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आॅनलाइन भी बनवा सकते हैं आयुष्मान कार्ड, 1.67 लाख से अधिक बुजुर्गों के बनेंगे आयुष्मान वय वंदना कार्ड

सीके सिंह(रूपम)

सीतापुर। केंद्र सरकार द्वारा चलाए जा रहे आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत अब 70 वर्ष या उससे अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों के लिए आयुष्मान वय वंदना कार्ड योजना की शुरूआत की गई है। इस योजना के तहत यह कार्डधारक को प्रति वर्ष पांच लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज मिलेगा। इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए लाभार्थियों को इस योजना से संबंधित आयुष्मान कार्ड बनवाना होगा। यह कार्ड जिला चिकित्सालय सहित सभी ब्लॉक सीएचसी पर तैनात आयुष्मान मित्रों द्वारा बनाए जा रहे हैं। इसके लिए लाभार्थी को अपना आधार कार्ड लेकर संबंधित केंद्र पर जाना होगा।

कार्यक्रम के जिला समन्वयक डॉ. अभिज्ञान सिंह ने बताया कि कोई भी लाभार्थी अपने मोबाइल फोन में आयुष्मान भारत एप को डाउनलोड करके आसानी से घर बैठे भी अपना आयुष्मान कार्ड बना सकता है। इस योजना के अंतर्गत लाभ प्राप्त करने के लिए एकमात्र पात्रता मापदंड यह है कि आवेदक की आयु 70 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए। आयु का निर्धारण आधार कार्ड में दर्ज आयु के आधार पर किया जाएगा। इसके लिए राशन कार्ड या फिर किसी अन्य दस्तावेज की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने बताया कि अब तक एक हजार से अधिक बुजुर्गों के आवेदन कराए जा चुके हैं।

घर बैठे ऐसे बनाएं आयुष्मान कार्ड

- अपने मोबाइल फोन में गूगल प्ले स्टोर से आयुष्मान भारत ऐप डाउनलोड करें।

- लाभार्थी के रूप में लागिन पर क्लिक करें।

- कैप्चा और मोबाइल नंबर दर्ज करने के बाद आर्थेटिकेशन का तरीका चुने।

- लाभार्थी की डिटेल, आधार कार्ड की डिटेल दर्ज करें।

- यदि बेनीफिशरी नहीं मिलता है तो ई-केवाईसी के लिए प्रक्रिया का पालन करें और ओटीपी के लिए सहमति दें।

- डिक्लेरेशन प्रदान करें, मोबाइल फोन से ही फोटो कैप्चर करें और सभी सूचनाएं दर्ज करें।

- लाभार्थी का मोबाइल नंबर ओर ओटीपी दर्ज करें।

- लाभार्थी की कैटेगरी, पिन कोड आदि जानकारियां भरें

- परिवार के सदस्यों का विवरण भरने के बाद सम्मिट करने के लिए आगे बढ़ें।

- ई-केवाईसी के अप्रूवल के कुछ देर के बाद आयुष्मान वय वंदना कार्ड डाउनलोड करें।

इन बीमारियों में मिलता लाभ

डिप्टी सीएमओ एवं कार्यक्रम के नोडल अफसर डॉ. राज शेखर ने बताया कि योजना के अंतर्गत कुल 2,250 बीमारियां शामिल हैं। इसमें मातृ स्वास्थ्य और प्रसव या उच्च जोखिम प्रसव की सुविधा, नवजात और बच्चों के स्वास्थ्य स्वास्थ्य, कैंसर, टीवी, कीमोथेरेपी, रेडिएशन थेरेपी, हार्ट बाईपास सर्जरी, न्यूरो सर्जरी, आंखों की सर्जरी, दिल की बीमारी, किडनी, लीवर, कोरोनरी बाईपास, घुटना प्रत्यारोपण, स्टंट डालना, आंख, नाक, कान और गले से संबंधित बीमारियां, डायरिया, मलेरिया आदि शामिल है। इन समस्याओं के हल के लिए मरीज के भर्ती होने पर विभिन्न आयुष्मान सूचीबद्ध चिकित्सालयों में उपचार उपलब्ध है।

क्या कहते हैं सीएमओ

प्रधानमंत्री जन आरोग्य आयुष्मान भारत योजना के जिन पात्र लाभार्थियों ने अभी तक अपना आयुष्मान कार्ड नहीं बनवाया है, वह शीघ्र ही अपना कार्ड बनवा लें और बाहर जाने पर इसे सदैव अपने पास रखें, जिससे किसी विशेष परिस्थिति में इसका उपयोग किया जा सके।

- डॉ. हरपाल सिंह, सीएमओ

श्री गुरु नानक देव जी को वैश्विक गुरु के रूप में जाने- सरदार पतविंदर सिंह

विश्वनाथ प्रताप सिंह

नैनी प्रयागराज। श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाशपर्व (गुरुपूरब) से कई रोज पहले ही शुरू हो चुकी सुप्रभात यात्रा के मौके पर भारतीय जनता पार्टी अल्पसंख्यक मोर्चा काशी क्षेत्र,क्षेत्रीय उपाध्यक्ष सरदार पतविंदर सिंह ने कहा की इस अभियान का मकसद श्री गुरु नानकदेव की शिक्षाओं के करीब आम जनमानस को लाना है जिसमें समानता,महिला सशक्तिकरण,अलग पंथो के लिए सहिष्णुता और सेवा पर श्री गुरु नानक देव की शिक्षाएं एक समृद्ध तथा मूल्यवान जीवन पर आधार बनाती हैंह्णश्री गुरु नानक देव की नैतिक शिक्षाओं और मूल्यों का रचनात्मक ढंग से प्रचार प्रसार किया जाएगा।

क्षेत्रीय उपाध्यक्ष सरदार पतविंदर सिंह ने आगे कहा कि श्री गुरु नानक देव के अनमोल संदेशों को सभी लोगों खासकर युवाओं के बीच पहुंचाने के लिए मजबूत प्रयास करेंगे।क्योंकि श्री गुरु नानकदेव एक समुदाय के नहीं हैं वह अपने समय से बहुत आगे थे और आज उनकी शिक्षाएं अत्यंत प्रासंगिक हैं उनके संदेशों को सभी पृष्ठभूमियों के लोगों ने पसंद किया है और उसमें एक मजबूत सामाजिक संरचना बनाने में मदद मिली जो दबे कुचले लोगों को सम्मान देती है हम चाहते हैं कि लोग श्री गुरु नानकदेव को एक वैश्विक गुरु के रूप में जाने क्योंकि उनके विचार लोगों को एक साथ ला सकते हैं विश्व में ध्रुवीकरण और घृणा की घटनाएं बढ़ रही हैं और हमें ऐसे संदेश देने चाहिए जो सभी लोगों के बीच सौहार्द और प्रेम का माहौल बनाने में मदद हो सके सुप्रभात यात्रा इस बात को ध्यान में रखकर तैयार की गई है कि युवा एक बेहतर कल के लिए दुनिया को बदल सकते हैं। क्षेत्रीय उपाध्यक्ष सरदार पतविंदर सिंह ने कहा कि केंद्र-प्रदेश सरकार से सरकारी अस्पताल व थानों पर श्री गुरु नानक देव जी द्वारा उच्चारित जन कल्याण हेतु (जपुजी) साहिब अमृतवाणी श्लोक अंकित करें ताकि आम लोग,डॉक्टर व पुलिसकर्मियों को सच्चे मार्ग मैं चलने की प्रेरणा मिल सके।

क्षेत्रीय उपाध्यक्ष सरदार पतविंदर सिंह ने आगे कहा कि श्री गुरु नानक देव जी ने बताया है कि प्रेम के मार्ग पर चलकर ही सभी लोगों में एकता रखी जा सकती है यही शांति का मार्ग है अंधविश्वास से मानवता को उबारने व भाईचारा स्थापित करने के लिए श्री गुरु नानक देव जी ने नाम जपने,कीरत करने और वंड छकने की अवधारणा प्रस्तुत की। विचार रखने वालों में शानि केसरी, कौशल किशोर,अनीता राज,सचिन नारायण,तूफानी लाल,प्रदीप यादव,अजीत चौधरी,दलजीत कौर,हरमनजी सिंह,इकबाल अंसारी,कमर सिद्दीकी आदि रहे।

बात से चूका आदमी एवं डाल से चूका बन्दर की कहीं कदर नहीं होती: जिला मंत्री राजेश तिवारी

विश्वनाथ प्रताप सिंह

प्रयागराज। बात से चूका आदमी एवं डाल से चूका बन्दर की कहीं कदर नही होती यह अभिव्यक्ति एशोसिएशन बोरिंग टेक्नीशियन प्रयागराज के जिला मंत्री राजेश तिवारी ने वरिष्ठ समाजसेवी श्यामकान्त शुक्ला(लहरी भैया) से उनके निज आॅफिस चिलबिला माण्डा रोड प्रयागराज में कही। संज्ञानित कराते चले कि जिला मंत्री एवं वरिष्ठ समाजसेवी श्री शुक्ला(लहरी भैया) के बीच बहुत ही गहरे पारिवारिक रिश्ते हैं।जिला मंत्री दिघिया बाराही माता का दर्शन करने हेतु पधारे थे।इसी दरमियान दोनों सम्भ्रान्त जनों की आपसी सौहार्दपूर्ण मुलाकात हुई।

जिला मंत्री ने अपने उद्बोधन में कहा कि बात से चूका आदमी एवं डाल से चूका बन्दर की कहीं कदर नही होती क्योंकि मनुष्य की वास्तविक पहचान उसके कहे गए कथनों के परिपालन करने में ही होती है अन्यथा उस इन्सान पर कोई विश्वास कैसे कर सकता है जो अपने कहे हुए कथन का परिपालन नही करता।ठीक उसी प्रकार बन्दर का भी जीवन है यदि वह डाल को पकड़ने असफल हो जाता है तो उसकी भी बन्दरों की बीच कोई महत्व नही रह जाता।जिला मंत्री ने आगे कहा कि यदि मनुष्य को अपने जीवन में सफल होना है तो सर्वप्रथम उसे दिए गए अपने वचनों को परिपूर्ण करना चाहिए।

यही एक अच्छे एवं सच्चे मनुष्य की पहचान है जो गर्व से उसका सिर सदैव ऊँचा रखता है। जिला मंत्री ने आगे यह भी अवगत कराया कि वरिष्ठ समाजसेवी श्री शुक्ला(लहरी भैया) बहुत ही नेकदिल इन्सान हैं जो हमेशा दूसरों सुख दु:ख में शामिल होते हैं और वचनों के परिपालन में नित तटस्थ रहते हैं।खेलकूद एवं भारतीय सांस्कृतिक कार्यक्रम में वरिष्ठ समाजसेवी श्री शुक्ला (लहरी भैया) बढ़चढ़ कर हिस्सा लेते है और सदैव इन कार्यों को बढ़ावा देने हेतु आर्थिक सहयोग भी करते रहते हैं।जिला मंत्री ने आगे यह व्यक्तव्य भी कहा कि मनुष्य के कहे गए वचन का परिपालन ही उसकी पहचान है,अपने कहे गए कथन को पूर्ण करना ही मनुष्य की शान है।

इस अवसर पर उपस्थित वरिष्ठ समाजसेवी एवं संघ खण्ड कार्यवाह मेजा विंध्यवासिनी यादव ने कहा कि जिला मंत्री द्वारा मानव के मूलभूत कर्तव्यों एवं दायित्वों का पूर्ण विश्लेषण बहुत ही मृदुल एवं सत्यात्मक वचनों में कहा है।इस साहित्यिक एवं नैतिकतापूर्ण वार्ता के दौरान वरिष्ठ समाजसेवी एवं संघ खण्ड कार्यवाह मेजा विंध्यवासिनी यादव,शिक्षाविद कमलेश पाण्डेय,शिक्षाविद जोखू लाल पटेल एवं आलोक गुप्ता सहित आस पास बहुत से लोग मौजूद रहे।

टिकट निरीक्षक ने यात्री का गाड़ी में गिरा स्वर्ण आभूषण वापस सौंपा

विश्वनाथ प्रताप सिंह

प्रयागराज । गाड़ी संख्या 11061, लोकमान्य तिलक टर्मिनस-जयनगर पवन एक्सप्रेस में अपने परिवार के साथ यात्रा कर रहे गयासुद्दीन के किसी परिवारजन का स्वर्ण पेंडेंट गाड़ी में गिर गया । टिकट निरीक्षक संतोष कुमार तृतीय को गाड़ी में मानिकपुर-प्रयागराज जंक्शन में चेकिंग के दौरान स्वर्ण पेंडेंट मिल गया । इसके संबंध में टिकट निरीक्षक संतोष कुमार तृतीय ने स्टेशन अधिकारियों को अवगत कराया । गायसुद्दीन ने अपने स्वर्ण आभूषण के लिए प्रयागराज जंक्शन पर संपर्क किया। टिकट निरीक्षक संतोष कुमार तृतीय एवं स्टेशन निदेशक/प्रयागराज जंक्शन, वी के द्विवेदी ने यात्री गयासुद्दीन से पूंछताछ कर आश्वस्त होने के बाद एवं आवश्यक कार्यवाही के बाद यात्री को स्वर्ण आभूषण वापस कर दिया । यात्री ने रेल प्रशासन का बहुत ही आभार व्यक्त किया। स्वर्ण आभूषण की अनुमानित कीमत लगभग 40,000/- रुपये बतायी गई।

अभ्यर्थियों का उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोगकार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन जारी

प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में अभ्यर्थियों का उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन जारी है। अभ्यर्थियों के धरने को आज तीसरे दिन है। वे मांग कर रहे हैं कि पीसीएस और आरओ/एआरओ परीक्षाएं एक दिन और एक शिफ्ट में आयोजित की जाएं। रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) और पुलिस के जवान मौके पर मौजूद हैं।

इससे पहले, प्रयागराज में धरना स्थल पर मंगलवार को ड्रम और नगाड़ों के शोर में यह नारा गूंजता रहा- जुड़ेंगे और जीतेंगे भी। अभ्यर्थियों ने नॉर्मलाइजेशन के खिलाफ आयोग पर तंज कसते हुए पोस्टर के जरिये पदों की रेट लिस्ट भी जारी की।इससे पूर्व मंगलवार सुबह पुलिस कमिश्नर तरुण गाबा अभ्यर्थियों के बीच पहुंचे और उन्होंने अभ्यर्थियों से कहा कि वह भी कभी प्रतियोगी छात्र रहे हैं। नियम कानून से ऊपर कोई नहीं। उन्होंने अभ्यर्थियों को सलाह दी कि आयोग के सामने से उठें और उनके साथ सिविल लाइंस स्थित धरना स्थल पर चलें, क्योंकि इससे रास्ता बंद हो गया है और आम लोगों को दिक्कत तो रही है।

कमिश्नर ने कहा कि धरना स्थल पर अभ्यर्थियों के लिए उचित व्यवस्था की जाएगी। हालांकि, अभ्यर्थी भड़क गए और कहा कि अब वे कहीं नहीं जाएंगे।धरना स्थल पर सुबह 11 बजे तक फिर से हजारों की संख्या में अभ्यर्थी पहुंचे। अभ्यर्थियों को अलग-अलग जत्था अपने-अपने अंदाज में पहुंचा। कोई ढोल नगाड़ों के साथ नाचते-गाते पहुंचा तो किसी सांकेतिक रूप से शवयात्रा लेकर पहुंचा। आयोग के सामने दिनभर ढोल और नगाड़ों का शोर रहा। अभ्यर्थियों ने कहा कि न तो सोएंगे और न ही सोने देंगे।कई अभ्यर्थियों के हाथ में पोस्टर नजर आए, जिस पर लिखा था, 'पहले आओ पहले पाओ। यदि नॉर्मलाइजेशन लागू है तो रेट लिस्ट- एसडीएम 70 लाख, डिप्टी एसपी 65 लाख, एआरटीओ 60 लाख, बीएसए 55 लाख, पीसीएस जे 70 लाख। यूपीआई व ऑनलाइन पेमेंट स्वीकार।' इसी तरह आयोग के गेट नंबर-2 के सामने सड़क पर लिखा गया, 'हम छात्रों की एक ही इच्छा, एक पाली में हो परीक्षा।

प्रतियोगी छात्र आज काला दिवस मना रहे हैं। भ्रष्टाचार मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष कौशल सिंह का कहना है कि प्रतियोगी छात्र 13 नवंबर को काला कपड़ा पहनकर अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं। साथ ही अपने-अपने सोशल मीडिया अकाउंट को भी काले रंगे में प्रदर्शित कर दिया है।प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी प्रशांत पांडेय ने आरोप लगाया है कि आंदोलन के मद्देनजर पुलिस ने उनके परिवार वालों को धमकाया है। प्रशांत का कहना है कि एलआईयू वाले उन्हें लगातार फोन कर रहे हैं और उनके फोन नंबर के माध्यम से प्रशांत के पैतृक आवास का पता लगाया। आरोप है कि गोपीगंज थाने की पुलिस ज्ञानपुर स्थित प्रशासन के आवास पर पहुंची और उनके 70 वर्षीय पिता व बड़े भाई को धमकाया कि प्रशांत को समझा लें, वह आंदोलन में शामिल न हों।

प्रयागराज दरोगा ने बच्चियों के साथ की अश्लील हरकत, वीडियो वायरल होने के बाद किया गया लाइन हाजिर. मुकदमा दर्ज

विश्वनाथ प्रताप सिंह

बारा प्रयागराज क्षेत्र में तैनात एक दरोगा पर बच्चियों के साथ अश्लील हरकत करने का आरोप लगा है। सोशल मीडिया पर बच्चियों जुबानी वायरल होने के बाद पुलिस विभाग हरकत में आया और तत्काल प्रभाव से दरोगा को पुलिस लाइन हाजिर कर जांच शुरू कर दी है।

आरोपी दरोगा के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया गया है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे 1.51 मिनट के वीडियो में चार बच्चियां दिख रही है। अपना दर्द बयां करते हुए बोल रही है कि हम लोग जा रहे थे। यहां बहुत अंधेरा था। हम लोगों ने कहा नमस्ते अंकल जी। उसने गोद में उठाकर गाड़ी में बिठाया और तेज रफ्तार में निकल गया। आगे बहुत अंधेरा था। फिर उसने कहा कि अपने कपड़े उतारो। पीठ से कसकर पकड़ लिया था।

इस पर मना करते कहा कि मम्मी बहुत मारेंगी। फिर हमको छोड़ दिया और फिर दूसरे से रास्ता पूछते हुए आए थे। वायरल वीडियो में किसी शख्स के पूछने पर बच्चियों ने बताया कि वह दरोगा था। हमको छोड़ने के बाद दूसरे बच्चियों को बुलाने आया था। परिजन पहुंचे थाने शिकायत देने बारा थाना क्षेत्र में शनिवार को कथा का आयोजन किया जा रहा था। ग्रामीणों में चर्चा है कि यहां की रहने वाली बच्चियां इस कथा में शामिल होने आई थीं। इस दौरान थाने में तैनात दरोगा ने बच्चियों को आइसक्रीम खिलाने के बाद अपने साथ ले गया था। बच्चियां वापस लौटी तो परिजनाें को आपबीती बताई। जिसके बाद परिजन और आसपास के लोग रविवार को थाने पहुंचे। बवाल को बढ़ता देख दरोगा की पहचान करवाने की कोशिश की गई।

परिजनों की तहरीर पर मुकदमा दर्ज बाद में मामले का खुलासा और दरोगा का नाम सामने आया। वहीं, मामला संज्ञान में आने के बाद डीसीपी यमुनानगर विवेक चंद्र यादव के निर्देश पर बारा एसीपी संत लाल सरोज ने परिजनों का बयान लेने की कोशिश की। लेकिन, परिजनों ने तहरीर देने से इन्कार कर दिया है। बाद में परिजनों की तहरीर पर आरोपी दरोगा के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया। मामला संज्ञान में आने के बाद दरोगा को लाइन हाजिर कर पुलिस लाइन में संबद्ध कर दिया गया है। साथ ही विभागीय जांच के लिए कमेटी बना दी गई है। जांच पूरी होने के बाद अग्रीम कार्रवाई की जाएगी। - विवेक चंद्र यादव, डीसीपी, यमुनानगर

हाईकोर्ट वेबसाइट ठप, अधिवक्ताओं को झेलनी पड़ रही मुसीबत

विश्वनाथ प्रताप सिंह

प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट एक तरफ आनलाइन दाखिले व बहस की तरफ तेजी से बढ़ रहा है, वहीं दूसरी तरफ पिछले तीन दिन से हाईकोर्ट की वेबसाइट ठप होने से अधिवक्ताओं को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है।

जब न्यायालय प्रशासन से शिकायत की गई तो उन्हें इसका पता ही नहीं था कि वेबसाइट बंद पड़ी है। हालांकि कम्प्यूटर इंचार्ज ने शीघ्र ही वेबसाइट चालू कराने का आश्वासन दिया।

अधिवक्ता अगम नारायण राय, अशोक सिंह, बी के सिंह रघुवंशी, बी डी निषाद, रमेश चंद्र शुक्ल ने बताया कि वेबसाइट आए दिन कुछ समय के लिए ठप हो जा रही है। 2009 से कम्प्यूटरीकृत व्यवस्था चालू की गई है, किन्तु आए दिन वेबसाइट धड़ाम होने से अधिवक्ताओं को परेशानी उठानी पड़ती है।

हाईकोर्ट प्रशासन ने प्रदेश की जिला अदालतों में दाखिले का सेंटर बनाते हुए वादकारियों को आनलाइन दाखिले की व्यवस्था की है। अब दाखिले के लिए हाईकोर्ट आने की आवश्यकता नहीं होती। जिला अदालत से ही दाखिला हो रहा है। हाईकोर्ट में भी आनलाइन दाखिले का काउंटर बनाए गए हैं और दाखिला भी हो रहा।

जब सिस्टम लागू किया गया था तो कहा गया कि कोर्ट कार्यवाही देश में कहीं से भी देखी जा सकेगी। यह चालू है। किंतु आए दिन वेबसाइट बंद रहने से न्यायपालिका के कंप्यूटरीकरण को गति देने की प्रक्रिया में बड़ा अवरोध व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह लगा रहा है। अधिवक्ताओं ने महानिबंधक से सिस्टम दुरुस्त रखने की मांग की है।

पांच दिवसीय समेकित नोडल शिक्षक प्रशिक्षण प्रारंभ

प्रयागराज। उच्चतम न्यायालय के आदेशानुसार समेकित शिक्षा के अंतर्गत दिव्यांग बच्चों की समावेशी शिक्षा हेतु प्रशिक्षण खंड शिक्षा अधिकारी करछना अरूण कुमार अवस्थी द्वारा सरस्वती प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर प्रशिक्षण का शुभारंभ किया गया । यह प्रशिक्षण परिषदीय विद्यालयों में अध्यनरत दिव्यांग बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने हेतु दिया जा रहा है यह प्रशिक्षण विशेष शिक्षक आलोक राय वीरेंद्र पाल नीलम के द्वारा बीआरसी में दिया जा रहा है।

निष्पक्ष एवं पारदर्शी ढंग से सम्पन्न कराये जाने हेतु नोडल/सहायक नोडल अधिकारियोें के साथ की बैठक

विश्वनाथ प्रताप सिंह

प्रयागराज। जिला निर्वाचन अधिकारी ने निर्वाचन आयोग के दिशा-निदेर्शों का शत-प्रतिशत अनुपालन करने एवं जिम्मेदारियों का पूरी तनमयता के साथ निर्वहन करते हुए निर्वाचन प्रक्रिया को सकुशल ढंग से सम्पन्न कराये जाने के लिए कहा

जिला निर्वाचन अधिकारी श्री रविन्द्र कुमार माँंदड़ सोमवार को संगम सभागार में 256-फूलपुर विधान सभा उप निर्वाचन-2024 को स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं पारदर्शी ढंग से सम्पन्न कराये जाने हेतु निर्वाचन कार्य में लगे हुए अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए सभी अधिकारियों को अपनी जिम्मेदारियों का पूरी संवेदनशीलता एवं मनोयोग से निर्वहन करते हुए निर्वाचन कार्य को सकुशल ढंग से सम्पन्न कराये जाने हेतु निर्देशित किया है। उन्होंने सभी सम्बंधित अधिकारियों को निर्वाचन आयोग के दिशा-निदेर्शों का शत-प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए कहा है। जिला निर्वाचन अधिकारी ने सभी सेक्टर मजिस्टेज्टों को अपने-अपने क्षेत्रों का भ्रमण कर मतदान केन्द्रों पर सभी आवश्यक व्यवस्थाओं को सुनिश्चित कराये जाने एवं उसकी रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।

उन्होंने मतदान केन्द्रों पर दिव्यांगजन मतदाताओं के लिए व्हील चेयर की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए कहा है। जिला निर्वाचन अधिकारी ने पार्टी रवानगी स्थल पर प्रकाश, पार्किंग, मोबाइल टॉयलेट, साइनेज, टेबिल सहित अन्य सभी आवश्यक व्यवस्थायें सुनिश्चित करने के निर्देश सम्बंधित अधिकारियों को दिए है। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी गौरव कुमार, डीसीपी गंगापार श्री कुलदीप सिंह गुनावत, उप जिला निर्वाचन अधिकारी पूजा मिश्रा, अपर जिलाधिकारी नगर मदन कुमार, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व विनय कुमार सिंह, अपर जिलाधिकारी नजूल प्रदीप कुमार, मुख्य राजस्व अधिकारी श्री कुंवर पंकज, अपर जिलाधिकारी नागरिक आपूर्ति राजेश सिंह सहित अन्य सम्बंधित अधिकारीगण उपस्थित रहे।

40 हजार से ज्यादा रिचार्जेबल लाइट्स से रोशन होगा महाकुंभ

विश्वनाथ प्रताप सिंह

प्रयागराज,। इस बार महाकुंभ की भव्यता और दिव्यता में रौशनी का भी महत्वपूर्ण योगदान होगा। महाकुंभ के दौरान शाम के समय मेला क्षेत्र की चमचमाती रौशनी गंगा और यमुना की कलकल बहती निर्मल धारा को और भी अलौकिक रूप प्रदान करेगी। इस अलौकिक दृश्य को श्रद्धालु बिना किसी बाधा के अपनी आंखों से निहार सकें, इसके लिए योगी सरकार इस बार अनूठी पहल करने जा रही है। पहली बार पूरे मेला क्षेत्र को 24७7 रौशन बनाए रखने के लिए पूरे मेला क्षेत्र में 40 हजार से अधिक रिचार्जेबल लाइट्स (रिचार्जेबल बल्ब) का उपयोग किया जा रहा है। ये बल्ब खुद को रिचार्ज करते हैं और बिजली जाने पर भी रौशनी देते रहते हैं। इससे यदि किसी फॉल्ट या अन्य वजह से अचानक बिजली चली जाती है तो भी ये बल्ब कभी अंधेरा नहीं होने देते। महाकुंभ ही नहीं, उत्तर प्रदेश में पहली बार इस तरह की लाइट्स का उपयोग किसी बड़े आयोजन में होने जा रहा है।

नहीं होगी जीरो लाइट की स्थिति

मेला क्षेत्र में विद्युत विभाग के प्रभारी अधिशासी अभियंता अनूप कुमार सिन्हा ने बताया कि जो विद्युत संयोजन हम लोग कैंप्स में देंगे उसमें हमने इस बार नॉर्मल एलईडी बल्ब के साथ ही रिचार्जेबल बल्ब भी उपयोग में लाने का निर्णय लिया है। इस बार पूरे मेला क्षेत्र में हमें साढ़े चार लाख कनेक्शन देने हैं तो उसके 1/10 के आसपास यानी 40 से 45 हजार के बीच रिचार्जेबल बल्ब भी लगाए जाएंगे। रिचार्जेबल बल्ब में इनबिल्ट बैटरी होती है, जो लाइट चालू रहने पर चार्ज होती रहती है. बिजली जाने पर, ये बैटरी ही बल्ब को रोशन रखती है। इसका लाभ ये होगा कि यदि किसी कैंप में 5-6 बल्ब लगे हैं और किसी कारण से लाइट चली गई तो एक रिचार्जेबल बल्ब भी जलता रहेगा तो जीरो लाइट या अंधेरे की स्थिति उत्पन्न नहीं होगी। उन्होंने बताया कि हमने बैकअप लाइट की भी व्यवस्था की है, जिसके लिए जेनसेट वगैरह का उपयोग व्यापक पैमाने पर होगा, जहां हम सप्लाई को एक से दो मिनट में रिस्टोर कर लेंगे। लेकिन इस एक से दो मिनट के बीच में भी हमारा प्रयास जीरो लाइट्स की स्थिति उत्पन्न नहीं होने देना है।

पहली बार महाकुंभ में होगा उपयोग

उन्होंने बताया कि ये रिचार्जेबल लाइट्स नॉर्मल बल्ब के साथ ही लगाई जाएंगी। नॉर्मल बल्ब की तरह ही इनकी भी रोशनी होगी। हालांकि यदि किसी वजह से लाइट जाती है तो बाकी बल्ब आॅफ हो जाएंगे, लेकिन यह बल्ब काम करता रहेगा। उन्होंने बताया कि विद्युत विभाग की जो परियोजनाएं महाकुंभ मेला क्षेत्र में चल रही हैं, उसी में से इन बल्ब के लिए फंड की व्यवस्था की जाएगी। अमूमन एक रिचार्जेबल बल्ब की कीमत लगभग 600 से 700 के बीच होती है। ऐसे में 45 हजार बल्ब लगाने पर इसमें करीब 2.7 करोड़ रुपए का खर्च आने की संभावना है। हालांकि, बल्ब की संख्या कैंप्स की संख्या के अनुपात में घट और बढ़ भी सकती है। उन्होंने बताया कि रिचार्जेबल बल्ब का कांसेप्ट अभी एक-दो साल पहले ही आया है। अभी यह प्रयोग प्रदेश के अंदर किसी बड़े मेले या बड़े आयोजन में नहीं किया गया है। पहली बार महाकुंभ में इसका उपयोग किया जा रहा है।

2 हजार सोलर हाईब्रिड लाइट्स का भी होगा उपयोग

मेला क्षेत्र में स्थापित कैंप्स ही नहीं, बल्कि कैंप्स के बाहर भी लाइट जाने पर अंधेरा न हो, इसकी पुख्ता व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने बताया कि कैंप्स के बाहर हम 67 हजार नॉर्मल लाइट्स की व्यवस्था कर रहे हैं और इसके भी बैकअप के लिए हमने 2 हजार सोलर हाईब्रिड लाइट्स की व्यवस्था की है। सोलर हाईब्रिड लाइट्स ऐसी लाइट्स होती हैं जो लाइट जाने पर भी लगातार काम करती रहेगी। इसमें बैटरी का बैकअप है जो सूर्य की किरणों से चार्ज होती है। लाइट जाने की स्थिति में यह बैट्री के माध्यम से रोशनी देती है। ये दो हजार सोलर हाईब्रिड लाइट्स भी जीरो लाइट्स की आशंका को खत्म करने के लिए उपयोग में लाई जा रही हैं।