रेलमार्ग से नैमिषारण्य तीर्थ को काशी मथुरा से जोड़ना आवश्यक
विवेक शास्त्री
नैमिषारण्य
धार्मिक एवं पौराणिक स्थलों में नैमिषारण्य का अपना अलग ही महत्व है । वेदों, पुराणों, रामायण, ग्रंथों एवं महाकाव्यों में नैमिष के महत्व का वर्णन मिलता है। इस तीर्थ को प्रदेश के सभी प्रमुख तीर्थों से जोड़ने के उद्देश्य से नैमिषारण्य मथुरा रेल जोड़ो अभियान समिति ने तीर्थ स्थित शांति कुटी आश्रम में पत्रकार वार्ता की । पत्रकार वार्ता को सम्बोधित करते हुए स्वामी नारदानन्द आश्रम के पीठाधीश्वर स्वामी देवेन्द्रानन्द सरस्वती जी महाराज जी ने बताया कि
भारत सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश के जिन पांच तीर्थों को वैश्विक पर्यटन केन्द्र घोषित किया गया है उनमें अयोध्या, काशी (वाराणसी), प्रयागराज, मथुरा के साथ नैमिषारण्य भी है। इनमें अयोध्या, काशी, प्रयागराज, मथुरा सभी रेलमार्ग सहित हवाई व राष्ट्रीय राजमार्ग / एक्सप्रेस वे से जुड़े हुए है, किन्तु नैमिष धाम को रेल, एक्सप्रेस वे या राष्ट्रीय राजमार्ग अथवा हवाई मार्ग में से अभी तक कुछ भी नसीब नहीं है। यहांतक कि नैमिष को जोड़ने वाली कोई फोरलेन सड़क तक नहीं है । नैमिष धाम का अन्य तीर्थों से भारत की जीवन रेखा "रेल" से जुड़ाव न होने के कारण तीर्थयात्रियों / पर्यटकों को आवाजाही में बड़ी कठिनाई का सामना करना पड़ता है। प्रदेश सरकार द्वारा नैमिष तीर्थ क्षेत्र विकास परिषद गठित कर अनेक विकास कार्य किये जा रहे है, किन्तु यातायात की सुगमता हेतु रेल मार्ग विकसित करने का कार्य केन्द्र सरकार के अधीन होने के कारण वर्षों से स्थिति यथावत् बनी हुयी है। समिति के अध्यक्ष डा० एस० आर० सिंह ने बताया कि नैमिषारण्य को अन्य वैश्विक तीर्थों/पर्यटन केन्द्रों से रेल मार्ग से जोड़े जाने की अतिआवश्यकता को महसूस करते हुए विभिन्न विभागों के सेवानिवृत्त लोक सेवकों ने नैमिष आकर यहां के आश्रमों/मठों के पीठाधीश्वरों एवं महन्तों से इस मुहिम में सहयोग करने की मांग की है l इस अवसर पर स्वामी शाश्वतानंद, स्वामी नित्यानंद, अजय पाल सोमवंशी, राम आधार पाण्डेय, जगदीश वर्मा, रामवीर सिंह, गिरीश कुमार, जंग बहादुर सिंह मौजूद रहे l
Nov 02 2024, 13:33