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छत्तीसगढ़: अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे ठेका कर्मचारी, साफ-सफाई और पानी सप्लाई पर पड़ेगा असर

बलौदाबाजार-  नगर पालिका क्षेत्र में कार्यरत ठेका कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए हैं. इसका सीधा असर साफ-सफाई और पेयजल आपूर्ति जैसी बुनियादी सेवाओं पर पड़ने की संभावना है, जिससे आम जनता को भारी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.

समान काम, समान वेतन की मांग
प्रदेश ठेका कर्मचारी महासंघ के आह्वान पर शुरू हुए इस धरने में कर्मचारी समान काम के लिए समान वेतन की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि नगरीय निकाय में कार्यरत स्थायी कर्मचारियों की तरह उन्हें भी वेतन और सुविधाएं मिलनी चाहिए. ठेका कर्मचारियों ने कहा, “हम भी स्थायी कर्मचारियों की तरह काम करते हैं, फिर वेतन में इतनी विसंगति क्यों? हमें कम तनख्वाह पर काम करना पड़ता है, जिससे घर चलाना मुश्किल हो गया है.”

महिलाओं ने उठाई योजनाओं के लाभ की बात
धरने में शामिल महिला कर्मचारियों ने शासन की योजनाओं के लाभ न मिलने की बात कही. उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें “महतारी वंदना योजना” जैसे योजनाओं का लाभ नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि 30 साल से काम कर रहे हैं, लेकिन अभी भी केवल 8,000 रुपये वेतन मिल रहा है.

संघ का समर्थन और सरकार से उम्मीद
नगरीय निकाय संघ के अध्यक्ष गुरदत्त तिवारी ने कहा कि यह प्रदर्शन पूरे प्रदेश में हो रहा है. “25 साल से काम करने के बावजूद वेतन में वृद्धि नहीं हुई है, जबकि महंगाई लगातार बढ़ रही है. हमारी मांग जायज है और हमें समान काम के लिए समान वेतन मिलना चाहिए. यदि मांगें पूरी नहीं हुईं, तो धरना जारी रहेगा.” उन्होंने आगे कहा कि हम जानते हैं कि प्रदेश की सरकार संवेदनशील है और हमारी यह मांग जरूर पूरी होगी.

धर्म परिवर्तन के लिए छात्राओं पर दबाव बनाने वाली प्राचार्य पर गिरी गाज, DEO ने तत्काल पद से हटाया

खैरागढ़-       छुईखदान स्थित शासकीय कन्या विद्यालय में छात्राओं को धर्म परिवर्तन करने पर मजबूह करने वाले प्राचार्य एलिजा मोजेस पर प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई की है. जिला शिक्षा अधिकारी ने मामले में संज्ञान लेते हुए विद्यालय के प्राचार्य एलिजा मोजेस को पद से हटा दिया है.

बता दें, छुईखदान के शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की छात्राओं ने प्राचार्य एलिजा मोजेस पर आरोप लगाया है कि वे छात्राओं के धार्मिक भावनाओं का अपमान कर रही है. सरस्वती पूजन के दौरान प्राचार्य ने उन्हें जूते पहनने का निर्देश दिया, जबकि हिंदू मान्यताओं के अनुसार पूजा के समय जूते पहनना अशुभ माना जाता है. इसके अलावा स्कूल के पुराने बैच और बेल्ट को हटाकर नया बैच बनवाया गया है. पुराने बैच पर संस्कृत का श्लोक ‘तमसो माँ ज्योतिर्गम्य’ अंकित था, जिसे प्राचार्य ने हटवा दिया है. छात्राओं का आरोप है कि नए बैच और बेल्ट के लिए 100 रुपये का शुल्क वसूला जा रहा है. विरोध करने पर उन्हें स्कूल से निकालने की धमकी भी दी गई. इसके अलावा नवरात्रि के दौरान व्रत रखने और छुट्टी लेने पर भी छात्राओं को धमकाया गया, जो उनकी धार्मिक आस्था के खिलाफ है. 

छात्राओं ने इस मामले को लेकर पहले विकासखंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) से प्रचार्य की शिकायत की थी, लेकिन बीईओ की निष्क्रियता ने प्राचार्य के हौसले और बढ़ा दिए. जिसके बाद छात्राओं ने बीते दिन (गुरुवार को) हिंदूवादी संगठनों के सहयोग से एसडीएम कार्यालय पहुंचकर डीईओ लालजी द्विवेदी को ज्ञापन सौंपा और तत्काल कार्रवाई की मांग की. 

सुकमा मुठभेड़ में 10 नक्सली ढेर : डिप्टी सीएम विजय शर्मा बोले – यह जीत जवानों के भुजाओं की ताकत की जीत

रायपुर-   सुकमा जिले के भेज्जी थाना क्षेत्र में आज पुलिस और सुरक्षा बलों की संयुक्त टीम ने नक्सल विरोधी अभियान के तहत बड़ी सफलता हासिल की है. इस मुठभेड़ में 10 नक्सलियों को मार गिराया गया है और भारी मात्रा में हथियार बरामद किए गए हैं. उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने इस अभूतपूर्व सफलता के लिए बहादुर जवानों को बधाई दी है. उन्होंने कहा कि हमारे सुरक्षा बल अदम्य साहस और वीरता का परिचय देते हुए नक्सल मोर्चे पर लगातार सफलताएं अर्जित कर रहे हैं. अब बस्तर क्षेत्र में माओवाद अपने अंतिम चरण में पहुंच चुका है. उन्होंने कहा कि यह जीत जवानों के भुजाओं की ताकत की जीत है।

उपमुख्यमंत्री शर्मा ने भटके हुए लोगों से अपील की है कि वे हिंसा का रास्ता छोड़कर समाज की मुख्यधारा में लौट आएं और देश व प्रदेश के विकास में अपना योगदान दें. उन्होंने कहा कि सरकार विकास और संवाद के माध्यम से नक्सलवाद का स्थायी समाधान सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है.

उपमुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि गृहमंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ मजबूती के साथ लड़ाई लड़ी जा रही है. सुरक्षा के मोर्चे पर हमारी सरकार ने एंटी-नक्सल ऑपरेशन में बड़ी सफलता हासिल की है. पिछले 11 महीने में लगभग 210 से अधिक नक्सली मारे गए हैं, वहीं 800 से अधिक नक्सलियों ने आत्म समर्पण किया है तथा 900 से अधिक नक्सलियों की गिरफ्तारी हो चुकी है.

2026 तक नक्सलवाद खत्म करने की दिशा में काम कर रही सरकार

शर्मा ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं गृहमंत्री अमित शाह के नेतृत्व में मार्च 2026 तक नक्सलवाद के खात्मे के संकल्प की दिशा में हमारी सरकार कदम बढ़ा रही है. उपमुख्यमंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार राज्य में सुरक्षा और विकास के लिए प्रतिबद्ध है. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ सरकार को नक्सलवाद के खिलाफ हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया है. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार में नियद नेल्लानार से बस्तर में बदलाव की शुरुआत हो गई है. बिजली, पानी, राशन, अस्पताल, स्कूल, आंगनबाड़ी जैसे तमाम सुविधाएं अब उन क्षेत्रों में मिलने लगी है और उन गावों के युवा खिलाड़ी बस्तर ओलंपिक में भयमुक्त होकर अपनी खेल प्रतिभा को दिखा रहे हैं. बस्तर में खेल के माध्यम से सुखद बदलाव भी आया है.

10 नक्सलियों को ढेर करने के बाद कैंप वापस लौटे DRG के जवान, बस्तरिया गाने पर जमकर किया डांस
सुकमा-   कोंटा के भेज्जी इलाके में आज सुबह-सुबह हुए पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में जवानों ने 10 नक्सलियों को ढेर कर दिया है. इस सफल ऑपरेशन को अंजाम देकर जवानों की पूरी टीम सुरक्षित कैम्प वापस लौट आई है. इस ऑपरेशन में मिली सफलता के बाद जवानों ने बस्तरिया गाने पर जमकर डांस किया है, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.

बता दें कि गुरुवार को ओडिशा के रास्ते बड़ी संख्या में नक्सलियों के छत्तीसगढ़ की सीमा में प्रवेश करने की सूचना मिली थी, जिसके बाद DRG की टीम नक्सलियों के घेराबंदी के लिए रवाना हुई थी. शुक्रवार को सुबह सुबह कोंटा के भेज्जी इलाके में नक्सलियों की मुठभेड़ DRG के जवानों के साथ हुई, जिसमें जवानों ने 10 नक्सलियों को ढेर कर दिया है. इलाके में फिलहाल सर्चिंग अभियान जारी है.

सीएम साय ने जवानों को दी बधाई

वहीं सुरक्षाबलों को मिली कामयाबी पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने जवानों को बधाई दी है. सीएम साय ने सुरक्षाबलों की इस उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार नक्सलवाद के प्रति ज़ीरो टॉलरेंस की नीति पर कार्य कर रही है. उन्होंने कहा कि बस्तर में विकास, शांति और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. बस्तर में शांति, विकास और प्रगति का दौर लौट आया है.

उन्होंने सुरक्षाबलों को उनके अदम्य साहस और समर्पण के लिए बधाई देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ से नक्सलियों का सफाया निश्चित है.उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ से नक्सलियों के सफाये के लक्ष्य रखा है, जिसकी पूर्ति की दिशा में हम सुनियोजित तरीक़े से आगे बढ़ रहे है.

बीते पांच सालों में नक्सल एन्काउंटर का रिकॉर्ड

भाजपा के मुताबिक 2020 में 41 नक्सली मारे गए थे. 2021 में 46 नक्सली, 2022 में 30 नक्सली और 2023 में 22 नक्सली ही मारे गए थे. जबकि विष्णु देव साय की 11 माह की सरकार और विजय प्रहार से अब तक 213 नक्सलियों का खात्मा हो चुका है.

बलौदाबाजार- ऑटो पर चिपकाए गए रजिस्टर्ड नंबर, यात्रियों की एक शिकायत पर चालक के खिलाफ होगी त्वरित कार्रवाई

बलौदाबाजार-    छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले में सुव्यवस्थित और सुरक्षित यातायात व्यवस्था को लेकर पुलिस अधीक्षक ने टांसपोर्टरों की बैठक ली और वाहन चालकों को शराब पीकर वाहन न चलाने की सख्त हिदायत दी है. यदि ऐसा होता है तो चालक के साथ वाहन मालिकों पर भी कार्रवाई होगी. वहीं उन्होंने चालकों को बेतरतीब तरीके से वाहन खड़े न कर यार्ड में ही वाहन खड़ा करने हिदायत दी है. इसके अलावा SP के निर्देश पर यातायात DSP अमृत कुजुर ने भी आज बलौदाबाजार के आटो चालकों की बैठक ली और यातायात नियमों को पालन करने के सख्त निर्देश दिए हैं. आम नागरिकों को आटो में कोई तकलीफ न हो और उनकी शिकायत पर तत्काल कार्रवाई हो सके इसके लिए भी सभी ऑटो पर चालक के नाम से रजिस्टर्ड सीरियल नंबर चिपकाया गया है.

यातायात डीएसपी अमृत कुजुर ने बैठक में ऑटो चालकों को शराब पीकर गाड़ी न चलाने और यात्रियों से नम्रता पूर्वक व्यवहार करने के निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यात्री के कोई सामान आटो में भूल से छूट जाने पर ईमानदारी से उसे पुलिस थाना में जमा कर एक आदर्श आटो पायलट और आदर्श नागरिक के कर्तव्य निभाएं. इसके साथ ही सुरक्षा के मद्देनजर जिले के सभी आटो में उसके चालक के नाम से रजिस्टर्ड नंबर भी चिपकाए गए, ताकि सफर के दौरान अगर कोई आटो चालक, यात्रियों के साथ बदसलूकी करता है, तो यात्री तत्काल उस नंबर पर कॉल कर घटना की शिकायत दर्ज करा सके.

यातायात डीएसपी अमृत कुजुर ने बताया कि पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर यातायात व्यवस्था सुधारने और रोड एक्सीडेंट न हो, इसे लेकर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. उसी के तहत आज बलौदाबाजार में आटो चालकों के वाहनों पर नंबर चस्पा कि किया गया है, जिसमें यात्री यातायात विभाग या पुलिस में कॉल कर उस नंबर को बताते हुए शिकायत दर्ज करा सकते हैं. उन्होंने बताया कि इससे यात्रियों की शिकायत पर आगे की कार्रवाई जल्द की जा सकेगी है. यह अभियान आज बलौदाबाजार से शुरू हुआ है, जो जिले के सभी पांच विकासखंड में भी चलाया जायेगा.

पीएम आवास में फर्जीवाड़ा, रिश्वतखोरों के हाथों में शासन की महत्वाकांक्षी योजना, शिकायत और जांच के बाद भी अब तक नहीं हुई कार्रवाई…

सक्ती-  जिले में पीएम आवास के नाम पर रिश्वत लेकर जमकर फर्जीवाड़ा किया जा रहा है. रोजगार सहायक को इस महत्वाकांक्षी योजना का लाभ गरीब परिवार तक पहुंचाने की जिम्मेदारी दी गई है, जो फर्जी जिओ टैग कर मकान बने बिना ही पैसा निकलवा रहा है, और उसमें खुद भारी भरकम कमीशन खा रहा है. 

सक्ती के ग्राम हरेठी में कई हितग्राहियों के नाम से रोजगार सहायक ऐसा ही फर्जीवाड़ा कर सरकार को चूना लगा दिया है. इस पूरे खेल में जनपद के कई अधिकारियों की भी संलिप्तता बताई जा रही है. गांव के जय कुमार की शिकायत के बाद पूरे मामले में जांच शुरू तो की गई है, जिसमें कई हितग्राहियों के बयान के बाद फर्जीवाड़ा किया जाना पाया गया है.

वहीं मामले की जांच करने पहुंचे जनपद अधिकारी गौरीशंकर चौधरी और मधुसूदन पटेल ने अभी तक प्रतिवेदन प्रस्तुत नहीं किया है, जिससे मामला गड़बड़ नजर आ रहा है. सवाल यह है कि पूरे मामले की जांच का जिम्मा जनपद के ही अधिकारियों को दिया गया है, जो खुद सरकार की महत्वाकांक्षी को पलीता लगाने में जुटे हुए हैं.

नहीं मिला है जांच प्रतिवेदन

सक्ती जनपद सीईओ प्रीति पवार ने बताया कि हरेठी पंचायत में पीएम आवास में रोजगार सहायक अजय बरेठ द्वारा गड़बड़ी की शिकायत मिली थी, जिसमे टीम बनाकर जांच कराई गई है. जांच टीम ने अभी प्रतिवेदन नहीं दिया गया है. जांच प्रतिवेदन आते ही दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय कल बिलासपुर जिले को देंगे 143 करोड़ की लागत के विकास कार्यों की सौगात

रायपुर-   मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय 23 नवंबर को बिलासपुर को 143 करोड़ 68 लाख रूपये की लागत के अनेक विकास कार्यों की सौगात देंगे। मुख्यमंत्री बिलासपुर में आयोजित कार्यक्रमों के दौरान सकरी रोड, मिनोचा रोड, स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स, मिनी स्टेडियम, सिटी कोतवाली के पास निर्मित मल्टीलेवल पार्किंग और अरपा नदी तट पर निर्मित राम सेतु मार्ग का लोकार्पण करेंगे। श्री साय इस मौके पर लाल बहादुर शास्त्री स्कूल में राउत नाचा महोत्सव में शामिल होंगे।

रामसेतु मार्ग

अरपा उत्थान और तट संवर्धन प्रोजेक्ट अंतर्गत अरपा नदी के दांयी तरफ की सड़क का नाम रामसेतु मार्ग रखा गया है। रामसेतु मार्ग की लागत 49 करोड़ 98 लाख रूपये है, जिसमें फूटपाथ, डिवाइडर, स्ट्रीट लाइट, रिटेनिंग वॉल, पीचिंग और सौंदर्यीकरण कार्य शामिल है।

मिनी स्टेडियम

शहर के पुराने और प्रतिष्ठित शासकीय बहुउद्देशीय उच्चतर माध्यमिक शाला मल्टीपरपज़ स्कूल के मैदान को संवार कर बिलासपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा 21 करोड़ 79 लाख रूपये की लागत से मिनी स्टेडियम का निर्माण किया गया है, जिसमें 14115 वर्ग मीटर का सर्व सुविधायुक्त क्रिकेट मैदान है जिसकी दर्शक क्षमता 850 है। यहां डे-नाईट मैच खेलने की सुविधा है। यहां इनडोर गेम्स जैसे स्नूकर, बिलियर्ड्स, टेबल टेनिस, स्क्वैश खेलने की सुविधा के साथ-साथ आधुनिक जिम बनाया गया है। इसके अलावा ट्रेनिंग हॉल का निर्माण किया गया है। इसी भवन में अलग से वीआईपी गैलरी,एनाउंसमेंट बॉक्स और पेंट्री रूम के साथ ही यहां बाहर से आने वाले खिलाड़ियों के लिए एक हॉस्टल बनाया गया है। यहां दो लॉन टेनिस कोर्ट बनाया गया है।

स्पोर्ट्स कांप्लेक्स

14 करोड़ 60 लाख रूपये की लागत से संजय तरण पुष्कर परिसर में स्पोर्ट्स कांप्लेक्स का निर्माण किया गया है, इस तीन मंजिला इस स्पोर्ट्स कांप्लेक्स के बेसमेंट में पार्किंग, ग्राउंड फ्लोर में रिसेप्शन और रेस्टोरेंट संचालित होगा। प्रथम तल में बैडमिंटन, स्क्वैश कोर्ट, टेबल टेनिस, स्नूकर, बिलियर्ड्स, द्वितीय तल में मल्टीपरपज हॉल, योगा, मैट गेम की सुविधा है। तीसरे तल में मनोरंजन की अनेक सुविधाएं है।

उल्लेखनीय है कि बिलासपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा शहर में स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने तीन बड़े प्रोजेक्ट पर काम किया गया है, जिनमें पिंक प्ले ग्राउंड का लोकार्पण पहले ही किया जा चुका है।

कोतवाली मल्टीलेवल पार्किंग

29 करोड़ 76 लाख की लागत से साढ़े तीन एकड़ में कोतवाली थाना परिसर में तीन मंजिला मल्टीलेवल कार पार्किंग बनाया गया है। ग्राउंड फ्लोर के अलावा सभी फ्लोर में पार्किंग की सुविधा दी गई है जिसमें 192 कार और 325 बाइक एक साथ पार्क की जा सकेगी। ग्राउंड फ्लोर को कमर्शियल कांप्लेक्स के तौर पर विकसित किया गया है जिसमें 46 दुकानों का निर्माण किया गया है।

उस्लापुर-सकरी सड़क

उस्लापुर रेल्वे ओव्हरब्रिज से लेकर सकरी बाईपास चौक तक 15 करोड़ 87 लाख की लागत से नगर निगम द्वारा सवा चार किमी सड़क का उन्नयन और चौड़ीकरण किया गया है। सड़क चौड़ीकरण और उन्नयन होने से राहगीरों को काफी राहत मिली है और ट्रैफिक जाम से मुक्ति मिली है। उन्नयन और चौड़ीकरण के तहत मार्ग की चौड़ाई बढ़ाई गई है, डिवाइडर बनाया गया है, स्ट्रीट लाइट और दोनों तरफ नाली निर्माण भी किया गया है।

मिनोचा कॉलोनी सहित अन्य रोड

11 करोड़ 68 लाख की लागत से शहर के विभिन्न सड़कों का डामरीकरण, उन्नयन, साइनेज, मिनोचा कॉलोनी रोड और रोटरी शामिल है, जिसमें प्रमुख रूप से महावीर नगर चौक से उस्लापुर ओव्हर ब्रिज तक 800 मीटर सड़क, डिवाइडर, स्ट्रीट लाइट और रोटरी शामिल है। शहर के विभिन्न सड़कों का डामरीकरण, साइनेज, रोड मार्किंग के कार्य शामिल हैं।

छत्तीसगढ़ में दूसरे राज्यों का धान खपाने की कोशिश नाकाम, 3654 बोरी धान जब्त
रायपुर-  छत्तीसगढ़ में धान खरीदी शुरू होते ही दूसरे राज्यों का अवैध धान खपाने का खेल शुरू हो गया है. कोचिए अवैध धान को खरीदी केंद्रों में खपाने की की कोशिश में लगे हैं, जिस पर शासन-प्रशासन की मुस्तैदी के चलते सफल नहीं हो पा रहे. भरतपुर अनुविभाग से ताजा मामला सामने आया है, जहां राजस्व और खाद्य विभाग ने 3654 बोरी अवैध धान जब्त किया है.

धान खरीदी वर्ष 2024-25 के तहत अन्य राज्यों के धान को भरतपुर अनुविभाग के विभिन्न उपार्जन केंद्रों में खपाने की कोशिश की जा रही थी. इसकी जानकारी मिलते ही राजस्व एवं खाद्य विभाग ने मध्यप्रदेश राज्य से रात में विभिन्न वाहनों में लाए गए कुल 295 बोरी धान को वाहन सहित जब्त कर कुवांरपुर थाना पुलिस चौकी और जनकपुर थाने में सुपुर्द किया.

अन्य राज्य से लाए गए धान को विभिन्न गोदामों और घरों में छुपाकर रखा गया था. संयुक्त दल ने कुल 3359 बोरियों (35-40 किलो प्रति बोरी) में भरे धान को भी जब्त कर सुपुर्दगी में दे दिया.

इस प्रकार राजस्व व खाद्य विभाग की संयुक्त कार्रवाई में कुल 3654 बोरी धान को अवैध रूप से उपार्जन केंद्रों में खपाने से रोका गया. इस कार्रवाई में तहसीलदार भरतपुर, खाद्य निरीक्षक भरतपुर और खाद्य निरीक्षक कोटाडोल के संयुक्त दल की अहम भूमिका रही.

प्राचार्य ने नये मतदाताओं को दिलायी शपथ, साथ ही  साई कॉलेज की वार्षिक पत्रिका सृजन 2024 का किया अनावरण

अम्बिकापुर-   श्री साई बाबा आदर्श स्नातकोत्तर महाविद्यालय में शुक्रवार को स्वीप के तहत नये मतदाताओं को प्रेरित करते हुए प्राचार्य डॉ. राजेश श्रीवास्तव ने मतदाता शपथ दिलायी। उन्होंने कहा कि स्वस्थ और मजबूत लोकतंत्र के लिए जागरूक मतदाता होना आवश्यक है। सभी को आगामी चुनाव में निष्पक्ष मतदान करना है। इस अवसर पर डॉ. श्रीवास्तव ने स्वच्छता और पर्यावरण बचाने का संदेश दिया। उन्होंने सभी प्राध्यापकों को स्वच्छता के साथ नशा से मुक्ति की शपथ दिलायी। उन्होंने कहा कि विकसित भारत के लिए स्वच्छ और स्वस्थ भारत का युवा होना आवश्यक है। कार्यक्रम के दौरान महाविद्यालय की वार्षिक पत्रिका सृजन का लोकार्पण हुआ। महाविद्यालय के सभी प्राध्यापकों के साथ विद्यार्थियों को सृजन 2024 का अंक वितरित किया गया।

इस अवसर आईक्यूएसी समन्वयक डॉ.आरएन शर्मा, लाइफ साईंस विभाग के अध्यक्ष अरविन्द तिवारी, वाणिज्य एवं प्रबंध विभाग के अध्यक्ष राकेश कुमार सेन, फिजीकल साईंस विभाग के अध्यक्ष शैलेष देवांगन, कम्प्यूटर एंड आईटी विभाग के अध्यक्ष डॉ. विवेक कुमार गुप्ता, शिक्षा विभाग के अध्यक्ष डॉ. दिनेश शाक्य, स्वीप के नोडल डॉ. अजय कुमार तिवारी तथा सभी प्राध्यापक और विद्यार्थी उपस्थित रहे।

मानव-हाथी द्वंद रोकने की दिशा में साय सरकार कर रही लगातार प्रयास

रायपुर-    छत्तीसगढ़ के सरगुजा संभाग और बिलासपुर संभाग सहित ज्यादातर उत्तरी इलाका पिछले दो दशक से से मानव-हाथी द्वंद की समस्या से ग्रसित है. यहां जंगली हाथियों के द्वारा किये जा रहे उत्पात की खबरें आये दिन समाचारों की सुर्खियां बनती है. हर दिन हाथी जंगली इलाके के गांवों में पहुंचकर जन धन को नुकसान पहुंचा रहे हैं. गांवों में जंगली हाथियों का झुंड पहुंचकर घरों को तहस नहस कर रहे हैं और फसलों के साथ साथ घरों में रखे गये अन्न को नुकसान पहुंचा रहे हैं. कई स्थानों पर हाथियों द्वारा कुचले जाने से मनुष्यों की मृत्यू की खबरें छत्तीसगढ़ में आम बात हो गई है. इस समस्या से निजात दिलाने के लिये छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय,जो स्वयं हाथी प्रभावित इलाके से आते हैं बेहद संवेदनशील हैं. मुख्यमंत्री बनने के बाद विष्णुदेव साय ने हाथी की समस्या से आम जन को निजात दिलाने के लिये लगातार पहल कर रहें हैं और उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों को इस समस्या के समाधान के लिये सार्थक प्रयास करने के निर्देश दिये हैं.

छत्तीसगढ़ के जंगलों से हाथियों का रिश्ता बहुत पुराना है. हजारों कही-सुनी कहानियों और ऐतिहासिक प्रमाणों के अलावा बिलासपुर जिले के ब्रिटिश गजेटियर भी इस बात की मुद्रित गवाही देता है कि औरंगजेब के समय तक मुगल शासक बिलासपुर क्षेत्र से हाथियों की खरीददारी किया करते थे. इसके अलावा तुमान, पाली, मल्हार जैसे ऐतिहासिक महत्व के स्थानों की खुदाई में ऐसे सिक्के भी मिले हैं, जिसमें प्रतीक के रूप में हाथियों का अंकन है.. इतिहास में भी इस बात का जिक्र मिलता है कि खिलजी वंश से लेकर मुगल शासन काल तक हाथियों की आपूर्ति छत्तीसगढ़ से ही की जाती थी… यहां के हाथी को ही प्रशिक्षित करके सेना में भेजा जाता था.. इस बात का भी पुख्ता प्रमाण है कि 1930 के त्रिपुरी कांग्रेस अधिवेशन में भी रसद लेकर यहां से हाथी गए थे.

छत्तीसगढ़ के जंगल हाथियों के लिए पसंद का रहवास शुरू से ही रहा है, मगर हाथियों का ऐसा आतंक और हाथी मानव द्वंद्व ऐसा पहले कभी नहीं रहा जैसा कि इन दिनों दिखाई दे जाता है..मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के मार्गदर्शन में राज्य सरकार द्वारा मानव हाथी द्वंद को रोकने लगातार जन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है.. सरगुजा से ‘‘हमर हाथी हमर गोठ’’ रेडियो कार्यक्रम का प्रसारण कर हाथियों के विचरण की जानकारी स्थानीय लोगों को दी जा रही है..मुख्यमंत्री साय के निर्देश पर राज्य सरकार द्वारा स्थानीय जनों को अपनी ओर हाथियों की सुरक्षा के प्रति संवेदनशील बनाने गज यात्रा अभियान चलाया जा रहा है. साथ ही ‘‘गज संकेत एवं सजग एप’’ के माध्यम से भी हाथी विचरण की जानकारी दी जा रही है.

छत्तीसगढ़ में 1950 में तिमोर पिंगला में हाथी आखरी बार देखा गया था उसके बाद हाथी दिखे 1980 में उसके पीछे का कारण ओपन कास्ट माइनिंग की वजह से झारखंड, बिहार और उडीसा में बड़े पैमाने पर जंगलों का कट जाना बताया जाता है..सच तो ये है कि यदि हाथी छत्तीसगढ़ को अपने रहने के लिए उपयुक्त स्थान पाते हैं तो ये छ.ग. का सौभाग्य है.. अजब संयोग है कि रहवास के लिए स्थल चयन को लेकर हाथी और मानव में बहुत समानता पाई जाती है.. जिस जगह को मानव अपने रहने के काबिल पाता है ठीक वही जगह हाथियों को अपने लिए जचता है. जल की उपलब्धता वाला घना हरा जंगल यदि मनुष्य को रास आता है तो हाथियों की भी यही पहली पसंद है.. पहाड़ी की तराई यदि मनुष्यों को पसंद है तो हाथी भी रह जाने के लिए ऐसी ही जगहों की खोज में होता है…आंख बंद कर के इस बात की घोषणा की जा सकती है कि वो स्थान प्राकृतिक संसाधनों से सुसज्जित होगा, जहाॅ हाथी जा बसते हैं.

हाथी अपने रहने के लिए उन्हीं स्थानों का चयन करता है, जहाॅ हरियाली बिखरी पड़ी हो क्योंकि यही हरियाली हाथियों के उदरपर्ति में भी सहयोगी होता है..संयोग से ऐसी ही हरियाली मनुष्य भी अपने लिए ढूंढता है.. इंसान और हाथियों के बीच की इसी समानता ने एक हकूक की लड़ाई को भी जन्म दे दिया है.. मानव हाथी द्वंद्व को रोकने की जो सफल कोशिश छत्तीसगढ़ की साय सरकार ने की है वैसा पहले नहीं हो पाया था. उनकी सरकार आने के बाद ऐसे हादसों में बहुत कमी देखी गई है.

तमोर पिंगला अभयारण्य के पास स्थित घुई वन रेंज के हाथी राहत और पुनर्वास केंद्र रामकोला वन्यजीव संरक्षण और प्रबंधन के लिए छत्तीसगढ़ वन विभाग की प्रतिबद्धता का उदाहरण है.. हाथी राहत और पुनर्वास केंद्र रामकोला 4.8 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला है जो हाथियों की विशेष देखभाल और प्रबंधन के लिए समर्पित है.. यह छत्तीसगढ़ का एकमात्र हाथी राहत और पुनर्वास केंद्र है.. मानव हाथी द्वंद्व के पीछे और भी बहुत सी वजहें हैं ,जो काम कर रही है.. जैसे वनों का घटता क्षेत्रफल, पेड़ पौधों और घांस का लगातार कम होना, फलदार वृक्षों की कमी, जंगली फलों का मानव के द्वारा दोहन, वनों में लगती आग वगैरह… शाकाहारी हाथियों और मनुष्य के खान पान की एकरूपता के अलावा हाथी भारतीय इंसानों से धार्मिक आस्थाओं के चलते भी जुड़ा हुआ है. स्वभाव से हाथी विशालकाय, शक्तिशाली, सामाजिक और शांति प्रिय प्राणी होता है, लेकिन अपनी शांति भंग करने वालो को वह बक्शता भी नहीं है.. इंसानों के द्वारा खेदा किए जाने वाला हाथी का एक छोटा सा बच्चा अपने यौवन काल में भी उस दर्द को भूला हुआ नहीं होता और जब भी पहला मौका मिलता है वो इंसानों को कुचलकर इसका बदला ले लेता है.. राज्य की साय सरकार पूरी दानिशमंदी के साथ इस समस्या का समाधान खोज रही है.