*श्रीमद् भागवत कथा श्रवण करने मात्र से जन्म जन्मांतर के पाप से मुक्त हो जाता है- पं सुधांशु तिवारी*
सुल्तानपुर के लंभुआ विधानसभा के अंतर्गत शंकरपुर ग्राम में अयोजित श्रीमद्भागवत कथा महोत्सव सप्ताह के पांचवे दिन कृष्ण जी की लीलाओं और गोवर्धन महाराज की पूजा का वर्णन किया कथा वाचक पंडित सुधांशु तिवारी जी महाराज ने श्रोताओं को कथा सुनाई। उन्होंने कहा कि गुरु ही मोक्ष के द्वार खोलते हैं गुरु के बिना ईश्वर की प्राप्ति संभव नहीं है। भगवान श्रीकृष्ण ने जन्म लेते ही कर्म का चयन किया। नन्हें कृष्ण द्वारा जन्म के छठे दिन ही शकटासुर का वध कर दिया, सातवें दिन पूतना को मौत की नींद सुला दिया। तीन महीने के थे तो कान्हा ने व्योमासुर को मार गिराया। प्रभु ने बाल्यकाल में ही कालिया वध किया और सात वर्ष की आयु में गोवर्धन पर्वत को उठा कर इंद्र के अभिमान को चूर-चूर किया। गोकुल में गोचरण किया तथा गीता का उपदेश देकर हमें कर्मयोग का ज्ञान सिखाया। प्रत्येक व्यक्ति को कर्म के माध्यम से जीवन में अग्रसर रहना चाहिए। मुख्य यजमान जोखनलाल गुप्ता पत्नी प्रभावती देवी सपरिवार प्रदीप गुप्ता, संदीप गुप्ता, संतोष गुप्ता के सभी सदस्य शिवांग, वेदांग, अद्विक, शिवम के साथ-साथ भारी संख्या में महिलाएं एवं पुरुष मौजूद थे। पांचवे दिन कथावाचक पंडित सुधांशु तिवारी जी ने श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं और कंस वध का भजनों सहित विस्तार से वर्णन किया.उन्होंने कहा कि मनुष्य जन्म लेकर भी जो व्यक्ति पाप के अधीन होकर इस भागवत रुपी पुण्यदायिनी कथा को श्रवण नहीं करते तो उनका जीवन ही बेकार है और जिन लोगों ने इस कथा को सुनकर अपने जीवन में इसकी शिक्षाएं आत्मसात कर ली हैं तो मानों उन्होंने अपने पिता, माता और पत्नी तीनों के ही कुल का उद्धार कर लिया है. उन्होंने कहा कि श्रीकृष्ण ने गौवर्धन की पूजा करके इद्र का मान मर्दन किया. भगवान श्रीकृष्ण को प्रसन्न करने का साधन गौ सेवा है. श्रीकृष्ण ने गो को अपना अराध्य मानते हुए पूजा एवं सेवा की. याद रखो, गो सेवक कभी निर्धन नहीं होता.श्रीमद्भागवत कथा साक्षात भगवान श्रीकृष्ण का दर्शन है। यह कथा बड़े भाग्य से सुनने को मिलती है। इसलिए जब भी समय मिले कथा में सुनाए गए प्रसंगों को सुनकर अपने जीवन में आत्मसात करें, इससे मन को शांति भी मिलेगी और कल्याण होगा। कलयुग में केवल कृष्ण का नाम ही आधार है जो भवसागर से पार लगाते हैं। परमात्मा को केवल भक्ति और श्रद्धा से पाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि परिवर्तन इस संसार का नियम है यह संसार परिवर्तनशील है, जिस प्रकार एक वृक्ष से पुराने पत्ते गिरने पर नए पत्तों का जन्म होता है, इसी प्रकार मनुष्य अपना पुराना शरीर त्यागकर नया शरीर धारण करता है।ज्ञान यज्ञ में भक्तगण बाल कृष्ण गोपाल की लीलाओं को सुन आनंद से झूम रहे थे, उत्सव मना रहे थे. बृहस्पतिवार को श्रीमद् भागवत कथा के पांचवें दिन भगवाताचार्य ने कृष्ण की बाल लीलाओं का व गोवर्धन पूजा का वर्णन किया. उन्होंने शृद्धालुओं को बताया कि बाल गोपाल ने अपनी अठखेलियों से अपने बाल स्वभाव के तहत मंद-मंद मुस्कान व तुतलाती भाषा से सबका मन मोह रखा था. उन्होंने अपने सखाओं संग मटकी फोड कर चोरी छुपे माखन खात हुए यशोदा मैया एवं गोपियों को अपनी शरारतों से प्रेम व वात्सल्य से बांधे रखा. कृष्ण ने अपनी अन्य लीलाओं से पूतना, बकासुर, कालिया नाग, कंस जैसे राक्षसों का वध करते हुए अवतरण को सार्थक किया तथा त्रेतायुग में धर्म का प्रकाश फैलाया. साथ ही गोवर्धन महाराज की पूजा हेतु उससे संबंधित पूरे वृतान्त को भी उपस्थित भक्तगणों को बताया. इस अवसर पर भक्तों ने छप्पन भोगों का अर्पण किया और झांकियों सहित धूमधाम से गोवर्धन की पूजा-अर्चना की। श्रीमद्भागवत कथा में व्यास पीठ पर विराजित आचार्य सुधांशु तिवारी जी ने पांचवे दिन भागवत कथा में कहा कि मानव मात्र का कल्याण परमात्मा की शरण में आये बिना सम्भव नही है। प्रभू कथा, मर्यादा व शुद्ध आचरण जीना सिखाती है। विपरीत व संकट से भरी परिस्थितियों में धैर्य पूर्वक सामना करने से संकट दूर हो जाते है। इन्द्र के प्रकोप से बचाने के लिए भगवान श्रीकृष्ण ने बृजवासियो को धैर्य व मिलजुलकर सामना करने की शिक्षा दी। जिससे उन्होने गिरीराज की शरण लेकर साक्षात् देव दर्शन किये। कथा में गोर्वधन पुजा पर छपन भोग की आकर्षक मनमोहक झांकिया की प्रस्तुति काबिले तारिफ थी। भागवत कथा में भगवाताचर्य ने लोगों को उपदेश देते हुए कहा मानव के कष्ट हरण करने के लिए भगवान ने अनेक लीलाएं कीं, काम, क्रोध, लोभ, मोह व अहंकार ही शरीर के शत्रु हैं. भक्ति की शक्ति अथवा सत्संग के प्रभाव से इन पर काबू पाया जा सकता है. सत्संग रूपी कथा अमृत जीवन से परिवर्तन आता है. भागवत कथा जीने की कला सिखाता है. धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की कला सत्संग के प्रभाव से मिलते हैं. यदि व्यक्ति धर्म का आचरण करता है, तो धर्म द्वारा अर्जित अर्थ से धन से अपनी कामनाओं की पूर्ति करता है, तो उसकी सहज मुक्ति होती है, लेकिन अधर्म से कमाए धन से जीव तामसिक वृद्धि होती है. काम, क्रोध, लोभ, मोह व अहंकार ये तीनों नरक गामी बनाता है. कथा के पश्चात् छप्पन भोग लगाया गया एवं लोगों ने संगीतमयी कथा पर जमकर नाचे एवं भगवाताचार्य ने लोगों से अनुरोध किया ज्ञान यज्ञ के कुछ दिन ही शेष हैं इस लिये ज्यादा से ज्यादा संख्या में लोग पधार कर ज्ञानयज्ञ का लाभ लें और जीवन को सफल बनाए.

सुल्तानपुर के लंभुआ विधानसभा के अंतर्गत शंकरपुर ग्राम में अयोजित श्रीमद्भागवत कथा महोत्सव सप्ताह के पांचवे दिन कृष्ण जी की लीलाओं और गोवर्धन महाराज की पूजा का वर्णन किया कथा वाचक पंडित सुधांशु तिवारी जी महाराज ने श्रोताओं को कथा सुनाई। उन्होंने कहा कि गुरु ही मोक्ष के द्वार खोलते हैं गुरु के बिना ईश्वर की प्राप्ति संभव नहीं है। भगवान श्रीकृष्ण ने जन्म लेते ही कर्म का चयन किया। नन्हें कृष्ण द्वारा जन्म के छठे दिन ही शकटासुर का वध कर दिया, सातवें दिन पूतना को मौत की नींद सुला दिया। तीन महीने के थे तो कान्हा ने व्योमासुर को मार गिराया। प्रभु ने बाल्यकाल में ही कालिया वध किया और सात वर्ष की आयु में गोवर्धन पर्वत को उठा कर इंद्र के अभिमान को चूर-चूर किया। गोकुल में गोचरण किया तथा गीता का उपदेश देकर हमें कर्मयोग का ज्ञान सिखाया। प्रत्येक व्यक्ति को कर्म के माध्यम से जीवन में अग्रसर रहना चाहिए। मुख्य यजमान जोखनलाल गुप्ता पत्नी प्रभावती देवी सपरिवार प्रदीप गुप्ता, संदीप गुप्ता, संतोष गुप्ता के सभी सदस्य शिवांग, वेदांग, अद्विक, शिवम के साथ-साथ भारी संख्या में महिलाएं एवं पुरुष मौजूद थे। पांचवे दिन कथावाचक पंडित सुधांशु तिवारी जी ने श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं और कंस वध का भजनों सहित विस्तार से वर्णन किया.उन्होंने कहा कि मनुष्य जन्म लेकर भी जो व्यक्ति पाप के अधीन होकर इस भागवत रुपी पुण्यदायिनी कथा को श्रवण नहीं करते तो उनका जीवन ही बेकार है और जिन लोगों ने इस कथा को सुनकर अपने जीवन में इसकी शिक्षाएं आत्मसात कर ली हैं तो मानों उन्होंने अपने पिता, माता और पत्नी तीनों के ही कुल का उद्धार कर लिया है. उन्होंने कहा कि श्रीकृष्ण ने गौवर्धन की पूजा करके इद्र का मान मर्दन किया. भगवान श्रीकृष्ण को प्रसन्न करने का साधन गौ सेवा है. श्रीकृष्ण ने गो को अपना अराध्य मानते हुए पूजा एवं सेवा की. याद रखो, गो सेवक कभी निर्धन नहीं होता.श्रीमद्भागवत कथा साक्षात भगवान श्रीकृष्ण का दर्शन है। यह कथा बड़े भाग्य से सुनने को मिलती है। इसलिए जब भी समय मिले कथा में सुनाए गए प्रसंगों को सुनकर अपने जीवन में आत्मसात करें, इससे मन को शांति भी मिलेगी और कल्याण होगा। कलयुग में केवल कृष्ण का नाम ही आधार है जो भवसागर से पार लगाते हैं। परमात्मा को केवल भक्ति और श्रद्धा से पाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि परिवर्तन इस संसार का नियम है यह संसार परिवर्तनशील है, जिस प्रकार एक वृक्ष से पुराने पत्ते गिरने पर नए पत्तों का जन्म होता है, इसी प्रकार मनुष्य अपना पुराना शरीर त्यागकर नया शरीर धारण करता है।ज्ञान यज्ञ में भक्तगण बाल कृष्ण गोपाल की लीलाओं को सुन आनंद से झूम रहे थे, उत्सव मना रहे थे. बृहस्पतिवार को श्रीमद् भागवत कथा के पांचवें दिन भगवाताचार्य ने कृष्ण की बाल लीलाओं का व गोवर्धन पूजा का वर्णन किया. उन्होंने शृद्धालुओं को बताया कि बाल गोपाल ने अपनी अठखेलियों से अपने बाल स्वभाव के तहत मंद-मंद मुस्कान व तुतलाती भाषा से सबका मन मोह रखा था. उन्होंने अपने सखाओं संग मटकी फोड कर चोरी छुपे माखन खात हुए यशोदा मैया एवं गोपियों को अपनी शरारतों से प्रेम व वात्सल्य से बांधे रखा. कृष्ण ने अपनी अन्य लीलाओं से पूतना, बकासुर, कालिया नाग, कंस जैसे राक्षसों का वध करते हुए अवतरण को सार्थक किया तथा त्रेतायुग में धर्म का प्रकाश फैलाया. साथ ही गोवर्धन महाराज की पूजा हेतु उससे संबंधित पूरे वृतान्त को भी उपस्थित भक्तगणों को बताया. इस अवसर पर भक्तों ने छप्पन भोगों का अर्पण किया और झांकियों सहित धूमधाम से गोवर्धन की पूजा-अर्चना की। श्रीमद्भागवत कथा में व्यास पीठ पर विराजित आचार्य सुधांशु तिवारी जी ने पांचवे दिन भागवत कथा में कहा कि मानव मात्र का कल्याण परमात्मा की शरण में आये बिना सम्भव नही है। प्रभू कथा, मर्यादा व शुद्ध आचरण जीना सिखाती है। विपरीत व संकट से भरी परिस्थितियों में धैर्य पूर्वक सामना करने से संकट दूर हो जाते है। इन्द्र के प्रकोप से बचाने के लिए भगवान श्रीकृष्ण ने बृजवासियो को धैर्य व मिलजुलकर सामना करने की शिक्षा दी। जिससे उन्होने गिरीराज की शरण लेकर साक्षात् देव दर्शन किये। कथा में गोर्वधन पुजा पर छपन भोग की आकर्षक मनमोहक झांकिया की प्रस्तुति काबिले तारिफ थी। भागवत कथा में भगवाताचर्य ने लोगों को उपदेश देते हुए कहा मानव के कष्ट हरण करने के लिए भगवान ने अनेक लीलाएं कीं, काम, क्रोध, लोभ, मोह व अहंकार ही शरीर के शत्रु हैं. भक्ति की शक्ति अथवा सत्संग के प्रभाव से इन पर काबू पाया जा सकता है. सत्संग रूपी कथा अमृत जीवन से परिवर्तन आता है. भागवत कथा जीने की कला सिखाता है. धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की कला सत्संग के प्रभाव से मिलते हैं. यदि व्यक्ति धर्म का आचरण करता है, तो धर्म द्वारा अर्जित अर्थ से धन से अपनी कामनाओं की पूर्ति करता है, तो उसकी सहज मुक्ति होती है, लेकिन अधर्म से कमाए धन से जीव तामसिक वृद्धि होती है. काम, क्रोध, लोभ, मोह व अहंकार ये तीनों नरक गामी बनाता है. कथा के पश्चात् छप्पन भोग लगाया गया एवं लोगों ने संगीतमयी कथा पर जमकर नाचे एवं भगवाताचार्य ने लोगों से अनुरोध किया ज्ञान यज्ञ के कुछ दिन ही शेष हैं इस लिये ज्यादा से ज्यादा संख्या में लोग पधार कर ज्ञानयज्ञ का लाभ लें और जीवन को सफल बनाए.

सुल्तानपुर,कटका क्लब सामाजिक संस्था के द्वारा बीते दिनों हुई व्यापारी के साथ लुट व हमले के संबध में जिलाधिकारी के गैर मौजूदगी में प्रवीण कुमार सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपा कर दोषियों के खिलाफ सख़्त कार्रवाई की मांग कि।
कार्यक्रम की अगुवाई संस्था अध्यक्ष सौरभ मिश्र विनम्र ने की और बताया कि थाना गोसाईगंज क्षेत्र में सुदनापुर बाजार में एक व्यक्ति सुरेश चन्द्र सोनी है इनकी यहां ज्वैलर्स की दुकान है शाम को यह अपनी दुकान बन्द करके अपने घर जा रहे थे। तो इनके द्वारा सूचना दी गयी कि इनके साथ में चार लोगो ने पीछे से गाडी लगाकरके टक्कर मर दी और इनके हाथ में दो झोले थे वो लूट कर भाग गये। इनके सिर में चोट आई है । मिली जानकारी के अनुसार 25 लाख रुपय की उसके साथ लुट हुई है। जिससे आम जनमानस में भय का माहौल है । कटका क्लब के महिला प्रकोष्ठ की महामंत्री गुल फूल बेगम ने कहा कि जिले में आए दिन हो रहे व्यापारियों के साथ लूट की घटना की संस्था निंदा करती है और व्यापारियों के ऊपर हो रहे हमले पर रोक लगे। प्रदेश प्रभारी आकाश सिंह ने कहा कि पीड़ित के दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए। पीड़ित को सुरक्षा मुहैया कराई जाए। कटका क्लब के सदस्य अतुल यादव ने कहा कि लूट की घटना जल्द खुलासा हो। दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए। ज्ञापन देने में पम्मी बनो, मोनू यादव, सुधीर यादव, सूरज विश्वास, रहे।
यूपी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में महिला कल्याण विभाग ने बच्चों के सर्वांगीण विकास और सुरक्षा के लिए एक और महत्वपूर्ण नई पहल की है। इस पहल के तहत यूपी के विभिन्न जनपदों में 10 नए बाल संरक्षण गृहों का निर्माण और संचालन किया जाएगा।
इन संरक्षण गृहों का उद्देश्य बच्चों को सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण प्रदान करना है,जहाँ वे अच्छे नागरिक के रूप में विकसित हो सकें।
अब समाज में बदलाव लाने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा। इस योजना के तहत राज्य सरकार ने बाल संरक्षण गृहों के निर्माण के लिए आवश्यक फंड भी निर्धारित किए हैं। इन गृहों के संचालन के साथ ही मुख्यमंत्री बाल आश्रय योजना के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 में 100 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया है।
सुल्तानपुर,मेडिकल कॉलेज में एक्सरे कराने आए हैं तो आपको स्मार्ट फोन लाना होगा। एक्सरे विभाग में Ofline रिपोर्ट देने के लिए लगा प्रिंटर आज चार दिनों से खराब है। इसलिए काम चलाऊ तरीका अपनाया जा रहा है। ऐसे इस सरकारी अस्पताल में स्मार्ट मोबाइल से कंप्यूटर स्क्रीन की फोटो खींचकर जांच रिपोर्ट दी जा रही है। यह कहने में और सुनने में अजीबो गरीब लग रहा है,जिसे मरीज व तीमारदार चिकित्सक को दिखाकर इलाज करा रहे हैं। जिनके पास स्मार्ट फोन नहीं है,उन्हें बैरंग लौटा दिया जाता है।
सुल्तानपुर,सराफा लूटकांड के 24 घंटे बाद पुलिस ने एफआईआर नहीं दर्ज की। पीड़ित कारोबारी ने सुबह द्वारिकागंज चौकी में तहरीर दे दी, लेकिन पीड़ित को दिनभर दौड़ाया गया। बार-बार घर से चौकी बुलाया गया और फिर तहरीर बदलने का बनाया गया दबाव। कारोबारी के मना करने से शाम सात बजे तक केस नहीं लिखा गया। व्यापारियों के आक्रोश के चलते रात सवा नौ बजे रात अज्ञात बदमाशों के खिलाफ शरीफ पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर ली है।
सुलतानपुर/लखनऊ,रेप आरोपी इंस्पेक्टर नीशू तोमर को हाईकोर्ट से मिली हाई राहत। हाईकोर्ट ने सशर्त स्वीकार की नीशू तोमर की अग्रिम बेल,अब इस केस में नीशू को नहीं जाना होगा जेल,अभियोजन की मंशा हुई फेल। सीजेएम कोर्ट व जिला जज कोर्ट से सफलता पाए अभियोजन पक्ष को हाईकोर्ट से लगा बड़ा झटका*
धारा-482 की याचिका खारिज होने के बाद नीशू तोमर ने बीते अक्टूबर माह में अग्रिम बेल के लिए दाखिल की थी याचिका,जिसे हाईकोर्ट ने सशर्त कर लिया है स्वीकार। अग्रिम जमानत पर सुनवाई के दौरान नीशू के अधिवक्ता ने पीड़िता महिला कांस्टेबल के जरिये जानलेवा हमले की फर्जी एफआईआर दर्ज कराने व उस मुकदमे में फाइनल रिपोर्ट लग जाने समेत अन्य तर्को को बनाया जमानत का आधार* *मामले में 22 सितंबर 2022 को सरेंडर करने आये होने के दौरान पुलिस अभिरक्षा में जाने के बाद से करीब 17 महीने तक लापता चलता रहा इंस्पेक्टर नीशू तोमर। फिलहाल विवेचना समाप्ति के करीब पहुँचते ही नीशू तोमर के सामने आ जाने की मिली थी जानकारी,अब नीशू तोमर विभाग की निभा रहा जिम्मेदारी। दोनों पक्ष अपने-अपने पक्ष को मजबूत व सही साबित करने के लिए हर स्तर पर आजमाते रहे दांव* *आरोपी पुलिस इंस्पेक्टर नीशू तोमर से जुड़े प्रकरण को लेकर जिला न्यायालय से लेकर हाईकोर्ट तक एवं पीड़िता सिपाही के गैर जनपद ट्रांसफर को रुकवाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट तक पहुँचा था मामला। फिलहाल बाद में पीड़िता कांस्टेबल की ट्रांसफर हो जाने की मिल रही जानकारी। मामले में शुरू से लेकर अब तक आ चुके है कई मोड़,आगे भी नया मोड़ सामने आने के जताए जा रहे आसार। मामले में कई अन्य बातें भी आ चुकी है सामने,पर पुलिस की जांच में अपने विभाग के लोगों को येन-केन प्रकारेण संरक्षण देने की चर्चाएं रही तेज*
चार दिनों तक चलने वाले लोक आस्था के महापर्व छठ का आज तीसरा दिन है। इस दौरान सुल्तानपुर में भी ये पर्व धूमधाम ने मनाया जा रहा है। नगर के सीताकुंड स्थित गोमती नदी के घाट पर हजारों की संख्या में पहुंची महिलाओं ने पहले पूजन किया फिर डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया।
अब कल कल यानि शुक्रवार को पहले छठी माता की पूजा की जाएगी, फिर उगते सूर्य को अर्घ्य देकर इसका समापन किया जाएगा। गौरतलब हो कि पुत्र को लेकर ये व्रत किया जाता है और सबसे बड़ी बात कि इसमें स्वच्छता का बेहद ध्यान दिया जाता है। ऐसी मान्यता है कि जो पूरे तन मन से इस व्रत पूरा करता है छठी मईया उसकी मुराद जरूर पूरी करती हैं। लिहाजा हजारों की संख्या में पहुंची महिलाओं डूबते भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया ।
वहीं इस पर्व लेकर जिला प्रशासन भी बेहद सतर्कता बरत रहा है। नगर पालिका द्वारा साफ सफाई के इंतजामात तो किए ही गए हैं साथ ही सुरक्षा के इंतजामात तो किए ही गए हैं।
साथ ही भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस बल लगाया गया है। वहीं सादे ड्रेस में भी पुलिस कर्मी तैनात किए गए हैं ताकि अराजक तत्वों पर निगाह बनाई जा सके।
*महान समाजसेवी अस्विनी कुमार एवं हरीशचंद्र निषाद प्रबंधक क़े जन्मदिन को यादगार बनाने हेतु संस्थान ने उठाया कदम.*
अवसान माता की सामूहिक दुरदुरिया का आयोजन कटका खानपुर क्षेत्र गाना मिश्र के पुरवा गांव में गुरुवार को अवसान माता की सामूहिक दुरदुरिया का आयोजन किया गया। इसमें एक सौ एक सुहागिन महिलाओं ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम में अलग-अलग टीम में बैठी महिलाओं ने अवसान मैया की कथा सुनाई और प्रसाद का वितरण हुआ। अगरबत्ती, धूप और फूलों की महक से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया। इस गांव में इस तरह का यह पांचवा सामूहिक दुरदुरिया कार्यक्रम का आयोजन था।
आयोजक राजकुमारी मिश्रा कई दिनों से तैयारी में जुटे थी। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए साधना मिश्रा ने कहा कि हमें अपनी प्राचीन धार्मिक परंपराओं को और मान्यताओं को सहेजने की जरूरत है। इससे आध्यात्मिक शक्ति का विकास होता है। इस सामूहिक दुरदुरिया में राजकुमारी मिश्रा, संगीता मिश्रा,तारा मिश्रा,चांदनी मिश्रा,किरन तिवारी,आकांशा मिश्र, गुड़िया मिश्रा,सहित एक सौ एक सुहागिन महिलाओं ने हिस्सा लिया। इस मौके पर शिव कुमार मिश्र, ओमकार नाथ मिश्र,अमन मिश्र, वैभव मिश्र,कटका क्लब के अध्यक्ष सौरभ मिश्र विनम्र,शुभम मिश्रा, रोहित मिश्र सहित गांव के तमाम लोग मौजूद रहे।
Nov 08 2024, 20:07
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