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मणिपुर में शांति बहाली के लिए एक्शन में सरकार, अमित शाह की हाई लेवल मीटिंग आज, क्या सुधरेंगे हालात?

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भारत के पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर फिर से हिंसा की आग में झुलसने लगा है। शनिवार को जिरीबाम में छह शव बरामद होने की खबर फैलने के बाद, कई जिलों, खासकर इंफाल पूर्व और इंफाल पश्चिम जिलों में भीड़ ने मंत्रियों, विधायकों और राजनीतिक नेताओं के करीब दो दर्जन घरों पर हमला किया और तोड़फोड़ की। इससे पहले सुरक्षा बलों का कुकी उग्रवादियों के साथ मुठभेड़ हुआ था। जिसमें कम से कम 10 कुकी आतंकी के मारे गए थे। इसके बाद से ही हालत बिगड़ते चले जा रहे हैं।

मणिपुर के हालातों को लेकर आज गृह मंत्रालय ने एक अहम बैठक बुलाई है। इस बैठक में केंद्रीय गृह सचिव, आईबी चीफ, एडिशनल सेक्रेटरी (नॉर्थ ईस्ट), स्पेशल सेक्रेटरी (इंटरनल सिक्योरिटी), अर्द्ध सैनिक बलों के अधिकारी के साथ साथ मणिपुर के आला अफसर शामिल रहेंगे। मणिपुर को लेकर आज होने वाली गृहमंत्री अमित शाह की बैठक में मुख्य एजेंडा तय किए जाएंगे। इसमें गृह मंत्री ने रविवार को केंद्रीय बलों की बैठक बुलाई थी, इसमें कई दिशा निर्देश दिए गए थे, उनके क्रियान्वयन की समीक्षा की जाएगी। इस बैठक में पूर्वोत्तर राज्य संबधित गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी, केंद्रीय गृह सचिव, आईबी डायरेक्टर, रॉ प्रमुख और सीआरपीएफ के अधिकारी शामिल होंगे। इसमें मैतेयी और कुकी समुदाय के लोगों से एक साथ वार्ता का खांका भी तैयार किया जाएगा

गृह मंत्री की लगातार दूसरे दिन बैठक हो रही है। इससे पहले मणिपुर के ताजा हालात पर एक दिन पहले ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक बैठक की थी। बैठक में मणिपुर की सुरक्षा स्थिति को लेकर समीक्षा की गई।

फ्लैग मार्च के जरिए शांति बनाने की कोशिश

वहीं, इंफाल में भारतीय सेना और असम राइफल्स के जवानों ने फ्लैग मार्च निकाला है। इस मार्च के जरिए शांति बनाने की कोशिश की जा रही है। भारतीय सेना और स्पीयर कोर की असम राइफल्स इकाइयों ने सुरक्षाबलों के साथ इंफाल के संजेनथोंग, खुरई लामलोंग ब्रिज, थोंगजू ब्रिज, कोइरेंगेई, कांगला वेस्टर्न गेट, केशमपट, चुंगथम, सलाम मयाई लीकाई, कोंथूजाम, मयांग इम्फाल, हियांगथांग, नाम्बोल, मंत्रिपुखरी, बाबूपारा, वांगजिंग, थौबल और लिलोंग के इंफाल पूर्व, इंफालल पश्चिम और थौबल जिलों में फ्लैगमार्च किया है। वहीं, तनावपूर्ण स्थिति के मद्देनजर इंफाल पश्चिम और इंफाल पूर्व में कर्फ्यू लगा हुआ है। सड़कों पर वाहनों की आवाजाही कम देखी गई है, सुरक्षाकर्मियों जबरदस्त तैनाती। वहीं, मुख्यमंत्री आवास और राजभवन के बाहर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।

सात जिलों में इंटरनेट बंद, दो जिलों में कर्फ्यू

मणिपुर में जारी हिंसा के बीच मणिपुर पुलिस ने रविवार को इंफाल के दोनों जिलों में अगले आदेश तक कर्फ्यू लगा दिया। प्रशासन ने यह फैसला छह लोगों की मौत के बाद लिया गया है। घटना के बाद मणिपुर सरकार ने सात जिलों में इंटरनेट बंद कर दिया है।

आज बीजेपी में शामिल हो सकते हैं कैलाश गहलोत, कल आप से दिया था इस्तीफा, क्या छापेमारी और जांच के डर से छोड़ी पार्टी?

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आम आदमी पार्टी और दिल्ली सरकार के मंत्री पद से इस्तीफा देने वाले नजफगढ़ से विधायक कैलाश गहलोत आज भाजपा में शामिल हो सकते हैं। कैलाश गहलोत ने रविवार को ही आप की प्राथमिक सदस्यता और मंत्री पद से इस्तीफा दिया था। इस्तीफा देने से पहले कैलाश गहलोत ने आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखकर पार्टी पर गंभीर आरोप लगाए। गहलोत ने रविवार को अरविंद केजरीवाल और दिल्ली सरकार के कामकाज पर तमाम तरह के आरोप लगाए थे। उन्होंने केजरीवाल के सीएम रहते सरकारी निवास पर किए गए खर्च को लेकर भी सवाल उठाया था।

क्या छापेमारी और जांच के डर से छोड़ा आप?

कैलाश गहलोत पर भी कई तरह के आरोप लगे हैं। दिल्ली के कथित शराब घोटाले से उनका नाम भी जुड़ने की आशंका थी। क्योंकि जिस कमेटी ने दिल्ली की आबकारी नीति को मंजूरी दी थी उसमें कैलाश गहलोत भी थे। कैलाश गहलोत के पार्टी छोड़ने पर आप सदस्य संजय सिंह ने आरोप लगाया कि गहलोत ने भाजपा की गंदी राजनीति के दबाव में इस्तीफा दिया है। उनको ईडी और सीबीआई की छापेमारी और जांच का डर दिखाया गया है।

गहलोत ने क्या आरोप लगाए?

इससे पहले गहलोत ने रविरा को केजरीवाल को पत्र लिखा। पत्र में गहलोत ने कहा कि इस समय आम आदमी पार्टी गंभीर चुनौतियां से गुजर रही है। पार्टी में राजनीतिक महत्वाकांक्षाएं लोगों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता पर हावी हो गई हैं, जिससे कई वादे अधूरे रह गए हैं। जो पार्टी ने दिल्ली की जनता से किए थे। यमुना को साफ करने का सपना पूरा नहीं हो पाया। यमुना अब पहले से ज्यादा प्रदूषित हो गई। इसके अलावा शीशमहल (मुख्यमंत्री आवास) जैसे कई अजीबोगरीब विवाद सामने आए। इसने पार्टी की छवि खराब हुई। सवाल उठ रहे हैं कि लोग पार्टी पर विश्वास कर रहे हैं। पार्टी लोगों के अधिकारों के लिए लड़ने के बजाय केवल अपने राजनीतिक एजेंडे के लिए लड़ रहे हैं।

इसने दिल्ली के लोगों को बुनियादी सेवाएं देने की हमारी क्षमता कमजोर हुई। दिल्ली सरकार अपना अधिकांश समय केंद्र से लड़ने में बिताती है जिससे दिल्ली का वास्तविक विकास नहीं हो सका। उन्होंने कहा कि राजनीतिक यात्रा दिल्ली के लोगों की सेवा करने के लिए शुरू की थी, इसे जारी रखना चाहता हूं। यही कारण है कि आप से अलग हो रहा हूं और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देता हूं। इसके अलावा उन्होंने मुख्यमंत्री को भी पत्र लिखकर अपने पद से इस्तीफा दिया।

दिल्ली-एनसीआर में सांसों पर संकट, जहरीली होती जा रही हवा, गंभीर श्रेणी में पहुंचा AQI तो आज से ग्रैप-4 लागू

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देश की राजधानी दिल्ली समेत एनसीआर के शहरों पर प्रदूषण और कोहरे की दोहरी मार से हालत खराब है। एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) छठे दिन भी लागातार 400 के पार है। दिल्ली के 32 इलाकों में (एक्यूआई) 400 के पार दर्ज किया गया। जो बेहद खतरनाक है। दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का आलम यह है कि स्कूलों को बंद कर दिया गया है। अब आज से ग्रैप 4 लागू हो चुका है।

दिल्ली-एनसीआर का एक्यूआई

सोमवार की सुबह दिल्ली के 32 इलाकों को एक्यूआई रेड जोन में दर्ज किया गया है। दिल्ली के नेहरू नगर का एक्यूआई 494, अलीपुर-475, अशोक विहार-495, आनंद विहार-487, बवाना-495, द्वारका-499, बुराड़ी-461 पंजाबी 493, रोहिणी 491, आईजीआई एयरपोर्ट 494, मेजर ध्यानचंद स्टेडियम 495 और मुंडका 495 एक्यूआई दर्ज किया गया है। बढ़ते प्रदूषण की वजह से लोगों को सांस लेने के साथ-साथ आंखों में जलन का भी सामना करना पड़ रहा है। दिल्ली सरकार ने बढ़ते एयर क्वालिटी इंडेक्स को लेकर अब ग्रैप -4 नियम को सोमवार से लागू कर दिया है, जिसका असर सरकारी दफ्तरों और स्कूलों के साथ ही साथ अन्य विभागों पर भी पड़ने वाला है। वहीं, जरूरी काम नहीं होने पर सरकार ने लोगों को घर ने नहीं निकलने की सलाह दी है।

वहीं एनसीआर की बात करें तो गुरुग्राम का औसत एक्यूआई 446 दर्ज किया गया। फरीदाबाद का औसत एक्यूआई 320 दर्ज हुआ। नोएडा का औसत एक्यूआई 384 दर्ज हुआ है। आज सुबह गाजियाबाद का एक्यूआई 404 मापा गया। लोनी और वसुंधरा स्टेशन का एक्यूआई गंभीर श्रेणी में दर्ज किया गया। लोनी का एक्यूआई 445 और वसुंधरा का एक्यूआई 432 है। संजय नगर और इंदिरापुरम का एक्यूआई भी गंभीर श्रेणी के निकट बना हुआ है।

सोमवार से ग्रैप-4 लागू

दिल्ली में अतिशी सरकार ने आज यानी सोमवार से ग्रैप-4 लागू कर दिया है। इसके तहत आज सुबह 8 बजे से बहुत सी पाबंदियां लागू हो गई हैं। इसमें स्कूल बंद से लेकर ट्रकों की एंट्री पर रोक है। दिल्ली में आवश्यक वस्तुओं को ले जाने वाले या स्वच्छ ईंधन (एलएनजी/सीएनजी/बीएस-छह डीजल/इलेक्ट्रिक) का उपयोग करने वाले ट्रकों को छोड़कर किसी भी ट्रक को दिल्ली में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। ग्रैप-4 में कारखानों, निर्माण कार्यों और यातायात पर कड़ी पाबंदियां लगाई जाएंगी।

ग्रेप-4 लागू होने से लगे ये प्रतिबंध

- दिल्ली के बाहर से आने वाले सभी ट्रकों को प्रवेश पर पाबंदी रहेगी। हालांकि, जरूरी सामान लाने वाले व सीएनजी और इलेक्ट्रिक ट्रकों पर पाबंदी से छूट दी गई है।

- दिल्ली में पंजीकृत मध्यम व भारी डीजल संचालित माल वाहनों पर प्रतिबंध। जरूरी सामान वाले वाहनों को छूट मिलेगी।

- एनसीटी दिल्ली व एनसीआर में डीजल चलित चार पहिया वाहनों पर रोक रहेगी। हालांकि, आपातकालीन वाहनों को छूट दी गई है। इस श्रेणी में केवल बीएस-6 वाहन चल सकते हैं।

- एनसीआर में उद्योगों पर पाबंदी। जहां पीएनजी ईंधन की सुविधा नहीं है और सरकार द्वारा अधिकृत सूची से बाहर के ईंधन का उपयोग किया जा रहा है तो रोक लगेगी। हालांकि, दूध व डेयरी उत्पादों और मेडिकल उपकरणों से जुड़े उद्योगों को छूट दी जाएगी।

- निर्माण व विध्वंस गतिविधियों पर रोक। इसके अलावा फ्लाईओवर, राजमार्ग, पुल व पाइपलाइन समेत अन्य गतिविधियों पर रोक। केंद्र सरकार केंद्रीय कर्मचारियों को घरों से काम करने की छूट दे सकती है।

- एनसीआर राज्य सरकारें सार्वजनिक, निगम और निजी दफ्तरों में 50 फीसदी क्षमता के साथ घरों से काम करने की छूट दे सकती है।

- राज्य सरकारें स्कूल व कॉलेज को बंद करने के साथ गैर आपातकालीन वाणिज्यिक गतिविधियों को बंद कर सकती है।

- राज्य सरकार लागू कर सकती है ऑड-ईवन योजना

- डीजल जनरेटर सेट पर प्रतिबंध

नाइजीरिया के बाद जी20 समिट के लिए ब्राजील पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी, मंत्रोच्चारण के साथ हुआ स्वागत*
#pm_modi_reaches_brazil_for_g20_summit

नाइजीरिया की अपनी पहली यात्रा पूरी करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को ब्राजील पहुंचे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यहां पर जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। पीएम मोदी तीन देशों की अपनी यात्रा के दूसरे चरण में ब्राजील में 18 और 19 नवंबर को होने वाले 19वें जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ब्राजील में भारतीय समुदाय के सदस्यों द्वारा रियो डी जेनेरियो के एक होटल में गर्मजोशी से स्वागत किया गया। ब्राजील के वैदिक विद्वानों ने भी उनके सामने वैदिक मंत्रों का जाप किया। प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत करने के लिए भारतीय प्रवासी उत्साह से भरे दिखे। उन्हें भारतीय झंडे और प्रधानमंत्री की तस्वीरें लहराते देखा गया। *यादगार स्वागत के लिए आभार- पीएम* प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, "ब्राजील में भारतीय संस्कृति का उत्सव। रियो डी जेनेरियो में यादगार स्वागत के लिए आभार।" रियो पहुंचने के बाद पीएम मोदी ने खुद एक्स पर पोस्ट कर तस्वीरें भी शेयर कीं। उन्होंने ब्राजील में जी20 देशों के सम्मेलन में आने को लेकर खुशी का इजहार करते हुए पुर्तगाली भाषा में संदेश भी लिखा। *जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे पीएम मोदी* प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी तीन देशों की यात्रा के दूसरे चरण में सोमवार को ब्राजील पहुंचे हैं। इस दौरान वह जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे।ब्राजील में पीएम मोदी ट्रोइका के सदस्य के रूप में 19वें जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। भारत ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका के साथ जी20 ट्रोइका का हिस्सा है। पीएम मोदी के साथ, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और उनके अमेरिकी समकक्ष जो बाइडेन आज और कल (18-19 नवंबर) को रियो डी जनेरियो शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले नेताओं में शामिल होंगे। *पीएम मोदी ने नाइजीरिया की यात्रा को सार्थक कहा था* इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए रविवार शाम नाइजीरिया से ब्राजील रवाना हो गए। उन्होंने पश्चिम अफ्रीकी देश की अपनी यात्रा को "सार्थक" बताया था। इसके अलावा नाइजीरियाई राष्ट्रपति बोला टीनुबू ने प्रधानमंत्री मोदी को नाइजीरिया के सर्वोच्च सम्मान, 'द ग्रैंड कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द नाइजर' (जीसीओएन) से सम्मानित किया।
मणिपुर की बीरेन सरकार पर संकट! एनपीपी के वापस लिया समर्थन, जानें विधानसभा का गणित
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* मणिपुर में एक बार फिर से हिंस भड़क उठी है। स्थिति दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है। इस बीच एनडीए की सहयोगी पार्टी नेशनल पीपुल्‍स पार्टी (एनपीपी) ने मणिपुर में बीजेपी की अगुवाई वाली सरकार से समर्थन वापस ले लिया है। मणिपुर में लगातार खराब होते हालात और हिंसा को देखते हुए एनपीपी ने यह फैसला लिया है। एनपीपी सुप्रीमो और मेघालय के मुख्‍यमंत्री कॉनराड संगमा ने बीजेपी के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष जेपी नड्डा को पत्र लिखकर समर्थन वापसी का ऐलान किया है। अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि एनपीपी की समर्थन वापसी से एन बीरेन सिंह सरकार पर क्या असर पड़ेगा। एनपीपी ने कहा है कि बीरेन सरकार हिंसा से प्रभावित मणिपुर में स्थिति को सामान्य करने में पूरी तरह से नाकाम रही है। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को लिखे पत्र में एनपीपी ने दावा किया कि पिछले कुछ दिनों में मणिपुर में स्थिति और बिगड़ गई है। कई निर्दोष लोगों की जान गई है। मौजूदा स्थिति को ध्यान में रखते हुए हम बीरेन सिंह की अगुवाई वाली सरकार से तत्काल प्रभाव से समर्थन वापस लेते हैं। *सरकार पर संकट नहीं* इस समर्थन वापसी से सरकार पर संकट नहीं है क्योंकि मणिपुर में बीजेपी का बहुमत है। मणिपुर विधानसभा में 60 सीटें हैं। इसमें बीजेपी के 32 विधायक हैं। साथ ही जेडीयू के 6 विधायक, एनपीएफ के पांच विधायक और तीन निर्दलियों का भी बीजेपी को समर्थन है। कुकी पीपल्ल अलायंस ने भी पिछले साल बीरेन सिंह सरकार से समर्थन वापस ले लिया था। उनके 2 विधायक हैं। *मणिपुर में हिंसा का दौर जारी* मणिपुर में हिंसा का दौर जारी है और हालात खराब होते जा रहे हैं। मणिपुर में दो समुदाय के बीच के संघर्ष में अब तक 250 से ज्यादा लोगों की जानें जा चुकी हैं और 60 हजार से ज्यादा लोग विस्थापित हुए हैं। 3 मई 2023 को मणिपुर में जातीय हिंसा भड़की थी। तब लोकसभा चुनाव से ठीक पहले के संसद सत्र में ही मणिपुर का मसला लगातार गूंजता रहा। विपक्ष ने इस मसले पर सरकार को जमकर घेरा था। लोकसभा चुनाव के बाद भी पहले सत्र के दूसरे ही दिन लोकसभा में मणिपुर-मणिपुर के नारे गूंजे। तब मणिपुर सांसद ने शपथ लेने के बाद कहा- मणिपुर में न्याय दिलाइए, देश बचाइए। लेकिन मणिपुर में शांति नहीं लौटी। वहां हालात लगातार खराब हो रहे हैं।
'BJP में न मतभेद था, न है और न होगा,' केशव प्रसाद मौर्य ने सीएम योगी के नारे 'बटेंगे तो कटेंगे पर तोड़ी चुप्पी

डेस्क: उत्‍तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने राज्‍य में 9 विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनावों के बीच सीएम योगी के नारे 'बंटेंगे तो कटेंगे' का समर्थन किया है। केशव प्रसाद मौर्य ने रविवार को कहा कि ‘एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे, बटेंगे तो कटेंगे’ सभी कार्यकर्ताओं की एकजुटता और संकल्प का प्रतीक है।

मौर्य ने सत्तारूढ़ बीजेपी में किसी भी मतभेद से इनकार करते हुए यह भी साफ किया कि पार्टी का नारा ‘एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे’ ही है। उन्होंने यह भी कहा कि विपक्षी समाजवादी पार्टी (SP) के पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक (PDA) की 'गालियों' का जवाब उसी तरह देना है, जैसे 'भगवान श्रीकृष्ण ने शिशुपाल को दिया था।'

इसके साथ ही डिप्टी सीएम मौर्य ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्‍स पर एक पोस्ट में कहा, 'पीएम मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का स्पष्ट संदेश और उनके भाषणों से उभरे नारे- ‘एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे, बटेंगे तो कटेंगे’-हम सभी कार्यकर्ताओं की एकजुटता और संकल्प का प्रतीक हैं।'

इसी पोस्ट में उन्होंने सफाई दी, 'भाजपा में न मतभेद था, न है, न होगा। यह नारा मुझ जैसे करोड़ों कार्यकर्ताओं के दिल की आवाज़ है।' हालांकि उन्‍होंने यह भी कहा कि भाजपा का नारा 'एक रहेंगे तो सेफ़ रहेंगे' ही है। पोस्ट में मौर्य ने पूछा कि सपा, बसपा और कांग्रेस को इस एकजुटता से पेट में दर्द क्यों हो रहा है? अगर दर्द बर्दाश्त नहीं हो रहा है, तो इलाज कराएं और दवा ले लें।

इससे पहले शनिवार को प्रयागराज में आदित्यनाथ के 'बंटेंगे तो कटेंगे' नारे को लेकर किए गए सवाल पर उपमुख्यमंत्री मौर्य ने नाराज स्वर में कहा था, 'मुख्यमंत्री कोई संबोधन करते हैं तो उस पर मुझसे टिप्पणी क्यों लेना चाहते हो? क्या आप मीडिया के मित्र आपस में हमें लड़ाना चाहते हो?'

पीएम मोदी ने गोधरा कांड पर बनी फिल्म The Sabarmati Report की तारीफ की, कहा-सच सामने आ रहा

डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2002 के गोधरा कांड पर बनी फिल्म 'द साबरमती रिपोर्ट' की तारीफ की है। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में लिखा-यह अच्छी बात है कि यह सच्चाई सामने आ रही है, और वह भी एक ऐसे तरीके से जिससे आम लोग इसे देख सकें। एक फर्जी कहानी सीमित समय तक ही चल सकती है। आखिरकार, सच हमेशा सामने आते हैं! पीएम मोदी ने विक्रांत मैसी, राशि खन्ना और रिद्धि डोगरा सहित अन्य कलाकारों द्वारा अभिनीत फिल्म की प्रशंसा करते हुए यह बात कही।

प्रधानमंत्री मोदी ने यह टिप्पणी एक एक्स यूजर की फिल्म पर प्रतिक्रिया देते हुए की। यूजर ने अपनी समीक्षा में फिल्म को बताया कि इस फिल्म को जरूर देखें। यूजर ने कहा कि निर्माताओं ने 2002 के गोधरा कांड के पीछे की सच्चाई को उजागर करने के लिए सराहनीय काम किया है। गोधरा कांड में महिलाओं और बच्चों सहित 59 लोगों की जान चली गई थी।

'द साबरमती रिपोर्ट' का निर्देशन धीरज सरना ने किया है। यह फिल्म गोधरा की घटना पर आधारित है। गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस को जलाए जाने के बाद गुजरात के कई हिस्सों में दंगे भड़क उठे थे। इस फिल्म में मुख्य किरदार की भूमिका विक्रांत मैसी निभा रहे हैं। यह फिल्म 15 नवंबर को रिलीज हुई। एक एक्स यूजर ने अपनी संक्षिप्त समीक्षा में कहा कि निर्माताओं ने इस मुद्दे को बहुत संवेदनशीलता और गरिमा के साथ संभाला है। यूजर ने यह भी दावा किया कि इस घटना का एक "निहित स्वार्थ समूह" द्वारा राजनीतिकरण किया गया और इसे "एक नेता की छवि को धूमिल करने" के अवसर के रूप में इस्तेमाल किया गया।

बता दें कि 27 फरवरी, 2002 की सुबह, साबरमती एक्सप्रेस अपने निर्धारित समय पर लगभग 12:00 बजे गुजरात के गोधरा रेलवे स्टेशन पर पहुंची। बिहार के मुजफ्फरपुर से अहमदाबाद के बीच चलनेवाली इस ट्रेन में सैकड़ों यात्री सवार थे, जिनमें बड़ी संख्या में कारसेवक भी शामिल थे। ये कार सेवक अयोध्या में कार सेवा से लौट रहे थे। ट्रेन को गोधरा से रवाना होते ही जंजीर खींच कर ट्रेन को स्टेशन के आउटर सिग्नल के पास रोक दिया गया। इसके बाद ट्रेन पर करीब 2 हजार लोगों की भीड़ ने पथराव शुरू कर दिया और चार डिब्बों में आग लगा दी। आग से एस-6 कोच बुरी तरह से जल गया और 59 लोगों की मौत हो ई थी। मृतकों में 27 महिलाएं और 10 बच्चे शामिल थे। इस हमले में 48 यात्री घायल हो गए थे। गोधरा की घटना के बाद गुजरात में सांप्रदायिक दंगे भड़क उठे। राज्य सरकार द्वारा तीन दिनों के भीतर हिंसा पर काबू पाने के दावों के बावजूद, कई हफ़्तों तक हिंसक झड़पें होती रहीं।

पीएम मोदी को मिला 17वां अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार, नाइजीरिया में "द ग्रैंड कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द नाइजर" से हुए सम्मानित

डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अबुजा में नाइजीरिया के सर्वोच सम्मान "द ग्रैंड कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द नाइजर" से नवाजा गया है। यह उन्हें किसी दूसरे देश से मिलने वाला 17वां अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार है। रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यह पुरस्कार नाइजीरिया की ओर से प्रदान किया जाएगा।

नाइजीरिया का यह सर्वोच्च सम्मान पाने वाले प्रधानमंत्री दुनिया की दूसरी बड़ी हस्ती होंगे। इससे पहले ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ एकमात्र विदेशी गणमान्य व्यक्ति हैं, जिन्हें 1969 में नाइजीरिया ने इस सम्मान से नवाजा था।

इसके बाद अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यह पुरस्कार मिलने जा रहा है। जो कि किसी देश द्वारा पीएम मोदी को दिया जाने वाला 17वां ऐसा अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार होगा। इससे पहले फ्रांस, जापान, ऑस्ट्रेलिया जैसे देश भी पीएम मोदी को अपने सर्वोच्च पुरस्कार से सम्मानित कर चुके हैं।

RBI को धमकी भरा कॉल, खुद को बताया आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का CEO

डेस्क: मुंबई स्थित भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के दफ्तर को एक धमकी भरा कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का CEO बताते हुए धमकी दी। प्राथमिक जानकारी के मुताबिक, यह कॉल शनिवार सुबह लगभग 11:00 बजे आई और इसके बाद आरोपी ने गाना गाना शुरू कर दिया।

कॉल आने के बाद RBI अधिकारियों ने तुरंत मुंबई पुलिस को सूचित किया। पुलिस ने रमाबाई पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कर लिया। फिलहाल, पुलिस की ओर से आरोपी की पहचान और उस तक पहुंचने के लिए तफ्तीश की जा रही है।

मुंबई पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए FIR दर्ज कर ली है और जांच शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, और कॉल के पीछे कौन था, यह जल्द ही पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है।

पीएम नेतन्याहू के घर फिर हुआ 2 रॉकेट से हमला, इजरायल में मची खलबली

डेस्क: इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के घर को एक बार फिर रॉकेट हमले से निशाना बनाया गया है। अलअरेबिया न्यूज के अनुसार शनिवार को मध्य शहर कैसरिया में इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के आवास के पास दो आग की लपटें गिरीं, सुरक्षा सेवाओं ने इस घटना को "गंभीर" बताया है। इस हमले के बाद पुलिस और शिन बेट आंतरिक सुरक्षा एजेंसी ने एक संयुक्त बयान में कहा, "प्रधानमंत्री आवास के बाहर आंगन में दो आग की लपटें गिरीं।" संभवतः यह रॉकेट हमला था।

इजरायली सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार घटना के समय प्रधानमंत्री और उनका परिवार घर में नहीं था।" करीब एक महीने में दूसरी बार पीएम बेंजामिन नेतन्याहू के आवास को निशाना बनाया गया है। आशंका है कि हिजबुल्लाह आतंकियों ने यह हमला किया है। इजरायली सुरक्षा एजेंसियों ने इस घटना की जांच शुरू कर दी है। इस घटना को बेहद गंभीर और इसमें खतरनाक वृद्धि माना है।” इज़रायली राष्ट्रपति इसहाक हर्ज़ोग ने घटना की निंदा की और सार्वजनिक क्षेत्र में हिंसा में वृद्धि के खिलाफ चेतावनी दी।

इससे पहले 19 अक्टूबर को भी नेतन्याहू के उसी आवास को निशाना बनाकर ड्रोन हमला किया गया था। उस वक्त भी इजरायली प्रधानमंत्री हमले में बाल-बाल बच गए थे। बाद में ईरान समर्थित आतंकवादी समूह हिजबुल्लाह ने इस हमले का जिम्मा लिया था। तब नेतन्याहू ने उस समय हिजबुल्लाह पर अपनी और पत्नी की हत्या का प्रयास करने का आरोप लगाया था। 23 सितंबर के बाद से, इज़राइल ने लेबनान में हिज़्बुल्लाह के ठिकानों पर बमबारी बढ़ा दी है, बाद में गाजा में युद्ध को लेकर हिज़्बुल्लाह आतंकवादियों द्वारा शुरू की गई सीमित, सीमा पार गोलीबारी के लगभग एक साल बाद जमीनी सैनिकों को भेजा है।

यह हमला इजरायल में कैसरिया हाइफ़ा शहर क्षेत्र से लगभग 20 किलोमीटर (12 मील) दक्षिण में हुआ। इस क्षेत्र को पिछले कुछ समय से हिज़्बुल्लाह द्वारा नियमित रूप से निशाना बनाया जा रहा है। इज़रायली सेना ने कहा कि शनिवार को हिज़्बुल्लाह के "भारी रॉकेट हमले" से हाइफ़ा में एक आराधनालय पर हमला होने से दो लोग घायल हो गए। इजरायली सेना ने दावा किया कि उसने लेबनान से इजरायल में गिरने वाले 10 प्रोजेक्टाइल को पहले ही रोक दिया था। हिजबुल्लाह ने उत्तरी इज़राइल पर कई रॉकेट हमलों का दावा करते हुए कहा कि उसने हाइफ़ा क्षेत्र में नौसैनिक अड्डे सहित सैन्य स्थलों को निशाना बनाया।