अब अजमेर शरीफ पर बवाल! दरगाह में शिव मंदिर पर क्या हैं दोनों पक्षों के दावे
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यूपी के संभल जिले में मस्जिद के सर्वे के बाद बवाल मचा हुआ है। इसी बीच राजस्थान के अजमेर शरीफ को लेकर नया विवाद शुरू हो गया है। अजमेर शरीफ दरगाह को शिव मंदिर होने का दावा किया जा रहा है। जिसके बाद यूपी के संभल में स्थित जामा मस्जिद के बाद अब राजस्थान के अजमेर में दरगाह शरीफ का सर्वे हो सकता है। एक निचली अदालत ने हिंदू पक्ष की उस याचिका को स्वीकार कर लिया है, जिसमें अजमेर शरीफ दरगाह को हिंदू मंदिर बताया गया है। इसमें कहा गया है कि यहां पहले एक शिव मंदिर था। याचिका हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता की ओर से दायर की गई थी।
हिंदू सेना की राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता द्वारा 25 सितंबर को अजमेर न्यायालय में अजमेर ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह को शिव मंदिर होने का दावा करते हुए वाद दायर किया था।अजमेर ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह हिंदू संकट मोचन मंदिर तोड़कर बनाने का दावा अजमेर सिविल न्यायालय पश्चिम ने स्वीकार कर लिया है। कोर्ट ने एएसआई दरगाह कमेटी और अल्पसंख्यक मामला विभाग को नोटिस भेजा है। मामले की अगली सुनवाई 20 दिसंबर रखी गई है। दूसरे पक्ष को सुना जाएगा और इस मामले में अग्रिम कार्रवाई की जानी है। बुधवार को अजमेर सिविल न्यायालय पश्चिम ने दरगाह में मंदिर होने का दावा करने वाली याचिका पर सुनावाई करते हुए कहा कि इससे संबंधित लोगों को नोटिस जारी किए जाएंगे। कोर्ट ने अल्पसंख्यक मंत्रालय, दरगाह कमेटी अजमेर और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) को नोटिस देकर पक्ष रखने को भी कहा है
क्यों शुरू हुआ विवाद?
हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने इसी साल सितंबर के महीने में अजमेर दरगाह केस से जुड़ी याचिका अदालत में दायर की थी। मगर इस पर सुनवाई नहीं हो सकी। अदालत ने याचिका के साथ सबूत पेश करने के आदेश दिए। याचिकाकर्ताओं ने 38 पन्नों का सबूत अदालत के सामने रख दिया, जिन्हें देखकर अदालत ने याचिका स्वीकार कर ली और 20 दिसंबर को इस पर सुनवाई की तारीख दे दी है
मुस्लिम पक्ष की राय
अजमेर दरगाह की देखभाल करने वाली अंजुमन मोइनिया फकीरा कमेटी के सचिव सय्यद सरवर चिश्ती का कहना है कि हिंदू पक्ष के आरोप पूरी तरीके से बेबुनियाद हैं। इस तरह के दावे देश में सांप्रदायिक शांति को भंग कर सकते हैं। मक्का और मदीना के बाद यह दरगाह मुस्लिम समुदाय के लिए बेहद अहम मानी जाती है। इस तरह के कदम से पूरी दुनिया के मुस्लिमों को ठेस लगी है।
अजमेर में सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर शुरू होने जा रहे सालाना उर्स के मेरे से पहले नया विवाद खड़ा हो गया है। हिंदू सेवा का दावा है कि ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में प्राचीन शिव मंदिर है। अपने इस दावे के समर्थन में 1911 में प्रकाशित एक पुस्तक (हरविलास शारदा की 1911 में लिखी किताब- अजमेर: हिस्टॉरिकल एंड डिस्क्रिप्टिव) को अजमेर की अदालत में सबूत के तौर पर पेश भी किया गया है।





चीन और पाकिस्तान अच्छे दोस्त माने जाते हैं। हालांकि, पाकिस्तान में लगातार हो रहे चीनी नागरिकों और वर्कर्स पर हमलों को लेकर चीन नाराज हो गया है। अब चीन वहां अपनी सेना तैनात करना चाहता है। बताया जा रहा है कि चीन की सिक्योरिटी फोर्सेस को तैनात करने की मंजूरी के लिए पाकिस्तान सरकार पर दबाव बनाया जा रहा है। इस बीच चीनी सेना के प्रमुख जनरल बुधवार को पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद पहुंचे। उनके साथ एक बड़ा प्रतिनिधि मंडल भी इस्लामाबाद आया है। चीनी सेना के प्रमुख जनरल झांग योशिया ने बुधवार को पाकिस्तान के सेना प्रमुख आसिम मुनिर से बातचीत की। पाकिस्तानी न्यूज पोर्टल डॉन के अनुसार दोनों देशों के के बीच में क्षेत्रीय सुरक्षा, स्थिरता और आपसी रक्षा सहयोग को बढ़ाने को लेकर चर्चा की गई। वहीं, कुछ सूत्रों ने बताया कि चीनी सेना के प्रमुख जनरल झांग ने आतंकवाद के खिलाफ चल रहे अभियानों और चीनी नागरिकों पर पाकिस्तान में हमलों को लेकर उन्होंने चिंता व्यक्त की है। उन्होंने पाकिस्तान सेना प्रमुख आसिम मुनिर से पूछा कि इन घटनाओं पर लगाम कैसे लगेगी। डॉन अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने पाकिस्तान में अपने नागरिकों की सुरक्षा को लेकर अधिक सक्रिय भूमिका की मांग की। बीजिंग इस बात पर जोर दे रहा है कि पाकिस्तान में काम कर रहे चीनी नागरिकों के लिए सुरक्षा उपाय और मजबूत किए जाएं। हालांकि, पाकिस्तान ने स्पष्ट किया कि दोनों देशों के बीच आतंकवाद रोधी सहयोग "आपसी संप्रभुता और सम्मान" के सिद्धांतों पर आधारित रहेगा। बैठक में भारत की क्षेत्रीय भूमिका और अफगानिस्तान के हालात, विशेषकर आतंकवादी समूहों की सक्रियता, पर गहन चर्चा हुई। दोनों पक्षों ने इस बात पर सहमति जताई कि क्षेत्रीय स्थिरता के लिए मिलकर प्रयास करना जरूरी है। वहीं, पाकिस्तानी सेना की ओर से भी इस मुलाकात को लेकर बयान जारी किया गया है।पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय का कहना है कि दोनों देशों के बीच बातचीत के दौरान अफगानिस्तान और इस क्षेत्र में भारत की भूमिका पर चर्चा की गई। विशेषकर अफगानिस्तान के सक्रिय आतंकवादी संगठनों को लेकर भी चर्चा की गई है।बैठक में इन विषयों पर हुई चर्चा:- • आतंकवाद से निपटने के उपाय:** पाकिस्तान में चीनी नागरिकों पर हमलों को लेकर चिंता जताई गई। • क्षेत्रीय सुरक्षा:** भारत की भूमिका और अफगानिस्तान में आतंकवादी समूहों की मौजूदगी पर विचार-विमर्श किया गया। • द्विपक्षीय रक्षा सहयोग:** दोनों देशों ने रक्षा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की। • राष्ट्रीय सुरक्षा:** क्षेत्रीय स्थिरता के लिए सामूहिक कदम उठाने की आवश्यकता पर जोर दिया गया।




Nov 28 2024, 16:33
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