हसीने के बांग्लादेश से निकलते ही खालिदा जिया के दोनों हाथों में लड्डू, पहले भ्रष्टाचार मामले में बरी, अब अमेरिका का टिकट
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बांग्लादेश में हालात बिल्कुल बदलते जा रहे है। शेख हसीना के बांग्लादेश छोड़ने के बाद ना केवल हिंदुओं पर अत्याचार बढ़े हैं, बल्कि कट्टर इस्लामवादी और चीन-पाकिस्तान के हमदर्दों की बल्ले-बल्ले हो गई है। बांग्लादेश में तख्तापलट के कुछ ही घंटों के बाद जेल में बंद विपक्षी नेता और पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया को रिहा कर दिया गया था। शेख हसीने के पीछे खालिदा जिया के दोनों हाथों में लड्डू नजर आ रहा है। खालिदा जिया को भ्रष्टाचार के आरोपों में बरी कर दिया गया है। बता दें कि उच्च न्यायालय ने बुधवार को पूर्व प्रधानमंत्री और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की अध्यक्ष खालिदा जिया को भ्रष्टाचार के एक मामले में बरी कर दिया। इसके साथ ही खालिदा जिया ने विदेश जाने की भी तैयारी शुरू कर दी है।
पहले तो शेख हसीना के तख्ता पलट के ठीक बाद खालिदा जिया को निचली अदालत ने बरी कर दिया था और अब उच्च न्यायालय ने भी बुधवार (27 नवंबर 2024) को उन्हें बरी कर दिया। समाचार पोर्टल ‘बीडीन्यूज24 डॉट कॉम’ की खबर के मुताबिक, न्यायमूर्ति ए.के.एम.असदुज्जमां और न्यायमूर्ति सैयद इनायत हुसैन की पीठ ने जिया की अपील को स्वीकार करते हुए निचली अदालत द्वारा दोषी करार दिए जाने के फैसले को पलट दिया। वहीं, डेली स्टार ने अपनी खबर में कहा कि भ्रष्टाचार निरोधक आयोग ने 2011 में तेजगांव थाने में भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया था, जिसमें जिया और तीन अन्य पर अज्ञात स्रोतों से ट्रस्ट के वास्ते धन जुटाने के लिए सत्ता का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया गया था।
कोर्ट के फैसले के बाद खालिदा जिया खास इलाज के सिलसिले में विदेश जाने की तैयारी में हैं। उन्होंने इसके लिए सारे जरूरी इंतजाम कर लिए हैं। अपने वीजा आवेदन की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए बुधवार को कोर्ट का फैसला आने के बाद वह अमेरिकी दूतावास पहुंचीं थीं। 'डेली स्टार' अखबार बीएनपी की मीडिया शाखा के सदस्य सयरूल कबीर खान के हवाले से अपनी रिपोर्ट में बताया है कि खालिदा अपने आवेदन की प्रक्रिया को पूरा करने के सिलसिले में अपनी उंगलियों का निशान देने बुधवार दोपहर अपने गुलशन कार्यालय से अमेरिकी दूतावास पहुंची थीं। अगले महीने जिया के ब्रिटेन जाने की संभावना है। वहां से वह उच्च स्तर के इलाज के लिए अमेरिका या जर्मनी जा सकती हैं।
बता दें कि खालिदा कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रही हैं, जिनमें लीवर सिरोसिस, हार्ट, फेफड़े, किडनी और आंख की समस्याएं शामिल है। शेख हसीन की कट्टर विरोधी माने जाने वाली 78 वर्षीय खालिदा जिया वहां की मुख्य विपक्षी पार्टी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी की अध्यक्ष हैं। उनके पति 1977 से 1981 तक बांग्लादेश के राष्ट्रपति रहे और उन्होंने 1978 में बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी की स्थापना की।
खालिदा जिया की राजनीतिक करियर की शुरुआत तब हुई जब उनके पति जियाउर रहमान की हत्या कर दी गई थी। 30 मई 1981 को तत्कालीन राष्ट्रपति जियाउर रहमान की हत्या कर दी गई थी। उनकी मृत्यु के बाद खालिदा जिया, 2 जनवरी 1982 को बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी में शामिल हो गईं।
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