उड़ीसा पुलिस ने झारखंड निवासी जाबेद और पलक मिश्रा हत्याकांड का किया उद्भेदन,हत्याकांड के आरोपी गिरफ्तार
मृतक जावेद बोकारो के माराफारी थाना क्षेत्र के आजाद नगर और पलक मिश्रा जरीडीह थाना क्षेत्र के जैनामोड़ की रहने वाली थी
झारखंड डेस्क
झारखंड के जावेद और पलक मिश्रा की हत्या ओडिशा में 60 लाख रुपए नहीं लौटने के कारण हुई थी । इस बात का खुलासा बलांगीर के कुंतला थाने में आईजी हिमांशु लाल के साथ एसपी ऋषिकेश ने किया है।
मृतक जावेद बोकारो के माराफारी थाना क्षेत्र के आजाद नगर और पलक मिश्रा जरीडीह थाना क्षेत्र के जैनामोड़ की रहने वाली थी।
दोनों पिछले छह महीने से एक साथ रह रहे थे। इस दौरान दोनों कई आपराधिक मामलों में शामिल रहे।
उड़ीसा पुलिस ने बताया कि डबल मर्डर केस में गिरफ्तार आशुतोष गौतम उर्फ बबलू किलो, कौशल बिहारी उर्फ कौशल साव, गौरव कुमार, राजेंद्र शेख, चंदन कुमार, विशाल कुमार, बादल कुमार, राजीव गौतम को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।
एसपी ने बताया कि कि 24 अक्तूबर को डंडामुंडा जंगल से हत्या कर फेंके गए दो अज्ञात शव की पहचान चुनौती थी। जिसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, फेस डिडक्शन सिस्टम, साइबर सेल व सीसीटीवी कंट्रोल रूम की मदद से साइंटिफिक तरीके से सुलझाया गया। एसआईटी गठित कर झारखंड-ओडिशा के अलग-अलग हिस्सों में छापेमारी की गई थी।
साथ रहकर करते थे क्राइम
एसपी ने बताया कि रांची, हजारीबाग और संबलपुर पुलिस की मदद से हत्या में प्रयुक्त वाहन और चाकू के साथ आठ आरोपियों को पकड़ा गया। एसपी ने बताया कि आरोपी बबलू किलो, कौशल, चंदन, गौरव व विशाल बोकारो, बादल कुमार बिहार के औरंगाबाद व राजेन्द्र शेख उर्फ गुड्डू बलांगीर का रहने वाला है। मृतक जावेद व मृतका पलक 6 महीने से साथ रह रहे थे। दोनों कई आपराधिक मामलों में लिप्त रहे हैं।
60 लाख के लिए हुई थी हत्या
जावेद मसल पावर वाला बिल्डर सह जमीन कारोबारी बबलू किलो के लिए दहशत पैदा करने का काम करता था। उसने बबलू से 60 लाख रुपये किसी धंधे के लिए ले रखा था, जो नहीं लौटा रहा था। इस बात को लेकर बबलू ने औरंगाबाद से बादल को बुलाकर बलांगीर के अपराधी राजेंद्र शेख से संपर्क किया।
फिर अपने स्थानीय सहयोगियों के साथ बलांगीर पहुंचा। साथ में पलक व जावेद भी थे। बलांगीर स्थित कुंतला थाना अंतर्गत डंडामुंडा जंगल में चार पहिया वाहन से पलक व जावेद को ले जाने के बाद चाकू मारकर हत्या के बाद शव फेंक फरार हो गए। घटनास्थल के आसपास के सीसीटीवी फुटेज से पहला सुराग मिला, जो संयुक्त पुलिस टीम के लिए उद्वेदन व अपराधियों तक पहुंचने में मददगार साबित हुआ।
Nov 01 2024, 09:57
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