पीतलनगरी मुरादाबाद में धनतेरस पर जमकर हुई धनवर्षा, 500 करोड़ का कारोबार
मुरादाबाद। पीतलनगरी मुरादाबाद में मंगलवार को धनतेरस पर लगभग 500 करोड़ रूपये का कारोबार हुआ। सोना-चांदी, बर्तनों से लेकर, वाहनों की जमकर खरीदारी हुई। बर्तन कारोबारियों की दुकानें हो या सर्राफा व्यवसायी सभी के प्रतिष्ठानों पर सुबह से ही ग्राहकों की आवाजाही रही। संयुक्त उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष अरविंद अग्रवाल ने बताया कि कारोबार की दृष्टि इस बार धनतेरस का बाजार पहले सालों की अपेक्षा बहुत अच्छा गया है। मुरादाबाद में 500 करोड़ से अधिक का लेनदेन हुआ है। बीते वर्ष से यह 200 करोड़ अधिक है।
मंगलवार को धनतेरस पर सायं को बाजारों में अचानक टूटी भीड़ देर रात तक जारी रही। हीरे से लेकर सोने तक के जेवरात खरीदे गए। तीन सौ से अधिक कारों और पांच हजार से अधिक बाइकों की बिक्री ने आटोमोबाइल्स के क्षेत्र में कई रिकार्ड बना दिये। जबकि इलेक्ट्रॉनिक्स की दुकानें तड़के से ही खुल गई। इन्होंने तड़के से ही बुक सामान पहुंचवाना शुरू कर दिया। बर्तन, सजावट के सामान और झालरों आदि की बिक्री ने धनतेरस के कारोबार से तीन सौ करोड़ के करीब पहुंचा दिया। बाजार देररात तक गुलजार रहे।
सर्राफा बाजार में देर रात तक बिखरी रही रौनक
सर्राफा बाजार में बाजार गंज और मंडी चौक में ग्राहकों की आवाजाही बनी रही। कांठ रोड के शोरूमों, कटघर, हरथला, लाइनपार आदि बाजारों में भी भीड़ रही। सर्राफ अमित गुप्ता एवं संदीप सिंघल ने बताया ग्राहकों ने चांदी के छोटे बड़े सिक्के, सोने की 4 और 8 ग्राम की गिन्नी, चांदी के लक्ष्मी गणेश, शिव परिवार आदि की खरीदारी की।
बर्तनों के बाजार भी खूब चमके
बर्तनों का बाजार भी गुलजार रहा। बर्तन व्यापारी अजय अग्रवाल ने बताया शाम से लेकर देर रात बाजार में रौनक छाई रही। लोग डेक, पीतल के कलसे, पीतल के बड़े थाल, परातें आदि पसंद कर रहे हैं।
मां लक्ष्मी और गणेश प्रतिमाओं की भी रही धूम
धनतेरस का दिन शुभ होने से लोगों ने आज लक्ष्मण-गणेश की प्रतिमाओं के साथ खील, बताशे व चीनी से बने खिलौनों की भी खरीदारी की। उन्होंने मिट्टी, पीतल व गाय के गोबर से बने लक्ष्मी-गणेश व हनुमान जी की प्रतिमाएं खरीदीं। इसके साथ उन्होंने चॉक मिट्टी से बनी मां दुर्गा, शिव परिवार, राधा-कृष्ण, राम दरबार आदि प्रतिमाएं भी खरीदीं।
खील, बताशे भी खूब बिके
दिवाली पर पूजन के लिए खील, बताशे व चीनी से बने हाथी, घोड़ा, शेर आदि आकृतियों के रूप में बने खाने वाले खिलौनों की भी खूब खरीदारी की।
Nov 05 2024, 17:25