MP News : कवायद बंद करने की चल रही, इधर बढ़ रहे मदरसा स्टूडेंट्स, मदरसा बोर्ड एग्जाम में बढ़े 200 फॉर्म, जानें कब से है परीक्षा
खान आशु
भोपाल। प्रदेश और देश में मदरसा को लेकर एक अघोषित मुहिम छिड़ी हुई है। इनसे आतंकवाद की तालीम दी जा रही है, के आरोप के साथ हिंदूवादी संगठनों ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। सरकारी कोशिशें भी इनके खिलाफ असहयोग का रवैया अपनाए हुए हैं। लेकिन इसके विपरीत मदरसों का एक सकारात्मक पहलू यह भी है कि प्रदेश या सम्भवतः पूरे देश में मदरसा बोर्ड ही एकलौता बोर्ड है, जो हाई स्कूल और हायर सेकंडरी परीक्षाएं उर्दू माध्यम से आयोजित करवा रहा है। यही वजह है कि इन परीक्षाओं में शामिल होने वाले स्टूडेंट्स की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। पिछले 4=5 साल में इन परीक्षाओं में शामिल होने वाले स्टूडेंट्स की संख्या में करीब 200 बच्चों की बढ़ोतरी हुई है। 18 दिसंबर से शुरू होने वाली मदरसा बोर्ड परीक्षा में प्रदेश के करीब 988 परीक्षार्थी शामिल होने वाले हैं।
जानकारी के मुताबिक मध्य प्रदेश मदरसा बोर्ड की हाई स्कूल एवं हॉयर सेकेंडरी उर्दू माध्यम की परीक्षाएं 18 दिसंबर से शुरू होंगी। 1 जनवरी 2025 तक आयोजित की जाने वाली इस परीक्षा में प्रदेश के विभिन्न जिलों से कुल 988 छात्र छात्राएं सम्मिलित होंगे। गौरतलब है कि
मदरसा बोर्ड प्रदेश का एकमात्र ऐसा बोर्ड है, जो हाई स्कूल एवं हॉयर सेकेंडरी परीक्षाएं उर्दू माध्यम से आयोजित करता है। इन परीक्षाओं को माध्यमिक शिक्षा मंडल की 10वीं एवं 12वीं की परीक्षा के बराबर मान्यता/समकक्षता प्राप्त है।
यह है शेड्यूल
1. 18 दिसंबर : हिंदी, उर्दू, अंग्रेजी
2. 19 दिसंबर : गणित, वाणिज्य
3. 20 दिसंबर : विज्ञान
4. 21 दिसंबर : उर्दू
5. 23 दिसंबर : सामाजिक विज्ञान
6. 24 दिसंबर : गृह विज्ञान
7. 26 दिसंबर : अर्थ शास्त्र
8. 27 दिसंबर : तर्जुमा तफ़सीर कुरआन
9. 28 दिसंबर : तारीख ए इस्लाम
10. 30 दिसंबर : फीका इस्लामी
11. 31 दिसंबर : हदीस, उलूमे हदीस
घट रही सुविधाएं, बढ़ रहीं मुश्किलें
मप्र मदरसा बोर्ड से संबद्ध करीब साढ़े छह हजार मदरसा प्रदेश भर में संचालित हैं। जिनमें शिक्षारत स्टूडेंट्स की संख्या लाखों में है। मप्र राज्य ओपन स्कूल द्वारा इन मदरसों की साल में दो बार परीक्षाएं कराई जाती थीं, जिन्हें कम करके एक कर दिया गया है। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय और प्रदेश सरकार की संयुक्त निधि से मदरसा संचालन के लिए दी जाने वाली राशि भी लंबे समय से लंबित है। जिसके चलते मदरसा संचालन मुश्किल हो गया है।
अदालत से हुई बहाली
प्रदेश समेत देशभर में चली एक मुहिम के तहत सभी मदरसा को बंद करने की तैयारी कर ली गई थी। लेकिन लंबी चढ़ी अदालती कार्रवाई के बाद न्यायालय ने इस स्थिति को नियंत्रित कर दिया है। सबके लिए शिक्षा का अधिकार के सूत्र पर फैसला देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मदरसा संचालन, इनको दी जाने वाली अनुदान राशि और यहां से संचालित परीक्षाओं की व्यवस्था यथावत रखने के निर्देश जारी कर दिए हैं।
बरसों से खाली बोर्ड
मप्र मदरसा बोर्ड में आखिरी बार अध्यक्षीय भूमिका प्रो सैयद ईमाद उद्दीन ने निभाई। वर्ष 2018 में प्रदेश में आई कांग्रेस सरकार, उसके विघटन से लेकर पुनः भाजपा सरकार बनने की स्थिति के बाद अब तक मदरसा बोर्ड को नया कार्यकारिणी मंडल नहीं मिल पाया है। प्रदेश में जारी उप चुनाव प्रक्रिया पूरी होने के बाद होने वाली निगम मंडल की नियुक्तियों के बीच उम्मीद की जा रही है कि इस बोर्ड को भी नए पदाधिकारी मिल जाएंगे।
Nov 17 2024, 13:16