परिवारवाद की “जंग” का अखाड़ा बना महाराष्ट्र, कहीं चाचा-भजीता तो कहीं पति-पत्नी बीच मुकाबला
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आज राजनीति केवल देश सेवा का माध्यम नहीं है, ये परिवार को “पालने” का बड़ा जरिया बन चुका है। महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव में भी परिवारवाद की सियासी लड़ाई देखी जा रही है। वंशवाद की राजनीति को बढ़ावा देने का आरोप विरोधियों पर मढ़ने वाले भी चुनावी मौसम में तेवर बदल लेते हैं। महाराष्ट्र चुनाव में राजनीतिक पार्टियां पूरी तहर से परिवारवाद की आंच पर रोटियां सेकते नजर आ रही हैं। इस बार की चुनावी जंग में कहीं भाई-बहन तो कहीं से चाचा-भतीजा और कहीं से पति-पत्नी एक दूसरे के खिलाफ ताल ठोक रहे हैं।
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अजित पवार का भतीजे से मुकाबला
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में सबसे हाई प्रोफाइल मुकाबला चाचा-भतीजे के बीच है। ये जंग राज्य के सबसे पावरफुर पवार परिवार के बीच है। पवार परिवार के बीच हाई-प्रोफाइल मुकाबले में शरद पवार नीत राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) से उम्मीदवार युगेंद्र पवार बारामती सीट पर सत्तारूढ़ राकांपा का प्रतिनिधित्व कर रहे। युगेंद्र पवार अपने चाचा तथा उपमुख्यमंत्री अजित पवार के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। अजित पवार सात बार बारामती विधानसभा सीट से चुनाव जीत चुके हैं और एक बार बारामती संसदीय सीट पर भी जीत हासिल की है। यह दूसरी बार है जब पवार खानदान के गढ़ बारामती में परिवार के बीच ही मुकाबला देखने को मिलेगा।
2024 के लोकसभा चुनाव में उपमुख्यमंत्री अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार को उनकी ननद और राकांपा (शरदचंद्र पवार) नेता सुप्रिया सुले ने बारामती संसदीय सीट से हराया था। पड़ोसी कर्जत-जामखेड़ में अजित पवार के एक अन्य भतीजे रोहित पवार राकांपा (एसपी) उम्मीदवार के तौर पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राम शिंदे के खिलाफ मुकाबले में हैं। रोहित पवार, शरद पवार के पोते हैं।
पति-पत्नी में कौन जीतेगा जंग?
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 की लड़ाई बेहद रोचक बन गई है, क्योंकि छत्रपति संभाजीनगर के कन्नड़ निर्वाचन क्षेत्र से पति-पत्नी ही एक दूसरे के खिलाफ चुनावी मैदान में आमने-सामने आ गए हैं। कन्नड़ निर्वाचन क्षेत्र में निर्दलीय उम्मीदवार हर्षवर्धन जाधव अपनी अलग रह रही पत्नी और शिवसेना उम्मीदवार संजना जाधव के खिलाफ मैदान में हैं।
बता दें कि संजना अपने पति से अलग रह रही है लेकिन अभी दोनों के बीच अभी तलाक नहीं हुआ है। चुनाव प्रचार के दौरान शिवसेना उम्मीदवार संजना जाधव का एक वीडियो भी सामने आया था। इस वीडियो में संजना जाधव रोती हुई नजर आ रही थी। उस दौरान उन्होंने कहा था कि 'मैंने जो कुछ सहा, उसका मुझे कोई इनाम नहीं मिला, लेकिन आप जानते हैं कि मेरी जगह किसने ली। मेरे पिता पर तमाम तरह के आरोप लगाए गए, हमने सह लिया, क्योंकि एक लड़की के पिता को इसे सहना पड़ता है।
महाराष्ट्र में वंशवाद की सियासत
महाराष्ट्र में चुनावी मैदान में कई परिवारों के सदस्य एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं, जिससे राजनीति में रिश्तेदारों के बीच तकरार और प्रतिस्पर्धा का नया अध्याय जुड़ रहा है। इसके अलावा एक ही परिवार के कई सदस्य अलग-अलग सीटों से भी अपने पारिवारिक बिरासत को आगे ले जानें की होड़े में। इस लिस्ट में ठाकरे परिवार, राणे परिवार, देशमुख परिवार समेत कई परिवार हैं जो वंशवाद की राजनीति को बढ़ावा दे रहे हैं।
विलासराव देशमुख के घर में भी परिवारवाद
महाराष्ट्र पूर्व मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख के घर में भी परिवारवाद का बेहतरीन नमूना देखने को मिल रहा है। विलासराव देशमुख के बेटे अमित देशमुख लातूर शहर से मैदान में हैं तो विलासराव के दूसरे बेटे धीरज देशमुख लातूर ग्रामीण से ताल ठोक रहे हैं।
ठाकरे परिवार भी चुनावी जंग में
ठाकरे परिवार के रिश्तेदार भी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से दूर नहीं हैं। मुंबई में ठाकरे परिवार के सदस्य अलग-अलग सीटों से चुनावी मुकाबले में हैं। आदित्य ठाकरे वर्ली से मैदान में हैं तो उनकी मौसी के बेटे वरुण सरदेसाई पार्टी की टिकट पर बांद्रा से चुनाव लड़ रहे हैं। तो आदित्य के चचेरे भाई और राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे एमएनएस के टिकट पर माहिम सीट से मैदान में हैं।
राणे परिवार का भी चुनावी मुकाबला
बीजेपी सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे के बेटे नितेश राणे और निलेश राणे क्रमशः शिवसेना और बीजेपी के उम्मीदवार के तौर पर कुडाल और कणकवली सीट से चुनावी मैदान में हैं।
चुनावी मैदान में गावित परिवार
इस तरह महाराष्ट्र के मंत्री विजयकुमार गावित और उनकी बेटी एवं पूर्व सांसद हिना गावित भी चुनावी मैदान में हैं। मंत्री विजयकुमार गावित बीजेपी के उम्मीदवार के तौर पर नंदुरबार सीट से चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि उनकी बेटी हिना गावित निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर अक्कलकुवा सीट से चुनावी मुकाबले में हैं।
भुजबल और पाटिल परिवार का चुनावी मुकाबला
एनसीपी के मंत्री छगन भुजबल और उनके भतीजे समीर भुजबल भी चुनावी मैदान में हैं। छगन भुजबल येवला सीट से चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि समीर भुजबल नंदगांव सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं, NCP-SP प्रदेश प्रमुख जयंत पाटिल इस्लामपुर से चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि उनके भतीजे और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री प्राजक्त तनपुरे पार्टी के टिकट पर राहुरी से चुनाव लड़ रहे हैं।
चनावी मैदान में शेलार परिवार
बीजेपी के मुंबई इकाई के अध्यक्ष आशीष शेलार और उनके भाई विनोद शेलार क्रमशः वांद्रे (पश्चिम) और मलाड पश्चिम सीट से चुनावी मुकाबले में हैं।
हंबार्डे परिवार का चुनावी मुकाबला*
नांदेड में संतुकराव हंबार्डे और उनके भाई मोहनराव हंबार्डे भी एक-दूसरे के खिलाफ चुनावी मुकाबले में हैं। संतुकराव हंबार्डे नांदेड लोकसभा सीट से उपचुनाव लड़ रहे हैं, जबकि मोहनराव हंबार्डे कांग्रेस के टिकट पर नांदेड दक्षिण विधानसभा सीट से चुनावी जंग में हैं।






प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को कैरेबिया देश गुयाना पहुंचे। ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में जी-20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 19-20 नवंबर की दरम्यानी रात गुयाना रवाना हो गए। जैसे ही उनका विमान गुयाना के अंतरराष्ट्रीय अवाई अड्डे पर उतरा, वहां के राष्ट्रपति से लेकर पूरी कैबिनेट तक पीएम मोदी के स्वागत के लिए तैयार खड़ी नजर आई। *गुयाना के राष्ट्रपति ने किया पीएम मोदी का स्वागत* गुयाना के राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद इरफ़ान अली ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गले मिलते हुए जॉर्जटाउन, गुयाना में स्वागत किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गुयाना के जॉर्जटाउन में औपचारिक स्वागत और गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। पीएम मोदी 56 साल में गुयाना की यात्रा करने वाले पहले भारतीय पीएम हैं. जिसके चलते एक अभूतपूर्व कदम उठाते हुए, राष्ट्रपति इरफान अली और एक दर्जन से ज्यादा कैबिनेट मंत्रियों ने एयरपोर्ट पर उनका स्वागत किया। *पीएम मोदी ने जताया आभार* पीएम ने एक्स पर लिखा, ‘कुछ समय पहले ही गुयाना पहुंचा हूं। राष्ट्रपति डॉ. इरफान अली, प्रधानमंत्री मार्क एंथनी फिलिप्स, वरिष्ठ मंत्रियों और अन्य गणमान्य व्यक्तियों का हवाई अड्डे पर स्वागत करने के लिए आभार। मुझे विश्वास है कि यह यात्रा हमारे देशों के बीच मित्रता को और मजबूत करेगी। अपनी यात्रा के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्रपति मोहम्मद इरफान अली के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे और गुयाना की संसद की विशेष बैठक को संबोधित करेंगे। वे दूसरे भारत-कैरिकॉम शिखर सम्मेलन के लिए कैरेबियाई साझेदार देशों के नेताओं के साथ भी शामिल होंगे। *गुयाना और बारबाडोस पीएम मोदी को करेंगे सम्मानित* गुयाना और बारबाडोस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने सर्वोच्च पुरस्कार प्रदान करेंगे। गुयाना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार, "द ऑर्डर ऑफ एक्सीलेंस" प्रदान करेगा। बारबाडोस बारबाडोस के प्रतिष्ठित मानद ऑर्डर ऑफ फ्रीडम से सम्मानित करेगा। डोमिनिका ने भी कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री मोदी के लिए अपने शीर्ष पुरस्कार की घोषणा की थी। प्रधानमंत्री मोदी को मिले अंतरराष्ट्रीय सम्मानों की संख्या 19 हो गई है।


Nov 20 2024, 15:45
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