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शंकरगढ़ रेलवे स्टेशन के पास टैक्सी चालकों की दबंगई से यात्री परेशान

विश्वनाथ प्रताप सिंह

शंकरगढ़, प्रयागराज। उत्तर मध्य रेलवे स्टेशन शंकरगढ़ में आने वाली ट्रेनों से उतरने वाली सवारिया अपने गंतव्य स्थान को जाने के लिए अपने मन से टैक्सी में बैठ कर नही जा सकते। ट्रेन के आते ही कुछ दबंग किस्म के टैक्सी चालक ट्रेन से उतरने वाली सवारी से अभद्रता करते हुए जबरन अपनी टैक्सी में बैठाते हैं। कभी कभी तो दबंग टैक्सी चालक सवारियों से मारपीट पर आमादा हो जाते हैं।

सवारी को लेकर टैक्सी चालकों में प्राय: मारपीट तक हो जाती है। मामला पुलिस तक भी पहुंचा लेकिन दबंग किस्म के चालकों की कार्य प्रणाली पर कोई अंकुश नहीं दिखाई पड़ रहा है। बताया जाता है कि अवैध रूप से चल रहे टैक्सी चालकों के पास न तो ड्राइवरी लाइसेंस है। न ही टैक्सी के कगजात सही है।

दबंग किस्म कुछ टैक्सी चालकों से ट्रेन से उतरते वाले यात्री परेशान है। ट्रेन से उतरने वाले यात्रियों में महिलाएं,युवतियां व बच्चे दबंग किस्म के टैक्सी चालकों से परेशान है। यदि दबंग किस्म के कतिपय टैक्सी चालकों पर अंकुश नहीं लगाया गया तो भविष्य में बड़ी घटना हो सकती है। ज्योति गेस्ट हाउस तथा उसके सामने रेलवे मैदान में टैक्सी चालकों का जमावड़ा लगा रहता है।

कार्रवाई न होने पर भारतीय किसान यूनियन भानु संगठन करेगा आंदोलन जिलाध्यक्ष : राकेश कुमार सिंह

विश्वनाथ प्रताप सिंह

कौशाम्बी जिलाध्यक्ष राजू सिंह के अगवाई में तहसील चायल में भारतीय किसान यूनियन भानु संगठन ने किसान पंचायत किया।बैठक में संगठन के पाधिकारियो ने किसानों के समस्याओं को सुना।किसानों द्वारा दिये गए शिकायती पत्र में जिम्मेदारो द्वारा कार्य न करने पर संगठन के पदाधिकारी काफी नाराज दिखे।

जिलाध्यक्ष राजू सिंह ने कहा कि संगठन ज्ञापन के माध्यम से कई बार कौशाम्बी के अधिकारियों को किसानों के समस्या से अवगत कराया लेकिन कुशाम्बी जिले के जिम्मेदारों द्वारा कोई सुनवाई नही किया गया।राजस्व विभाग के कर्मचारी बिना सुविधा शुल्क लिए कोई कार्य नही करते है यदि कोई ब्यक्ति पैसा नही दे पाता है उसे कानूनी प्रक्रिया बता कर हीलाहवाली करते है।ईमानदार जिलाधिकारी का भी इन राजस्व विभाग के कर्मचारियों को कोई भय नही है।गरीब किसान अपना कीमती समय निकाल कर इन राजस्व कर्मी चक्कर काटते रहते है।लेकिन कोई काम नही होपाता है।जिलाधयक्ष ने बैठक में संगठन के माध्यम से चेतावनी देते हुए कहा कि यदि दिए गए ज्ञापनों पर दस दिन के अंदर कार्यवाही नही हुआ तो भानु संगठन बड़ा आंदोलन करने के लिये बाध्य हो जाएगा जिसके जिम्मदार कौशाम्बी जिले के जिम्मेदार होंगे।

बैठक में जिलाध्यक्ष महिला मोर्चा अरुण कन्या,मंडल उपाध्यक्ष कुंजन पटेल,तहसील अध्यक्ष शारदा प्रसाद ,जिला उपाध्यक्ष ज्ञान सिंह यादव,जिला महासचिव बिरेन्द्र कुमार,दिवाकर कुशवाहा,सुशीला देवी,सुजाता पटेल,आदि संगठन के पदधिकारि एवम सदस्य शामिल रहे।

जी सिंह महाविद्यालय शैक्षणिक टूर पर गया सारनाथ

गुफरान खान

प्रयागराज|जी सिंह लॉ कॉलेज सहसों प्रयागराज के एल एल, बी, एवम बी ए एल एल बी के छात्रों का एक ग्रुप शैक्षिक भ्रमण हेतु सारनाथ वाराणसी गया था। साथ में जी सिंह लॉ कॉलेज के प्राचार्य एवम समस्त शैक्षिक स्टाफ भी थे। डायरेक्टर सर प्रदीप कुमार सिंह जी टूर कन्वेनियर थे। जी सिंह लॉ कॉलेज ही प्रयागराज परिक्षेत्र का ऐसा लॉ कॉलेज है जहां समय समय पर छात्रों को शैक्षिक भ्रमण का मौका मिलता है।सारनाथ ऐतिहासिक एवम धार्मिक स्थल है।

भगवान बुद्ध ने अपना पहला उपदेश सारनाथ में ही दिया था।मौर्य कालीन शासक सम्राट अशोक ने यहां धमेक स्तूप का निर्माण कराया था। यही पर बौद्धों के लिए तमाम चैत्य विहार भी बनाए गए थे।यहीं पर गुप्त काल में बना चौखंडी स्तूप भी है। समस्त छात्र एवम् छात्राएं टूर के दौरान भरपूर आनंद उठाए।समस्त छात्र वहां पर विदेशी पर्यटकों से भी संवाद किए।

फैकल्टी मेंबर में प्रिंसिपल पीसी सरोज वाइस प्रिंसिपल आशुतोष शुक्ला साथ में स्टाफ रेशमा , रुचि,विजय,विवेक एवं प्रदीप सर एवं छात्राओं की टीम प्रमुख रूप से योगदान रहा विनोद कुमार शर्मा ,अभिषेक यादव,कार्तिकेय, शिवम,अमन श्रद्धा ,आकाश ,अरुण एवं सभी छात्र एवं छात्राएं

भाविनी वेलफेयर सोसाइटी ने बाल मेले का आयोजन किया

गुफरान खान

प्रयागराज। बाल दिवस के उपलक्ष में भाविनी वेलफेयर सोसाइटी के अंतर्गत संचालित भाविनी डे केयर सेंटर एवं भाविनी स्वयं सहायता समूह के संयुक्त तत्वाधान मेँ स्पेशल बच्चों एवं उनके अभिभावक द्वारा बाल मेले का आयोजन किया गया l संस्था की सचिव पूनम सिंह,NHRCCB से महिला विंग की जिला अध्यक्ष श्वेता साहू जी, मीरा सिंह जी के द्वारा पिता काटकर और चाचा नेहरू के प्रतिमा पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया|

संस्था के उपसचिव रुचि राय ने सभी अतिथियों को माला पहनकर स्वागत किया|मीडिया प्रभारी शिशिर गुप्ता की उपस्थिति में बच्चों ने गायन एवं नृत्य प्रस्तुत किये l खेलकूद प्रतियोगिता में चम्मच नींबू गेम्स मैं अनिरुद्ध श्रीवास्तव प्रथम, अमोस भटनागर द्वितीय, निमिषा कपूर तृतीय, म्यूजिकल चेयर जूनियर के बच्चों में सनाया पाल प्रथम, प्रबलीना दत्ता द्वितीय, मृन्मय पांडा तृतीय, सीनियर वर्ग के बच्चों मेंमाही सिंह प्रथम, श्रेयांश द्विवेदी द्वितीय, जोसफ दयाल तृतीया, बकेट बॉल गेम्स में कृषि अरोड़ा प्रथम, देव कुमार द्वितीय, आहना मुखर्जी तृतीय स्थान प्राप्त किया l

संस्था की सचिव पूनम सिंह ने सभी बच्चों को पुरस्कृत किया|संस्था की उपसचिव रुचि राय सभी आए हुए आगंतुको को धन्यवाद ज्ञापन किया l अभिभावकों में सोनल श्रीवास्तव, रितु भटनागर, अर्चिता अरोड़ा, विजेता सिंह, भावना सिंह,भारती सिंह, डॉक्टर शिखा यादव ने स्टॉल लगाने में विशेष योगदान दिया|अध्यापकों में शीलू सोनकर( विशेष शिक्षिका,) मुस्कान मिश्रा (विशेष शिक्षिका,) डॉक्टर छविराज (फिजियोथैरेपिस्ट), कृष्णा चौधरी, शशि भारतीय, हर्षवर्धन सिंह, विद्या धुरिया का स्पेशल बच्चों की सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं खेल की प्रतियोगिता में विशेष योगदान दिया|कार्यक्रम का संचालन रुचिरा द्वारा किया गया|

मुक्त विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में जुटे कई देशों के विद्वान

प्रयागराज। उ.प्र. राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय, प्रयागराज एवं शुआट्स,प्रयागराज के संयुक्त तत्वावधान में सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के रास्ते, संभावनाएँ एवं चुनौतियाँ विषय पर अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी (पीसीपीएसडीजी) का आयोजन गुरुवार को मुक्त विश्वविद्यालय के सरस्वती परिसर स्थित लोकमान्य तिलक शास्त्रार्थ सभागार में किया गया ।

संगोष्ठी का उद्घाटन करते हुए मुख्य अतिथि प्रोफेसर रमेश चन्द्रा, कुलपति, महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय, भरतपुर, राजस्थान ने कहा कि सतत विकास का सार गीता में निहित है। सतत विकास के लिए कर्म की प्रधानता आवश्यक है। भारतवर्ष आज निरंतर सतत विकास की ओर अग्रसर है। शिक्षा में गरीबी और असमानता को हटाना होगा। सभी के स्वास्थ्य की चिंता करनी पड़ेगी जिससे विकास के इस दौड़ में कोई भी व्यक्ति पीछे ना रह जाए।

अध्यक्षीय उद्बोधन करते हुए कुलपति प्रोफेसर सत्यकाम ने कहा कि शिक्षा के माध्यम से ही हम सतत विकास के लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने सतत विकास के विभिन्न आयामों की चर्चा करते हुए गरीबी, राजनीति एवं विज्ञान को एक दूसरे में समाहित किया। उन्होंने वर्तमान विश्व में दवाइयों से आने वाली समस्या एवं उसके निराकरण पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए मंथन काफी प्रभावी सिद्ध होगा।

उद्घाटन सत्र के विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर आनंद वर्धन शर्मा, प्रोफेसर निदेशक, यूजीसी एचआरडीसी, काशी हिंदू विश्वविद्यालय,वाराणसी ने कहा कि पर्यावरण एवं विकास में गहरा संबंध है। विश्व में पृथ्वी शिखर सम्मेलन में पर्यावरण के संबंध में विस्तृत चर्चा की जाती है। एक तरफ हमें विकास को आगे बढ़ाना है साथ में पर्यावरण की भी चिंता करनी है। सतत विकास के जिन 17 बिंदुओं की आज चर्चा हो रही है वह भारतीय परिप्रेक्ष्य में पुराणों एवं प्राचीन ग्रंथों में उपलब्ध हैं।

मुख्य वक्ता प्रोफेसर कुलदीप कुमार, सेंटर फॉर डाटा एनालिस्टिक्स, बौन्ड बिजनेस स्कूल, बौन्ड यूनिवर्सिटी, क्वींसलैंड, आॅस्ट्रेलिया ने कहा कि भूख और गरीबी को हटाए बिना सतत विकास की अवधारणा को साकार नहीं किया जा सकता। इसके साथ ही हमें महिला सशक्तिकरण पर भी बल देना होगा तथा विज्ञान का मानव कल्याण में प्रयोग करना होगा।

प्रारम्भ में संयोजक प्रोफेसर श्रुति ने अतिथियों का स्वागत किया। डॉ दिनेश कुमार गुप्ता ने संगोष्ठी की रूपरेखा प्रस्तुत की। संचालन डॉक्टर गौरव संकल्प और धन्यवाद ज्ञापन कुलसचिव कर्नल विनय कुमार ने किया। विभिन्न तकनीकी सत्रों में विशिष्ट वक्ता डॉ विश्वेश दीक्षित, सिंगापुर, रवीन्द्र चंद्रसिरी, पल्लियागुरूगे, श्रीलंका, निमिषा चतुवेर्दी, फ्रांस, राजाअप्पुस्वामी, फ्रांस, सुश्री यू जी सी फर्नांडो, श्रीलंका, डॉ मृत्युंजय डी पांडेय, बी एच यू , डॉ जय सिंह, बीएचयू, डॉ सुधीर कुमार सिंह, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, डॉ मृगेन्द्र दुबे, आई आई टी, इंदौर एवं डॉ नंदकिशोर गोरे, बीबीएयू, लखनऊ ने सतत विकास पर प्रभावी व्याख्यान दिए।

समापन सत्र के मुख्य अतिथि प्रोफेसर अनूप चतुवेर्दी, सांख्यिकी विभाग, इलाहाबाद विश्वविद्यालय एवं विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर बेचन शर्मा, संकायाध्यक्ष, विज्ञान संकाय, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, प्रयागराज ने कहा कि आजकल वैश्विक स्तर पर सतत विकास लक्ष्य सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा है जिसे संयुक्त राष्ट्र ने 2015 में प्रस्तावित किया था और कहा था कि सभी 17 लक्ष्यों को 2030 तक प्राप्त करने का लक्ष्य रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि आज की यह अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए मील का पत्थर साबित होगी।

संगोष्ठी की अध्यक्षता कुलपति प्रोफेसर सत्यकाम ने की। अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के समापन सत्र में प्रोफेसर ए के मलिक ने सेमिनार की रिपोर्ट प्रस्तुत की। अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में आस्ट्रेलिया,सिंगापुर, फ्रांस, श्रीलंका एवं भारत के विभिन्न राज्यों महाराष्ट्र, गुजरात, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, असम, दिल्ली, उत्तराखंड, राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश से 150 से अधिक प्रतिभागियों ने प्रतिभाग कर शोध पत्र प्रस्तुत किए। उक्त जानकारी जनसंपर्क अधिकारी डा. प्रभात चन्द्र मिश्र ने दी।

नेहरू जी के जीवन वृत्त को उतारने की आवश्यकता: पवनेश उपाध्याय

विश्वनाथ प्रताप सिंह

करछना, प्रयागराज। सरस्वती बाल मंदिर/ एसबीएम पब्लिक स्कूल गंधियांव करछना में पंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्म दिवस पर बाल दिवस का आयोजन किया गया। जिसमें विद्यालय के प्रबंधक पवनेश उपाध्याय ने नेहरू जी के जीवन वृत्त पर प्रकाश डालते हुए बच्चों को उनके द्वारा किए गए कार्यों को अपने जीवन में उतारने का संदेश दिया। विद्यालय के वरिष्ठ अध्यापक दूध मणि सिंह (डीम सर) ने भी बच्चों को प्रोत्साहित किया एवं प्रेरक प्रसंग सुनाए। विद्यालय के प्रधानाचार्य मदीना परवीन ने भी अपनी बात रखते हुए बच्चों को अनेक संस्मरण सुनाए। प्रिया सिंह खुशबू यादव त्रिभुवन नाथ यादव ने भी विशेष रूप से अपनी बात रखी तत्पश्चात बच्चों को लड्डू, टॉफियां, समोसे आदि का वितरण कर उन्हें शिक्षा के साथ-साथ अन्य सभी क्षेत्रों में भी आगे बढ़ने की प्रेरणा दी गई।

भारत स्काउट/गाइड का शेरवानी कॉलेज में पांच दिवसीय तृतीय सोपान शिविर का हुआ भव्य शुभारंभ

प्रयागराज। जनपद के नगर क्षेत्र के कौड़िहार द्वितीय स्थित एम आर शेरवानी इन्टर कॉलेज सलाहपुर प्रयागराज में भारत स्काउट एंड गाइड उत्तर प्रदेश के निर्देशन में प्रथम सोपान, द्वितीय सोपान एवं तृतीय सोपान के पांच दिवसीय प्रशिक्षण का भव्य शुभारंभ हर्षोल्लास के साथ 12 नवंबर 2024 को हुआ। जिसमें शेरवानी इंटर कॉलेज सलाहपुर एवं पब्लिक इंटर कॉलेज मनौरी के 50 से अधिक स्काउट सेक्सन की उपस्थिति रही। शिविर पांच दिनों तक अनवरत जारी रहेगा शिविर का उद्घाटन ध्वज शिष्टाचार सेरेमनी के माध्यम से किया गया।

जिसमें शिविर को संचालित करने के लिए प्रशिक्षक राकेश कुमार यादव, गायत्री यादव, सीमा कुशवाहा एवं शेरवानी इंटर कॉलेज के स्काउट मास्टर इरशाद अहमद प्रशिक्षक उपस्थित रहे।प्रथम दिवस पर प्रशिक्षण प्राप्त करने आए स्काउट छात्रों को शिविर के नियम के अलावा कार्यक्रम का विभाजन, प्रार्थना,झंडा गीत, रिपोर्टिंग सलामी, प्रतिज्ञा, नोटबुक को कैसे मेनटेन करें इत्यादि के बारे में बताया गया।शिविर को मुख्य रूप से गति प्रदान करने के लिए एम आर शेरवानी इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य मोहम्मद याकूब द्वारा अपने विचार प्रस्तुत किए गए। पांच दिवसीय शिविर में मुख्य रूप से उप प्रधानाचार्य रशीद महमूद,मोहम्मद एहतेशाम आलम सिद्दीकी,मोहम्मद आसिफ,आलोक यादव, वीरेंद्र कुमार पांडेय,आफताब आलम,मेराजअंसारी,शमूनअहमद,मोहम्मद शाहिद, अब्दुल वहाब अंसारी ने सभी प्रशिक्षण शिविर के प्रतिभागियों को शुभकामनाये दी।

अल्पसंख्यक कांग्रेस ने मदरसे के बच्चो के बीच मनाया बाल दिवस

विश्वनाथ प्रताप सिंह

प्रयागराज। करेली स्थित मदरसा में अल्पसंख्यक कांग्रेस के शहर अध्यक्ष अरशद अली की अध्यक्षता में अल्पसंख्यक कांग्रेस के पदाधिकारियों ने मदरसे के बच्चो के बीच देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की जयंती मनाई इस मौके पर पीसीसी सदस्य वरिष्ठ कांग्रेसी नेता फूजैल हाशमी ने बच्चों फल फ्रूट और मिठाई बाटी और जवाहर लाल नेहरू जी के बारे मे बच्चों को बताया कि पंडित जवाहरलाल नेहरू

नवम्बर १४,१८८९ - मई २७, १९६४) भारत के प्रथम प्रधानमन्त्री थे और स्वतन्त्रता के पूर्व और पश्चात् की भारतीय राजनीति में केन्द्रीय व्यक्तित्व थे।

आगे फूजैल हाशमी ने बताया महात्मा गांधी के संरक्षण में, वे भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन के सर्वोच्च नेता के रूप में उभरे और उन्होंने १९४७ में भारत के एक स्वतन्त्र राष्ट्र के रूप में स्थापना से लेकर १९६४ तक अपने निधन तक, भारत का शासन किया। वे आधुनिक भारतीय राष्ट्र-राज्य झ्र एक सम्प्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, और लोकतान्त्रिक गणतन्त्र - के वास्तुकार माने जाते हैं। वही इस मौके पर शहर अध्यक्ष अरशद अली ने बताया नेहरू जी आजादी की लड़ाई के दौरान अंग्रेजों ने उन्हें 9 बार जेल भेजा था और 3259 दिन जेल में बिताए थे। आगे अरशद ने बताया कि वो कश्मीरी पण्डित समुदाय के साथ उनके मूल की वजह से वे पण्डित नेहरू भी बुलाए जाते थे, जबकि भारतीय बच्चे उन्हें प्यार से चाचा नेहरू के रूप में जानते हैं।

नेहरू जी स्वतन्त्र भारत के प्रथम प्रधानमन्त्री का पद संभालने के लिए कांग्रेस द्वारा नेहरू निर्वाचित हुए, यद्यपि नेतृत्व का प्रश्न बहुत पहले 1941 में ही सुलझ चुका था, जब गांधीजी ने नेहरू को उनके राजनीतिक वारिस और उत्तराधिकारी के रूप में अभिस्वीकार किया। प्रधानमन्त्री के रूप में, वे भारत के सपने को साकार करने के लिए चल पड़े। इस मौके पर परवेज सिद्दीकी, हाजी सरताज, महफूज अहमद, तालिब अहमद, मुख्तार अहमद, मो हसीन, शकील अहमद,जाहिद नेता, लईक अहमद, गुलाम वारिस, आदि मौजूद रहे।

संकटमोचन बजरंग बली के आगे इस संसार में सभी असुरी शक्तियाँ स्वत: ही नष्ट हो जाती हैं : राजेश तिवारी

विश्वनाथ प्रताप सिंह

प्रयागराज। संकटमोचन बजरंग बली के आगे इस संसार में सभी असुरी शक्तियाँ स्वत: ही नष्ट हो जाती हैं यह अभिव्यक्ति एशोसिएशन बोरिंग टेक्नीशियन प्रयागराज के जिला मंत्री राजेश तिवारी ने बाराही माता के दरबार में स्थित बजरंग बली के मन्दिर के पुजारी संजय दास बाबा से दिघिया माण्डा प्रयागराज में कही।

संज्ञानित कराते चले कि जिला मंत्री अपने साधनाकाल में प्रभू बजरंग बली को ही अपना प्रथम गुरु मानकर साधना प्रारम्भ की थी एवं जिला मंत्री प्रभू बजरंग बली के अनन्य भक्तों में से एक हैं।जिला मंत्री ने अपने उद्बोधन में कहा कि संकटमोचन बजरंग बली के आगे इस संसार में सभी असुरी शक्तियाँ स्वत: ही नष्ट हो जाती हैं क्योंकि प्रभू बजरंग बली का अवतार ही असुरी शक्तियों का सर्वनाश करने के लिए हुआ है।त्रेतायुग में प्रभू श्रीराम की सेवा एवं असुरों का दमन यह पूर्णत: सिद्ध करता है बजरंग बली का अवतार आसुरी शक्तियों का सर्वनाश करने के लिए ही हुआ है।जो कार्य इस संसार में कोई नही कर सकता उसे केवल प्रभू बजरंग बली ही कर सकते हैं।

माँ भगवती आदिशक्ति सीता ने इन्हें अष्टसिद्धि एवं नवनिधि का वरदान दिया था जिस कारण प्रभू बजरंग बली इस संसार में अमर हो संसार के सभी असम्भव कार्य को करने में दक्षता प्राप्त की है।प्रभू बजरंग बली को प्रसन्न करने का केवल एक ही तरीका है कि सत्य एवं न्याय के पथ पर चलते रहे और प्रभू बजरंग बली का नाम लेते रहे तो प्रभू बजरंग बली आपकी नित सहायता करते हुए आपकी रक्षा करते रहेंगे। जिला मंत्री ने अपने व्यक्तव्य में यह भी कहा कि रहे पक्का विश्वास बजरंग बली पर तो कोई छल कपट नही कर सकता,छली स्वयं ही अपने छल में छल जाएगा कभी धोखा हो नही सकता।इस अवसर पर उपस्थित शिक्षाविद जोखू लाल पटेल ने कहा कि जिला मंत्री द्वारा प्रभू बजरंग बली की महिमा बहुत ही सुन्दर एवं उच्चकोटि के वचनों में वर्णित की गयी है।इस देव दर्शन एवं आध्यात्मिक वार्ता के दौरान शिक्षाविद कमलेश पाण्डेय एवं आलोक गुप्ता सहित आस पास बहुत से लोग मौजूद रहे।

सीएम योगी की पहल पर आयोग का फैसला, एक ही दिन होगी पीसीएस (प्रा.) परीक्षा

विश्वनाथ प्रताप सिंह

प्रयागराज। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने प्रयागराज में प्रदर्शन कर रहे प्रतियोगी परीक्षा के अभ्यर्थियों की मांगों को ध्यान में रखते हुए बड़ा निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री की पहल पर उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने आगामी पीसीएस (प्रारंभिक) परीक्षा 2024 को एक ही दिन में आयोजित करने का फैसला किया है। इस निर्णय से प्रतियोगी परीक्षा देने वाले लाखों छात्रों को राहत मिली है।

छात्रों के हित में सीएम योगी की पहल

पिछले कुछ दिनों से पीसीएस और अन्य चयन परीक्षाओं को लेकर छात्रों के बीच असंतोष की स्थिति थी। छात्रों की मांग थी कि पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा को एकाधिक पालियों में कराने के बजाय एक ही दिन में संपन्न कराया जाए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने छात्रों की इन मांगों का संज्ञान लेते हुए आयोग को निर्देश दिया कि वह छात्रों के साथ संवाद स्थापित कर आवश्यक निर्णय ले। आयोग ने मुख्यमंत्री के निर्देश पर छात्रों से संवाद किया और उनकी मांगों पर विचार करते हुए यह निर्णय लिया कि पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा 2024 पूर्व की भांति एक ही दिन में आयोजित की जाएगी।

आरओ/एआरओ परीक्षा के लिए समिति का गठन

मुख्यमंत्री की पहल पर यूपीपीएससी ने समीक्षा अधिकारी (आरओ) और सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ) परीक्षा-2023 को स्थगित करते हुए उसकी पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए एक समिति का गठन किया है। यह समिति सभी पहलुओं पर गहन अध्ययन कर अपनी विस्तृत रिपोर्ट शीघ्र प्रस्तुत करेगी, जिससे इन परीक्षाओं की शुचिता और विश्वसनीयता को सुनिश्चित किया जा सके।

चयन परीक्षाओं की पारदर्शिता पर विशेष ध्यान

आयोग के सचिव ने बताया कि हाल के महीनों में देश के कई हिस्सों में पेपर लीक की घटनाओं को देखते हुए, उत्तर प्रदेश सरकार ने चयन परीक्षाओं की शुचिता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने का निर्णय लिया है। इसी कारण, आयोग ने दिसंबर में प्रस्तावित पीसीएस और आरओ/एआरओ परीक्षाओं को एकाधिक पालियों में आयोजित करने की घोषणा की थी। हालांकि, छात्रों की मांग और मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद अब पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा एक ही दिन में आयोजित की जाएगी।

छात्रों को मिलेगा फायदा

इस फैसले से लाखों छात्र जो इस परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, उन्हें बड़ी राहत मिलेगी। परीक्षा को एक ही दिन में आयोजित करने से छात्रों को परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता का भरोसा मिलेगा। साथ ही, आयोग द्वारा गठित समिति की रिपोर्ट से भविष्य में होने वाली परीक्षाओं की शुचिता को और अधिक मजबूती मिलेगी। इस फैसले के बाद छात्रों में खुशी की लहर है और वे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस त्वरित निर्णय की सराहना कर रहे हैं।