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कबड्डी हमारी मिट्टी से जुड़ा हुआ खेल है – प्रभारी मंत्री राजपूत अतुल्य भारत की झलक आज गाडरवारा में दिखाई दे रही है - मंत्री सिंह


68वीं राष्ट्रीय शालेय कबड्डी प्रतियोगिता का हुआ शुभारंभ लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल और स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के संयुक्त तत्वावधान में 17 वर्षीय बालक और बालिका आयु वर्ग में 5 दिवसीय 68वीं राष्ट्रीय शालेय कबड्डी प्रतियोगिता-2024 का शुभारंभ शनिवार को नरसिंहपुर जिले के गाडरवारा हुआ। शुभारंभ मौके पर खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग और नरसिंहपुर जिले के प्रभारी मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, परिवहन एवं स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह, सांसद दर्शन सिंह चौधरी और विधायक श्री महेन्द्र नागेश भी मौजूद रहे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रभारी मंत्री राजपूत ने कहा कि मैंने ऐसा बहुत कम देखा है, जब राष्ट्रीय स्तर के खेलों की प्रतियोगिता छोटी जगहों पर हो रही हो। अक्सर यह प्रतियोगिता महानगरों में आयोजित होती रही है। नेशनल लेवल की प्रतियोगिता की यह ज़िम्मेदारी गाडरवारा शहर को मिली है। अब हमारा भी फ़र्ज़ है कि देशभर से आये खिलाड़ियों का स्वागत एवं उत्साहवर्धन करें। मंत्री राजपूत ने कहा कि हमारे पारंपरिक खेल कबड्डी की भी अपनी पहचान है। हिंदुस्तान के गांव-गांव में कबड्डी खेली जाती हैं। यह खेल हमारी मिट्टी से जुड़ा है। राज्य सरकार परंपरागत खेलों को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है। स्कूल शिक्षा मंत्री सिंह ने कहा कि गाडरवारा के लिए यह ऐतिहासिक पल है। किसी देश में जिस तरह ओलंपिक, एशियन गेम्स या अन्य अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के आयोजन के लिए तैयारी की जाती है, ठीक उसी तरह राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं के आयोजन के लिए भी तैयारियाँ करनी पड़ती है। राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता का आयोजन होना नरसिंहपुर ज़िले और गाडरवारा नगर के लिये गौरव और गरिमा की बात है। गाडरवारा में आज देश के चारों ओर से खिलाड़ी आये हैं। इन खिलाड़ियों के आने से अतुल्य भारत की झलक देखने को मिलती है। राष्ट्रीय कबड्डी प्रतियोगिता में राष्ट्रीय स्तर के सभी मान्यता प्राप्त प्रदेशों (इकाइयों) के कुल 34 टीमें और 770 खिलाड़ी बालक-बालिकाएँ शामिल हो रहे हैं। कार्यक्रम की शुरूआत दीप प्रज्ज्वलन और सरस्वती वंदना से की गई। इस मौके पर स्कूली बच्चों ने राष्ट्रीय एकता और देश की विभिन्न संस्कृतियों पर केन्द्रित सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी।
अधिक मूल्य पर खाद्य बिक्री की शिकायत पर निरिक्षण करने पहुंचें SDM शर्मा


शिकायत सही पाए जाने पर सील की गई गोदाम

भोपाल/ बैरसिया में शासकीय मूल्य से अधिक मूल्य पर खाद बेचे जाने की शिकायत प्राप्त होने पर एसडीएम बैरसिया द्वारा तहसीलदार बैरसिया एवं वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी को मौके पर शिकायत का सत्यापन करने भेजा गया। मौके पर यह पाया गया कि गौर कृषि सेवा केंद्र के संचालक द्वारा डीएपी खाद जिसका जिसका शासकीय विक्रय मूल्य रुपए 1350/- रुपए प्रति बोरी है उसे विक्रेता द्वारा 1850/- रुपए में बेचा गया एवं यूरिया खाद का बोरा जिसका शासकीय विक्रय मूल्य 267/- रुपए है उसे विक्रेता द्वारा खरीदार को ₹340/- में बेचा गया !

शिकायत सही पाए जाने पर नरसिंहगढ़ रोड बैरसिया स्थित गौर कृषि सेवा केंद्र के संचालक कमल सिंह गौर के खिलाफ बैरसिया थाने में वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी गोयल के द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा 3 एवं धारा 7 के अंतर्गत प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई गई एवं गौर कृषि सेवा केंद्र का नरसिंहगढ़ रोड स्थित गोदाम भी सील किया गया। 

शासन के निर्देश पर कलेक्टर भोपाल कौशलेंद्र विक्रम सिंह द्वारा सभी अनुविभागीय अधिकारियों को विक्रय मूल्य से अधिक मूल्य पर खाद विक्रय करने अथवा खाद की कालाबाजारी करने वाले खाद विक्रेताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने हेतु निर्देशित किया गया था। जिसके परिपालन में अनुभाग बैरसिया में एसडीएम आशुतोष शर्मा के निर्देशन पर तहसीलदार बैरसिया करुणा दंडोतिया वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी पी एस गोयल, हल्का पटवारी सुरेन्द्र सिंह दांगी एवं टीम ने उक्त कार्यवाही को अंजाम दिया !

जनजातीय गौरव दिवस, सभी के लिए जनजातीय बलिदानियों को स्मरण करने का अवसर : उच्च शिक्षा मंत्री परमार


भगवान बिरसा मुंडा शौर्य एवं पराक्रम के प्रतीक हैं। उन्होंने न केवल अंग्रेजों की पराधीनता के विरुद्ध स्वतंत्रता के संघर्ष का शंखनाद किया बल्कि समाज को संगठित कर राष्ट्र के लिए बलिदान देने वाले स्वाधीनता सेनानी तैयार किए। भगवान बिरसा मुंडा ने समाज की बुराइयों पर नियंत्रण एवं सुधार के लिए भी अपना योगदान दिया। जिसने अपने मात्र 25 वर्ष के जीवन में देश के लिए बलिदान देकर राष्ट्र रक्षा के संकल्प लिया और उसके लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए, राष्ट्र के ऐसे क्रान्तिसूर्य के शौर्य एवं पराक्रम पर सभी को गर्व करने की आवश्यकता है। यह बात उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा एवं आयुष मंत्री इन्दर सिंह परमार ने शुक्रवार को भगवान बिरसा मुंडा जी की जन्म जयंती पर मनाए जा रहे "जनजातीय गौरव दिवस" के उपलक्ष्य पर भोपाल स्थित शासकीय महारानी लक्ष्मी बाई कन्या स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय में आयोजित "पुष्पांजलि कार्यक्रम" में कही। परमार ने उलगुलान के उद्घोषक और धरती आबा कहे जाने वाले जनजातीय गौरव भगवान बिरसा मुंडा जी के छायाचित्र पर पीत अंगवस्त्र ओढ़ाकर, पुष्पांजलि अर्पित की। परमार ने सभी को भगवान बिरसा मुंडा जी की जन्म जयंती की शुभकामनाएं एवं बधाई दीं। परमार ने कहा भगवान बिरसा मुंडा का शौर्य एवं पराक्रम से समृद्ध अल्पायु जीवन, प्रेरणादायक एवं अनुकरणीय है। परमार ने कहा कि जनजातीय गौरव दिवस, यह जनजातीय समाज के गौरव का दिवस नहीं बल्कि हम सभी के लिए गौरव करने का अवसर है। परमार ने भगवान बिरसा मुंडा के जीवन से जुड़े प्रसंगों का उल्लेख करते हुए उनके दूरदर्शितापूर्ण दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला।

उच्च शिक्षा मंत्री परमार ने कहा कि जनजातीय गौरव दिवस के रूप में जनजातीय बलिदानियों का स्मरण करना, भारत के इतिहास को सही परिप्रेक्ष्य में लिखा जाने की ओर महत्वपूर्ण कदम है। परमार ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा, तिलका मांझी, मधु भगत, चक्र बिसोई, राजा शंकरशाह एवं कुंवर रघुनाथ शाह सहित अनेकों जनजातीय बलिदानियों ने देश की स्वतंत्रता के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। ऐसे जनजातीय बलिदानियों के संघर्ष और इतिहास को सही परिप्रेक्ष्य में पढ़ने एवं समझने की आवश्यकता हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में, पूरे देश को भगवान बिरसा मुंडा जी के जन्म जयंती के अवसर पर जनजातीय गौरव दिवस के रूप में जनजातीय बलिदान की श्रृंखला को स्मरण करने का अवसर मिला है।

मंत्री परमार ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 ने भारत के गौरवशाली इतिहास, परम्परा, ज्ञान-विज्ञान, संस्कृति एवं दर्शन सहित समस्त भारतीय दृष्टिकोण को शिक्षा में समाहित करने का अवसर दिया है। भारतीय ज्ञान परम्परा, राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 का अभिन्न अंग है। परमार ने ग्रामीण परिवेश में गृहिणियों की रसोई को भारतीय ज्ञान का कुशल एवं श्रेष्ठ प्रबंधन बताया। परमार ने कहा कि 2047 में विकसित भारत की संकल्पना को साकार करने सभी की सहभागिता की आवश्यकता है। हम सभी के योगदान से वर्ष 2047 तक भारत विश्वमंच पर हर क्षेत्र में सिरमौर बनेगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शहडोल में आयोजित समारोह में ऑनलाइन जुड़कर वर्चुअल संबोधन के सजीव प्रसारण किया गया। महामहिम राज्यपाल मंगु भाई पटेल एवं माननीय मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के संबोधन का भी सीधा प्रसारण का किया गया।

कार्यक्रम में आयुक्त उच्च शिक्षा निशांत बरबड़े, महाविद्यालय की जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष डॉ अजय नारंग, विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी उच्च शिक्षा डॉ धीरेंद्र शुक्ल, महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ अजय कुमार अग्रवाल एवं कार्यक्रम संयोजिका डॉ सविता भार्गव सहित महाविद्यालय के प्राध्यापकगण एवं छात्राएं उपस्थित रहीं।

उच्च शिक्षा मंत्री ने छात्रावास परिसर का निरीक्षण कर दिए आवश्यक दिशा निर्देश

उच्च शिक्षा मंत्री परमार ने भोपाल स्थित शासकीय महारानी लक्ष्मी बाई कन्या स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय में आयोजित पुष्पांजलि कार्यक्रम के उपरांत महाविद्यालय के छात्रावास परिसर का औचक अवलोकन किया। परमार ने छात्राओं से संवाद कर ,उन्हें प्रदान की जा रही सुविधाओं की जानकारी प्राप्त की। परमार ने छात्राओं के पठन-पाठन के लिए आवश्यक सभी मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। छात्राओं के लिए उत्तम एवं गुणवत्तापूर्ण भोजन प्रबंधन के लिए रसोई को पुनः संचालित करने के निर्देश दिए। छात्रावास के पुस्तकालय को नवीनतम पुस्तकों एवं शिक्षण सामग्री से समृद्ध करने को कहा। छात्राओं की सुरक्षा एवं सुविधाओं के लिए आवश्यक दिशा निर्देश दिए। छात्रावास परिसर की स्वच्छता की सुनिश्चिता एवं खेलकूद सुविधाएं उपलब्ध करने को भी कहा। छात्रावास में छात्राओं की संख्या वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक क्रियान्वयन के निर्देश भी दिए।

लगातार दूसरे दिन बरा गांव में रात्रि चौपाल लगाकर किया समस्याओं का समाधान

ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर की सजगता से न केवल ग्वालियर-15 विधानसभा क्षेत्र के वार्ड क्रमांक-1 के स्थानीय निवासियों को एक बड़े हादसे का शिकार होने से बचा लिया गया, बल्कि पहली बार केवल 48 घण्टे की अल्प अवधि में एक बड़े क्षेत्र को प्रदूषण रहित बना दिया गया। ऊर्जा मंत्री तोमर ने सभी अधिकारियों तथा देवतुल्य कार्यकर्ताओं के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए कहा कि मुसीबत की हर घड़ी में आपका यह सेवक चट्टान की तरह आपके साथ खड़ा रहा है और आगे भी सदैव अपने कर्तव्य के प्रति अडिग रहेगा।

उल्लेखनीय है कि बुधवार की रात्रि ग्वालियर उप नगर के वार्ड क्रमांक 1 के बरा गांव के समीप नगर निगम द्वारा कचरा संग्रहण के रुप में उपयोग किए जा रहे खदान के गड्ढे में एकत्रित कचरे में आग लगने से उत्पन्न हुए प्रदूषण से आस-पास के रहवासियों को सांस लेने में दिक्क़त आ रही थी। इस गंभीर स्थिति को भांपकर ऊर्जा मंत्री ने बिना समय गंवाए प्रशासन और नगर निगम अधिकारियों को आग पर नियंत्रण के निर्देश दिए तथा आग बुझाने का काम पूरा होने के बाद कचरा हटाने का कार्य शुरु कराया। गुरुवार रात भी ऊर्जा मंत्री ने मौके पर मौजूद रहकर कचरा हटवाने का काम जारी रखा तथा बरा गांव सहित किशन बाग, लक्ष्मीपुरम, तिरुआ पुरा, जाटवपुरा, और पादरी मोहल्ला को प्रदूषण रहित बनवाकर एक बड़ी घटना घटित होने से टाली। इस दौरान उन्होंने चौपाल भी लगाई तथा लोगों की समस्याओं को सुना और जन-सेवा के संकल्प को निभाते हुए, तत्काल समाधान के लिए जिला प्रशासन और नगर निगम के अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए कि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इस बावत माकूल इंतजाम किए जाएं।

ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा कि आपका सेवक 2 दिवस से वार्ड क्रमांक 1 के रहवासियों की चिंता में रात-दिन प्रदूषण बढने से उत्पन्न हुए हालातों पर नियंत्रण कर स्वच्छ वातावरण बनाने में जुटा रहा। यह आप सभी के सहयोग से संभव हो सका। उन्होंने भरोसा दिलाया कि भविष्य में बरा गांव के इस स्थान पर एक भव्य पार्क बनाया जाएगा। इस दौरान स्थानिय जनप्रतिनिधि, प्रशासन, पुलिस तथा अन्य विभागों के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।

MP News : संस्कृति का अहम हिस्सा है जनजाति, बिरसा मुंडा के लिए होते रहेंगे आयोजन, कहा मंत्री धर्मेंद्र लोधी ने, जानें पूरा कार्यक्रम


खान आशु 

भोपाल। जनजाति समुदाय हमारे समाज और जीवन का एक अभिन्न हिस्सा हैं। बरसों अपने अधिकारों और सुविधाओं के लिए तरसते रहे इस समुदाय को अब पहचान भी मिली है और समाज में सम्मान भी। इस समुदाय की बेहतरी और इनके सामाजिक उत्थान के लिए सतत प्रयास किए जा रहे हैं, सरकार इसके लिए कृत संकल्पित भी है और पूरी तरह गंभीर भी।

संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री धर्मेंद्र लोधी ने यह बात कही। वे शुक्रवार को सागर के जबेरा ग्राम में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। जनजाति समुदाय के महानायक बिरसा मुंडा की जयंती के अवसर पर आयोजित इस कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि इंसान अपने कर्मों को इस स्तर तक उठा सकता है कि वह भगवान की तरह पूजा जाने लगे। भगवान बिरसा मुंडा ने इस बात को सच्चा साबित करके दिखाया है।

आज उनके कृतित्व और व्यक्तित्व को पूजा जा रहा है। यह उनके द्वारा प्रस्तुत किए गए कामों का नतीजा है। मंत्री लोधी ने कहा कि प्रदेश सरकार भगवान बिरसा मुंडा के श्रद्धा पूर्वक आयोजन कर रही है। यह सिलसिला अनवरत जारी रहेगा।

किया गया मंचन

भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर रंगकर्म संस्था रंग मोहल्ला सोसायटी फॉर परफॉर्मिंग आर्ट भोपाल ने नाट्य प्रस्तुति दी। स्व प्रदीप कुमार अहिरवार द्वारा तैयार किए गए इस नाटक को संस्था सचिव अदनान खान की टीम ने मंचित किया। संगीत निर्देशक सुरेन्द्र वानखेड़े और कलाकारों की इस खास प्रस्तुति को दर्शकों ने खूब सराहा। 

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भोपाल से खान आशु की रिपोर्ट

जनजातीय समुदाय को सिकल सेल एनीमिया से मुक्ति दिलाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध : उप मुख्यमंत्री शुक्ल


उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा है कि जनजातीय समुदाय को सिकल सेल एनीमिया से मुक्ति दिलाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने धरती आबा बिरसा मुंडा की जयंती, जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर संजय गांधी स्मारक चिकित्सालय, रीवा में प्रदेश के पहले शासकीय “सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस फ़ॉर प्रीनेटल डायग्नोसिस ऑफ़ हीमोग्लोबिनोपैथीज़” का लोकार्पण किया। उन्होंने कहा कि यह महत्वपूर्ण केंद्र विंध्य क्षेत्र के नागरिकों, विशेषकर जनजातीय समूह के नागरिकों में रक्तजनित वंशानुगत विकारों के शोध, जांच एवं नैदानिक चिकित्सकीय परीक्षण के लिए समर्पित रहेगा।

उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा कि केन्द्र की स्थापना प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को एक नए आयाम पर ले जाने का प्रयास है, जिससे रक्तजनित विकारों से प्रभावित विशेष समूहों को सटीक और समर्पित चिकित्सा सेवा प्रदान की जा सके। विंध्य क्षेत्र के नागरिकों, विशेषकर जनजातीय समुदायों में इन विकारों की व्यापकता को देखते हुए इस केन्द्र की आवश्यकता थी। यह केन्द्र रक्तजनित वंशानुगत विकारों का गहन अध्ययन करेगा और रोग की समय पर पहचान कर चिकित्सा सेवा प्रदान करेगा। कार्यक्रम में गांधी स्मारक चिकित्सालय के वरिष्ठ चिकित्सक और अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।

सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन के क्रियान्वयन में मध्यप्रदेश शीर्ष पर

मध्यप्रदेश में सिकिल सेल एनीमिया नियंत्रण के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रयास किए गये हैं। अब तक 80 लाख 67 हजार 135 लोगों की स्क्रीनिंग कर मध्यप्रदेश देश में शीर्ष स्थान पर है। सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन के प्रथम चरण में 46 लाख से अधिक लोगों को जेनेटिक काउंसलिंग कार्ड वितरित किए गए हैं, जिसमें भी मध्यप्रदेश देश में अग्रणी है। मध्यप्रदेश में सिकल सेल एनीमिया नियंत्रण के सफल पायलट प्रोजेक्ट के आधार पर पूरे देश में "सिकिल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन 2047" की शुरुआत की गई है, जिसमें 17 राज्य शामिल हैं।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने गुरू नानक जयंती पर गुरुग्रंथ साहब के दरबार में मत्था टेका


मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गुरू नानक जयंती के अवसर पर अरेरा कॉलोनी स्थित गुरुद्वारे में मत्था टेका और सिख संगत को गुरू नानक जयंती की बधाईयां दी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव का सिख समुदाय की ओर से सरोपा पहनाकर पुष्पहार से स्वागत किया गया।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि समाज में भाईचारे और सबकी चिन्ता करने वाले, सबको एक साथ लेकर चलने वाले और लोगों में समानता का भाव जगाने वाले गुरू नानक जी का जब हम स्मरण करते हैं तो मन प्रफुल्लित हो उठता है। सच्चे अर्थों में उनके संदेशों पर अमल करने वाले एवं उन्हें आत्मसात करने वाले लोग दुनिया के 200 से अधिक देशों में निवासरत हैं और उनकी अच्छाईयों और उनके संदेशों को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सम्पूर्ण मानवता के लिए समरसता एवं विश्व बंधुत्व का मार्ग प्रशस्त करने वाली उनकी शिक्षा और संदेश युगों-युगों तक हमारा मार्गदर्शन करते रहेंगे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि गुरू नानक देव जी ने अत्याचार एवं समाज की कुरीतियों के खिलाफ बुलंद आवाज उठाई। गुरू नानक देव जी के संदेशों को लोगों ने अंगीकार किया। उन्होंने विशेष रूप से माताओं और बहनों को साथ लेकर चलने और विदेशी आक्रमण की बड़ी से बड़ी चुनौतियों का सामना करने के लिए समाज को एक साथ खड़ा किया।

निशान साहिब को किया नमन

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने गुरुग्रंथ दरबार से बाहर निकल कर गुरुद्वारा परिसर स्थित निशान साहिब को नमन किया। निशान साहिब ध्वज स्तंभ पर फूल माला अर्पित कर मत्था टेका। इस अवसर पर नरेन्द्र सलूजा, सुरेंद्र सिंह अरोरा, सुखवीर सिंह, राहुल कोठारी एवं महिला सेवा मंडल की ओर से सुश्री इंद्रजीत कौर संधू, सुश्री कमलजीत कौर सलूजा, सुश्री गुरलीन खनूजा, सुश्री प्रेमजीत कौर, सुश्री जगमीत कौर एवं सिख समुदाय के लोग भी उपस्थित थे।

प्रकाश पर्व पर दी बधाई

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेशवासियों को गुरू नानक जयंती और प्रकाश पर्व पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि प्रकाश पर्व प्रदेश में धूमधाम और भव्यता के साथ आयोजित करें। मुख्यमंत्री ने प्रकाश पर्व के अवसर पर सिख समुदाय को 17 नवम्बर को मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित कार्यक्रम में आमंत्रित भी किया।

बैकुंठ चतुर्दशी के अवसर पर जागृत हिंदू मंच ने शीतलदास की बगिया पर किया दीप दान

भोपाल। बैकुंड चतुर्दशी के अवसर पर जागृत हिंदू मंच द्वारा भोपाल स्थित शीतलदास की बगिया पर दीप दान का आयोजन किया गया। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता और जागृत हिंदू मंच के संरक्षक डॉ. दुर्गेश केसवानी ने बताया कि बैकुंठ चतुर्दशी का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। साल में यह एक दिन ऐसा होता है जब भगवान विष्णु और भगवान शिव की आराधना एक साथ की जाती है।

डॉ. दुर्गेश केसवानी ने कहा की यह वर्ष भारत देश के लिए अति महत्वपूर्ण है, इस वर्ष भगवान श्री राम अयोध्या में वापस से विराजे हैं। इसलिए हर दिल हर्षित और पुलकित है। बैकुंड चतुर्दशी के अवसर पर जागृत हिंदू मंच द्वारा दीपदान के आयोजन में कोठारी बंधुओं को भी याद किया गया। केसवानी बोले कि कोठारी बंधुओं और हजारों ऐसे कार्यकर्ताओं के बलिदान के बाद ही आज राम मंदिर बन पाया है।

आयोजन में उपस्थित जागृत हिंदू मंच के संयोजक एडवोकेट सुनील जैन ने बताया कि जागृत हिंदू मंच हिंदुओं में धार्मिक भावना और अपने सनातन धर्म के प्रति आस्था की वृद्धि के लिए समय-समय पर ऐसे कार्यक्रम आयोजित करता है। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक रूप से हिंदुओं को धर्म से जोड़ने का प्रयास करता है। आयोजन में जागृत हिंदू मंच के महामंत्री राजा भैया ने बताया कि मंच बड़ी तेजी से पूरे प्रदेश में कार्य कर रहा है और हिंदुओं को जागृत करने तथा संगठित करने हेतु सतत प्रयासरत है तथा सनातन धर्म और संस्कृति के प्रचार प्रसार में प्राणपण से जुटा हुआ है।

राजा भैया ने बताया कि समय-समय पर बैठकों का आयोजन हो रहा है और इकाइयां गठित कर कार्यक्रम लगातार किये जा रहे हैं। आपको बतादें कि देव दीपावली के मौके पर भगवान भोलेनाथ के आंगन को एक हजार दीप प्रज्वालित कर रौशन किया गया। इस दौरान आतिशबाजी कर पटाखे भी फोड़ कर उत्साह जा प्रदर्शन किया गया। इस अवसर पर एडवोकेट सुनील जैन राजा भैया पंडित राजीव द्विवेदी विवेक पांडे रोहित कुशवाहा ऋषभ द्विवेदी जगदीश प्रसाद शर्मा किरण शर्मा त्रिदेव शर्मा ट्विंकल डॉ गौतम गोस्वामी डॉक्टर उषा गोस्वामी अमित गुप्ता नितिन मूलचंदानी योगेंद्र अमित वर्मा सहित सैकड़ों श्रद्धालुओं की उपस्थिति रही।

MP News: अपनी धरोहर को जानें, दुनिया को दिखाएं: राज्य संग्रहालय में विश्व धरोहर सप्ताह के दौरान सांस्कृतिक, साहित्यिक और मनोरंजक कार्यक्रम


भोपाल। मध्य प्रदेश की संस्कृति, कला और धरोहर न केवल हमारी पहचान हैं, बल्कि दुनियाभर में महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं। इनका महत्व युवाओं से लेकर आम जनता तक फैलाने के लिए समय-समय पर विभिन्न पहल की जाती रही हैं। इसी प्रयास के तहत राज्य संग्रहालय, राजधानी में एक विशेष बहुआयामी कार्यक्रम श्रृंखला का आयोजन कर रहा है। इस आयोजन के माध्यम से हम अपनी धरोहर से जुड़ी अहम जानकारियाँ और विशिष्टताओं को लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा।

विश्व धरोहर सप्ताह एक महत्वपूर्ण आयोजन

मध्य प्रदेश के भोपाल, ग्वालियर जबलपुर और इंदौर में 19 से 24 नवंबर तक आयोजित होने वाला 'विश्व धरोहर सप्ताह' भारतीय धरोहर के संरक्षण और प्रचार-प्रसार के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। कार्यक्रम का उद्घाटन मंत्री धर्मेंद्र सिंह लोधी द्वारा किया जाएगा | विश्व धरोहर सप्ताह भोपाल के राज्य संग्रहालय, श्यामला हिल्स, ग्वालियर के गुजरी महल, जबलपुर के रानी दुर्गावती संग्रहालय, इंदौर के इंदौर संग्रहालय एवं उज्जैन के त्रिवेणी संग्रहालय में स्थित होगी।

होगा व्याख्यान

व्याख्यान विरासत के अनमोल खजाने पर प्रकाश डालते हुए

विश्व धरोहर सप्ताह के पहले दिन 19 नवंबर को एक विशेष व्याख्यान का आयोजन भी किया जाएगा। व्याख्यान का विषय होगा 'विश्व विरासत', जिसमें देश-विदेश की धरोहर से जुड़े महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा की जाएगी। पुरातत्व विशेषज्ञ डॉ. राजेंद्र यादव और डॉ. सीएस सक्सेना इस विषय पर अपने अनुभव और ज्ञान साझा करेंगे। यह व्याख्यान आम जनता के लिए खुला रहेगा और यहां उपस्थित लोग हमारी धरोहर के बारे में नई और रोचक जानकारी प्राप्त करेंगे।

आकर्षक कार्यक्रम और प्रतियोगिताएं

इस दौरान भारतीय प्राचीन स्मारकों पर आधारित छाया चित्र प्रदर्शनी, व्याख्यानमाला, चित्रकला प्रतियोगिता, एवं सांस्कृतिक लोक नृत्य का आयोजन किया जाएगा। प्रदर्शनी का उद्घाटन 19 नवंबर को होगा और इसे पूरे सप्ताह, 24 नवंबर तक देखा जा सकेगा। 

आयोजन यह भी 

विश्व धरोहर सप्ताह के तहत आयोजित किए जाने वाले अन्य कार्यक्रमों में युवाओं और विद्यार्थियों के लिए विशेष प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी। इसके माध्यम से वे अपनी धरोहर से संबंधित ज्ञान को बढ़ा सकते हैं। इसके साथ ही एक चित्रकला प्रतियोगिता भी आयोजित की जाएगी, जहां प्रतिभागी अपनी कला के माध्यम से धरोहर की महत्ता को उजागर करेंगे। इसके अलावा 

विरासत यात्रा के माध्यम से भी इस सप्ताह के दौरान लोगों को विभिन्न धरोहर स्थलों की यात्रा का अनुभव कराया जाएगा। जिससे उन्हें हमारे सांस्कृतिक धरोहर की गहरी समझ हो सकें।

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MP News : कवायद बंद करने की चल रही, इधर बढ़ रहे मदरसा स्टूडेंट्स, मदरसा बोर्ड एग्जाम में बढ़े 200 फॉर्म, जानें कब से है परीक्षा

खान आशु 

भोपाल। प्रदेश और देश में मदरसा को लेकर एक अघोषित मुहिम छिड़ी हुई है। इनसे आतंकवाद की तालीम दी जा रही है, के आरोप के साथ हिंदूवादी संगठनों ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। सरकारी कोशिशें भी इनके खिलाफ असहयोग का रवैया अपनाए हुए हैं। लेकिन इसके विपरीत मदरसों का एक सकारात्मक पहलू यह भी है कि प्रदेश या सम्भवतः पूरे देश में मदरसा बोर्ड ही एकलौता बोर्ड है, जो हाई स्कूल और हायर सेकंडरी परीक्षाएं उर्दू माध्यम से आयोजित करवा रहा है। यही वजह है कि इन परीक्षाओं में शामिल होने वाले स्टूडेंट्स की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। पिछले 4=5 साल में इन परीक्षाओं में शामिल होने वाले स्टूडेंट्स की संख्या में करीब 200 बच्चों की बढ़ोतरी हुई है। 18 दिसंबर से शुरू होने वाली मदरसा बोर्ड परीक्षा में प्रदेश के करीब 988 परीक्षार्थी शामिल होने वाले हैं।

जानकारी के मुताबिक मध्य प्रदेश मदरसा बोर्ड की हाई स्कूल एवं हॉयर सेकेंडरी उर्दू माध्यम की परीक्षाएं 18 दिसंबर से शुरू होंगी। 1 जनवरी 2025 तक आयोजित की जाने वाली इस परीक्षा में प्रदेश के विभिन्न जिलों से कुल 988 छात्र छात्राएं सम्मिलित होंगे। गौरतलब है कि 

मदरसा बोर्ड प्रदेश का एकमात्र ऐसा बोर्ड है, जो हाई स्कूल एवं हॉयर सेकेंडरी परीक्षाएं उर्दू माध्यम से आयोजित करता है। इन परीक्षाओं को माध्यमिक शिक्षा मंडल की 10वीं एवं 12वीं की परीक्षा के बराबर मान्यता/समकक्षता प्राप्त है।

यह है शेड्यूल 

1. 18 दिसंबर : हिंदी, उर्दू, अंग्रेजी 

2. 19 दिसंबर : गणित, वाणिज्य

3. 20 दिसंबर : विज्ञान

4. 21 दिसंबर : उर्दू

5. 23 दिसंबर : सामाजिक विज्ञान 

6. 24 दिसंबर : गृह विज्ञान 

7. 26 दिसंबर : अर्थ शास्त्र

8. 27 दिसंबर : तर्जुमा तफ़सीर कुरआन

9. 28 दिसंबर : तारीख ए इस्लाम 

10. 30 दिसंबर : फीका इस्लामी 

11. 31 दिसंबर : हदीस, उलूमे हदीस

घट रही सुविधाएं, बढ़ रहीं मुश्किलें

मप्र मदरसा बोर्ड से संबद्ध करीब साढ़े छह हजार मदरसा प्रदेश भर में संचालित हैं। जिनमें शिक्षारत स्टूडेंट्स की संख्या लाखों में है। मप्र राज्य ओपन स्कूल द्वारा इन मदरसों की साल में दो बार परीक्षाएं कराई जाती थीं, जिन्हें कम करके एक कर दिया गया है। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय और प्रदेश सरकार की संयुक्त निधि से मदरसा संचालन के लिए दी जाने वाली राशि भी लंबे समय से लंबित है। जिसके चलते मदरसा संचालन मुश्किल हो गया है। 

अदालत से हुई बहाली

प्रदेश समेत देशभर में चली एक मुहिम के तहत सभी मदरसा को बंद करने की तैयारी कर ली गई थी। लेकिन लंबी चढ़ी अदालती कार्रवाई के बाद न्यायालय ने इस स्थिति को नियंत्रित कर दिया है। सबके लिए शिक्षा का अधिकार के सूत्र पर फैसला देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मदरसा संचालन, इनको दी जाने वाली अनुदान राशि और यहां से संचालित परीक्षाओं की व्यवस्था यथावत रखने के निर्देश जारी कर दिए हैं।

बरसों से खाली बोर्ड

मप्र मदरसा बोर्ड में आखिरी बार अध्यक्षीय भूमिका प्रो सैयद ईमाद उद्दीन ने निभाई। वर्ष 2018 में प्रदेश में आई कांग्रेस सरकार, उसके विघटन से लेकर पुनः भाजपा सरकार बनने की स्थिति के बाद अब तक मदरसा बोर्ड को नया कार्यकारिणी मंडल नहीं मिल पाया है। प्रदेश में जारी उप चुनाव प्रक्रिया पूरी होने के बाद होने वाली निगम मंडल की नियुक्तियों के बीच उम्मीद की जा रही है कि इस बोर्ड को भी नए पदाधिकारी मिल जाएंगे।