आजमगढ़। दीदारगंज क्षेत्र के एक महाविद्यालय में कार्यरत शिक्षक सुबास चंद प्रजापति निजामाबाद की तर्ज पर मिटी कला में माहिर हैं। खाली समय मे एक से बढ़कर एक आकर्षक वस्तुओं का निर्माण करते हैं।
पुष्पनगर गांव निवासी सुबास चंद प्रजापति बीएससी बायो टेक्नोलाजी, बी एड ,टी इ टी क्वालीफाई हैं। शिक्षण कार्य के बाद खाली समय में मिट्टी कला का कार्य करते है। निजमाबाद की तर्ज पर मिट्टी के आकर्षक बर्तन जैसे नारियल दीपक, लैम्प दीपक, स्टैंड दीपक, छठ दीपक, चौमुखी दीपक, धूपदानी, अगर बत्ती स्टैंड, कप प्लेट,जग,काब,मटकी, भगोना, कड़ाही, नदिया, नदवा, चिकन मटका, थर्मस, गोलक, नारियल गोलक, बधनी, गमला, गिलास, कटोरा, दीया परई, ढकनी, कोसा, घंटी, घरिया आदि को कच्ची मिट्टी से तरास कर भिन्न-भिन्न रोजमर्रा के सामान को तैयार करते हैं। कुछ ऐसे भी सामान हैं जो आकर्षक माडल में गढ़ कर निजमाबाद की तर्ज पर ब्लैक पार्टी तैयार करते हैं। तैयार किए हुए सामानों को आकर्षक ढंग से स्टाल पर लगाते हैं। घर से ही बिक्री करते हैं तथा अच्छी आमदनी करते है। चूंकी स्टाल को घर के सामने रोड के किनारे लगाते हैं जिस कारण रोड से आने जाने वाला हर कोई मिट्टी के बर्तन को देखकर आकर्षित होता रहता है। हमेशा खरीददारों का रेला लगा रहता है। माटी कला में इनके परिवार के पिता के अलावां और भी सदस्य जुड़े हुए है।
Nov 01 2024, 08:44