताया अफसोस

महबूबा मुफ्ती ने आगे कहा, जब नौजवान नौकरी की डिमांड करता है तो उनको नौकरी नहीं मिलती है, अच्छे अस्पतालों की डिमांड करते हैं लोग तो अच्छे अस्पताल नहीं है, अच्छी शिक्षा नहीं है. हमारी गलियां, हमारी सड़कें आप ठीक नहीं करते हो, तो आप क्या करते हो कि मस्जिद को गिरा कर इसमें मंदिर ढूंढ लो. यही हो रहा है.

संभल का जिक्र करते हुए महबूबा मुफ्ती ने कहा, अभी देखिए संभल में कितना बुरा हादसा हो गया है. वो बेचारे जिनका कोई लेना-देना नहीं, कोई दुकान पर काम करता था, कोई रेड़ी पर काम करता था उन्हें गोली मार दी. उन्होंने आगे कहा, आप इस पर बात करोगे तो आप को ही जेल में डाल देंगे.

बीजेपी ने किया पलटवार

महबूबा मुफ्ती के बयान पर बीजेपी नेता रविंदर रैना ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा, महबूबा मुफ्ती का बांग्लादेश के साथ भारत की तुलना करने वाला बयान बहुत विवादास्पद, दुर्भाग्यपूर्ण है. बांग्लादेश में इस वक्त अल्पसंख्यक समुदायों को चुन-चुनकर निशाना बनाया जा रहा है. महबूबा मुफ्ती का बांग्लादेश को लेकर भारत के खिलाफ दिया गया बयान राष्ट्रद्रोह है. भारत में हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सब सुरक्षित हैं. साथ ही उन्होंने कहा, महबूबा मुफ्ती का बयान गैर जिम्मेदाराना है, इसे राष्ट्रद्रोह की नजर से देखा जाना चाहिए और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए.

अजमेर को लेकर क्या कहा?

महबूबा मुफ्ती ने अजमेर की दरगाह का जिक्र करते हुए कहा, अब देखिए अजमेर शरीफ दरगाह 800 साल पुरानी जहां हिंदू, मुस्लिम, सिख सब जाते हैं और वो हमारे भाई चारे की गंगा जमना तहजीब की निशानी है. उसके पीछे भी पड़ गए हैं. उनको भी खोदो, उसके नीचे भी देखो शायद मंदिर निकल आए. उन्होंने आगे कहा, मुझे समझ नहीं आता है यह कब तक चलेगा.

महबूबा मुफ्ती ने चुनाव की वोटिंग को लेकर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा, वोटिंग के दौरान चुनाव का प्रतिशत अलग होता है और नतीजों के दौरान अलग, इसे लेकर भी हमारे मन में संदेह है. वो एक राज्य को छोड़ देते हैं जिससे विपक्ष बोल न सके. अगर 6 बजे वोटिंग बंद हुई और 58 फीसदी वोट पड़ा था तो 3 घंटे बाद वो 68 कैसे हो गई और काउंटिंग से पहले वो 70 कैसे हो गई.

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2024: आम आदमी पार्टी ने किया गठबंधन से इनकार, केजरीवाल ने अमित शाह पर साधा निशाना

दिल्ली में अगले साल फरवरी के महीने में विधानसभा चुनाव होने हैं. इसी के चलते सभी पार्टियों ने तैयारियां शुरू कर दी है. इसी बीच आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने विधानसभा चुनाव में गठबंधन को लेकर बड़ा ऐलान कर दिया है. अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए साफ कह दिया है कि दिल्ली में विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी किसी भी पार्टी के साथ कोई गठबंधन नहीं करेगी.

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने दिल्ली की सात सीटों पर गठबंधन में चुनाव लड़ा था. आम आदमी पार्टी ने 3 और कांग्रेस ने 4 सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन वो 7 की 7 सीट बीजेपी से हार गए थे. इसी के बाद हरियाणा में आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस के साथ गठबंधन करने से इंकार कर दिया था और अकेले चुनाव लड़ा था.

कांग्रेस ने गठबंधन को लेकर क्या कहा?

जहां एक तरफ दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस के साथ गठबंधन करने से इंकार कर दिया है. वहीं, दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने भी शुक्रवार को इस बात को साफ कर दिया था कि कांग्रेस पार्टी दिल्ली चुनाव में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करेगी. देवेंद्र यादव ने कहा था, लोकसभा चुनाव के बाद पार्टी ने तय किया है कि वो दिल्ली की 70 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेंगे और किसी के साथ कोई गठबंधन नहीं करेंगे. साथ ही उन्होंने कहा था कि अगर हम लोकसभा चुनाव में आप के साथ गठबंधन न करते तो जरूर हम एक या दो सीट जीतने में कामयाब होते.

दिल्ली की कानून व्यवस्था पर बोले केजरीवाल

अरविंद केजरीवाल ने कहा, दोस्तों, पिछले कई दिनों से मैं दिल्ली की बिगड़ती कानून व्यवस्था का मुद्दा उठा रहा हूं. पिछले 2-3 दिन में ये बद से बदतर हो रही है. मैं दिल्ली का नागरिक हूं मुख्यमंत्री रहा हूं लोग मुझे इसके बताते हैं. वो दहशत में हैं. केजरीवाल ने आगे कहा, लगातार गैंगवॉर हो रही थी तो मुझसे रहा नहीं गया. मैंने कानून व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े किए. मुझे बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने नांगलोई जाने से रोक दिया. आज व्यापारी दहशत में हैं. कल मैं पंचशील गया वहां 64 साल के बुजुर्ग की हत्या कर दी गई थी. आज बुजुर्ग, महिलाएं दहशत में हैं.

दिल्ली के पूर्व सीएम ने कहा, आज मैं तिलकनगर जा रहा हूं. मुझे उम्मीद थी कि अगर मैं ये मुद्दा उठाऊंगा तो अमित शाह जी एक्शन लेंगे, ठोस कदम उठाएंगे ताकि दिल्ली वाले राहत महसूस करेंगे, लेकिन इसकी जगह मुझ पर लिक्विड फेंका गया. कैमिकल हार्मफुल भी हो सकता था.

नरेश बालियान को लेकर क्या कहा?

नरेश बालियान का जिक्र करते हुए केजरीवाल ने कहा, हमारे एक विधायक जोकि खुद रेंसम कॉल से पीड़ित थे, उनको गैंगस्टर कपिल सांगवान से कॉल आ रही थी. धारीवाल जी को इसकी शिकायत भी दी. जिसमें उन्होंने बताया था कि नंदू गैंग ने उनको व्हाट्सएप पर फोन कर विदेश में रह रहे उनके बेटे को लेकर धमकी दी. 30 से 35 बार फोन कॉल आया.

अरविंद केजरीवाल ने कहा, विधायक नरेश बालियान कपिल सांगवान का विक्टिम है. उनको धमकियां आई, उन्होंने दिल्ली पुलिस को कहा कि धमकी आ रही है उस पर कार्रवाई करें, लेकिन उसकी जगह कर नरेश बालियान को गिरफ्तार कर लिया गया. मुझ पर हमला किया गया.

केजरीवाल ने आगे कहा, नरेश बालियान की गिरफ्तारी से अमित शाह जी ने संदेश दिया है कि अगर कोई शिकायत करता है तो उसको ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा और गैंगस्टर को संदेश दिया है कि वो उनके खिलाफ शिकायत करने वाले की ही ऐसी की तैसी कर देंगे. मैं अमित शाह जी से कहना चाहता हूं कि आप गैंगस्टर पर कार्रवाई करें. उससे दिल्ली सुरक्षित होगी, मुझे गिरफ्तार करने से कुछ नहीं होगा

कब है मासिक दुर्गाष्टमी? 8 या 9 दिसंबर, यहां दूर करें अपना कन्फ्यूजन!

हिन्दू धर्म में मासिक दुर्गाष्टमी का पर्व हर महीने के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है. यह हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण व्रत और पर्व माना जाता है, जो देवी दुर्गा को समर्पित है. इस दिन भक्त देवी दुर्गा की पूजा करते हैं और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए व्रत रखते हैं. दुर्गाष्टमी के दिन देवी दुर्गा की पूजा करने से भक्तों पर उनकी विशेष कृपा होती है. माना जाता है कि इस दिन की गई पूजा से मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है. देवी दुर्गा को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है. दुर्गाष्टमी के दिन देवी दुर्गा की पूजा करने से बुरी शक्तियों का नाश होता है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.

पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 08 दिसंबर दिन रविवार को सुबह 09 बजकर 44 मिनट पर शुरू होगी और 09 दिसंबर दिन सोमवार को सुबह 08 बजकर 02 मिनट पर समाप्त होगी. मासिक दुर्गाष्टमी पर निशाकाल में जगत की देवी मां दुर्गा की पूजा की जाती है. 08 दिसंबर को मासिक दुर्गा अष्टमी का पर्व मनाय जाएगा.

मासिक दुर्गा अष्टमी शुभ योग |

इस साल 2024 के मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर शतभिषा योग का निर्माण हो रहा है. इस दिन अभिजीत मुहूर्त का संयोग बन रहा है. इसके साथ ही वणिज योग का भी निर्माण हो रहा है. इन योग में मां दुर्गा की पूजा करने से साधक ही हर मनोकामना पूरी होगी. साथ ही जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के दुख एवं संकट दूर हो जाते हैं.

शुभ मुहूर्त समय

सूर्योदय – सुबह 07 बजकर 02 मिनट पर

सूर्यास्त – शाम 05 बजकर 24 मिनट पर

चन्द्रोदय- दोपहर 12 बजकर 27 मिनट पर

चंद्रास्त- देर रात 12 बजकर 09 मिनट पर

ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 05 बजकर 13 मिनट से 06 बजकर 07 मिनट तक

विजय मुहूर्त – दोपहर 01 बजकर 57 मिनट से 02 बजकर 38 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त – शाम 05 बजकर 22 मिनट से 05 बजकर 49 मिनट तक

निशिता मुहूर्त – रात्रि 11 बजकर 46 मिनट से 12 बजकर 41 मिनट तक

मासिक दुर्गा अष्टमी पूजा विधि

मासिक दुर्गा अष्टमी के दिन पूजा करने से पहले स्नान करके शरीर को पवित्र कर लें.

घर को साफ-सुथरा करके पूजा के स्थान पर एक दीपक जलाएं.

देवी दुर्गा की मूर्ति या चित्र को किसी साफ स्थान पर एक चौकी पर स्थापित करें.

पूजा के लिए फूल, फल, धूप, दीप, रोली, चंदन, नैवेद्य आदि का प्रयोग करें.

देवी दुर्गा के विभिन्न मंत्रों का जाप करें.

पूजा के अंत में देवी दुर्गा की आरती करें और लोगों को प्रसाद बांटें.

मासिक दुर्गा अष्टमी व्रत का महत्व

मासिक दुर्गाष्टमी के दिन व्रत रखने का विशेष महत्व होता है. इस दिन भक्त एक समय भोजन करते हैं या फिर फलाहार करते हैं. व्रत रखने से मन एकाग्र होता है और देवी दुर्गा की भक्ति में मन लगता है. पूरे विधि विधान से व्रत पूरा करने पर लोगों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में आने वाली समस्याओं का समाधान होता है. इसके अलावा घर में सुख-समृद्धि का वास बना रहता है.

बिहार के राज्यपाल और दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम ने किया बाबा महाकाल के दर्शन, भस्म आरती में हुए शामिल

दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम और बिहार के राज्यपाल विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंचे, जहां उन्होंने बाबा महाकाल के दर्शन किए. मंदिर के पुजारी पंडित महेश शर्मा ने बताया कि आज सुबह बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर अपनी धर्मपत्नी और परिवार के साथ बाबा महाकाल के दर्शन करने पहुंचे थे. वहीं दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी बाबा महाकाल के दर्शन किए. दोनों ही बाबा महाकाल की भस्म आरती में शामिल हुए.

बाबा महाकाल की भस्म आरती देखने के बाद उन्होंने चांदी द्वार से भगवान का पूजन अर्चन किया. उसके बाद नंदी हॉल में पहुंचकर नंदी जी के कानों में अपनी मनोकामना भी कही. बाबा महाकाल के दर्शन करने के बाद बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने महाकाल के मंदिर की दर्शन व्यवस्था की जमकर तारीफ की. उन्होंने कहा कि अब तक में कई मंदिरों में दर्शन करने जा चुका हूं लेकिन महाकालेश्वर मंदिर एक ऐसा मंदिर है, जहां पर कहीं भी गंदगी नजर नहीं आती. उन्होंने आगे कहा कि बाबा महाकाल के दरबार में आने वाले सभी लोग स्वस्थ और खुश रहें. मैंने ऐसी कामना बाबा महाकाल से की है.

“सब पंचतत्व में विलीन हो गया”

भस्म आरती में बाबा महाकाल के दर्शन करने के बाद मनीष सिसोदिया ने कहा कि बाबा महाकाल के चरणों में बैठने का मुझे सौभाग्य मिला. यहां आकर मेरा अहंकार, मेरा डर, मेरी चिंताएं सब पंचतत्व में विलीन हो गई. देश के सारे बच्चों के लिए अच्छी से अच्छी शिक्षा की व्यवस्था हो. ऐसी कामना मैंने बाबा महाकाल से की है. कल भाजपा ने जो किया उससे घृणित काम मैंने कहीं नहीं देखा.

केंद्र सरकार को सद्बुद्धि दें”

उन्होंने आगे कहा कि अरविंद केजरीवाल दिल्ली के नेता हैं. वह बड़ी हिम्मत से दिल्ली में काम करवाते हैं लेकिन भाजपा दिल्ली में चुनाव जीत नहीं पाती और फिर उन्हें रास्ते से हटाने की कोशिश करती रहती है. आज भस्म आरती के दौरान सब कुछ शिवमय लग रहा था. बाबा महाकाल से मैंने प्रार्थना की है कि भाजपा और केंद्र सरकार को सद्बुद्धि दें.

कैसे किसी महिला को घोषित कर देते हैं डायन?,डराती हैं कहानियां

झारखंड, राजस्थान, बिहार, छत्तीसगढ़, असम, हरियाणा ये वो राज्य हैं, जहां से डायन प्रथा के नाम पर महिलाओं के साथ अमानवीय उत्पीड़न के मामले सामने आते रहते है. सैकड़ों महिलाएं ऐसी हैं जिन्हें डायन बताकर मार डाला गया. हाल ही में राजस्थान के बूंदी में एक 50 वर्षीय महिला को डायन बताकर उसे पेड़ से बांध गर्म सलाखों से दागा गया. डायन प्रथा के खिलाफ कानून बना हुआ है. बाबजूद इसके ऐसी घटनाएं सामने आती रहती हैं. सवाल है कि आखिर महिलाओं को किस आधार पर डायन घोषित किया जाता है?

कई घटनाओं में देखने को मिला है कि महिलाओं को डायन बताने वाले अधिकतर उसके पड़ोसी, घरवाले या तांत्रिक होते हैं. यह भी देखने को मिला है कि हर उम्र की महिलाओं को डायन घोषित कर दिया जाता है. महिलाओं को डायन बताकर उनके साथ घोर अमानवीय उत्पीड़न किया जाता है. हद तब हो जाती है जब इनके अपने भी इनका साथ छोड़ देते हैं. अधिकतर महिलाओं के डायन वाली घटनाएं ग्रामीण इलाकों में देखने को मिली हैं.

डायन घोषित हुईं महिलाओं की मदद करने वाली ये महिला

महिलाओं को कोई कैसे डायन घोषित कर देता है? इस सवाल से पहले पद्मश्री पुरूस्कार से सम्मानित छूटनी महतो को जानते हैं. छूटनी महतो एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं. उन्हें साल 2021 में पद्मश्री पुरुस्कार से सम्मानित किया है. उन्होंने डायन प्रथा के खिलाफ लंबी लड़ाई लड़ी. यहां तक कि उन्होंने इस प्रथा के खिलाफ जंग लड़कर कई महिलाओं की मदद की. छूटनी महतो झारखंड के सरायकेला खरसांवा जिले के गम्हरिया थाना क्षेत्र के गांव बीरबांस की रहने वाली हैं. उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया कि उन्हें भी डायन घोषित किया गया था, जिसके बाद उनकी जिदंगी पूरी तरह बदल गई थी.

छूटनी महतो को घोषित किया डायन, जबरन खिलाया मल-मूत्र

छूटनी महतो ने बताया कि उनकी शादी 12 साल की उम्र में गम्हरिया थाने के महतांड डीह गांव में कर दी गई थी. वह दिखने में सुंदर थीं और अच्छे कपड़े पहना करती थीं. गांव में लोग उनसे जलते थे. शादी के बाद उनके तीन बच्चे हुए. वह कहती हैं कि 2 सितंबर 1995 को उनके पड़ोसी भोजहरी की बेटी बीमार हो गई. इसका इल्जाम उनपर लगाया गया कि उसने जादू-टोना कर उसे बीमार कर दिया.

इसी बात को लेकर उन्हें गांववालों ने डायन घोषित कर दिया. उनके घर में घुसकर मारपीट की गई. उनके साथ बलात्कार करने कोई कोशिश की गई. हद तब हुई जब डायन से मुक्ति पान एके लिए उन्हें जबरन मानव मल खिलाया गया. इसके बाद उन्हें गांव से निकाल दिया और वह अपने मायके आ गईं.

पेट में हुआ दर्द तो घोषित कर दिया डायन

एक घटना अभी हाल ही में राजस्थान के बूंदी में हुई. यहां के शाहपुरा निवासी 50 वर्षीय नंदूबाई मीणा के पेट दर्द हुआ. उन्हें डॉक्टर को दिखाया लेकिन वह सही नही हुईं. परिजन उन्हें हिंडोली थाना क्षेत्र के गुडागोकुलपुरा गांव के पास एक स्थानीय देवता के पूजा स्थल ले गए. वहां मौजूद स्वयंभू ओझा बाबूलाल ने उनपर ‘बुरी आत्मा’ का ‘साया’ बताकर नंदूबाई को डायन घोषित कर दिया. दो दिन तक उन्हें पेड़ से बंधे रखा गया. उनके शरीर पर गर्म सलाखें दागी गईं. सिर के बाल काटकर मुंह पर कालिख पोत दी. नंदूबाई ने इसकी शिकायत पुलिस से की. ओझा और उसके दो सहयोगियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया.

60 से ज्यादा महिलाओं से मुलाकात

साल 2012 में बीबीसी में छपी एक रिपोर्ट में विकास अध्ययन संस्थान की प्रोफेसर कंचन माथुर ने महिलाओं को किन आधारों पर डायन घोषित किए जाने के बारे में बताया. उन्होंने बताया कि इसके लिए वह गांव-गांव जाकर डायन करार दी गई 60 से ज्यादा महिलाओं से मुलाकात की थी. इनमें ज्यादातर पीड़ित महिलाएं पिछड़े वर्ग, आदिवासी और दलित समुदाय से हैं. उन्होंने बताया कि अधिकतर महिलाओं को छोटी-छोटी बातों पर गंभीर आरोप लगाकर उन्हें डायन घोषित कर दिया. इनमें अधिकतर कारण अंधविश्वास से जुड़े पाए गए.

इन वजहों से किया डायन घोषित

प्रोफेसर कंचन माथुर ने रिपोर्ट में बताया था कि महिलाओं को अंधविश्वास के चलते डायन बताया गया. इनमें दुधारू पशुओं का दूध देना बंद हो जाना. कुएं में पानी सूख जाना, किसी बच्चे का बीमार या मौत हो जाने जैसे मामलों में महिलाओं को डायन घोषित किया गया. वह कहती हैं कि कई मामले ऐसे भी सामने आए जिनमें सम्पत्ति हड़पने की नीयत से भी महिलाओं को डायन करार दिया गया. इनके साथ रेप, बाल काट देना, मुंडन करना, जबरन मल-मूत्र मुंह में ठूसना जैसे अमानवीय घटनाएं की गईं.

डायन प्रथा के खिलाफ बना है कानून

बिहार के बक्सर निवासी पंडित मनोज चौबे के मुताबिक, शास्त्रों में बुरी शक्तियों का उल्लेख मिलता है. शास्त्रों में इस बात का जिक्र है कि राक्षस कुल की महिलाएं सिद्धियां प्राप्त करने के लिए पूजा-पाठ करती थीं. उन्हें अलौकिक शक्तियां भी प्राप्त हुई. लेकिन इन्हें डायन कहना बिल्कुल ठीक नहीं होगा. वहीं, डायन प्रथा के खिलाफ कानून बना है. ऐसे मामले सामने आने पर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाती है.

छत्तीसगढ़ के मुलुगु जिले में नक्सलियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़, 7 नक्सली ढेर

छत्तीसगढ़ के मुलुगु जिले में रविवार को नक्सलियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ हुई है. मुठभेड़ में सात नक्सली ढेर हो गए. सुरक्षाबलों को मौके से भारी मात्रा में कारतूस और हथियार बरामद हुए हैं. बताया जा रहा है कि मरने वालों में माओवादियों का एक प्रमुख नेता भी शामिल है. पुलिस ने अभी तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की है.

एक अधिकारी ने बताया कि इथुरुनगरम के चालपाका के पास वन क्षेत्र में सुरक्षाबलों ने सर्च अभियान चलाया. इसी दौरान सुरक्षाबलों को निशाना बनाते हुए नक्सली फायरिंग करने लगे. ऐसे में जवानों को भी जवाबी कार्रवाई करनी पड़ी. मुठभेड़ में सात नक्सलियों को गोली लगी और उनकी मौत हो गई. इलाके में अब भी जवानों की टीमें नक्सलियों की तलाश में जुटी हैं.

नक्सलियों की हुई पहचान

एक अधिकारी ने बताया कि मारे गए नक्सलियों में से कुछ की पहचान हो गई है. इनमें कुरसम मंगू उर्फ बदरू TSCM ( तेलंगाना स्टेट कमेटी मेंबर) है. यह तेलंगाना और छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती इलाकों में काफी एक्टिव था. यह काफी समय से नक्सली गतिविधी में संलिप्त था. इसके अलावा मृतकों में मधु (डिविजनल कमेटी मेंबर), ​​​​​मुचाकी देवल (एरिया कमेटी मेंबर), कामेश पार्टी (सदस्य) और जयसिंग (पार्टी सदस्य), किशोर (पार्टी सदस्य) शामिल हैं.

जंगल में छिपे थे नक्सली

अधिकारियों के मुताबिक, ऐसी सूचना मिली थी कि छत्तीसगढ़-तेलंगाना के चालपाका के पास वन क्षेत्र में कुछ संदिग्ध नक्सली छिपे हुए हैं. इसके बाद सुरक्षाबलों की टीम ने एरिया को घेर लिया और नक्सलियों को सरेंडर करने को कहा. लेकिन नक्सली जवान पर ही फायरिंग करने लगे. यहीं वजह था कि जवानों को भी गोली चलानी पड़ी.

इससे पहले छत्तीसगढ़ के सुकमा में बीते शुक्रवार को मुठभेड़ में जवानों ने 10 नक्सलियों को ढेर कर दिया था. इस दौरान मौके से AK-47, SLR सहित अन्य हथियार भी बरामद हुए थे. नवंबर में ही कांकेर में जवानों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ नें पांच नक्सली मारे गए थे, जिनमें 2 महिलाएं भी शामिल थीं.

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की आज दिल्ली रैली: संविधान बचाओ और जाति जनगणना पर चर्चा की उम्मीद

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे आज दिल्ली में एक विशाल रैली में शामिल होंगे. वो रैली के जरिए संविधान बचाओ के नारे को जनता तक पहुंचाने की कोशिश करेंगे. कांग्रेस प्रमुख वक्फ संपत्ति संशोधन विधेयक का विरोध करेंगे. दिल्ली विधानसभा चुनावों के मद्देनजर कांग्रेस के पार्टी के पारंपरिक दलित और मुस्लिम वोट बैंक को लुभाने और पिछड़े समूह से जुड़े लोगों को प्रभावित करने के लिए जाति जनगणना को दूसरे राज्यों में भी कराए जाने की कोशिश करेंगे.

दिल्ली के एआईसीसी प्रभारी काजी निजामुद्दीन ने मीडिया से बातचीत में कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन जनता के बीच देश के संविधान को बचाने और इसकी जरूरतों को लेकर चर्चा करेंगे. साथ ही वो दूसरे राज्यों में जाति जनगणना को लेकर भी चर्चा करेंगे. उन्होंने बीजेपी और आम आदमी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि दोनों सरकारों की लापरवाही साफ तौर पर देखी जा सकती है. उनकी लापरवाहियों की वजह से राज्य में रहने वाले लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. कांग्रेस पार्टी इस पर भी लोगों से बात करेगी. वक्फ संपत्ति कानून पर भी मल्लिकार्जुन खरगे रैली में चर्चा करेंगे.

गंदे पानी के सप्लाई से राहत का इंतजार

उन्होंने कहा कि दिल्ली में रहने वाले लोग जहरीली हवा के बीच सांस लेने को मजबूर हो गए हैं. दिल्ली के लोगों को साफ पानी की आवश्यकता है. वो प्रदूषित यमुना नदी के पानी की सप्लाई से परेशान हो गए हैं. अब उन्हें इससे राहत चाहिए. अब दिल्ली की जनता वादों से थक चुकी है. दिल्ली की जनता ने बीजेपी और आम आदमी पार्टी दोनों को ही आजमा लिया है. अब कांग्रेस पार्टी को मौका दिया जाना चाहिए.

उन्होंने कहा कि दिल्ली में लंबे समय कांग्रेस पार्टी की सरकार ने शासन किया है. 1998 से 2013 तक शीला दीक्षित ने यहां मुख्यमंत्री के तौर पर काम किया. उन्होंने अलग-अलग मुद्दों तक दिल्ली में 15 सालों तक काम किया. उसके बाद कार्यकर्ता अन्ना हजारे के नेतृत्व में भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के दम पर आम आदमी पार्टी पहली बार सत्ता में आई. तब से, नई पार्टी यहां अपनी आक्रामक जमीनी स्तर की राजनीति करती रही है. इन्होंने मुफ्त पानी और बिजली जैसी अनेक सुविधाओं के आधार पर कांग्रेस के पारंपरिक वोट बैंक को छीन लिया.

अब जल्द ठीक हो सकेंगे अस्थमा के मरीज, ये रिसर्च बन सकती है गेम चेंजर

अस्थमा एक ऐसी बीमारी है, जिससे पीड़ित मरीज को सांस लेने में काफी दिक्कत उठानी पड़ती है. आमतौर पर किसी बीमारी से पीड़ित होने के बाद उसके इलाज की आशा मरीज में होती है, लेकिन अस्थमा एक ऐसी बीमारी है, जिससे ग्रसित होने के बाद ताउम्र इससे जुड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. अब अस्थमा और क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज से पीड़ित मरीजों के लिए पिछले 50 सालों में पहली बार अब इसका इलाज किया जा सकेगा. इसके इलाज के लिए नए तरीके की खोज की गई है. वैज्ञानिकों का मानना है कि इसका असर गेमचेंजर बन सकता है.

रिसर्च करने वाले वैज्ञानिकों की टीम ने जांच में पाया कि अस्थमा और क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) के इंफेक्शन में स्टेरॉयड का इंजेक्शन, दवाइयों के इस्तेमाल से ज्यादा असरदार है. मौजूदा समय में अस्थमा और सीओपीडी के मरीज दवाइयों का इस्तेमाल ज्यादा करते हैं.

वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर शुरुआती समय में ही इसके इंजेक्शन लेने से आगे के इलाज की जरूरत में 30 की कमी आ सकती है. लैसेंट रेस्पिरेटरी मेडिसिन जर्नल में प्रकाशित लेख के मुताबिक, इस खोज के बाद इस बीमारी से पीड़ित लाखों लोगों को इससे मिल सकती है. ये रिसर्च सीओपीडी और अस्थमा से पीड़ित लोगों के लिए गेम चेंजर साबित हो सकता है.

इंजेक्शन बीमारी में कैसे करेगा काम?

रिसर्च करने वालों के मुताबिक, बेनरालिजुमैब इंजेक्शन लेने से ‘इओसिनोफिलिक एक्ससेर्बेशन’ को खतम करता है. इसके जरिए इओसिनोफिल्स यानी श्वेत रक्त कोशिका की संख्या में कमी आती है. इससे मरीज के फेफड़ों के सूजन में भी कमी आती है. जिससे मरीज को खांसी, सीने में जकड़न जैसी स्थिति से राहत मिलती है. आंकड़ों के मुताबिक, यूनाइटेड किंगडम में हर साल इस दो मिलियन लोग इससे ग्रसित होते हैं.

आमतौर पर अस्थमा के मरीज स्टेरॉयड दवाओं का इस्तेमाल किया करते हैं. ये दवाइयां फेफड़ों के सूजन में आराम तो देती हैं, लेकिन डायबटीज और ऑस्टियोपोरोसिस से पीड़ित मरीजों के लिए हानिकारक हैं. बार-बार इन दवाइयों के असर की वजह से मरीज का इलाज ठीक ढंग से नहीं हो पाता है. उन्हें स्टेरॉयड लेने की वजह से बार-बार अस्पताल में भर्ती होना पड़ता है. रिपोर्ट के मुताबिक, 90 दिनों के भीतर कई बार मरीज की मौत भी हो जाती है.

WHO के अनुसार अस्थमा क्या है?

विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, अस्थमा फेफड़ों से जुड़ी बीमारी है. ये किसी भी उम्र के लोगों को हो सकती है, अमूमन बच्चों में ये ज्यादातर पाई जाती है. सांस लेने वाले छोटे वायुमार्गों में जब सूजन बढ़ जाता है तो उसकी जगह की कमी हो जाती है. WHO की रिपोर्ट के मुताबिक, 2019 में अस्थमा से कुल 262 मिलियन लोग पीड़ित हुए थे और 4 लाख 55 हजार लोगों की मौत हो गई थी.

अस्थमा बीमारी क्या है?

WHO के मुताबिक, अस्थमा एक प्रमुख गैर-संचारी रोग यानी नॉन कम्युनिकेबल डिजीज है. ये बच्चों, बुजुर्गों और वयस्कों सभी को प्रभावित करती है. ये बीमारी तुरंत ठीक नहीं होती, बल्कि लंबे समय तक मरीजों में बनी रहती है. अस्थमा की वजह से सांस लेने में काफी तकलीफ होती है. इससे पीड़ित मरीज को सांस लेने में परेशानी, सोते समय घरघराहट या सीटी जैसी आवाज़, खांसी और बलगम के साथ-साथ सीने में जकड़न या दर्द की स्थिति बनी होती है.अस्थमा होने के पीछे के कारण धूल, धुआं, प्रदूषण, एलर्जी जैसे धूल मिट्टी के कीटाणु, पालतू जानवरों की रूसी आदि की वजह से हो सकता है.

COPD यानी क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज क्या है?

क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज भी सांस संबंधी बीमारी है. COPD धूम्रपान करने की वजह से होता है. सांस की नली में सूजन आ जाने से है. इसकी बीमारी से ग्रसित मरीज को सांस लेने में परेशानी, खांसी, बलगम और सीने में जकड़न की समस्या होती है

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने जीडीपी के आंकड़ों को लेकर मोदी सरकार पर साधा निशाना, जानें क्या कहा

कांग्रेस पार्टी के महासचिव (संचार) जयराम रमेश ने जीडीपी के आंकड़ों का हवाला देकर सरकार का जमकर घिराव किया है. उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि भारत का विकास काफी धीमी गति से हो रहा है. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ध्यान विकास की मंदी पर न होकर प्रचार और प्रसार में है. उन्होंने कहा कि सकल घरेलू उत्पाद के आंकड़े परेशान करने वाले हैं. जीडीपी वृद्धी में तिमाही के आंकड़ों के मुताबिक प्राइवेट इन्वेस्टमेंट काफी धीमा है.

पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि जीडीपी वृद्धि के तिमाही आंकड़ों से पता चलता है कि निजी निवेश सुस्त बना हुआ है. लोग ज्यादा समय के लिए निवेश करने से बच रहे हैं. इसके कारण मध्यम और दीर्घकालिक आर्थिक क्षमता में तेजी से गिरावट देखी जा रही है. जयराम रमेश ने कहा कि लोगों की सैलरी में बढ़ोतरी नहीं होना इसका अहम कारण है.

जुलाई से सितंबर के बीच हुई है मामूली बढ़त

जयराम रमेश ने सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट शेयर किया है. उन्होंने पोस्ट में जुलाई से सितंबर 2024 के आंकड़ों जिक्र करते हुए लिखा कि ये जीडीपी विकास के आंकड़े अनुमान से कहीं अधिक खराब हैं. भारत में 5.4 प्रतिशत की मामूली वृद्धि दर्ज की गई है और खपत में भी महज 6 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी पार्टी के नेता जीडीपी मंदी के इन आंकड़ों पर जानबूझकर ध्यान नहीं दे रहे हैं. लेबल डायनामिक्स ऑफ इंडियन स्टेट्स नामक एक नई रिपोर्ट के मुताबिक ये साफ किया गया है कि भारत में काम करने वालों की सैलरी स्थिर बनी हुई है.

उन्होंने कहा कि रिपोर्ट में आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण डेटा का इस्तेमाल किया गया है कि राष्ट्रीय स्तर पर समग्र वास्तविक वेतन में पिछले पिछले पांच सालों में 0.01 प्रतिशत ही रुकी हुई है. भारत के लोग होप में जी रहे हैं जबकि, प्रधानमंत्री सिर्फ हाइप बनाने में लगे हुए हैं.