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यूपी के संभल में बवाल, उग्र भीड़ ने वाहनों में लगाई आग, SP-CO और इंस्पेक्टर समेत कई पुलिसकर्मी घायल

डेस्क: उत्तर प्रदेश के संभल में आज फिर एक बार शाही जामा मस्जिद का सर्वे हुआ। सर्वे करने टीम सुबह 6 बजे पहुंच गई है। मौके पर डीएम-एसपी के अलावा एसडीएम-सीओ और पीएसी-आरआरएफ को तैनात कर दिया गया। हालांकि इस दौरान मस्जिद के बाहर बवाल भी देखने को मिला और अचानक से पुलिस की टीम पर पथराव किया गया। वहीं हालात पर काबू पाने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और कुछ लोगों पर लाठीचार्ज भी करना पड़ा। बता दें कि आज सुबह से ही इलाके में भारी संख्या में पुलिस को तैनात किया गया है। वहीं शाही जामा मस्जिद से सर्वे की टीम निकल चुकी है। पुलिस प्रशासन ने सुरक्षित रास्ते से सर्वे टीम को बाहर निकाला है।

दरअसल, आज एक बार फिर संभल की जामा मस्जिद में सर्वे का काम किया गया। इसी बीत सर्वे को लेकर भीड़ आक्रोशित हो गई और इसके बाद संभल में तनाव का माहौल है। इस बीच पुलिस और भीड़ के बीच जमकर धक्का मुक्की हुई। एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई और डीएम डॉ राजेंद्र पेंसिया ने मोर्चा संभाला। वहीं आक्रोशित भीड़ को भगाने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े गए। डीएम और एसपी आक्रोशित भीड़ को समझाने के लिए पहुंचे तो आक्रोशित भीड़ ने नारेबाजी की। वहीं हंगामा कर रही आक्रोशित भीड़ पर बमुश्किल काबू पाने में एसपी और डीएम जुटे हुए हैं। वहीं पत्थरबाजी की घटना के बाद हर गली में ड्रोन कैमरे से की जा रही निगरानी। घरों की छतों पर भी पुलिस बल तैनात किया गया है। फिलहाल जो गाड़ियां आग की चपेट में आई हैं, उनकी आग बुझाई जा रही है। वहीं इलाके में घरों के दरवाजे बंद हैं।

संभल के एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई ने कहा, "कोर्ट के आदेश के अनुसार, संभल जिले में जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। सर्वेक्षण के विरोध में कुछ लोग एकत्र हुए और सर्वेक्षण के समय पथराव शुरू कर दिया। पुलिस ने इस पर जवाबी कार्रवाई की और जामा मस्जिद के परिसर के पास खड़ी उप-निरीक्षकों की कुछ गाड़ियों को आग लगा दी गई। कानून-व्यवस्था नियंत्रण में है। हर जगह शांति और व्यवस्था कायम है। फिर से ड्यूटी लगाई जा रही है और सर्वेक्षण सफलतापूर्वक पूरा हो गया है। ड्रोन से वीडियोग्राफी की गई है और सीसीटीवी कैमरों की मदद से इन सभी लोगों की पहचान की जाएगी और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।"

वरिष्ठ अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने बताया कि "19 नवंबर को पारित न्यायालय के आदेश के अनुपालन में आज एडवोकेट कमिश्नर द्वारा दूसरे दिन का सर्वेक्षण सुबह 7:30 बजे से 10:00 बजे तक किया गया। इस सर्वेक्षण के दौरान सभी विशेषताओं का अध्ययन किया गया। न्यायालय द्वारा निर्देशित वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी का अनुपालन किया गया है और अब यह सर्वेक्षण पूरा हो गया है। रिपोर्ट 29 नवंबर से पहले या 29 नवंबर को न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत की जाएगी।"

वहीं संभल में हुई पत्थरबाजी की घटना पर उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, "न्यायालय के निर्देश का पालन करना सरकार और पुलिस का कर्तव्य है और जो भी इसमें बाधा डालेगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।' इसके अलावा राज्य मंत्री जयवीर सिंह का कहना है, "धर्म विशेष के लोग खुद को संविधान, कानून और न्यायपालिका से ऊपर समझ रहे हैं। पीएम मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार सभी से कानून का पालन कराएगी। इस तरह की गुंडागर्दी और कोर्ट के आदेश का अनादर नहीं चलेगा। किसी को भी अपने धर्म के नाम पर इस तरह की हरकत करने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए।"

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव: राज ठाकरे के बेटे अमित ने पहली बार लड़ा था विधानसभा चुनाव, जीत मिली या हार?

डेस्क: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आ गए हैं। इस चुनाव में बीजेपी नीत महायुति को बंपर जीत हासिल हुई है, वहीं महाविकास अघाड़ी की करारी हार हुई है। इस चुनाव में कई सीटों पर दिलचस्प मुकाबला देखने को मिला, उसी में से एक सीट माहिम भी है।

माहिम सीट से राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे MNS से मैदान में थे। ये उनके जीवन का पहला चुनाव था। ऐसे में सभी की नजरें इस सीट पर टिकी हुई थीं। लेकिन माहिम की जनता ने अमित ठाकरे पर भरोसा नहीं जताया और अमित ये चुनाव हार गए। माहिम सीट पर शिवसेना(यूबीटी) के महेश बलिराम सावंत को जीत हासिल हुई है।

महेश बलिराम सावंत को कुल 50,213 वोट मिले। दूसरे नंबर पर शिवसेना के सदा सरवणकर रहे। उन्हें कुल 48,897 वोट मिले। तीसरे नंबर पर एमएनएस के अमित ठाकरे रहे। उन्हें महज 33,062 वोट मिले।

इस सीट पर सबसे बड़ा झटका तो सदा सरवणकर को है क्योंकि वह इस सीट से 2014 और 2019 में अविभाजित शिवसेना के टिकट पर जीत हासिल कर चुके थे। यह उनके लिए हैट्रिक का मौका था लेकिन वह चुनाव हार गए। शिवसेना में जब विभाजन हुआ तो सरवणकर ने एकनाथ शिंदे का साथ दिया था। शिंदे ने उनपर इस चुनाव में भी भरोसा जताया लेकिन वह चुनाव हार गए।

यहां एक बार गौर करने वाली है कि एकनाथ शिंदे ने माहिम से अपना प्रत्याशी जरूर उतारा था लेकिन बीजेपी ने अमित ठाकरे को समर्थन देने का वादा किया था। यानी बीजेपी का सपोर्ट अमित ठाकरे के साथ था। फिर भी वह चुनाव नहीं जीत सके।

माहिम विधानसभा सीट पर किसी एक नेता का वर्चस्व नहीं रहा है। 1962 से लेकर अब तक कई बड़े नेताओं ने यहां से चुनाव जीता है। 1990 के दशक में इस सीट पर शिवेसना का दबदबा था। सुरेश गंभीर ने 1990,1995 और 1999 में यहां से लगातार जीत हासिल की थी। 2004 में भी गंभीर ही जीते।

लेकिन 2009 में इस सीट से शिवसेना को झटका लगा और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के उम्मीदवार नितिन सरदेसाई चुनाव जीत गए। 2014 में शिवसेना ने फिर वापसी की और सदा सरवणकर जीत गए। 2019 के चुनाव में सदा सरवणकर फिर जीत गए।

यूपी के संभल में आज फिर शाही जामा मस्जिद का सर्वे, मस्जिद के बाहर उपद्रवियों ने किया बवाल, पुलिस की टीम पर हुआ पथराव


डेस्क: उत्तर प्रदेश के संभल में आज फिर एक बार शाही जामा मस्जिद का सर्वे होगा। सर्वे करने टीम सुबह 6 बजे पहुंच गई है। मौके पर डीएम-एसपी के अलावा एसडीएम-सीओ और पीएसी-आरआरएफ को तैनात कर दिया गया है। हालांकि इस दौरान मस्जिद के बाहर बवाल भी देखने को मिला और अचानक से पुलिस की टीम पर पथराव किया गया। वहीं हालात पर काबू पाने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और कुछ लोगों पर लाठीचार्ज भी करना पड़ा। बता दें कि आज सुबह से ही इलाके में भारी संख्या में पुलिस को तैनात किया गया है। दरअसल, आज एक बार फिर संभल की जामा मस्जिद में सर्वे का काम किया जा रहा है। इसी बीत सर्वे को लेकर भीड़ आक्रोशित हो गई और इसके बाद संभल में तनाव का माहौल है। इस बीच पुलिस और भीड़ के बीच जमकर धक्का मुक्की हुई। एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई और डीएम डॉ राजेंद्र पेंसिया ने मोर्चा संभाला हुआ है। वहीं आक्रोशित भीड़ को भगाने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े गए। डीएम और एसपी आक्रोशित भीड़ को समझाने के लिए पहुंचे तो आक्रोशित भीड़ ने नारेबाजी की। वहीं हंगामा कर रही आक्रोशित भीड़ पर बमुश्किल काबू पाने में एसपी और डीएम जुटे हुए हैं। वहीं इस मामले पर भाजपा प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, "जो लोग कानून को हाथ में लेने का प्रयास कर रहे हैं, उन पर कठोरता से कार्रवाई होगी। यह मुगलिया सल्तनत का दौर नहीं है। कोर्ट के आदेश से आपत्ति है तो ऊपरी अदालत में अपील करें। कुछ लोगों को संविधान में विश्वास नहीं। न्यायपालिका का आदेश सुनिश्चित होगा। सभी लोग शांति व्यवस्था बनाए रखें।" बता दें कि 19 नवंबर को हिंदू पक्ष की ओर से सिविल सीनियर डिवीजन चंदौसी न्यायालय में याचिका दायर की गई, जिसमें कहा गया कि संभल की शाही जामा मस्जिद श्री हरिहर मंदिर है और बाबर के शासनकाल में 1529 में इसे मस्जिद का रूप दिया गया। इसके बाद कोर्ट ने मस्जिद के सर्वे का आदेश दिया था। इसी मामले में आज फिर सर्वे होना है। वहीं मामले की गंभीरता को देखते हुए भारी पुलिस बल का भी इंतजाम किया गया है। जिला अदालत ने 29 नवंबर तक सर्वे की रिपोर्ट देने को कहा है। दरअसल, संभल जिले की एक अदालत के आदेश पर मंगलवार को जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया। दावा है कि इस मस्जिद का निर्माण किसी मंदिर को तोड़ कर किया गया है। याचिकाकर्ता अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने बताया कि सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की अदालत ने जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के लिये ‘एडवोकेट कमीशन’ गठित करने के निर्देश दिये। कोर्ट ने कहा है कि कमीशन के माध्यम से वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी सर्वे कराकर अदालत में रिपोर्ट दाखिल की जाए। उन्होंने कहा था, ‘‘संभल में हरिहर मंदिर हमारी आस्था का केंद्र है। हमारी धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यहां पर दशावतार में से कल्कि का अवतार यहां से होना है। बाबर ने 1529 में मंदिर को तोड़ कर मस्जिद में बदलने की कोशिश की थी। यह एएसआई द्वारा संरक्षित क्षेत्र है। उसमें किसी भी तरह का अतिक्रमण नहीं हो सकता।’’ विष्णु शंकर जैन ने कहा था, ‘‘वहां पर बहुत सारे निशान और संकेत हैं जो हिन्दू मंदिर के हैं। इन सारी बातों को ध्यान रखते हुए अदालत ने यह आदेश जारी किया है।’’
महाराष्ट्र में महायुति के सभी विधायकों को बुलाया गया मुंबई, सीएम के नाम पर आज हो सकता है फैसला

डेस्क: महाराष्ट्र की जनता ने महायुति को बहुमत दे दिया है। महाराष्ट्र में हुए चुनाव के परिणाम सामने आ गए हैं। वहीं नतीजों के मुताबिक अब महाराष्ट्र में महायुति की सरकार बनाने की कवायद तेज हो गई है। माना जा रहा है कि मुंबई में महायुति के चुने गए विधायकों की बैठक होगी और इस दौरान विधायक दल का नेता भी चुना जाएगा और फिर महाराष्ट्र के अगले सीएम के नाम पर फैसला लिया जा सकता है। इसके अलावा महायुति के तीनों दलों भाजपा, शिवसेना और एनसीपी के विधायकों की अलग-अलग बैठक भी हो सकती है। 

दरअसल, महाराष्ट्र चुनाव के नतीजे सामने आने के बाद महायुति ने जीते हुए सभी विधायकों को मुंबई पहुंचने का आदेश दिया है। इसके अलावा आज महायुति के तीनों दलों की अपनी-अपनी विधायक दल की बैठक हो सकती है। वहीं विधायकों के मुंबई पहुंचने के बाद बीजेपी, एनसीपी और शिवसेना की सेपरेट विधायक दल की बैठक होगी। इसके अलावा विधायक दल का नेता चुनने के बाद महायुति के तीनों प्रमुख नेताओं की बीजेपी आलाकमान के साथ बैठक होगी और सीएम पद पर फैसला लिया जाएगा। बता दें कि कल हुई शिवसेना की ऑनलाइन बैठक में फैसला लेने का पूरा अधिकार एकनाथ शिंदे को दिया गया है।

बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत महायुति गठबंधन ने प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में वापसी करते हुए 288 सदस्यीय विधानसभा की 230 सीट पर जीत दर्ज की। वहीं कांग्रेस नीत महा विकास आघाडी (एमवीए) महज 46 सीट पर सिमटकर रह गई। निर्वाचन आयोग ने घोषणा की कि भाजपा ने 132 सीट जीती हैं, जबकि शिवसेना ने 57 सीट और एनसीपी को 41 सीट मिली हैं। वहीं एमवीए में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के उम्मीदवारों ने 10 सीट जीतीं, जबकि कांग्रेस ने 16 सीट और शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) ने 20 सीट जीती हैं।

सौतेली बेटी के आरोपों ने रूपाली गांगुली को किया कलंकित, वकील ने मानहानि का किया दावा

अभिनेत्री रूपाली गांगुली की वकील सना रईस खान ने साझा किया है कि उनकी सौतेली बेटी ईशा वर्मा ने अभी तक मानहानि नोटिस का जवाब नहीं दिया है, हालाँकि उन्होंने अपना इंस्टाग्राम पोस्ट हटा दिया है। न्यूज़18 से बात करते हुए, सना ने खुलासा किया कि यह अभिनेता ही थे जिन्होंने ईशा को मानहानि का नोटिस भेजने का फैसला किया था। उन्होंने कहा कि ईशा के “झूठे और दुर्भावनापूर्ण आरोपों” ने रूपाली को “बहुत भावनात्मक संकट और मानसिक पीड़ा” पहुँचाई है।

रूपाली ने ईशा को नोटिस भेजने का फैसला किया

सना ने कहा, “उसने (ईशा वर्मा) जवाब नहीं दिया है। हालाँकि, उसने हमारे नोटिस प्राप्त करने के बाद सभी मानहानि वाले पोस्ट हटा दिए हैं और एक अकाउंट हटा दिया है जो उसके गलत काम की स्वीकृति है। रूपाली ने यह कठोर कदम तब उठाया जब उसकी सौतेली बेटी ने दुर्भावनापूर्ण तरीके से उसके 11 वर्षीय बच्चे को नाजायज करार दिया और मामला लगातार अपमानजनक पोस्ट के साथ आगे बढ़ा, जिससे रूपाली का चरित्र हनन हुआ।"

रूपाली 'बहुत आहत' है

वकील ने यह भी कहा, "यह (नोटिस भेजना) ज़रूरी था, क्योंकि वह लगातार अपमानजनक और निराधार पोस्ट कर रही थी, जिससे रूपाली की प्रतिष्ठा और चरित्र पर हमला हो रहा था। उसने 11 वर्षीय बच्चे पर हमला करके और उसे नाजायज बताकर सारी हदें पार कर दीं। सौतेली बेटी द्वारा लगाए गए झूठे और दुर्भावनापूर्ण आरोपों ने मेरे मुवक्किल को बहुत ज़्यादा भावनात्मक और मानसिक पीड़ा पहुँचाई। इन दुर्भावनापूर्ण और निराधार आरोपों ने न केवल उसकी व्यक्तिगत ईमानदारी पर हमला किया, बल्कि उसकी प्रतिष्ठा को भी धूमिल किया। इस तरह के बेबुनियाद दावों ने उन्हें बहुत दुखी किया है।

अब तक क्या हुआ

यह सब इस महीने की शुरुआत में तब शुरू हुआ जब ईशा ने इंटरव्यू और अपने इंस्टाग्राम अकाउंट के ज़रिए रूपाली की आलोचना की और उन पर कई आरोप लगाए। 10 नवंबर को ईशा ने इंस्टाग्राम पर एक लंबा वीडियो शेयर किया जिसमें उन्होंने अपने सौतेले भाई रुद्रांश के बारे में भी बात की। इसके बाद रूपाली ने उन्हें 50 करोड़ रुपये का मानहानि का नोटिस भेजा। इसके बाद ईशा ने वीडियो डिलीट कर दिया और अपने इंस्टाग्राम अकाउंट को प्राइवेट कर दिया।

वर्मा परिवार के बारे में

ईशा के मुताबिक, उनकी मां सपना और अश्विन की शादी 1997 में हुई थी और 2008 में दोनों अलग हो गए। 26 वर्षीय ईशा अमेरिका के न्यू जर्सी में रहती हैं। अश्विन की पिछली शादियों से दो बेटियाँ हैं। उन्होंने 2013 में रूपाली से शादी की। उनका एक बेटा रुद्रांश है।

जो काम किया है जनता ने उस पर वोट दिया, मिलकर तय करेंगे सीएम” शिंदे के बयान के क्या हैं मायने?*

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महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के रुझानों में भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन को बंपर बहुमत मिलता दिख रहा है। भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनने की राह पर है और चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, पार्टी 131 सीटों पर आगे चल रही है। इससे साफ है कि महाराष्ट्र की जनता ने एक बार फिर भाजपा के नेतृत्व पर विश्वास किया है। महायुति गठबंधन के लिए जहां रुझान खुश करने वाले हैं, लेकिन साथ ही महायुति गठबंधन में सीएम पद को लेकर भी पेच फंसता दिख रहा है।

बीजेपी का टेंशन बढ़ाने वाला बयान

महाराष्ट्र में आ रहे चुनावी परिणामों के बीच एकनाथ शिंदे ने प्रतिक्रिया दी है। सीएम शिंदे ने कहा है कि महाराष्ट्र की जनता ने कामों पर मुहर लगा दी है। हमने ढ़ाई साल सिर्फ महाराष्ट्र की जनता के लिए काम किया है, जिसका नतीजा अब सामने आ गया है।

इसी के साथ मुख्यमंत्री शिंदे ने यह कहकर बीजेपी की टेंशन बढ़ा दी है कि ज्यादा सीट जीतने वाली पार्टी के पास ही मुख्यमंत्री का पद हो, यह जरूरी नहीं है। शिंदे ने कहा है कि हम मिलकर तय करेंगे। अभी कुछ भी फाइनल नहीं है।

साथ बैठकर सीएम पद को लेकर फैसला करेंगे-शिंदे

शिंदे ने आगे कहा कि पीएम मोदी हैं, जेपी नड्डा जी हैं, हम सभी साथ मिलकर फैसला करेंगे। एकनाथ शिंदे ने कहा कि जिस तरह से महायुति ने एकजुट होकर चुनाव लड़ा है उसी तरह सभी एक साथ बैठकर सीएम पद को लेकर फैसला करेंगे।

क्या इस बार भी बीजेपी शिंदे को देगी सीएम की कुर्सी?

बता दें कि 2022 में जब एकनाथ शिंदे ने शिवसेना से बगावत किया था, उस वक्त उनके पास सिर्फ 40 विधायक थे। बीजेपी के पास 105 विधायकों का समर्थन था, लेकिन मुख्यमंत्री की कु्र्सी पार्टी ने शिंदे को दे दी।

अभी जो चुनाव के नतीजे आ रहे हैं। उसमें बीजेपी 130 से ज्यादा सीटों पर बढ़त में है। शिंदे की पार्टी 50 के करीब सीटें जीतती नजर आ रही है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या 2022 की तरह ही बीजेपी इस बार शिंदे को सीएम की कुर्सी दे देगी?

दरअसल एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना ने भी बेहतर प्रदर्शन किया है, लेकिन सबसे बड़ी पार्टी भाजपा है। इससे साफ है कि सीएम पद को लेकर महायुति में खूब माथापच्ची होगी।

वायनाड से प्रचंड जीत की ओर प्रियंका गांधी, 3 लाख 57 हजार वोटों से आगे
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* प्रियंका का सियासत में डेब्यू सफल होने जा रहा है। केरल के वायनाड लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी अच्छी खासी लीड लेती दिख रही हैं। शुरुआती रुझानों में प्रियंका गांधी को बढ़त मिल गई है। बीजेपी पिछड़ गई है। वायनाड में प्रियंका गांधी प्रचंड जीत की ओर अग्रसर हो रही हैं। प्रियंका गांधी 3 लाख से ज्यादा वोटों से आगे चल रही है। अब तक कांग्रेस प्रत्याशी प्रियंका गांधी को 5 लाख 41 हजार 731 वोट मिले हैं, जबिक सीपीआई के उम्मीदवार सत्यन मोकेरी को 1 लाख 84 हजार 151 वोट मिले, जबकि बीजेपी तीसरे स्थान पर है। उसकी उम्मीदवार को नव्या हरिदास को 1लाख 210 वोट मिले हैं। प्रियंका गांधी 3 लाख 57 हजार 580 वोटों से आगे चल रही हैं। *क्या राहुल गांधी का रिकॉर्ड तोड़ेंगी प्रियंका?* इस बीच, एक बड़ा सवाल उठ रहा है कि क्या प्रियंका गांधी अपने भाई राहुल गांधी का 6 लाख से ज्यादा वोटों वाला रिकॉर्ड तोड़ पाएंगी? लोकसभा चुनाव 2024 में राहुल गांधी ने वायनाड सीट पर रिकॉर्ड तोड़ जीत हासिल की थी। उन्होंने 6लाख 47 हजार 445 वोट हासिल किए थे। जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी एनी राजा (भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी) को 2 लाख 83 हजार 023 वोट मिले थे। राहुल गांधी ने अपने प्रतिद्वंद्वी को 3 लाख 64 हजार 422 मतों के अंतर से हराया था और 4 लाख 31 हजार 770 वोटों के रिकॉर्ड बहुमत से विजयी हुए थे। *जीततीं हैं तो गांधी परिवार की तीसरी शख्स* प्रियंका गांधी की वायनाड की यह सीट उनके भाई राहुल गांधी ने खाली की थी, क्योंकि इस साल की शुरुआत में हुए आम चुनावों में वह उत्तर प्रदेश के रायबरेली से लोकसभा के लिए चुने गए थे। अगर प्रियंका गांधी वायनाड से जीतती हैं, तो वह संसद में पहुँचती हैं, तो वाली गांधी परिवार की तीसरी शख्स होंगी, और वायनाड प्रियंका गांधी के लिए सियासत का लॉन्चिंग पैड साबित होगा।
हताश मां ने प्रेमी से शादी करने के लिए 5 साल की बच्ची का गला घोंट कर हत्या की

उत्तर-पश्चिम दिल्ली के अशोक विहार में एक महिला ने इंस्टाग्राम पर दोस्त बने एक व्यक्ति से शादी न कर पाने के कारण अपनी पांच साल की बेटी की कथित तौर पर गला घोंटकर हत्या कर दी, पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी। समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, दीप चंद बंधु अस्पताल ने शुक्रवार को पुलिस को बताया कि एक बच्ची को उनके अस्पताल में मृत अवस्था में लाया गया था। जब अधिकारियों ने शव के बारे में और पूछताछ की, तो उन्हें पता चला कि बच्ची के गले पर गला घोंटने के निशान थे।

दिल्ली पुलिस के बयान में कहा गया कि तुरंत मामला दर्ज किया गया और बच्ची की मां और अन्य रिश्तेदारों को पूछताछ के लिए बुलाया गया। पूछताछ आगे बढ़ने पर मां टूट गई और उसने अपनी ही बेटी का गला घोंटने की बात कबूल कर ली। आगे की पूछताछ में पुलिस को पता चला कि अपने पहले पति के चले जाने के बाद महिला की मुलाकात इंस्टाग्राम पर राहुल नाम के एक व्यक्ति से हुई थी। बाद में, उसने राहुल से शादी करने के लिए दिल्ली जाने का फैसला किया। हालांकि, उस व्यक्ति और उसके परिवार ने बच्ची को स्वीकार करने से इनकार कर दिया, इस तरह उसने उससे शादी करने से इनकार कर दिया।

पुलिस के बयान में कहा गया है कि इस अस्वीकृति से निराश होकर मां ने अपने बच्चे का गला घोंटकर हत्या कर दी। महिला ने यह भी खुलासा किया कि दिल्ली आने से पहले वह अपने बच्चे के साथ हिमाचल प्रदेश में एक रिश्तेदार के घर रह रही थी। उसने कहा कि वहां उसके रिश्तेदार ने उसके बच्चे का यौन उत्पीड़न किया। अधिकारियों ने कहा कि अशोक विहार पुलिस स्टेशन में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 103 (हत्या के लिए सजा), 65 (2) (कुछ मामलों में बलात्कार के लिए सजा) और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम की धारा 6 (गंभीर यौन उत्पीड़न के लिए सजा) के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने कहा कि मामले की आगे की जांच चल रही है।

पिछला मामला अगस्त के अंत में बिहार के मुजफ्फरपुर से भी ऐसा ही चौंकाने वाला मामला सामने आया था। 26 वर्षीय महिला को अपने प्रेमी से शादी करने के लिए अपनी तीन साल की बेटी की हत्या करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। महिला काजल अपने पति को छोड़कर अपने प्रेमी से शादी करना चाहती थी, लेकिन वह अपनी बेटी को एक बाधा के रूप में देखती थी। काजल और उनके पति मनोज कुमार वैवाहिक समस्याओं से जूझ रहे थे। कथित तौर पर वह एक क्राइम टीवी सीरियल से प्रेरित थी, उसने कथित तौर पर अपनी बेटी का गला काट दिया, उसके शव को एक ट्रॉली बैग में रखा और उसे अपने घर के पास एक खेत में छोड़ दिया। हालांकि पुलिस ने आरोपी को सीतामढ़ी जिले में उसके प्रेमी के घर से पकड़ा, लेकिन बाद में उससे पूछताछ की गई और हत्या में किसी भी तरह की संलिप्तता से उसे मुक्त कर दिया गया।

महायुति गठबंधन प्रचंड जीत की ओर, अमित शाह ने शिंदे-फडणवीस-अजित पवार से की बात, शानदार जीत की दी बधाई

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महाराष्ट्र चुनाव परिणाम में अब तक जो रुझान सामने आए हैं, उनमें महायुति ने बहुमत हासिल कर लिया है। महाराष्ट्र में महायुति फिर से सत्ता में आ रहा है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने देवेंद्र फडणवीस, अजित पवार और एकनाथ शिंदे से फोन पर बात की है। उन्होंने तीनों नेताओं की जीत की बधाई दी है।

एक है तो सेफ है-फडणवीस

महाराष्ट्र के चुनाव में शानदार प्रदर्शन करने पर देवेंद्र फडणवीस ने एक्स पोस्ट की है। उन्होंने अपनी एक्स पोस्ट में लिखा कि एक है तो सेफ है, मोदी है तो मुमकिन है।

एकनाथ शिंदे बोले- ये जीत ऐतिहासिक

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा, आज मैं महाराष्ट्र के तमाम मतदाताओं को धन्यवाद करता हूं क्योंकि ये जीत ऐतिहासिक है मैंने कहा था कि महायुति को भारी बहुमत मिलेगा. मैं अपनी लाडली बहनों, किसानों और सभी वर्गों को मैं धन्यवाद करता हूं...महायुति ने जो काम किया है जनता ने उस पर वोट दिया है इसलिए महायुति को इतनी बड़ी जीत हासिल हुई है।

जनता ने उद्धव ठाकरे को 2019 के विश्वासघात का सबक सिखाया- किरीट सोमैया

भाजपा नेता किरीट सोमैया ने कहा कि लोगों ने विकास और विश्वास के साथ भाजपा नीत महायुति को समर्थन दिया है। वहीं लव जिहाद, वोट जिहाद, लैंड जिहाद का समर्थन करने वाली कांग्रेस को ठुकरा दिया है। संजय राउत के नतीजों पर सवाल उठाने पर भाजपा नेता ने कहा कि साल 2019 में उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने भाजपा के साथ जो विश्वासघात किया, उसका जनता ने सबक उन्हें सिखा दिया है। साथ ही उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र की जनता ने आज शिवसेना उद्धव ठाकरे को विसर्जित कर दिया है, ऐसे में संजय राउत को दुख तो होगा ही।

महाराष्ट्र में कौन कितनी सीटों पर आगे

-बीजेपी- 126

-शिवसेना (शिंदे गुट)- 55

-एनसीपी( अजित गुट)- 39

-कांग्रेस- 21

-शिवसेना (यूबीटी) – 18

-एनसीपी (शरद गुट) -13

महाराष्ट्र में बीजेपी ने अकेले पार किया 100 का आंकड़ा, क्यों है दोस्त शिंदे और अजित के लिए टेंशन?

#shinde_ajit_pawar_must_be_tensed_due_to_the_grand_victory_of_bjp 

महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों पर सुबह 8 बजे से मतगणना जारी है। शुरुआती दो घंटों में महायुति और महाविकास अघाड़ी के बीच टक्कर दिखी, लेकिन ढाई घंटे बाद यानी सुबह 10.30 बजे के बाद भाजपा गठबंधन रुझानों में एक तरफा जीत की ओर आ गया। उसे 200 से ज्यादा सीटें मिलती दिख रही हैं। उधर, कांग्रेस गठबंधन पिछड़ गया है। वह 54 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। 

इस चुनाव में भाजपा 149 सीटों पर चुनाव लड़ी थी। इनमें 124 सीटों पर आगे है, यानी भाजपा 86% सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। ऐसे में अगर शुरुआती रुझान नतीजों में तब्दील हुए तो इसका सीधा असर एनडीए के घटक दलों यानी एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार के एनसीपी पर पड़ेगा। सवाल है कि अगर रुझान नतीजों में बदले और एनडीए में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी तो ऐसे में एकनाथ शिंदे और अजित पवार की पार्टी पर इसका क्या असर पड़ेगा? 

दरअसल, महायुति में सीएम की कुर्सी के तीन दावेदार हैं। पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस बीजेपी की तरफ से सबसे मजबूत माने जा रहे हैं। वहीं, मौजूदा सीएम एकनाथ शिंदे की दावेदारी को भी दरकिनार नहीं किया जा सकता। इसके अलावा एनसीपी प्रमुख अजित पवार की महत्वकांक्षा सीएम बनने की रही है। उनके समर्थक सीएम के पद को लेकर दबाव बनाते रहे हैं। राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा थी कि अजित पवार के हाथ में अगर सत्ता की चाबी गई तो फिर वो दबाव की राजनीति अपना सकते हैं। हालांकि, फिलहात को हालात वैसे बनते दिख नहीं रहे हैं।

महायुति में बीजेपी, शिवसेना (एकनाथ शिंदे) और एनसीपी (अजित पवार) शामिल है। चुनाव में बीजेपी सबसे मजबूती स्थिति में आती दिख रही है। रूझानों में बीजेपी ने 124 सीटों पर बढ़क बना ली है। अब बहुमत का आंकड़ा छूने के लिए बीजेपी को बस 20 सीटों की जरूरत है। ऐसे में एकनाथ शिंदे हों या अजीत पवार डील की स्थिति बनती नहीं दिख रही है। 

दूसरी तरफ बीजेपी के नेताओं ने कहना भी शुरू कर दिया है कि वे सबसे बड़ी पार्टी बनके उभरे हैं। इसलिए मुख्यमंत्री भी उनका ही होगा। बीजेपी नेता प्रवीण दरेकर ने परिणामों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि फडणवीस ही महाराष्ट्र के अरगे मुख्यमंत्री होंगे। उन्होंने कहा कि देवेन्द्र फडणवीस के द्वारा पुकारे गए धर्मयुद्ध के नारे “हम सब एक हैं” को जनता ने मंजूरी दी है।