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तहसीलदार से मारपीट का मामला : शहर बंद कर व्यापारी के समर्थन में उतरा चैंबर ऑफ कॉमर्स, कार्रवाई को बताया गलत…

मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर-  छत्तीसगढ़ के मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर (MCB) जिले में बीते दिन व्यापारी-तहसीलदार विवाद में व्यापारी के गिरफ्तारी के बाद आज चेम्बर ऑफ कॉमर्स ने व्यापारी के समर्थन में विरोध प्रदर्शन किया है. व्यापारी संघ ने प्रशासन की तरफ से जारी अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के खिलाफ शहर बंद का आह्वान कर दिया है. इसके चलते आज मनेन्द्रगढ़ में सभी व्यापारी अपनी दुकानें बंद रखेंगे. चेंबर ऑफ कॉमर्स का आरोप है कि प्रशासनिक अधिकारी अतिक्रमण हटाने के नाम पर गलत तरीके से कार्रवाई कर रहे हैं, इसके विरोध में उन्होंने आज बंद का आह्वान किया है.

बता दें बीते दिन शुक्रवार को मनेंद्रगढ़ में अतिक्रमण हटाने के दौरान आज एक व्यापारी ने तहसीलदार को थप्पड़ जड़ दिया. तहसीलदार यादवेंद्र कैवर्त मौहारपारा इलाके में गोपाल शीत गृह के पास अतिक्रमण हटाने पहुंचे थे. इस दौरान अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान उनकी एक युवा व्यापारी से बहस हो गई, जिससे आवेश में आकर व्यवसायी नितिन अग्रवाल ने उन्हें थप्पड़ मार दी. घटना की शिकायत के बाद पुलिस ने आरोपी नितिन अग्रवाल को गिरफ्तार कर लिया गया. युवा व्यापारी के गिरफ्तारी के बाद नाराज चेंबर ऑफ कॉमर्स ने इस कार्रवाई को गलत बताते हुए शहर बंद कर विरोध प्रदर्शन कर रहा है. 

वहीं इस मामले को लेकर चेंबर ऑफ कॉमर्स के जिला अध्यक्ष पंकज संचेती ने कहा कि अगर प्रशासन नियम पूर्वक कार्रवाई करती तो हमें कोई आपत्ति नहीं थी. इसके अलावा हमने मीटिंग में भी कहा था कि आप अतिक्रमण हटाने से पहले मुनादी करवा दीजिए. लेकिन उन्होंने मुनादी नहीं की और सीधे बुल्डोजर कार्रवाई कर सामान तोड़ने लगे. बीते दिन कार्रवाई के दौरान व्यापारी ने सामान हटाने के लिए समय मांगा तो उसे समय नहीं दिया गया और सीधे बुल्डोजर से उसके सामान (सीमेंट की शीटों) को तोड़ दिया गया. इससे व्यापारी को डेढ़ लाख का नुकसान हुआ है, ऐसी कार्रवाई पर व्यापारी को गुस्सा आना स्वाभाविक है.

बता दें, यह पहली बार नहीं है जब तहसीलदार विवादों में आए हैं. बीते सप्ताह अतिक्रमण हटाने के दौरान भी एक व्यवसायी प्रियम केजरीवाल का मोबाइल छीनने का मामला सामने आया था. प्रियम ने तहसीलदार की कार्यवाही का वीडियो बनाते हुए उनसे सवाल किया था, जिससे नाराज होकर तहसीलदार ने उसका मोबाइल छीन लिया था.

महिलाओं से ठगी मामले में महिला आयोग ने लिया संज्ञान, फ्लोरा मैक्स कम्पनी के खिलाफ जाँच टीम गठित…

कोरबा- कोरबा जिले की महिलाओं से ठगी के बड़े मामले की गूंज रायपुर तक सुनाई देने के बाद अब छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग ने मामले में स्वतः संज्ञान लिया है. आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक के साथ अन्य सदस्यों ने कलेक्टर से मुलाकात कर उन्हें ऑर्डर शीट की कॉपी सौंपी.

दरअसल, फ्लोरा मैक्स नाम की कंपनी ने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का झांसा देकर उलटे उन्हें कर्जदार बना दिया. महिला आयोग के ऑर्डर शीट में कंपनी, कर्मचारी और अन्य दोषियों के खिलाफ महिलाओं की शिकायत दर्ज करने का उल्लेख किया गया है.

आयोग ने किया जांच टीम का गठन

इसके साथ ही मामले की गहराई से जांच के लिए आयोग ने एक टीम का गठन किया है. टीम कोरबा में कैंप लगाकर पीड़ित महिलाओं से आवेदन और शिकायतें एकत्र करेगी. जनसुनवाई के दौरान आयोग की टीम जिला पंचायत सभागार में पहुंची, जहां उन्होंने महिलाओं की समस्याओं को सुना और समाधान का भरोसा दिलाया.

सुनिश्चित की जाएगी सख्त कार्रवाई – नायक

राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक ने कहा कि महिलाओं से ठगी का यह मामला गंभीर है. इसमें दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी.

8 करोड़ की ठगी : ‘फ्लोरा मैक्स’ का मकड़जाल जांजगीर में भी फैला, ब्रांच मैनेजर समेत 3 आरोपी हुए गिरफ्तार…

जांजगीर-चांपा-  लुभावने बिजनेस स्कीम का झांसा देकर महिला समूहों को ठगी का शिकार बनाने वाले फ्लोरा मैक्स का मकड़जाल जांजगीर-चांपा में भी फैला हुआ है, जहां 2700 लोगों को 30-30 हजार रुपए को झांसा देकर कुल लगभग 8 करोड़ रुपए की ठगी को अंजाम दिया गया. मामले में जांजगीर पुलिस ने कंपनी के ब्रांच मैनेजर समेत तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. 

प्रार्थिया नीरा साहू की ठगी की शिकायत पर चांपा पुलिस ने अलग-अलग जगहों छापेमारी कर कोरबा निवासी आरोपी ईश्वर दास महंत, जांजगीर-चांपा जिला निवासी संतोष दास मानिकपुरी और सक्ती जिला निवासी गोपी किशन सुखसारथी को पकड़ा. आरोपियों ने पूछताछ में अपना जुर्म स्वीकार करते हुए लगभग 10-10 लाख रुपए लेना स्वीकार किया. आरोपियों के साथ कार्यालय से उपयोग किए कम्प्यूटर सेट, प्रिंटर, लेपटाप, नोट गिनने का मशीन, रजिस्टर और प्रचार-प्रसार की सामग्री बरामद किया है.

जानिए ठगी का नायाब तरीका

शिकायकर्ता नीरा साहू ने चाम्पा थाना में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी कि 25 अप्रैल 23 से अखिलेश सिंह व उनके अन्य साथी फ्लोरा मैक्स सर्विस प्राइवेट लिमिटेड नाम से कंपनी संचालित कर रहे थे. कंपनी का मुख्य ब्रांच कोरबा और चांपा में शाखा खोलकर एक व्यवसायिक स्कीम के तहत सदस्यों से 30-30 हजार रुपए जमा कराते थे, और हर महीने प्रत्येक सदस्य को 2.700 रुपए देने का वादा करते थे.

इसके साथ सदस्यों को 35000 रुपए का सामान जैसे साड़ी, बर्तन, जूते, आभूषण (बेनटेक्स) आदि सामान बेचने के लिए देते थे. इस सामान को बेचकर पुनः 35000 रुपए कंपनी में जमा करते थे. जिसमें से सदस्यों को 3500 रुपए कमीशन मिलता था. अगर कोई सदस्य सामान नही लेता था, उसे हर महीने 2700 रुपए 24 माह तक देने का झांसा देते थे. इसके अतिरिक्त सदस्यों को नए सदस्य जोड़ने पर प्रत्येक महीना 300 रुपए कमीशन के रूप में देते थे.

स्कीम के लालच में आकर ग्रामीण बैंको से लोन लेकर 30-30 हजार रुपए जमा किया गया है. लेकिन कंपनी सदस्यों को पिछले चार माह से वादा की गई 2700 रुपए देना बंद कर फरार हो गए. शिकायत पर आरोपियों के विरूद्ध चाम्पा थाना में अपराध क्रमांक 517/2024 धारा 318(2), 318(4), 111(1) (iii), 3(5) BNS एवं 6, 10 छत्तीसगढ़ निवेशकों का संरक्षण अधिनियम, 2005 का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया.

हो चुकी है कंपनी डायरेक्टर की गिरफ्तारी

बता दें कि कोरबा पुलिस ने कंपनी के डारेक्टर अखिलेश सिंह, कोरबा निवासी राजू सिंह और उनके सक्रिय सहयोगियों के साथ चाम्पा थाना के मामले वांछित अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार किया है. जल्द ही चाम्पा पुलिस द्वारा साक्ष्य संकलन कर विधिवत उनकी भी गिरफ्तारी करेगी.

पुलिस की जनता से सतर्क रहने की अपील

पुलिस की अभी तक की जांच में पाया गया है कि जांजगीर चाम्पा जिले से 2700 लोगों के साथ फ्लोरा मैक्स कंपनी ने धोखाधड़ी की है. प्रकरण की विवेचना जारी है, जिससे आने वाले दिनों में और भी कई प्रभावित सामने आ सकते हैं. वहीं दूसरी ओर जांजगीर-चांपा पुलिस आम जनता से अपील की है कि ऐसी धोखाधड़ी योजनाओं से सतर्क रहें, और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तत्काल स्थानीय पुलिस को दें.

IG से शिकायत के बाद बिल्डर के खिलाफ 420 का मामला दर्ज, दूसरे की जमीन को अपना बताकर किया था सौदा, खुलासा होने पर पैसा लौटाने से किया इनकार…

खैरागढ़-  दूसरे की जमीन को अपना बताकर बेचने और अग्रिम भुगतान के पैसे वापस न करना खैरागढ़ के एक नामी बिल्डर पर भारी पड़ गया. आईजी के निर्देश पर पुलिस ने बिल्डर विकास आर्या के खिलाफ धारा 420 (धोखाधड़ी) के तहत मामला दर्ज किया है. 

मामले में शिकायतकर्ता अस्पताल चौक निवासी सीबी तिवारी ने बताया कि उन्होंने 18 अगस्त 2020 को खम्हरिया खुर्द, पटवारी हल्का नंबर 31, ब्लॉक नंबर 01, प्लॉट नंबर 39 में 2500 वर्गफुट जमीन खरीदने के लिए बिल्डर विकास आर्या से इकरारनामा किया. इसके लिए अलग-अलग किश्तों में 6 लाख रुपए से अधिक का भुगतान किया. इकरारनामा के अनुसार, जनवरी 2021 तक जमीन की रजिस्ट्री होनी थी, लेकिन बिल्डर लगातार टालमटोल करता रहा.

इस बीच उन्हें पता चला कि जिस जमीन का सौदा बिल्डर ने किया है, वह राजस्व रिकॉर्ड में उसके नाम पर ही नहीं है. इतना ही नहीं, तय समय से पहले ही बिल्डर ने उसी जमीन को किसी और को बेच दिया था. इस पर जब उन्होंने पैसे वापस मांगे, तो बिल्डर टालमटोल करने लगा, जिसके बाद उन्होंने एसपी कार्यालय और थाने में शिकायत की.

बिल्डर के रसूख के कारण न तो एसपी कार्यालय की ओर से और न ही थाने की ओर से कोई कार्रवाई की गई. आखिरकार थक-हारकर उन्होंने आईजी से शिकायत की. जांच के बाद एसडीओपी कार्यालय ने आरोप सही पाए, जिसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज किया.

जिले में सक्रिय भू-माफियाओं का गिरोह

जिले में कई लोग भू-माफियाओं के जाल में फंसकर अपनी जमीन औने-पौने दाम में बेचने को मजबूर हो गए हैं. वहीं, दूसरों की जमीन को अपना बताकर सौदा करना और अग्रिम भुगतान के बाद पैसे लौटाने में आनाकानी करना आम बात हो गई है. आम आदमी रसूखदार माफियाओं के खिलाफ शिकायत करने में झिझकता है, जिसका फायदा ये गिरोह उठाते हैं.

2024 बैच के IAS अधिकारियों का कैडर लिस्ट हुआ जारी, छत्तीसगढ़ को मिले 3 आईएएस ऑफिसर…
रायपुर-   केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय ने 2024 बैच के आईएएस अधिकारियों को उनके कैडर आवंटित कर दिए हैं. इस बैच में कुल 180 अधिकारियों को विभिन्न राज्यों में कैडर मिला है. छत्तीसगढ़ को इस बार 3 आईएएस अधिकारी मिले हैं, जिनमें सभी अन्य राज्यों से हैं. आवंटन सूची जारी होने के बाद अब संबंधित राज्य सरकारें इन अधिकारियों की पोस्टिंग करेंगी.

इन अधिकारियों को मिला छत्तीसगढ़ कैडर:

  1. पश्चिम बंगाल के निवासी अक्षय दोशी ने यूपीएससी में 75वीं रैंक प्राप्त किया है. उन्हें छत्तीसगढ़ कैडर मिला है और वे जनरल कैटेगरी से आते हैं.
  2. उत्तर प्रदेश के निवासी विपिन दुबे ने को भी छत्तीसगढ़ कैडर मिला है. उन्होंने यूपीएससी में 238वीं रैंक हासिल किया है और वे भी जनरल कैटेगरी से हैं.
  3. महाराष्ट्र निवासी क्षितिज गुरभेले ने यूपीएससी में 441वीं रैंक प्राप्त किया है. वे अनुसूचित जाति (एससी) वर्ग से आते हैं और उन्हें भी छत्तीसगढ़ कैडर आवंटित हुआ है.

बता दें, यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2023 का फाइनल रिजल्ट 16 अप्रैल 2024 को घोषित किया गया था. परीक्षा कुल 1139 पदों के लिए आयोजित हुई थी, जिसमें पहली सूची में 1016 अभ्यर्थियों का चयन हुआ. बाद में 25 अक्टूबर 2024 को रिजर्व लिस्ट जारी की गई, जिसमें 120 अतिरिक्त अभ्यर्थियों के नाम शामिल थे.

UPSC परीक्षा टॉपर्स और उनके कैडर:

  • आदित्य श्रीवास्तव ;(उत्तर प्रदेश): टॉपर रहे आदित्य को उनका होम कैडर (उत्तर प्रदेश) आवंटित हुआ.
  • अनिमेष प्रधान ;(ओडिशा): दूसरे स्थान पर रहे अनिमेष को ओडिशा कैडर मिला.
  • अनन्या रेड्डी ;(तेलंगाना): तीसरे स्थान पर रहीं अनन्या को महाराष्ट्र कैडर आवंटित हुआ.

यूपीएससी 2023 परीक्षा का रिजल्ट इस साल 16 अप्रैल 2024 को जारी हुआ. यूपीएससी 2023 परीक्षा माध्यम से चयनित सभी अभ्यर्थियों को 2024 बैच का हिस्सा बनाया गया है.

राजधानी में रात के अंधेरे में शरारती तत्वों ने आठ गाड़ियों को किया आग के हवाले

रायपुर-  राजधानी रायपुर के आरडीए कॉलोनी, बोरियाखुर्द में बीती रात अज्ञात लोगों ने एक के बाद एक आठ गाड़ियों में पेट्रोल डालकर आग लगा दी. आगजनी में 7 दो पहिया और एक ऑटोरिक्शा जलकर खाक हो गए. आगजनी इतनी भयावह थी कि आग से आस-पास के घर तक जा पहुंची. पीड़ित परिवारों ने जानबूझकर आग लगाए जाने की आशंका जताई है.

वहीं इस मामले में पीड़ित परिवारों के लोगों ने बताया कि घटना रात करीब 3 बजे की है. जब स्कूटी में ब्लास्ट होने की आवाज़ से कॉलोनीवासियों को आग लगने का पता चला और देखते ही देखते 4 परिवारों के 6 दो पहिया वाहन और एक ऑटो आग की चपेट में आ गए. पीड़ित संतोष सिन्हा, डॉ राजेंद्र साहू और नितिन सिंह ने मामले की शिकायत टिकरापारा थाने में की है.

वहीं इस घटना के पीड़ितों ने साज़िश के तहत इस घटना को अंजाम देने का आरोप लगाया है. उन्होंने बताया बीते शाम कॉलोनी में पीड़ितों का कुछ लोगों से विवाद हुआ था, जिसमें शिकायत न करने की धमकी भी मिली थी. जिसके बाद ये घटना हुई है. स्थानीय लोगों ने बताया कि बोरियाखुर्द में देर रात तक नशेड़ियों का जमावड़ा लगा रहता है. आए दिन अपराधिक घटनाओं को अंजाम दिया जाता है. इसके बावजूद इलाक़े में पुलिस गंभीरता से गश्त नहीं करती लोग दहशत में जीने के लिए मजबूर है.

वहीं इस मामले में टिकरापारा थाना प्रभारी मनोज कुमार ने बताया कि बोरियाखुर्द में गाड़ियों में आग लगने की शिकायत मिली है. शिकायतकर्ताओं ने जान बूझ कर घटना को अंजाम देने की आशंका जताई है. मामले की जांच जारी है.

सेंट्रल जीएसटी के दो अफसरों ने मांगी 75 हजार की रिश्वत, CBI ने किया गिरफ्तार

रायपुर-   सीबीआई की टीम ने शुक्रवार को केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (सीजीएसटी) के दो अफसरों को दवा कारोबारी से 60 हजार रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार कर लिया है. रायपुर में पदस्थ सुपरिंटेंडेंट इलोंका मिंज और इंस्पेक्टर सौम्य रंजन मलिक जीएसटी की राशि में गड़बड़ी की सेटलमेंट करने और पेनल्टी से बचाने के नाम पर घूस मांग रहे थे.

जानकारी के मुताबिक मिंज और मलिक ने दवा कारोबारी राहुल वर्मा को 3 लाख रुपए की पेनल्टी का डर दिखाया. इसके सेटलमेंट के लिए उसने पहले 75 हजार रुपए मांगे थे. छत्तीसगढ़ में ऐसा पहला मौका है, जब सीजीएसटी अफसरों को रिश्वत मामले में गिरफ्तार किया गया है.

अधिग्रहित भूमि की खरीदी-बिक्री पर पटवारी के निलंबन के बाद अब उप पंजीयक पर लटकी तलवार, कार्रवाई के लिए जिला प्रशासन ने मुख्य सचिव को लिखा पत्र…

बलरामपुर- जिले के ग्राम सेमली में फर्जी तरीके से भूमि का दस्तावेज तैयार कर क्रय-विक्रय के मामले में उप पंजीयक के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए जिला प्रशासन ने मुख्य सचिव को पत्र लिखा है. इस मामले में पहले ही पटवारी को निलंबित किया जा चुका है.

वाद भूमि राष्ट्रीय राजमार्ग N343 के लिए अधिग्रहित है, जो शासन के बजट में भी शामिल है, जिसकी नियम विरुद्ध तरीके से रजिस्ट्री कराई गई थी.

जिला प्रशासन की जांच में उप-पंजीयक रॉबर्ट तिर्की द्वारा बिना जांच और दस्तावेज सत्यापन के बगैर जमीन रजिस्ट्री किए जाने की बात सामने आई. मामले में बलरामपुर जिला प्रशासन ने विवादित विक्रय को शून्य घोषित करते हुए अनुशासनात्मक कार्रवाई के आदेश दिए है.

CG में रेत माफियाओं के हौसले बुलंद : खनिज विभाग की कार्रवाई को दिखाया ठेंगा, जब्त चैन माउंटेन को ही ले गए माफिया

जांजगीर-  जांजगीर चांपा जिले में रेत के अवैध कारोबार करने वालों के हौसले बुलंद है. जिला प्रशासन के निर्देश पर खनिज विभाग ने महानदी देवरघटा में छापामार कारवाई करते हुए चैन माउंटेन जब्त कर सील किया था, लेकिन खनिज माफियाओं ने सील तोड़कर दोनों चैन माउंटेन को गायब कर दिया.

मामले की सूचना मिलने पर खनिज विभाग की टीम ने चैन माउंटेन की तलाश की और देवरघटा में झाड़ियों के बीच एक छुपाए चैन माउंटेन को जब्त किया और मुलमुला पुलिस के सुपुर्द किया. वहीं एक अन्य चैन माउंटेन की तलाश की जा रही है.

हाइकोर्ट ने राज्य सरकार को जारी किया सख्त निर्देश, 7 दिनों के भीतर करें डीएलएड डिप्लोमा धारकों की नियुक्ति

बिलासपुर-  छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने डीएलएड डिप्लोमा धारकों को प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक के पद पर नियुक्ति देने के लिए राज्य सरकार को सख्त निर्देश जारी किया है. जस्टिस अरविंद वर्मा की बेंच ने राज्य शासन से कहा है कि सात दिनों के भीतर डीएलएड डिप्लोमा धारकों की चयन सूची जारी करें, जिनको प्राइमरी स्कूलों में शिक्षक के पद पर नियुक्ति दी जानी है. अवमानना याचिका पर अगली सुनवाई 10 दिसंबर को होगी.

दरअसल, डीएलएड डिप्लोमा धारकों ने हाईकोर्ट में चौथी बार अवमानना याचिका लगाई है. जिस पर सुनवाई करते हुए सिंगल बेंच ने राज्य सरकार के रवैये को लेकर नाराजगी जताते हुए कहा, कि सुप्रीम कोर्ट और उसके बाद हाई कोर्ट के फैसले के बाद भी राज्य सरकार आदेश का परिपालन करने के बजाय लगातार अवहेलना कर रही है. अवमानना याचिका की पिछली सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जोड़कर उनकी बातें सुनी थी. विभागीय अधिकारियों के जवाब सुनने के बाद कोर्ट ने 21 दिनों के भीतर प्राइमरी स्कूलों में नौकरी कर रहे बीएड डिग्रीधारकों को बाहर निकालने और उनकी जगह मेरिट के आधार पर डीएलएड डिप्लोमा धारकों को नियुक्ति देने के लिए सूची जारी करने कहा था. हाईकोर्ट द्वारा तय की गई समय सीमा बीते जाने के बाद भी जब राज्य शासन की ओर से नियुक्ति देने के संबंध में प्रक्रिया प्रारंभ नहीं की गई तब डिप्लोमा धारकों ने न्यायालीयन आदेश की अवहलेना का आरोप लगाते हुए राज्य सरकार के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की है.

मामले में राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता कार्यालय के ला अफसर ने बताया कि डीएलएड डिप्लोमा धारकों की मेरिट के आधार पर सूची बनाने और जारी करने की जिम्मेदारी व्यापम को दी गई है. व्यापम की ओर से इस संबंध में विलंब किया जा रहा है.

नाराज कोर्ट ने कहा कि इस पूरे मामले में जानबुझकर न्यायालय का समय बर्बाद किया जा रहा है. कोर्ट ने राज्य शासन को अंतिम अवसर देते हुए सात दिनों के भीतर मेरिट के आधार पर डीएलएड अभ्यर्थियों की सूची जारी करने और नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया है.