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बेलागंज विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में जदयू और राजद के बीच होगी सीधी टक्कर, क्या मनोरमा देवी फतह कर पाएंगी राजद का यह अभेद किला !

डेस्क : बिहार की चार विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं। एनडीए और इंडी एलायंस के साथ अन्य दलों ने अपने प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है और 25 अक्टूबर तक सभी प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल कर अपनी-अपनी विधानसभा में चुनाव प्रचार भी तेज कर दिया है। इन चार विधान सभा सीटों में सबसे हॉट सीट बेलागंज माना जा रहा है। सबसे बड़ी बात यह है कि इस सीट पर पिछले 30 सालों से माय समीकरण ही कारगर होता रहा है। जिसकी वजह से राजद का इस विधानसभा सीट पर दबदबा रहा है। आजतक राजद की जीत का मुख्य कारण माय समीकरण ही है।

राजद नेता सुरेंद्र यादव 1990 से लगातार बेलागंज विधानसभा क्षेत्र से विधानसभा चुनाव जीत रहे हैं। 1990 व 1995 में जनता दल के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले सुरेंद्र यादव का मुक़ाबला अभिराम शर्मा (1990 में निर्दलीय, 1995 में कांग्रेस) से हुआ। 1998 में सुरेंद्र यादव, जहानाबाद से लोकसभा चुनाव जीत गए, जिसके बाद यहाँ हुए उपचुनाव में राजद के ही महेश सिंह यादव विधायक बने। लेकिन, अगले ही साल हुए लोकसभा चुनाव में सुरेंद्र यादव की हार हो गई। सुरेंद्र यादव वापस 2000 में बेलागंज से चुनाव लड़ने आ गए और करीब 23,000 वोटों के बड़े अंतर से भाजपा के कृष्ण सिंह को हराया। साल 2004 के लोकसभा चुनाव में पार्टी ने सांसदी का टिकट नहीं दिया, लेकिन आगे 2009 से लगातार जहानाबाद लोकसभा क्षेत्र से उन्हें राजद ने चुनाव लड़वाया। वह जहानाबाद से लोकसभा चुनाव हारते रहे और बेलागंज से विधानसभा चुनाव जीतते रहे। आखिरकार, 26 वर्षों के बाद 2024 लोकसभा चुनाव में वह वापस सांसद बने। अब उनके बेटे विश्वनाथ यादव बेलागंज से उपचुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं।

वहीं बेलागंज विधानसभा चुनाव में 2000 के बाद यह पहला अवसर है जब एनडीए की ओर से जदयू ने राजद प्रत्याशी की ही जाति के प्रत्याशी को टिकट दिया है। एनडीए प्रत्याशी के तौर पर जदयू की मनोरमा देवी को इसबार यहां से चुनाव मैदान में है। दोनों यादव जाति से आते हैं। वहीं मनोरमा देवी के पति का यादव समाज में पकड़ रही है। इसके साथ ही मनोरमा देवी खुद समाज सेवा का काम करती रही है। जिसकी वजह से वो यादव समाज के साथ-साथ अन्य समाज में भी उनकी अच्छी पकड़ है। वहीं यदि बाहुबल की बात करे तो इसमें भी वो कम नहीं है। इनके दिवंगत पति बिंदेश्वरी प्रसाद यादव जो बिंदी यादव के नाम से जाना जाता था। उसके ऊपर नक्सलियों को कारतूस सप्लाई करने का आरोप लगा था। इस मामले में बिंदी यादव की गिरफ्तारी भी हुई थी। वहीं पिछले दिनों मनोरमा देवी के आवास पर जो एनआईए की छापेमारी मनोरमा देवी से पूछताछ की थी वह नक्सलियों से संबंध को लेकर माना गया था।

इतना ही नहीं मनोरमा देवी के बेटे रॉकी यादव की छवि भी दबंग की रही है और यही वजह है कि इस सीट से जन सुराज प्रत्याशी मोहम्मद अमजद एक बयान को लेकर मनोरमा देवी ने साफ शब्दों में कहा था कि मर्यादा में रहकर बयानबाजी होनी चाहिए। यदि सामने वाला मर्यादा तोड़ेगा तो उन्हें भी जवाब देना आता है। मनोरमा देवी के इस बयान का मतलब साफ है कि यदि कोई बाहुबल दिखाने की कोशिश करेगा तो वह भी कम नही है।

यहां बता दें प्रशांत किशोर की नई पार्टी जन सुराज ने बेलागंज सीट से जिस मोहम्मद अमजद को प्रत्याशी बनाया है उनकी पहचान एक बाहुबली नेता के रुप में है। इनके उपर दंगा करने का साजिश, आपराधिक धमकी, हत्या के प्रयास, जबरन वसूली की धमकी जैसे आरोप है।

वैसे एनडीए की प्रत्याशी मनोरमा देवी ने मीडिया से बातचीत के दौरान बेलागंज में चुनाव का माहौल क्या चल रहा है। इस पर कहा कि विधानसभा में माहौल क्या चल रहा है यह तो जनता ही बताएगी। लेकिन, माहौल काफी अच्छा चल रहा है।

वहीं बिहार के वरिष्ठ पत्रकारों का कहना है कि यहां पर 30 सालों से MY समीकरण ही बनते आ रहा है। इसके चलते राजद का इस विधानसभा सीट पर दबदबा रहा है। आज तक राजद की जीत का मुख्य कारण MY समीकरण ही है, लेकिन आज की मौजूदा स्थिति गड़बड़ाई हुई है। इसका कारण M में भी सेंध और Y में भी सेंध लग चुकी है। मनोरमा देवी को एनडीए ने उम्मीदवार बनाया है तब से कड़ा मुकाबला हो गया है। इसका असर इस बार चुनाव में देखने को मिल सकता है। यहां उलट पलट की स्थिति इस बार बन रही है।

वैसे एक बात तय है कि बेलागंज में राजद और जदयू के बीच ही मुकाबला होने जा रहा है। हालांकि इसमें इन दोनो की जीत-हार इस पर भी निर्भर होगा कि प्रशांत किशोर के प्रत्याशी का क्या प्रभाव होता है।

अब देखने वाली बात यह होगी की मनोरमा देवी इस सीट पर फतह कर 30 वर्षों के राजद का यह किला ध्वस्त कर पाती है या फिर इसपर राजद का दबदबा ही कायम रहता है।

पूर्णिया में एक दिल दहलाने वाली घटना, भाइयों ने अपनी बहन की मौत का बदला लेने के लिए अपने जीजा की कर दी हत्या

बिहार के पूर्णिया में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है. पूर्णिया में भाइयों ने अपनी बहन की मौत का बदला लेने के लिए अपने जीजा की हत्या कर दी. इलाके में 6 महीने पहले युवक की बहन ने पंखे से झूलकर आत्महत्या कर ली थी, जिसके बाद भाई ने दहेज के लिए प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था. बहन की हत्या का आरोप भाइयों ने अपने जीजा सहित उसके परिजन पर लगाया था, लेकिन पुलिस ने किसी को गिरफ्तार नहीं किया था

बहन की हत्या की शिकायत युवक ने उच्च अधिकारियों से की, लेकिन इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई. ऐसे में जीजा की गिरफ्तारी न होने से नाराज भाई ने शुक्रवार रात जीजा की चाकू से गोदकर हत्या कर दी. मृतक गौरव कुमार बायसी न्यायालय में पेशकार था. घटना पूर्णिया के सहायक खजांची थाना क्षेत्र के डीएससी ग्राउंड के पास की है. पुलिस ने मामला दर्ज कर के हत्यारे साले की जांच में जुट गई है.

कब हुई थी शादी?

पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक मृतक गौरव कुमार बायसी की शादी प्रियंका से 28 नवंबर 2021 को हुई थी. शादी के 4 साल बाद 1 मई 2024 को घर में गौरव कुमार की पत्नी प्रियंका कुमारी का शव फंदे से झूलता हुआ पाया गया. ऐसे में प्रियंका के परिजनों ने दहेज को लेकर ससुराल वालों पर हत्या का आरोप लगाकर सहायक खजांची थाना में मुकदमा दर्ज कराया था. प्रियंका के भाई का आरोप था कि गौरव, उसकी सास और ससुर ने मिलकर प्रताड़ित किया, जिसकी वजह से उसकी बहन की मौत हुई है.

चाकू से गोद गोदकर ले ली जान

मामले में कारवाई करते हुए पुलिस ने सास को गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन गौरव पर कोई एक्शन नहीं हुआ. ऐसे में प्रियंका के परिवार वालों और भाईयों ने उच्च अधिकारियों के पास न्याय के लिए गुहार लगाई लेकिन बहन के पति की गिरफ्तारी नहीं हुई. बदले की आग में जलते हुए 1 नवंबर की रात को प्रियंका के भाइयों ने उसके पति की चाकू से गोद गोदकर हत्या कर दी.

बिहार में दिवाली के दिन 2 आईपीएस समेत 9 डीएसपी का तबादला, गृह विभाग ने जारी की अधिसूचना

डेस्क : बिहार सरकार ने आज दीपावली के दिन दो आईपीएस समेत 9 डीएसपी का स्थानांतरण किया है। इस संबंध में गृह विभाग के द्वारा जारी अधिसूचना जारी कर दी गई है।

गृह विभाग के जारी अधिसूचना के अनुसार मुजफ्फरपुर के नगर सहायक पुलिस अधीक्षक IPS भानु प्रताप सिंह को दानाप का एसडीपीओ बनाया गया है. वहीं दानापुर की एसडीपीओ आईपीएस दीक्षा को सहायक पुलिस अधीक्षक, अपराध अनुसंधान विभाग पटना भेजा गया है।

बड़ी खबर : गांधी जयंती के बाद अब पटेल जयंती पर बिहार में एक नई राजनीतिक पार्टी, पूर्व केन्द्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने अपनी नई पार्टी का किया

डेस्क : बीते दिनों राजधानी पटना में पूर्व केन्द्रीय मंत्री आरसीपी सिंह को लेकर एक पोस्टर लगाया गया था। जिसपर लिखा था टाइगर अभी जिंदा है। इसके बाद इस बात की चर्चा जोरो पर थी कि पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह अपनी नई पार्टी बना सकते है। जिसपर आज मुहर लग गई। बता दें इससे पहले बीते 2 अक्टूबर गांधी जयंती के मौके पर प्रशांत किशोर ने अपनी पार्टी जनसुराज का एलान किया था। वही आज गुरुवार को पटेल जयंती के मौके पर आरसीपी सिंह ने अपनी नई पार्टी का ऐलान कर दिया है। इन्होंने अपनी पार्टी का नाम 'आसा' रखा है।

वहीं, इस मौके पर आरसीपी सिंह ने कहा कि पार्टी के झंडे में 3 रंग होंगे। झंडे में सबसे ऊपर हरा, बीच में पीला, नीचे नीला रंग होगा। उन्होंने कहा कि जब चुनाव आयोग हमें पार्टी सिंबल देगा तो बीच के पीले रंग वाले हिस्से में पार्टी का लोगो काले रंग से आएगा। कहा कि उन्होंने ये दिन इसलिए चुना है, क्योंकि सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती इसी दिन है। पटेल गुजरात के लेवा पाटीदार जाति से आते हैं, जिसे बिहार में कुर्मी कहा जाता है।

जानकारी हो कि आरसीपी सिंह की गिनती जदयू के दूसरे नंबर के नेता में की जाती थी। एक समय था कि नीतीश कुमार के सभी बड़े राजनीतिक फैसले में उनकी भूमिका रहती थी। यही कारण था कि नीतीश कुमार ने उनको पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष भी बनाया। नरेंद्र मोदी की सरकार में कैबिनेट मिनिस्टर बनने को लेकर उनके और जदयू के एक बड़े नेता के बीच में विवाद शुरू हुआ और यह विवाद इतना गहरा हो गया कि उनको राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना पड़ा।

इधर आरसीपी के नई पार्टी बनाने की घोषणा से राजनीतिक गलियारों में नफा-नुकसान का आंकलन हो रहा है। कुछ जानकार आरसीपी के इस कदम से उनके नुकसान की बातें कह रहे हैं। वहीं, कुछ इसे सिरे से खारिज कर रहे हैं।

सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री ने पदाधिकारियों को दिए निर्देश, सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं के कार्य में लाए तेजी

डेस्क : सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री महेश्वर हजारी ने राज्य सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं को आमजन तक पहुंचाने के कार्य में तेजी लाने का निर्देश दिया है। उन्होंने सभी विभागीय पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि प्रचार-प्रसार के विभिन्न माध्यमों से राज्य सरकार की प्राथमिकताओं को भी आमजनों तक पहुंचाएं।

बीते बुधवार को विभाग के निदेशक वैभव श्रीवास्तव ने जिला और प्रमंडलस्तर पर क्रियान्वित योजनाओं एवं गतिविधियों की गहन समीक्षा की। इस क्रम में उन्होंने सोशल मीडिया से राज्य सरकार के उत्कृष्ट प्रयासों के व्यापक प्रचार-प्रसार की आवश्यकताओं को रेखांकित किया। विभाग की क्षेत्रीय पदाधिकारियों से कहा कि जिलास्तर पर फेसबुक लाइव के माध्यम से अधिक से अधिक लोगों के जुड़ें। साथ ही यूजर्स के कमेंट का तत्काल निष्पादन करने का निर्देश दिया ताकि उनकी समस्याओं का निपटारा हो सके। उन्होंने पारंपरिक प्रचार माध्यम से राज्य सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं से आमजन को अवगत कराने का निर्देश दिया।

बैठक में अपर सचिव संजय कृष्ण, संयुक्त सचिव विदुभूषण चौधरी, संयुक्त निदेशक रवि भूषण सहाय एवं विशेष कार्य पदाधिकारी कुमारिल सत्यनंदन मौजूद रहे।

जमीन का सर्वे करने वाले कर्मियों दीपावली पर मिला बड़ा तोहफा, मानदेय में हुई बढ़ोत्तरी

डेस्क : बिहार में जमीन सर्वे का काम चल रहा है। वहीं जमीन का सर्वे करने वाले कर्मियों को इस दीपावली में राज्य सरकार की ओर से बड़ा तोहफा मिला है। इनके मानदेय में 4 से 10 हजार रुपये तक की बढ़ोतरी की गई है। इन्हें बढ़े हुए मानदेय का लाभ इसी वर्ष 1 अगस्त के प्रभाव से मिलेगा।

सर्वे कार्य में मानदेय पर बहाल 6 पदों के कर्मियों के मानदेय में वृद्धि की गई है। इस फैसले से करीब 14 हजार कर्मियों को सीधा लाभ मिलेगा। यह नए और पुराने सभी कर्मियों पर लागू होगा। सबसे अधिक बिहार सर्वेक्षण सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी के मानदेय में 10 हजार रुपये की बढ़ोतरी करते हुए इसे 55 हजार रुपये प्रतिमाह से बढ़ाकर 65 हजार कर दिया गया है।

इस प्रस्ताव पर विभागीय मंत्री डॉ. दिलीप कुमार जायसवाल का अनुमोदन प्राप्त है। भू-अभिलेख एवं परिमाप की निदेशक जे. प्रियदर्शिनी ने इससे संबंधित आदेश बुधवार को जारी कर दिया है। इस मामले को लेकर विकास आयुक्त की अध्यक्षता में गठित समिति ने 6 अगस्त को मानदेय में बढ़ोतरी का निर्णय लिया था।

विभाग के सचिव जय सिंह ने कहा है कि सरकार ने वादे के मुताबिक मानदेय बढ़ाया है। अब उम्मीद है कि कर्मी भी सर्वेक्षण के कार्य में बढ़चढ़ कर हिस्सा लेंगे और निर्धारित समय में संपन्न करेंगे।

पहले अब

सहायक बंदोबस्त 55000 65000पदाधिकारी

कानूनगो 32000 40000

विशेष सर्वेक्षण अमीन 27000 35000

लिपिक 25000 30000

अमीन (अमानत/सर्वेयर) 18000 25000

मोहर्रिर 21000 25000

राज्यपाल, सीएम और विस अध्यक्ष ने देश और प्रदेशवासियों को दी दीपावली की बधाई, लोगों से की यह अपील*

डेस्क : आज पूरे देश में दीपों का त्योहार दीपावली की धूम मची हुई है। मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की तैयारी चल रही है। वहीं इस मौके पर बिहार के राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और विधान सभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव ने देश और प्रदेशवासियों को दीपावली की शुभकामना और बधाई दी है। राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने अपने शुभकामना संदेश में कहा है कि दीपावली सनातन संस्कृति का सबसे महत्वपूर्ण उत्सव है। दीपों का यह त्योहार बुराई पर अच्छाई और अज्ञान पर ज्ञान की विजय का प्रतीक है। राज्यपाल ने बिहारवासियों के जीवन में सुख, समृद्धि और सौभाग्य की कामना की है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने शुभकामना संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा है कि प्रकाश पर्व दीपावली अंधकार पर प्रकाश, अज्ञान पर ज्ञान और बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है। यह अंधेरे से उजाले का संकल्प एवं प्रकाश का महापर्व है। मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से आह्वान किया है कि वे प्रकाश पर्व दीपावली को पारस्परिक सौहार्द्र, सद्भाव और उल्लास के साथ मनाएं। विधानसभा अध्यक्ष नन्दकिशोर यादव ने प्रदेशवासियों को दीपावली की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देते हुए सभी के लिए उन्नति और प्रगति की कामना की है। उन्होंने कहा कि यह पावन पर्व सभी के जीवन को सुख, समृद्धि, सौभाग्य एवं आरोग्यता के धवल प्रकाश से दीप्त करे। दीपावली स्वयं को अंधेरे में रखकर दूसरों को प्रकाशित करने वाले दीपक की त्याग और समर्पण से भी प्रेरणा लेने का अवसर प्रदान करता है।
बिहार को विकल्प देने की बात करने वाले पीके उपचुनाव में पारंपरिक जातिवादी और बाहुबल की राह पर, क्या जनता देगी उनका साथ !

डेस्क : बीते 2 अक्टूब को बिहार में एक नई पार्टी जन सुराज की नींव पड़ी। यह पार्टी चुनावी रणनीतिकार के राजनेता बने प्रशांत किशोर की बनाई पार्टी है। प्रशांत किशोर ने अपनी पार्टी का एलान करने के पहले तकरीबन दो साल तक बिहार के जिलों का दौरा किया। वहीं उन्होंने इस दौरान जनता के साथ बड़े-बड़े वायदे किए। हर जगह प्रशांत किशोर ने बिहार में जातिवादी, परिवारवादी और बाहुबल वाली राजनीति का विरोध किया। उन्होंने कहा कि वे बिहार से इस तरह की राजनीति को खत्म करना चाहते है।

प्रशांत किशोर ने जनता के बीच इस बात का वायदा किया कि वे राजनीति में जातिवाद, परिवारवाद, बाहुबल और कम पढ़े-लिखे लोगों को आने से रोकने का काम करेंगे। उनकी पार्टी बिहार की राजनीति को नया मोड़ देगी। जिसमें पढ़े-लिखे और साफ-सुथरी छवि को लोग होंगे। जिसके बाद ऐसा लगने लगा कि अब बिहार को लोगो को अपना नेता और सरकार चुनने के लिए एक विकल्प मिलेगा। लेकिन ऐसा होता नजर नहीं आ रहा है। बिहार में चार सीटों पर उपचुनाव होने जा रहा है। जिसमें प्रशांत किशोर की पार्टी जनसुराज भी अपना किश्मत अजमाने जा रही है। लेकिन इन चार सीटों पर पीके ने जिन्हें प्रत्याशी बनाया है उससे तो यह साफ नजर आ रहा है कि प्रशांत किशोर बिहार की पारंपरिक राजनीति ही करने जा रहे है।

आइए आपको बताते है बिहार विधान सभा उपचुनाव के चार सीटों पर जनसुराज के प्रत्याशियों के बारे में

बेलागंज से जनसुराज ने मोहम्मद अमजद को प्रत्याशी बनाया है। मोहम्मद अमजद की पहचान एक बाहुबली नेता के रुप में है। इनके उपर दंगा करने का साजिश, आपराधिक धमकी, हत्या के प्रयास, जबरन वसूली की धमकी जैसे आरोप है। वहीं यदि इनकी एजुकेशन की बात करें तो मोहम्मद अमजद की पढ़ाई भी मात्र मैट्रिक तक है।

इमामगंज से जनसुराज ने जितेन्द्र पासवान को प्रत्याशी बनाया है। प्रशांत किशोर और इनकी पार्टी की ओर इन्हें डॉक्टर और खासकर चाइल्ड स्पेशलिस्ट बताया है। लेकिन इनकी डिग्री की बात करे तो इनके पास एक सिंपल ग्रेजुएशन की डिग्री भी नहीं है। इन्होंने मात्र इंटर की पढ़ाई की है। दरअसल यह बच्चा रोग विशेषज्ञ नहीं बल्कि आरएमपी डॉक्टर है।

रामगढ़ से पीके ने सुशील कुमार सिंह को उम्मीदवार बनाया है। पढाई लिखाई के मामले में सुशील सिंह भी मात्र इंटरमीडिएट तक पढ़े लिखे हैं। इसी तरह तरारी से पीके के प्रत्याशी किरण सिंह मात्र इंटरमीडिएट तक पढ़ी हैं।

दरअसल देखा जाए तो प्रशांत किशोर ने इन नेताओं को बिहार के जातिगत और बाहुबल को ध्यान में रखते हुए प्रत्याशी बनाया है। बेलागंज विधानसभा सीट पर लगभग 250000 मतदाता हैं और सबसे अधिक 70000 के आसपास यादव वोटर हैं। दूसरे स्थान पर मुस्लिम वोटर हैं जिनकी संख्या 62000 के आसपास है। तीसरे स्थान पर कोईरी और दांगी जाति का वोट है, यह लगभग 25000 के आसपास है। अन्य पिछड़ी जाति की आबादी लगभग 20000 के आसपास है। वहीं इमामगंज में मुस्लिम वोटर उतनी बड़ी संख्या में नहीं हैं।

तरारी विधानसभा सीट पर करीब 65000 भूमिहार वोटर हैं। दूसरे स्थान पर ब्राह्मण वोटर हैं जिनकी संख्या 30000 के आसपास है। राजपूत वोटरों की संख्या 20000 के करीब है। पिछड़ी और अति पिछड़े जाति की आबादी 45 से 50000 के बीच है। इसके अलावा यादव वोटर 30000, बनिया 25000, कुशवाहा 15000 हैं। इसके अतिरिक्त मुस्लिम वोटर 20000 के आसपास हैं। इसी तरह रामगढ़ में भी यादव, रविदास, मुस्लिम और राजपूत मतदाता अहम भूमिका में हैं।

पीके बिहार में बड़े बदलाव के दावे करते है। लेकिन उपचुनाव में प्रशांत किशोर के दल ने जिन लोगों को उम्मीदवार बनाया है उनकी छवि दागदार है। पीके के प्रत्याशियों पर हत्या की कोशिश, अपहरण, धोखाधड़ी, दंगा के आरोप हैं। यानी भले ही प्रशांत किशोर ने नारा दिया है- 'सही लोग, सही सोच और सामूहिक प्रयास से ही जनसुराज संभव' जबकि उनके दल से जो भी उम्मीदवार हैं उनके अपराध का रिकॉर्ड पीके के नारे के मिथक को तोड़ता है। पीके के उम्मीदवारों ने अपने हलफनामे में अपने अपराध के रिकॉर्ड का खुलासा किया है।

अब ऐसे में यह देखने वाली बात यह होगी कि बिहार की जनता इस प्रशांत किशोर के प्रत्याशियों पर कितना विश्वास करती है। जनता पीके के जन सुराज को राजनीतिक विकल्प के तौर पर स्वीकार करती है।

बिहार मे बेखौफ अपराधियों का तांडव, घर पर चढकर वार्ड पार्षद पुत्र की गोली मारकर कर दी हत्या

डेस्क : बिहार में अपराधियों के हौसले काफी बुलंद हो गए है। उन्हें पुलिस और कानून का कोई भय नहीं रह गया है। आए दिन प्रदेश के किसी न किसी जिले से हत्या, लूट जैसी खबर मिलना आम बात हो गई है। ताजा मामला बक्सर जिले से सामने आया है। जहां अपराधियों ने वार्ड पार्षद पुत्र की हत्या गोली मारकर कर दी।

हालांकि घटना के पीछे दो परिवारों के बीच लंबे समय से भूमि विवाद बताया जा रहा है। जिसमें एक पक्ष के द्वारा घटना को अंजाम दिया गया है। पुलिस ने हत्यारा की पहचान कर ली है। जिसकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है।

मिली जानकारी के अनुसार यह घटना नावानगर थाना क्षेत्र के केसठ गांव की है। मृतक की पहचान वार्ड पार्षद विद्यावती देवी की 26 वर्षीय पुत्र अखिलेश तिवारी उर्फ मंडल तिवारी के रूप में हुई है। बताया जा रहा है कि हथियार बंद अपराधियों ने युवक को उस वक्त गोलियों से भून डाला जब वह अपने दरवाजे में खड़ा था। घटना के बाद से परिजनों में कोहराम मचा हुआ है। दिवाली वाले घर में मातम पसर गया है।

इधर, घटना को लेकर एसपी शुभम आर्य ने जल्द खुलासा करने की बात कही है। एसपी ने बताया कि आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है।

हरिद्वार की तरह पटना में होगा गंगा महोत्सव का आयोजन, विभिन्न्न स्टॉल के जरिए नमामि गंगे के विभिन्न पहलुओं को किया जाएगा प्रदर्शित

डेस्क : गंगा की महत्ता बताने और इसके संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए पटना में गंगा महोत्सव का आयोजन होगा। चार नवंबर को एनआईटी घाट पर आयोजन हो रहा है। यह हरिद्वार में होने वाले गंगा महोत्सव का हिस्सा होगा।

महोत्सव में ‘घाट पर हाट’ कार्यक्रम भी होगा। इसमें विभिन्न्न स्टॉल के जरिए नमामि गंगे के विभिन्न पहलुओं को प्रदर्शित किया जाएगा। बच्चों के लिए विभिन्न गतिविधियां आयोजित की जाएंगी।

नगर विकास मंत्री नितिन नवीन ने बताया कि ‘गंगा उत्सव 2024’ नदी से जुड़ाव को बढ़ावा देगा। 50 दिनों तक चलने वाला यह अभियान गंगा नदी के किनारे नौ प्रमुख शहरों और कस्बों से होकर गुजरते हुए गंगा सागर पर समाप्त होगा।

वहीं, नगर विकास सचिव अभय कुमार सिंह ने बताया कि पटना में गंगा महोत्सव के आयोजन के लिए 11 लाख रुपये जिला गंगा समिति को उपलब्ध कराए गए हैं।