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जेसी मिल श्रमिकों की देनदारियों के भुगतान के लिए सरकार प्रतिबद्ध : मुख्यमंत्री डॉ. यादव


मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में मजदूरों के हित के लिये प्रदेश सरकार प्रतिबद्ध है। इंदौर की हुकुमचंद मिल और उज्जैन की विनोद मिल की तर्ज पर जल्द ही ग्वालियर की जेसी मिल के श्रमिकों और प्रदेश की अन्य बंद मिलों की देनदारियों के भुगतान की कार्यवाही की जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि 30-40 साल से बंद पड़ी ग्वालियर की जेसी मिल के मजदूरों के प्रकरणों में 8 हजार से ज्यादा मजदूरों को उचित न्याय दिलाया जायेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव सोमवार को ग्वालियर की जेसी मिल का जायजा लेने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने जेसी मिल परिसर का भ्रमण किया, साथ ही नक्शे के माध्यम से जेसी मिल की जमीन और अन्य परिसम्पत्तियों की जानकारी ली।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव को अपने बीच पाकर जेसी मिल श्रमिक और उनके परिजन अभिभूत हो गए। सभी ने पुष्पाहारों से मुख्यमंत्री डॉ. यादव का आत्मीय स्वागत किया। साथ ही कहा पहली बार कोई मुख्यमंत्री हमारी दुख-तकलीफ सुनने जेसी मिल तक आया है। अब हमें पूरा भरोसा है कि जेसी मिल पर लंबित हमारी वर्षों पुरानी देनदारियों का भुगतान हो जाएगा। इस अवसर पर ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने जेसी मिल श्रमिकों की ओर से मुख्यमंत्री डॉ. यादव के प्रति आभार जताया।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जेसी मिल श्रमिकों के हितों की रक्षा की प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा सरकार मुकदमा नहीं समाधान चाहती है। इसी भावना के साथ सरकार न्यायालय में श्रमिकों के हित मे अपना पक्ष रखेगी, जिससे श्रमिकों की देनदारियों के भुगतान का रास्ता साफ हो सके। उन्होंने कहा कि जेसी मिल श्रमिकों के स्वत्वों के भुगतान के सिलसिले में अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। मिल की जमीन और परिसम्पत्तियों के सर्वे का काम कर लिया गया है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गरीब, महिला, युवा और किसानों को देश के चार स्तम्भ के रूप में रेखांकित किया है। प्रदेश सरकार इन सभी के उत्थान के लिये कृतसंकल्पित होकर काम कर रही है।

ग्वालियर में आईटी इकाइयों को बढ़ावा दिया जायेगा

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि ग्वालियर में आईटी (सूचना प्रौद्योगिकी) के क्षेत्र में अपार संभावनाएँ हैं। यहाँ के आईटी विशेषज्ञ युवाओं को बाहर न जाना पड़े, इसके लिये ग्वालियर में सूचना प्रौद्योगिकी पर आधारित इकाइयों को विशेष बढ़ावा दिया जायेगा।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में औद्योगिक निवेश बढ़ाने के लिये रीजनल कॉन्क्लेव की श्रृंखला चलाई जा रही है। उज्जैन, ग्वालियर, जबलपुर, सागर और रीवा में रीजनल इण्डस्ट्री कॉन्क्लेव आयोजित हो चुकी हैं। इसी कड़ी में 7 दिसम्बर को नर्मदापुरम संभाग एवं जनवरी माह में शहडोल में रीजनल कॉन्क्लेव का आयोजन होने जा रहा है। उन्होंने कहा संभाग स्तर पर रीजनल कॉन्क्लेव की श्रृंखला पूरी होने के बाद फरवरी माह में ग्लोबल इन्वेस्टर समिट का आयोजन होगा। प्रदेश में औद्योगिक निवेश के लिये विश्व भर के उद्यमियों को आमंत्रित किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि इस कड़ी में वे जल्द ही जर्मनी व ब्रिटेन के दौरे पर निवेशकों को आमंत्रित करने के लिये जायेंगे। उन्होंने कहा इण्डस्ट्री कॉन्क्लेव जैसे आयोजन से प्रदेश में उद्योग फ्रेंडली माहौल बना है, जिससे वृहद स्तर पर औद्योगिक निवेश हो रहा है। इससे प्रदेश के युवाओं को बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर मिल रहे हैं।

पूर्व राष्ट्रपति कोविंद का राजभवन आगमन पर हुआ गरिमामय स्वागत


भारत के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का राजभवन आगमन पर गरिमामय स्वागत हुआ। पूर्व राष्ट्रपति कोविंद का राजभवन में म.प्र. उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधिपति सुरेश कुमार कैत ने आत्मीय स्वागत किया। पूर्व राष्ट्रपति कोविंद के साथ उनकी पत्नी सविता कोविंद भी पधारी हैं। अतिथियों का राज्यपाल के प्रमुख सचिव मुकेश चन्द्र गुप्ता ने पुष्प-गुच्छ भेंट कर स्वागत किया।

इस अवसर पर राज्यपाल के अपर सचिव उमाशंकर भार्गव सहित राजभवन के अधिकारीगण मौजूद थे।

नारी शक्ति के जोश और जुनून को देख मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने भी किया शस्त्रकला प्रदर्शन आयोजक संस्था को मिलेंगे पाँच लाख रूपये

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव शनिवार इंदौर में नारी शक्ति के तलवारबाजी के वर्ल्ड रिकार्ड कार्यक्रम "शौर्य वीरा" में पहुंचे। उन्होंने 5 हजार से अधिक महिलाओं और बालिकाओं को जोश और जुनून के साथ तलवारबाजी करते हुए देखा तो वे अपने आप को रोक नहीं सके। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने दोनों हाथों में तलवार थामी और सांकेतिक रूप से शस्त्र कला का प्रदर्शन भी किया। उन्होंने दोनों हाथों से तलवारबाजी के हुनर दिखाये।

अनमोल मुस्कान वेलफेयर सोसायटी इंदौर द्वारा महिलाओं की आत्मरक्षा के गुर सिखाने के उद्देश्य से कार्यक्रम आयोजित किया गया था। देश में पहली बार 5 हजार महिलाओं ने एक साथ, एक समय और एक स्थान पर तलवारबाजी का सामूहिक प्रदर्शन किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस तरह के आयोजन के लिये आयोजक संस्था को पाँच लाख रूपये देने की घोषणा भी की। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम नारी सशक्तिकरण की अद्वितीय पहल और अनूठा उदाहरण है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि इंदौर वह है जिसका "न कोई ओर न कोई छोर" है, जो करता है अद्भुत करता है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने टेनिस खिलाड़ियों को किया पुरस्कृत इंदौर में आईटीएफ एमटी 700 वर्ल्ड टेनिस पुरस्कार वितरण समारोह में हुए शामिल

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव शनिवार को इंदौर टेनिस क्लब में आयोजित आईटीएफ एमटी 700 वर्ल्ड टेनिस पुरस्कार वितरण समारोह में शामिल हुए। उन्होंने विजेता टेनिस खिलाड़ियों को पुरस्कार वितरित किये और शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, महापौर पुष्यमित्र भार्गव, गौरव रणदीवे सहित अन्य जनप्रतिनिधि, मध्यप्रदेश टेनिस एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल महाजन, मध्यप्रदेश टेनिस एसोसिएशन के सचिव अनिल धुपर एवं बड़ी संख्या में खिलाड़ी मौजूद थे।

देश की सबसे बड़ी मास्टर्स टेनिस प्रतियोगिता आईटीएफ एमटी 700 वर्ल्ड टेनिस मास्टर्स टूर का आयोजन मध्यप्रदेश टेनिस संघ द्वारा इन्दौर टेनिस क्लब में 4 से 10 नवंबर 2024 तक आयोजित किया जा रहा है। यह प्रतियोगिता इंटरनेशनल टेनिस फेडरेशन द्वारा अधिकृत है। प्रतियोगिता में देश के सभी टॉप रैंकिंग खिलाड़ी भाग ले रहे हैं। इस प्रतियोगिता में 17 राज्यों के 202 खिलाड़ी शिरकत कर रहे हैं। जिसमें 180 पुरुष व 22 महिलाएं भी अपनी उपस्थिति दर्ज करवा रही हैं। इस प्रतियोगिता में पुरुष व महिला वर्ग में 30 वर्ष आयु वर्ग से लेकर 75 वर्ष आयु वर्ग तक के टेनिस खिलाड़ी भाग ले रहे हैं।

टेनिस प्रतियोगिता में दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, उत्तरप्रदेश, पंजाब, हरियाणा, असम, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, झारखंड़ व मध्यप्रदेश के खिलाड़ी खेल रहे हैं। यह प्रतियोगिता मास्टर्स खिलाड़ियों के लिए अति महत्वपूर्ण हैं। इस प्रतियोगिता में खेलने और जीतने पर खिलाड़ियों को इंटरनेशनल टेनिस फेडरेशन (आईटीएफ) के अंक अर्जित होते है, जो उनकी रैंकिंग सुनिश्चित करते हैं। प्रतियोगिता में सबसे ज्यादा अंक मिलने के बाद भारतीय मास्टर्स टेनिस टीम में उनका चयन होता हैं, जो विश्व ग्रुप रैंकिंग प्रतियोगिता में भाग लेते हैं।

पूर्व राष्ट्रपति कोविंद को मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने भेंट किया स्मृति चिन्ह


मध्यप्रदेश पधारे पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शनिवार शाम राजभवन में स्वागत किया। पूर्व राष्ट्रपति कोविंद को मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने राजा भोज की प्रतिमा स्मृति चिन्ह के रूप में भेंट की।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने राजभवन में पूर्व राष्ट्रपति कोविंद से भेंट की ,केरल के राज्यपाल को भेंट किया पुष्प-गुच्छ


मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव शनिवार को पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलने राजभवन पहुँचे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने पुष्प-गुच्छ भेंट कर कोविंद का स्वागत किया। उन्होंने मध्यप्रदेश पधारे केरल के राज्यपाल आरिफ मो. खान का भी पुष्प-गुच्छ भेंट कर अभिनंदन किया।

इस अवसर पर म.प्र. उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधिपति जस्टिस सुरेश कुमार कैत, उप मुख्यमंत्री द्वय जगदीश देवड़ा और राजेन्द्र शुक्ल भी मौजूद थे।

राज्यपाल पटेल ने राजभवन में पूर्व राष्ट्रपति कोविंद का किया आत्मीय स्वागत

राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने भारत के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का राजभवन आगमन पर पुष्प-गुच्छ भेंट कर आत्मीय स्वागत किया। प्रवास से लौटे राज्यपाल पटेल ने पूर्व राष्ट्रपति कोविंद से मुलाकात की। राज्यपाल पटेल ने मध्यप्रदेश प्रवास पर पधारे केरल के राज्यपाल आरिफ मो. खान का भी राजभवन में पुष्पगुच्छ भेंट कर अभिनंदन किया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, म.प्र. उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधिपति जस्टिस सुरेश कुमार कैत, उप मुख्यमंत्री द्वय जगदीश देवड़ा और राजेन्द्र शुक्ल भी मौजूद रहे।

शिक्षा और उर्दू के नाम दो दिन, राजधानी में होगा बड़ा आयोजन, जानें क्या है पूरा प्रोग्राम


खान आशु 

भोपाल। तेजी से बदल रही मान्यताएं, धारणाएं, व्यस्तताएं और दिनचर्या ने इंसान को मशीन बना दिया है। जरूरी कामों में गैर जरूरी बातें शामिल हैं। शिक्षा और उर्दू को लेकर खत्म हो रही गतिविधियों के बीच राजधानी भोपाल में दो दिवसीय एक आयोजन किया जा रहा है। जिसमें इन दोनों क्षेत्रों के कद्दावरों की मौजूदगी में शिक्षा के महत्व को डिस्कस किया जाएगा। साथ ही उर्दू भाषा की हिफाजत की फिक्र भी इस दौरान की जाएगी।

सामाजिक संस्था बेनजीर अंसार एजुकेशन एंड सोशल वेलफेयर सोसाइटी इस कार्यक्रम को आयोजित करेगी। संस्था के अध्यक्ष एमडब्ल्यू अंसारी ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा दिवस और राष्ट्रीय उर्दू दिवस के तारतम्य में कार्यक्रमों की यह श्रृंखला की जा रही है। इनका मकसद शिक्षा के लिए विशेष फिक्र लोगों में जागृत करना है। लोगों के व्यवहार और समाज में अन्य भाषाओं से पिछड़ती जा रही उर्दू जुबान को प्रोत्साहन देने की मंशा भी है। 

यह होने आयोजन

पहले दिन 9 नवंबर को विश्व उर्दू दिवस मनाया जाएगा। इस दौरान "उर्दू जुबान का तहफ्फुज और हमारी जिम्मेदारी" विषय पर सेमिनार आयोजित किया जाएगा। कमला पार्क स्थित रजा दुर्रानी हॉल में होने वाले इस कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ अली अब्बास उम्मीद करेंगे। कार्यक्रम में एडवोकेट हाजी मोहम्मद हारून, इकबाल मसूद, अज़म अली खान, डॉ हस्सान उद्दीन फारूखी, डॉ सैयद इफ्तिखार अली मेहमान ए खास के रूप में मौजूद रहेंगे।

अंसारी ने बताया कि इसी दिन शाम को कार्यक्रम की दूसरी कड़ी में एक मुशायरा महफिल सजेगी। जिसमें डॉ अली अब्बास उम्मीद, काजी मलिक नवेद, खलील कुरैशी, अभिषेक वर्मा, इकबाल मसूद, हुमा कानपुरी, मुबारक शाहीन, भूषण दिलशाद, आरिफ अली आरिफ, साजिद प्रेमी, अजीम अशर, प्रो गौसिया खान, मकबूल वाजिद, रमेश नंद, एस एम सिराज, नौमान गौरी आदि शायर अपना कलाम पेश करेंगे।

दूसरे दिन शिक्षा पर जोर

कार्यक्रम के दूसरे चरण में 10 नवंबर को शिक्षा को समर्पित आयोजन होंगे। इस दौरान "तालीम तरक्की की जामिन" विषय पर बात होगी। कार्यक्रम के मेहमानों में कौसर सिद्दीकी, पीर अजहर पाशा, रईस सिद्दीकी शामिल होंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ मोहम्मद नौमान करेंगे। इस कार्यक्रम का संचालन डॉ महताब आलम करेंगे। इस दिन समापन सत्र में भी एक मुशायरा महफिल सजेगी। जिसमें शहर और प्रदेश के कई नामवर शायर अपना कलाम पेश करेंगे।

सम्मान सत्र भी होगा

कार्यक्रम के दूसरे दिन रविवार को एक सम्मान समारोह का आयोजन किया जाएगा। इस दौरान शिक्षा, साहित्य, संस्कृति, पत्रकारिता और विभिन्न क्षेत्रों में अपने काम से विशेष सहयोग देने वाले व्यक्तियों का सम्मान किया जाएगा। कार्यक्रम में मध्य विधायक आरिफ मसूद मुख्य अतिथि होंगे। जबकि सैयद जलाल उद्दीन, सैयद ताहा पाशा, डॉ कमर अली शाह और डॉ नजर मेहमूद कार्यक्रम के मेहमान ए खास के तौर पर मौजूद रहेंगे।

जुमला ही साबित हुआ "अतिथि देवो भव" - हकीकत में - "ठेकेदार मस्त, व्यवस्था ध्वस्त, खिलाडी त्रस्त

38 राज्यों के लगभग 1428 खिलाड़ियों के सामने जिले और प्रदेश की साख डुबोते जिम्मेदार अफसर

विदिशा। अपने पुराने नाम "भेलसा" में पुरातन गौरव और संस्कृति को सहेज कर रखने वाले विदिशा की साख कुछ भ्रष्ट और कामचोर अधिकारियों की वजह से दांव पर लग चुकी है। गौरतलब है कि शहर में शुक्रवार से 68वीं राष्ट्रीय ताइक्वांडो प्रतियोगिता का शुभारंभ हुआ है, जिले के जिम्मेदार अधिकारियों के लचर रवैये के चलते पहले ही दिन से ये प्रतियोगिता अव्यवस्थाओं की भेंट चढ़ गई है। आलम यह है कि जिन कंधों पर इस राष्ट्रीय प्रतियोगिता को सफल बनाने की जिम्मेदारी है वे अब सवालों से बचते और मीडिया की नज़र से छिपते फिर रहे हैं। बता दें कि इस प्रतियोगिता में 38 राज्यों के 1400 से ज्यादा खिलाड़ी भाग ले रहे हैं उनके साथ लगभग 200 प्रोफेशनल भी आये हैं। खिलाड़ियों के रुकने से लेकर खाने तक कि तमाम व्यवस्थाएं पहले दिन से ही चरमराई नज़र आ रही हैं जिसके चलते उनमें रोष व्याप्त हो रहा है।

उल्लेखनीय है कि जिला शिक्षा अधिकारी आर.के. ठाकुर के "अतिथि देवो भव" को सार्थक करने समेत सभी दावे महज़ जुमले ही साबित हो रहे हैं। जबकि उन्होंने स्पष्ट कहा था कि इस प्रतियोगिता के प्रत्येक मेहमान की सुविधा का प्रबंध किया जा चुका है। हालांकि खेल मैदान में पसरी समस्याओं से मीडिया ने जिम्मेदार अधिकारियों, जिला कलेक्टर और स्थानीय विधायक को अवगत करा दिया है लेकिन अव्यवस्थाएं अब पहाड़ का रूप ले चुकी हैं। बड़ा सवाल यह है कि मध्यप्रदेश के स्थापना दिवस के एक सप्ताह बाद ही सरकारी अमला शासन प्रशासन की किरकिरी कराने पर आखिर क्यों तुला हुआ है...? आखिर क्यों उन छोटी-छोटी समस्याओं को दूर नहीं किया जा रहा जिनका तत्काल निराकरण मौके पर ही संभव है...?

सूत्रों की मानें तो विदिशा कलेक्टर की सख्त और तेजतर्रार कार्यशैली कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों को अखर रही है, जिसका बदला लेने के लिए प्रतियोगिता के प्रबंधन को जानबूझकर सम्हाला नहीं जा रहा...। वजह जो भी हो इतना तय है कि राष्ट्रीय प्रतियोगिता की मेजबानी में कुछ अधिकारियों की हीलाहवाली से उपजे दाग इतने गहरे रंग के होंगे जो बरसों बरस "भेलसा" के चेहरे पर बने रहेंगे।

नाश्ते का इंतज़ार करते रहे खिलाड़ी

68 वीं राष्ट्रीय ताइक्वांडो प्रतियोगिता में शामिल होने वाले खिलाड़ियों को उनके रुकने वाले स्थान पर ही नाश्ता देना सुनिश्चित किया जाना था। लेकिन भोजन व्यवस्था के जिम्मेदार बालाजी केटर्स ने ऐन मौके पर खेल मैदान में ही नाश्ता देने का फरमान सुना दिया। नतीज़तन कुछ खिलाड़ियों ने देर सबेर मैदान पहुंचकर नाश्ता किया तो कुछ ने होटलों में अपनी भूख मिटाई। बता दें कि खिलाड़ियों को जो नाश्ता कराया गया वह भी मेनू के अनुसार न होकर अधूरा ही था जो बालाजी केटर्स की मनमानी को दर्शाता है।

स्वच्छता के दावे हुए हवा, असुरक्षित तरीकों से बनाया और परोसा गया भोजन

नाश्ते पर बवाल खड़ा होने के बाद भी बालाजी केटर्स की यही करतूत दोपहर के भोजन में भी दिखाई दी। भोजन में भी मेनू के अनुसार सामग्री न होकर अधूरा ही रहा। वहीं भोजन बनाने और परोसने वाले कर्मचारी बिना ग्लब्स, मास्क, हेयर कैप आदि के ही काम करते रहे। स्पष्ट है कि बालाजी केटर्स को मेहमानों से ज्यादा अपना मुनाफ़ा बनाने की चिंता थी। 

जिम्मेदारों की लापरवाही हुई उजागर

प्रतियोगिता स्थल पर पसरी अव्यवस्थाओं को लेकर तत्काल जिला शिक्षा अधिकारी, खाद्य सुरक्षा अधिकारी, नगर पालिका सीएमओ, कलेक्टर और विधायक तक को अवगत कराया गया । जिसके बाद व्यवस्था में आंशिक परिवर्तन तो देखने को मिला लेकिन खिलाड़ियों के रुकने की व्यवस्था पर जिला प्रशासन ने कोई काम नहीं किया।

महंगे होटलों में रुकने को मजबूर खिलाड़ी

रुकने की व्यवस्था सही न होने के कारण खिन्न हुए कई खिलाड़ियों को मजबूरन होटलों में रुकना पड़ रहा है। जिन स्थानों पर खिलाड़ियों को रोका जा रहा था उनमें से कई जगह बेहद गंदगी से भरी हुई थी तो कहीं सीसीटीवी कैमरे या अन्य सुविधाएं उपलब्ध नहीं थीं।

68वी राष्ट्रीय ताइक्वांडो प्रतियोगिता विदिशा में , शामिल होंगे लगभग 1428 छात्र छात्राऐं !

कलेक्टर बोले सुरक्षा के होंगे पुख्ता इंतजाम, विदिशा में भाग लेंगे 38 राज्यों के खिलाड़ी, 

भोपाल। विदिशा में आयोजित होने वाले 68 वे राष्ट्रीय ताइक्वांडो प्रतियोगिता की तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है। प्रतियोगिता में भारत के 38 राज्यों के 14 व 17 वर्षीय लगभग 1428 छात्र-छात्रायें सम्मिलित होंगे, जिनके साथ कोच, मैनेजर, जनरल मैनेजर के रूप में लगभग 200 अन्य व्यक्ति शामिल होंगे। यह प्रतियोगिता जिला खेल स्टेडियम में सम्पन्न होगी, शामिल होने वाली टीमों का विदिशा पहुंचना शुरू हो चुका है। पांच दिवसीय प्रतियोगिता के प्रथम दिन खेल एवं युवक कल्याण मंत्री विश्वास सारंग सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि शामिल होंगे।

खेल के प्रति बढ़ रही रुचि

प्राप्त जानकारी के अनुसार 2018 में विदिशा में सम्पन्न हुए 65वे राष्ट्रीय ताइक्वांडो प्रतियोगिता (अंडर 19) में लगभग 588 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया था। वहीं 2019 में आयोजित 66वे प्रतियोगिता (अंडर 17) में लगभग 546 प्रतियोगियों ने अपने खेल कौशल का उत्कृष्ट प्रदर्शन प्रस्तुत किया था। 68वे आयोजन में लगभग 1428 विद्यार्थियों का सम्मिलित होने यह सिद्ध करता है कि शासन प्रशासन के प्रयासों से खेलों में लोगों की रुचि बढ़ रही है।

दावा बेहतरीन सुविधाओं का, सुरक्षा व्यवस्था पर नहीं ध्यान

प्रतियोगिता में शामिल होने विदिशा पहुंच रहे खेल दलों को सारी आवश्यक सुविधायें देने के दावे किये जा रहे हैं लेकिन जिम्मेदार अधिकारी बाल खिलाड़ियों की सुरक्षा पर सवालों को टालते नज़र आ रहे हैं। दरअसल इस कार्यक्रम के नोडल अधिकारी आशीष सक्सेना से जब संवाददाता ने खिलाड़ियों को ठहराए जाने वाले स्थानों के सीसीटीवी कैमरों और अग्निशमन यंत्रों की जांच पर बात की तो उन्होंने बताया कि इस प्रतियोगिता के लिए अभी तक कोई जांच नहीं की गई है। चौंकाने वाली बात ये है कि इस प्रतियोगिता में 14 व 17 वर्षीय छात्र-छात्राओं को शामिल होना है, इसके बाद भी सीसीटीवी कैमरों की जांच न करना अधिकारियों की लापरवाही को उजागर कर रहा है।

कलेक्टर बोले- खिलाड़ियों की सुरक्षा से नहीं होगा समझौता

खिलाड़ियों के रुकने वाली जगहों पर लगे सीसीटीवी कैमरों और अग्निशमन यंत्रों की जांच पर विदिशा कलेक्टर रोशन कुमार सिंह से जब हमारे संवाददाता ने बातचीत की तो कलेक्टर ने स्पष्ट कहा कि किसी भी खिलाड़ी की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। कलेक्टर रोशन कुमार सिंह ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सभी जगहों की सीसीटीवी और फायर सेफ़्टी उपकरणों की जांच हेतु तत्काल करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने कहा कि ऐसे आयोजन न सिर्फ जिला वासियों के लिए गौरव का अवसर देते हैं बल्कि समाज के प्रत्येक वर्ग को खेलों की ओर अग्रसर होने हेतु प्रेरित भी करते हैं।

5 दिनों में अतिथि देवो भव को करेंगे साकार - डीईओ आर.के. ठाकुर 

राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता को लेकर बेहद उत्साहित नज़र आ रहे जिला शिक्षा अधिकारी आर.के. ठाकुर ने कहा कि सभी की सुविधाओं को प्राथमिकता देते हुए सभी का ध्यान रखा जाएगा। प्रतियोगिता के पांच दिनों में अतिथि देवो भव को हम साकार करने का प्रयास करेंगे वहीं विभिन्न राज्यों से आने वाली प्रत्येक टीम के साथ जिले के शिक्षक रहेंगे जिससे खिलाड़ियों को कोई असुविधा न हो।